@@jatjuttjitjattjarthagetego1260 sahi hai. 😂😂😂😂 ek to Chauhans jinae shadi kar lete hain log unhe wo hi bana lete hai. Unhone UP aur Haryana main Jayon se kar li to jaat kehne lag gye log unhe. Bhai Jaat to the hi nahi 400 saal se pehle.
जैन मुनियों द्वारा लिखे गए ग्रंथो मैं पृथ्वी राज रासो के दोहे प्राप्त होते हैं । साहित्य मीमांसा १३ वी सदी में लिखा गया है। यह कहना तो बिलकुल ही गलत होगा की पृथ्वीराज रासो का वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं। असल में जो पृथ्वी राज रासो चंद्र वर्धाई ने लिखी थी वह हो ना हो नष्ट हो गई होगी और जो भी उसके बाद के रासो ग्रंथ उपलब्ध हैं, वह सब पुरातन रासो से ही इंस्पायर्ड हैं। आज के समय में जो रासो उपलब्ध है वह कुछ हद तक काल्पनिक हो सकती हैं। रासो था लेकिन असली रासो नष्ट होगया है।
Quite balanced narrative. The narrator has rightly pointed out that the Raso did great harm to the great Tomar rulers of Delhi as the writers of the Raso untimely displaced the Tomars in order to fit their hero in Delhi to enhance his stature to that of a last Hindu Samrat of Delhi/India . It created lot of misconceptions and as a result the historians ignored the great Tomaras rulers of Delhi who merely became a foot note in history books for all times. The Tomaras ruled from Delhi a large state comprising of most of Haryana, western U.P. and parts of Rajasthan and Panjab. From 736 C.E. to 1193 C.E. , the Tomaras gave 23 Kings and ruled for 457 years. Shri Harihar Nivas Dwivedi resurrected the Tomaras from oblivion and restored their place through his empirical and monumental research in his book Dilli Ke Tomar which is available online in PDF format on Google . Regards.
@@mukeshahirwar9208 और ऊदल नही केवल आल्हा और ये हर जगह बौद्ध स्तम्भो को मत घुसेड़ा करो।क्योंकि श्री राम मंदिर की खुदाई में बौद्ध स्तम्भ का ख़तरा भी नही मिला है।खेर जैसी अक्ल होगी वेसा ही हगोगे।
@@mukeshahirwar9208 alha ko to Raja Satan pasi ne Ganjar yudh mai.... Fate tak mara itna ki alha jamin pe gir gya... Aur indal usko waha se le bhaga... Aur udal to Raja Satan pasi se ladne ki himmat nhi ki...... Fir bhi kuchh log alha ko ajay bolte hai 🤣🤣
Samrat Prithviraj was the bravest of all Hindu kings of that time. In his ignorance he pardoned Ghori after first battle of Tarian and didn’t chase afghans till Hindu Kush mountains . Afghans learnt Rajputs weakness for not fighting in the night and deceive Ed them and launching a night attack. But no doubt he was a warrior king and should be recognised as such.you did a great job by making this presentation.jai hind.
Jai Shri Ram, Acharyaji Prithviraj Raso me galatiya nahi thi, original ko nasht kiya gaya jaise ki Nalanda Vishvavidyalaya me aag lagayi gayi thi, jo bacha wo generation by generation transfer kiya gaya in oral form which was later composed by various people thus creating doubts in it. Hamare har granth ke sath yahi kiya gaya hai. Bahut achchha laga aap hamare swarnim itihas ki jankari sabko de rahe. Dhanyawaad
आपका यह कायॅ अदभुत है, आप जैसे योग्य एवं ज्ञानीजन का कॅतवय ही नही धमॅ भी है कि धमॅ ही नही इतिहास का प्रचार-प्रसार भी करे । आप को अंतःकरण से प्रणाम एवं साधुवाद आदरणीय
What about bappa ji rawal, Lalitaditya Muktpidia, Naag bhatt 2, maharaja Ajeet Singh, Maharana Sangraam Singh? There are several great kings through out history.
हर हर महादेव, आपको प्रणाम आचार्य जी, मेरा प्रश्न इतना शीघ्र आपके द्वार पहुंचेगा इसकी आशा नहीं किया था, धन्यवाद🙏💕🙏💕 पृथ्वी राज महाराज के बलिदान का सत्य जानना है, मुझे, घृणा है म्लेच्छ आक्रांताओं से, जै जै श्री राम
वर्तमान इतिहासकार, इतिहास सत्य लिख रहे है? इस पर संदेह है । लोकगाथा सत्य होती है जबकि इतिहास कार गलत होते है! इतिहासकार हमेशा राजनिती को खुश करते है! लोकगाथा की भाषा मिश्रित होती है , जैसे पारंपरिक गीत होते है , जो भाषा, क्षेत्र पर बदलती रहते है । वर्तमान इतिहासकार तो 1962 की लडाई के सत्य नही लिख सके , अतः विश्वसनीय नही है ।
हम्मीर महाकाव्य में परमार वंश और चौहान वंश के गुर्जर होने के प्रमाण देखे हम्मीर महाकाव्य का रचियता नयनचन्द्र सूरी था , इस महाकाव्य में रणथम्भौर के महान शासक हम्मीर देव चौहान के साम्राज्य का विस्तार से वर्णन किया गया है । #गुर्जर_सम्राट_पृथ्वीराजचौहान
@@hjjjjjjkkk कोई अगर कह दे मेरा बाप को हमारा भी बाप था तो उसमें क्या बुराई है भारत के सभी लोग कह देंगे सम्राट पृथ्वी राज चौहान हमारे भी पूर्वज थे तो उसमें क्या बुराई है उनकी उनको प्रॉपर्टी तो नहीं मिलने वाली जहां तक वास्तविकता की बात है प्रमाणिकता की बात है इतिहास तथ्यो से चलता है ना कि दंत कथाओं से वह भी समकालीन तथ्य धन्यवाद
Bhai jab Prithviraj Chauhan ji ke marne ke bad lutero ne hindu ko neca dekhane ke liya afganistan me dafna diya or waha pe bola gaya ke jo is kabar ke pass se jayega vo ise jute chappal marega
Kya yeh sach hai sir शेर सिंह राणा जन्म 17 मई 1976, उत्तराखंड के रुड़की में हुअा। राणा ने अंतिम हिंदू सम्राट कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान की अफगानिस्तान के गजनी इलाके में रखी अस्थियों को भारत ले कर आये है। - शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की हत्या की इस हत्या की वजह से राणा को पुलिस तिहाड़ जेल में बंद कर दिया था। - जेल बाहर आने के बाद एक इंटरव्यू में शेर सिंह ने बताया कि जब वें फूलन देवी हत्या के आरोप में सजा काट रहे थे तभी वे भारत के सबसे नामी तिहाड़ जेल से 17 फरवरी 2004 को जब फरार हो गए। - नेपाल, बांग्लादेश, और दुबई के रास्ते होते हुए अफगानिस्तान पहुंचे। जहां पर उन्होंने अपनी जान को जोखिम में डाल कर अफगानिस्तान के गजनी से हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की रखी हुई अस्थियां 2005 में भारत ले आए। -इस पूरी घटना का बाकायदा राणा ने वीडियो भी बनाया। इसके बाद राणा ने अपनी मां की मदद से गाजियाबाद के पिलखुआ में पृथ्वीराज चौहान का मंदिर बनवाया, जहां पर उनकी अस्थियां आज भी रखी हुई है।
@@mantuthakur4946nahi bhai Karib 16 saal ki umar batayi gyi he or allha udal ki umar 43 saal batayi gyi he or ye mahoba ka yudh do kshatriya rajpoot rajao ki bich me huva tha or be vajah ahir abhir charwahe kud rahe he ok bhai Jai mataji jai rajputana from Gujarat
raso published by nagar pracharini Sabha Varanasi gives details of adulterations,it says Chand bardai used calender which was there,before Vikram samvat calender became poular,there is difference of 10 to 12 yrs in both calendars.during samrat prithviraj time both calenders were present.
पृथ्वीराजविजयमहाकाव्यं की रचना 1191-92 में #गुर्जर_सम्राट_पृथ्वीराजचौहान के राजकवि कश्मीरी पंडित जयानक ने की , जिसके सर्ग 10 के श्लोक नंबर 50 में पृथ्वीराज के किले को गुर्जर दुर्ग लिखा है व सर्ग 11 के श्लोक नंबर 7,9 में गुर्जरो द्वारा गौरी को पराजित करने का वर्णन है ।
@@bahadursingh9499 inscription pdhiye bhai ncert or lucent nhi gurjar pratiharo se phle vo sthaan laat or sauraashtr k naam se jana jata h khn jire ho harshavardhan kal m laat or bharuch k raja dadda gurjar hi the 4thr century m kalchuri ka inscription pdhiye 6 century aate aate gurjaro ki shakhao ne milkr 6-7th century m gurjardesh ki sthapna kri jise gurjratra kaha jata h agr aapne kuch pdha h to mujhe 6th century se phle k us sthaan k ek bhi inscription dikha do ko use gurjar desh ya gurjratra kaha jata ho . Harshavardhan k tym pr bhi gurjar the or us time laat sauraashtra k nam se jana jata tha pdhiyega kalchuri inscription pdhiyega epigraphia indica m nandipuram or bharuch k gurjar ! Or rhi sthanvachak ki to ek inscription ka naam ginwa do 6th century se phle use gurjaratra kaha jata ho ! Gurjaro ki shakti or udbhav k karan hi gurjratra mtlb gurjaro dwara rakshit desh albaruni ki al hind pdhiye ! Hindustan na hindu rhne ki wjh se pdha h na ki hindustan k nam pr hindu hue h , gandhinagar gandhi ji k nam pr pda h naki gandhinagar k nam pr gandhi ka nam commensense use kijiye pdhiye thoda ncert or lucent se uppr uthiye inscription pdhiye ye theoritical baate na kariye yhn
Rajputo me har sakh me raja huve or rahi bat prithviraj ki to sadi sanyogita se hui jo jaychand gahadval ki beti se vi ksatriye the or ksatriya kevel vivah ksatriya se hi karte the or aj bhi
पृथ्वीराज रासो एक काव्य ग्रंथ है पृथ्वीराज रासो 1600 ई में लिखा गया उनके काल से 400 वर्ष बाद । मगर इतिहासिक दृष्टि बहुत से महत्वपूर्ण है परन्तु बाद में बहुत सी बातें जोड़ दी व बहुत सी बातें छोड़ दी ।
As aptly pointed out by the narrator the Raso did great harm to the great Tomaras of Delhi as the Raso writers untimely displaced the Tomars from Delhi in order to declare their hero Prithviraj the last Hindu Samrat of Delhi/ India whereas he never ever was a ruler of Delhi. Raso has distorted history and the Tomaras who gave 23 kings and ruled Delhi for 457 years from 736 C.E. to 1193 C.E. were ignored by historians due to imaginary narratives of the Raso. Regards.
चंद वरदाई वीर रस के कवि थे , अत: बहुत बढ़ा चढ़ा कर भी लिखते थे । पृथ्वी राज ग्यारहवें सदी में था । जबकि राणा संगा पंद्रहवीं सदी में थे । आल्हा खंड में कवि जगनिक ने खूब बढ़ा चढ़ा कर तारीफ किया था । सही तथ्य वैसे भी गुम हो गए हैं ।
Agar Prithviraj ji Ajmer me veergati ko prapt hue toh unki kabar Ghor me kse hai 800 saal baad b .. Communists k agenda Bharat k veero k vaibhav ko mitti me milane k jaal me mt faso
इतिहास का अद्भुत ग्रंथ है पृथ्वीराज रासो। उस काल में प्रेस तो थे नहीं वाचन और पाठन के लिए लोगो ने प्रतिलिपिया की और प्रतिलिपि करते वक्त उसे और प्रेरक और प्रभावी बनाने के लिए अपनी बातें भी जोडी ही होगी
हम्मीर महाकाव्य के चतुर्थ सर्ग के श्लोक 2 में पृथ्वीराज चौहान के भाई हरीराज चौहान के भाई हरिराज चौहान को गुर्जर नरेश्वर लिखा हुआ है। हम्मीर महाकाव्य से ज्ञात होता है कि हम्मीर देव ने धार के परमार वंश के शासक महाराजा भोज द्वितीय को पराजित किया था और भोजदेव संवाद वर्णनं के श्लोक 23 में परमार भोज द्वितीय को गुर्जरेन्द्र लिखा है जिसका मतलब है गुर्जर राजा। #गुर्जर_सम्राट_पृथ्वीराजचौहान
Beta wo Gujarat ke raja yani gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ke raja the is liye unko gurjarnaresh gurjareswar kaha he yani gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ke sawami malik raja kaha he jara itihash sahi se padh ham bhi Gujarat gurjar Pradesh ke he or yaha tum gocharo ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe se dur dur tak koi rishta talluk nahi he Gujarat gurjar Pradesh gurjar desh or gurjar Pradesh Gujarat ke kshatriya rajpoot rajao ka tum bhed bakariya charane wale se koi matlab nahi he ye desh ka kamjor kanoon kamjor sarkar ki vajah se ye sab ho raha he warna kab ke jail me chale gaye hote itihash ki sath chedchad karne ke jurm me ok beta gochar ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe ho not Gujarat gurjar Pradesh gurjar desh ke kshatriya rajpoot rajao ke vansaj nahi ho apne aap bante ho ok beta jai mataji jai rajputana from Gujarat
Or angrejo ki grezet me likha he ki hariraj chauhan ji ne ek gujar jati ki ladki se vivah kiya tha ye pata he ki nahi to pata kar le or bhi tuje itihash janne ki eccha he to Sikh dharm ki kathao gurubani sun le unme tum teen jati ke logo gujar jaat ahir ko shudra jati kaha he jara sun le Sikh dharm ki kathao me or sahi se padh le ki ye logo ko gurjar naresh kyo kaha he kis vajah se kaha he ye janta he ki nahi to sahi se pata kar le gurjar naresh yani gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ka raja gurjar yani Gujarat ka purana naam or naresh yani raja Gujarat ke raja tum jese log milti julti chijo jagah sirname prant Pradesh jagah or ush prant Pradesh jagah ke rajao ko apni jati se jodte to ho par kabhi socha he ki ye kiske liye kaha he tum log to sahi me gochar gocharo ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe jati ke log ho or tum logo ne dekha ki hamare gocharo ki pass koi raja maharaja riyasat rajwade rajmahal rajgharan vansaj he nahi logo ko kya muh dikhaye is liye tum logo ne apni gujar gochar jati or gurjar Pradesh gurjar desh ke kshatriya rajpoot rajao ko dekha or apni gujar jati or gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ka milan kiya or dono milti julti chijo jagah sirname ek jesi dekhi or ban gye Gujarat gurjar Pradesh gurjar desh ke kshatriya rajpoot rajao ke vansaj sharm to he nahi azad Bharat ki sarkaro court bandharan sarkar tum logo ko choti nich OBC picchadi jati ka arakshan nokari padhai deke aage badha rahi he phir bhi saale ab itihash chura rahe he or wese bhi sarkar ki di huyi arakshan pe padhai karne wale logo me dimag nahi hota is liye gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat or gochar ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar jati me kya fark he wo pata nahi he koi baat nahi or Sun hamare Gujarat ke kshatriya rajpoot raja ne ush time me laat Pradesh or gurjar Pradesh jeet liya tha or kuch samay tak gurjar Pradesh gurjar desh ke pe raj kiya tha is liye unhone gurjarnaresh gurjradhipati gurjareswar ka birud pad padvi upadhi dharan ki thi or ush time Gujarat me anek prant Pradesh jagah the unme se ek gurjar Pradesh laat Pradesh bhurgukutch panchal chuwal etc etc the ok beta gochar jyda gyan mat de to accha he or Sun gurjar ka matalab janta he kisko gurjar kahete he jo log Gujarat gurjar Pradesh me rahte he unko gurjar kaha he yani gujarati or aaj bhi Gujarat me bhavnagar saher me ek Suthar lohar mistri samaj ki dharmshala he un par likha he gurjar suthar lohar mistri samaj ki dharmshala yani gujarat gujarati Suthar lohar mistri samaj ki dharmshala agar tu kahe to unka photo bheju jo desh ki janta or tuje pata chale ki tum gocharo gujaro ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe jati ke log kitna juth bol rahe ho or Sun mihirbhoj pratihar ji prithviraj chauhan ji etc etc kshatriya rajpoot rajao the or unke vansaj ko azad Bharat ki sarkaro court bandharan sarkar ki record dastavej school living certificate jati praman ptra me unko general cast swarn jati ke kshatriya likha he or tere gocharo gujaro ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal bhed bakariya charane wale charwahe jati ke liye OBC picchadi jati ke gujar gochar likha he or tum logo ne OBC picchadi jati ka arakshan lene ke baad ab SC class me samil hone ke liye SC class ka arakshan lene ke liye court me efidevit di he ki ham gochar goojer gujar jati ke log atipichadi jati ke log he or gaay bhains bhed bakariya charane wale charwahe jati ke log he gaay se jude log he is liye ham gocharo gujaro ghumtu ko OBC picchadi jati ka arakshan ki jagah SC class me samil kiya jaye or SC class ka arakshan diya jaye esi efidevit court me di he or court ne tum gujar gocharo ghumtu ki efidevit swikar ki he kyo ki tum log na kshatriya ho na raja maharaja ke vansaj ho na kshatriya raja laxman ji ke vansaj mihirbhoj pratihar ji ke vansaj nahi ho na tum ajmer ke kshatriya rajpoot raja prithviraj chauhan ji ke vansaj nahi ho is liye tum logo ki efidevit swikar ki he court or jo original kshatriya rajpoot rajao or unke vansaj he unko azad Bharat ki sarkaro court bandharan general cast swarn jati me ginti ki he or unko koi arakshan ka laabh nahi deti Kyo ki wo original kshatriya rajpoot rajao ke vansaj he riyasat rajwade rajmahal rajgharan vansaj he is liye azad Bharat ki sarkaro court bandharan ne unko general cast swarn jati ki vajah se kuch nahi deti agar efidevit dete he to kshatriya rajpoot rajao or riyasat rajwade rajmahal rajgharan vansaj ki vajah se unki efidevit swikar nahi ki jati or tum gocharo gujaro ki ki jati he Kyo ki tum log kshatriya or raja maharaja riyasat rajwade rajmahal rajgharan vansaj nahi ho gaay bhains bhed bakariya charane wale charwahe jati ke OBC picchadi jati ke gujar ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe ho ok beta sath me ye bhi proof or saboot de ki gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ke kshatriya rajpoot rajao mihirbhoj pratihar ji prithviraj chauhan ji ke vansaj 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Ashamai had the famous temple in kabul on Asamai hills outside kabul..Hinglaj in balochistan is famous kuldevi for many rajpits in central and western india
@@PankajKumar-jj8stwo tere jese kayar ke liye hoge pr jaichand Vir bahadur takkatwar shurvir the yudh or ladaye ladi or virgati ko prapt huve the or tum kayaro me kuch karne ki himmat he nahi ghar bethe comment karte raho kayaro ki aulad ho jara bata tere Purvajo ne desh or dharam ke liye kya kiya tha jara bata wese to tere jese kayaro ka kaam hi logo ko nicha dikhane ka he ok beta jai mataji from Gujarat
इस देश के इतिहास के साथ बहुत छेड़छाड़ हुई है गुरु जी, यहाँ अकबर महान बताया जाता है, बाबर को महान योद्धा बताते हैं, ये मत भूलों आजादी के बाद लगातार हमारे देश में पांच शिक्षा मंत्री मुसलमान रहे थे और वामपंथी इतिहासकारों ने बहुत छेड़छाड़ किया गया है🙏🙏
अप्रतिम, धन्यवाद। ऐसा हमारे बहुत से ग्रंथों के साथ हुआ। श्रीरामचरितमानस को गोस्वामी तुलसीदास जी ने लवकुश कांड नहीं लिखा था लेकिन मेरे पास खुद श्रीरामचरितमानस की ऐसी प्रति है जिसमे लवकुश काण्ड है। मानस मर्मज्ञ मानते हैं कि इस लवकुश कांड की भाषा गोस्वामी जी की नहीं है। इसको बाद में जनश्रुतियों के आधार पर किसी और कवि द्वारा जोड़ा गया।
आपकी जननी को नमन करता हूं जिन्होंने आपके जैसा शेर दिल सब पुत्र को जन्म दिया है शास्त्रों में शेर दिलाओ और बहादुरों की बहुत व्याख्यान सुनिए लेकिन आप के रूप में देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ आप को शत-शत नमन
Acharya ji, Namaskar. Samrat Prthviraj Chauhan ki series k kafi bhag dekhe hain. Viram Dev ji ka vivah Mewar Maharana Sanga ki bahan se hua tha. Rana Sanga k Yuvraj putr the Bhojraj. Inka vivah Bhakt Shiromani Meera Bai se hua. Meera Bai Viram Dev ji k chhote Bhai Ratan Singh Ji ki putri thi. Aise rishte Rajputon me ab bhi hote hain. Isme koi burai Rajasthan me nhi mani jaati h. Please note.
Aapki ek video bas ese hi mere youtune page par aayi uske baad mere aapki sari video dekh dali bahut aanand aaya aur knowledge bhi bahut badi...aapka bahut aabhar vays ji
The truth which no one denies is that prithvi' valour was unmatched with contemporary kings. But in his overconfidence he ignored his PM's advise and we'll tested niti of not considering any enemy insignificant. His PM advised heavy penalty on Ghori but he resided. Even in second war in his arrogance he send his senapati and paid from his life. Coming to Raso all poets exaggerate may be cndrabardai or Bhushan, or jayasi and so it must be taken with a pinch of salt.
Mahadev har aacharyvar....aapko sadar pranam ...aapke mukharvind se yeh sab jaankari milti he jiske hum log sadev aapke aabhari rahenge..jay maa bhavani..
Sir jai siyaram आजकल गुर्जर समाज भी पृथ्वीराज चौहान को अपना बता कर उन्हें गुर्जर समाज का बता राजपूतों को इतिहास बिगाड़ने वाला बता रहा h कृपया सच्चाइयों से अवगत कराने की कृपा के namaskar
हाँ भाई गुर्जर समाज ही सही है, क्योंकि मैने भी इन सब पर पढ़ा है। पृथ्वीराज चौहान गुर्जर समाज से ही थे और असली क्षत्रिय भी गुर्जर ही थे। 1. देवनारायण चौहान राजस्थान के लोक देवता है। जिनकी जाति गुर्जर थी और इन्हें राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में भी पूजा जाता है। इनकी पूजा पृथ्वीराज चौहान द्वारा भी की जाती थी। जब अजमेर पर पहले गुर्जर चौहान का राज था तो कुछ साल बाद वही चौहान राजपूत कैसे बन गए। 16 वी सदी से पहले राजपूत जाति का कोई शिलालेख भी नहीं है ,परंतु गुर्जर जाति के सैकड़ों शिलालेख है। राजपूत समाज द्वारा गुर्जर शब्द को स्थान वाचक बताते है। परंतु गुर्जर के जाति होने के शिलालेख 5 वी शताब्दी में ही मिल जाते है। ददा चालूक्य द्वारा भी अपनी जाति गुर्जर बताई गयी है जो गुर्जर प्रतिहार नागभट्ट के ही परिवार से थे। गुर्जर प्रतिहार के शिलालेख में भी गुर्जर को अपनी जाति ही बताया है। पुलिकेसिन के शिलालेख में भी गुर्जर जाति ही बताई गयी है। अरबों ने भी प्रतिहार राजाओं के लिए गुर्जर शब्द ही इस्तमाल किया। इससे यह तो साफ़ होता है कि गुर्जर जाति ही थी और क्षत्रिय भी थी। अब स्थान की बात करे तो गुर्जर राजाओं द्वारा जहां भी क़ब्ज़ा किया जाता उसे गुर्जर देश या गुर्जरात्रा नाम दिया जाता और गुजरात की सरकारी वेबसाइट भी यही कहती है। गुर्जर राजाओं द्वारा गुर्जर मंडल बनाया गया। जो गुर्जरों द्वारा रक्षित भूमि होती थी। पृथ्वीराज चौहान और उनके भाई हरि राज चौहान के वंशज आज भी है। जो गुर्जर जाति के ही है। Gazaters के अनुसार हरिराज चौहान के उत्तर प्रदेश में 84 चौहान गोत्र के गांव है जो गुर्जर जाति के है। पृथ्वीराज चौहान के वंशज आज पाकिस्तान से लेकर भारत के राजस्थान अजमेर और हरियाणा उत्तरप्रदेश आदि में है। जो गुर्जर चौहान है। राजपूत जाति के चौहान उनको लोनीया कहते है। जिनका पारम्परिक और पुस्तैनी कार्य नमक बनाना है। राजपूत घसियारा चौहान इनका पुस्तैनी कार्य राजाओं के घोड़ों के लिए घास काट कर लाना और घोड़ों की देखभाल करना होता था। ये बिल्कुल प्रमाणित है कि 7 वी सदी से 12 वी सदी तक गुर्जरों का राज था। जिसके प्रमाण शिलालेख अभिलेख है। प्रतिहार, परमार,चौहान, चालूक्य आदि सभी गुर्जर थे। शिलालेखों के आधार पर तो गुर्जर जाति के ही थे। पृथ्वीराज रासो और मूनहोत नैनसी की ख्यात जो कि 16 वी सदी की है। जिसे मुगल काल में लिखा गया है। उनके हिसाब से सब राजपूत है। यदुवंशी, सूर्यवंशी सब राजपूत है। परंतु मूनहोत नैनसी की ख्यात उस समय के राजाओं को खुश करने के लिए लिखी गयी थीं। रासो भी राजपूत राजाओं ने अपने मनोरंजन के लिए ही बार बार लिखवाई। क्योंकि राजपूत राजाओं को अपने आप को सूर्य और चंद्र वंश से जोड़ना था। इसलिए इन्होंने यादव और गुर्जर दोनों के राजाओं को अपना बताना शुरू किया। परंतु गुर्जर, यादव राजाओं के शिलालेखों में इनकी जाति गुर्जर, यादव ही लिखी है।
@@FACTHR22 सही कह रहे हो भाई.... नीमराना का किला, ranthambhor के chauhan, nadol की रियासत, जालोर का किला, हाड़ कोटा की रियासत, बूंदी खिंची Chauhano की रियासत, bhador रियासत के भदौरिया chauhan, मैनपुरी के Chauhano की रियासत, जशपुर Chauhano की रियासत, koriya के chauhano की रियासत, nawanagar की रियासत, pithoragarh chauhano की रियासत, पटना chauhano की रियासत. ये सब राजपूतों की नकल रियासत है मेदिनी राय भी नकली CHAUHAN था महाराणा प्रताप के नाना भी नकली chauhan थे... .. Ye sab rajput general स्वर्ण वर्ग में आते है ये सब नकली chauhano की रियासत है,,, केवल 84 गांव के chauhan असली है जो backward caste में गलती से आ गए और वो ही असली क्षत्रिय है सही कहते हो
@@mundauk0629 Mere Bhai Back ward or General ye Sb To pichhde Hone ki Vjaha Se or Angrejo ke karan Aya H . Isse kashtriya's ka Koi Lena Dena Hi nhi h . Thakur Yashpal Singh Rajput = yadav , jaat , rajput kashtriya's ke stars Hai but Gurjar Moon H Kashtriya's me . Bhai Aap Me Jin Chohano Ke name bataye h ye konsi Sadi se raaj Kr rhe h timing Dekhiye . Inhone chohan Gotr Apnaya H . Inhone Gurjaro ke main gotr apnaye h . Rajputo me sirf vji rajvansh gotr milenge jo Gurjar, yadav k rajvansh gotr h . Pr Gurjaro me khatana , baisla, nagar , parmar , bhati rajvansh bhi main rhe h . Khatana Gotr K Jaipal Khatana Ka Raaj Pure afganistan Pr tha Jinki Aaj bhi sbse bdi Gurjaro ki riyast h . Paramr Riyast Bhi Kevl Gurjaro me hi Bachi H . Jiske raja Kunwar parnav Singh champion hai jo ladhora parmar Riyast ke raja h ese hi bahot h . Isse ye saaf Hota h Gurjar kashtriya's to h . Bhai M to kevl Shilalekh or sbooto ki baat kr raha hu . Agar apke pas koi chohan ya kisi or rajvansh ka 13th century se phle ka Shilalekh ho to bataye . Parkrit bhasa me likhi gyi koi book bhi ho to vhi bata dijiye jisme rajput sbdh ho or use jaati ya Kshatriya jaati likha ho .
@@FACTHR22 landhora एक jagir h jo रोहिला पठान ने 1700 के ass पास दी है... Aur गढ़वाल की परमार riyasat 8th century ki hai... Jo abhi tak hai... Patna रियासत 12 th century की है... Hammirdev singh chauhan जो ranthambhor के राजा थे वो पृथ्वीराज की 4th generation m पैदा हुए थे... इसी तरह jalore की रियासत अल्लाउद्दीन खिलजी के समय की है जिसमें kahnaddev chauhan राजा हुए है... Ek hi gujjar रियासत 400 साल से ज्यादा पुरानी नहीं है... अकेली पटना की रियासत ही 1200 के आसपास स्थापित हुई है जब दिल्ली से Chauhano का पतन हुआ... Aur पिछड़ापन to ब्राह्मण rajput m b h vo obc m kyu nhi h.. पिछड़ी जातियों का मंडल कमिशन 1992 मे आया था कोई अंग्रेजों के समय में नहीं
@@FACTHR22 mere bhai aap nasha मुक्ति केंद्र जाओ Kyuki 1150 में bhati राजवंश को Jaisalmer में रावल jaisal ने स्थापित किया.. और Jaisalmer के राजा rajput है जो zinda hai abhi bhi वर्तमान में रावल चैतन्य राज सिंह bhati है वहां राजा कुछ समय पहले राजतिलक हुआ ... Ab kya zinda लोगों को भी गुज्जर bnaoge...
Samrat prithviraj gazni mein hi shahees hue the.... Aaj bhi gauri ke makbre ke theek aage samrat ki kabar thi,,, but ek rajput sher,,, bhai sher singh rana,, samrat ji ki assthiyan nikal kr leke aaye hai aur unn aasthiyon ko ganga maa ko arpit kra tha
Ye kitab to 400 sal bad likhi gayee or kahani badha chadha kar Ek kitab hai jo 12 vi sadi ka hai prithvi raj Vijay jo sankrit me hai wo jada histry k karib hoga I hope k uska translation jaldi aee
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
राजपूत सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी को एक पंडित का नमन
🙏🏻🙏🏻
Kitne ved padha hai tune abhi tak jo khud ko pandit kah raha hai
@@AryanRaj-yj4ji dikkat kya he ?
@@AryanRaj-yj4ji shero ko sher hone ka proof nhi dena padta
@@rajputji1426 JAI HIND!! 💖🇮🇳
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी जो आप सब हिंदू वीरो की सही जानकारी नई पीढ़ी के सम्मुख रख रहे हो जिसके लिए आपको नमन।
जय श्री राम
हर हर महादेव
जय श्री राम
अप्रतिम योद्धा पृथ्वीराज चौहान को शत् शत् नमन।
जय क्षत्रिय राजपुत्र जय पृथ्वीराज चौहान जय माँ आशापूरा
Jat king prithviraj chauhan ki jai ho
@@jatjuttjitjattjarthagetego1260 wo kshatriya rajput the
@@jatjuttjitjattjarthagetego1260 sahi hai. 😂😂😂😂 ek to Chauhans jinae shadi kar lete hain log unhe wo hi bana lete hai. Unhone UP aur Haryana main Jayon se kar li to jaat kehne lag gye log unhe. Bhai Jaat to the hi nahi 400 saal se pehle.
Bhi v to chauhan hu ma to kavi rajput nhi bana to prithviraj chauhan kaise rajput ban gya ma obc samaj se atta hu
Jay shree maa aashapura 🙏🙏
मैंने तो अब तक सुना ही था कि पृथ्वीराज रासो में काल्पनिक बातें ज़्यादा हैं वास्तविक ता कम लेकिन आपने आज स्पष्ट भी कर दिया धन्यवाद
जैन मुनियों द्वारा लिखे गए ग्रंथो मैं पृथ्वी राज रासो के दोहे प्राप्त होते हैं । साहित्य मीमांसा १३ वी सदी में लिखा गया है। यह कहना तो बिलकुल ही गलत होगा की पृथ्वीराज रासो का वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं। असल में जो पृथ्वी राज रासो चंद्र वर्धाई ने लिखी थी वह हो ना हो नष्ट हो गई होगी और जो भी उसके बाद के रासो ग्रंथ उपलब्ध हैं, वह सब पुरातन रासो से ही इंस्पायर्ड हैं। आज के समय में जो रासो उपलब्ध है वह कुछ हद तक काल्पनिक हो सकती हैं। रासो था लेकिन असली रासो नष्ट होगया है।
Prithviraj Raso mein sachhai nahin hai jyada
हिन्दू सम्राट पृथ्वी राज चौहान.... जय राजपूताना
जय जय जय सम्राट पृथ्वीराज चौहान 🙏🙏🙏
जय सनातन धर्म 🚩🚩🚩
जय श्रीराम 🙏🙏🙏
Dhanyvad
Quite balanced narrative. The narrator has rightly pointed out that the Raso did great harm to the great Tomar rulers of Delhi as the writers of the Raso untimely displaced the Tomars in order to fit their hero in Delhi to enhance his stature to that of a last Hindu Samrat of Delhi/India . It created lot of misconceptions and as a result the historians ignored the great Tomaras rulers of Delhi who merely became a foot note in history books for all times. The Tomaras ruled from Delhi a large state comprising of most of Haryana, western U.P. and parts of Rajasthan and Panjab. From 736 C.E. to 1193 C.E. , the Tomaras gave 23 Kings and ruled for 457 years. Shri Harihar Nivas Dwivedi resurrected the Tomaras from oblivion and restored their place through his empirical and monumental research in his book Dilli Ke Tomar which is available online in PDF format on Google . Regards.
Prithvi raj raso mainly established fake and false image of king jaichand .
Kripaua Aur jankari de 🙏
🙏🚩
आल्हा ऊदल और पृथ्वीराज चौहान के बारे में बताने का कष्ट करें ।
Krantidoot channel pr satya dekhe .Vistaar se bataya h.alha ka bhi aur prithviraj ji ka bhi
आल्हा ऊदल ने पृथ्वी राज को कूट दिया था । पृथ्वी राज बौद्ध स्तंभ उखाड़ने गया था और तबियत से पिट गया था ।
@@mukeshahirwar9208 और ऊदल नही केवल आल्हा और ये हर जगह बौद्ध स्तम्भो को मत घुसेड़ा करो।क्योंकि श्री राम मंदिर की खुदाई में बौद्ध स्तम्भ का ख़तरा भी नही मिला है।खेर जैसी अक्ल होगी वेसा ही हगोगे।
@@mukeshahirwar9208 alha ko to Raja Satan pasi ne Ganjar yudh mai.... Fate tak mara itna ki alha jamin pe gir gya... Aur indal usko waha se le bhaga... Aur udal to Raja Satan pasi se ladne ki himmat nhi ki...... Fir bhi kuchh log alha ko ajay bolte hai 🤣🤣
Usko haraya kisne tha
Samrat Prithviraj was the bravest of all Hindu kings of that time. In his ignorance he pardoned Ghori after first battle of Tarian and didn’t chase afghans till Hindu Kush mountains . Afghans learnt Rajputs weakness for not fighting in the night and deceive Ed them and launching a night attack. But no doubt he was a warrior king and should be recognised as such.you did a great job by making this presentation.jai hind.
Jay Maharana Pratap⛳
Jay Chattrapati Shivaji Maharaj⛳
Jay Prithviraj Chauhan⛳
Jay Shree Ram⛳
Har Har Mahadev⛳
Jay Bhavani⛳
🇮🇳Jay💥Bharat🇮🇳
Last Hindu Samrat Prithviraj Chouhan ki sada he jay ho ⛳🔱
Jai Rajputana jai Rajasthan 🔱
Jai Sanatan dharm🔥
Ekling ji maharaj ki jai🙏
Har har Mahadev 🙏
Jai jai shri ram 🙏
आचार्य वर
आप यदि आचार्य चाणक्य पर विडियो बनाते तो बड़ी प्रसन्नता।
आपसे आग्रह है
🚩बप्पा रावल 🚩 पर एक सीरीज बनाइये महाराज 🚩जय श्री राम 🚩
Mevad ke partapi Rana hamir par
Sirij bnaiy
Jai Shri Ram, Acharyaji Prithviraj Raso me galatiya nahi thi, original ko nasht kiya gaya jaise ki Nalanda Vishvavidyalaya me aag lagayi gayi thi, jo bacha wo generation by generation transfer kiya gaya in oral form which was later composed by various people thus creating doubts in it. Hamare har granth ke sath yahi kiya gaya hai. Bahut achchha laga aap hamare swarnim itihas ki jankari sabko de rahe. Dhanyawaad
जय राजपुताना 🙏प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏 हर हर महादेव 🚩🚩🙏🚩🙏🚩🙏🚩🚩
आपका यह कायॅ अदभुत है, आप जैसे योग्य एवं ज्ञानीजन का कॅतवय ही नही धमॅ भी है कि धमॅ ही नही इतिहास का प्रचार-प्रसार भी करे । आप को अंतःकरण से प्रणाम एवं साधुवाद आदरणीय
India s only 4 great rajas
1. Prithviraj chauhan
2. Chabdragupta maurya
3. Maharana pratap.
4. Shivaji maharaj.
There are many, you highlighted from last 2500 years only.
What about bappa ji rawal, Lalitaditya Muktpidia, Naag bhatt 2, maharaja Ajeet Singh, Maharana Sangraam Singh? There are several great kings through out history.
अभी बच्चे हो ,,,,, जिनका नाम लिखे हो वो एक प्रसेंट है
Smrat ashok
Akbar
@@legalone5432 ❤de ke great the ye toh
आप चंदेल वंश की बहुत ही अच्छी बात बताई इस के लिए धन्यवाद। चंदेल 🙏🙏
हर हर महादेव, आपको प्रणाम आचार्य जी, मेरा प्रश्न इतना शीघ्र आपके द्वार पहुंचेगा इसकी आशा नहीं किया था, धन्यवाद🙏💕🙏💕 पृथ्वी राज महाराज के बलिदान का सत्य जानना है, मुझे, घृणा है म्लेच्छ आक्रांताओं से, जै जै श्री राम
Jai Jai Rajputana 🙏
Jai rajputana 🚩⚓🇮🇳 Jai maharana
वर्तमान इतिहासकार, इतिहास सत्य लिख रहे है? इस पर संदेह है ।
लोकगाथा सत्य होती है जबकि इतिहास कार गलत होते है! इतिहासकार हमेशा राजनिती को खुश करते है!
लोकगाथा की भाषा मिश्रित होती है , जैसे पारंपरिक गीत होते है , जो भाषा, क्षेत्र पर बदलती रहते है ।
वर्तमान इतिहासकार तो 1962 की लडाई के सत्य नही लिख सके , अतः विश्वसनीय नही है ।
हर हर महादेव
धन्वाद गुरु जी
तराइन के युद्ध के लिए मैं बहुत आतुर हूँ
हम्मीर महाकाव्य में परमार वंश और चौहान वंश के गुर्जर होने के प्रमाण देखे हम्मीर महाकाव्य का रचियता नयनचन्द्र सूरी था , इस महाकाव्य में रणथम्भौर के महान शासक हम्मीर देव चौहान के साम्राज्य का विस्तार से वर्णन किया गया है ।
#गुर्जर_सम्राट_पृथ्वीराजचौहान
abe tum to murkh ho.. khi kuch nhi likha..tum khud hi y bkwas bolte ho..
. ..phle prithviraj ab . bappa rawal ko bhi gujr bta rhe ho.
..
Beschor bhi khud ko chouhan Ka vansaj btate hai 😅😃
तेरे जैसे हमारे पास गन्ना का जूस बेच रहे हैं
@@hjjjjjjkkk कोई अगर कह दे मेरा बाप को हमारा भी बाप था तो उसमें क्या बुराई है भारत के सभी लोग कह देंगे सम्राट पृथ्वी राज चौहान हमारे भी पूर्वज थे तो उसमें क्या बुराई है उनकी उनको प्रॉपर्टी तो नहीं मिलने वाली जहां तक वास्तविकता की बात है प्रमाणिकता की बात है इतिहास तथ्यो से चलता है ना कि दंत कथाओं से वह भी समकालीन तथ्य धन्यवाद
🙏प्रणाम आचार्य जी 🙏
🚩🚩जय मां भवानी 🚩🚩🙏
🚩हर हर महादेव 🚩🙏
VERY NICE VIDEO. KEEP IT UP. SB.NINARIA.
Dhanyawad Pandit ji iss vistrit gyan ke liye
Agr Prithviraj Chauhan ki mrityu ajmar main hui to unki kbra afganistan main kaise hai ye bataiye sir ji
Exactly bro... Mera bhi yahi question hai.... Actually mughalon aur angrejo ne bht kuch change kra tha,,, hinduo ko nicha dikhane k liye
Bhai jab Prithviraj Chauhan ji ke marne ke bad lutero ne hindu ko neca dekhane ke liya afganistan me dafna diya or waha pe bola gaya ke jo is kabar ke pass se jayega vo ise jute chappal marega
कोई कब्र नहीं है
Kya yeh sach hai sir
शेर सिंह राणा जन्म 17 मई 1976, उत्तराखंड के रुड़की में हुअा। राणा ने अंतिम हिंदू सम्राट कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान की अफगानिस्तान के गजनी इलाके में रखी अस्थियों को भारत ले कर आये है।
- शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की हत्या की इस हत्या की वजह से राणा को पुलिस तिहाड़ जेल में बंद कर दिया था।
- जेल बाहर आने के बाद एक इंटरव्यू में शेर सिंह ने बताया कि जब वें फूलन देवी हत्या के आरोप में सजा काट रहे थे तभी वे भारत के सबसे नामी तिहाड़ जेल से 17 फरवरी 2004 को जब फरार हो गए।
- नेपाल, बांग्लादेश, और दुबई के रास्ते होते हुए अफगानिस्तान पहुंचे। जहां पर उन्होंने अपनी जान को जोखिम में डाल कर अफगानिस्तान के गजनी से हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की रखी हुई अस्थियां 2005 में भारत ले आए।
-इस पूरी घटना का बाकायदा राणा ने वीडियो भी बनाया। इसके बाद राणा ने अपनी मां की मदद से गाजियाबाद के पिलखुआ में पृथ्वीराज चौहान का मंदिर बनवाया, जहां पर उनकी अस्थियां आज भी रखी हुई है।
पृथ्वीराज चौहान के 4 पुत्र भी बताय जाते है जो आल्हा और उदल से युध्द में मारे गए थे उनका भी कुछ बताओं.....I
Us yudh me prithvi raj ki khud ki umar 20 sal thi unke Putra kaha se aaye yudh me
Shi bola😅😅
Prathviraj ki khud umer 20 saal ki thi
@@mantuthakur4946nahi bhai Karib 16 saal ki umar batayi gyi he or allha udal ki umar 43 saal batayi gyi he or ye mahoba ka yudh do kshatriya rajpoot rajao ki bich me huva tha or be vajah ahir abhir charwahe kud rahe he ok bhai Jai mataji jai rajputana from Gujarat
Jai Rajputana 🙏😎💪🏻
Jai Shree Ram Jai Shree Krishna
Jai Shri Ram 🙏🏼❤️🙏🏼
Jai Prithviraj Chauhan 🙏🏼🌹🙏🏼
Sir
प्लीज यह बताए की 1192 के युद्ध के बाद उस समय के राजाओं और पृथ्वीराज चौहान के वंश के लोगो ने क्या किया
Bhai me bhi yahi Jaan na chata hu 🙏
92 k baad govindraj chauhan jo prithviraj k bete the ...ranthambore me jake apna sasn suru krte h...yha se nai chauhan branch start hoti h
जय श्री राम 🙏
आखिर सम्राट पृथ्वी राज चौहान जी कि मृत्यु कैसे और कहा हुई थी।
Jay shree ram ji
जय श्री राम🙏🙏🙏🙏
raso published by nagar pracharini Sabha Varanasi gives details of adulterations,it says Chand bardai used calender which was there,before Vikram samvat calender became poular,there is difference of 10 to 12 yrs in both calendars.during samrat prithviraj time both calenders were present.
पृथ्वीराजविजयमहाकाव्यं की रचना 1191-92 में #गुर्जर_सम्राट_पृथ्वीराजचौहान के राजकवि कश्मीरी पंडित जयानक ने की , जिसके सर्ग 10 के श्लोक नंबर 50 में पृथ्वीराज के किले को गुर्जर दुर्ग लिखा है व सर्ग 11 के श्लोक नंबर 7,9 में गुर्जरो द्वारा गौरी को पराजित करने का वर्णन है ।
Vo istan vises se na ki jati suchak gurjatra
@@bahadursingh9499 inscription pdhiye bhai ncert or lucent nhi gurjar pratiharo se phle vo sthaan laat or sauraashtr k naam se jana jata h khn jire ho harshavardhan kal m laat or bharuch k raja dadda gurjar hi the 4thr century m kalchuri ka inscription pdhiye 6 century aate aate gurjaro ki shakhao ne milkr 6-7th century m gurjardesh ki sthapna kri jise gurjratra kaha jata h agr aapne kuch pdha h to mujhe 6th century se phle k us sthaan k ek bhi inscription dikha do ko use gurjar desh ya gurjratra kaha jata ho . Harshavardhan k tym pr bhi gurjar the or us time laat sauraashtra k nam se jana jata tha pdhiyega kalchuri inscription pdhiyega epigraphia indica m nandipuram or bharuch k gurjar ! Or rhi sthanvachak ki to ek inscription ka naam ginwa do 6th century se phle use gurjaratra kaha jata ho ! Gurjaro ki shakti or udbhav k karan hi gurjratra mtlb gurjaro dwara rakshit desh albaruni ki al hind pdhiye ! Hindustan na hindu rhne ki wjh se pdha h na ki hindustan k nam pr hindu hue h , gandhinagar gandhi ji k nam pr pda h naki gandhinagar k nam pr gandhi ka nam commensense use kijiye pdhiye thoda ncert or lucent se uppr uthiye inscription pdhiye ye theoritical baate na kariye yhn
To gurjaro me sirf chouhan parthiviraj hi raja tha or koi sakh batao chouhan ke alava jisme unke raja huve ho itihas chor
Rajputo me har sakh me raja huve or rahi bat prithviraj ki to sadi sanyogita se hui jo jaychand gahadval ki beti se vi ksatriye the or ksatriya kevel vivah ksatriya se hi karte the or aj bhi
Itihas me ispasat likha hua h hirachand oja ne istanvacgak na ki jatisuchak pad lena
पृथ्वीराज रासो एक काव्य ग्रंथ है
पृथ्वीराज रासो 1600 ई में लिखा गया उनके काल से 400 वर्ष बाद ।
मगर इतिहासिक दृष्टि बहुत से महत्वपूर्ण है परन्तु बाद में बहुत सी बातें जोड़ दी व बहुत सी बातें छोड़ दी ।
As aptly pointed out by the narrator the Raso did great harm to the great Tomaras of Delhi as the Raso writers untimely displaced the Tomars from Delhi in order to declare their hero Prithviraj the last Hindu Samrat of Delhi/ India whereas he never ever was a ruler of Delhi. Raso has distorted history and the Tomaras who gave 23 kings and ruled Delhi for 457 years from 736 C.E. to 1193 C.E. were ignored by historians due to imaginary narratives of the Raso. Regards.
हर हर महादेव जय श्री राधे कृष्णा 🙏❤️🙏
चंद वरदाई वीर रस के कवि थे , अत: बहुत बढ़ा चढ़ा कर भी लिखते थे । पृथ्वी राज ग्यारहवें सदी में था । जबकि राणा संगा पंद्रहवीं सदी में थे । आल्हा खंड में कवि जगनिक ने खूब बढ़ा चढ़ा कर तारीफ किया था । सही तथ्य वैसे भी गुम हो गए हैं ।
Agar Prithviraj ji Ajmer me veergati ko prapt hue toh unki kabar Ghor me kse hai 800 saal baad b .. Communists k agenda Bharat k veero k vaibhav ko mitti me milane k jaal me mt faso
इतिहास का अद्भुत ग्रंथ है पृथ्वीराज रासो।
उस काल में प्रेस तो थे नहीं वाचन और पाठन के लिए लोगो ने प्रतिलिपिया की और प्रतिलिपि करते वक्त उसे और प्रेरक और प्रभावी बनाने के लिए अपनी बातें भी जोडी ही होगी
हम्मीर महाकाव्य के चतुर्थ सर्ग के श्लोक 2 में पृथ्वीराज चौहान के भाई हरीराज चौहान के भाई हरिराज चौहान को गुर्जर नरेश्वर लिखा हुआ है। हम्मीर महाकाव्य से ज्ञात होता है कि हम्मीर देव ने धार के परमार वंश के शासक महाराजा भोज द्वितीय को पराजित किया था और भोजदेव संवाद वर्णनं के श्लोक 23 में परमार भोज द्वितीय को गुर्जरेन्द्र लिखा है जिसका मतलब है गुर्जर राजा।
#गुर्जर_सम्राट_पृथ्वीराजचौहान
🤣🤣🤣🤣
Speaker par chikh chikh kar prachaar kar yaha gala fadne se kya hoga.....Dudh bech .....Isme fayda hai
Beta wo Gujarat ke raja yani gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ke raja the is liye unko gurjarnaresh gurjareswar kaha he yani gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ke sawami malik raja kaha he jara itihash sahi se padh ham bhi Gujarat gurjar Pradesh ke he or yaha tum gocharo ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe se dur dur tak koi rishta talluk nahi he Gujarat gurjar Pradesh gurjar desh or gurjar Pradesh Gujarat ke kshatriya rajpoot rajao ka tum bhed bakariya charane wale se koi matlab nahi he ye desh ka kamjor kanoon kamjor sarkar ki vajah se ye sab ho raha he warna kab ke jail me chale gaye hote itihash ki sath chedchad karne ke jurm me ok beta gochar ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe ho not Gujarat gurjar Pradesh gurjar desh ke kshatriya rajpoot rajao ke vansaj nahi ho apne aap bante ho ok beta jai mataji jai rajputana from Gujarat
Or angrejo ki grezet me likha he ki hariraj chauhan ji ne ek gujar jati ki ladki se vivah kiya tha ye pata he ki nahi to pata kar le or bhi tuje itihash janne ki eccha he to Sikh dharm ki kathao gurubani sun le unme tum teen jati ke logo gujar jaat ahir ko shudra jati kaha he jara sun le Sikh dharm ki kathao me or sahi se padh le ki ye logo ko gurjar naresh kyo kaha he kis vajah se kaha he ye janta he ki nahi to sahi se pata kar le gurjar naresh yani gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ka raja gurjar yani Gujarat ka purana naam or naresh yani raja Gujarat ke raja tum jese log milti julti chijo jagah sirname prant Pradesh jagah or ush prant Pradesh jagah ke rajao ko apni jati se jodte to ho par kabhi socha he ki ye kiske liye kaha he tum log to sahi me gochar gocharo ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe jati ke log ho or tum logo ne dekha ki hamare gocharo ki pass koi raja maharaja riyasat rajwade rajmahal rajgharan vansaj he nahi logo ko kya muh dikhaye is liye tum logo ne apni gujar gochar jati or gurjar Pradesh gurjar desh ke kshatriya rajpoot rajao ko dekha or apni gujar jati or gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat ka milan kiya or dono milti julti chijo jagah sirname ek jesi dekhi or ban gye Gujarat gurjar Pradesh gurjar desh ke kshatriya rajpoot rajao ke vansaj sharm to he nahi azad Bharat ki sarkaro court bandharan sarkar tum logo ko choti nich OBC picchadi jati ka arakshan nokari padhai deke aage badha rahi he phir bhi saale ab itihash chura rahe he or wese bhi sarkar ki di huyi arakshan pe padhai karne wale logo me dimag nahi hota is liye gurjar Pradesh gurjar desh Gujarat or gochar ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar jati me kya fark he wo pata nahi he koi baat nahi or Sun hamare Gujarat ke kshatriya rajpoot raja ne ush time me laat Pradesh or gurjar Pradesh jeet liya tha or kuch samay tak gurjar Pradesh gurjar desh ke pe raj kiya tha is liye unhone gurjarnaresh gurjradhipati gurjareswar ka birud pad padvi upadhi dharan ki thi or ush time Gujarat me anek prant Pradesh jagah the unme se ek gurjar Pradesh laat Pradesh bhurgukutch panchal chuwal etc etc the ok beta gochar jyda gyan mat de to accha he or Sun gurjar ka matalab janta he kisko gurjar kahete he jo log Gujarat gurjar Pradesh me rahte he unko gurjar kaha he yani gujarati or aaj bhi Gujarat me bhavnagar saher me ek Suthar lohar mistri samaj ki dharmshala he un par likha he gurjar suthar lohar mistri samaj ki dharmshala yani gujarat gujarati Suthar lohar mistri samaj ki dharmshala agar tu kahe to unka photo bheju jo desh ki janta or tuje pata chale ki tum gocharo gujaro ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal gochar goojer gujar bhed bakariya charane wale charwahe jati ke log kitna juth bol rahe ho or Sun mihirbhoj pratihar ji prithviraj chauhan ji etc etc kshatriya rajpoot rajao the or unke vansaj ko azad Bharat ki sarkaro court bandharan sarkar ki record dastavej school living certificate jati praman ptra me unko general cast swarn jati ke kshatriya likha he or tere gocharo gujaro ghumtu khanjar khanabadosh bakarwal bhed bakariya charane wale charwahe jati ke liye OBC picchadi jati ke gujar gochar likha he or tum logo ne OBC picchadi jati ka arakshan lene ke baad ab SC class me samil hone ke liye SC class ka arakshan lene ke liye court me efidevit di he ki ham gochar goojer gujar jati ke log atipichadi jati ke log he or gaay bhains bhed bakariya charane wale charwahe jati ke log he gaay se jude log he is liye ham gocharo gujaro ghumtu ko OBC picchadi jati ka arakshan ki jagah SC class me samil kiya jaye or SC class ka arakshan diya jaye esi efidevit court me di he or court ne tum gujar gocharo ghumtu ki efidevit swikar ki he kyo ki tum log na kshatriya ho na raja maharaja ke vansaj ho na kshatriya raja laxman ji ke vansaj mihirbhoj pratihar ji ke vansaj nahi ho na tum ajmer ke kshatriya rajpoot raja prithviraj chauhan ji ke vansaj nahi ho is liye tum logo ki efidevit swikar ki he 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आचार्य जी पृणाम लाल किले के असली संस्थापक महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर के बारे में गलत धारणा को स्पष्ट कीजिए
Har Hqar Mahadev
$
Thank you so much for all current information and I appreciate your hard work!
Sahi hai video lambi ho koi bat nai apna itihas janana jaruri hai 👍👍👍
Very Nice video👌
Jay Shree Krishna 🙏🚩
पृथ्वीराज चौहान को सत सत नमन
हर हर महादेव 🙏
जय श्री राम 🙏
Sir ek video Sher Singh Rana pe bhi bnana.
🧐👍👍🙏
Jai rajputana jai prithaviraj chauhan
Ashamai had the famous temple in kabul on Asamai hills outside kabul..Hinglaj in balochistan is famous kuldevi for many rajpits in central and western india
जय श्री राम🙏
जय राजपूताना🙏
"JAI SHRI RAM" JAI RAJPUTANA HAR HAR MAHADEV HAR
हर हर महादेव 🙏
जय एकलिंग जी 🙏
धन्यवाद आचार्य जी 😊
एक वीडियो महाराज जयचंद के ऊपर बनाए कैसे एक धर्म परायण राजा को कुछ सस्ते कवियों ने इतिहास का खलनायक बना दिया
Maharaj nhi gaddar jaychand
@@PankajKumar-jj8stwo tere jese kayar ke liye hoge pr jaichand Vir bahadur takkatwar shurvir the yudh or ladaye ladi or virgati ko prapt huve the or tum kayaro me kuch karne ki himmat he nahi ghar bethe comment karte raho kayaro ki aulad ho jara bata tere Purvajo ne desh or dharam ke liye kya kiya tha jara bata wese to tere jese kayaro ka kaam hi logo ko nicha dikhane ka he ok beta jai mataji from Gujarat
महोदय आल्हा ऊदल की जानकारी लीजिए कि इस संवत में आल्हा उदल हुए उस संवत में पृथ्वीराज चौहान थे समय का पता लग जाएगा
Jay jay prithviraj Chauhan ji Amar rahen 🙏🙏🙏🚩🚩🚩
लगता है विधाता का ही परिवर्तन है मुस्लिम आए फिर अंग्रेज आए फिर डेमोक्रेसी आई
इस देश के इतिहास के साथ बहुत छेड़छाड़ हुई है गुरु जी, यहाँ अकबर महान बताया जाता है, बाबर को महान योद्धा बताते हैं, ये मत भूलों आजादी के बाद लगातार हमारे देश में पांच शिक्षा मंत्री मुसलमान रहे थे और वामपंथी इतिहासकारों ने बहुत छेड़छाड़ किया गया है🙏🙏
Jay Rajputana 🙏🙏🙏
I like this video thankyou so much.Har Mahadev
Jai rajputana 🚩⚔️ Jai MAA Bhavani 🚩 jai hind 🇮🇳
अप्रतिम, धन्यवाद। ऐसा हमारे बहुत से ग्रंथों के साथ हुआ। श्रीरामचरितमानस को गोस्वामी तुलसीदास जी ने लवकुश कांड नहीं लिखा था लेकिन मेरे पास खुद श्रीरामचरितमानस की ऐसी प्रति है जिसमे लवकुश काण्ड है। मानस मर्मज्ञ मानते हैं कि इस लवकुश कांड की भाषा गोस्वामी जी की नहीं है। इसको बाद में जनश्रुतियों के आधार पर किसी और कवि द्वारा जोड़ा गया।
Har Har Mahadev Jaye Shree Prathvi Raj Chohan ki Jaye Hind Jaye Bharat Vande Matram
धन्यवाद गुरुदेव सही तत्वों को प्रमाणित करने के लिए आजकल के बच्चे सब जानते ही नहीं इसलिए जाना जरूरी है
धर्म(हिंदू)की जय हो,अधर्म (इस्लाम)का नाश हो🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️⚔️
आपकी जननी को नमन करता हूं जिन्होंने आपके जैसा शेर दिल सब पुत्र को जन्म दिया है शास्त्रों में शेर दिलाओ और बहादुरों की बहुत व्याख्यान सुनिए लेकिन आप के रूप में देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ आप को शत-शत नमन
Acharya ji, Namaskar. Samrat Prthviraj Chauhan ki series k kafi bhag dekhe hain. Viram Dev ji ka vivah Mewar Maharana Sanga ki bahan se hua tha. Rana Sanga k Yuvraj putr the Bhojraj. Inka vivah Bhakt Shiromani Meera Bai se hua. Meera Bai Viram Dev ji k chhote Bhai Ratan Singh Ji ki putri thi. Aise rishte Rajputon me ab bhi hote hain. Isme koi burai Rajasthan me nhi mani jaati h. Please note.
Aapki ek video bas ese hi mere youtune page par aayi uske baad mere aapki sari video dekh dali bahut aanand aaya aur knowledge bhi bahut badi...aapka bahut aabhar vays ji
सत्य उजागर के लिए धन्यवाद 😊
Jai rajputana jai prithivi raj bhai
The truth which no one denies is that prithvi' valour was unmatched with contemporary kings. But in his overconfidence he ignored his PM's advise and we'll tested niti of not considering any enemy insignificant. His PM advised heavy penalty on Ghori but he resided. Even in second war in his arrogance he send his senapati and paid from his life. Coming to Raso all poets exaggerate may be cndrabardai or Bhushan, or jayasi and so it must be taken with a pinch of salt.
Jai Rajputana form Vicky thakur 🔥
Very detailed explanation nice video.
Mahadev har aacharyvar....aapko sadar pranam ...aapke mukharvind se yeh sab jaankari milti he jiske hum log sadev aapke aabhari rahenge..jay maa bhavani..
Thanks sir this history, Jai Shree Ram, Har Har Mahadev,
Sir jai siyaram आजकल गुर्जर समाज भी पृथ्वीराज चौहान को अपना बता कर उन्हें गुर्जर समाज का बता राजपूतों को इतिहास बिगाड़ने वाला बता रहा h कृपया सच्चाइयों से अवगत कराने की कृपा के namaskar
हाँ भाई गुर्जर समाज ही सही है, क्योंकि मैने भी इन सब पर पढ़ा है। पृथ्वीराज चौहान गुर्जर समाज से ही थे और असली क्षत्रिय भी गुर्जर ही थे।
1. देवनारायण चौहान राजस्थान के लोक देवता है। जिनकी जाति गुर्जर थी और इन्हें राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में भी पूजा जाता है। इनकी पूजा पृथ्वीराज चौहान द्वारा भी की जाती थी। जब अजमेर पर पहले गुर्जर चौहान का राज था तो कुछ साल बाद वही चौहान राजपूत कैसे बन गए।
16 वी सदी से पहले राजपूत जाति का कोई शिलालेख भी नहीं है ,परंतु गुर्जर जाति के सैकड़ों शिलालेख है।
राजपूत समाज द्वारा गुर्जर शब्द को स्थान वाचक बताते है।
परंतु गुर्जर के जाति होने के शिलालेख 5 वी शताब्दी में ही मिल जाते है।
ददा चालूक्य द्वारा भी अपनी जाति गुर्जर बताई गयी है जो गुर्जर प्रतिहार नागभट्ट के ही परिवार से थे।
गुर्जर प्रतिहार के शिलालेख में भी गुर्जर को अपनी जाति ही बताया है।
पुलिकेसिन के शिलालेख में भी गुर्जर जाति ही बताई गयी है।
अरबों ने भी प्रतिहार राजाओं के लिए गुर्जर शब्द ही इस्तमाल किया।
इससे यह तो साफ़ होता है कि गुर्जर जाति ही थी और क्षत्रिय भी थी।
अब स्थान की बात करे तो गुर्जर राजाओं द्वारा जहां भी क़ब्ज़ा किया जाता उसे गुर्जर देश या गुर्जरात्रा नाम दिया जाता और गुजरात की सरकारी वेबसाइट भी यही कहती है। गुर्जर राजाओं द्वारा गुर्जर मंडल बनाया गया। जो गुर्जरों द्वारा रक्षित भूमि होती थी।
पृथ्वीराज चौहान और उनके भाई हरि राज चौहान के वंशज आज भी है। जो गुर्जर जाति के ही है।
Gazaters के अनुसार हरिराज चौहान के उत्तर प्रदेश में 84 चौहान गोत्र के गांव है जो गुर्जर जाति के है। पृथ्वीराज चौहान के वंशज आज पाकिस्तान से लेकर भारत के राजस्थान अजमेर और हरियाणा उत्तरप्रदेश आदि में है। जो गुर्जर चौहान है।
राजपूत जाति के चौहान उनको लोनीया कहते है। जिनका पारम्परिक और पुस्तैनी कार्य नमक बनाना है।
राजपूत घसियारा चौहान इनका पुस्तैनी कार्य राजाओं के घोड़ों के लिए घास काट कर लाना और घोड़ों की देखभाल करना होता था।
ये बिल्कुल प्रमाणित है कि 7 वी सदी से 12 वी सदी तक गुर्जरों का राज था। जिसके प्रमाण शिलालेख अभिलेख है।
प्रतिहार, परमार,चौहान, चालूक्य आदि सभी गुर्जर थे। शिलालेखों के आधार पर तो गुर्जर जाति के ही थे।
पृथ्वीराज रासो और मूनहोत नैनसी की ख्यात जो कि 16 वी सदी की है। जिसे मुगल काल में लिखा गया है। उनके हिसाब से सब राजपूत है। यदुवंशी, सूर्यवंशी सब राजपूत है। परंतु मूनहोत नैनसी की ख्यात उस समय के राजाओं को खुश करने के लिए लिखी गयी थीं।
रासो भी राजपूत राजाओं ने अपने मनोरंजन के लिए ही बार बार लिखवाई।
क्योंकि राजपूत राजाओं को अपने आप को सूर्य और चंद्र वंश से जोड़ना था। इसलिए इन्होंने यादव और गुर्जर दोनों के राजाओं को अपना बताना शुरू किया। परंतु गुर्जर, यादव राजाओं के शिलालेखों में इनकी जाति गुर्जर, यादव ही लिखी है।
@@FACTHR22 सही कह रहे हो भाई....
नीमराना का किला, ranthambhor के chauhan, nadol की रियासत, जालोर का किला, हाड़ कोटा की रियासत, बूंदी खिंची Chauhano की रियासत, bhador रियासत के भदौरिया chauhan, मैनपुरी के Chauhano की रियासत, जशपुर Chauhano की रियासत, koriya के chauhano की रियासत, nawanagar की रियासत, pithoragarh chauhano की रियासत, पटना chauhano की रियासत. ये सब राजपूतों की नकल रियासत है मेदिनी राय भी नकली CHAUHAN था महाराणा प्रताप के नाना भी नकली chauhan थे... .. Ye sab rajput general स्वर्ण वर्ग में आते है ये सब नकली chauhano की रियासत है,,, केवल 84 गांव के chauhan असली है जो backward caste में गलती से आ गए और वो ही असली क्षत्रिय है सही कहते हो
@@mundauk0629 Mere Bhai Back ward or General ye Sb To pichhde Hone ki Vjaha Se or Angrejo ke karan Aya H . Isse kashtriya's ka Koi Lena Dena Hi nhi h .
Thakur Yashpal Singh Rajput = yadav , jaat , rajput kashtriya's ke stars Hai but Gurjar Moon H Kashtriya's me .
Bhai Aap Me Jin Chohano Ke name bataye h ye konsi Sadi se raaj Kr rhe h timing Dekhiye .
Inhone chohan Gotr Apnaya H . Inhone Gurjaro ke main gotr apnaye h .
Rajputo me sirf vji rajvansh gotr milenge jo Gurjar, yadav k rajvansh gotr h .
Pr Gurjaro me khatana , baisla, nagar , parmar , bhati rajvansh bhi main rhe h .
Khatana Gotr K Jaipal Khatana Ka Raaj Pure afganistan Pr tha Jinki Aaj bhi sbse bdi Gurjaro ki riyast h .
Paramr Riyast Bhi Kevl Gurjaro me hi Bachi H . Jiske raja Kunwar parnav Singh champion hai jo ladhora parmar Riyast ke raja h ese hi bahot h .
Isse ye saaf Hota h Gurjar kashtriya's to h .
Bhai M to kevl Shilalekh or sbooto ki baat kr raha hu . Agar apke pas koi chohan ya kisi or rajvansh ka 13th century se phle ka Shilalekh ho to bataye . Parkrit bhasa me likhi gyi koi book bhi ho to vhi bata dijiye jisme rajput sbdh ho or use jaati ya Kshatriya jaati likha ho .
@@FACTHR22 landhora एक jagir h jo रोहिला पठान ने 1700 के ass पास दी है... Aur गढ़वाल की परमार riyasat 8th century ki hai... Jo abhi tak hai... Patna रियासत 12 th century की है... Hammirdev singh chauhan जो ranthambhor के राजा थे वो पृथ्वीराज की 4th generation m पैदा हुए थे... इसी तरह jalore की रियासत अल्लाउद्दीन खिलजी के समय की है जिसमें kahnaddev chauhan राजा हुए है... Ek hi gujjar रियासत 400 साल से ज्यादा पुरानी नहीं है... अकेली पटना की रियासत ही 1200 के आसपास स्थापित हुई है जब दिल्ली से Chauhano का पतन हुआ... Aur पिछड़ापन to ब्राह्मण rajput m b h vo obc m kyu nhi h.. पिछड़ी जातियों का मंडल कमिशन 1992 मे आया था कोई अंग्रेजों के समय में नहीं
@@FACTHR22 mere bhai aap nasha मुक्ति केंद्र जाओ Kyuki 1150 में bhati राजवंश को Jaisalmer में रावल jaisal ने स्थापित किया.. और Jaisalmer के राजा rajput है जो zinda hai abhi bhi वर्तमान में रावल चैतन्य राज सिंह bhati है वहां राजा कुछ समय पहले राजतिलक हुआ ... Ab kya zinda लोगों को भी गुज्जर bnaoge...
अद्भुत जानकारी देने के लिए आचार्य जी को धन्यवाद
Narayan narayan ,jai shree ram
Har har mahadev
Radhe Radhe guruji. Bahut sahi jankari aapne di.
आचार्य जी तोप बंदूक के बारे आल्हा ऊदल के समय पर भी थी जरा उस प्रकार के ग्रंथो पर भी ध्यान दीजिए
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
जय मां भारती ❤️🙏
आपको बहुत बहुत धन्यवाद इतना दुर्लभ ज्ञान देने के लिये मुझे लगता यह चन्द्र बरदाई का लिखा रासो खो
गया होगा और बाद मे लोगो ने उनके नाम से लिख दिया होगा |
Har har Mahadev
Jai shree RAM
Jai shree HARI
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी आपका जो आप हमारे सनातन धर्म की महानता को दर्शाने के लिए आपका शत् शत् नमन
Jai Shree Ram 🚩🚩
Samrat prithviraj gazni mein hi shahees hue the.... Aaj bhi gauri ke makbre ke theek aage samrat ki kabar thi,,, but ek rajput sher,,, bhai sher singh rana,, samrat ji ki assthiyan nikal kr leke aaye hai aur unn aasthiyon ko ganga maa ko arpit kra tha
Ye kitab to 400 sal bad likhi gayee or kahani badha chadha kar
Ek kitab hai jo 12 vi sadi ka hai prithvi raj Vijay jo sankrit me hai wo jada histry k karib hoga
I hope k uska translation jaldi aee
Jai shree ram archarya ji 😇
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
HAR HAR MAHADEV JAY SHREE RAM JAY MATADI
Gujjar Samrat prithviraj chauhan
हर हर महादेव। जय श्री राम।🙏
Very good need more related to pithaura rai
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Jai sri ram🙏. Har har mahadev.