Sangat Ep. 2 | Gagan Gill on Poetry, Prose, Nirmal Verma & Hindi sphere | Anjum Sharma | Hindwi
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 14 ต.ค. 2024
- हिंदी साहित्य-संस्कृति-संसार के समादृत व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार से जुड़ी सीरीज़ 'संगत' के दूसरे एपिसोड में देखिए लेखिका गगन गिल को। इंटरव्यू के दौरान अंजुम शर्मा से बात करते हुए गगन गिल ने अपने जीवन के उन पन्नों को खोला जिनमें निर्मल वर्मा बसते हैं। कविता में धीमे प्रतिरोध के कारणों एवं रचना-प्रक्रिया से लेकर इस बातचीत में गगन गिल ने बताया कि कैसे कैलाश मानसरोवर यात्रा ने उन्हें 'अवाक्' कर दिया और उनकी ज़िंदगी धीरे-धीरे कुछ और होती चली गई।
भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित गगन गिल हिंदी की सुपरिचित कवयित्री और गद्यकार हैं। लगभग 35 वर्ष लंबी उनकी रचना-यात्रा में नौ कृतियाँ मौजूद हैं। उनका एक अन्य विशिष्ट परिचय यह है कि वह समादृत लेखक निर्मल वर्मा की जीवन-संगिनी हैं।
सब्सक्राइब करिए ‘हिन्दवी’ के यूट्यूब चैनल को और देखें-सुनें-समझें अपने पसंदीदा साहित्यकारों को संगत में सबसे पहले हर शुक्रवार शाम 7 बजे से।
Watch popular writer Gagan Gill in the second episode of 'Sangat'. In this episode, Gagan Gill talked with host Anjum Sharma about her personal life, creative-process of poetry and her life with famous Hindi writer Nirmal Verma. Gagan Gill revealed how Kailash Mansarovar Yatra left her ‘speechless’.
Gagan Gill is a well-known Hindi writer. She has written 9 books and was honoured with the Bharat Bhushan Agarwal Award.
गगन गिल की कविताएँ : www.hindwi.org...
Hindwi channel is part of Hindwi.org website. the website is a venture of Rekhta Foundation, dedicated to Hindi literature.
***
हिन्दवी के सोशल मीडिया चैनलों से जुड़िए :
Facebook : / hindwiofficial
Instagram : / hindwi_offi. .
Twitter : / hindwiofficial
Telegram : t.me/Hindwioff...
#sangat #hindwi
मैंने गगन जी को पहली बार सुना लेकिन बहुत अच्छा महसूस हुआ।एक शांत, गम्भीर, सौम्य व्याख्यान है,अंत में अद्भुत महसूस हुआ।
धन्यवाद
मैंने उन्हें पहली बार सुना।
बहुत कुछ कहते हुए भी कितना कुछ अनकहा साथ चलता दिखाई दिया....❤
बेहतरीन साक्षात्कार। एक ही कमेंट में नहीं समेटा जा सकता है । हम सौभाग्यशाली हैं कि हम गगन गिल जैसी रचनाकार के समय में हैं ।इसे समझना,सहेजना होगा। बहुत बधाई अंजुम जी।
बहुत रोचक और ईमानदार संगत। बहुत बढ़िया। पत्थर की कोमलता हर कोई जानता नहीं जानता।सच।
रचनाधर्मिता में स्वधर्म से गुंथी हुई शख्सियत, कहीं भी निर्मल वर्मा जी की लेशमात्र छाया तक नहीं,जबकि इतने विराट व्यक्तित्व(निर्मलजी) के मोहपाश से बच पाना असंभव सा हो जाता है ... रचना संसार आपको मुक्त और अभिव्यंजित करता है।
गगन गिल जी को सुनना बेहद सुकून से भरा हुआ महसूस करना रहा.. 🙏🙏
अंजुम शर्मा जी आप तो बेमिसाल हैं 💚
एक बेहद सुन्दर बातचीत...❤ गगन जी को सुनकर बहुत कुछ जानने, समझने का मौक़ा मिला...गगन जी को सुनकर दिमाग़ अलग तरह से सोचने पर मजबूर हो गया है😊
साहित्यकारों से, प्रबुद्ध व गम्भीर व्यक्तियों से बात करना एक साक्षात्कार की तरह बड़ा कठिन होता है और अंजुम शर्मा जितने सहज और सरल भाव से बात कर रहे ये देखकर लगता है कि ऐसे लोगों से बातचीत का यही एक विलक्षण तरीका है। उन्हें बधाई 💐💐
गगन जी को सुनते कई दफा आँशु छलके। बेहद प्यार एपिसोड बधाई
अद्भुत, अकल्पनीय , अभिभूत करने वाला कार्यक्रम !! कमाल की प्रस्तुति हमारे पास प्रशंशा के लिए शब्द नहीं हैं !!
बेहतरीन 🙏❤️,इस पीढ़ी का सौभाग्य है🌻
धन्यवाद
kitni hi baar aur sun sakte hai .. heartiest gratitude to Anjum jee and team for bringing the joy of just listening to her ..
सवाल और जवाब दोनों की बेहतरीन श्रृंखला जो काफी कुछ कह जाती है...🌸
धन्यवाद
बहुत ही सुन्दर साक्षात्कार
इस प्रकार का साक्षात्कार पहली बार देखा। बहुत ही शांत गम्भीर आध्यात्मिक एवं दार्शनिक अंदाज में गगनजी का उत्तर सुनकर लग रहा था मानो किसी सत्संग में बैठे हों।
अब तक की सबसे बेहतरीन संगत,अंजुम को इस हेतु बहुत बहुत धन्यवाद।
भावुक लगीं साक्षात्कार में कई बार
बहुत अच्छा, बेहतरीन इंसान लगीं🙏🙏
अंजुम जी निर्मल वर्मा गगन जी के आँखों से पर केंद्रित अध्याय लिए एक नए एपिसोड की प्रतीक्षा, साधुवाद।
अंजुम जी.....आपके द्वारा मेरी गगन जी से पहली बार मुलाकात हुई .बहुत शान्त सरल सहज स्पष्ट समर्थ लगीं.बातचीत बेहद प्रभावकारी रहा .आपके प्रश्न बड़े ही सटीक और सारगर्भित हैं.🙏धन्यवाद
bahut khubsurat interview Anjum Ji, It seems like each one was whispering eye to eye emotionally intellectually the secret of the mind and heart.
प्रणम्य 🙏🏽के साथ बहुत सारा मुहब्बत गगन जी को
...भावविह्वल हूं मैं जाने क्या क्या गुजरने लगा भीतर ही भीतर कुछ अपना सा...
अंजुम आपको स्नेह
.. it’s emotional listening to madam Gill . One feels like listening it slow with pauses. Her pauses equally express it and get to know about those personalities like respected Dr. Haribhajan Singh ji is so special🙏🌿
प्राग के होटल में एक शाम निर्मल वर्मा के बारे में खोजते हुए ये मिला, शानदार इंटरव्यू अंजुम जी ! आपका सराहनीय प्रयास हिंदी को समृद्ध करेगा। पहली बार आपको देखा और आप दोनों ने चकित कर दिया!!
अब भविष्य में आपसे बड़ी उमीदें रहेंगी।
बहुत ही खूबसूरत साक्षात्कार... सवाल पूछने का भी तरीका कितना बेहतरीन हो सकता है ये सीखे जाने योग्य है,,👏👏
कितनी सुंदर कविता और उतना ही सुंदर बातचीत
बहुत महत्वपूर्ण ढंग से सारी बातों को लाने का प्रयास किया है।
हार्दिक बधाई
उत्तम साक्षात्कार ।
सुंदर कथ्य गगन गिल जी का 'कविता सादगी से पढ़ी जाए' ।
कविता की अपेक्षा रचनाकार को पढ़ने की कोशिश ज्यादा होती है ।
मुझे जहाँ तक वो कविता समझ आई , हर व्यक्ति के दिन के दुख अलग रात के अलग ,,दिन का दुख परिस्थितियों ,व्यक्तियों ,कार्यों से सामंजस्य बिठाने के प्रयासों में और रात का दुख उस सामंजस्य में कहाँ कहाँ आत्म की हत्या करनी पड़ी ,कहाँ आत्म ने सिर उठाया ,कहाँ समझौते हुए उसका स्वयं से संवाद । और इस शिकारी के आते ही व्यक्ति -समाज के द्वंद्व ,विरोध ,यंत्रणाओं ,पीड़ाओं का जाल ग्रस लेता है ।अर्थ की अन्य छवियाँ भी हो सकती है।पर विशेष विमर्श ,वाद का कहीं आग्रह नहीं ये तो स्पष्ट है ।
सुंदर कविता ।
क्या शानदार प्रश्न पूछे हैं।इंटव्यू इसे कहते हैं।
संगत का हर एपिसोड बहुत ठहराव के साथ सुनना समृद्ध करता है। अंजुम जी के प्रश्न और पूछने का तरीका भी बहुत अच्छा है
आपके प्रश्न लेखक को सोच में डाल देते हैं आपके साक्षात्कार सुनने लायक है। गगन जी को पहली बार सुन रही हूं हां निर्मल जी को खूब पढ़ा..
अंजुम धन्यवाद 😊
अपूर्व प्रस्तुति 😊🔥❤️👍
एक निवेदन - संगत की एक प्रस्तुति गगन गिल के साथ ही 'गगन गिल और निर्मल वर्मा का संग-साथ' पर केन्द्रित हो... 😊
अद्भुत और अद्वितीय।सहजता के लिए कितना कष्ट उठाना पड़ता है।
बहुत अच्छा इंटरव्यू 😊
अनुज आपने अपना काम गंभीरता और ज़िम्मेदारी से किया.
बहुत सुकून मिला।धन्यवाद हिन्दवी सिरीज। 😊😊
Thank you for this interview. I am a big fan of Gagan Gil & Nirmal
Verma's writings.
श्रीमती गगन गिल के साक्षात्कार में सब कुछ होते हुए भी नहीं है और सब कुछ नहीं होते हुए भी है। अस्पष्ट सा और रहस्यवाद सा गगन गिल का साक्षात्कार।
गगन गिल को समग्र समझने के लिए यह साक्षात्कार अपने आप में सम्पूर्ण है।
समापन पर उन्होंने असंपृक्त भावबोध की अच्छी कविता पढ़ी।
हिंदवी का यह मंच बहुत समृद्ध है।
गहरी कविता
बहुत सुंदर बातचीत, इन साक्षात्कारों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
विनोद कुमार शुक्ल, प्रभात, विनोद पदरज, कृष्ण कल्पित, डॉ सत्यनारायण, जेसिंता केरकेट्टा, महेश वर्मा इत्यादि लेखकों के भी इंटरव्यू लिजिए। इन सबको संगत में सुनने का इंतजार रहेगा।
बहुत ही आत्मीय संवाद! गगन जी थोड़ा और खुलतीं तो ...खैर! अंजुम का धैर्य प्रशंसनीय!
साहित्यिक साक्षात्कार ऐसे ही होने चाहिए। शानदार
शब्द शब्द में अहंकार, श्रेष्ठता बोध, विशिष्टता भाव l एक कतरा न विनम्रता का न मनुष्यता का l झूठी शख़्सियत l
स्नेही सुश्री गगन गिल साहिबा को ❤
अद्भुत सीरीज..हिन्दवी का बहुत आभार ❤️
धन्यवाद
अंजुम आज अधिक गंभीर व संयमित रहें...आभार।
बेहतरीन साक्षात्कार। अंजुम जी के सवाल भी बहुत बढ़िया थे। बधाई हिंदवी।
यह मैंने पूरा नहीं देखा। काफी भावुक कर रहा! इसे बाद में देखूंगा।।
कितनी सुंदर पहल 🌿📖
सवाल और जवाब दोनों ही कहीं दूर लेकर जाते हैं, और बहुत कुछ सिखा जाते हैं..... दोनों का आभार 🙏🙏 बहुत ही प्रशंसनीय प्रस्तुति! पुनःआभार आपका...और इंतजार ऐसे ही और साक्षात्कारों का ...❤️
She is honest at least. Didn't sound like a double standard person. She has her own contradictions about certain things but they are part of her journey to know herself.
Behtarin saksatkar bot bot badhai v subhkamnayen
समृद्ध आंतरिकता का रहस्यमय एकालाप और विलाप
Very interesting and informative video
गगन गिल एक अद्भुत लेखिका
शुक्रिया गगन •••
Bhaut sundar !
बहुत ही संवेदनात्मक
वाह बेहतरीन सेशन ♥️👏👏
धन्यवाद
काश आप निर्मल वर्मा का इंटरव्यू ले पाते । काफी अच्छे प्रश्न हैं आपके ।💐
कितना सुकून , इत्मीनान व सीख है साक्षात्कार में
धन्यवाद
Ye bhi ek independent woman h Pr zra sa bhi fuhadpan nhi
1:26:08 ki line 👍👍
संगत हो तो ऐसी!
Thank You!!
अनेकों धन्यवाद 🙏🙏
इतना सौम्य और सहज ❤️
Bhot ache mam❤️❤️
मैं पुरुषोत्तम अग्गरवाल सर के इंटरव्यू के वेट कर रहा हूँ।
बस थोड़ा सा इंतज़ार और...
अगला इंटरव्यू उन्ही का है।
Wonderful interview.
Shaandaar
गगन गिल ❤️
congratulations
अक्क महादेवी पर आपके काम का इंतजार रहेगा
❤❤
सुंदर वार्ता
Very nice interview 🍀
आनंदम
सुन्दर बातचीत - मैंने गगन जी को काफी कम पढ़ा है शायद कुछेक कविताओं भर - तो संगत में उनको जाने का अच्छा मौका मिला - पता नहीं क्यों लगा उन्होंने अपनी सोच कई दायरों में समेट दी हैं , - जैसे "विध्वसकारी लेखक "- हर वो सोच या लेखन की विधा जो आपसे इतर है ज़रूरी नहीं की विध्वंस ही करे - उसके अपने पाठक होंगे - जैसे हुसैन साहेब की पेंटिंग के थे या एनिमल जैसे सिनेमा के दर्शक है ! आप पाठक की चेतना को नागरिक की चेतना से अलग रखना चाहती हैं आप कहती हैं साहित्य का काम विमर्श खड़े करना नहीं है , आप ये भी कहती हैं की मैं स्त्रीवाद से बचना चाहती हूँ, मैं यदि खुद को एक पाठक के रूप में देखूं तो नागरिक होने को कैसे अपने आपसे अलग कर लूँ जो साहित्य समाज से जुड़ा ही न हो , जो आपके अन्तः मन में कुछ जवाबों से ज़्यादा सवाल न छोड़ जाए जो तो मैं उसे पत्रिका ही समझूंगी शायद वो भी नहीं - स्त्रीवाद से बचना अपनी समाजिक जिम्मेवारी से हाथ झाड़ना है - हर वो लड़की जो आज कहीं पहुंची है उसे अपने स्तर पर ज़रूर प्रयास करना चाहिए की आगे का रास्ता आसान करे आने वाली पीढ़ी की लड़कियों के लिए - खैर
मुझे पता नहीं था आपकी और निर्मल जी की उम्र में ३० वर्षों का फासला था - वाकई बड़ा उद्दंड होता है प्रेम , समाज के बनाये नियम तोड़ने पर आमदा :)
गगन जी को सुनना विरल है।
एक बार विकास दिव्य कीर्ति सर का साहित्य पर इटरव्यू लीजिए महोदय...
जी
❤🎉
अनुराधा बेनीवाल जी का इंटरव्यू भी करेंगे क्या?
हाँ
🌹
👍💐
प्रश्न अच्छे थे, पर गगन गिल न जाने क्यूं स्पष्ट उत्तर न दी।
सॉरी. अंजुम जी.
कोई भी साक्षात्कार साक्षात्कारकर्ता से एक लंबी तैयारी की मांग करता है ।
TBH interviewer ko thodi aur prep chahiye thi, gagan gill was a tough nut to crack. dont take it negatively
संवेदनात्मक
कोई लेखक इतना आत्मकेंद्रित कैसे हो सकता है..?
समय की बर्बादी वाला साक्षात्कार
गगन को पहली बार सुनने का अवसर मिला । निर्मल वर्मा जी से सीधे संपर्क में रहा लेकिन गगन गिल से कभी संपर्क नहीं रहा । हां , फोन पर कभी कभी आवाज सुनी जब निर्मल नहीं होते थे । मोटी मोटी जानकारियां जरूर थीं इनके बारे में लेकिन गहरी जानकारी इस बातचीत से मिली । इसलिए सचमुच चाहते भी मैं इसे अनसुनी नहीं कर पाया । पूरी सुनी । खुद विज्ञान से साहित्य में आया । ड्यसेक्शन का उदाहरण इसीलिये अपने अनुभव जैसा लगा । मैं मिलने की इच्छा लिये था । पंजाब से ही हूं और झेला है कि हिंदी में क्यों लिखने लगा ? बहुत सारी स्थितियां , यानी उपसंपादक मैं भी रहा । दूसरों की रचनायें संवारते अपने लेखन की चिन्ता स्वाभाविक है । सबसे बड़ा उदाहरण धर्मवीर भारती रहे । कभी मिलने की इच्छा प्रबल हो गयी । यही इस बातचीत की सफलता कही जा सकती है । -कमलेश भारतीय
9416047075
सुन्दर