हाल ही में टिहरी डैम घूमने गया था। रास्ते में अंजनीसैण पड़ा, मुस्लिम बहुल क्षेत्र देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतनी बड़ी सँख्या में यह समुदाय यहाँ कैसे बसा हुआ है? वह भी उत्तराखंड के इतने भीतरी इलाके में। आज आपकी जानकारी ने मेरे उन सभी प्रश्नों का प्रामाणिक उत्तर देने का काम किया है।
th-cam.com/video/CtvRAbrZgj4/w-d-xo.html 👆 ऊपर का वीडियो 8:07 मिनट से 10:10 मिनिट तक और 27:37 मिनट से 28:37 मिनट तक देखें उत्तराखंड में मुसलमानों का सच और उत्तराखंडियों की मूर्खता
ये कमाल की गढ़वाली बोलते हैं इस बात में कोई आश्रय तो नही है !! क्योंकि कोई भी बाहरी व्यक्ति या समाज किसी नई जगह में बसता है तो उसे वहां की भाषा और रीति रिवाज अपनाने ही पड़ते हैं नहीं तो वे उस नई जगह में अपना तालमेल नहीं बैठा पाएंगे। हम पहाड़ी लोग इस बात को बड़े गर्व से बोलते हैं कि फलां आदमी अच्छी गढ़वाली या कुमाऊनी बोलता है जबकि वो वहां का मूल निवासी नही है। लेकिन हमारा समाज खुद अपनी इन बोलियों से दूर होता जा रहा है। आज उत्तराखंड के शहरों में रहने वाले पहाड़ी लोगों को छोड़ो वहां गांव में रहने वाले अपनी बोली में बात करने से कतराते हैं देश के अन्य शहरों में रहने वाले पहाड़ियों की बात तो छोड़िए। वहां के किसी स्थानीय नेता को भी आपने कभी अपनी बोली में भाषण देते या बतियाते नही देखा/सुना होगा। हिंदी और अन्य दूसरी भाषा बोलने में उत्तराखंड के लोग अपनी शान समझते हैं लेकिन अपनी पहाड़ी बोलने में अपना अपमान!! पता नही किस और क्यों हमारे पहाड़ी लोग अपनी बोलियों के प्रति हीन भावना से ग्रसित हैं और उनकी अपनी बोली के प्रति उदासीनता के भाव ने हमारी इन पहाड़ी बोलियों के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है और ये लुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं यूनेस्को के सर्वे में भी ये साबित हो चुका है। अगर समय रहते हमारे पहाड़ वासी न समझे तो हमारी पहचान और संस्कृति लुप्त हो जायेगी। क्योंकि किसी भी क्षेत्र की संस्कृति तभी बची रह सकती है जब उस क्षेत्र की बोली भाषा जीवित रहे। अभी भी हम अपनी इन प्यारी बोलियों को बचा सकते हैं क्योंकि अभी इन बोलियों को बोलने वाली हमारी आखिरी पीढ़ी अस्तित्व में है। यदि हम ऐसा न कर पाए तो हमारी संस्कृति और हमारी ये प्यारी बोलियां अपना अस्तित्व खो देंगी। समय रहते समझ जाइए नही तो बाद में सिर्फ पछताना पड़ेगा। जय उत्तराखण्ड। जय हिन्द।
संकीर्णता की भावना ही संस्कृतियों के विनाश का मुख्य कारण रही है। समय गतिशील है। काल के गाल मैं बड़ी बंडी राजसत्ता लुप्त हो गयी। आज सब सारा विश्व एक सूत्र मैं बँध रहा है आप किस प्रथक पहचान की बात कर रहे है। कौन मूल निवासी है। कौन स्थायी निवासी है ? इन सवालों का कोई महत्व नहीं है। हम सब भारतवासी है। हिमाचल हमारा भाल है। आध्यात्मिक उन्नति की पाठशाला है। हिमालय अब शहरीकरण के विरूद्ध युद्ध के संकेत दे रहा है। यहाँ की आवादी को मैदानी क्षेत्र मैं पुनः बसाने की ज़रूरत है। राम राम।
@@sanjeevsharma-jh8jokya senseless baatein krte ho aap. Punjabi log Canada jaake bhi Punjabi Bolte h aur waha Punjabi m sign boards bhi h. Singapore aur Malaysia m Tamil signboards h. Aur tum log Dehradun pahuchte hi Khud KO angrez maan lete ho. Uttarakhand Ka itihas sabse gaurav Shali tha. Hamare Yaha jamindar , bandhua majdoor , dahej sati aur bahut kureeti nhi thee. Humara rajya ek communist paradise tha. Par aap Jaise elite bnne Ka kharab rakhne walo me Sab khatam kr dia 😢
यह कहानी काफी हद तक सही है पर इस कहानी का एक अध्याय यह भी है की गढ़वाल के राजा के पास शरण लेने से पहले सुलेमान शिखों कुमाऊं के चंद्र राजाओं के पास भी शरण लेने आया था और चंद्र राजाओं ने उसे शरण दे भी दी थी पर जब औरंगजेब के वहां से पत्र आने पर और उसे वापस दिल्ली भेजे भेजे जाने पर और ना भेजने पर युद्ध का सामना करने के चलते । चंद्र राजाओं ने उसे गढ़वाल की तरफ शरण मांगने के लिए भेज दिया उसके बाद ही दारा शिकोह का पुत्र सुलेमान सीखो गढ़वाल के राजा के पास शरण लेने आया और गढ़वाल के राजा पृथ्वी परेशान ने सुलेमान शिखों को शरण दे दी ।
Baramasa team ko dhanywad jo itna achha kam kr rhe hai ...ek nivedan hai sir apse jaunsar se bhi Anantram Negi ne mughlo ko roka tha..kripya iske bare me bhi episode bnaye..
th-cam.com/video/CtvRAbrZgj4/w-d-xo.html 👆 ऊपर का वीडियो 8:07 मिनट से 10:10 मिनिट तक और 27:37 मिनट से 28:37 मिनट तक देखें उत्तराखंड में मुसलमानों का सच और उत्तराखंडियों की मूर्खता देखो।
लैंसडाउन केआस पास कई गांव में मुस्लिम आबादी है मोहरा गांव में मैं खुद दो दिन रहा हूं तव गढ़वाली मुस्लिम को देख चकित हुआ था अंजनी सैण महत्वपूर्ण है अच्छी प्रस्तुति
After searching a lot of sources I got to know this story some time ago. But Baramasa has made it easy for us to know our own history. Baramasa should be highly appreciated for this. I will be waiting for more such episodes of empire.
Kaha ke Hindu state illegal Bangladeshi aur rohingyas Uttrakhand mein aa gaye hai pahado mein. Yeh video dekho th-cam.com/video/LMIrP8NaqFI/w-d-xo.html
@The el cucky , bhai mein khud bolts hoon Himachal pradesh sabse shi state hai na illegal migrants na illegal land encroachments. Yaha Uttrakhand mein bhi Himachal ki tarah land law ki baat hui thi prr 20 saal ho gaye abhi tak kuch nhi hua. Ab iss bar election mej BJP ne land law strict karne ke liye kaha hai prr dikkat yeh hai usse kamjor bhi BJP ne hi kiya tha. Congress ne to bss in illegal migrants ko yaha shuruat mein kuch hdd tak basaya ab BJP ne baki ka kaam krr diya. Dono ne kabhi kuch kiya hi nhi land law ko aur strict karne ke liye. Aaj Uttrakhand ke log tumhe NOIDA, Delhi, Haryana, Punjab, Maharashtra, benguluru, mein mil jayenge jinhe palayan karna pada employment ki wajah se. Aur ab inn illegal Bangladeshi aur rohingyas ke ane se baki bache gaw bhi khali ho rahe hai. Aur inn illegals ko to funding bhi bahar se ho rahi to ab kya kare. BJP kuch kar sakti thi prr usne hi disappoint kiya ab shyd wo election bhi haar jaye apne inn blunders ki wajah se. Mein to khud sochta hoon aise hi inhe basaya jata raha to state mein yhi bhar jayenge.
This seems to be a communist channel bhulla. Check their videos on UKD, it's all doubts. Some things in these videos are straight up wrong. Like how they ignore tha fact that most of these run away prisoners had assimilated into local sanatani people and how Meat is a traditional food item in UK and almost everyone in village makes it.
@@homosapienssapiens4848 , bhai dikkat trivendra Rawat ne hi ki uss namune ne land law ko itna asan krr diya ki koi jyada se jyada jameen Uttrakhand mein kam daam mein le sakta hai. Tirath Rawat Rawat waise bhi kuch nhi krr sakta tha aur na hi Pushkar dhami. Hnn yeh hai Pushkar dhami ne 6-7 ek kaam thik kiya woh kiya ki administarion ko demography change ke liye aur strict hone ko kaha aur sath hi strict hone ko kaha inn illegals dwara farzi adhar card, voter card prr. Prr insab se kuch nhi hoga land law chahiye yaha plus migration ko rokna hai hilly areas ke logo ka. Logo ke domicile documents original karne padenge. Aur civil code plus population control bill chahiye hoga (except for pahadi Hindus kyuki waha fertility rate waise hi kam hai aur population kam hone ke karan woh agriculture jaise kaam jo karte hai unme dikkat aayegi to yeh bhi dhyan mein rakhna hoga). Employment pahadi logo ke liye jyada se jyada state mein dena padega.
सुलेमान शिकोह आपने साथ दो चित्रकार श्यामदास और हरदास को भी लाया था मौलाराम जो गढवाल का एक महान चित्रकार था इन्ही का वंसज था. मौलाराम की चित्रशाला श्रीनगर गढ़वाल मे है. मौलाराम के चित्रों की खोज का श्रेय बेसृष्टिर मुकुंडीलाल को जाता है.
Thoda pause le ke boliye kai baar overlap ho jaata hai. Aur ye to TH-cam hai, aapka program kitna bhi lamba kyun na ho. Jo genuine darshak hai wo dekhte rahenge , to agar video bada bhi hota hai to tension mat lijiye. Yahan reels wali janta nahi aati.
इतिहास की जानकारी देने के लिए धन्यवाद, जैसे गढ़वाल में दारा के पुत्र के साथ मुगलिया सल्तनत के लोग आए वैसे ही उत्तराखंड में भारत के अन्य प्रांतों से भी विभिन्न जातियों के हिन्दू भी आये उन पर भी बताइएगा।
Shi baat h udher ke log desh videsh m khana banane ka kaam krte h or bakery department m jyada h Or wo sach m hamari jaisi ghrwali bolte h Apas m bhi wo log garhwali m hi baat krte h Bhle hi kux Delhi m bss gye h pr unke bache aaj bhi apas m garhwali m hi baat krte h
Great information. But one small request could you please take a pause before starting another sentence. Pause le ke thoda boliye sentence ke beech mein. Warna confusion ho jaata hai information ka
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हाल ही में टिहरी डैम घूमने गया था। रास्ते में अंजनीसैण पड़ा, मुस्लिम बहुल क्षेत्र देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतनी बड़ी सँख्या में यह समुदाय यहाँ कैसे बसा हुआ है? वह भी उत्तराखंड के इतने भीतरी इलाके में। आज आपकी जानकारी ने मेरे उन सभी प्रश्नों का प्रामाणिक उत्तर देने का काम किया है।
th-cam.com/video/CtvRAbrZgj4/w-d-xo.html
👆 ऊपर का वीडियो 8:07 मिनट से 10:10 मिनिट तक और 27:37 मिनट से 28:37 मिनट तक देखें
उत्तराखंड में मुसलमानों का सच और उत्तराखंडियों की मूर्खता
Ye sala channel 2ala bhi nexus ka gai or karo modi kiid or desh desh aake dekho utrakhand sabse jaldi kasmir se bhi bhadatra banega
बहुत खूब......
इतिहास की इतनी बारीक जानकारियां देने के लिए आपका धन्यवाद ❤️❤️
गुरु जी ऐसे ही कुमाऊं और गड़वाल की वीरगाथाओं की कहानी सीरीज लाते रहो ❤️
ये कमाल की गढ़वाली बोलते हैं इस बात में कोई आश्रय तो नही है !! क्योंकि कोई भी बाहरी व्यक्ति या समाज किसी नई जगह में बसता है तो उसे वहां की भाषा और रीति रिवाज अपनाने ही पड़ते हैं नहीं तो वे उस नई जगह में अपना तालमेल नहीं बैठा पाएंगे। हम पहाड़ी लोग इस बात को बड़े गर्व से बोलते हैं कि फलां आदमी अच्छी गढ़वाली या कुमाऊनी बोलता है जबकि वो वहां का मूल निवासी नही है। लेकिन हमारा समाज खुद अपनी इन बोलियों से दूर होता जा रहा है। आज उत्तराखंड के शहरों में रहने वाले पहाड़ी लोगों को छोड़ो वहां गांव में रहने वाले अपनी बोली में बात करने से कतराते हैं देश के अन्य शहरों में रहने वाले पहाड़ियों की बात तो छोड़िए। वहां के किसी स्थानीय नेता को भी आपने कभी अपनी बोली में भाषण देते या बतियाते नही देखा/सुना होगा। हिंदी और अन्य दूसरी भाषा बोलने में उत्तराखंड के लोग अपनी शान समझते हैं लेकिन अपनी पहाड़ी बोलने में अपना अपमान!! पता नही किस और क्यों हमारे पहाड़ी लोग अपनी बोलियों के प्रति हीन भावना से ग्रसित हैं और उनकी अपनी बोली के प्रति उदासीनता के भाव ने हमारी इन पहाड़ी बोलियों के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है और ये लुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं यूनेस्को के सर्वे में भी ये साबित हो चुका है। अगर समय रहते हमारे पहाड़ वासी न समझे तो हमारी पहचान और संस्कृति लुप्त हो जायेगी। क्योंकि किसी भी क्षेत्र की संस्कृति तभी बची रह सकती है जब उस क्षेत्र की बोली भाषा जीवित रहे। अभी भी हम अपनी इन प्यारी बोलियों को बचा सकते हैं क्योंकि अभी इन बोलियों को बोलने वाली हमारी आखिरी पीढ़ी अस्तित्व में है। यदि हम ऐसा न कर पाए तो हमारी संस्कृति और हमारी ये प्यारी बोलियां अपना अस्तित्व खो देंगी। समय रहते समझ जाइए नही तो बाद में सिर्फ पछताना पड़ेगा। जय उत्तराखण्ड। जय हिन्द।
tumur bhi ta hindim likkhyun ch bhaji.... change starts from you.
संकीर्णता की भावना ही संस्कृतियों के विनाश का मुख्य कारण रही है। समय गतिशील है। काल के गाल मैं बड़ी बंडी राजसत्ता लुप्त हो गयी। आज सब सारा विश्व एक सूत्र मैं बँध रहा है आप किस प्रथक पहचान की बात कर रहे है। कौन मूल निवासी है। कौन स्थायी निवासी है ? इन सवालों का कोई महत्व नहीं है। हम सब भारतवासी है। हिमाचल हमारा भाल है। आध्यात्मिक उन्नति की पाठशाला है। हिमालय अब शहरीकरण के विरूद्ध युद्ध के संकेत दे रहा है। यहाँ की आवादी को मैदानी क्षेत्र मैं पुनः बसाने की ज़रूरत है। राम राम।
Sahi Baat Hai bhai jai hind jai devbhumi utrakhand bhukanoon lao Uttarakhand bachao
@@sanjeevsharma-jh8jokya senseless baatein krte ho aap. Punjabi log Canada jaake bhi Punjabi Bolte h aur waha Punjabi m sign boards bhi h. Singapore aur Malaysia m Tamil signboards h. Aur tum log Dehradun pahuchte hi Khud KO angrez maan lete ho. Uttarakhand Ka itihas sabse gaurav Shali tha. Hamare Yaha jamindar , bandhua majdoor , dahej sati aur bahut kureeti nhi thee. Humara rajya ek communist paradise tha. Par aap Jaise elite bnne Ka kharab rakhne walo me Sab khatam kr dia 😢
Bat to shi hai koi nhi Hindi bhi hmari desh kee language hai jai hind jai bharat
यह कहानी काफी हद तक सही है पर इस कहानी का एक अध्याय यह भी है की गढ़वाल के राजा के पास शरण लेने से पहले सुलेमान शिखों कुमाऊं के चंद्र राजाओं के पास भी शरण लेने आया था और चंद्र राजाओं ने उसे शरण दे भी दी थी पर जब औरंगजेब के वहां से पत्र आने पर और उसे वापस दिल्ली भेजे भेजे जाने पर और ना भेजने पर युद्ध का सामना करने के चलते । चंद्र राजाओं ने उसे गढ़वाल की तरफ शरण मांगने के लिए भेज दिया उसके बाद ही दारा शिकोह का पुत्र सुलेमान सीखो गढ़वाल के राजा के पास शरण लेने आया और गढ़वाल के राजा पृथ्वी परेशान ने सुलेमान शिखों को शरण दे दी ।
इतिहास सही लिखा है , विभिन्न इतिहासकारों ने यही लिखा है , गढ़वाल के शासक पृथ्वीपतिशाह ने शरणागत की रक्षा करके मुगल सल्तनत को चुनौती दी थी
धन्बबाद आपको इस इतिहास की कहानी को प्रस्तुत करने के लिये.
I think Mahipat Shah was wrong to allow mlechhas in devbhoomi...
Ghar Wapasi should have been a condition to enter and settle in uttarakhand.
🕉अखंड भारत। हिंदू राष्ट्र। जय भारत🕉️।
Baramasa team ko dhanywad jo itna achha kam kr rhe hai ...ek nivedan hai sir apse jaunsar se bhi Anantram Negi ne mughlo ko roka tha..kripya iske bare me bhi episode bnaye..
Ajj yai muslim 🙄ajj akk bahut baddi problem hai iskaa akk hii solution hai Ghar wapsii 👍
बहुत ही सुंदर सर मैं कब ये सब जानना भी चाहता था ... आप ऐसे ही वीडियो बनाते रहिए आपको हमारा ढेर सारा प्यार🙏💐
बहुत ही चिन्ताजनक स्थिति है।उत्तराखंड मे मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या नियंत्रण किया जाए। और अब इनको यहां न बसने दे सरकार।
th-cam.com/video/CtvRAbrZgj4/w-d-xo.html
👆 ऊपर का वीडियो 8:07 मिनट से 10:10 मिनिट तक और 27:37 मिनट से 28:37 मिनट तक देखें
उत्तराखंड में मुसलमानों का सच और उत्तराखंडियों की मूर्खता देखो।
Uttarakhand me kisi b bahari ko nahi basne dena chaiye strict bhoo kanoon bahut jruri he uttarakhand k liye.
जय उत्तराखंड 🙏🚩 जय बद्रीविशाल 🙏🚩
लैंसडाउन केआस पास कई गांव में मुस्लिम आबादी है मोहरा गांव में मैं खुद दो दिन रहा हूं तव गढ़वाली मुस्लिम को देख चकित हुआ था अंजनी सैण महत्वपूर्ण है अच्छी प्रस्तुति
बहुत सुंदर, अपनी विरासत को जानने पहिचानने का यह अभियान जारी रहे।
UKSSSC/UKPSC वाले कितने लोग हैं जो परीक्षा की तैयारी करने हेतू video देख रहे हैं
🙌
@@userbeckbencher gud study with yogesh
Yeah kahani maine padi thi aapne aur smjhaya diye dhnyawaad ❤️❤️sir
रोचक जानकारी
यह एक बहुत अच्छा प्रयास है, अपने उत्तराखंड के बारे में जानकारी प्राप्त करने का।
Dhanyabad
Please make a complete case study video on Garhwal empire
After searching a lot of sources I got to know this story some time ago. But Baramasa has made it easy for us to know our own history. Baramasa should be highly appreciated for this.
I will be waiting for more such episodes of empire.
Very nicely presented, kudos Baramasa. You have som many 💎 gems in your family. Keep up with good work
पृथ्वीपति शाह के समय लोदी रिखौल जी जिंदा नही थे,, वो महिपति शाह के समय मर चुके थे,,, ओर ना ही माधो सिंह भंडारी जिंदा थे👍
Super informative. Hats off to Baramasa team for collating such content
Himachal Pradesh and Uttarakhand 💯Hindu State 🚩⚔️
Kaha ke Hindu state illegal Bangladeshi aur rohingyas Uttrakhand mein aa gaye hai pahado mein. Yeh video dekho
th-cam.com/video/LMIrP8NaqFI/w-d-xo.html
@The el cucky , bhai mein khud bolts hoon Himachal pradesh sabse shi state hai na illegal migrants na illegal land encroachments. Yaha Uttrakhand mein bhi Himachal ki tarah land law ki baat hui thi prr 20 saal ho gaye abhi tak kuch nhi hua. Ab iss bar election mej BJP ne land law strict karne ke liye kaha hai prr dikkat yeh hai usse kamjor bhi BJP ne hi kiya tha. Congress ne to bss in illegal migrants ko yaha shuruat mein kuch hdd tak basaya ab BJP ne baki ka kaam krr diya. Dono ne kabhi kuch kiya hi nhi land law ko aur strict karne ke liye.
Aaj Uttrakhand ke log tumhe NOIDA, Delhi, Haryana, Punjab, Maharashtra, benguluru, mein mil jayenge jinhe palayan karna pada employment ki wajah se. Aur ab inn illegal Bangladeshi aur rohingyas ke ane se baki bache gaw bhi khali ho rahe hai. Aur inn illegals ko to funding bhi bahar se ho rahi to ab kya kare.
BJP kuch kar sakti thi prr usne hi disappoint kiya ab shyd wo election bhi haar jaye apne inn blunders ki wajah se. Mein to khud sochta hoon aise hi inhe basaya jata raha to state mein yhi bhar jayenge.
This seems to be a communist channel bhulla. Check their videos on UKD, it's all doubts. Some things in these videos are straight up wrong. Like how they ignore tha fact that most of these run away prisoners had assimilated into local sanatani people and how Meat is a traditional food item in UK and almost everyone in village makes it.
@@homosapienssapiens4848 , bhai dikkat trivendra Rawat ne hi ki uss namune ne land law ko itna asan krr diya ki koi jyada se jyada jameen Uttrakhand mein kam daam mein le sakta hai. Tirath Rawat Rawat waise bhi kuch nhi krr sakta tha aur na hi Pushkar dhami. Hnn yeh hai Pushkar dhami ne 6-7 ek kaam thik kiya woh kiya ki administarion ko demography change ke liye aur strict hone ko kaha aur sath hi strict hone ko kaha inn illegals dwara farzi adhar card, voter card prr.
Prr insab se kuch nhi hoga land law chahiye yaha plus migration ko rokna hai hilly areas ke logo ka. Logo ke domicile documents original karne padenge. Aur civil code plus population control bill chahiye hoga (except for pahadi Hindus kyuki waha fertility rate waise hi kam hai aur population kam hone ke karan woh agriculture jaise kaam jo karte hai unme dikkat aayegi to yeh bhi dhyan mein rakhna hoga). Employment pahadi logo ke liye jyada se jyada state mein dena padega.
Bolne se nhi hota krna pdta hai, humari devbhumi pr jihadi suar aakr baithe hue haib
बहुत सुंदर हार्दिक शुभकामनाएं
Uttrakhand history questions bn rhe h tq
बहुत. बडिया़़जानकारी़़के़़़लिये. धंवाद़
Bahut achha tha bhai.... Aise hi achhe achhe content late rahein ❤
सुलेमान शिकोह आपने साथ दो चित्रकार श्यामदास और हरदास को भी लाया था मौलाराम जो गढवाल का एक महान चित्रकार था इन्ही का वंसज था. मौलाराम की चित्रशाला श्रीनगर गढ़वाल मे है. मौलाराम के चित्रों की खोज का श्रेय बेसृष्टिर मुकुंडीलाल को जाता है.
@@Him_anshu777 बारिस्टर मुकुन्दीलाल जी ने गढ़वाल चित्र कला को शोध के स्तर पर काम किया व पुस्तक भी लिखी है
क्षत्रिय धर्म शरणागत को शरण देना
जय क्षात्र धर्म
Histroy सही है
आपके माध्यम से आज बहुत अच्छी जानकारी मिली धन्यवाद🙏💕
Wah Wah
Aap bahut achchi jankari dete hai dhanyawad 🙏
ajab gajab uttrakhand k ajab gajab kisse.... humesha ki tarah bhut hi lajaawab ....
Thoda pause le ke boliye kai baar overlap ho jaata hai. Aur ye to TH-cam hai, aapka program kitna bhi lamba kyun na ho. Jo genuine darshak hai wo dekhte rahenge , to agar video bada bhi hota hai to tension mat lijiye. Yahan reels wali janta nahi aati.
Bhuty बहुत धन्यवाद हमें अपने सस्कृति बताने ke लिए.. 🙏
So great to have this knowledge plz make it continues....... ❤❤❤
JAI BHAVANI JAI RAJPUTANA
बहुत ही रोचक जानकारी है
इतिहास की जानकारी देने के लिए धन्यवाद, जैसे गढ़वाल में दारा के पुत्र के साथ मुगलिया सल्तनत के लोग आए वैसे ही उत्तराखंड में भारत के अन्य प्रांतों से भी विभिन्न जातियों के हिन्दू भी आये उन पर भी बताइएगा।
Bhoot badiya jankari hai
बहुत सुन्दर प्रस्तुती
धन्यबाद.
Ye sb jo us time hua vaha jaakr basne lage ab batao ki uttrakhand ki condition kya hai 40 % ho gye hai jb 80 % MUSLIM honge tb kya hoga UK ka ???
Video bahut badiya hai..keep it up
m chandrbadni side se hu ye sahi bat h
बेहतरीन जानकारी
बहुत सुंदर
Is series ko aage badhaya jaaye
Great ❤
Bhai ji bahut badiya 👌👌🙏🙏
Bahut Sundar jankari
Thanks sir for tell our rich history
बारामासा बहुत अच्छी जानकारी दे रहा है इसे जारी रखा जाय
Bahut hi acchi jankari
Nice
बहुत सुंदर जानकारी
Bahut acha laga
Thanks for information. 🙏
Bahut badiya
Bahut hi aachi vyakhya
Ati.sunder
Very informative
Shi baat h udher ke log desh videsh m khana banane ka kaam krte h or bakery department m jyada h
Or wo sach m hamari jaisi ghrwali bolte h
Apas m bhi wo log garhwali m hi baat krte h
Bhle hi kux Delhi m bss gye h pr unke bache aaj bhi apas m garhwali m hi baat krte h
बहुत अच्छे से समझाया सर।
Lovely Bhai , Frome jamni Khal ,jai Maa Chandrabadni 🙏🙏
बहुत बढ़िया जानकारी🙏
Sir aap pur uttarakhand history pe series bnnao
बहुत बढ़िया
Bahut achi thi
Tq sir uttrakhand gk bn RHA h is se
Great information. But one small request could you please take a pause before starting another sentence. Pause le ke thoda boliye sentence ke beech mein. Warna confusion ho jaata hai information ka
Good
Gazab team hai baramasa ki
Bahut khoob
Very nice sir👍
Ye bat ek dm Oky
मस्त
Vest shows on garghwal old history the new janraton doesn't know a ought garghwal history thanks for your video on garghwal history this show is best
Shivaji Maharaj ki jay
Valuable knowledge given by you thanks a lot.
Bhut sandar❤️😍
Agli story koi Uttarakhand Mahilo pr Banao Gaura Devi, Bachendri pal...
Super
Very nice
Science journey channel is telling true history
अगर मुगल शासक मध्य काल में हिमालय गये थे एक भी मुसलमान उस समय का परिवार पहाड पर नही मिलता है । कोई भी मुसलमान मध्य काल मुस्लिम परिवार नही मिलता है।
Tehri Garhwal ka raja pr bhi video bney dyawa ❤️❤️❤️❤️
Bahut badia sir
Wah wah Kay bat haa janab
Tell us more about Katyuri kings
Best vedio sir for ukssc history 💯💯💯
Commendable Initiative
बहुत अच्छा भाई जी
Amazing 👍👌🙏
Bhut bdiya