भगवान कौन है? | Does God Exist? | What is Self-Realization? | Sanatan Dharma (Hinduism) explanation

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  • เผยแพร่เมื่อ 17 ต.ค. 2024
  • भगवान कौन है? | Does God Exist? | What is Self-Realization? | Sanatan Dharma (Hinduism) explanation
    जब मानव विकसित हुआ तो उसने सवाल करना शुरू कर दिया कि इस पृथ्वी और ब्रह्मांड को किसने बनाया है और वहीं से ईश्वर (भगवान) की अवधारणा विकसित हुई।
    इस दुनिया में कई धर्म हैं जिनकी भगवान के बारे में अपनी-अपनी अवधारणा है, लेकिन अधिकांश लोगों की समझ भगवान के बारे में पूजा/ध्यान जैसी विधियों तक ही सीमित है जिनका वे पालन कर रहे हैं और बहुत कम लोग भगवान की अवधारणा को गहराई से समझते हैं।
    सनातन धर्म (हिंदू धर्म) में, सबसे आशाजनक ग्रंथ वेद (Vedas) हैं और वेदों में अद्वैत वेदांत ने भगवान की अवधारणा को विस्तार से परिभाषित किया है।
    अद्वैत वेदांत के अनुसार, ब्रह्म सच्चा आत्म, चेतना (consciousness), जागरूकता और एकमात्र वास्तविकता (सत्) है।
    हिंदू धर्म में भगवान तक पहुंचने या समझने के लिए भक्ति योग, ज्ञान योग, ध्यान योग और कर्म योग जैसे विभिन्न योग/तरीके हैं।
    ऐसे कई ऋषि हुए हैं जिन्होंने ब्रह्मांड के साथ एकता का अनुभव किया है और इस अनुभव को आत्मबोध (Self Realization) कहा जाता है।
    मैं कौन हूं (Who am I?) यह हमारे वास्तविक स्वरूप तक पहुंचने की सबसे सरल जांच (method) है|
    Autobiography of Yogi में परमहंस योगानंद ने अपने आत्मबोध अनुभव के बारे में विस्तार से लिखा है। यह अनुभव उन्हें अपने गुरु श्रीयुक्तेश्वर गिरि की सहायता से प्राप्त हुआ है।
    भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कई तरीकों से सत्य के बारे में समझाया है।
    When we go deep in mediation or become thoughtless then we experience this consciousness in the form of sound, which has been called as Anahat Naad or Sound of Silence.
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