सिद्धासन के लाभ यह ब्रह्मचर्य-पालन में यह आसन विशेष रूप से सहायक होता है। पाचनक्रिया नियमित होती है। श्वास के रोग, हृदय रोग, जीर्णज्वर, अजीर्ण, अतिसार, शुक्रदोष आदि दूर होते हैं। मंदाग्नि, मरोड़ा, संग्रहणी, वातविकार, क्षय, दमा, मधुप्रमेह, प्लीहा की वृद्धि आदि अनेक रोगों का प्रशमन होता है।
गुरुजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद सच में बड़ा मजा आ गया आज सुबह सुबह आपके द्वारा मेरी जिंदगी की बहुत बड़ी शिक्षा मिल गई। हाथ जोड़कर धन्यवाद। आगे भी सिखाते रहिए नमस्कार।
गुरूजी ये जानकारी मुझे मेरी उम्र जब २२ ती तभी मीली थी मैने तब ये आसन २महीने तक रोज १५ मीनट किया तब मुझे अनुभव आया की मैं विषयो चिंतन करने पर भी इंद्रिय जाग्रत नहीं होता तब मैने ये आसन छोड दिया तब १ महिने बाद बदलाव आया याने की कामवासना जागृत होने लगी अब मेरी उम्र ५२ साल की है अब मैं ये आसन को फीरसे चालु करूगां आपका व्हिडिओ देखकर मुझे याद आया की ये आसन चालु करना चाहिए
वडील मेरे पिता समान इश्वरने ये कामवासना एसी वस्तु रखी हे की ये पांच मिनिट का आनंद मे मोहते रहते ओर संसार चलता हे, सिद्धासन से मने कामवासना का सोच नहीं आयेगी, किन्तु सुंदरता देखकर मोह हो जाता हे,मनकों भृकुटी में स्थिर करके मन एकाग्र करना चाहिए, किन्तु जन्मों जनमका मनका संस्कार जागृत होता सेना तब? इसलिए में आपको भगवत गिता पढ़ने को सलाह देता हु, जी से कर्म -अकर्म का सही मने जानकारी मिले,❤
Aap ka samjhane Ka tarika mujhe bahot achha lga. Q.1 Is aasan me bathne ke baad kon sa parnayam sabse achha h? Q.2 Savdhaniya kya kya h? Q.3 Takriban kitne time me 72000 nadiya saaf ho jaengi? Plz give me reply
😱😬प्रामाणिक ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि जब भी कोई राष्ट्र या समाज यौन रूप से अनैतिक हो जाता है और अपने शारीरिक सुखों को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कृत्यों में संलग्न हो जाता है, तो सभी प्रकार के नैतिक पंथों को त्यागने के अपने उत्साह के कारण, उन्होंने अनिवार्य रूप से किसी भी प्रकार के नैतिक पंथ में भगवान के धर्म और विश्वास को छोड़ दिया है। शुद्ध प्रेम और शुद्धता. धर्म त्यागने के एक दशक के भीतर, उन देशों ने खुद को नश्वर पीड़ा और खतरों में पाया। पहले और दूसरे विश्व युद्ध की भयावहता अभी भी हममें से कई लोगों के दिमाग में ताज़ा है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि 1900 के दशक में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मौत और विनाश की भयावहता उनके आवारा यौन क्रांतिकारी तरीकों के कारण थी, और भी अधिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत के लोगों पर अप्रत्यक्ष पीड़ा पड़ी। हालाँकि भारत सीधे तौर पर युद्ध में शामिल नहीं था, लेकिन उनके लोगों को भुखमरी से अनकहा आतंक और दर्द का सामना करना पड़ा क्योंकि पूरे क्षेत्र को सदी के सबसे खराब अकाल का सामना करना पड़ा। भारत में स्थानीय इतिहासकारों ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध के अंत से, लाखों भारतीय जो हाल ही में मुट्ठी भर विलासिता की वस्तुओं के आदी हो गए थे, जो आधुनिक तकनीक ने उन्हें प्रदान की थी, वे खुश हो गए और कई लोग अपने यौन जीवन में अत्यधिक लिप्त हो गए, और हालांकि अधिकांश विवाहित जोड़े के बीच यौन मुठभेड़ हुई, आनंद की अधिकता और मानव मांस के आनंद और शोषण के कारण वे अपनी आत्मा खो बैठे और लापरवाह हो गए। जल्द ही, उन्हें भीषण अकाल और सूखे का सामना करना पड़ा जिसके कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई। इसे बाद में 1943 के बंगाल अकाल के रूप में जाना गया और ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में इस मानवजनित अकाल में कम से कम 50 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से कुपोषण और जोखिम से भुखमरी से मर गए। भारत के बुजुर्गों और गुरुओं ने इस बात पर शोक व्यक्त किया था कि वहां के लोग बहुत अधिक कामुक थे और इसके कारण उन्हें इतनी तीव्र पीड़ा झेलनी पड़ी। इतिहास में कहीं भी ऐसा एक भी स्थान या क्षेत्र नहीं मिलेगा जहां लोगों ने एक-दूसरे के साथ यौन आनंद लेने के लिए रचनात्मक तरीके ईजाद करके यौन संबंधों में अत्यधिक लिप्त होने के बाद बहुत अधिक पीड़ा न झेली हो। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारतीयों को जो कठिनाई हुई, वह उनकी यौन संकीर्णता के कारण थी, ठीक उसी तरह, उसी समय के दौरान रूस में जो भयानक युद्ध हुआ, वह उनकी यौन भोग-विलास की अधिकता के कारण था। आर्थिक इतिहासकारों ने बंगाल के अकाल के पीछे के वास्तविक कारण की जांच करने की कोशिश की है, लेकिन वे शायद ही किसी एक विशेष कारण पर सहमत हो पाए हैं। हालाँकि, वे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि इस दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती कि उपनिवेशवाद के कारण अकाल पड़े, क्योंकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पहले अकाल कम पड़ते थे या कम घातक होते थे। लेकिन जैसे-जैसे कई भारतीय क्षेत्रों में यौन गतिविधियाँ बढ़ीं, जनसंख्या बढ़ी और आपदा ने उन पर बेरहमी से हमला किया, और भले ही उन्होंने विश्व युद्ध में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, फिर भी उन्हें उन तीन मिलियन लोगों के समान भाग्य का सामना करना पड़ा जो लगभग भूख से मर गए थे। लेनिनग्राद की घेराबंदी. कुछ दावों के विपरीत, अंग्रेजों ने अकाल की शुरुआत नहीं की। भूगोल ने ऐसा किया और ऐसा उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अत्यधिक यौन भोग के कारण हुआ।
Pranaam 🙏🏾 Guruji ! Maagh Punchami, 2024 Greetings 🎉. You have showed the correct posture of Sidhhasana however by mistake you have mentioned the wrong leg. You were displaying your left leg and instead of saying left leg you said right leg. Otherwise the video and the posture is absolutely correct. However the viewers are confused . The viewers didn't understand if they were to go by your speech or by your actions. The viewers need to understand that Guriji was right in his actions and therefore the posture of Sidhhasana is absolutely correct. Dhanyawad 🙏🏾
Aasha karta hun ki aapko abhi tak pata chal gaya hoga. Agar nahi to: Camera lens ki wajah se daahina side baayan dikhta hai aur baayan side daahina. Hope that's helpful. 🙏
Kya pranayam (kapal bharti, anulom vilom) bahut jor jor se pura sans bhar ke aur pura sans chod ke aur teji se karne se jisse ki jaldi pasina aaye galat hai kya?
Maine bht channel dekhe.. Yoga ko bht deep se samjha... Kiya... Par.. Sidhhasan ki baareekiyo se rubaroo jaisa apne kiya.... Waisa kisi ne nahi bataya....
सिद्धासन करते समय गृहस्थ जीवन में क्या प्याज और लहसुन खा सकते हैं? क्योंकि योगी लोग खाने को मना करते हैं।अन्य परहेज कौन -कौन से करने है? कृपया बताने की कृपा करें।
भगवन! वैसे तो इसी आसन में बैठकर मैं अपना प्राणायाम और भगवन्नाम जप करता था; आपके इस लाभ बताने को सुनने के बाद अब और प्रेरणा मिली है, जै🙌 श्री हरि 🙏🚩🌹
सिद्धासन के लाभ यह ब्रह्मचर्य-पालन में यह आसन विशेष रूप से सहायक होता है। पाचनक्रिया नियमित होती है। श्वास के रोग, हृदय रोग, जीर्णज्वर, अजीर्ण, अतिसार, शुक्रदोष आदि दूर होते हैं। मंदाग्नि, मरोड़ा, संग्रहणी, वातविकार, क्षय, दमा, मधुप्रमेह, प्लीहा की वृद्धि आदि अनेक रोगों का प्रशमन होता है।
इसे सही तरीके से कैसे करते है?
अखंड ब्रह्मचर्य के लिए और कौन कौनसे आसन है?
Jai Shri Ram 🙂
Jai shree Ram ❤
Good job 👍
*मेरा देश बदलराहा है । आपको बहत बहत धन्यवाद*
गुरुजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद सच में बड़ा मजा आ गया आज सुबह सुबह आपके द्वारा मेरी जिंदगी की बहुत बड़ी शिक्षा मिल गई। हाथ जोड़कर धन्यवाद। आगे भी सिखाते रहिए नमस्कार।
Melodious & clear voice and explanation of Asana, and it's benefits. Nice to watch you video first time. God bless you.
प्रणाम आपका समझाने का तरीका वाकई लाजवाब हैं ❤
बोहोत आसान शब्दों में समझाया आपने ❤
Thank you so much Guruji
I'll😊p😊😊 😊
I am glad you started In Hindi, many people from India could not understand English, your knowledge is profound and very valuable 🙏
गुरूजी ये जानकारी मुझे मेरी उम्र जब २२ ती तभी मीली थी मैने तब ये आसन २महीने तक रोज १५ मीनट किया तब मुझे अनुभव आया की मैं विषयो चिंतन करने पर भी इंद्रिय जाग्रत नहीं होता तब मैने ये आसन छोड दिया तब १ महिने बाद बदलाव आया याने की कामवासना जागृत होने लगी अब मेरी उम्र ५२ साल की है अब मैं ये आसन को फीरसे चालु करूगां आपका व्हिडिओ देखकर मुझे याद आया की ये आसन चालु करना चाहिए
प्रशांत की कृपया यह बताने का कष्ट करे कि यह होगा करने से संतोष जी जो कह रहें है यह होता है क्या?
ये सही तरीके से कैसे करे? आपने इसे कहा से सीखा था?
इसे सही तरीके से कैसे करते है,
वडील मेरे पिता समान इश्वरने ये कामवासना एसी वस्तु रखी हे की ये पांच मिनिट का आनंद मे मोहते रहते ओर संसार चलता हे, सिद्धासन से मने कामवासना का सोच नहीं आयेगी, किन्तु सुंदरता देखकर मोह हो जाता हे,मनकों भृकुटी में स्थिर करके मन एकाग्र करना चाहिए, किन्तु जन्मों जनमका मनका संस्कार जागृत होता सेना तब? इसलिए में आपको भगवत गिता पढ़ने को सलाह देता हु, जी से कर्म -अकर्म का सही मने जानकारी मिले,❤
@@harishkumarp.pandyaharishk6928 सिद्धासन और ध्यान सही तरीके से कैसे करे?
Guru g aap. Left per ko. Right or right ko left bol rhe hai
जय जय श्री राधा वल्लभ जय जय श्री हित हरिवंश ❤
गुरूजी प्रणाम, बहोतही अच्छेसे समजाया
Guruji dhanywad aapke explanation ka tareeka bahot achcha hai naye logon ko bhi is aasan mein baithne se kaafi aasaani hogi 👏👏👏👏👏
Prashant guruji apne jo sidhdasan bataya bhot achha me jarur karunga aur bhi asno ki jankari de hum usse prassana rahenge apka dhanywad ❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉
Radhe Krishna Radhe Krishna Radhe Krishna Radhe Krishna
Bahut acche se samjhate hai aap ,isi tarah se puri jankari milni chahiye ❤
Jai Shree ram ❤❤❤
Aap ka samjhane Ka tarika mujhe bahot achha lga.
Q.1 Is aasan me bathne ke baad kon sa parnayam sabse achha h?
Q.2 Savdhaniya kya kya h?
Q.3 Takriban kitne time me 72000 nadiya saaf ho jaengi?
Plz give me reply
Best Respective effective attractive presentation g thanks g
Bahut hi badhiya explanation with patience
Dhanyawad 🙏
God bless you 🙏
जय श्री कृष्ण 🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐💐
#प्रणाम #योगी जी ।
थोडा कुछ #समजेगे ।
इस #आसन से #प्रमआत्मा हमे सदबुद्धि दे ।
#हरिॐ
बहुत बहुत बहुत बहुत आभार बहुत बहुत बहुत बहुत धन्यवाद गुरुजी 🙏🙏🙇♀️🙇♀️🙏🙏
Swagatam. Nicely demonstrated. Dhanyavadagalu. Namaskaram.
Jay Bholanath 🌿🔱☝️👈🙏😃🪷🌷🌹💐🙏
बहत बढ़िया जानकारी महासय
😱😬प्रामाणिक ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि जब भी कोई राष्ट्र या समाज यौन रूप से अनैतिक हो जाता है और अपने शारीरिक सुखों को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कृत्यों में संलग्न हो जाता है, तो सभी प्रकार के नैतिक पंथों को त्यागने के अपने उत्साह के कारण, उन्होंने अनिवार्य रूप से किसी भी प्रकार के नैतिक पंथ में भगवान के धर्म और विश्वास को छोड़ दिया है। शुद्ध प्रेम और शुद्धता. धर्म त्यागने के एक दशक के भीतर, उन देशों ने खुद को नश्वर पीड़ा और खतरों में पाया। पहले और दूसरे विश्व युद्ध की भयावहता अभी भी हममें से कई लोगों के दिमाग में ताज़ा है, और इसमें कोई संदेह नहीं है कि 1900 के दशक में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में मौत और विनाश की भयावहता उनके आवारा यौन क्रांतिकारी तरीकों के कारण थी, और भी अधिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत के लोगों पर अप्रत्यक्ष पीड़ा पड़ी। हालाँकि भारत सीधे तौर पर युद्ध में शामिल नहीं था, लेकिन उनके लोगों को भुखमरी से अनकहा आतंक और दर्द का सामना करना पड़ा क्योंकि पूरे क्षेत्र को सदी के सबसे खराब अकाल का सामना करना पड़ा। भारत में स्थानीय इतिहासकारों ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध के अंत से, लाखों भारतीय जो हाल ही में मुट्ठी भर विलासिता की वस्तुओं के आदी हो गए थे, जो आधुनिक तकनीक ने उन्हें प्रदान की थी, वे खुश हो गए और कई लोग अपने यौन जीवन में अत्यधिक लिप्त हो गए, और हालांकि अधिकांश विवाहित जोड़े के बीच यौन मुठभेड़ हुई, आनंद की अधिकता और मानव मांस के आनंद और शोषण के कारण वे अपनी आत्मा खो बैठे और लापरवाह हो गए। जल्द ही, उन्हें भीषण अकाल और सूखे का सामना करना पड़ा जिसके कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई। इसे बाद में 1943 के बंगाल अकाल के रूप में जाना गया और ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में इस मानवजनित अकाल में कम से कम 50 लाख लोग प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से कुपोषण और जोखिम से भुखमरी से मर गए। भारत के बुजुर्गों और गुरुओं ने इस बात पर शोक व्यक्त किया था कि वहां के लोग बहुत अधिक कामुक थे और इसके कारण उन्हें इतनी तीव्र पीड़ा झेलनी पड़ी। इतिहास में कहीं भी ऐसा एक भी स्थान या क्षेत्र नहीं मिलेगा जहां लोगों ने एक-दूसरे के साथ यौन आनंद लेने के लिए रचनात्मक तरीके ईजाद करके यौन संबंधों में अत्यधिक लिप्त होने के बाद बहुत अधिक पीड़ा न झेली हो। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारतीयों को जो कठिनाई हुई, वह उनकी यौन संकीर्णता के कारण थी, ठीक उसी तरह, उसी समय के दौरान रूस में जो भयानक युद्ध हुआ, वह उनकी यौन भोग-विलास की अधिकता के कारण था। आर्थिक इतिहासकारों ने बंगाल के अकाल के पीछे के वास्तविक कारण की जांच करने की कोशिश की है, लेकिन वे शायद ही किसी एक विशेष कारण पर सहमत हो पाए हैं। हालाँकि, वे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि इस दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती कि उपनिवेशवाद के कारण अकाल पड़े, क्योंकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पहले अकाल कम पड़ते थे या कम घातक होते थे। लेकिन जैसे-जैसे कई भारतीय क्षेत्रों में यौन गतिविधियाँ बढ़ीं, जनसंख्या बढ़ी और आपदा ने उन पर बेरहमी से हमला किया, और भले ही उन्होंने विश्व युद्ध में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, फिर भी उन्हें उन तीन मिलियन लोगों के समान भाग्य का सामना करना पड़ा जो लगभग भूख से मर गए थे। लेनिनग्राद की घेराबंदी. कुछ दावों के विपरीत, अंग्रेजों ने अकाल की शुरुआत नहीं की। भूगोल ने ऐसा किया और ऐसा उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अत्यधिक यौन भोग के कारण हुआ।
You have provided very good explanation, Thank a lot
Very well and awesome explaination Giri Bhai
Great Information
Apne bahot hi achchi tarah se samajaya hee dhanyavad pranam
बहुत अच्छा समझाया गुरु जी एक प्रश्न का उत्तर दीजिएगा कृपा करके
इस आसन में बैठकर प्राणायाम कर सकता हु क्या
Nhi bhaiya, wo alag karna hota h 😊❤
Bahutaacchayogahai
धन्यवाद साहब ♥️ राधे राधे
Thanks Prasantji !!
Keep educating us all
Namaskar ji, Aasan tarike se samzaya hai. Dhanyawad .
thanks to share your precious experiance
The way to explain is very good. Thank you a lot
Detail guidance is very helpful Brilliant teacher🙏
Very informative Sir, thank you
Very nicely explained. Thankyou
Guru aapku koti koti parnam ❤ se daneye bad
Bhut bhut dhanyawad really beneficial 😊
Bhot bhot dhanyavad..😅..aapne bhut bhut likh he😊
kya baat h
jai shree krishna ❤️🦚
Pls make video on Padmasana and it's benefits and proper way to do
Thank you and God bless you ❤
Very nice Information
जय श्रीमन्नारायण 🙏🚩
Sir
Namaskar
I'm suffering from back pain
Can you please guide me by giving some tips
Anil Arora
Delhi
Pranaam 🙏🏾 Guruji !
Maagh Punchami, 2024 Greetings 🎉.
You have showed the correct posture of Sidhhasana however by mistake you have mentioned the wrong leg.
You were displaying your left leg and instead of saying left leg you said right leg. Otherwise the video and the posture is absolutely correct.
However the viewers are confused . The viewers didn't understand if they were to go by your speech or by your actions.
The viewers need to understand that Guriji was right in his actions and therefore the posture of Sidhhasana is absolutely correct.
Dhanyawad 🙏🏾
सिद्धासन with त्राटक 🔥🔥🔥
आपका धन्यवाद जी
Kya urdhgami home se santan utpatti kiya ja sakti hai ????
सिद्ध आसन में रहकर अनुलोम विलोम कपालभाति कर सकते हैं
Guruji kitna asanise bola flexibility badhaye lekin kaise uska bhi marga darshan kariye ....
धन्यवाद...दाएँ और बाये का कुछ confusion है...आप बोल बाये रहे थे पर दिखा दायें रहे थे starting में
Aasha karta hun ki aapko abhi tak pata chal gaya hoga. Agar nahi to: Camera lens ki wajah se daahina side baayan dikhta hai aur baayan side daahina. Hope that's helpful. 🙏
राधे राधे
Yogi ji namaste
Thank guru ji🙏
Very good explanation
Thank you. Very helpful.
om nama:shivaya jaya hos prabhu🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अति उत्तम जानकारी सादर धन्यवाद
How to activate 7chakaras ,please teach us
please make video on 7chakara activation ,how to meditate
Acharya ji "left knee" Mein "pain" ho rha hai... Iss aasan ko karne se, iska koi upay? Main 18 years ka hu...
Bahaut aache se bataya
पद्मासन तो अधिक लोग लगा लेते ही हैं लेकिन सिद्धासन बहुत कम लोग लगा सकते हैं।
जय सिया राम ❤
Excellent presentation!
So much thanks sir!
Please upload Vakrasana in detail
Very nice information.....
Kya pranayam (kapal bharti, anulom vilom) bahut jor jor se pura sans bhar ke aur pura sans chod ke aur teji se karne se jisse ki jaldi pasina aaye galat hai kya?
Ye virya ko upward flow karane ke liye hai , means Shaadi ke baad ya Akhand brahmachari follow kare ❤
Maine bht channel dekhe.. Yoga ko bht deep se samjha... Kiya... Par.. Sidhhasan ki baareekiyo se rubaroo jaisa apne kiya.... Waisa kisi ne nahi bataya....
Thank you guru ji
धन्यवाद भैया जी
राधे राधे
Thanks bhaiya
Aapne bhot hi wistar se btaya Danywad par sidh asan mein bet kr spine sidi rakh kar sans lene ka nhi btaya pura rokna kumbak recak kuch please
Gurujii kamar ka dard kaise kam kare.
Is aasan pe baithe baithe. 🙏
हरे कृष्ण 🙏🙏
Sidhasana or padmasana me best kaunsa h guru ji?
knee ligament mein gap hai, xray vgarah mein kuch nhi aata, right knee se full flex nhi hota, knee ko kaise theek kre ki ye aasan ho paye?
V.nice information.Thanks.
Good sir g
Yogi jee Namaste yoga asan karne ke liye yoga mat par hi karna hota hai ya khaali jameen ya bed par bhi kar sakte hai
Atisunder.
Thankyou sir
Nice video, but videographing in a mirror mode spoils the pleasure of watching.
Good job Guru Bhai
Premanand Maharaj ne kaha tha left pair ko chipka rakhna hai ling se right pair ko bhi rakh sakte hai kya
गुरूजी,क्या इस आसन मे अश्विनी बंध करना योग्य होगा की कूछ नुकसान दायक हो सकता हैं कृपया मार्गदर्शन कीजिये. प्रणाम!!
Guruji left leg first then right.
I dont know why you taken right leg first.
Hello namaste kya ladies bhi karsaktay??
Great
सिद्धासन करते समय गृहस्थ जीवन में क्या प्याज और लहसुन खा सकते हैं? क्योंकि योगी लोग खाने को मना करते हैं।अन्य परहेज कौन -कौन से करने है? कृपया बताने की कृपा करें।
Thanks very much sir for this yogaasan.
Aankhon roshni badhane ke liye bataiye guruji
Aapka bhaut bhaut dhanyad....per mera dusra per upper nahi ja raha hai...kripaya bataye kya kru
Thanks guruji
Kya ye aasan me nam jaap kar sakte hain 1- 2 Hour. Naam jap ke liye kaun sa aasan karna chahiye