Nobody can compete with Dr. Ambedkarji in this world in terms of legacy, in terms of intellectual level, in terms of educational qualifications... ❤❤ The father of Indian Constitution, Dr. Baba Saheb ji🙏
Those who disrespect Ambedkar, Nehru, etc like the criminals of BJP should be jailed. Not because they are sacrosanct, but because they are dead and can't defend themselves. Criticizing previous leaders is fine, but the way feku and his mafia talk about respected figures is treason.
@@rajkumardogra-ue1tr You mean like Savarkar? Or Godse? Anti-India, anti-Hindu, traitors now being turned into "freedom fighters" by feku gang via continuous lying?
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
@SaurabhGhansawant आदरणीय आप की बात गलत हैं. कृपया कौनसी बात फैक्ट नहीं है और कौनसी बात फैंटेसी है यह बताना.रही बात किसी समाज को आकर्षित करनेकी. तो मैं सभी जातियोंका और सभी धर्म के लोगोंका आशीर्वाद चाहता हुं. उसमें गलत क्या है? विवादोंका समाधान सभी को जोड़ने से होगा. छुरी से काटने से नहीं. शास्त्रीय सोच का मतलब बातों को सही तर्क से जोड़ना होता है.
सिब्बल साहब विद्वानों के साथ वार्तालाप बहुमूल्य रहा। आपका सोशल प्लेटफार्म आज के समय में अपनी एक अलग छाप बना रहा है। कृपया इस क्रम को जारी रखें। आपको बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार। आपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ❤
Very good initiative by Sibal saheb. Panelist gave very important suggestion of the way dalits should go ahead for uplifting their social and political strature
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
@@gauravdey4163 आपकी समझ का स्तर बहुत कम है। मैं अपने विचार स्पष्ट करता हूँ। मैं हिंदू धर्म के पक्ष में एक भी शब्द नहीं कह रहा हूँ। मैं बुद्ध धर्म के खिलाफ कुछ भी नहीं कह रहा हूँ। अगर आपके अनुसार हिंदू धर्म नहीं है और सब कुछ बुद्ध धर्म है, तो हमें इसे आधिकारिक रूप से स्थापित करना चाहिए। फिर कोई भी हिंदू 'धर्म' शब्द का प्रयोग नहीं करेगा। यह हमारे संविधान और संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण का सही तरीका होगा। मैं ऐसे विवादों पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से स्थायी समाधान की बात कर रहा हूँ।
आपने इस महत्वपूर्ण विषय पर विस्तार से बिचार विमंस किया,!आप चारों महानुभाव विद्वान हैं। हमारे नेताओं को भी इस तरह देश के निचले स्तर के लोगों के बारे में अपना स्पष्ट पक्ष रखना चाहिए।
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
मुस्लिम अंबेडकर का कब से स्मरण करने लगे ये तो बसपा को वोट ही नहीं देते ओरिजनल दलितों की पार्टी को छोड़कर डुप्लीकेट पार्टियों को ये वोट देते हैं मुस्लिम केवल भाजपा के अत्याचार से बचने के लिए अंबेडकर और संविधान की बात हैं हकीकत में तो ये लोग कट्टर धार्मिक हैं
देश का बटवारा इस्लाम मजहब के कारण पर एक बार हो चुका है। मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बना और हिंदुओ सहित गैर मु सलमानों के लिए हिंदुस्तान अथवा भारत बना। जिनको श रिया चाहिए था वे पाकिस्तान चले गए। इसके बाद भी, "गजवा ए हिंद" हर मुसलमान के लिए मज़हबी फर्ज़ है, ऐसी फितना भरी उल्टी सीधी पाकिस्तानी सोच की बात दारुल उलूम देवबंद ,सहारनपुर, यू. पी. ,मुसलमानों को सिखा रहा है। इस पर दारुल उरूल देवबंद फतवा भी दे चुका है। और दारुल उलूम देवबंद (हिंद), मक्कबा ए थानवी ,देवबंद ,जिला सहारनपुर से प्रकाशित अपनी पुस्तक 'हिदाया एवम फतावा आलमगिरी', में जेहाद को परिभाषित करते हुए लिखती है: "जेहाद , शरीयत के अनुसार, दिन ए हक ( अर्थात इस्लाम) की ओर बुलाने और उससे इंकार वाले से जंग का नाम है" अर्थात हर देवबन्दी मूल्ला , हर मस्जिद- मदरसे में मुसलमान बच्चों एवम मर्दों को अपने गैर मुसलमान पड़ोसियों को मुसलमान बनने के दावत देना और दावत न कुबूल करने पर उनसे जेहाद अर्थात जंग अर्थात झगड़ा करने की शिक्षा दे रहा है. और यह बात (देवबंद वाली) केरला के गवर्नर जनाब आरिफ मोहम्मद खान एवम जर्नलिस्ट आरफा खानम शेरवानी की फेमस इंटरव्यू में भी उठी थी. भारत में पला बढ़ा, खाया पिया, पढ़ा लिखा ,फितना उस्ताद मि. जाकिर नायक भी पाकिस्तान और मलेशिया में बैठकर एक जेहादी की भाषा बोल रहा है। वह बोल रहा है कि पूरा भारत वर्ष वक्फ लैंड है । अभी कुछ दिन पहिले , जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में जेहादी मुसलमान छात्रों ने दिवाली दीपोत्सव माना रहे महिला विद्यार्थियों के साथ मारपीट की एवम हिजाब नही पहनने पर रेप करने की धमकी दिया। तो बताइए देश में कैसे भाई चारा विकसित होगा ? क्या देवबंद इस देश से हिंदुओ को समाप्त करना चाहती है? क्या देवबंद इस देश को दारुल इस्लाम बनाना चाहती है जहां हिंदू सहित गैर मुसलमान को 'जिम्मी' अर्थात सेकंड क्लास सिटीजन बना दिया जाएगा। आज देश से कट कर अलग बने पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुस्लिम मेजॉरिटी देश में गैर मुसलमानों की क्या स्थिति है और कैसे उनका सिस्टमेटिक प्रताड़ना और सफाया हो रहा है. आखिर हर बहुसंख्यक मुस्लिम समाज या देश में गैर मुसलमानों का ईश निंदा या काफिर होने के आधार धार्मिक प्रताड़ना क्यों होता है. लेकिन इस देश की सनातनी जनता हिंदुस्तान में ऐसा होने नही देगी.
मैं जनपद फतेहपुर से हूं जाटों नहीं हो अनुसूचित जाति से हूं लेकिन मैं यह जानता हूं कि अंबेडकर जी एक ऐसे महापुरुष थे जिनकाविजन कभी भी समाप्त होने वाला नहीं है भारत को यदि विकसित बनाना है
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
Thank you respected Sibbal sir and manyavar professors for rightly analysing the issue and discussing the inputs. As a post gratuate Dalit and as an Ambedkarist, who has gone all sorts of discrimination through out my life, suggest you to create a narrative which develops persons of any community to stand for the cause of down trodden. Such person need not be from Daliths.
This session should be a minimum of two hours. At one platform the top four intellectuals, it is rarely possible. Sir regularly invites such professors to talk on every contemporary issue. This session was wonderful for me ❤❤❤
There is very little happening on this platform, now, that some content you watch, totally hit you inside out and it shakes the foundation of your intellect. It makes you humble, yet again. This discussion, is one of them.
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
If he would be critical muslim so ofcourse he should.. but Brahmins are no more different than muslim ..even you xan trust muslim in India but not doglas Brahmins who see now that ng above caste and illogical bookis thing@@anildubey7764
प्रासंगिक तथा सारगर्भित विश्लेषण आप सभी विद्वानों ने किया है। बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर का जीवन दर्शन आज के संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक है और आगे भी जारी रहेगा।
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
❤ Implementation of Constitution by Heart and by the Truth shall take you to the Paradise without Doubts . " The way of paradise is TRUTH " ❤ ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
Non can survive without nature's principle, which norms incorporated in Indian Constitution by Dr B R Ambedkar, the Great scholar, Noble person of the world, will ever be remembered for his contribution. Jai Bhim, Jai Bharat, Jai Samvidhan.
Excellent analysis. Thank you Kapil Sibal sir, for creating awareness amongst Citizens, despite your busy schedule. Thanks to all you learned panelists. You all do this to uphold our Constitution and Institutions. ✌️✌️
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
भारत के महान सपूतों माननीय सभी चारों विचारकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाए। सभी भारत वासियों को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। परशुराम पटेल एडवोकेट इंडिया।
Thanx to Kapil Sibal sir & Participants, Very useful discussion, such program should continue with intellectuals , to come out with root cause & eradication to it, byc empowering every citizen , to protect democratic system, democracy & humanity,, tools given by Constitution headed by The Great Dr ambedkar.
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
Sir I don't know whether you will see or not my comment but you are a new ambedkar of india who raise concern about exploitation against Dalits so I said you request please keeping on your voice as a shield of vulnerable communities thanks again for Dil se Kapil sir
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
Listing this talk of Tree intellectuals on the dil se with Ad Mr Kapil sir is great and informative and discussion on sensitive topic on caste, Manusmruti,Today's political situation and Constitution Vishwaratna, Bharat ratna Dr.B.R Ambekar is Symbol of Knowledge globally and Architect of Indian Constitution is mentioned Freedom, equality and fraternity with secularism 🎉🎉🎉🎉🎉🎉 Great Constitution and Great Vishwaratna Dr.B.R Ambekar is leader and Symbol of India India need Vishwaratna Dr.B.R Ambekar and his thoughts for nation development 🎉🎉🎉🎉🎉 So no option
Sir it is very fruitful discussion with senior analysts on burning issues being faced by dalit community due to Lack of good dynamic leadership among dalit and downtrodden masses since inception of society handled by manusamariti forced by Brahmanism. Please empower the Dalits by opening special schools and colleges and universities for mass social revolutions for their uplift meant in every sphere of civilised life. Thankfully respect you honestly Respected renowned Indian lawyer Sibal Sahib ji.❤
मैं 35 साल भाजपा और संघ में रहा अमबेडकर मेरे भगवान् है मैं अमबेडकरवादी बनिया हूँ जय भीम🙏💕 राम राज्य में हम बनियों को केवल कक्षा 4 तक ही पढने का अधिकार था केवल संविधान राज में सभी समान है जय भीम🙏💕
Thanks to Kapil sibal is, very, very nice to, all of satas, in a very beautiful question is about this one is fantastic news in Hindi translation suggestions in rijarvison
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
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👌👍🙏👏👏 धन्यवाद सिब्बल सर जी । बहुत अच्छा शानदार discussion सिब्बल सर बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों पर । मेरे ख्याल से OBC समाज अपने आपको दलित नहीं समझते । सभी SC ST OBC एक साथ नहीं आयेंगे तब एक political पार्टी को सपोर्ट नहीं करेंगे और वह भी ऐसी पार्टी जो इनके साथ हो इनकी भलाई के लिये काम करे ।तब तक इस समाज का भला नहीं हो सकता । जयभीम जयभारत जयसंविधान नमोबुद्धाय
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
Very nice & healthy discussion👌 All panel persons are clever but specially Thorat sir, your knowledge on Dr.Babasaheb Ambedkar and caste is commendable👌
Very interestingg Coversation on the personality, thought & work areas & personality of Dr. Ambedkar Saheb. And effect of his metaphor in social, political & economic reforms & policy framing. Jai Bharat. Jai Bhim
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है। हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है। हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है। और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं। और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ। यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है। मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं। मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें। इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ। हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है। मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है। इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है। अवधूत जोशी
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सिब्बल साहब चाहते थे कि चर्चा के माध्यम से कांग्रेस को दलित हितेषी और बीजेपी को दलित विरोधी दिखाया जाए लेकिन प्रोफेसर साहब इसे वास्तविक दलित issues दलित issues. की तरफ ले गए
दरअसल बाबा साहेब को चाहना और बाबा साहेब से चाहना दो अलग अलग बातें हैं, बाबा साहेब का रास्ता त्याग और बलिदान का पथरीला रास्ता है, जिस पर चलना हर ऐरे गेरे के बूते की बात नहीं है, जय भीम जय भारत, इंकलाब जिंदाबाद 🔥🛑🔥
Geeta ko satya man kar /hindu ki pujniye granth mankar padhoge to Geeta nhi samajh payenge....Geeta ko academic book ki tarah table pe rakh ke padhe...isaki bahut si batein manusmriti ki dusari awaj milegi...
ऍड. सिब्बल साहेब सभी संविधान के विद्वान अभ्यासकों की राय सुनकर असा लगता है, अबकी बार चारसों पार संविधान की आत्मा 'धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी गणराज्य ' संविधान से हटाना तय था।
Thanks Sibal Sir,Dr.Thorat,Prof. Agarwal and Prof. Singh for intelligent discussion on Dalit empowerment by formation of Dalit Education Institutes all over India like People Education.Soc.established by Dr. Ambedkar. .
भारतीय स्टेट बैंक, जो कि सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है, एक रिपोर्ट प्रकाशित करके अपना सबसे खराब चरित्र दिखा रहा है, जो दर्शाता है कि भारत की गरीबी रेखा 5% से नीचे है, यह केवल चतुर कॉर्पोरेट नौकरशाहों द्वारा क्रूर बयान हो सकता है, न कि भारतीयों को समझने वाले। इस स्थिति में जब इस तरह का बैंक जिसे गरीबों की मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, केवल गरीबों को नुकसान पहुंचाता है और भंडारण करता है, जब यह जनता को बुनियादी एसएमएस सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ है और पैसे के कॉर्पोरेट कानूनों को लैंडिंग करता है, तो वे केवल बड़े कॉर्पोरेट के लिए काम कर रहे हैं और कॉर्पोरेट और केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार के दो बन गए हैं, जो विवेक और जनता के विश्वास का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं। .
Nobody can compete with Dr. Ambedkarji in this world in terms of legacy, in terms of intellectual level, in terms of educational qualifications... ❤❤ The father of Indian Constitution, Dr. Baba Saheb ji🙏
Those who disrespect Ambedkar, Nehru, etc like the criminals of BJP should be jailed. Not because they are sacrosanct, but because they are dead and can't defend themselves. Criticizing previous leaders is fine, but the way feku and his mafia talk about respected figures is treason.
Ambedkar has been exaggreted more than others to take vote
@@rajkumardogra-ue1tr You mean like Savarkar? Or Godse? Anti-India, anti-Hindu, traitors now being turned into "freedom fighters" by feku gang via continuous lying?
❤शत् शत् नमन परम पूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को।
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
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और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
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मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
@SaurabhGhansawant आदरणीय आप की बात गलत हैं. कृपया कौनसी बात फैक्ट नहीं है और कौनसी बात फैंटेसी है यह बताना.रही बात किसी समाज को आकर्षित करनेकी. तो मैं सभी जातियोंका और सभी धर्म के लोगोंका आशीर्वाद चाहता हुं. उसमें गलत क्या है? विवादोंका समाधान सभी को जोड़ने से होगा. छुरी से काटने से नहीं. शास्त्रीय सोच का मतलब बातों को सही तर्क से जोड़ना होता है.
Very nice & healthy discussion. All panel persons are clever but Mr.Thorat sir your knowledge on Dr.Babasaheb Ambedkar and caste is commendable
बाबासाहब आंबेडकर जी हमारे भगवान है !
सिब्बल साहब विद्वानों के साथ वार्तालाप बहुमूल्य रहा। आपका सोशल प्लेटफार्म आज के समय में अपनी एक अलग छाप बना रहा है। कृपया इस क्रम को जारी रखें। आपको बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार। आपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ❤
Respected Kapil Sibal Sir, Dr Ambedkar, philosophy must discuss all over India in positively 🌹🌹🌹🙏🙏🙏 Thanks
आपकी चर्चा बहुत प्रशंसनीय है आप सभी विद्वानों को शत् शत् नमन जयभीम नमो बुद्धाय
Huge respect for these luminaries. This is gold.
Very good initiative by Sibal saheb. Panelist gave very important suggestion of the way dalits should go ahead for uplifting their social and political strature
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
@@avadhutjoshi796koun sa hindu dharma sab Budha and his dhamma hai
@@gauravdey4163 आपकी समझ का स्तर बहुत कम है। मैं अपने विचार स्पष्ट करता हूँ। मैं हिंदू धर्म के पक्ष में एक भी शब्द नहीं कह रहा हूँ। मैं बुद्ध धर्म के खिलाफ कुछ भी नहीं कह रहा हूँ। अगर आपके अनुसार हिंदू धर्म नहीं है और सब कुछ बुद्ध धर्म है, तो हमें इसे आधिकारिक रूप से स्थापित करना चाहिए। फिर कोई भी हिंदू 'धर्म' शब्द का प्रयोग नहीं करेगा। यह हमारे संविधान और संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण का सही तरीका होगा। मैं ऐसे विवादों पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से स्थायी समाधान की बात कर रहा हूँ।
@SaurabhGhansawant not at all .very wrong example.
@@avadhutjoshi796 ambedkar is not a God
आपने इस महत्वपूर्ण विषय पर विस्तार से बिचार विमंस किया,!आप चारों महानुभाव विद्वान हैं। हमारे नेताओं को भी इस तरह देश के निचले स्तर के लोगों के बारे में अपना स्पष्ट पक्ष रखना चाहिए।
Thanks to sibbal sir organising this programme ❤❤❤
Inclusiveness should be the fulcrum of the unity of the country treating all the communities equally.This is what Dr Ambekar wanted.
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
मुस्लिम अंबेडकर का कब से स्मरण करने लगे ये तो बसपा को वोट ही नहीं देते ओरिजनल दलितों की पार्टी को छोड़कर डुप्लीकेट पार्टियों को ये वोट देते हैं मुस्लिम केवल भाजपा के अत्याचार से बचने के लिए अंबेडकर और संविधान की बात हैं हकीकत में तो ये लोग कट्टर धार्मिक हैं
Then UCC shall be implemented
देश का बटवारा इस्लाम मजहब के कारण पर एक बार हो चुका है। मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बना और हिंदुओ सहित गैर मु सलमानों के लिए हिंदुस्तान अथवा भारत बना। जिनको श रिया चाहिए था वे पाकिस्तान चले गए।
इसके बाद भी, "गजवा ए हिंद" हर मुसलमान के लिए मज़हबी फर्ज़ है, ऐसी फितना भरी उल्टी सीधी पाकिस्तानी सोच की बात दारुल उलूम देवबंद ,सहारनपुर, यू. पी. ,मुसलमानों को सिखा रहा है। इस पर दारुल उरूल देवबंद फतवा भी दे चुका है। और दारुल उलूम देवबंद (हिंद), मक्कबा ए थानवी ,देवबंद ,जिला सहारनपुर से प्रकाशित अपनी पुस्तक 'हिदाया एवम फतावा आलमगिरी', में जेहाद को परिभाषित करते हुए लिखती है:
"जेहाद , शरीयत के अनुसार, दिन ए
हक ( अर्थात इस्लाम) की ओर बुलाने और उससे इंकार वाले से जंग का नाम है"
अर्थात हर देवबन्दी मूल्ला , हर मस्जिद- मदरसे में मुसलमान बच्चों एवम मर्दों को अपने गैर मुसलमान पड़ोसियों को मुसलमान बनने के दावत देना और दावत न कुबूल करने पर उनसे जेहाद अर्थात जंग अर्थात झगड़ा करने की शिक्षा दे रहा है.
और यह बात (देवबंद वाली) केरला के गवर्नर जनाब आरिफ मोहम्मद खान एवम जर्नलिस्ट आरफा खानम शेरवानी की फेमस इंटरव्यू में भी उठी थी.
भारत में पला बढ़ा, खाया पिया, पढ़ा लिखा ,फितना उस्ताद मि. जाकिर नायक भी पाकिस्तान और मलेशिया में बैठकर एक जेहादी की भाषा बोल रहा है। वह बोल रहा है कि पूरा भारत वर्ष वक्फ लैंड है ।
अभी कुछ दिन पहिले , जामिया मिलिया
यूनिवर्सिटी में जेहादी मुसलमान छात्रों ने दिवाली दीपोत्सव माना रहे महिला विद्यार्थियों के साथ मारपीट की एवम हिजाब नही पहनने पर रेप करने की धमकी दिया।
तो बताइए देश में कैसे भाई चारा विकसित होगा
? क्या देवबंद इस देश से हिंदुओ को समाप्त करना चाहती है?
क्या देवबंद इस देश को दारुल इस्लाम बनाना चाहती है जहां हिंदू सहित गैर मुसलमान को 'जिम्मी' अर्थात सेकंड क्लास सिटीजन बना दिया जाएगा।
आज देश से कट कर अलग बने पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुस्लिम मेजॉरिटी देश में गैर मुसलमानों की क्या स्थिति है और कैसे उनका सिस्टमेटिक प्रताड़ना और सफाया हो रहा है. आखिर हर बहुसंख्यक मुस्लिम समाज या देश में गैर मुसलमानों का ईश निंदा या काफिर होने के आधार धार्मिक प्रताड़ना क्यों होता है.
लेकिन इस देश की सनातनी जनता हिंदुस्तान में ऐसा होने नही देगी.
मैं जनपद फतेहपुर से हूं जाटों नहीं हो अनुसूचित जाति से हूं लेकिन मैं यह जानता हूं कि अंबेडकर जी एक ऐसे महापुरुष थे जिनकाविजन कभी भी समाप्त होने वाला नहीं है भारत को यदि विकसित बनाना है
Such kind of discussion should be organised by intellectuals of our country so that the more people benifitted by the real democratic values
संस्कृति ही बनाना अम्बेडकर वाद है।
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Thorat saheb के ज्ञान को सैल्यूट
These are discussion which is between great mature people
Thank you respected Sibbal sir and manyavar professors for rightly analysing the issue and discussing the inputs.
As a post gratuate Dalit and as an Ambedkarist, who has gone all sorts of discrimination through out my life, suggest you to create a narrative which develops persons of any community to stand for the cause of down trodden.
Such person need not be from Daliths.
Dr.baba saheb ko koti_koti pranam
This session should be a minimum of two hours. At one platform the top four intellectuals, it is rarely possible. Sir regularly invites such professors to talk on every contemporary issue. This session was wonderful for me ❤❤❤
There is very little happening on this platform, now, that some content you watch, totally hit you inside out and it shakes the foundation of your intellect. It makes you humble, yet again.
This discussion, is one of them.
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
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हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
What a debate 💙
Dil se nikli baten..dil se Sunil..DIL.khush ho gaya..Aap sabhi ka DIL.se shukriya..
One read Baba Saheb on Islam. You will be super happy
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
If he would be critical muslim so ofcourse he should.. but Brahmins are no more different than muslim ..even you xan trust muslim in India but not doglas Brahmins who see now that ng above caste and illogical bookis thing@@anildubey7764
I'm obsessed with the enlightenment of Prof. Agrawal
प्रासंगिक तथा सारगर्भित विश्लेषण आप सभी विद्वानों ने किया है। बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर का जीवन दर्शन आज के संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक है और आगे भी जारी रहेगा।
सिब्बल साहब मन प्रफुल्लित हुआ आपने विद्वान लोगो के साथ संवाद बहुत ही रोचक और टेक्निकली अच्छा रहा इसको जारी रखे।
Very nice thought analysis discussion of DR Ambedkar and Mahatma Gandhi jindabad and savidhan batchav save Democracy ❤❤❤❤❤
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Very enlightening conversation.
सर
पहली बार आपका प्रोग्राम मै हिंदी भाषा में देख रहा हूं। बहुत अच्छा लगा।
बहुत बहुत धन्यवाद।
❤ Implementation of Constitution by Heart and by the Truth shall take you to the Paradise without Doubts .
" The way of paradise is TRUTH " ❤
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Singh’s are honest,Loyal,Royal, strong,fearless and finally king 👑
Lol most singhs are not loyal to the country...they are the majority group who seek asylum in usa canada UK Australia
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Non can survive without nature's principle, which norms incorporated in Indian Constitution by Dr B R Ambedkar, the Great scholar, Noble person of the world, will ever be remembered for his contribution. Jai Bhim, Jai Bharat, Jai Samvidhan.
Excellent analysis. Thank you Kapil Sibal sir, for creating awareness amongst Citizens, despite your busy schedule. Thanks to all you learned panelists. You all do this to uphold our Constitution and Institutions. ✌️✌️
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
बेहतरीन डिबेट ❤❤
🌷🌷बहुत सुन्दर, सकारात्मक, शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक परिचर्चा। ऐसी चर्चाओं की महती आवश्यकता है। बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🙏
अति सुंदर साकारात्मक शिक्षा प्रद और प्रेरणा दायक परिचर्चा है
Yah mudda aapki samajh ko dikha raha hai ki aap kitne samajhdar hain thankyou sir 👍🏻
Very good discussion i thought you might like it.🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️
भारत के महान सपूतों माननीय सभी चारों विचारकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाए। सभी भारत वासियों को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। परशुराम पटेल एडवोकेट इंडिया।
Very intelligent conversation ❤
"Thank you, Kapil Sir! Your knowledgeable guests and discussions help me learn something new every day."
Thanx to Kapil Sibal sir & Participants, Very useful discussion, such program should continue with intellectuals , to come out with root cause & eradication to it, byc empowering every citizen , to protect democratic system, democracy & humanity,, tools given by Constitution headed by The Great Dr ambedkar.
The Conversation was so frank and inclusive... 👏🏼
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
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और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Sir I don't know whether you will see or not my comment but you are a new ambedkar of india who raise concern about exploitation against Dalits so I said you request please keeping on your voice as a shield of vulnerable communities thanks again for Dil se Kapil sir
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Listing this talk of Tree intellectuals on the dil se with Ad Mr Kapil sir is great and informative and discussion on sensitive topic on caste, Manusmruti,Today's political situation and Constitution
Vishwaratna, Bharat ratna Dr.B.R Ambekar is Symbol of Knowledge globally and Architect of Indian Constitution is mentioned Freedom, equality and fraternity with secularism 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Great Constitution and Great Vishwaratna Dr.B.R Ambekar is leader and Symbol of India India need Vishwaratna Dr.B.R Ambekar and his thoughts for nation development 🎉🎉🎉🎉🎉
So no option
Sir it is very fruitful discussion with senior analysts on burning issues being faced by dalit community due to Lack of good dynamic leadership among dalit and downtrodden masses since inception of society handled by manusamariti forced by Brahmanism. Please empower the Dalits by opening special schools and colleges and universities for mass social revolutions for their uplift meant in every sphere of civilised life. Thankfully respect you honestly Respected renowned Indian lawyer Sibal Sahib ji.❤
बहुत बहुत धन्यवाद श्री मान कपिल साहब ऐसे वीडियो डालते रहिए
Appreciable your debate discussion program sir.....
This is very important discussion about baba saheb and Dalits within ST and OBC and General
Baba sahab ambedkar 🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️
होम मिनिस्टर माफी मांगे अन्यथा देश की जनता माफ नहीं करेंगी
Was ambedkar your father
I'm blessed that I listning such a great personality of bharatbhumi
Thanks to sibbal sahab and all ❤
Great initiative by Kapil sibal sir
मैं 35 साल भाजपा और संघ में रहा
अमबेडकर मेरे भगवान् है मैं अमबेडकरवादी बनिया हूँ जय भीम🙏💕
राम राज्य में हम बनियों को केवल कक्षा 4 तक ही पढने का अधिकार था केवल
संविधान राज में सभी समान है
जय भीम🙏💕
Kapil sibbal जी sapa संसद. Thanks.
Very nice panel and very helpful discussion. 🙏
Sibbal ji your diamond of india
बहुत ही मौलिक विचार सुने आप सभी को नमन 🙏🙏
Heart touching talks🎉
Thanks to Kapil sibal is, very, very nice to, all of satas, in a very beautiful question is about this one is fantastic news in Hindi translation suggestions in rijarvison
This debit is very meaningful and mind should be fresh.
Topical Frank and a Worthy Watch . Thank you @KapilSibal ji
Dil Se 🙏🏻
Healthy, nuanced and enriching discussion. Keep up the good work!
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Sir I do not agree with you. Not only this discussion but any discussion in India on religion and caste is always foolishness.
Sir please continue 🙏
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
बहुत अच्छा वार्तालाप रहा आप लोगो का जय भीम जय पेरियार जय भगतसिंह
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Jai Bhim, Bahujan should follow the path of Dr. Ambedkar for their emancipation
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Jai Bhim Jai Savidhan Jai Bharat
👌👍🙏👏👏
धन्यवाद सिब्बल सर जी ।
बहुत अच्छा शानदार discussion सिब्बल सर
बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों पर । मेरे ख्याल से OBC समाज अपने आपको दलित नहीं समझते । सभी SC ST OBC एक साथ नहीं आयेंगे तब एक political पार्टी को सपोर्ट नहीं करेंगे और वह भी ऐसी पार्टी जो इनके साथ हो इनकी भलाई के लिये काम करे ।तब तक इस समाज का भला नहीं हो सकता ।
जयभीम जयभारत जयसंविधान नमोबुद्धाय
Sukhdeo Thorat Sir🩵
Great discussion sir
Superb discussion.great sibbal ji.
We r proud of you dear sir
Very nice analysis by all panelist thanks you so much sibal sahab for most important issues ❤
fruit full discussion
Thank you to all panelist
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Very nice & healthy discussion👌 All panel persons are clever but specially Thorat sir, your knowledge on Dr.Babasaheb Ambedkar and caste is commendable👌
Good discussion
Very interestingg Coversation on the personality, thought & work areas & personality of Dr. Ambedkar Saheb. And effect of his metaphor in social, political & economic reforms & policy framing.
Jai Bharat. Jai Bhim
Jai Bhim Jai Bharat ❤
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
Thorat sir ❤
Sardar Ji ne bahut hi achcha analysis Kiya hai
माननीय अमित शाहजी ने डॉ. अंबेडकरजी का अपमान किया या नहीं किया, यह एक अलग कहानी है।
हालाँकि माननीय अमित शाहजी ने पूरे देश, खासकर राजनीतिक व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों को बेनकाब कर दिया है। आरएसएस/बीजेपी का मूल दर्शन पूरी तरह से डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ है। इसलिए आरएसएस/बीजेपी का हर कार्य हमेशा डॉ. अंबेडकरजी के खिलाफ होता है। और यह कोई अपमान नहीं है।
हालाँकि डॉ. अंबेडकरजी की प्रशंसा करना और उन्हें राष्ट्रीय मार्गदर्शक मानना और उनके विचारों के खिलाफ काम करना निश्चित रूप से अपमान है।
और आरएसएस/बीजेपी अपने जन्म से ही ऐसा कर रहे हैं।
और भारतीय राजनीतिक वर्ग, बुद्धिजीवियों को 2025 में एहसास हुआ।
यह केवल राष्ट्र के सकल बौद्धिक स्तर को उजागर करता है।
मैं राष्ट्रीय बौद्धिक स्तर को उजागर करने के लिए माननीय अमित शाहजी को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
और मेरा ध्यान मुख्य रूप से इसी पर है। मैं एक सच्चा बुद्धिमान राष्ट्र चाहता हूं। मैं एक सच्चा बौद्धिक और साक्षर राष्ट्र चाहता हूं। मैं उन सभी बाधाओं को दूर करना चाहता हूँ जो हमारी राष्ट्रीय बुद्धि को कमज़ोर कर रही हैं।
मेरा विचार इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का है। कृपया मेरा और राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।
इसके एक हिस्से के रूप में, मैं श्री अग्रवाल द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
हाँ, मैं कहता हूँ कि गांधीजी और डॉ. अंबेडकरजी दोनों ही 100 प्रतिशत सही नहीं थे। बल्कि मैं कहता हूँ कि हिंदू धर्म के संदर्भ में, स्वतंत्रता संग्राम काल और स्वतंत्रता के बाद का एक भी भारतीय बुद्धिजीवी 100 प्रतिशत सही नहीं है।
मैं केवल 100 प्रतिशत सही व्यक्ति हूँ जो किसी भी तरह के विरोधाभास को खारिज कर रहा हूँ। यह संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुकूल है।
इसलिए मैं एकमात्र व्यक्ति हूँ जो संविधान का सच्चा अनुयायी हूँ। मैं हिंदू धर्म का एकमात्र सच्चा अनुयायी हूँ जो सत्य में विश्वास करता है।
अवधूत जोशी
सिब्बल साहब चाहते थे कि चर्चा के माध्यम से कांग्रेस को दलित हितेषी और बीजेपी को दलित विरोधी दिखाया जाए
लेकिन प्रोफेसर साहब इसे वास्तविक दलित issues
दलित issues. की तरफ ले गए
❤
पुरुषोत्तम अग्रवाल जी एक धार्मिक विचार वाले विद्वान है ये ब्रह्म ऋषि कुमार जी को मानने वाले है जय भीम जय संविधान
Such kind of Scholars are needed for the Country
दरअसल बाबा साहेब को चाहना और बाबा साहेब से चाहना दो अलग अलग बातें हैं, बाबा साहेब का रास्ता त्याग और बलिदान का पथरीला रास्ता है, जिस पर चलना हर ऐरे गेरे के बूते की बात नहीं है, जय भीम जय भारत, इंकलाब जिंदाबाद 🔥🛑🔥
Aarkshan ka marg
डॉ. अंबेडकर ने कभी कोई त्याग नहीं किया। वे जन्म से कभी गरीब नहीं थे। एक सुशिक्षित व्यक्ति होने के कारण वे पर्याप्त से अधिक कमाते थे।
To arakshan chhod do
Very good information for the freedom fighters and right works best jaybhim namobudhay sadhuvad for your true world of the proud of you
Sibbal Sahib is providing a great knowledge in hindi
So insightful analysis
Very nice discussion about the dilit comunity .👌
bring more discussions like this ....
Purushottam Agrawal my favourite speaker ❤
मनु स्मृति (अंधेरा) और गीता (प्रकाश, बोध, विवेक, दर्शन, समझ, जिज्ञासा) ये दोनों विपरीत दिशा के है❤❤❤
Geeta ko satya man kar /hindu ki pujniye granth mankar padhoge to Geeta nhi samajh payenge....Geeta ko academic book ki tarah table pe rakh ke padhe...isaki bahut si batein manusmriti ki dusari awaj milegi...
Thanks for your team Sibblal Sir.
ऍड. सिब्बल साहेब सभी संविधान के विद्वान अभ्यासकों की राय सुनकर असा लगता है, अबकी बार चारसों पार संविधान की आत्मा 'धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी गणराज्य ' संविधान से हटाना तय था।
I am privileged like this kind of discussion in public.
Excellent, it is a very logical, realistic, reasonable, and wonderful conversation.
Thanks Sibal Sir,Dr.Thorat,Prof. Agarwal and Prof. Singh for intelligent discussion on Dalit empowerment by formation of Dalit Education Institutes all over India like People Education.Soc.established by Dr. Ambedkar.
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भारतीय स्टेट बैंक, जो कि सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है, एक रिपोर्ट प्रकाशित करके अपना सबसे खराब चरित्र दिखा रहा है, जो दर्शाता है कि भारत की गरीबी रेखा 5% से नीचे है, यह केवल चतुर कॉर्पोरेट नौकरशाहों द्वारा क्रूर बयान हो सकता है, न कि भारतीयों को समझने वाले। इस स्थिति में जब इस तरह का बैंक जिसे गरीबों की मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, केवल गरीबों को नुकसान पहुंचाता है और भंडारण करता है, जब यह जनता को बुनियादी एसएमएस सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ है और पैसे के कॉर्पोरेट कानूनों को लैंडिंग करता है, तो वे केवल बड़े कॉर्पोरेट के लिए काम कर रहे हैं और कॉर्पोरेट और केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार के दो बन गए हैं, जो विवेक और जनता के विश्वास का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं।
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Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar, Ambedkar Zindabad.
Jay Samvidhan.
Exact 👌 interpritation 👍
Very great discussion which is useful to society as well as democratic country ❤