आपने वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर परमचेतना या परमात्मा को ख़ारिज़ कर दिया। पर चेतना का एक इंटरनेट है और यह भावात्मक है। मेरे ख्याल से सभी जीव -जंतु भावात्मक रूप से जुड़े हुए हैं...यह भावना जिज्ञासा और प्रेम हो सकती है।
@@rupeshkumaryadavvIs there any evidence of intellect inside your body😂😂...?? How it looks like?? Which part of body is known as intellect... You can see egg and chicken.. right? So which one came first dear scientist😂😂?? Can you tell me?? Forget about the things about which claims are not there, just dare to claim what is visible..chicken and egg😂😂.. have the guts??
Yes , we understand intelligence and create intelligence. computer and Ai has intelligence. There is difference between intelligence and consciousness. Intelligence is the ability to solve problem. Consciousness is the ability to fell things like pain, joy , pleasure, sad.... In organic being they perform together. There is no evidence that Artificial intelligence (ai)has consciousness, it has intelligence but not indication of consciousness. We don't have better understanding of consciousness.
If u will accept and enjoy without understanding will suffer more the only difference is about suffering who understand life won't suffer but u accept without understanding will suffer immense
Well as per my personal experience, i was suffering from high uric acid and i started taking help of my unconscious mind to remove this problem from my body by saying good words to water before drinking it....and you won't believe, i started feeling good and slowly this decease vanished very soon...I trust the unconscious mind can do miracles if truly believed with pure thoughts.
परब्रह्म को नकारने में बड़ी मेहनत की आप ने जो thought feeling perception आप के भीतर आ जा रहे हैं इन्हीं के बीच में थोड़ा सा interval है इस इंटरवल में माइंड बॉडी सेंस ऑब्जेक्ट प्रेजेंट नहीं हैं " जो है इंटरवल में वही चेतना है "काश बाहर की इतनी पढ़ाई के साथ साथ थोड़ा अपने भीतर भी पढ़ लेते.... यह चेतना quantum entenglement के जरिए अपने क्रिएटर से जुड़ी हुई है। ❤❤
@@kapilkumardhibar2906 आभार! 1500 साल पहले शंकराचार्य जी ने क्वांटम भौतिकी की नीव रखी थी " जगत मिथ्या साबित" किया Alain aspect zielin ने क्वांटम physics के प्रयोग particle and wave टेस्ट इसी खोज पर नोबल पुरस्कार लिया। शंकराचार्य जी को भूल गए लोग अफसोस... Classical physics को quantum physics ने पीछे कर दिया और अब AI artificial intelligence पदार्थ की ऐसी तैसी कर रही है। " मिथ्या" शब्द को नहीं खोज पा रही। चार्ल्स डार्विन ने मुर्दा हड्डियों की खोज की और मनुष्य को बंदर बना दिया यूरोप में छा गए डार्विन भाई लोग जानवर बनने लगे बहिन बेटी पत्नी मां अंतर भूलने लगे नैतिक पतन हो गया जिंदा इंसानों में नैतिकता होती है डार्विन ने वोह lab में क्यों टेस्ट नहीं की...?फिर रोने लगे ओ परब्रह्म ओ परब्रह्म परमात्मा गॉड परमेश्वर खुदा रब मालिक बचा लो....😭😭
सर जी बहुत दिनों के बाद आपकी वीडियो हमें आज देखने को मिल रही है मैं खासकर आपके वीडियो का ही बेसब्री से इंतजार करता हूं बहुत ही लाजवाब विषय पर आज वीडियो लेकर आ रहे हैं इसलिए हम हमेशा आपके शुक्रगुजार रहेंगे🙏🙏
इस लेक्चर में जीवन (लाइफ) को परिभाषित किया गया है --" एक क्लोज़्ड काॅम्पलेक्स मोलीक्यूलर सिस्टम, जिसे किसी वाइटल फोर्स की आवश्यकता नहीं है।" यह जीवन की एक मनगढ़ंत परिभाषा है। यह बात सही है कि सभी आध्यात्मिक गुरुओं की बातें सब्जेक्टिव होती हैं। किन्तु यह भी सत्य है कि जीवन, चेतना, मन, विचार और भावना - ये सभी फिजिक्स केमिस्ट्री के विषय नहीं हैं। इस वीडियो में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर की गई बातें कितनी भी लुभावनी लगें, किन्तु उनका निष्कर्ष कुछ भी नहीं है।
यही बात तुम्हें समझनी चाहिए अगर तुम चेतना और आत्मा को विज्ञान के तर्कों से समझोगे तो विज्ञान के सवालों का भी जवाब देना ही पड़ेगा । और विज्ञान के बिना तुम्हारे धार्मिक ग्रंथों की रचना करने वालों ने समझाया लेकिन उन्हें सही साबित करने के लिए भी विज्ञान की जरूरत पड़ रही है इसका अर्थ विज्ञान के बिना धार्मिक मान्यताओं का ज्यादा महत्व नहीं दिया जा सकता।
मान्यवर, भौतिक विज्ञान के माध्यम से चेतना को समझने का दावा अभी तक यूट्यूब यूनिवर्सिटी के कुछ 'महान' वैज्ञानिकों ने ही किया है। दुनिया के किसी मान्यता प्राप्त वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान ने ऐसा कोई दावा आज तक नहीं किया है।
Waw sir very knowledgeable and deep concept of consciousness; Sir पहले में साइंस को सिर्फ एक सब्जेक्ट की तरह पढ़ता था और धार्मिक पुस्तक और साइंस की थ्योरी को अलग अलग समझता था। लेकिन अब पता चला सच तो कोई एक ही हो सकता है।
मेरे पसंदीदा विषय पर विडिओ बनाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर, अच्छा लगा कोई हिन्दी में इस विषय पर विडिओ बना रहा है, हमारे देश में विज्ञान से संबंधित लगभग सारे ही यूट्यूब चैनल बकवास करते है,।
Superb explanation. Aap apne scientific point se thoda bhi edhar udhar bhatkakkar jawab nhi dete aur scientific chijo ko saral bhasa me samjha dete hai ye aapki bahut badi khasiyat hai. Aapko koti koti naman.🙏🙏🙏🙏🙏. Doing great work, keep it up forever.👍👍👍👍👍
@@gouravkgoswami9972 Ahambrahmasmi " मैं नहीं हूं, सिर्फ ब्रह्म ही है।" यह सोच भीतर के पुर्जे Hypothalamous pituitary adrenal cortex and medulla glands से unknown stresses को निकाल कर बाहर कर देती हैं और आनंद का अनुभव होता है यह अनुभव जब अनुभूति में परिवर्तित हो जाता है तब ब्रह्म की महिमा समझ आती है और यह अनुभूति लिखी बोली और पढ़ी नही जा सकती।
नहीं ऐसे तो पत्थर को भी कॉन्सियस मानना पड़ेगा लेकिन पत्थर तो कॉन्सियस नहीं है क्योंकि उस पर न तो सर्दी ,गर्मी,या किसी मौसम के कारण कोई दर्द या स्वास्थ्य खराब होता है और न उसमें सजीव सेल्स है। लेकिन पत्थर फिर भी हमारे ब्रह्मांड का ही एक हिस्सा है।
जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि वेदों में लिखा है जो तू सोच रहा है वह भी सत्य है जो वह सोच रहे हैं वह भी सत्य है जो जैसा सोच रहा है जो जैसा है उसके लिए वही सत्य है ब्रह्मांड अनंत संभावनाओं से भरा हुआ है
Mai brahmaa hu..Mera adesh h tujhe meri tarah, tu apni beti ya kisi k sath rape jaisi kartut mat karna nahi to..is samay k kanoon police k hatthe chadh gya to relai bahut hogi..aur mai bhi tujhe nhi bachaa paunga jaise mere marg pe chalne vale asaram,ramrahim etc ko nahi bacha paya😫😫😫
Aapki jitni tarif kare kam hai sir. Thanks for all the scientific knowledge you have been sharing. Kaafi log jagrook huye hai aur andhvishwas bhi kam huaa hai 🙂 Mai IT me hu agar aapke is muheem me koi bhi jarurat pade to yad jarur kijiyega.
पूरी वीडियो में इधर उधर का बहुत ज्ञान है मगर फिर भी यह नहीं स्पष्ट हो रहा कि चेतना कैसे उत्पन्न होती है? सब वैज्ञानिक भी शायद यह शायद वो कर रहे हैं और धार्मिक भी यही कर रहे हैं यानी दोनों फिलहाल एक ही स्तर पर है।
Shandaar Video SIR🙏🙏🙏Dharmik logo ne Aatma ko abhi tak proof nahi kiya hai,Esliye unhone Aatma ko Consciousness se jodke Aatma ko proof karnr ki koshish ki hai,Jo Unscientific hai🙏
Bhai agar tumhe pata nahi hai to pehle Upanishad padho , Bhagwad Geeta aur Brahmsutra padho aur Ashtawakra , Avdhut , Ribhu Geeta padho phir tum samajh paaoge ki Atman ka kya concept hai , kya sach me consciousness hai ya nahi hai. Tumhari baat se to Aisa hi lagta hai ki tumhe nahi pata hai aur Aastha Mukti ke comment se bhi yahi lagta hai ki unhone nahi padhe hain Isliye pehle padho aur dono paksho ko samjho tab decide Karo. Kyonki asli rationality to yahi hai ki hum dono paksho to theek se samjhe phir apna opinion de.
Good attempt at explaining 'consciousness' and 'awareness'. They are still very far from being understood completely but many take these two in explaining some complex situations in day to day life. When you take these two words to explain away some difficult questions of human behaviour, the listeners get confused and cannot counter you.
बड़े ही सयानेपन से आप अपने आप को प्रस्तुत करते हो ये कला कमाल की है आपमें। विरोधी पक्ष की बातों को खालीपन का नाम देकर हल्का कर देते हो , that's great . Hat's off to you
Video me bahut hi achha vishay liya gaya hai usse bhi achha samjhya gaya hai isse bekti ko bahut kuchh sikhne ko milega_____( Jay Aastha Mukti Jay science journey Jay bharat )_____🙏🙏
आप कि बात उतना ही काल्पॉनिक है जैसे चेतना ब्रेन का विषय नहीं है!चेतना सब जगह अज्ञात रूप मे ब्यप्त है!जैसे बल्ब लाइट तो जलते हुए देखते है लेकिन इलेक्ट्रिक कि लाइन कहीं और जगह से आती है!हाँ ये सही बात है बल्ब ठीक होना चाहिए!तो उसीतरह मस्तिष्क ठीक होनी चाहिए उसका सिग्नेल पकड़ने के लिए!
@@gopalgope4032 चेतना conciousness का लेवल घटता बढ़ता रहता है। उदाहरण ओशो जी का प्रवचन सुना तो कभी घटेगा कभी बढ़ेगा आचार्य प्रशांत जी को सुना तो बढ़ेगा। किसी वैज्ञानिक को सुना तो ब्रेन को तौ साबित कर देगा परंतु माइंड अभी तक खोज नहीं पाया लेकिन माइंड को नकार नहीं सकता।
नमस्ते महोदय जी। चेतना और परम चेतन सत्ता के संबंध सही दृष्टि और समझ बनाने के लिए आपका यह वीडियो बहुत बहुत ही सहायक है। आपके उद्देश्यपूर्ण प्रयास निश्चित ही सफल होंगे। आपको और आपकी टीम को बहुत ही धन्यवाद। आप सभी के स्वस्थ्य और आनंदित जीवन की कुशल मंगल कामनाएं करता हूं।
ज़ीरो को तो आधुनिक विज्ञान मानता है और जानता भी है और ये भी जानता है कि बिना ज़ीरो कोई वैज्ञानिक प्रगति संभव ही नहीं है सो ज़ीरो को कम्प्यूटर साइंस से लेकर मिसाइल टेक्नोलॉजी तक सब जगह विज्ञान प्रयोग मे लाता है l सो पुनर्जन्म कर्मफल आत्मा परमात्मा जो कि उन्ही लोगों की खोज है जिन्होंने ज़ीरो खोजा वो ज़ीरो की ही तरह से सत्य और सिर्फ सत्य ही है l
Bhai apke video se mujhe ye anuvab hua ki duniya var ke guru, or scientist jese apna apna sirf ek mat rakhte hain apne v apna ek mat hi rakha hai....samjha to ap v nhi paye mujhe...bt thnk uu prayas karne ke liye...hum bas yhi kar sakte hai
Dear Arpit I would like to ask you a question . Where do we see a tree? Can we see the tree that may be outside or do we see a tree in our brain? Matter itself has an element of illusion.
Debate per bahut hi achcha explanation dete hue kafi log najar aaye mujhe bahut behtar Laga unka main swagat hai tujhse Karta hua bahut kafi Anubhav hua mujhe
आपके प्रयास और ज्ञान का स्तर हमेशा सराहनीय रहा है किंतु आप या विज्ञान उन चीजों को explain करते हैं जो कि already है ,और वो किस तरह से काम करती है ,किंतु जो हैं जिसकी आप महानुभाव ब्याख्या कर रहे हैं उन चीजों के पीछे कौन है, बाइक किस तरह से चलती है ये बताना और उसको किस बैज्ञानिक ने बनाया ,इसके पीछे कौन सा अविष्कारक है इन दोनों बातो में फर्क है ठीक वैसे ही आपकी व्याख्या एकांगी है, सद्गुरु रविशंकर और सिस्टर शिवानी या शंकर विवेकानंद से आप अभी बहुत बौने है अनुरोध है कि summerise करते समय इसको audience के ऊपर छोड़ दे ।
jiske bare me aap bol rahe hai usne aap se jyada scriptures(dharmik kitabe ) padhi hai. apne to apni religious books bhi nahi padhi hogi aur yaha gyan baat rhe hai
@@RohitSharma-bg6zl tune dekha tha isko padhte hue ya bas kisi ne bol diya aur Maan liya andhvishwasiyo ki tarah kher padha toh osama bin Laden bhi tha wo bhi top university me par kiya samajh usme thi aur ye kaisa andhvishwas hai ki jo jada kitabe padhega wo utna knowledgeable aur samajhdar hoga Maine bohot dekhe hai jo chutiye hai kayi kitabe padhne ke baad bhi, dhiyan rakh knowledge sirf kitab padhkar nhi aati balki kisi chij ko kitni gehrai se samjha hai aur kisi ko kitni gehrai se aasani ke saath samjha sakte ho usse aati hai
हम है तब ही ब्रह्मांड है हमारा ज्ञान सोच ही सब कुछ है यदि विज्ञान नही आती तो ब्रह्मांड हमे जो कहानी सुनाते वही होती तो हम जो सुनते हैं ज्ञान लेते हैं वो ही सच है हम कुछ भी चीज को देख रहें हैं वो अपने दीमांक से ही सोच रहे हैं जब हम मर जाते हैं तो ये सारी दुनियां हमारे लिए ख़त्म हो जाति है हमे नही पता होता की दुनियां में क्या चल रहा है तो हम है तब ही दुनियां है
Yeah... But at last he conclude that... Consciousness is a product of brain... But that contradicts how plants work.... Why mimosa pudica(touch me not plant) give response without having any consciousness because they don't have brain??
Very knowledgeable video,, Ek Athiest hi science ko sahi rastey mein le ja sakta haiii.... Dharam guru Astik toh kalponic kahani ki taraf homesha lete haiii...
This video kept reminded me of a few lines from a song by Sahir. ये राह कहाँ से है, ये राह कहाँ तक है ये राज़ कोई राही समझा है न जाना है At one end is the reductionist science, notwithstanding its awe-inspiring discoveries, is not unanimous on big-bang, cyclic universe, multiverse; and where the very concept of space-time is being challenged. On the other hand is the deeply embedded subjectivity in the hard problem of consciousness that makes us wonder 'What it feels to be like a bat ' could ever find an objective answer. This video presentation has far more depth than those mumbo jumbo being peddled by equating quantum / stream theory with spirituality / religion / meditation. Very nice!
Superb and great explanation 👍👌👌 Very much needed at this time when everyone is finding ways to take help of quantum mechanics 😀 Boson particles are highly unstable and can't create any long-lasting effect on mind.
Sir One question ,, Memmorization and Consciousness is Different If they Are same thing So We cannot Forget Anything what we Read, remember, write, etc.
Arpit, आपका व्हिडिओ बहुत बेहतरीन और सायन्स बेस्ड है... मैने आपके बहुत व्हिडिओ देखे है और आपके सभी व्हिडिओ बहुत बहुत अच्छे है.. से भी ज्यादा अच्छे व्हिडिओ आर एक्स्पेक्टेड फ्रॉम यू... 19:40
धर्म के ठेकेदार किसी न किसी रूप में कोई कुर्क्त व्याख्या लेके आते ही रहते हैं। उनको अपने अपने धर्म को अच्छा साबित करने के लिए किसी भी हद तक या कैसी भी उटपटांग कहानियां बनायेगे जिसको किसी साइनिटिफिक थ्योरी से जोड़ेंगे। आप ऐसे ही कार्य करते रहें सर आप का वीडियो बहुत ज्ञानवर्धक होता है। धन्यवाद लव यू सर।।
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा आत्मा ना पैदा होती है ना मरती है यह सिर्फ एक रूप से दूसरे रूप में बदलती रहती है और अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी कहा कि ऊर्जा ना नष्ट होती है ना पैदा होती है इसका सिर्फ रूप बदलता है और हमारे वेदों शास्त्रों में कहा गया पृथ्वी शेष पर टिकी है शेष एक संस्कृत शब्द है जिसे अंग्रेजी में space कहते हैं
हाँ तो ठीक तो है धर्म की रक्षा करने वाले ठेकेदार का होना बहुत जरुरी है क्योकि धर्म के बिना इन्सान सिर्फ दो पैरों पर चलने वाले जानवर की तरह ही है और विज्ञान सिर्फ अणु परमाणु की खोज कर सकता है लेकिन अणु परमाणु को गति प्रदान नहीं कर सकता हवा पानी मिट्टी पेड़ पौधे वैज्ञानिक नहीं बना सकते हैं और विज्ञान की जरुरत से ज्यादा खोज ही आज प्रकृति को विनाश की ओर ले जा रही हैं हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत पहले ही कहा था कि मनुष्य जितना प्राकृतिक जीवन जियेगा उतना सुखी और स्वस्थ होगा
विज्ञान ने जितनी सुविधा दी है उतनी ही दुविधा भी दी है लोगों को प्रकृति से दूर किया है विज्ञान ने लोग भोगी विलासी होते जा रहे हैं जिस कारण अधर्म और पाप बढ़ रहा है इन्सान को इन्सान सिर्फ़ सच्चा धर्म बनाता है इन्सान से ऊपर उठकर देवता के समान देवतुल्य बनाता है नहीं तो अधर्म बढ़ने पर लोग राक्षसों जैसा व्यवहार करने लगते हैं
विज्ञान कभी निश्चित रूप से कभी सत्य नहीं बता पाया है विज्ञान की theory भी बदलती रहती है इसे ज्ञान नहीं इसे अविद्या कहते हैं अंतरिक्ष के बारे में भी विज्ञान अभी सिर्फ अन्तरिक्ष का मुश्किल से 5% हिस्सा ही जान पाया है और वह भी कोई निश्चित रूप से नहीं जानते हमेशा उलझन में ही रहते हैं सभी वैज्ञानिक
तो रावण राक्षस होकर भी केसे त्रिलोक विजेता बन गया। मेघनाथ ने इंद्र को केसे हरा दिया । अगर विजय धर्मविरों की होती है तो राक्षस केसे स्वर्ग पर अधिकार कर लेते थे हर बार क्या देवता अधर्मी और राक्षस धर्मवीर थे । धार्मिक ग्रंथों में वर्णित बातों ने आज तक ईश्वर का अस्तित्व प्रमाणित नहीं किया।
Quantum World ईश्वर के अस्तित्व की अनुभूति का वैज्ञानिक तरीका है। पलक झपकने में समय लग सकता है लेकिन समस्त ब्रह्माण्ड के उत्पन्न और गायब होने मे इतना समय नहीं लगता।
A great question and very truthfully handled . Very Stimulating. More so as it in Hindi .First time I have seen in Hindi. Looking forward for more in Hindi .Dhanayavad aur Namaskar.
Each and every element included in the periodic table has its own consciousness, starting with the simple and basic consciousness of Hydrogen to the highly complex consciousness of Oganesson (last element). The complexities ascends as the atomic number of the element increases and the consciousness of any material or an organism is the collection and interaction of different elements present in it. Consciousness is like a music played using different musical instruments at the same time.. Now try to find the musician ...
@@liebuster-u2f We still don't have devices to prove many of the natural phenomenon. First there are imaginations, later hypothesis then proving, then disproving and so on ... The weird cycle is going on.
सभी नास्तिक भाइयों से निवेदन है कि आप मेरे इस प्रश्न सूची को कॉमेंट के माध्यम से और बड़ा करने का कष्ट करें । जी धन्यवाद 🙏🏻 Way to Atheism 1. ब्रह्माण्ड का निर्माण कैसे हुआ? ब्रह्माण्ड कितना बड़ा है? (विज्ञान के अनुसार) 2. ब्रह्माण्ड का निर्माण कैसे हुआ? (धर्म ग्रंथों के अनुसार) 3. जीवों की उत्पत्ति और उनका विकास कैसे हुआ? (विज्ञान के अनुसार) 4. जीवों की उत्पत्ति और उनका विकास कैसे हुआ? (धर्म ग्रंथों के अनुसार) 5. देवी-देवता, भूत-प्रेत का कॉन्सेप्ट क्यों और कैसे आया? 6. धार्मिक ग्रंथ या आसमानी किताबों की सच्चाई क्या है? ये कब और क्यों लिखे गये? 7. आखिर इन धर्म ग्रंथों या आसमानी किताबों में लिखा क्या गया है और वे कितने हद तक तर्कपूर्ण हैं? 8. रामायण, महाभारत, गीता(जो कि महाभारत का ही पार्ट है), चारो वेदों का सार, सभी 18 पुराण, मनुस्मृति, सत्य नारायण की कथा, त्रिलोकीनाथ की कथा, क़ुरान, बाइबिल सहित अन्य धर्म ग्रंथों में आखिर कहा क्या गया है? और ये कितने लॉजिकल हैं? 9. संस्कृत भाषा कब अस्तित्व में आई? यह भाषा कितनी पुरानी है? 10. हिंदू धर्म क्या है? यह कितना पुराना है? 11. ऑर्कियोलॉजिकल एविडेंसेस से मूर्तियों, धर्म ग्रंथों तथा संस्कृत भाषा के विषय में कौन-कौन सी बातें पता चलती हैं? 12. इस्लाम धर्म की शुरुआत कब और कैसे हुई? इस्लाम धर्म की मान्यताएं क्या हैं? 13. धर्म क्या है? क्या जीवन जीने के लिए किसी धर्म की आवश्यकता है? 14. अगर धर्म नहीं होता, छुआ छूत नहीं होती, भेदभाव नहीं होता तो ये समाज कैसा होता? 15. ईश्वर को मानने या ना मानने से क्या फर्क पड़ता है? 16. व्यक्ति नेचुरली नास्तिक क्यों नहीं होता? 17. ईश्वर/अल्लाह/गॉड के प्रति लोगों के विश्वास इतने दृढ़ होते हैं कि वो किसी भी काल्पनिक कथा को सत्य मानने लगते हैं जबकि वैज्ञानिक तर्कों को नकारने लगते हैं जोकि बिल्कुल मूर्खतापूर्ण है। प्रत्यक्ष विज्ञान को नहीं मानते जबकि अपने धार्मिक ग्रंथों से जबरजस्ती विज्ञान ढूंढ कर लाते हैं। ऐसी मानसिकता का जड़ क्या है? 18. लोगों की भावनाओं को आहत किये बिना उन्हें तार्किक कैसे बनाएं? 19. वे कौन कौन से प्रश्न हैं जो आस्तिकों से बात शुरु करते समय पूछने चाहिए? 20. जाति प्रथा की शुरुआत कब , क्यों और कैसे हुई? धार्मिक ग्रंथों में जातियों के बारे में क्या कहा गया है? 21. रिजर्वेशन क्यों जरूरी है? रिजर्वेशन क्यों दिया जाता है? रिजर्वेशन का सम्बन्ध वर्ण व्यवस्था से किस प्रकार है? गैर संवैधानिक रिजर्वेशन का क्या अर्थ है? 22. वे कौन कौन सी किताबें हैं जिन्हे हर एक नास्तिक को अवश्य पढ़ने चाहिए? 23. न्यूरो साइंस क्या कहता है शरीर और मस्तिष्क के विषय में? 24. विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के मत क्या हैं मानव व्यवहार के विषय में? 25. चेतन अचेतन क्या है? 26. Near Death Experience क्या है?
@Mukesh Kumar अगर आपके ए प्रश्न का जवाब मिल जाए तो, एलोन मस्क इतने सारे प्रोजेक्ट नही करता, बिलगेट्स विंडोज नही बनाता, स्टीवजोब्स इतना अच्छा फोन नही बना पाते ओर आइंस्टाइन - न्यूटन जैसे ओर सारे लोग इस दुनिया मे इन्सानी शरीरकी सुख-सुविधा बढाने के लिए कुछ भी नही करते और नाही कर पाते. तो इसलिए ऐ सब-कुछ सायन्स को फिजिकली जानने की कोई जरूरत नही है. ((अध्यात्म - विज्ञान) दोनो कॉन्सपेट अलग-अलग है, like a Observer effect 11:05) th-cam.com/video/9EkdW8a2_68/w-d-xo.html
तर्क ही, सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं हो सकते हैं। सच्चे आस्थावान होकर,यानि बैतुके तर्कों को छोड़ दोगे, तो व्यवस्था, जो कि तर्कों पर निर्भर होती प्रतीत होती है, अपने आप हो जाती है।
👍👍... Fantastic... I hve never been a science student bt quarries had always been there in mind taking quantum entanglement.. black holes etc..nw a good explanation we have got abt consciousness .. thanks.
बेसिक अझमसन सबका अलग-अलग होता है।उसी से अवचेतन मन तय्यार होता है और कुछ नही ये किसी सुपर पावर का कमाल नही है।अगर ऐक जैसा ही होता तो बाप बेटे की थिंकीग ऐक जैसे होती।सदगुरु सभी शिष्य समान ज्ञान देते है,पर उनके जैसा शिष्य नही बन पाता
नमस्कार अर्पित जी, मेरे कुछ सवाल है कि दुनिया मे कितने डाइमेंशन है? हम तीसरे डाइमेंशन में है तो पहला दूसरा डाइमेंशन कहा है ? क्या इन डाइमेंशन में रहने वाले एक दूसरे को प्रभावित करते है? पहले ओर दूसरे डाइमेंशन के वास्तविक उदाहरण दे सकते है? आपके जवाब का इंतजार है ।धन्यवाद
Don't get offended but you seems to be clearly biased to logically prove that consciousness is false. You are not open minded enough to consider the possibility. I am an atheist too but i have an extremely open minded perspective to view world. I keep no biases. My second problem with your approach is that you view science as a complete method. I agree with most of your points and I only acknowledge the factual reality. But there are some GREAT UNKNOWNS in life. It's our ego that has a bias that we can prove anything factually and logically and scientifically without ever considering the possibility of our limitations. And scientists themselves keep complete faith in science and it's utility without ever considering it's actual limitations. The ego needs to be dropped to be truly unbiased.
जड़ शरीर < इन्द्रिया < मन < बुद्धि < आत्मा | जड़ शरीर को 10 इन्द्रिया, इन इन्द्रियों को मन, और मन को बुद्धि चलाती है और बुद्धि को आत्मा प्रकाशित करता है.| आत्मा ही परम चेतन है इन सबमे
कॉनशसनेस पुरी तरहसे ब्रेन का फंगशन नही है.. कुछ और है लेकिन पता नही.. क्यू कि सपने मे हमे future कि कोई घटना हमे दिखती है बहुत कम समय के लिए.और चेतना को पता होता है हमारे आस पास क्या हो रहा है... लेकिन ये सब तब होता है जब हम शांत और समजदार हो..
देखिए चेतना का स्रोत सूर्य से भी कोषों दूर है। जैसे बिजली का बल्ब है और वायर भी है ये मनुष्य द्वारा बनाया गया । जहां बिजली उत्पन्न हो रही वो स्रोत है उदाहरण जैसे बल्ब फ्यूज होना मृत्यु है लेकिन लाइट का स्रोत कितनी दूर है वैसे ही चेतना है। वैज्ञानिकों का बहुत सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह भी उच्च कोटि के ज्ञान के धनी हैं हम हमेशा विद्वानों का सम्मान करेंगे।
जो चेतना हमारे शरीर को चलती है वही चेतना पूरे ब्रम्हांड को चलती है जबकि ये शरीर और संसार एक यंत्र मात्र हैं, जो व्यक्ति जितना अधिक उस चेतना का अनुसरण करता है वो व्यक्ति उतना अधिक अपने शरीर और संसार को नियंत्रित करता है
आपके ओवजर्वेशन एवम् एक्सप्लेनेशन बहुत क्लियर होते हैं। आपने विज्ञान को बहुत गहराई से पढ़ा है, इसलिए आप विज्ञान से ही हर रहस्य को सुलझाने के लिए आगे रखते हो। आपको अध्यात्म का भी ठीक से अध्यन करने के बाद explanation देना चाहिए। क्योंकि अध्यात्म भी विज्ञान ही है। खास तौर से दर्शन शास्त्र जिनमे चेतना एवम् परमात्मा के होने न होने के बारे में बहुत सैद्धांतिक रूप से बताया गया है जो आसानी से समझ में नहीं आता। इसमें किसी भी अंधविश्वास से हटकर ईश्वर के होने को एवम् उसके न होने को सिद्ध किया गया है। यह बिल्कुल ही ओपन विषय है जिसे आधुनिक विज्ञान के तरीकों से समझने के लिए कोई रोक नहीं है, उसे नास्तिकता नहीं माना गया है। हो सकता है अध्यात्म विज्ञान एवम् आधुनिक विज्ञान के कॉम्बिनेशन से चेतना एवम् ईश्वर को समझा जा सकता है। मुझे लगता है आपको विज्ञान का गहरा ज्ञान है, एवम् अध्यात्म का सतही ज्ञान है। उम्मीद है आप अध्यात्म को भी गहराई से एक्सप्लेन करेंगे।
विचार मिथ्या है, अनुभव ही सत्य है। सत्य जाने हेतु अवचेतन की गहरी दुनिया में स्वयं को ठहरना पड़ता है
तूने कभी जापान का अनुभव किया है? अगर नहीं तो इसका मतलब जापान नही है 😂😂
Anubhav Satya hai 😮. 😅😅
Very true
@@aryanvishu420 बोरिंग बकवास ।
@सच्चाहिंदू88 दिमाग की बेचैनी से बाहर निकलकर शांति से लाइन को पूरा पढो।
आपने वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर परमचेतना या परमात्मा को ख़ारिज़ कर दिया। पर चेतना का एक इंटरनेट है और यह भावात्मक है।
मेरे ख्याल से सभी जीव -जंतु भावात्मक रूप से जुड़े हुए हैं...यह भावना जिज्ञासा और प्रेम हो सकती है।
Sorry but there's no Evidence for your claim.
@@rupeshkumaryadavv❤
Kisko samjha rahe ho 😂😂😂..
Soye huye ko jagaya jaa sakta hai, jo sone ka naatak kar raha hai usko koi kya jagaye...😂
@@rupeshkumaryadavvIs there any evidence of intellect inside your body😂😂...?? How it looks like?? Which part of body is known as intellect...
You can see egg and chicken.. right? So which one came first dear scientist😂😂?? Can you tell me??
Forget about the things about which claims are not there, just dare to claim what is visible..chicken and egg😂😂.. have the guts??
Yes , we understand intelligence and create intelligence.
computer and Ai has intelligence.
There is difference between intelligence and consciousness.
Intelligence is the ability to solve problem.
Consciousness is the ability to fell things like pain, joy , pleasure, sad....
In organic being they perform together.
There is no evidence that Artificial intelligence (ai)has consciousness, it has intelligence but not indication of consciousness. We don't have better understanding of consciousness.
Modern people waste their time to understand the life, but life is not for understand Life is for acceptance and enjoy.just live it....
Can't agree with you.
Life is for both to enjoy every possible experience and to try to understand the ultimate nature of existence
❤❤
If u will accept and enjoy without understanding will suffer more the only difference is about suffering who understand life won't suffer but u accept without understanding will suffer immense
Well as per my personal experience, i was suffering from high uric acid and i started taking help of my unconscious mind to remove this problem from my body by saying good words to water before drinking it....and you won't believe, i started feeling good and slowly this decease vanished very soon...I trust the unconscious mind can do miracles if truly believed with pure thoughts.
यह मेरे साथ भी हुआ है अस्थमेटिक प्रॉब्लम me
Just placebo effect
@@hariomkhandelwal8243 placebo is just the western name for this phenomena
दवाई भी तो खा रहा होगा।और हाँ सारी बिमारियाँ ठीक हो जाती हैं धीरे धीरे और जो ठीक नही होती वो बॉडी को स्वर्ग ले जाती हैं😅
Kese kese lpg hote h 😂
परब्रह्म को नकारने में बड़ी मेहनत की आप ने जो thought feeling perception आप के भीतर आ जा रहे हैं इन्हीं के बीच में थोड़ा सा interval है इस इंटरवल में माइंड बॉडी सेंस ऑब्जेक्ट प्रेजेंट नहीं हैं " जो है इंटरवल में वही चेतना है "काश बाहर की इतनी पढ़ाई के साथ साथ थोड़ा अपने भीतर भी पढ़ लेते....
यह चेतना quantum entenglement के जरिए अपने क्रिएटर से जुड़ी हुई है।
❤❤
Bhai sahab kya baat bol Diya aapne,,,, Dil se salute par in scientist ki jhaato ko kon samjhaye
@@kapilkumardhibar2906 आभार!
1500 साल पहले शंकराचार्य जी ने क्वांटम भौतिकी की नीव रखी थी " जगत मिथ्या साबित" किया
Alain aspect zielin ने क्वांटम physics के प्रयोग particle and wave टेस्ट इसी खोज पर नोबल पुरस्कार लिया।
शंकराचार्य जी को भूल गए लोग अफसोस...
Classical physics को quantum physics ने पीछे कर दिया और अब AI artificial intelligence पदार्थ की ऐसी तैसी कर रही है। " मिथ्या" शब्द को नहीं खोज पा रही।
चार्ल्स डार्विन ने मुर्दा हड्डियों की खोज की और मनुष्य को बंदर बना दिया यूरोप में छा गए डार्विन भाई लोग जानवर बनने लगे बहिन बेटी पत्नी मां अंतर भूलने लगे नैतिक पतन हो गया जिंदा इंसानों में नैतिकता होती है डार्विन ने वोह lab में क्यों टेस्ट नहीं की...?फिर रोने लगे ओ परब्रह्म ओ परब्रह्म परमात्मा गॉड परमेश्वर खुदा रब मालिक बचा लो....😭😭
Bhai tu akbar ki blood line se hai kya mukund brahman 😂😂
@@Mr_x_28892 NPD ho kya? (NPD Narcissistic personality disorder)
@@IrfanAli-db6kb jagat mithya sbit nahi, theory di thi. sabit to abhi hua hai physics dwara
सर जी बहुत दिनों के बाद आपकी वीडियो हमें आज देखने को मिल रही है मैं खासकर आपके वीडियो का ही बेसब्री से इंतजार करता हूं बहुत ही लाजवाब विषय पर आज वीडियो लेकर आ रहे हैं इसलिए हम हमेशा आपके शुक्रगुजार रहेंगे🙏🙏
कृपया मेरा reply भी अवश्य पढें!!!
a
इस लेक्चर में जीवन (लाइफ) को परिभाषित किया गया है --" एक क्लोज़्ड काॅम्पलेक्स मोलीक्यूलर सिस्टम, जिसे किसी वाइटल फोर्स की आवश्यकता नहीं है।" यह जीवन की एक मनगढ़ंत परिभाषा है। यह बात सही है कि सभी आध्यात्मिक गुरुओं की बातें सब्जेक्टिव होती हैं। किन्तु यह भी सत्य है कि जीवन, चेतना, मन, विचार और भावना - ये सभी फिजिक्स केमिस्ट्री के विषय नहीं हैं। इस वीडियो में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर की गई बातें कितनी भी लुभावनी लगें, किन्तु उनका निष्कर्ष कुछ भी नहीं है।
एकदम सही कहा आपने
Correct koi uchch chetna se sampann vyakti hi Adhyatmik satyon ki vyakhya kar sakta hai
Right
यही बात तुम्हें समझनी चाहिए अगर तुम चेतना और आत्मा को विज्ञान के तर्कों से समझोगे तो विज्ञान के सवालों का भी जवाब देना ही पड़ेगा ।
और विज्ञान के बिना तुम्हारे धार्मिक ग्रंथों की रचना करने वालों ने समझाया लेकिन उन्हें सही साबित करने के लिए भी विज्ञान की जरूरत पड़ रही है इसका अर्थ विज्ञान के बिना धार्मिक मान्यताओं का ज्यादा महत्व नहीं दिया जा सकता।
मान्यवर, भौतिक विज्ञान के माध्यम से चेतना को समझने का दावा अभी तक यूट्यूब यूनिवर्सिटी के कुछ 'महान' वैज्ञानिकों ने ही किया है। दुनिया के किसी मान्यता प्राप्त वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान ने ऐसा कोई दावा आज तक नहीं किया है।
Waw sir very knowledgeable and deep concept of consciousness;
Sir पहले में साइंस को सिर्फ एक सब्जेक्ट की तरह पढ़ता था और धार्मिक पुस्तक और साइंस की थ्योरी को अलग अलग समझता था।
लेकिन अब पता चला सच तो कोई एक ही हो सकता है।
मेरे पसंदीदा विषय पर विडिओ बनाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर, अच्छा लगा कोई हिन्दी में इस विषय पर विडिओ बना रहा है, हमारे देश में विज्ञान से संबंधित लगभग सारे ही यूट्यूब चैनल बकवास करते है,।
जो कुछ नहीं,वही सब कुछ है,परम तत्व
इस से सब बनता है और इसी मे विलीन होता है❤
Superb explanation. Aap apne scientific point se thoda bhi edhar udhar bhatkakkar jawab nhi dete aur scientific chijo ko saral bhasa me samjha dete hai ye aapki bahut badi khasiyat hai. Aapko koti koti naman.🙏🙏🙏🙏🙏. Doing great work, keep it up forever.👍👍👍👍👍
😢
किसी चीज को खोजना ही उस खोज को जानने समझने का पहला कदम है बहुत ही लाजवाब विडीओ थी अर्पित सर जी 👍👍👍👍👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 धन्यवाद जी
Aham brahmasmi - I am the absolute pure consciousness.
th-cam.com/video/ntFtfo7N_rY/w-d-xo.htmlsi=dsL8oqSFi_HORAg_
@@gouravkgoswami9972 Ahambrahmasmi
" मैं नहीं हूं, सिर्फ ब्रह्म ही है।"
यह सोच भीतर के पुर्जे Hypothalamous pituitary adrenal cortex and medulla glands से unknown stresses को निकाल कर बाहर कर देती हैं और आनंद का अनुभव होता है यह अनुभव जब अनुभूति में परिवर्तित हो जाता है तब ब्रह्म की महिमा समझ आती है और यह अनुभूति लिखी बोली और पढ़ी नही जा सकती।
श्रीमान आप भारतीय दर्शन और साहित्य, विज्ञान से किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं लगते हैं I जो आधुनिक विज्ञान का आधारभूत स्थापना करते है।
नमस्कार 😊
किसी भी देश का दर्शन साहित्य और तकनीकी बिल्कुल बेकार है यदि वो लोगों को सही मार्ग ना दिखा पाये, लोगों में समरसता ना ला पाये
@@keshavvishwakarma8480 O Andhbhakt hai.
@@Ex-theist what is andhbakt?? Bina jane manna ya na manna bhi andhbhakti hai
bilkul sahi.. ye ek ucch koti ka gadha hai jise ghoda hone ka bhram hai !!
Kuch v likhne ke liye kuch mat likh diya karo.
Ye subject tumhare sich se pare hai.
Sir छोटा मुह बड़ी बात पर मुझे लगता है हमारा conscious होना ही यूनिवर्स के conscious होने का सबूत है
This is my personal opinion sir
नहीं ऐसे तो पत्थर को भी कॉन्सियस मानना पड़ेगा लेकिन पत्थर तो कॉन्सियस नहीं है क्योंकि उस पर न तो सर्दी ,गर्मी,या किसी मौसम के कारण कोई दर्द या स्वास्थ्य खराब होता है और न उसमें सजीव सेल्स है।
लेकिन पत्थर फिर भी हमारे ब्रह्मांड का ही एक हिस्सा है।
Ji पत्थर भी चेतन्य है
th-cam.com/video/mNUPwE7wn9o/w-d-xo.htmlsi=dFlBI4sKPw-BpTv7
जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि वेदों में लिखा है जो तू सोच रहा है वह भी सत्य है जो वह सोच रहे हैं वह भी सत्य है जो जैसा सोच रहा है जो जैसा है उसके लिए वही सत्य है ब्रह्मांड अनंत संभावनाओं से भरा हुआ है
आप की कमेंट बहुतही खुशी दिनेवाली लगी . समजनेवाला इससे बहुत कुछ समज सकता है. धन्यवाद.
वेदो पे रिसर्च करे तो सारे प्रश्न के उत्तर मिल जाएंगे.
@@devilstar7579 Ye sabse badaa jhoot hai. Padh ke dekh lo.
So true
Mai brahmaa hu..Mera adesh h tujhe meri tarah, tu apni beti ya kisi k sath rape jaisi kartut mat karna nahi to..is samay k kanoon police k hatthe chadh gya to relai bahut hogi..aur mai bhi tujhe nhi bachaa paunga jaise mere marg pe chalne vale asaram,ramrahim etc ko nahi bacha paya😫😫😫
Aapki jitni tarif kare kam hai sir. Thanks for all the scientific knowledge you have been sharing. Kaafi log jagrook huye hai aur andhvishwas bhi kam huaa hai 🙂
Mai IT me hu agar aapke is muheem me koi bhi jarurat pade to yad jarur kijiyega.
Bahut hi important topic par video hai apka
Aryavart regenerator ne iske videos ko debunk kiya hai
Wow. It's very amazing to find such videos in hindi.
Absolutely fascinating video.
मैं 37 साल का हूं पिछले 3-4 साल से यह सवाल मेरे दिमाग में छाया हुआ है और ऐसे कितने ही सवाल है लेकिन इसका सही जवाब शायद ही कभी किसी को मिले
पूरी वीडियो में इधर उधर का बहुत ज्ञान है मगर फिर भी यह नहीं स्पष्ट हो रहा कि चेतना कैसे उत्पन्न होती है?
सब वैज्ञानिक भी शायद यह शायद वो कर रहे हैं और धार्मिक भी यही कर रहे हैं यानी दोनों फिलहाल एक ही स्तर पर है।
जो तर्कवादी नास्तिकवादी ईश्वरवादी विज्ञानवादी परंपरावादी नही है वह पलायनवादी हो जाता है जिससे चिंतनशैली को अवसरवादी होने का विकल्प बना रहे।
Shandaar Video SIR🙏🙏🙏Dharmik logo ne Aatma ko abhi tak proof nahi kiya hai,Esliye unhone Aatma ko Consciousness se jodke Aatma ko proof karnr ki koshish ki hai,Jo Unscientific hai🙏
Please sir,If am I wrong correct me😇🙏
right 👍
Bhai agar tumhe pata nahi hai to pehle Upanishad padho , Bhagwad Geeta aur Brahmsutra padho aur Ashtawakra , Avdhut , Ribhu Geeta padho phir tum samajh paaoge ki Atman ka kya concept hai , kya sach me consciousness hai ya nahi hai.
Tumhari baat se to Aisa hi lagta hai ki tumhe nahi pata hai aur Aastha Mukti ke comment se bhi yahi lagta hai ki unhone nahi padhe hain Isliye pehle padho aur dono paksho ko samjho tab decide Karo.
Kyonki asli rationality to yahi hai ki hum dono paksho to theek se samjhe phir apna opinion de.
@@sangram8200 atma mane i am... That's it
@@oss8537 bhai ye log wo h jo dharma se door bhagte h .. inhe na geeta se mtlb h na upnishid se !
Good attempt at explaining 'consciousness' and 'awareness'. They are still very far from being understood completely but many take these two in explaining some complex situations in day to day life. When you take these two words to explain away some difficult questions of human behaviour, the listeners get confused and cannot counter you.
बड़े ही सयानेपन से आप अपने आप को प्रस्तुत करते हो ये कला कमाल की है आपमें।
विरोधी पक्ष की बातों को खालीपन का नाम देकर हल्का कर देते हो , that's great . Hat's off to you
Video me bahut hi achha vishay liya gaya hai usse bhi achha samjhya gaya hai isse bekti ko bahut kuchh sikhne ko milega_____( Jay Aastha Mukti Jay science journey Jay bharat )_____🙏🙏
आप कि बात उतना ही काल्पॉनिक है जैसे चेतना ब्रेन का विषय नहीं है!चेतना सब जगह अज्ञात रूप मे ब्यप्त है!जैसे बल्ब लाइट तो जलते हुए देखते है लेकिन इलेक्ट्रिक कि लाइन कहीं और जगह से आती है!हाँ ये सही बात है बल्ब ठीक होना चाहिए!तो उसीतरह मस्तिष्क ठीक होनी चाहिए उसका सिग्नेल पकड़ने के लिए!
@@gopalgope4032 चेतना conciousness का लेवल घटता बढ़ता रहता है।
उदाहरण
ओशो जी का प्रवचन सुना तो कभी घटेगा कभी बढ़ेगा
आचार्य प्रशांत जी को सुना तो बढ़ेगा।
किसी वैज्ञानिक को सुना तो ब्रेन को तौ साबित कर देगा परंतु माइंड अभी तक खोज नहीं पाया लेकिन माइंड को नकार नहीं सकता।
नमस्ते महोदय जी।
चेतना और परम चेतन सत्ता के संबंध सही दृष्टि और समझ बनाने के लिए आपका यह वीडियो बहुत बहुत ही सहायक है। आपके उद्देश्यपूर्ण प्रयास निश्चित ही सफल होंगे। आपको और आपकी टीम को बहुत ही धन्यवाद। आप सभी के स्वस्थ्य और आनंदित जीवन की कुशल मंगल कामनाएं करता हूं।
ज़ीरो को तो आधुनिक विज्ञान मानता है और जानता भी है और ये भी जानता है कि बिना ज़ीरो कोई वैज्ञानिक प्रगति संभव ही नहीं है सो ज़ीरो को कम्प्यूटर साइंस से लेकर मिसाइल टेक्नोलॉजी तक सब जगह विज्ञान प्रयोग मे लाता है l सो पुनर्जन्म कर्मफल आत्मा परमात्मा जो कि उन्ही लोगों की खोज है जिन्होंने ज़ीरो खोजा वो ज़ीरो की ही तरह से सत्य और सिर्फ सत्य ही है l
Agar sabkuchh science based hai to aapka mangal kamna ko kya matlab?
Bhai apke video se mujhe ye anuvab hua ki duniya var ke guru, or scientist jese apna apna sirf ek mat rakhte hain apne v apna ek mat hi rakha hai....samjha to ap v nhi paye mujhe...bt thnk uu prayas karne ke liye...hum bas yhi kar sakte hai
Very inresting and mind blowing video ,
❤जो जितना ज्यादा concious और अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार है,वो उतना ज्यादा सफल है❤
Dear Arpit I would like to ask you a question .
Where do we see a tree? Can we see the tree that may be outside or do we see a tree in our brain?
Matter itself has an element of illusion.
Debate per bahut hi achcha explanation dete hue kafi log najar aaye mujhe bahut behtar Laga unka main swagat hai tujhse Karta hua bahut kafi Anubhav hua mujhe
आपका कार्य महान है
आपके प्रयास और ज्ञान का स्तर हमेशा सराहनीय रहा है किंतु आप या विज्ञान उन चीजों को explain करते हैं जो कि already है ,और वो किस तरह से काम करती है ,किंतु जो हैं जिसकी आप महानुभाव ब्याख्या कर रहे हैं उन चीजों के पीछे कौन है, बाइक किस तरह से चलती है ये बताना और उसको किस बैज्ञानिक ने बनाया ,इसके पीछे कौन सा अविष्कारक है इन दोनों बातो में फर्क है
ठीक वैसे ही आपकी व्याख्या एकांगी है,
सद्गुरु रविशंकर और सिस्टर शिवानी या शंकर विवेकानंद से आप अभी बहुत बौने है
अनुरोध है कि summerise करते समय इसको audience के ऊपर छोड़ दे ।
अंध विश्वास तो ठीक नहीं किन्तु वैज्ञानिक और नास्तिकों का अंध अविश्वास भी ठीक नहीं बिना धर्म के पक्ष को जाने 🙏
Wahh kya comment hai 🙏♥️
jiske bare me aap bol rahe hai usne aap se jyada scriptures(dharmik kitabe ) padhi hai. apne to apni religious books bhi nahi padhi hogi aur yaha gyan baat rhe hai
Khas kar nastik log jo khud ko scientist se bhi jada samajhdar samajhne lagte hai bina kisi scientific contribution ke
@@RohitSharma-bg6zl tune dekha tha isko padhte hue ya bas kisi ne bol diya aur Maan liya andhvishwasiyo ki tarah kher padha toh osama bin Laden bhi tha wo bhi top university me par kiya samajh usme thi aur ye kaisa andhvishwas hai ki jo jada kitabe padhega wo utna knowledgeable aur samajhdar hoga Maine bohot dekhe hai jo chutiye hai kayi kitabe padhne ke baad bhi, dhiyan rakh knowledge sirf kitab padhkar nhi aati balki kisi chij ko kitni gehrai se samjha hai aur kisi ko kitni gehrai se aasani ke saath samjha sakte ho usse aati hai
@@RohitSharma-bg6zl usko atma ka matlab bolo... jarur pta nhi hoga
हम है तब ही ब्रह्मांड है हमारा ज्ञान सोच ही सब कुछ है यदि विज्ञान नही आती तो ब्रह्मांड हमे जो कहानी सुनाते वही होती तो हम जो सुनते हैं ज्ञान लेते हैं वो ही सच है हम कुछ भी चीज को देख रहें हैं वो अपने दीमांक से ही सोच रहे हैं जब हम मर जाते हैं तो ये सारी दुनियां हमारे लिए ख़त्म हो जाति है हमे नही पता होता की दुनियां में क्या चल रहा है तो हम है तब ही दुनियां है
This is really Good. I was not able to understand acharya prashant for a long time whenever he said that.
Yeah... But at last he conclude that... Consciousness is a product of brain... But that contradicts how plants work.... Why mimosa pudica(touch me not plant) give response without having any consciousness because they don't have brain??
I follow aacharya prashant❤❤
Very knowledgeable video,, Ek Athiest hi science ko sahi rastey mein le ja sakta haiii.... Dharam guru Astik toh kalponic kahani ki taraf homesha lete haiii...
पुनर्जन्म जो होता है उसके कारण क्या है ये science इस पर शांत है
This video kept reminded me of a few lines from a song by Sahir.
ये राह कहाँ से है, ये राह कहाँ तक है
ये राज़ कोई राही समझा है न जाना है
At one end is the reductionist science, notwithstanding its awe-inspiring discoveries, is not unanimous on big-bang, cyclic universe, multiverse; and where the very concept of space-time is being challenged. On the other hand is the deeply embedded subjectivity in the hard problem of consciousness that makes us wonder 'What it feels to be like a bat ' could ever find an objective answer.
This video presentation has far more depth than those mumbo jumbo being peddled by equating quantum / stream theory with spirituality / religion / meditation. Very nice!
Bahut hi Sandar video banaya hai sir 🙏_____( Apko naman Sir )______🙏🙏
Great Sir ji
I have a lot of questions that I can't find the answers to, but I've learned a lot from watching your video Newly opened my world ,, tnx dada,
congratulations on being brain washed. novices tendencies are always believe what they see or read at first but don't question
You r a good teacher that who understood science properly...and doing great job by teaching us...thanq so much bro💐💐💐
❤
Iss विषय को योग में बहुत अच्छे se bataya गया hai
Superb and great explanation 👍👌👌
Very much needed at this time when everyone is finding ways to take help of quantum mechanics 😀
Boson particles are highly unstable and can't create any long-lasting effect on mind.
I Waiting..... 🙋🏼♂️🙋🏼♂️
th-cam.com/video/mNUPwE7wn9o/w-d-xo.htmlsi=dFlBI4sKPw-BpTv7
Sir One question ,, Memmorization and Consciousness is Different If they Are same thing So We cannot Forget Anything what we Read, remember, write, etc.
""Shakti"" jo sab me hai , na hone se sab=0!!🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice explanation 👌 👍 👏
Sir you are amazing man
अच्छा समझाया आपने।
कॉन्शियस माइंड और सबकॉन्शियस माइंड दोनो एक दूसरे के संपर्क में रहते है।
🧠
Great thoughtful view in simple language ❤❤❤
Arpit,
आपका व्हिडिओ बहुत बेहतरीन और सायन्स बेस्ड है... मैने आपके बहुत व्हिडिओ देखे है और आपके सभी व्हिडिओ बहुत बहुत अच्छे है.. से भी ज्यादा अच्छे व्हिडिओ आर एक्स्पेक्टेड फ्रॉम यू... 19:40
Nice presentation sir g... maza aya dekhke aur samajhke.... aapka content ,waiting material hota hai.... 🙂
Astounding coverage 🌷🌷⭐💫
Thanks Arpit, as I always say, u hit the nail right on head.... Chetna Consciousness has been a long debate
One of the best speech.लेकिन सामान्य जनो के समझ से बाहर की बात है।
धर्म के ठेकेदार किसी न किसी रूप में कोई कुर्क्त व्याख्या लेके आते ही रहते हैं। उनको अपने अपने धर्म को अच्छा साबित करने के लिए किसी भी हद तक या कैसी भी उटपटांग कहानियां बनायेगे जिसको किसी साइनिटिफिक थ्योरी से जोड़ेंगे। आप ऐसे ही कार्य करते रहें सर आप का वीडियो बहुत ज्ञानवर्धक होता है।
धन्यवाद लव यू सर।।
Mein bhi ye comment karne aaya tha 😆
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा आत्मा ना पैदा होती है ना मरती है यह सिर्फ एक रूप से दूसरे रूप में बदलती रहती है और अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी कहा कि ऊर्जा ना नष्ट होती है ना पैदा होती है इसका सिर्फ रूप बदलता है और हमारे वेदों शास्त्रों में कहा गया पृथ्वी शेष पर टिकी है शेष एक संस्कृत शब्द है जिसे अंग्रेजी में space कहते हैं
हाँ तो ठीक तो है धर्म की रक्षा करने वाले ठेकेदार का होना बहुत जरुरी है क्योकि धर्म के बिना इन्सान सिर्फ दो पैरों पर चलने वाले जानवर की तरह ही है और विज्ञान सिर्फ अणु परमाणु की खोज कर सकता है लेकिन अणु परमाणु को गति प्रदान नहीं कर सकता हवा पानी मिट्टी पेड़ पौधे वैज्ञानिक नहीं बना सकते हैं और विज्ञान की जरुरत से ज्यादा खोज ही आज प्रकृति को विनाश की ओर ले जा रही हैं हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत पहले ही कहा था कि मनुष्य जितना प्राकृतिक जीवन जियेगा उतना सुखी और स्वस्थ होगा
विज्ञान ने जितनी सुविधा दी है उतनी ही दुविधा भी दी है लोगों को प्रकृति से दूर किया है विज्ञान ने लोग भोगी विलासी होते जा रहे हैं जिस कारण अधर्म और पाप बढ़ रहा है इन्सान को इन्सान सिर्फ़ सच्चा धर्म बनाता है इन्सान से ऊपर उठकर देवता के समान देवतुल्य बनाता है नहीं तो अधर्म बढ़ने पर लोग राक्षसों जैसा व्यवहार करने लगते हैं
विज्ञान कभी निश्चित रूप से कभी सत्य नहीं बता पाया है विज्ञान की theory भी बदलती रहती है इसे ज्ञान नहीं इसे अविद्या कहते हैं अंतरिक्ष के बारे में भी विज्ञान अभी सिर्फ अन्तरिक्ष का मुश्किल से 5% हिस्सा ही जान पाया है और वह भी कोई निश्चित रूप से नहीं जानते हमेशा उलझन में ही रहते हैं सभी वैज्ञानिक
I believe in power of universal consciousness as our upanishads has explained
विजय सदा धर्मविरो की होती है यही सोल का प्रभाव है परमात्मा का प्रमाण है
तो रावण राक्षस होकर भी केसे त्रिलोक विजेता बन गया।
मेघनाथ ने इंद्र को केसे हरा दिया ।
अगर विजय धर्मविरों की होती है तो राक्षस केसे स्वर्ग पर अधिकार कर लेते थे हर बार क्या देवता अधर्मी और राक्षस धर्मवीर थे ।
धार्मिक ग्रंथों में वर्णित बातों ने आज तक ईश्वर का अस्तित्व प्रमाणित नहीं किया।
I wish our youth get engaged in learning about such important topics. Thanks for sharing such important information so beautifully.
Absolutely great 👍👍👍👍
Sir aap ki knowledgeable video hote hain..
Quantum World ईश्वर के अस्तित्व की अनुभूति का वैज्ञानिक तरीका है। पलक झपकने में समय लग सकता है लेकिन समस्त ब्रह्माण्ड के उत्पन्न और गायब होने मे इतना समय नहीं लगता।
A great question and very truthfully handled . Very Stimulating. More so as it in Hindi .First time I have seen in Hindi. Looking forward for more in Hindi .Dhanayavad aur Namaskar.
Please make video on book recommendation for critical thinking
Refer Aagam jain theory for universal consciousness
Ye duniya ka sabse bada topic hai isase bada topic koi ho hi nahi sakta 🙏
Dear Arpit ji you have explained in decent way & awakening people best wishes. Jai Bhim 🙏🙏♥️♥️
Superb Video..
Arpit bhai is dedicated to Science and Rationalism..
स्वागत है सर
आधे से ज्यादा विडियो उपर से गयापर देखकर अच्छा लगा । 😌
Each and every element included in the periodic table has its own consciousness, starting with the simple and basic consciousness of Hydrogen to the highly complex consciousness of Oganesson (last element).
The complexities ascends as the atomic number of the element increases and the consciousness of any material or an organism is the collection and interaction of different elements present in it.
Consciousness is like a music played using different musical instruments at the same time..
Now try to find the musician ...
Wow superb 👏👏
there is no proof that every element has its own consciousness. It has its properties, but it can't be said it has consciousness
@@liebuster-u2f We still don't have devices to prove many of the natural phenomenon. First there are imaginations, later hypothesis then proving, then disproving and so on ... The weird cycle is going on.
@@ahshaikh711what do you mean we should bot research. Just blind fillow things
Quantum Mechanics will explain everything 💯
Awesome 👍 Sir jee
सर आपका वीडियो बहुत ही सराहनीय
Thanks
Bhut khoobsurt
सभी नास्तिक भाइयों से निवेदन है कि आप मेरे इस प्रश्न सूची को कॉमेंट के माध्यम से और बड़ा करने का कष्ट करें । जी धन्यवाद 🙏🏻
Way to Atheism
1. ब्रह्माण्ड का निर्माण कैसे हुआ? ब्रह्माण्ड कितना बड़ा है?
(विज्ञान के अनुसार)
2. ब्रह्माण्ड का निर्माण कैसे हुआ?
(धर्म ग्रंथों के अनुसार)
3. जीवों की उत्पत्ति और उनका विकास कैसे हुआ?
(विज्ञान के अनुसार)
4. जीवों की उत्पत्ति और उनका विकास कैसे हुआ?
(धर्म ग्रंथों के अनुसार)
5. देवी-देवता, भूत-प्रेत का कॉन्सेप्ट क्यों और कैसे आया?
6. धार्मिक ग्रंथ या आसमानी किताबों की सच्चाई क्या है? ये कब और क्यों लिखे गये?
7. आखिर इन धर्म ग्रंथों या आसमानी किताबों में लिखा क्या गया है और वे कितने हद तक तर्कपूर्ण हैं?
8. रामायण, महाभारत, गीता(जो कि महाभारत का ही पार्ट है), चारो वेदों का सार, सभी 18 पुराण, मनुस्मृति, सत्य नारायण की कथा, त्रिलोकीनाथ की कथा, क़ुरान, बाइबिल सहित अन्य धर्म ग्रंथों में आखिर कहा क्या गया है? और ये कितने लॉजिकल हैं?
9. संस्कृत भाषा कब अस्तित्व में आई? यह भाषा कितनी पुरानी है?
10. हिंदू धर्म क्या है? यह कितना पुराना है?
11. ऑर्कियोलॉजिकल एविडेंसेस से मूर्तियों, धर्म ग्रंथों तथा संस्कृत भाषा के विषय में कौन-कौन सी बातें पता चलती हैं?
12. इस्लाम धर्म की शुरुआत कब और कैसे हुई? इस्लाम धर्म की मान्यताएं क्या हैं?
13. धर्म क्या है? क्या जीवन जीने के लिए किसी धर्म की आवश्यकता है?
14. अगर धर्म नहीं होता, छुआ छूत नहीं होती, भेदभाव नहीं होता तो ये समाज कैसा होता?
15. ईश्वर को मानने या ना मानने से क्या फर्क पड़ता है?
16. व्यक्ति नेचुरली नास्तिक क्यों नहीं होता?
17. ईश्वर/अल्लाह/गॉड के प्रति लोगों के विश्वास इतने दृढ़ होते हैं कि वो किसी भी काल्पनिक कथा को सत्य मानने लगते हैं जबकि वैज्ञानिक तर्कों को नकारने लगते हैं जोकि बिल्कुल मूर्खतापूर्ण है। प्रत्यक्ष विज्ञान को नहीं मानते जबकि अपने धार्मिक ग्रंथों से जबरजस्ती विज्ञान ढूंढ कर लाते हैं। ऐसी मानसिकता का जड़ क्या है?
18. लोगों की भावनाओं को आहत किये बिना उन्हें तार्किक कैसे बनाएं?
19. वे कौन कौन से प्रश्न हैं जो आस्तिकों से बात शुरु करते समय पूछने चाहिए?
20. जाति प्रथा की शुरुआत कब , क्यों और कैसे हुई? धार्मिक ग्रंथों में जातियों के बारे में क्या कहा गया है?
21. रिजर्वेशन क्यों जरूरी है? रिजर्वेशन क्यों दिया जाता है? रिजर्वेशन का सम्बन्ध वर्ण व्यवस्था से किस प्रकार है? गैर संवैधानिक रिजर्वेशन का क्या अर्थ है?
22. वे कौन कौन सी किताबें हैं जिन्हे हर एक नास्तिक को अवश्य पढ़ने चाहिए?
23. न्यूरो साइंस क्या कहता है शरीर और मस्तिष्क के विषय में?
24. विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के मत क्या हैं मानव व्यवहार के विषय में?
25. चेतन अचेतन क्या है?
26. Near Death Experience क्या है?
@Mukesh Kumar अगर आपके ए प्रश्न का जवाब मिल जाए तो, एलोन मस्क इतने सारे प्रोजेक्ट नही करता, बिलगेट्स विंडोज नही बनाता, स्टीवजोब्स इतना अच्छा फोन नही बना पाते ओर आइंस्टाइन - न्यूटन जैसे ओर सारे लोग इस दुनिया मे इन्सानी शरीरकी सुख-सुविधा बढाने के लिए कुछ भी नही करते और नाही कर पाते. तो इसलिए ऐ सब-कुछ सायन्स को फिजिकली जानने की कोई जरूरत नही है. ((अध्यात्म - विज्ञान) दोनो कॉन्सपेट अलग-अलग है, like a Observer effect 11:05)
th-cam.com/video/9EkdW8a2_68/w-d-xo.html
तर्क ही, सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं हो सकते हैं। सच्चे आस्थावान होकर,यानि बैतुके तर्कों को छोड़ दोगे, तो व्यवस्था, जो कि तर्कों पर निर्भर होती प्रतीत होती है, अपने आप हो जाती है।
👍👍... Fantastic... I hve never been a science student bt quarries had always been there in mind taking quantum entanglement.. black holes etc..nw a good explanation we have got abt consciousness .. thanks.
Sir mai khud ek science ka student hu but sareer me kuchh aisi sakti hai jaise o nikal jati hai admi ki maut ho jati hai
बेसिक अझमसन सबका अलग-अलग होता है।उसी से अवचेतन मन तय्यार होता है और कुछ नही ये किसी सुपर पावर का कमाल नही है।अगर ऐक जैसा ही होता तो बाप बेटे की थिंकीग ऐक जैसे होती।सदगुरु सभी शिष्य समान ज्ञान देते है,पर उनके जैसा शिष्य नही बन पाता
Thankyou
नमस्कार अर्पित जी, मेरे कुछ सवाल है कि दुनिया मे कितने डाइमेंशन है? हम तीसरे डाइमेंशन में है तो पहला दूसरा डाइमेंशन कहा है ? क्या इन डाइमेंशन में रहने वाले एक दूसरे को प्रभावित करते है? पहले ओर दूसरे डाइमेंशन के वास्तविक उदाहरण दे सकते है? आपके जवाब का इंतजार है ।धन्यवाद
Don't get offended but you seems to be clearly biased to logically prove that consciousness is false. You are not open minded enough to consider the possibility. I am an atheist too but i have an extremely open minded perspective to view world. I keep no biases. My second problem with your approach is that you view science as a complete method. I agree with most of your points and I only acknowledge the factual reality. But there are some GREAT UNKNOWNS in life. It's our ego that has a bias that we can prove anything factually and logically and scientifically without ever considering the possibility of our limitations. And scientists themselves keep complete faith in science and it's utility without ever considering it's actual limitations. The ego needs to be dropped to be truly unbiased.
Wah sat sat naman
i m one dought ...aakhir universe ka matter kaha se aayaa??
energy ka koi starting and ending point nehni hai sayad. Lekin ye thoda confusing hai na 😅
Same here .. vo bhi itna sara
जड़ शरीर < इन्द्रिया < मन < बुद्धि < आत्मा | जड़ शरीर को 10 इन्द्रिया, इन इन्द्रियों को मन, और मन को बुद्धि चलाती है और बुद्धि को आत्मा प्रकाशित करता है.| आत्मा ही परम चेतन है इन सबमे
There is no soul in body or brain or mind .
@@rupeshkumaryadavv Then How our Body running??
@@akhandbharatrajupaswan123 Body controlled by mind or brain function through Electric Impulses or biochemical compound.
कॉनशसनेस पुरी तरहसे ब्रेन का फंगशन नही है.. कुछ और है लेकिन पता नही.. क्यू कि सपने मे हमे future कि कोई घटना हमे दिखती है बहुत कम समय के लिए.और चेतना को पता होता है हमारे आस पास क्या हो रहा है... लेकिन ये सब तब होता है जब हम शांत और समजदार हो..
Sir iam a medical laboratory scientist, in AIIMS hospital
एक परमात्मा, दूसरी उसकी माया, और कुछ नहीं है इसके अलावा
Yes,
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" नासतो विद्यते भावों, नाभावो विद्यते सत: " = गीता
जिसकी सत्ता है उसका कभी अभाव नहीं होता, और जो नहीं है उसकी सत्ता है ही नहीं |
देखिए चेतना का स्रोत सूर्य से भी कोषों दूर है। जैसे बिजली का बल्ब है और वायर भी है ये मनुष्य द्वारा बनाया गया । जहां बिजली उत्पन्न हो रही वो स्रोत है
उदाहरण जैसे बल्ब फ्यूज होना मृत्यु है लेकिन लाइट का स्रोत कितनी दूर है
वैसे ही चेतना है।
वैज्ञानिकों का बहुत सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह भी उच्च कोटि के ज्ञान के धनी हैं हम हमेशा विद्वानों का सम्मान करेंगे।
जो चेतना हमारे शरीर को चलती है वही चेतना पूरे ब्रम्हांड को चलती है जबकि ये शरीर और संसार एक यंत्र मात्र हैं, जो व्यक्ति जितना अधिक उस चेतना का अनुसरण करता है वो व्यक्ति उतना अधिक अपने शरीर और संसार को नियंत्रित करता है
Ji पत्थर भी चेतन्य है
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आपके ओवजर्वेशन एवम् एक्सप्लेनेशन बहुत क्लियर होते हैं। आपने विज्ञान को बहुत गहराई से पढ़ा है, इसलिए आप विज्ञान से ही हर रहस्य को सुलझाने के लिए आगे रखते हो। आपको अध्यात्म का भी ठीक से अध्यन करने के बाद explanation देना चाहिए। क्योंकि अध्यात्म भी विज्ञान ही है। खास तौर से दर्शन शास्त्र जिनमे चेतना एवम् परमात्मा के होने न होने के बारे में बहुत सैद्धांतिक रूप से बताया गया है जो आसानी से समझ में नहीं आता। इसमें किसी भी अंधविश्वास से हटकर ईश्वर के होने को एवम् उसके न होने को सिद्ध किया गया है। यह बिल्कुल ही ओपन विषय है जिसे आधुनिक विज्ञान के तरीकों से समझने के लिए कोई रोक नहीं है, उसे नास्तिकता नहीं माना गया है।
हो सकता है अध्यात्म विज्ञान एवम् आधुनिक विज्ञान के कॉम्बिनेशन से चेतना एवम् ईश्वर को समझा जा सकता है।
मुझे लगता है आपको विज्ञान का गहरा ज्ञान है, एवम् अध्यात्म का सतही ज्ञान है। उम्मीद है आप अध्यात्म को भी गहराई से एक्सप्लेन करेंगे।
Great Explanations... Brilliant... Thank you sir and Best of Luck... 😊🙏
9:00 because its the subject which is observing
14:28 The source is of a product, it's not a product of something. It's all that exists.
🙏🙏🙏👍👍👍👌👌👌👌👌💯💯🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 sir aap bahut vidwan hai aapke pass science ka acha Gyan hai ky mai Jaan sakta hun ki aapka profession ky hi
श्रीमान जी आपको मानना सही लगता है कि पत्थर में भी जीवन होता है पत्थर की भी उम्र होती है सभी तत्वों की उम्र है
Ji sahi kaha aapne
Ji पत्थर भी चेतन्य है
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💐💐बहुत ही शानदार जानकारी, Love you sir💐💐
Really appreciate the humility of not knowing.
It is those who give an unquestionable answer, have the highest egos.