बहोत बहोत आभार होकम वर्तमान मे फेलायी जा रहि भ्रांतिया को दुर करने हेतु प्राचिन काल से हमारे सम्बन्ध राजपरिवार से रहे है चाहे वह मेवाड रियासत हो या मारवाड आपको हृदय से पुन: धन्यवाद 🙏जय माता जी
आदरणीय नरुका साहब 🙏जय चारभुजा नाथ जी री अर्ज वेवे! आप बसेठ बिराजते हो जानकर अच्छा लगा आपके भाई श्री जितू बना बसेठ से मैरा परिचय हे! यहाँ इस विडियो के माध्यम से आप दोनों सिरदारो की....राव सिरदारो पर ऐतिहास परक चर्चा सुनी तो लगा की मुझे आपसे राव सिरदारो के विषय मे कुछ बात साझां करनी चाहिए !आपने यहा राव सिरदारो को राव राजपूत संबोधित किया हे ! आपको एक अर्ज करना चाहता हूँ की सतयुग मे प्रजापालक भगवान् विष्णु जी ने पहले पहल मानव शरीर धारण कर लिया गया वराह अवतार जो की भगवान् विष्णु जी का सतयुग में तिसरा अवतार था ! उस प्राचीन काल सतयुगमें भी राव सिरदारो की उपस्थिति दर्ज हे इसलिए हम आदुराव (आदि वराह कहलाते हैं) भगवान् श्री विष्णु जी के वराह अवतार से ही हम आदुराव राव टाईटल से जाने जाते हे वराह का ही अपभ्रंश राव हे! आदुराव =आदि वराह का शाब्दिक अर्थ यह होता है कि जिस प्रकार भगवान् श्री विष्णु जी ने वराह रुप धारण कर भूदेवी पृथ्वी की रक्षा राक्षसराज 👹😈 हिराण्क्ष से की थी वो भूदेवी पृथ्वी को पाताललोक के रसातल मे लेकर गया था ओर भगवान् श्री विष्णु जी ने वाराह ( राव) रुप लेकर भूदेवी पृथ्वी को रसातल पाताललोक से बाहर निकाला था ! ठीक उसी प्रकार हम आदुरावो ( आदि वराह) ने सनातन संस्कृति धर्म की रक्षार्थ अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था! हमारे पुरखे सतयुग कालीन प्राचीन भट्ट यौध्दा हे! ओर मैरा आपसे एक ओर निवेदन हे की जेसे आपकी प्राचीता आपके द्वापर युग में भगवान् विष्णु जी के सातवे अवतार रघुनंदन भगवान् श्री राम❤ के संबोधन रुप में जय रघुनाथ जी फरमाने से होती है ठीक वेसे ही हमारी उपस्थिति बताने के लिए हम राव सिरदारो मे जय चारभुजा नाथ जी के संबोधन से अवगत होती है! जय चारभुजा नाथ जी के संबोधन के पिछे भी ऐतिहासिक तथ्य हे सतयुग में ही एक ओर राक्षस👹 हुआ था हिरण्यकश्यप जो हिर्णाक्ष का ही भाई भतीजा था! उसका भी बहुत आतंक था वो आम जनता को भगवान् का नाम व भक्ति नही करने देता था उसके घर मे प्रभु भक्त प्रहलाद जी का जन्म होता है ओर वह भगवान् श्री विष्णु जी का परम भक्त था उसको तरह तरह से यातनाएं दी लेकिन प्रहलाद जी ने प्रभु भक्ति नही छोडी तो उसको बचाने स्वयं भगवान् श्री विष्णु जी ने नृसिंह अवतार ( श्री विष्णु जी का चोथा अवतार) लिया था! उस दोर मे हिरण्यकश्यप का संहार करवाने ओर भक्त सिरोमणी प्रहलाद को बचाने के लिए आदुराव सिरदारो ने एक युक्ति निकाली थी क्योंकि राक्षसराज हिरण्यकश्यप चार लोगों को आपस में बतियाने नहीं देता था बात करते देखने पर कठोर दंड देता था! हम भट्ट योद्धा आदुराव सिरदारो ने तरकीब द्वारा दो लोगों को आपस में गले मिलकर एक दुसरे की भुजाओं से गले मिलाकर राक्षसराज हिरण्यकश्यप को मारने की अपनी गुप्त योजना एक दुसरे नगर के योध्दा ओ ओर प्रभु भक्तों तक पहुँचाई थी दो भुजा मैरी ओर दो भुजा सामने वाले की इस तरह चारभुजा हो गई थी इसी बहाने भगवान् का गुप्त रूप से रखा गया नाम भी ले लेते थे ओर राक्षसों को कानों कान खबर भी नहीं लगती थी! इसलिए उस सतयुग कालिन घटना से हमारा आदुरावो का सिधा संम्बंध हे! उस काल से ही हम प्राचीन भट्ट लोग योध्दा थे उसी सतयुग कालिन युध्द कला मे निपुणता होने का अनुभव के कारण हमे शस्त्र ओर शास्त्र के ज्ञाता कहा जाता है हम आज भी जय चारभुजा नाथ जी कह कर ही समाज की जाजम पर एक दूसरे के गले मिलते हैं! ⚔️🕉⚔️ बस आगे मिलने पर ओर चर्चा होगी 🙏 जय चारभुजा नाथ जी री💐
इसी अनुभव के होने से कुनबा बढने से ओर राजकाज में निपुणता होने से कालांतर में क्षात्रकर्म करने हेतु हमे शस्त्र ओर शास्त्र की शिक्षा दिक्षा देने हेतु सबसे उपयुक्त समजा गया है इसलिए आज भी हमारे आसपास के क्षत्रिय हमे राव भाबा हुकम क्ष(बडा भाई) कहकर संबोधित करते हैं ओर मैरी ओर डा. साहब श्री राव अजित सिंह की मुख्य पहचान गोत्र एक ही है हम दोनों वडंग ( वेदांग) गोत्रीय राव है! कुछ त्रुटि होवे तो क्षमा करावे 🙏 धन्यवाद
@@aaravsinghranawat8246 मत मानो उनके मानने न मानने से राव सिरदारों का अस्तित्व कम नही होगा ,राजपूत एक जाती है वैसे हि राव भी एक जाती है योद्धा की जाती जिसने सेकड़ो निर्णायक युद्ध लड़े है,ब्राह्मण एक जाती है ,वैसे हि राव सिरदार एक क्षत्रिय जाती है परन्तु वंश लेखक बड़वा जाती नही है वो भी राव लिखते है परन्तु अलग है वो राव सिरदारो से
बिलकुल सत्य हुकूम और वही कई राव सिरदारो ने राजवंशों के साथ मुख्य भूमिका असंख्य युद्धों में बलिदान भी दिए है जिनके कई तथ्यो पे कार्य हुआ है और आगे निरंतर चल रहा, ये वंश प्राचीन काल से ही निरंतर राष्ट्र सेवा मै राजवंशों के साथ समर्पित रहा है
= साब , आपने बहुत अच्छी जानकारी दी , इसके लिए धन्यवाद, कृपया ऐसी जानकारी देते रहें........! ऐसी जानकारियां , कथाओं , दंतकथाओं,उपमाओं, पदवियो , जातिय महिमाओ_ व्याख्याओं , जातिय विश्लेषणों , ब्रह्मण , कुल गुरू _ब्राह्मण , पुरोहित , पंडा , भाट, बही भाट _ राव, भट्ट , राव , राय , चारण , बारहठ , ढाढ़ी , लंगा , राणा , दायमा , ढोली , भांड, मांगणियार .... द्वारा श्रुत _ गाई महिमाओ , कथाओं, ख्यालों , बखानो .... में कुछ _ कुछ भारत का पुरा_ इतिहास छिपा होता हैं , जोकि इतिहास में जानकारी, रूचि , शोकिंता रखनेवाले को अच्छा लगता हैं..... लाभ मिलता हैं.....?
@@धवल-त4व भाई जी मेरे लिए बिश्नोई समाज भी पूजनीय है राजपूत समाज भी पुजनिय है किंतु नरुका जी केवल selected फैक्ट ही क्यों अपने समाज के सामने लेकर आते हैं इससे आपत्ति है बाकी नरुका जी भी मेरे लिए सम्मानित है।
बिल्कुल सत्य है लेकिन लोग स्वयं सत्य ग्रंथो को पढ़ते नहीं है और पूरी जानकारी न रखते हुए भी प्रेस करने लगते हैं जिस दिन वह सत्य को पड़ेंगे तो सब कुछ जान जाएंगे और अपने इस अज्ञान पर शर्मिंदा होंगे लेकिन उसके लिए सत्य जानकारी लेनी होगी स्वयंको जो भी बेवजह बहस करते हैं।
rajput kaisy kshatri ho sakta hai ku ki wo bidesi hai jis ka bans sak hun aur muglo ka mix khoon ho Aaj vi lakho croer muslim rajput miljayga wo brabar you tub per aaker bolta hai ham to muslim rajput hai / bharat ke savi logo ne dekha hoga fir vi isy lajja ya saram nahi aati hai /sale jodhabai ke Ganda khoon dub maro gandi nali me/ aaj koi vi duniya me dekha do ki kshatri apna dharam badla ya apni bahu ya betiya muglo ka bistar garam kar ne ke liye diya hai /koi sanatan bhai ko pata hai to btaye ga inam diya jayega
My best wishes for your channel very interesting information about Rao sardar and Rajaput research your communities history and highlight on it's future thanks
Aaj apki phli video dekhi hukum or itna acha pryas kshtriya dharm ko jivit rkhne ka aap kr rhe h uske liye dil se dhanyavaad hukum. Apka channel subscribe kr rhe h or apke parivaar se jud rhe h ❤❤❤❤❤ Jai Rajputana from bihar hukum
गुरुदेव विज्ञान का युग है, प्रजातंत्र संपूर्ण मानव कल्याण का मार्ग है, सभी जानते हैं, इसलिए श्रेष्ठ बनिये लेकिन भ्रम मत पालो की हम ही श्रेष्ठ हैं, अच्छा काम करेगा उसे सम्मान करो, जब आप किसी का सम्मान करेंगे तभी कोई आपका सम्मान करेगा, 800 साल की गुलामी के बाद जो हम स्वतंत्र vataawaran मे श्वास ले रहे है, जो मेहनत करेगा वह आगे बढ़ेगा, ओलंपिक मे मेडल भी लायेगा, बाकी बातों से कुछ नही होता
1892 में जोधपुर स्टेट द्वारा एक पुस्तक प्रकाशित हुई थी वो थीं मरदुमशुमारी राज़ मारवाड़ उसमें भाटों की नौ न्यात का उल्लेख आता है उसमे सबसे उपर शासनिक शब्द आता हैं आखिर यह शासनिक कौन हैं?? यह समझ में नहीं आ रहा है। क्योंकि मारवाड़ के शासनिक ही मेवाड़ में जाकर राव राजपूत, क्षत्रीय राव राजपूत, जागिदार राव, कंही कंही दंसौधी राव बन जातें आखिर यह लोग हैं कौन?? अगर यह वाक्य राव राजपूत हैं तो इनसे अनुरोध है कि यह लोग OBC का लाभ लेंना छोड़ दे।
Obc ka laabh bhai bht sare rajout jati k log lete aa rhe h alag alag states m jaise rajasthan ka hi dekhlo ravana obc m hi aate hai mp m bhi. Karnataka m bhi obc hi h rajput caste k log
आदरणीय अध्यक्ष जी प्रणाम और पूज्य राव साहब को शत शत प्रणाम ऐसी 2:262:282:302:31 क्षत्रियों के संबंध में ऐसी जानकारी का हमें अभाव था हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं थी इस जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय अध्यक्ष आदरणीय अध्यक्ष जी इस पोस्ट डालकर क्षत्रियों को अपडेट करते रहे मेरा आपसे निवेदन है क्षत्रिय अपनी को भूल जाएगा कि हमारा इतिहास क्या है और हम क्या है जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
I am Parmar rajput my grandfather always tell stories..he also mention that we are not from Bihar we travel from Rajasthan... From mount abu.. I was very small at that time now he is no anymore with us.. but I only remember rajasthan and that place name only...
Ye nahi bata layega , jab padmavati ka aandolan chal raha tha wo chatriyo ka pratinidhitv kar raha tha or ye pith piche bolte hai wo chatriy nahi hai inhe bata do jo ye sanatan ko represent karke chatriy ban rahe hai wo bharat me aakela aadmi hai jo sanatan ko phle rakta hai ek baar ramnavmi par hydrabad ghoom lena sab pata chal jayega . Or pure bharat me sanatan ke liye sher ki tarah kaam karta hai .
Or name pata karne hai to bata dunga wo kon tha ram mandir ke liye jisne apni c.m kursi ko lat mar di thi uski jati kya thi or uske karan mandir bana or bata dunga 1842 ki kranti kin ke kandho par ladi gayi thi wo bhi bata dunga . Bahut raja maharaja hai yaha .
@@Lakhanrajsinghsurajgarh हमारे यहां राव बड़वा जी होते हैं जो वंशावली लिखते हैं और उसके अलावा कुछ ऐसे राव जी है जिनको राजतंत्र में एक आधा गांव दे दिया जाता था लेकिन वो भी राव समाज में आते हैं महोदयजी आप के यहां की मुझे जानकारी नहीं है
@@RajendraSingh-ej3ew हां जी। राव सिरदार सर्वव्यापी नही है। इनकी जागीरे मुख्यता दक्षिणी पश्चिमी राजस्थान एवम् गुजरात में है। आज तो बड़वाजी, चंडीसा भाट, सभी द्वारा राव का प्रयोग होता है इसलिए बहुत लोगो को जिनके वहा राव सिरदारो की जागीर नहीं है उनमें ये भ्रांति फैली हुई है की ये सब एक ही है। विडंबना तो ये है की ये जातियां खुद को राव सिरदारो से जोड़ती है अब। वे OBC का आरक्षण भी लेते है एवम् स्वयं को सिरदर भी बताते है। राव सिरदार रियासती राज में ताजीमी जागीरदार हुआ करते थे। और इस जाति का उदय ही क्षत्रिय राजवंशों की सुरक्षा के लिए हुआ था। प्रजातंत्र में इतिहास को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है। आरक्षण लेने वाली जातियां अपने आप को उच्च जातियों का बताती है। राजपूत शासकों को जाट गुज्जर बताया जा रहा है। राजपुरोहित के बारे में अभद्र टिप्पणियां की जाती है। शासनिक राव सिरदारो का इतिहास बड़वा भाट खुद का बता रहे है। चारण सिरदारो को भीख मांगने वाला भाट बोला जा रहा है। दुखद बात है हुक्म।
आप बहुत ज्ञानवर्धक है क्षत्रियाणी के गरब से जन्म क्षत्रिय राजा महाराजा दुआरा उपादी भी राव राजा है जोधपुर माहाराज हनवत सिह के जूबेदा पुत्र को भी राव राजा से नवाजा गया जय श्री राम
जातियाँ कर्म के अनुसार बनती हैं जो विद्या देते हैं वो पंडित थे जो सर्व समाज की रक्षा करते हैं वो क्षत्रिय थे हैं और रहेंगे और जो उस समय लड़ने में रुचि नहीं रखते थे दुकान चलाते थे वो बनिया है रहेंगे और जो लड़ने से डरते थे वो अन्य है वो अब आरक्षण मिलने के बाद क्षत्रिय बनना चाहते हैं वो क्षत्रिय नही बन सकते कहने को कोई भी कुछ भी कहे कर्म और सोच जातिया बता देती है
राम राम जी, मैं जानना चाहता हूं कि क्या क्षत्रिय होने के लिए राजपूत परिवार मैं जन्म हो ये ही नियम है या आज जो sc बिरादरी मैं जन्मा है व भारतीय सेना मैं गौरव शाली सैनिक है वो भी सच है या क्षत्रिय है?
यदि सैनिक क्षत्रिय हो तो मुस्लमान, इसाई आदि सैनिक भी क्षत्रिय हुए पर क्षत्रिय होने के लिए सिर्फ सैनिक होना काफी नहीं है | क्षत्रिय कुल में जन्म लेना आवश्यक है ज्यादा जानकारी के लिए गीता पढ़ें |
यह क्षत्रियों का चैनल ह भाई ये किसी से लेने देने का काम नही करते यह क्षत्रिय समाज का चैनल ह ये आपको तोल देंगे आपकी क्या बिसात ह देने की तेरे शरीर के वजन का सोना तोलने की औकात रखता ह यह चैनल ओके तेरी मानसिकता सुधार ले थोड़ी नही तो जूते खा लेगा
एक वशिष्ठ ब्रह्मा के पुत्र हैं, दूसरे इक्क्षवाकु के काल में हुए, तीसरे राजा हरिशचंद्र के काल में हुए और चौथे राजा दिलीप के काल में, पांचवें राजा दशरथ के काल में हुए और छठवें महाभारत काल में हुए। पहले ब्रह्मा के मानस पुत्र, दूसरे मित्रावरुण के पुत्र, तीसरे अग्नि के पुत्र कहे जाते हैं।
Bilkul sahi kaha aapne 💯⚔️ naruka sahab 🙏🏼 JC Nehru ka Sahab ne pahle bhi kaha ki shtriyon ki sabhi shakhaon ko ek shtriy jhande ke niche apni vinati karani chahie aur sirf chhatriy ke naam se hi ginti karani chahie kyunki ham ek hi hain alag alag ginti na karvayen ek sirf shtriy hi ginti karvayen 💯 🙏🏼
mall, sakya, licchavi , maurya ye purane khastriya hai ..inhi logo ka hi mahabharat kaal aur usse bhi pahle se information milti hai sastro aur purano se. volga to ganga ....badhul mall , kaushal raja prasenjeet ...etc ..... history mein kuch samay mein bahut kuch shodh hone chahiye ....
Sun is a Yaksh Energy which is a nature based masculine energy. In Hinduism we praise the Nature Gods that is the Sun, Moon, Mangal( Mars) , Brahspati, and our Mother Earth. Sun is a warrior itself that is why Kshtriyas praise the Sun 🌞 . People who followed celebacy opened all their chakras and went into Brahmananda. During Brahmananda they came to know about all the knowledge of this cosmos. These people were the 7 Rishis. All the Human beings are the blood lines of those 7 Rishis. That is the reason we praise them. Some Kshatriyas are described as having recieved guidance or blessings from the Rishis and some texts refer account to Rishis being born into Kshtriya family. In this case you may call that Brahmins and Kshtriyas as brothers. हर्षित झा ज़िला मंत्री, विप्र सेना , अजमेर
संक्षिप्त और सटीक जानकारी के लिए राजेंद्र सिंह जी नरूका और राव अजीत सिंह जी नारलाई को बहुत बहुत धन्यवाद
जय माता जी की सा
जय माता जी पुराणे साहित्य मे नही है ;यह कब से प्रयुक्त हुआ। नव पीढी की जानकरी के लिए
गजब की जानकारी दी है आपने, सत्य बात बताई आपने, मान गए
बहोत बहोत आभार होकम वर्तमान मे फेलायी जा रहि भ्रांतिया को दुर करने हेतु प्राचिन काल से हमारे सम्बन्ध राजपरिवार से रहे है चाहे वह मेवाड रियासत हो या मारवाड आपको हृदय से पुन: धन्यवाद 🙏जय माता जी
नरुका साहब का दिल से धन्यवाद जिन्होंने सत्य को सभी के सामने व्यक्त किया.
जय राजपुताना
राजेंद्र सिंह नरूका जी कोटि कोटि प्रणाम है आपको
जय जय राजपूताना
Very nice information kakosa hukum
आदरणीय नरुका साहब 🙏जय चारभुजा नाथ जी री अर्ज वेवे! आप बसेठ बिराजते हो जानकर अच्छा लगा आपके भाई श्री जितू बना बसेठ से मैरा परिचय हे! यहाँ इस विडियो के माध्यम से आप दोनों सिरदारो की....राव सिरदारो पर ऐतिहास परक चर्चा सुनी तो लगा की मुझे आपसे राव सिरदारो के विषय मे कुछ बात साझां करनी चाहिए !आपने यहा राव सिरदारो को राव राजपूत संबोधित किया हे ! आपको एक अर्ज करना चाहता हूँ की सतयुग मे प्रजापालक भगवान् विष्णु जी ने पहले पहल मानव शरीर धारण कर लिया गया वराह अवतार जो की भगवान् विष्णु जी का सतयुग में तिसरा अवतार था ! उस प्राचीन काल सतयुगमें भी राव सिरदारो की उपस्थिति दर्ज हे इसलिए हम आदुराव (आदि वराह कहलाते हैं) भगवान् श्री विष्णु जी के वराह अवतार से ही हम आदुराव राव टाईटल से जाने जाते हे वराह का ही अपभ्रंश राव हे! आदुराव =आदि वराह का शाब्दिक अर्थ यह होता है कि जिस प्रकार भगवान् श्री विष्णु जी ने वराह रुप धारण कर भूदेवी पृथ्वी की रक्षा राक्षसराज 👹😈 हिराण्क्ष से की थी वो भूदेवी पृथ्वी को पाताललोक के रसातल मे लेकर गया था ओर भगवान् श्री विष्णु जी ने वाराह ( राव) रुप लेकर भूदेवी पृथ्वी को रसातल पाताललोक से बाहर निकाला था ! ठीक उसी प्रकार हम आदुरावो ( आदि वराह) ने सनातन संस्कृति धर्म की रक्षार्थ अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था! हमारे पुरखे सतयुग कालीन प्राचीन भट्ट यौध्दा हे! ओर मैरा आपसे एक ओर निवेदन हे की जेसे आपकी प्राचीता आपके द्वापर युग में भगवान् विष्णु जी के सातवे अवतार रघुनंदन भगवान् श्री राम❤ के संबोधन रुप में जय रघुनाथ जी फरमाने से होती है ठीक वेसे ही हमारी उपस्थिति बताने के लिए हम राव सिरदारो मे जय चारभुजा नाथ जी के संबोधन से अवगत होती है! जय चारभुजा नाथ जी के संबोधन के पिछे भी ऐतिहासिक तथ्य हे सतयुग में ही एक ओर राक्षस👹 हुआ था हिरण्यकश्यप जो हिर्णाक्ष का ही भाई भतीजा था! उसका भी बहुत आतंक था वो आम जनता को भगवान् का नाम व भक्ति नही करने देता था उसके घर मे प्रभु भक्त प्रहलाद जी का जन्म होता है ओर वह भगवान् श्री विष्णु जी का परम भक्त था उसको तरह तरह से यातनाएं दी लेकिन प्रहलाद जी ने प्रभु भक्ति नही छोडी तो उसको बचाने स्वयं भगवान् श्री विष्णु जी ने नृसिंह अवतार ( श्री विष्णु जी का चोथा अवतार) लिया था! उस दोर मे हिरण्यकश्यप का संहार करवाने ओर भक्त सिरोमणी प्रहलाद को बचाने के लिए आदुराव सिरदारो ने एक युक्ति निकाली थी क्योंकि राक्षसराज हिरण्यकश्यप चार लोगों को आपस में बतियाने नहीं देता था बात करते देखने पर कठोर दंड देता था! हम भट्ट योद्धा आदुराव सिरदारो ने तरकीब द्वारा दो लोगों को आपस में गले मिलकर एक दुसरे की भुजाओं से गले मिलाकर राक्षसराज हिरण्यकश्यप को मारने की अपनी गुप्त योजना एक दुसरे नगर के योध्दा ओ ओर प्रभु भक्तों तक पहुँचाई थी दो भुजा मैरी ओर दो भुजा सामने वाले की इस तरह चारभुजा हो गई थी इसी बहाने भगवान् का गुप्त रूप से रखा गया नाम भी ले लेते थे ओर राक्षसों को कानों कान खबर भी नहीं लगती थी! इसलिए उस सतयुग कालिन घटना से हमारा आदुरावो का सिधा संम्बंध हे! उस काल से ही हम प्राचीन भट्ट लोग योध्दा थे उसी सतयुग कालिन युध्द कला मे निपुणता होने का अनुभव के कारण हमे शस्त्र ओर शास्त्र के ज्ञाता कहा जाता है हम आज भी जय चारभुजा नाथ जी कह कर ही समाज की जाजम पर एक दूसरे के गले मिलते हैं! ⚔️🕉⚔️ बस आगे मिलने पर ओर चर्चा होगी 🙏 जय चारभुजा नाथ जी री💐
इसी अनुभव के होने से कुनबा बढने से ओर राजकाज में निपुणता होने से कालांतर में क्षात्रकर्म करने हेतु हमे शस्त्र ओर शास्त्र की शिक्षा दिक्षा देने हेतु सबसे उपयुक्त समजा गया है इसलिए आज भी हमारे आसपास के क्षत्रिय हमे राव भाबा हुकम क्ष(बडा भाई) कहकर संबोधित करते हैं ओर मैरी ओर डा. साहब श्री राव अजित सिंह की मुख्य पहचान गोत्र एक ही है हम दोनों वडंग ( वेदांग) गोत्रीय राव है! कुछ त्रुटि होवे तो क्षमा करावे 🙏 धन्यवाद
@@gajendrasinghrajawat6235 बहुत खुब हुकूम। पर इतना बड़ा इतिहास होने के बावजूद भी बहुत से राजपूत हमे उनसे कम और बहुत से तो राजपूत ही नही मानते।
@@aaravsinghranawat8246 मत मानो उनके मानने न मानने से राव सिरदारों का अस्तित्व कम नही होगा ,राजपूत एक जाती है वैसे हि राव भी एक जाती है योद्धा की जाती जिसने सेकड़ो निर्णायक युद्ध लड़े है,ब्राह्मण एक जाती है ,वैसे हि राव सिरदार एक क्षत्रिय जाती है परन्तु वंश लेखक बड़वा जाती नही है वो भी राव लिखते है परन्तु अलग है वो राव सिरदारो से
बहुत अच्छी जानकारी दी नरूका जी आपने राव राजपूत के बारे मैं ❤ आपको बहुत बहुत धन्यवाद
बिलकुल सत्य हुकूम और वही कई राव सिरदारो ने राजवंशों के साथ मुख्य भूमिका असंख्य युद्धों में बलिदान भी दिए है जिनके कई तथ्यो पे कार्य हुआ है और आगे निरंतर चल रहा, ये वंश प्राचीन काल से ही निरंतर राष्ट्र सेवा मै राजवंशों के साथ समर्पित रहा है
बिलकुल सत्य है हुकूम
राव जाट होते है भगवान शकर की सन्तान है
= साब , आपने बहुत अच्छी जानकारी दी , इसके लिए धन्यवाद, कृपया ऐसी जानकारी देते रहें........! ऐसी जानकारियां , कथाओं , दंतकथाओं,उपमाओं, पदवियो , जातिय महिमाओ_ व्याख्याओं , जातिय विश्लेषणों , ब्रह्मण , कुल गुरू _ब्राह्मण , पुरोहित , पंडा , भाट, बही भाट _ राव, भट्ट , राव , राय , चारण , बारहठ , ढाढ़ी , लंगा , राणा , दायमा , ढोली , भांड, मांगणियार .... द्वारा श्रुत _ गाई महिमाओ , कथाओं, ख्यालों , बखानो .... में कुछ _ कुछ भारत का पुरा_ इतिहास छिपा होता हैं , जोकि इतिहास में जानकारी, रूचि , शोकिंता रखनेवाले को अच्छा लगता हैं..... लाभ मिलता हैं.....?
ढोली कोन है और इनका राजपूतों से क्या संबंध है इनकी उत्पति पर प्रकाश डालो
M bishnoi samaj se hu or rajputo bhaiyo ko dil se Ram Ram ❤
जय जांभोजी परमार की में परमार राजपूत हू भाई आपका आभार दिल से शुक्रिया
आप की विचार धारा काबिले तारीफ ह हम भी विश्नोई जाति का सामान करते ह बहुत
Ram ram bhai
राम राम जय विश्नोई धर्म को
@@धवल-त4व भाई जी मेरे लिए बिश्नोई समाज भी पूजनीय है राजपूत समाज भी पुजनिय है किंतु नरुका जी केवल selected फैक्ट ही क्यों अपने समाज के सामने लेकर आते हैं इससे आपत्ति है बाकी नरुका जी भी मेरे लिए सम्मानित है।
बिल्कुल सत्य है लेकिन लोग स्वयं सत्य ग्रंथो को पढ़ते नहीं है और पूरी जानकारी न रखते हुए भी प्रेस करने लगते हैं जिस दिन वह सत्य को पड़ेंगे तो सब कुछ जान जाएंगे और अपने इस अज्ञान पर शर्मिंदा होंगे लेकिन उसके लिए सत्य जानकारी लेनी होगी स्वयंको जो भी बेवजह बहस करते हैं।
Ajitsinghji aap dwara Naruka sa se jo Rao samaj ke bare me confuse tha usko clear kiya uske liy me aap ka sukragujar hu.
Great work हुकम
जय राव राजपुताना ❤
आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब, आपके द्वारा दिया गया ग्यान बहुत उपयोगी है,भविष्य में भी ऐसी बातों से अवगत कराते रहेंगे
नरुका साहब जी अच्छी जानकारी साझाकी
Thanks for correct information ❤
उत्तम जानकारी। राजपूत समाज अब अपनी सभी शाखाओं को जोड़कर फिरसे एक वटवृक्ष बनने को तैयार है।
युवा पिंडी को जागृत करने पर आभार।
मै भी राव राजपुत हू! और हमारे संस्कार भी क्षत्रिय जैसे ही है!!
Liked very much ,nice explanation
आप क्षत्रिय जैसे नहीं, आप स्वयं क्षत्रिय ही है ❤
@@ShaktiBarethStudio ji hukum mai bhi vo hu bta rha hu
मेरे भाई आप क्षत्रिय ही हैं।
rajput kaisy kshatri ho sakta hai ku ki wo bidesi hai jis ka bans sak hun aur muglo ka mix khoon ho Aaj vi lakho croer muslim rajput miljayga wo brabar you tub per aaker bolta hai ham to muslim rajput hai / bharat ke savi logo ne dekha hoga fir vi isy lajja ya saram nahi aati hai /sale jodhabai ke Ganda khoon dub maro gandi nali me/ aaj koi vi duniya me dekha do ki kshatri apna dharam badla ya apni bahu ya betiya muglo ka bistar garam kar ne ke liye diya hai /koi sanatan bhai ko pata hai to btaye ga inam diya jayega
My best wishes for your channel very interesting information about Rao sardar and Rajaput research your communities history and highlight on it's future thanks
जय जय श्री राम जय जय श्री राम
जय जय श्री कृष्ण
Aaj apki phli video dekhi hukum or itna acha pryas kshtriya dharm ko jivit rkhne ka aap kr rhe h uske liye dil se dhanyavaad hukum.
Apka channel subscribe kr rhe h or apke parivaar se jud rhe h ❤❤❤❤❤
Jai Rajputana from bihar hukum
All video dekho
क्षत्रियों की परंपरा देखी जाती है एक भाई को दूसरा भाई नहीं चाहता
राव विशुद्ध रूप से क्षत्रिय हैं, राव-राजा-महाराजा सब सुनते हैं राष-पुरोहित कहीं नहीं सुना, मेरे विचार से राव पद है जो जागीरदार के समतुल्य है
Bhut hi bdiya jankari ❤
बहुत बहुत धन्यवाद ठकुर राजेन्द्र सिंह नरुका साहब को अच्छी जानकारी और इतिहास के बारे में बताया,🙏🚩⚔️
Bahut bahut dhanyvad
नियोग के बारे में जानकारी दिजिए! अधिकतर राजपूत अपना कुल किसी न किसी ब्राह्मण वंश से जोड़ते हैं क्या इसका संबंध परशुराम से हैं??
बहुत ही सुन्दर तरीके से महत्वपूर्ण जानकारी फरमाई हुकुम
Adnin hukam se nivedan ha is interview ko शोर्य गर्जना पे भी अपलोड करो
निरुका सा , कोटि-कोटि धन्यावाद।
गुरुदेव विज्ञान का युग है, प्रजातंत्र संपूर्ण मानव कल्याण का मार्ग है, सभी जानते हैं, इसलिए श्रेष्ठ बनिये लेकिन भ्रम मत पालो की हम ही श्रेष्ठ हैं, अच्छा काम करेगा उसे सम्मान करो, जब आप किसी का सम्मान करेंगे तभी कोई आपका सम्मान करेगा, 800 साल की गुलामी के बाद जो हम स्वतंत्र vataawaran मे श्वास ले रहे है, जो मेहनत करेगा वह आगे बढ़ेगा, ओलंपिक मे मेडल भी लायेगा, बाकी बातों से कुछ नही होता
hokam rao rajputo ka gotra or unke thikane ke bare me bhi ek video bna dijiye 🙏🏻
Kshtriya sirf kshtriya ko hi support kre or sirf kshtriya dharm ko hi mane ❤
Jai Rajputana from bihar
Jay Rajputana hukum ⚔️🗡️🪄🚩👏
Fir vo kshtriya ho hi nahi sakta
jake dusaro ki history dekh leni chahiyeh tab pata chalega
1892 में जोधपुर स्टेट द्वारा एक पुस्तक प्रकाशित हुई थी वो थीं मरदुमशुमारी राज़ मारवाड़ उसमें भाटों की नौ न्यात का उल्लेख आता है उसमे सबसे उपर शासनिक शब्द आता हैं आखिर यह शासनिक कौन हैं?? यह समझ में नहीं आ रहा है। क्योंकि मारवाड़ के शासनिक ही मेवाड़ में जाकर राव राजपूत, क्षत्रीय राव राजपूत, जागिदार राव, कंही कंही दंसौधी राव बन जातें आखिर यह लोग हैं कौन?? अगर यह वाक्य राव राजपूत हैं तो इनसे अनुरोध है कि यह लोग OBC का लाभ लेंना छोड़ दे।
OBC का लाभ कहां ले रहे है आजादी के बाद से जनरल में है हा अब ews का लाभ तो है कुछ कुछ
्❤❤@@SatyendraSingh-hr5tv
😅
Obc ka laabh bhai bht sare rajout jati k log lete aa rhe h alag alag states m jaise rajasthan ka hi dekhlo ravana obc m hi aate hai mp m bhi. Karnataka m bhi obc hi h rajput caste k log
राव जाट होते है भगवान शकर की सन्तान है
ठाकूर साहब श्री राजेंद्र सिंह जी नरुका को जय श्री हुकूम और धन्यवाद कि आपने बहुत ही सटीक वर्णन किया।
बहुत ही सटीक और सही जानकारी से अवगत करायाहुकुम आपने
आदरणीय अध्यक्ष जी प्रणाम और पूज्य राव साहब को शत शत प्रणाम ऐसी 2:26 2:28 2:30 2:31 क्षत्रियों के संबंध में ऐसी जानकारी का हमें अभाव था हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं थी इस जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय अध्यक्ष आदरणीय अध्यक्ष जी इस पोस्ट डालकर क्षत्रियों को अपडेट करते रहे मेरा आपसे निवेदन है क्षत्रिय अपनी को भूल जाएगा कि हमारा इतिहास क्या है और हम क्या है जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
Great hukm❤
Agar apke pass pracheen jalore ke (Jablipur) chauhano ke etihash ki jankari ho to please sajha karna?
Hukum ye konsi jagah h
ये राव राजपूत, ठिकाना: चक सुजापुरा, नारलाई,जिला: पाली। राजस्थानll
Yese hi hamara rao sardaron ka kul gotra kabhi ek video banaen hkm
सत्य बात हुकम बहुत ही उत्तम जानकारी जय राव राजपुताना 🙏🚩
Pl also make video how rajput migrate to different state
I am Parmar rajput my grandfather always tell stories..he also mention that we are not from Bihar we travel from Rajasthan... From mount abu.. I was very small at that time now he is no anymore with us.. but I only remember rajasthan and that place name only...
Naruka ji aap ye batao ki tigar raja Singh hedrabad mla kon hai .
Ye nahi bata layega , jab padmavati ka aandolan chal raha tha wo chatriyo ka pratinidhitv kar raha tha or ye pith piche bolte hai wo chatriy nahi hai inhe bata do jo ye sanatan ko represent karke chatriy ban rahe hai wo bharat me aakela aadmi hai jo sanatan ko phle rakta hai ek baar ramnavmi par hydrabad ghoom lena sab pata chal jayega . Or pure bharat me sanatan ke liye sher ki tarah kaam karta hai .
Or name pata karne hai to bata dunga wo kon tha ram mandir ke liye jisne apni c.m kursi ko lat mar di thi uski jati kya thi or uske karan mandir bana or bata dunga 1842 ki kranti kin ke kandho par ladi gayi thi wo bhi bata dunga . Bahut raja maharaja hai yaha .
@@sslrclothing3011 बिल्कुल सत्य कहा सभी समाज के सनातनी योद्धाओं का बराबर सम्मान है।
राज परिवार में यह देखा गया कि दो भाई कभी साथ में नहीं रहते हैं
Bahut bahut dhanyawad saheb hamari jati ke bare me aapne jankari di❤❤
Nice sir and Dr sb nice
Apke Shasta gyan ko mera Pranam hukum
शानदार ❤🎉
Proud of you hkm
अजीत सिंह जी से मैं उनके फार्म पर मिला बहुत ही सज्जन और संस्कारी व्यक्ति है
Jai rao rajputana ❤
भगवान शकर की सन्तान है राव जाट
हमारे यहां तो राव समाज ( बडवाजी) अलग समाज है जो हमारी वंशावली लिखते हैं और Obc में आते हैं
Tbi तो ये वीडियो बनाया हे की राव तुम किसे समझते हो, बड़वा लोग भी लगाते हे ओर राव राजपूत भी क्षत्रिय जाति है, बड़वा समाज की भ्रांति न हो
@@Lakhanrajsinghsurajgarh हमारे यहां राव बड़वा जी होते हैं जो वंशावली लिखते हैं और उसके अलावा कुछ ऐसे राव जी है जिनको राजतंत्र में एक आधा गांव दे दिया जाता था लेकिन वो भी राव समाज में आते हैं
महोदयजी आप के यहां की मुझे जानकारी नहीं है
@@Lakhanrajsinghsurajgarh थोड़ी ता तूं वाली भाषा समझ से परे है
@@RajendraSingh-ej3ew हां जी। राव सिरदार सर्वव्यापी नही है। इनकी जागीरे मुख्यता दक्षिणी पश्चिमी राजस्थान एवम् गुजरात में है। आज तो बड़वाजी, चंडीसा भाट, सभी द्वारा राव का प्रयोग होता है इसलिए बहुत लोगो को जिनके वहा राव सिरदारो की जागीर नहीं है उनमें ये भ्रांति फैली हुई है की ये सब एक ही है। विडंबना तो ये है की ये जातियां खुद को राव सिरदारो से जोड़ती है अब। वे OBC का आरक्षण भी लेते है एवम् स्वयं को सिरदर भी बताते है।
राव सिरदार रियासती राज में ताजीमी जागीरदार हुआ करते थे। और इस जाति का उदय ही क्षत्रिय राजवंशों की सुरक्षा के लिए हुआ था।
प्रजातंत्र में इतिहास को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है। आरक्षण लेने वाली जातियां अपने आप को उच्च जातियों का बताती है। राजपूत शासकों को जाट गुज्जर बताया जा रहा है। राजपुरोहित के बारे में अभद्र टिप्पणियां की जाती है। शासनिक राव सिरदारो का इतिहास बड़वा भाट खुद का बता रहे है। चारण सिरदारो को भीख मांगने वाला भाट बोला जा रहा है।
दुखद बात है हुक्म।
राव सिरदारो की वंशावली भी बड़वा राव लिखते है।
जय माता दी कृपया राव राजपूत की उत्पत्ति के बारे में और जानकारी उपलब्ध करने की कृपा करें
आप बहुत ज्ञानवर्धक है क्षत्रियाणी के गरब से जन्म क्षत्रिय राजा महाराजा दुआरा उपादी भी राव राजा है जोधपुर माहाराज हनवत सिह के जूबेदा पुत्र को भी राव राजा से नवाजा गया जय श्री राम
Good job
Humare sainik kshatriya me bhi rao upadi rao badnmal tanwar ko mili thi jo ki Maharana bhopal singh ji mewar ke dhaybhai the
राव कुशवाहा जाट होते है भगवान शकर की सन्तान है
जय राजपुताना
Hkm aapse vinamrah nivedan rao sirdaro ke ooper or video's laaye 🙏
जातियाँ कर्म के अनुसार बनती हैं
जो विद्या देते हैं वो पंडित थे जो सर्व समाज की रक्षा करते हैं वो क्षत्रिय थे हैं और रहेंगे
और जो उस समय लड़ने में रुचि नहीं रखते थे दुकान चलाते थे वो बनिया है रहेंगे
और जो लड़ने से डरते थे वो अन्य है वो अब आरक्षण मिलने के बाद क्षत्रिय बनना चाहते हैं वो क्षत्रिय नही बन सकते
कहने को कोई भी कुछ भी कहे कर्म और सोच जातिया बता देती है
Kya rao rajput or rajput me vevahik sambandh hoskte he ?
नहीं
ji bilkul nhi ho sakte
@@AshishSingh-s3l9t per jis ki rao pdvi ho jese rao गज singh, yaduvanshi he
'Rao' word राजपूतों के लिए नहीं है...अब कोई जबरदस्ती लगlना चाहता है तो वो उसकी मर्जी...
Bharatvarsh ki sari martial arts vidya punarjivit kijiye.... jaise kalriypattj
Visnoi भाई साब को जय श्री राम राम सा
Jai mata ji ki hkm🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jay rao rajputana
जय राव राजपूताना❤❤❤❤❤
आप, हॉकम्, राज द मामी समाज के बारे भी बताने की कृपा करे
कभी कोई राज दमामी मिलेगा तब उसका इंटरव्यू ले लेंगे
Jay Mata de hokm
I also belong from deara estate family of sultanpur u p.
राम राम जी, मैं जानना चाहता हूं कि क्या क्षत्रिय होने के लिए राजपूत परिवार मैं जन्म हो ये ही नियम है या आज जो sc बिरादरी मैं जन्मा है व भारतीय सेना मैं गौरव शाली सैनिक है वो भी सच है या क्षत्रिय है?
यदि सैनिक क्षत्रिय हो तो मुस्लमान, इसाई आदि सैनिक भी क्षत्रिय हुए पर क्षत्रिय होने के लिए सिर्फ सैनिक होना काफी नहीं है | क्षत्रिय कुल में जन्म लेना आवश्यक है ज्यादा जानकारी के लिए गीता पढ़ें |
जय माता जी री हुकम
जय एकलिंग जी
भाई साहब हमारे भी एक कहानी बनानी है थोडी क्या लेते हो आप
यह क्षत्रियों का चैनल ह भाई ये किसी से लेने देने का काम नही करते यह क्षत्रिय समाज का चैनल ह ये आपको तोल देंगे आपकी क्या बिसात ह देने की तेरे शरीर के वजन का सोना तोलने की औकात रखता ह यह चैनल ओके तेरी मानसिकता सुधार ले थोड़ी नही तो जूते खा लेगा
और थोड़ा तमीज अदब से बोलना सीख ले
कहानी बनानी है तो खुद भी बना सकते हो, शायद आप इतने भी बेगैरत नहीं होंगे
ज्यादा कुछ नही सच्चा इतिहास हो और आपके बड़ो ने कोई कुकर्म न किया हो । और सच्चाई पर चलते हो बस इतना ही ।
JOY ma Bhabani Joy Shiv Chandi Jay moharaja Ananta devbarma Coochbehar Joy Chhatriyo Rajput
Jai Mata ji sa hukum
❤
JAI RAJPUTANA JI 🌹 🙏
Hum up se hai hum bhi rao rajput h or hmare yhaa 85 gaon h up zila bijnor or yha rao ka rawa khehte h , jay rajputana 🔱🚩
👏👏
Proud to be rao rajput❤
Jay Rajputana ❤
Jay kshatra dharm.jay rajputana.
वाल्मीकि रामायण में ही वशिष्ठ और विश्वामित्र का प्रसंग भी है। और विश्वामित्र द्वारा ब्रह्नत्व को प्राप्त करने का प्रसंग भी आता है।
जय मां भवानी जय हिंद।
In ke numbers he kya
🙏🙏
नरुका जी सार्वजनिक मंच पर क्यों नही बोलते सबको सामने baithakar तभी तो आमजन को पता लगेगा आप सही है या नही
ज्ञान तो एक ऐसा शास्त्र है जो पत्थर को पानी करके और उसमें रास्ता बना
एक वशिष्ठ ब्रह्मा के पुत्र हैं, दूसरे इक्क्षवाकु के काल में हुए, तीसरे राजा हरिशचंद्र के काल में हुए और चौथे राजा दिलीप के काल में, पांचवें राजा दशरथ के काल में हुए और छठवें महाभारत काल में हुए। पहले ब्रह्मा के मानस पुत्र, दूसरे मित्रावरुण के पुत्र, तीसरे अग्नि के पुत्र कहे जाते हैं।
Bilkul sahi kaha aapne 💯⚔️ naruka sahab 🙏🏼 JC Nehru ka Sahab ne pahle bhi kaha ki shtriyon ki sabhi shakhaon ko ek shtriy jhande ke niche apni vinati karani chahie aur sirf chhatriy ke naam se hi ginti karani chahie kyunki ham ek hi hain alag alag ginti na karvayen ek sirf shtriy hi ginti karvayen 💯 🙏🏼
mall, sakya, licchavi , maurya ye purane khastriya hai ..inhi logo ka hi mahabharat kaal aur usse bhi pahle se information milti hai sastro aur purano se. volga to ganga ....badhul mall , kaushal raja prasenjeet ...etc ..... history mein kuch samay mein bahut kuch shodh hone chahiye ....
Jai ho hukam sab
Vese ye likha kaha hai
Jai shri Ram
Sun is a Yaksh Energy which is a nature based masculine energy. In Hinduism we praise the Nature Gods that is the Sun, Moon, Mangal( Mars) , Brahspati, and our Mother Earth. Sun is a warrior itself that is why Kshtriyas praise the Sun 🌞 . People who followed celebacy opened all their chakras and went into Brahmananda. During Brahmananda they came to know about all the knowledge of this cosmos. These people were the 7 Rishis. All the Human beings are the blood lines of those 7 Rishis. That is the reason we praise them. Some Kshatriyas are described as having recieved guidance or blessings from the Rishis and some texts refer account to Rishis being born into Kshtriya family. In this case you may call that Brahmins and Kshtriyas as brothers.
हर्षित झा
ज़िला मंत्री, विप्र सेना , अजमेर
कुँवर रवि सिंह कोंढ़ेरा का प्रणाम हुकूम 🙏🙏
sir umraao kon hote h.
नरूका साहब, जिन राव साहब की जानकारी देने के लिए वीडियो बनाया है ,,,अच्छा होता उनको भी बोलने के लिए थोड़ा समय उपलब्ध करवाते
वीडियो पूरा सुनें