हिमालय के खस | Highlanders EPS01 | Baramasa
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- เผยแพร่เมื่อ 21 พ.ย. 2024
- खस्या, एक ऐसा शब्द जो पहाड़ों में या तो दबे-छिपे बोला जाता है या राजपूतों को छेड़ने-चिढ़ाने के लिए इस्तेमाल होता है. अक्सर राजपूत लोग ख़ुद को खस्या बुलाए जाने पर बिदक भी जाते हैं. लेकिन क्या वाक़ई खस्या एक अपमानजनक शब्द है? ये शब्द कहाँ से आया, दुनिया में कहाँ-कहाँ इस शब्द का प्रयोग होता है और आखिर कौन होते हैं खस्या? इसकी तफ़सील भरी पड़ताल के लिए देखें बारामासा की ख़ास सीरीज़ हाईलैंडर्स का पहला एपीसोड हिमालय के खस.
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खस मतलब होता है एकदम खास यानी प्योर राजपूत खालिस यानी असली हमारे समाज के बारे में गलत जानकारी मत दिया करो
Thanks. Apne sources ko mail kariyega, mujhe research me help milegi. Good work team❤
Bhai jab tere Ko gadwali aati nahin , hamaari Sanskriti ke baare men kuchh pataa hai nahin to apni naak Kyun hamaari saskriti men gussa rahaa hai...
Really appreciate it very well 🙏 D.P.Awasthi 🎉
Very nice 👌 👍
खश लड़ेगा नहीं तो करेगा क्या,
बिना मारे मरेगा क्या।
खश वीर ❤
बारामासा की टीम को बधाई जो उत्तराखण्ड के इतिहास पर यह कड़ी बनायीं I विडियो के नीचे आई कुछ टिप्पणियों को पढ़कर यही लगा कि लोगों को इतिहास की नै कोई समझा है न कोई जानकारी I इन सब लोगों का कथित "ज्ञान" सिर्फ पुरानी मान्यताओं के चलते सुनी-सुनाई बातें और whatsapp द्वारा भेजा गया अध्-कचरा ज्ञान है I उत्तराखण्ड के कथित ब्राह्मण और राजपूत का यह मानना कि इनके पूर्वज बाहर से आये हैं पूर्ण रूप से सही नहीं है I बेशक कुछ 10%-15% मध्यकाल में बाहर से आये लेकिन ज़्यादातर खस हैं जो ब्राहमण, क्षत्रिय हैं और ने जातियां भी है I खुद सोचें क्या हमारी बोली-भाषा, रीती -रिवाज़, त्यौहार, साहित्य क्या राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक से मिलता है? बल्कि हमारी भाषा, बोली, संस्कृति हिमाचल और नेपाल की हिमालयी संस्क्रित्यों से मिलती है I षड़यंत्र तो नहीं कहूँगा लेकिन यह ज़रूर कहूँगा की एक तरह का झूठ हमारी पीड़ियों को परोसा गया है कि सब बाहर से आये हैं जो कि पूर्ण रूप से असत्य है I हम लोग हिमालयी समाज है है और यही की मिटटी में हमारे पूर्वज जन्में, पले-बढे और जीवन जिया I
हम खस जन है और पहाड़ की संस्कृति खस है I
KOL, KIRAT KAHA GAYE TUMHARI LIST SE
90% नेपाली, गढ़वाली, कुमाऊंनी और कानपुरिया, झांसी, मध्य प्रदेश के लोग मराठी के हैं उनके पूर्वज मराठी थे उदाहरण, झांसी की रानी, राजस्थान की वसुंधरा राज सिंधिया, उत्तराखंड के गोविंद बल्लभ पंत महाराष्ट्र से सभी पूर्वाज ज्यादातर उत्तर भारतीय बॉम्बे (महाराष्ट्र और गुजरात) के हैं ज्यादातर ब्राह्मण परिवार पेशवा के हैं चमोली गढ़वाल, कुमाऊंनू और नेपाल के ब्राह्मण के पूर्वज चितपावन है जो की पेशवा बाजीराव के रिस्तेदार थे
@@apsoti9031 वाह! और अपना मराठी कल्चर भूल कर खसियों का कल्चर अपना लिया? पता नहीं आपने कहाँ से इतिहास पढ़ा है I उत्तराखण्ड कभी भी मराठियों के अधीन नहीं रहा I
@@homosapienssapiens4848 कोल, कीरत भी पहाड़ की मूल जातियां हैं I
@@resist4resist
अफ़ग़ानिस्तान सहित पूरे भारत मराठाओं के अधीन था
गोविंद बल्लभ पंत को महाराष्ट्रीयन कराड़े ब्राह्मण क्यों कहा गया? जबकी वे तो कुमाऊं अल्मोड़ा के रहने वाले थे
भौत बढ़िया। बाकी हमें अपनी पहचान, जुबान, भूगोल को लेकर हमेशा हीनता रही है। ख़्सया पहचान से चिढ़ भी इसी का प्रमाण है।
हमें गर्व है कि हम खस है
Kandwal jati k log, khas nahi hai, balki sarola brahman hai
@@dushyant_dutt tu uttarakhand me medivak period ke bad aaya he jyada gyan mat de
@@अवेदिक_खस_काल011 meri rishtedar hai kandwal brahman, isliye jaankari rakhta hu...kandwal koi khas jaati nahi h..
@@अवेदिक_खस_काल011 hum medival period se pehle se rehte h uttarakhand me..sadiyo pehle se..
सही कह रहे है भाई जी सबसे पहले कोल फ़िर किरात फिर खस है बाद में खस लोग अपने को राजपूत मानते है। जितने राजपूत है ये खस के वंश है। DD शर्मा, यशवंत कटोच की बुक मैंने पढ़ी है।
tuje kya dikkt h fill 😂😂😂
Mujhe koi frk Nhi padta yarr ki khas kis dhrm ya samj se aate hai per inhone hi aaj ke uttarakhand ko bnaya or Hamre uttrakhnad ko nyi snskriti di love for all . Jai badri Vishal ❤🙏 Jai uttarakhand
जौनसार के लोग गर्व से अपना परिचय खश के रूप में देते हैं। यहां खश राजपूत या खश ब्राह्मणों के गांव हैं।
मैदानी इलाकों से आए राजपूतों या ब्राह्मणों ने खस्या लोगों के साथ दलितों जैसा व्यवहार करने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हुए क्योंकि खस्या एक योद्धा जाति थी और पहाड़ों में उन्होंने अपनी मेहनत से भूमि को खेती के लिए उपयुक्त बनाया। मैदान से आए राजपूतों या ब्राह्मणों को लगा कि वे खश या खश्य लोगों के साथ शांति स्थापित किए बिना इस क्षेत्र में नहीं रह सकते, इसलिए उन्होंने खश लोगों के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए। दूसरे शब्दों में, मैदान के राजपूतों और ब्राह्मणों को यहां समान व्यवहार करने के लिए मजबूर किया गया।
Fabricated history. Vedic brahmins don't intermarriage with khasyas. Khasya is used as a derogatory term for all rajputs of uttarakhand.
Bhai jab khasyo ko shuru mai shudr hi mana jata tha....to kya khasiyo duvra kolo/koiyo ya unye jatiyo ko shudra khene sahi hai
@@dushyant_dutt true. These. Guys are insane
@@shubhambarar4997 ithash me jo balwan raha aur jisne satta haat me li ve bade jaat ke hogaye. Khaso ko sudra bananeki bharpur kosis ki gayi thi. Chand rajaon ke bansawalo aur kumaoni baman ke sahitya se pata chalta hai
@@dushyant_duttthat only happens in gadwal area khas ko gali kay tor prr gadwali use kartay hain happend to me they think they came from rajasthan and are rajputs
नमस्कार सर
बहुत अच्छा आपका जो रिसर्च है वह बहुत हद तक सही है परंतु मैं कुछ बिंदुओं पर आपसे डिस्कस करना चाहूंगा कि आप इसका पुनः रिसर्च करके बताएं आपने खश जाति को ही श्रेष्ठ बताया है परंतु उत्तराखंड में तो अनेक जातियां हैं जो आज खसिया नाम से नहीं जाने जाते और रही बात सर्वप्रथम खास आए थे तो मैं इतिहास का स्टूडेंट होने के नाते यह नहीं मानता क्योंकि वैदिक काल से सर्वप्रथम आर्य को माना जाता है उत्तराखंड के संदर्भ में सबसे पुरानी जाति कोल और किरात को माना जाता है उसके बाद नाग आदि जातियां पढ़ी है हमने अगर उत्तराखंड में या हिमालई राज्यों में विकास का श्री खस को देने से पहले किरात और कोल के बारे में भी पढ़ लेना चाहिए क्योंकि उत्तराखंड के इतिहास में किरात और कोल को ही सबसे पुरानी जनजाति मानी गई है जो अपनी आजीविका के लिए कृषि और वनोपज पर आधारित थी तो इस आधार पर अगर हम देखें तो आप की थ्योरी में कहीं न कहीं कोई त्रुटि व एक तरफा जैसी महसूस होती है कृपया इसका निरीक्षण करें हां यह सत्य कथन है खसिया जाति नामक उत्तराखंड में एक जाती थी जो समय अनुसार अपने नाम और पहचान को बदलकर कर अन्य ठाकुर जातियों में समाहित हो गयी जिसका वर्तमान में जानकारी जुटाना असंभव सा है और वर्तमान में उत्तराखंड के मूल निवासियों के बारे में जो भी जानकारी मिलती है उनमें सर्वप्रथम आर्य और कोल किरात के अलावा कुछ नहीं मिलता उसके बाद ही अन्य जातियों का आगमन या विकास हुआ है और कृषि पशुपालन क्या अन्य विकास के संदर्भ में आर्य और कोल कीरातों को ही श्रेय जाता है जिन्होंने अपनी आजीविका के लिए सबसे पहले कार्य किया था आज भी पिथौरागढ़ चमोली उत्तरकाशी बागेश्वर रुद्रप्रयाग टिहरी अल्मोड़ा पौड़ी नैनीताल चंपावत आदि जिलों में ऋग्वेद काल के भाषा शब्द व साक्ष्य प्राप्त हो जाएंगे जिनमें पशुपालन और कृषि कुलीन परंपरा के रूप में आज भी व्याप्त है आज भी वहां सामान्य बोलचाल के शब्दों में ऋग्वेदिक आर्यों के शब्द सुनने को प्राप्त हो जाते हैं यह मेरा अनुभव है क्योंकि मैंने इतिहास में जो पढ़ा है वही शब्द बहुत सारे लोगों के गांव में बोलते हुए सुना है बाकी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो आप इतिहास से हमें जोड़ने के लिए बहुत सारी जानकारियां देते हैं पर आपसे अनुरोध है की हिमालय के बारे में या हिमालय के जातियों या जनता के बारे में जन जीवन के बारे में आप विशेष तरह से सूचना देते रहें जो सत्य और भविष्य में आने वाले युवाओं को सही जानकारी दे सकें मेरी टिप्पणी आपको बुरा लगे तो क्षमा चाहते हैं मेरा आपको किसी भी प्रकार का पीड़ा पहुंचाने की मनसा नहीं है बस सत्य ना छूटे या कोई एक तथ्य को ही सत्य ना मान ले इसलिए यह टिप्पणी की है 🙏
Bhai g thoda aur btao...uttrakhand ki history... aap ki baatein sahi lag rahi
Correct KOL, KIRAT, KHAS this is the correct order
अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं आश्चर्यजनक ख़ोज हुई है। बहुत अच्छा प्रयास। धन्यवाद शुभकामनाएं।
बिजल्वाण जगत राम।
क्षत्रिय है और वही आर्य है भारत ही हमारा मूल है ।।
वैज्ञानिक विश्लेषण आधारित खोज और भारी अध्ययनों के आधार पर इस महत्वपूर्ण प्रस्तुति के लिए पूरी बारामासा टीम को साधुवाद ।
My self pankaj Mandla and I m also khas from - chamba himachal pradesh
Thanks for the knowledge about khas anesestors.
आपकी थ्योरी आर्यों के बाहर से आकर भारत में बसने से प्रेरित लगती है। केशपियन नाम कश्यप। ऋषि के नाम पर पड़ा था ना कि खस नाम से, ना तो आर्य कहीं बाहर से आए थे ना खस लोग आए थे। ये थ्योरी आज गलत सिद्ध हो चुकी है।
मैं खस हूँ। पर आज मैं असमंजस में आ गया हूँ महापंडित राहुल संकृत्यायन कुछ और कहते हैं ये कुछ और।
किन्नर और किरात जनजाति को खसों ने बर्बाद कर के रख दिया और उन्हे एक अछूत जाति में सिमटा के रख दिया।
इस एपिसोड में मुझे काफी असमनजस नजर आ रहा है।
मैं पुरी तरह इसे अपना नहीं सकता।
@Lalit Khatri खस हूँ मैं पर समय के साथ साथ पूर्वजों की संस्कृति कलैप्स हो गयी स्थानांतरन के साथ हर एक चीजों मे बदलाव आने लगे। अभी के समय में pure खसों की बात करें तो उसमें गुर्जर लोग आते हैं।
तो बात ये है कि हम मिक्स होके यहां पर पहुँचे हैं। हमारे देवता सिदवा विदवा, और गोल ज्यू हैं।
हम एक समय पे घूमन्तुः हुआ करते थे पुरा परिवार साथ में भेड़ बकरियों के साथ जाया करता था। फिर 8 पीढ़ी पहले हम गढ़वाल से कुमाऊं में आ गये फिर यहां बस गये
@@DsJVlogs bro ur vlog bhi owsom rehte h...
@@DsJVlogs Bhai Sankrityayan ne bhi to yahi kaha hai Gadhwaal book me Himalaya Parichay k. To confuse kyun ho ek hi saar to kaha jaa raha hai?
आप सही कह रहे हैं ।
It is true that khas poeple are branch of same kaassites who dominated Irainain culture.In Iran khas means lord of mountains.Dr Rahul sanskirityaan have given good account of their history in his books.Similarly in rajtarrangni kalhan has also reffered them in Kashmir history.
Lord of mountain meant 'Gotrpita'. Clan Father.
@@sheelarajta8228
❤️❤️❤️
@@sheelarajta8228 khosh is basically word of Irainain language .pls go through history of kaassites .
@@narensingh3439 , Iran aur surrounding regions mein, jo pehle Aaryau hain, par ab unhone Islaam dhaaranrn kar liya, kuchh aese log hain jinki ya jaati, ya naam ke peechhe title 'Kashkoli' likhte hain. Ve, vo title ya surname kyun likhte honge? Online search karne par ye baat pataa chal jaayegi. Koi koi kehte hain ki koi ilaaqa (place) hai jiska naam 'Kashkol' hai aur vahaan ke vaashinde apne aap ko 'Kashkoli' keh kar parichaye (introduction) dete hain. Theek vaese jaese Himachal Pradesh ke kisi jagaha khaas 'Rajtaardi' ke rehne waale apne aap ko 'Rajta' surname likh ya keh kar kehte hain. Par svaal ye hai ki kisi ilaaqe (place) ka naam 'Kashkol' kyun pardaa? 'Kashkol' sunane par ye nahin maalum hota ki yah shabd 'Islamic' origin ka hai. Yah shabd Islaamic bilkul nahin lagta. 'Kash' vo praacheen tribe ya clan the, jo Kashmir, Kashgar (ab shaayad Tibbat ya China mein hai) mein rehte the. Aaj Himachal, Uttaranchal aur Nepal mein, Khash, Khaush (Khosh) ya Khasheeya hain. 'Kol' ek praacheen Anaaryau jaati rahi hai jo Austric ya Proto-Australoid kahi jaati hai. Kol, Koli log, Bhaarat, Nepal aur dusre Islamic countries aur African continent, Islands aur shaayad ab toh American blacks mein bhee milte hon. Pare, ek desh Ghaana mein ek black jaati (Negro) 'Kotokoli' hoti hai, par vah mera vishaye nahin. Svaal ye hai ki 'Kashkoli' aakhir kaun? Kya vahaan Aaryau aur Anaaryau clans kee intermixing huyi hogi? Uss par kuchh prakaash daalo.
@@sheelarajta8228 good to see your comment
Will try to investigate your question
Pls go through my comments on
A documentary by ministry of tribal affairs on juansar bawar in 2003
Sahi bol rahea hai bhai mai bhi khas rajput hu mere purvaj bhi Afghanistan sae ayea thae 400 sall phelea uskea badd hamrea dada yani ho uss time ayea thae wo Pauri Garhwal ayea thae jinko hum Devta k rupp mai pujtea hai hum nagvanshi khas rajput hai likin aajj hum Pauri Garhwal k jamlakhal mai humara gau hai proud to be Hindu khas rajput ❤️🏔️❤️ jai Narsingh devta🙏
@Pandit Aman Dobhal ❤️
@Pandit Aman Dobhal hmare kul devta ghandyal or kul devi raj rajeshwari h
MERA TO PAWASIK MAHASU H 🙏
Nagraj was the first king of khas kingdom (ancient Nepal included Uttarakhand some part of Tibet some part of India ) it was 3 times greater than now Capital of khas kingdom is sinja valley located in karnali province of Nepal Prithivi Narayan Shah unifer of Nepal was also advised to take khas people in his army because they were brave
Correct 😊
अठौती मल्ल कुमाउका पहला खस राजा था। खप्परे मष्टो देवता उस समय उसका सेनापती रहा था।
एक कहावत है - खस को खस कहे तो खस लड़ने को हो जाय। एक बार नेगी कहो तो लोट पोट हो जाए।
जम्मू कश्मीर से सुदूर पश्चिम नेपाल तक खस के ही वंशज है ।
Blki negio k liye to nagas khaa jata h bhai likhne k liye kuch bhi likhre ho
Bilkul maine bhi suni h ye kahawat 🤣🤣
@@rawatthirmansingh2138 lekin ye negi title kiska hai kahan se hai
Hamare kinnaur Mein Bhi log negi surnames use krte hain
@@rawatthirmansingh2138 hamare upper himachal aur jaunsar Mein toh hum bade proudly khud ko khas Kehte hain
Yeh Uttarakhand aur Nepal ki baat hai
खस्या बहुत ताकतवर होते हैं और बहुत मेहनती होते हैं।
Frm Nepal khas basnet chettri ❤ proud to be Nepali khas
बहुत ही मेहनत से एक उम्दा वीडियो बनाया, आपका एक नयी जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यावाद।
बहुत ज्ञान वर्धक और रोचक जानकारी के लिए आप प्रशंसा के पात्र हैं।
Me also khashiya Rajput from himachal and shimla solan upper mandi kullu and kinnaur are dominant Rajput in this region
chahe koi iss fact ko koi kitna bhi tod-matod karney ki koshish karey... hum chahe himachali ho, chahe uttarkhandi ho ya paschim nepal ke log ho... ham sab pahadi log EK thhey... hamari behaviour mein samanta hai... hamari appearance mein samanta hai... hamari sanskriti mein samanta hai... hamari boli mein samanta hai... jai himalaya
Nahi the , humara itihas alG hai hum alag hai tu alag hai
@@anuragsinghpanwar3939abe gawar usne samanta boli. Alag hein lekin samanta hein
Nhi, nepali humari trha nhi hai
@@shashank_sharma400 to kiske tarah ho tum log , rajasthan walo ke tarah!?
@@parveshbisht4955 yes, we are like rajasthani even culture, festivals, language and all
बहुत सुंदर प्रयास। इस खोज को आगे बढ़ाया जाए और जहां तक हो सके डॉक्यूमेंटेशन भी किया जाए। धन्यवाद ऐसी जानकारियां सामने लाने के लिए। 👏👏
बहुत अच्छी सोध गाथा। ऐसा ही सोध नाग कोल और किरातों पर भी करें। धन्यवाद
धन्य हैं प्रभु । जिनको गढ़वाली ग नही आता वो लोग उत्तराखंड का इतिहास लिख रहे ।। या बता रहे ।। इस देश का दुर्भाग्य रहा है।। जिन लोगो को सस्कृत या हिंदी भी नही आती उन लोगो ने इस देश का इतिहास लिख दिया।। वो आज हमे स्कूल में पढ़ाया जा रहा है।।
Sahi kaha aapne
उत्तराखंड के लोग स्वयं को राजस्थान के न बताएं, गर्व से कहो कि "हम ख़स हैं " dimand 6th schedule for Uttarakhand, demand land law! Stop Himalayan land encroachment. Save Oxygen! Save ethnic race as KHASYA.
Agr tume aati h Garhwali to tum hi kyu ni likh dete bhai?? Language se khuch nahi hota, knowledge lena sikho jnha se mile.. bhasha aur boli time k sath change hoti rahti h.. aur Tume konsi Garhwali aati ? Garhwali b to har jagah apne hisab se boli jati h , aur tumhe Hindi likhni b nahi aati sahi se.. , to ye bakwas baat krna band kro
@@BharatSingh-fj4vjintercast marriage band karo bachao apna DNA 😊 vasa he India ka log acha ni expect pahadi and Kashmiri
@bhimrajpanwar1395 AAP virodhaabhaas me likhne k bajaye gyan ki baat likhe to apko b suna jaega. Jinhe aati thi ya malum tha wo likh dete to kisi aur se pahle unhe jarur suna jata.
Jab koi kuch karta hai to tang har koi khichta hai parantu khud wo sab karne ka samarthya nhi rakhta.
वामपंथी और पाश्चात्य इतिहासकारों की दृष्टि से अपने इतिहास को समझा नहीं जा सकता। और शोध की आवश्यकता है।
Reviewing the comments, i analyzed that baramasa is under attack by IT cell
How come, which it cell INC or BJP 🤔
@@homosapienssapiens4848 yes its also a dimension.
The problem is that pahadis don't want to accept their khasa origin
All natives of UK are Khas in some way or other. The myth of we all came from Rajasthan is nonsense. They came here in small numbers and we adopted some of their ways
Like aryan invasion theory this subject is also pure dogma brother wake up before too late
@@surajchauhan7182 aryan invasion theory is bullshit. Complete nonsense. Made by western professors with ego issues and propagated by indian and foreign Neo Liberals
@@PPSRHDif u think that aryan is bullshit theory so y u believe himalyn khas theory thats my point its also originated by western professor like wheeler and ankinston
@@surajchauhan7182 the aryan *invasion* theory. Khas were a people group in Himalayas.
@@PPSRHD which has not even a single proof in history neither over kings ever mention that theory only britishers wrote something decades ago and people think that is write even if i write down some theory in future some peoples can also believe🤐
बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी ❤️🙏
Great bheji , bhot khoob kaam kana ch tum.
Finally found a channel that provides some untouched facts about our uttarakhand. keep going.
I am Khasa from Upper Himachal . This research by you is totally flawed ...First of all your Aryan migration theory is wrong ,just study all latest theories , migration happened outward from India not towards India ...that was flawed history propagated to Indian ppl by Europeans ...Also Khasas were indigenous Himalayan tribes which went outward ...there are many places in upper Himachal like Khasdhar ,khashapat etc which are named after them ...just want to point out that u r looking into this from Aryan lens which is completely incorrect .
True bro, totally agree with you....
@@khaadu i think you are more knowledgeable than Prof. D.D. Sharm, Prof L.D. Joshi, Shiv Prasad dabral, Atkinson (historian).So you should write a book on this subject .Hope your knowledge guide us
@@khaadu first of all you have to research properly about Aryan migration if the migration had taken place from India via central Asia towards western europe so why scientists have not found any archaeological and genetic evidences on possible routes ?
Scientists have found genetic evidences( Y chromosome haplo group R1a) that migration taken place from western europe to india
Khas arya from Nepal ❤ hum sab ek hi hai vedic sanatani
इस का मतलब यहा का सदियों पुरानी मूलबासी नाग ओर किरात समाज है यही समझ मे आया 🙏
मैं काफ़ी दिनों से कोसों पर सामग्री इकट्ठी कर रहा था। इससे मेरा काफी ज्ञानवर्धन हुआ है।
Khas are brave people, First religion they followed was Mahayana Buddhism and later local kings became Hindus. After that the history of Khas was distorted by plainsman. In the same way they declared Brave people of Rajastan ‘Rajput. Just ask Hindus in the 4 traditional castes what is their rank. Khas spread all over hilly region from Kashmir to Nepal. I am proud of my Khas origin…
Before buddhism khasas followed shamanism and shaivism
@@Aanand_bisht nah.. before Buddhism ppl worship Bon culture. All these historians are wrong. These ppl were called saka ppl and yatze was the kingdom later it become khas empire. Yatze ppl came from guge.
Lol yoi buddhist khas were among oldest shaiv budhhsim ka tantric sect shiv say hen nikla hai or ajj tak sab majority khas tantric hain satvik nahi yay drama na karo
Khas from Nepal here. I feel the Khas of Uttarakhand and Himachal are like my cousins. Nepal is still 35% Khas and Nepali language evolved from Khas language “Khas Kura”
And all these languages evolved from vedic sanskrit
very knowlegeable and historic.
This channel is dividing Uttrakhand based on cast and creed...he is driving anti India agenda. We must oppose such narrative strongly
उत्तराखंड के लोगों का एकीन कभी किसी ईतिहास को अपनायेगा🎉😂😮❤
Bahut khoob
People have no knowledge and are barking here. Go to villages and speak to elder people.
Today context, Khas people are people who geographically live in higher isolated parts of mountains away from valleys or civilised villages.
They are like Jats Physically tough, More Fairer and tough stubborn mind.
Kulinda the earliest dynasty to rule were Khasa as majority people Brahmin , Kshtriya were Khas that time.
Advent of Rajputs from North India lead to downfall of Kunindas, Khas Brahmins and Kshatriyas of the valleys assimilated with the northern plain Rajput and Brahmins, but the higher isolated parts remain untouched therefore keeping their Khas traditions nature , attitude intact.
Few regions having Khas majority are Khaas pati ( hindolakhal belt),
Higher reaches of Ghansali tehsil, Chakrata, Uttarkashi higher reaches , yamuna valley , Raath region of Pauri, Thailisain, Higher villages of Dhoodatoli, Dunagiri, High altitude valleys of chaukutiya, Khansar and many other areas.
They have same castes as Rajputs and Brahmins. Brahmins have accepted khas Brahmins as normal Brahmins as they do pandittai from generations, there is no discrimination but Rajputs still don't prefer marriages with Khas Rajputs like of Khas Patti ( hindolakhal side), although lot of marriages takes place.
In all we all are part khas, strong and beautiful पहाड़ी people.
Nepali Khas here. Khas is not a derogatory word in Nepal. Also, Khas people of India are our brothers and sisters. We are the same people divided by national boundaries
@@blankmind5794 but they are khas
@@blankmind5794
MNO ley brainwash grdiyexa
Caucasoid vaneko long nose big eyes vako haru ho. Josley afulai khas vndaixasni tmeharu real khas hoinas real khas kosto hunxa Kashmir gayerw her tmeharu Mongol snga misyerw tepche voisakis bahunko manoranjan KO natija ho tmeharu jnjati women snga
Yes, your ancestors have migrated from Uttarakhand to Nepal! Thank you so much for preserving our culture and Religion in Nepal too 🇮🇳🇮🇳
Half truth well let me clear i m not belong to khass community but i know history khass are dark look people's not mongoloid and Nepali people's look like a mongoloid even jammu kashmir himachal and utyarakhand are real khass if you refer that point but nepalis are not khass they are nongoloid i knpw some himachalis and people's eyes also short but its only eyes not looks if i am wrong then correct me brother
@@surajchauhan123- the Mongoloid looking people are 35% of the population of Nepal (Danny Danzongpa), Khas are 35% of Nepalis population, 25% are Madheshi people same as like in UP and Bihar(Udit Narayan). Khas are generally fair, big eyes, long crooked nose. Some Khas are dark too. Mostly Khas are Aryans (think Manisha Koirala)
Yes i am khas chettri from manipur, originally himalayan yeh sab mell khata hai ki hum khas hai
बहुत सुन्दर। जारी रखिए।
मैंने ख सिया के बारे में पहली बार सुना है पर यह समझ नहीं आया कि लोग बुरा क्यों मानते हैं आपकी वीडियो के हिसाब से तो अच्छे मालूम पढ़ते है ! वीडियो हेतु धन्यवाद
arre mere comrade bhulaa...mera laatu...bhari gapodi che bahi tu :D
😂
🤣😂
अरे मेरे वामपंथी सनातन ही वो आखरी शब्द है जो तुम लोग उपयोग करने में शरमाते हो । अब नया शब्द लेकर आ गया खस!
In Himachal Khash is used by natives proudly, not taken as slur and has numerous varna. Proving varna were never birth based.
All khash legends in HP indicate Khash were native to India and migrated to Himachal UK etc when sarasvati dried up. Just as greeks, parshwa (persians) left India post 10 rajan war in rig vedic period more than 10 millenia ago. Cities like Birhana (11000 years old are proof).
@Jexter grovy parshwa of 4000+ BCE,
Not peshwa of 1700 CE
In HP Khashiya is synonymous with Kshatriya. A Brahmin would never call himself Khashia. Here, Rajputs from plain were very few and hence became part of Khasha society so much so that no one sees any difference in Rajput and Khasha as both claim to be descendants of ancient Kshatriya. There are some theories regarding the origin of rajputs but regardless they are considered kshatriya.
As for Khashia, they are ancient kshatriya although in Manusmriti (If i remember correctly), people were advised to not consider them so for having abandoned the codes of Kshatriyas ( became Buddhists or didn't follow Brahmanism). Queen Didda of Kashmir was daughter of Khasha chief of Rajouri btw. So regardless of Kshatriyas from Plains(Rajputs), or Khashia from hills, both are kshatriya and now since Rajput became the common word instead of Kshatriya, there is nothing wrong in saying that both are the same and can be treated as a new clan like Bhatis, Rathor or Baghela rajputs who are associated with particular places. Hence the term Khash Rajput.
Don't know why in Uttrakhand situation is different from that in Himachal and Nepal.
@Ali Hamza Madarchood ka Papa Ankit😁😁 Kinnouris in lower region are also khahsia who married local mangoloids. As for us looking similar, khasia is not treated as a race like in Nepal. Here Khasia is a caste. Brahmins are still called Bhat (just like in Kashmir) who write in script similar to Sharda. Also, we are genetically very diverse now so much so that even brothers have different skin tones. Probably in the very past we were a race but not so anymore.
@Ali Hamza Madarchood ka Papa Ankit😁😁 Here even those whose ancestors came from outside proudly call themselves Khashia, which I believe could be a cognate of Khattiya (pali). In my own village most of the families have kinship ties with around 12villages in Sirmour, Shimla and UK and their common ancestors came from Udaipur or around. In sociological terms, here the process was reverse Rajputization,ie Khashiyazaton!
There is no difference, hence you would see here people having Rajput surname as well as Khasha surname based on family name or the village based.
In Kullu khashiya is used as a word which generally means villager ( in a bad way). Most people here are kanaits( zamindars) . Are there kanaits in shimla to?
Bhai bhutt badiya channel h apka hum bhi uttrakhand k h pr hme kuch pta hi nhi h history ka
Bhutt badiya Dil khus ho gya ❤️❤️❤️❤️👍
बहुत बढ़िया जानकारी दी आपने खस्या जाति पर गांव मे इन्हें लड़ाकू जाति के लिए जाना जाता है
मुझे खुशी होती है जब मुझे खसया कहा जाता है। ❤❤❤
जा रे खासिया 😂😂
@@jackdannel9744 सच मे भैजी जब खसिया बोलते थे तो बुरा लगता था पर जब खसियों के इतिहास के बारे मे पता चला तब से गर्व होता है। अब सीना फूलाकर बोलते है हां साले है हम खसिया 😁
@@VijayChauhan-e3n भुल्ला जो खासिया बोलेगा हमको तो हम भी उसको भट्टड़ा बोल देंगे 😂😂😂😂
Yr Bhai logo pure Himachal m to sb khasiya he h.sb Shan s rehty h.khasiya kehne pr garv mehsus krty h.uk m asa kyu h.khas k mtlb khstriya hoti h bro
@@jackdannel9744shut up khasiya 🤡
Am from Mahasu now is called shimla distt and am khas and also called kanet in shimla and solan
Kanet and kashiya are 2 different castes
Iam from shimla
@@thearch4162Yes they're different... we're proud Khashiyas
Are Rav kashiya kanet differnt or aame
I am khas and Nepali Brahmins and I am proud of it.
😂😅 Kya bol raha hai Bhai, Brahman khasya kaise ho Sakta hai
@@KrishnaUpreti-rr2oktu pele history par upreti bhi khas arya samudhay me h ... I am also Brahman and a Khas
@@samriddhagautam400 Rakhna ek baat hai aur sach me hona dusri baat, Jaise ki kisi ek desh se apne aap ko tallukat rakhne bale log dusri completely different desho ki aur jate hai to, ab wo logo ki phele wali identity Kya aur Kaisa tha us phele wali county me, wo kuch maine nahi rakhta; wo baseless ho jati hai kyuki ab wo log completely alien jago pe aa gaye jaha na unlog ki pheli bali identity aur identity status ki bare me Iss foreign jago ki logo ko maine rakhta hai nahi wo care karte, Ab agar log us foreign desho ki native se assimilate ho jate hai Jaise ki wo Apne phele wali identity aur us identity se sambandhit sab kuch completely bhul kar ya tyag kar, Iss naye jago ki logo ki hi identity, culture, tradition, language aur marital sambandh apnate hai to phir hum Keh sakte hai ki ye naye log ab ye dusri log hi ho gaye, par agar aisa nahi hota, Jaise ki wo log Apne original culture, tradition, language aur most important identity se hi Apne aap ko tallukat rakhte hai to thodi assimilation ho bhi jaye to kuch pharak nahi padhta Kyu ki ab unlogo ki identity original hi ho gayi. Ab baat ye hai ki brahmins khasya hai ya nahi, agar tu akal mand hai to yeh baat tere ko samajhne me kuch taklif nahi hogi nahi to apne khayalo me hi hum logo ko khasya bolte rahna, samjhe
Yes, your Khas ancestors have migrated from Uttarakhand to Nepal! Thank you so much for preserving our culture and Religion in Nepal too 🇮🇳🇮🇳
बेहतरीन प्रयास के लिए धन्यवाद🙏
very good information
thanks for sharing
This region was mostly dominated by Khasa and Kirat Dynasty these people neither came from outside and nor they were Aryans, we can still found fossil of early humans and thier painting in a lot of caves in uttarakhand mostly in Almora Caves, so Aryan Invasion theory is false.
Khasa And Kirat Dynasty had mostly two castes Bhramin and kshattriya, Now most of the kshattriya call them Rajputs but in real Rajput was a Name mostly given to the people of Rajasthan Gujrat and Haryana who belongs to king Family.
ज्यादा गहराई में जाने की आवश्यकता नही है, साधारण सी बात यह है कि इंडो तिब्बत ट्रेड के चलते खस लोग मेघालय और भोटिया लोग भूटान से आए और फिर उत्तरी हिमालय क्षेत्र में बसावत कर अधिकतर नेपाल और उत्तराखंड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रहे।
Ghanta khas west ki traf se aye the or meghalaya ki khasi janjati boht alag h khaso se khaso ka migration kashmir ki traf se hua tha
Lode khasi or khas mai bhot difference hai khas caucasian hai khasi mongoloid hai😂 lol
😂😂@@Himalaya444-q3i
एटिकिन्स के अनुसार 60 से 80 प्रतिशत ब्राह्मण व राजपूत खस मूल के ही हैं
Channel will definetly grow Full Support......
रोचक जानकारियां👌💐 लगे रहिए
In HP Khashiya is synonymous with Kshatriya. A Brahmin would never call himself Khashia. Here, Rajputs from plain were very few and hence became part of Khasha society so much so that no one sees any difference in Rajput and Khasha as both claim to be descendants of ancient Kshatriya. There are some theories regarding the origin of rajputs but regardless they are considered kshatriya.
As for Khashia, they are ancient kshatriya although in Manusmriti (If i remember correctly), people were advised to not consider them so for having abandoned the codes of Kshatriyas ( became Buddhists or didn't follow Brahmanism). Queen Didda of Kashmir was daughter of Khasha chief of Rajouri btw. So regardless of Kshatriyas from Plains(Rajputs), or Khashia from hills, both are kshatriya and now since Rajput became the common word instead of Kshatriya, there is nothing wrong in saying that both are the same and can be treated as a new clan like Bhatis, Rathor or Baghela rajputs who are associated with particular places. Hence the term Khash Rajput.
Don't know why in Uttrakhand situation is different from that in Himachal and Nepal.
People here are suffering from inferiority complex that's why they want them to relate with outsiders.
Are brother yaha bhi yahi ha, sabhi general category khud ko Rajput khti ha, kyuki General category ma Kshatriya aate ha ,,,, ye Aryan invasion, Caspian migration sab chutiyaap ha angrezo ka, Bc 5000 sal s pehle Mahabharat Ma khaso ne bhi yudh lada, or ye historians khre 1000 sal phle hum, europe se aaye, wahi 🤣
Lack of knowledge
Sahi bola. Himachal wale apne ko khasiya bolte hai. Par uttrakhand mein Khasiya logo ka jab se rajput se intermixing hui hai woh apne ko Rajput kehte hai na ki khasya rajput. Same for few brahmins, some brahmins were khasya but now they call themselves brahmins only. You will find brahmins in Tribal community of Bhotiyas too. But they call themselves bhotiya.
Uttrakhand ke logo mein ucchh jaati hona jyada important hi gaya hai par apne khasiya hone par unhe koi matlab nhi.
@@surajchauhan9502 Do educate ... I'm a Khash btw we have had marital relationship with outsiders (Rajput) clans for God knows how long.
Khash are also in pabbar valley. here history goes like that the one who only believes and worship their land, give independence to women and do not believe much in caste system. Its in state gazetteer of 1904 and 1910
Even the rituals states are still prevalent in villages
Most of the these researches were product of communist school of history. Who propogated Aryan fruad theory.
Present science and theories have proved Aryan theories were wrong.
@@suneilsharma8617 Which history as per you is interpreted? I am not getting, whom you are blaming.
in Kullu kaniats are majorly there.
सारी मनगढ़ंत बातें का प्रचार करता है ये चैनल.
Baramasa is best and unique. I am loging watching every video. so much knowledgeful... thanks.. We all are Khas.... Mahasu is Bhairav hence like Kali devotees offer him alcohol & meat. Mahasu & Lord shiva are same. Ghantakarna is another God worshiped in Uttarakhand...In Badrinath temple Ghantakarna is worshiped.
Bahut badiya bhai Ji
भाई जी बहुत सुन्दर प्रस्तुति 🙏🙏
भाई जी एक वीडियो माधो सिंह भंडारी पर भी बनाना 🙏
Inse tum us veer yodha ki kahani sunna chahte ho ye to vhi bat ho gyi ki kasai hi pashuo k liye shantidoot ho gya😂 bhai usme bi ye agenda chla dega
ओ इजा!! Mai le khassi thakur chu😂..
Khassi ne laa bosdivala.
Khasiya ko.😂 Hum Khasiya cha khassi na.
Jay khasas jay himalaya
Bhut achi Janksri di apne. Bhut khub
No politics,only Rajput EKTA INDIA🇮🇳 💪💪💪💪💪💪❤
This episode was too heavy... You guys are really doing great work and spreading the knowledge.
but not holistic and is partially true..
@@AniketNautiyal max. not true
Scythians were later called as shakas and furthur distorted to khas. In plains the latest are jaat, gujar etc.
Khas are diffrent ,,it is pure Aryans .plz dont include jaat gujjar here okk 😮 you have not proepr knowledge
No sir.Khas were present in Indian mountains from the age of Mahabharata.And Sythians come here after 1000years of Mahabharata. Jats and Gujars should be Sythians but not Khas.
Khas clan is originally an Aryan clan who settled in Mountains.
Proud to be a Khas
Wow such a knowledgeable video👍
शानदार।
Aur aag lagao....shabbass
Koi ni bhai nye nye youtuber h to kuch chahie hi koi ni bolne to aap inpe apna prabhav mt pdne to
Shimla people never gets offended if they're called khas, but Uttarakhandi people gets offended easily and prefer calling themselves garhwali, kumaioni even jounsari people would never call themselves khas. And today people doesn't call themselves rajput they call themselves thokdars
Jaunsari proudly call themselves khasyas
👍👍
@@shubhampanwar6879 then first change your name, panwar is not a khas title
@@aman_aswal surname has nothing to do with tribe or ethnicities . Raja of garhwal made a fake genealogy and associate themselves with Panwar Rajputs of malwa that's why we are using this as our surname but our relatives are negi ,bisht , rawat , bhandari etc. Even aswal are also chauhan so u are also an outsider
@@shubhampanwar6879 you are very sure about me I'm an outsider but you're not going to accept same about the parmar rajas, well negi, rawat, bisht are the titles given by parmar rajas to few people initially but today everyone is using these titles, I've seen some people using rawat surname but actually they are pujari of devtas so they should have used a brahmin title. But all these things doesn't matter today khas identity is totally integrated with the aryans today, not only names but customs are all mixed up. And not all Jaunsaris are khas we also have relatives there.
Khas bhramin from Nepal🤚50 percent of our population are Khas…. Especially bhramin and chhetris..
तुम नीची जाति के खस हो।
Very interesting. Thanks and hope you will search continue
me uttarakhand ka mool nivasi hu . me kirat ya kol ya naag vansi hun. jay mool nivasi
गलत जानकारी तुम से भी ज्यादा इतिहास हमने पढा है पर हमनें ये कहीं पर नहीं पढा
ये सभी इस बात पर तुले है कि आर्य भारत में बाहरी थे ।जिससे आर्य और द्रविड़ को अलग-अलग बताया जा सके और दोनों के बिच भेद हो ।
Dravid bhi caucasian hain bus bhasa alag hain.
Very good information bhaai
No,koi kuch bhi bolega or aap Maan loge, please check the fact, from recognised sources
@@deepakRawat-gu3oh khasiya ka mtlb pata kro , mahabharat me bhi khaso ka varnan hai or thakuro ko khasiya bolte hai
बहुत अच्छी जानकारी है
Bina pura sune hii khasiya..Brahman..ganit..
वामपंथी इतिहासकारों के आधार पर विडियो तैयार किया गया ।
हिमालयी क्षेत्र में अधिसंख्य लोग अपनी मूल पहचान राजस्थान, कश्मीर, मद्रास , महाराष्ट्र या अन्य मैदानी क्षेत्रों से बताते रहे है - उसी सन्दर्भ में कुछ विचारणीय बिंदु निम्नलिखित हैं l आप अपने विचार रखिये और स्वस्थ चर्चा कीजिये ...
1. अधिकतम लोग राजस्थान, कर्णाटक, बंगाल, केरल, और कश्मीर से ही क्यों हिमालयी क्षेत्र में आये ? जबकि सहारनपुर, मुज़फरनगर, मेरठ, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, सिंध, करांची, मुंबई और बलुचिस्थान से क्यों नहीं आये होंगे और हाँ देहरादून से भी कोई नहीं आया ?? क्यों ??
2. जहाँ कही से भी आपकी जाति बिरादरी के लोग पहाड़ो में आये होंगे वहाँ जरूर उसी जाति केे लोगों के बड़े- बड़े गाँव और नगर भी होंगे ? क्योंकि जिस जाति के आप है उस जाति के सभी लोग थोड़े ही चल दिए होंगे हिमालय में ?
3. जिस जगह को आप अपना मूल स्थान से जोड़ते है वहाँ आपकी ईस्ट देवी की प्राचीन डोली संभाल कर रखी गई होगी और देवी देवताओं के गीत बहुत प्रचलित होगे ? साधारण भाषा में कहे तो केरल और राजस्थान में भी नमडू बाबा, गोरिल, भैरव नचाये / अवतरे जाते होंगे और आपके घर के देवता का मूल स्थान भी वही होगा ??
4. हिमालयी भाषाएें जैसे गड्वाली, कुमावनी, जोंनसारी, नेपाली, हिमांचली, पहाड़ी, डोगरी, कश्मीरी आदि भाषाएें राजस्थानी, मलयाली, बंगाली और कन्नड़ का मिला-जुला स्वरुप क्यों नहीं है ?? या हमारे पूर्वजो ने हिमालय आते समय हरिद्वार में स्नान करके अपनी भाषा भी धो दी होगी और फिर नई भाषा सीखी होगी ?? ऐसा है क्या ??
5. आज भी पहाड़ों में दक्षिण भारत और राजस्थान से शादी करना और अपनी बेटी का रिश्ता वहाँ करना गर्व की बात मानी जाती है क्योंकि हमारा इतिहास वही से जुड़ा ?? क्या यह सच है ??
6. कुछ लोग कहते है कि पहाड़ो पर लोग इसलिए भी आये क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में बहुत युद्ध हो रहे थे और जबरन धर्म परिवर्तन किया जा रहा था यानि कि डर से भागकर पहाड़ों में आये है ? ऐसा हो भी सकता है लेकिन अधिकतम युद्ध तो मेरठ, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमांचल सिंध, करांची के आस पास लड़ें गए तो धर्म संकट मे कुछ लोग हरियाणा और दिल्ली से भी आने थे लेकिन वो तो दक्षिण भारत और राजस्थान से आये ? युद्ध के बाद कुछ लोग वापस भी जरूर गये होंगे यानि वो हमारे रिश्तेदार होंगे ??
7. लोग तिब्बत और नेपाल से क्यों नहीं आये होंगे जबकि वह तो सबसे नजदीक था ??
पहाड़ों पर क्यों आये होंगे लोग यहां तो जीवन कठिन रहा होगा । आसान जीवन छोड़कर क्यों आये होंगे ?? अपने हाथों से पहाड़ों को खोदकर खेत बनाना कितना मुश्किल रहा होगा ।
खस यहाँ के मूल निवासियों में है लेकिन इस पहचान से अधिकतम लोग अपने आप को नही जोड़ते आखिर क्यों, कुछ तो कारण रहें होंगे ।
कई लोग मानते है कि वो दक्षिण भारत से आये लेकिन, भाषा, संस्कृत, मान्यताएं नही मिलती है । यहाँ जो देवी देवता माने जाते है वो और कही नही है । अगर आज भी हम पलायन को देखे तो अधिकतम लोग बेहतर जीवन की तलाश में ही जा रहे है तो लोग कठिन जीवन जीने क्यों आये होंगे ??
आप भी सोचिए और इस विषय पर खोज जारी रखियेगा ।धन्यवाद इस मुद्दें पर समय देने के लिए ।
@Lalit Khatri fir bhi khas kahlane me kaya problem hai aapko, khas ka matlab yaha ke mool hi to hai
@Lalit Khatri Rana Chittorgarh Se Samvat 1405 Mai Aur Rana Hmara Title Hai bs Vansh Hmara Sisodia Hai✌🏻
@great humankind khasasi is causcasian even caspian sea was named after khasa
Nepal is also Himalayan range,and our surnames similars to punjabis
जो खोस या खस लोग है उनके लोक नृत्य तुरकीस , उजबेक कजाकिसतान के लोगो के साथ मिलते जुलते है। जैसे रासा नृत्य।
aap khas ho
हाथ पकड़कर करने वाला नृत्य पूरे हिमाचल और उत्तरखाड़ में है और खश, राजपूत और ब्राह्मण तीनों में है यह एक क्षेत्रीय संस्कृति है ना की जातिय।
@@aaitiniti khas kon hote h khaa se aaye hn
@@shubhampanwar6879 jaha tak hamne suna hai khash Mahabharat k yudh m dono korav pandav ki taraf se lade the.........jo pandav ki taraf se pade the vo pashi kahelaye or toh korav ki taraf se vo shati....
जौनसार और हिमाचल में खुद को खोश बोलने पर बहुत गर्व महसूस करते है पता नहीं क्यों गढ़वाल कुमाऊं के खश अपनी पहेचान पूछा रहे है। हम यह के मूल है। महाभारत 5000 साल पुरानी है और खश तब से यहां है। और पहले से ही सनातन धर्म को मानते है जौनसार में बहुत उदहारण मिल जायेंगे महाराभात के लाखामंडल, विराटगढ़ विराटखाई (राजा विराट की नगरी) जो महाभारत के समय में थी।
Nice.keep it up.
बेहद रोचक जानकारी ।
I'm a Khas Rajput from Rawain region of Uttarkashi. I think some of the theories proposed by the historians and anthropologists are wrong.
what is base of all these bullshit theories? Maxmuller, jiske anusar dimag keval white Race me hota h or jis bhi dusri race me dimag h (eg. chinese, Indian) wo dimag crossbreed ki vjh se aya h. or ye sab chutiye uski Aryan Invasion theory ko authentic maante h.
@@yujirohanma3428 I don't believe in AIT. But there is some truth about the theory that Khas people were the original inhabitants of the Himalayas but then again I don't think their ancestors came from Central Asia. Infact maybe the Khas people migrated from Himalayas to Central Asia and Europe. Indian govt needs to do fundamental research on this subject but alas we have a fake Hinduwadi govt at present that is a puppet in hands of their western masters.
@@KhaasLog2023 there was same theory about Domri people.. in which they said Dom people migrated from centeral Asia to India,,, but that theory is now busted and New Theory is strict about Migration of Dom People fromIndia to central Asia .....
Domri is on of those language which is closely related to samskrit.
Kol Kirat came earlier than Khas
@great humankind त्यक्तस्वधर्माचरणा निर्घृणा: परपीडका: ।
चण्डाश्चहिंसका नित्यं म्लेच्छास्ते ह्यविवेकिन:II
जिन्होंने अपने धर्म का आचरण करना छोड़ दिया हो, जो निर्घृण हैं, दूसरों को कष्ट पहुँचाते हैं, क्रोध करते हैं, नित्य हिंसा करते हैं, अविवेकी हैं - वे म्लेच्छ हैंII
म्लेच्छ कोई जाति नहीं है II
Proud khas from Nepal Nepali chhetri are all from khas origin our mainland was uttarakhanda
Bhaak nepal ho khas ko kingdom jaa gayera khas kingdom pad
@@mukulsinghbisht2971 ok brother
@@mukulsinghbisht2971 pokhara
@@mukulsinghbisht2971 yes
@@mukulsinghbisht2971 lol kshatriya is highest populated caste in nepal
Khas rajput thakur kshatriya sab ek hi h❤
Very informative,will watch it again and again
Mazaa aa gya mukharji ngr ki yad aa gye
Nice analysis but background music is sometime irritating . Good work and excellent presentation.
ये बातें वैसे ही जैसे
किताबों में छाप दिया कि भारत की खोज वास्कोडिगामा ने की ।
Bhut khoob...
So true
हां डीडी शर्मा तो बावला है तुझे उठा के अवार्ड दे देते हैं, best historian of the century का।
@@yildrim8979 😂
Main difference between rajputs and khas is related to there life style and social status. Khas were a dominant force but were subdued by rajputs who made them second dominating tribe in Himalayan region, but were always secondary to rajputs.
Rajputs mainly avoided marital alliance with them because of there accepted norn of marriage of widows and multiple marriages of women. And ploughing , all these things were a taboo in rajputs
kuch bhi? matlab bhagode bahar se aake yaha ke local logo ko subdue kar diya? Abe bhai thoda logic to use kar. Rajputs from plains came to himalayas to sheek shelter, theu didn't subdue anyone
aaj to sabh rajput khete karte hein uttarakhand mein to matlab wo rajput nahi. Aur jo log pahado pe salo se reh rahe hein unka plain se aake hara diya kuch logo ne
@@parveshbisht4955 bhai pl check the historical records and government gazetteers.
You will come to know how the hundreds of principalities in himalyan region were formed and who they were.
One example of jodhpur state I'll quote, only 220 men came from fallen Ujjaini and established Jodhpur state state , which is right now largest rathore ruled state.
Similarly are 6 states in shimla region which were made by 4 brothers who came from gya .
So many examples, but yes ur right that main difference was social and not racial.
Aryans entered into himalyas twice , first the Khasa Aryans who intermarried with locals existing tribes like kols , Doms etc.
Second wave of Aryans was in form of Rajput's from plains, who maintained non alliance with existing local tribes.
Bhai if you are from himalyan region then you can check from elders and let cals about local customs and traditions that will give more clarity.
It's not about purity of blood or racial difference, but it is about ruler and ruled, about economics and politics
beta rajputon ki gaand mein kab se itna dum hogya ki vo Khasa logon ko haraaye? Rajput khud apni bahu betiyan unn muslimon ko dete the jinki himmat nahi hui yaha pahaadon mein aane ki, ye apna delusion kahi aur leke jaao
Lol instead rajputs and khasya married and also chhetris of nepal are kshatriya
और वर्तमान समय में इस व्यवस्था में किसी को नाराज होने की जरूरत नहीं है ना ही यह एक बांटने की बात है यह सब भारत में रहने वाली पुरातन जातियों के इतिहास में से एक कड़ी है क्योंकि वर्तमान वर्तमान में हम सभी हिंदू लोगों में हम लोग पांच देवों के उपासक भी हैं जिसका अर्थ है हम सभी भगवान सूर्य नारायण शक्ति भगवान शिव की उपासना के साथ साथ भैरव नाथ परंपरा नागराज नाग परंपरा घंटा कारण आदि यश देवताओं की पूजा अपने स्थानीय देवी देवताओं की पूजा भी करते रहते हैं इस प्रकार वर्तमान में भारत लोगों ने अपनी संपूर्ण प्राचीन साथियों के अपना कर अपने पूर्व के इतिहास को जीवित रखा है आक्रमण कार्यों के हम लोगों के बावजूद अपनी संस्कृति को कायम रखा है जो कि हम सभी के लिए एक गव का विषय होना चाहिए ना कि आपसी द्वेष का|
Bro, agar religion ek hone se log ek ho jaate toh, pakistan se bangladesh alag nahi hota,
apna dil behlane ko ye khayal sahi ki hum ek hai, etc etc, doosra kya sochta hai usse farak padhta hai, warna logo ne gender bhi kai assume kar liye hai.