Shekhawati me jitna daan shekhawato me kia h utna kisi ne nhi kia .maharaja kalyan singh ne sikar ko education dia hospital dia .esa daani raja kahi nhi h or aaj sikar ke kuch samaj ke log Rao Raja Kalyan Singh ka naam sikar se hatana chahte h
जिस नाम के पीछे सिंह आ जाता है लोग समझते हैं यह सरदार थे अंग्रेज लोग पूरी रणनीति बना चुके थे भारत में किस से काम लेना है और अपनी सत्ता चलाने के लिए उन्हीं लोगों को अपने साथ रखा और उन्हीं लोगों के इतिहास को बढ़ावा दिया बाकी हिंदू सनातनी इतिहास गायब कर दिया उन सभी को अब अराजकता के अंधकार में धकेल दिया और स्वयं करता धर्ता बनाकर बैठ गई
60 साल पहले गांवों में एक या दो ठाकुर के पास गांव की सारी जमीन होती थी । बाकी सब लोग उसकी जमीन पर खेती करते थे । ठाकुर देशी हथकङ पहले तौङ का पव्वा पीकर मौज करते थे । गरीबों का खूंन चुसकर खुद भी खाते थे ,और अंग्रेजों को भी खिलाते थे । पहले मुगलों को मौज करवाई ,फिर अंग्रेजों को । भारत छोङो आंन्दोलन में किसान ही सबसें आगे थे । और गोलियां भी किसानों ने खाई थी ।
Good analysis Power struggle among rulers.Perhap issue was prestige of Sikar.May be Kalyan Singh was an exception as Rulers lived for themselves only .
रावल, रावत, राव, राजा, महाराजा, राणा, महाराणा आदि सभी पदवियां है, पर अब इन नामों से कई जातियां बन गई | जैसलमेर के राजा की पदवी रावल है, मेवाड़ के हमीरगढ़ ठिकाने के शासक की पदवी रावत है | जोधपुर के शासक जोधा की पदवी राव थी सो उनका नाम राव जोधा लिखा जाता है |
जय माता जी कि सा हुकूम एक नाटक महाराणा प्रताप उसमें बुंदी के राजा को नौटंकी राजा व डरकोप दिखाया गया है तो आप उसमे क्या कर रहे हैं और बुंदी के निक्कमे वारिस क्या कर रहे हैं सो रहे तो उनको जगा दो यही हाल सभी वारिसों का है
तुम्हारे वाले भी तो दान लेने के लिए अकबर के आगे हाथ जोड़े लाइन में खड़े रहते थे। और आज भी तुम्हारी कई लड़कियों ने इनसे शादी की हुई है। मतलब तुम लोगों के फूफा तो आज भी है।
नाम के शर्मा लगा रहा ह बेशर्म शर्म नही आई तेरे को दासी पुत्री जिसका धर्म अलग था तेरे तो फूफा ने धर्म ही चेंज कर लिए थे bhut सारी औरते हरम में चली गई पता ह की ni
@@ChaudharyGL-oo7 तुम्हारी सुई जोधा अकबर पर ही क्यों अटकी है ? जबकि जोधा नाम की अकबर की कोई बेगम थी ही नहीं | खुद अकबर नामा में इस नाम का कोई जिक्र नहीं | हाँ तुम्हे इस नाम से ठंडक मिलती हो तो ठंडक लेते रहो और राजपूत इतिहास से जलते रहो |
बहुत अच्छी जानकारी।
जय गोपीनाथ जी कि सा।
Bhut hi शानदार जानकारी मिली धन्यवाद sa sikar ke महान राजा कल्याण सिंह जी
ऐतिहासिक घटना का बहुत ही सरल शब्दों मे व्याख्यान हेतु आप जी का हृदय से आभार जी
Bahut shaandar historic jaankari ❤❤
Janta ke sache sewak or ruler the rao raja kalyan singh ji ❤❤
Shekhawati me jitna daan shekhawato me kia h utna kisi ne nhi kia .maharaja kalyan singh ne sikar ko education dia hospital dia .esa daani raja kahi nhi h or aaj sikar ke kuch samaj ke log Rao Raja Kalyan Singh ka naam sikar se hatana chahte h
आप धरातल पर रहकर बहुत अच्छी जानकारी देते रहते है हुक्म आप जय गोपीनाथ जी की 🙏🙏
जय गोपीनाथ जी की सा
Aaj bahut aachi jankari mili
Bhahut acchi jankari sir
Bahut achha explanation👌🤌
हुकुम 1938 में किसानों ने भारत का सबसे बड़ा यज्ञ किया गया है उसके बारे में भी बताए।
जिस नाम के पीछे सिंह आ जाता है लोग समझते हैं यह सरदार थे अंग्रेज लोग पूरी रणनीति बना चुके थे भारत में किस से काम लेना है और अपनी सत्ता चलाने के लिए उन्हीं लोगों को अपने साथ रखा और उन्हीं लोगों के इतिहास को बढ़ावा दिया बाकी हिंदू सनातनी इतिहास गायब कर दिया उन सभी को अब अराजकता के अंधकार में धकेल दिया और स्वयं करता धर्ता बनाकर बैठ गई
Rawat rajput ki video bi upload kro
Sir, I want to read the history of Sikar.From where can I purchase the books written by Sh.Mahaveer Purohit
Nise
60 साल पहले गांवों में एक या दो ठाकुर के पास गांव की सारी जमीन होती थी । बाकी सब लोग उसकी जमीन पर खेती करते थे । ठाकुर देशी हथकङ पहले तौङ का पव्वा पीकर मौज करते थे । गरीबों का खूंन चुसकर खुद भी खाते थे ,और अंग्रेजों को भी खिलाते थे । पहले मुगलों को मौज करवाई ,फिर अंग्रेजों को । भारत छोङो आंन्दोलन में किसान ही सबसें आगे थे । और गोलियां भी किसानों ने खाई थी ।
100% agree
बिल्कुल सही लिखा
झूठा इतिहास मत बता
@@बाबाडकेत matlb tum ye to mante ho ki tumhare purvaj nalle the, namard the. Ek do ke aage bhi bedum the. 🤣
Good analysis Power struggle among rulers.Perhap issue was
prestige of Sikar.May be Kalyan Singh was an exception as Rulers lived for themselves only .
Achhi kahani hai
Nice
Sir..title rawal ka kia matlab hai
रावल, रावत, राव, राजा, महाराजा, राणा, महाराणा आदि सभी पदवियां है, पर अब इन नामों से कई जातियां बन गई | जैसलमेर के राजा की पदवी रावल है, मेवाड़ के हमीरगढ़ ठिकाने के शासक की पदवी रावत है | जोधपुर के शासक जोधा की पदवी राव थी सो उनका नाम राव जोधा लिखा जाता है |
धागंद्रा गुजरात की एक रियासत थी जो की झाला राजपूतों की रियासत थीं।
Kshatriya nayak 🗡️🚩
जय श्री गोपाल
❤
❤❤❤Rao raja kalyan singhji or Ganga singh ji bhadur and some other these are great persnality ❤❤❤
😂but all were not same like these😂
Raja Ram ji jat he
Sab rajputo k prati logo me jo jahar bhara ja rha use kam kaise kare
बहुत दूरदर्शि थे राजा साहब
जय माता जी कि सा हुकूम एक नाटक महाराणा प्रताप उसमें बुंदी के राजा को नौटंकी राजा व डरकोप दिखाया गया है तो आप उसमे क्या कर रहे हैं और बुंदी के निक्कमे वारिस क्या कर रहे हैं सो रहे तो उनको जगा दो यही हाल सभी वारिसों का है
ये छोटा सा काम आप भी कर लीजिए। हमने वो नाटक नहीं देखा।
@@gyandarpan आप इनसे मिलते रहते हैं इसलिए बोला हमारे जैसा आम आदमी से मिलता कोन है
कई ठिकानेदारों से आप मिलते रहते हैं इसलिए बोला
th-cam.com/video/jllDTk4c_FA/w-d-xo.htmlsi=DS-bs3T9kVuVy3y6
th-cam.com/video/jllDTk4c_FA/w-d-xo.htmlsi=DS-bs3T9kVuVy3y6
हमारी भी बहुत कम मुलाकात होती है
Jodha nam ki lakdi Raj parivar m thi hi nahi. Galat itihas padaya jata Raha h.
Hakikat kuch aur hai jat andolan kai karan kalansingh ko arresr kia gaya tha
जाट आंदोलन से कोई लेना देना नहीं थे बल्कि जाट तो कल्याण सिंह जी से खुश थे।
Marwadi me bolo sa
बादशाह अकवर मान सिंह जी के फूफा ठहरे इसलिये सीधे संवंध थे ।
तुम्हारे वाले भी तो दान लेने के लिए अकबर के आगे हाथ जोड़े लाइन में खड़े रहते थे। और आज भी तुम्हारी कई लड़कियों ने इनसे शादी की हुई है। मतलब तुम लोगों के फूफा तो आज भी है।
नाम के शर्मा लगा रहा ह बेशर्म शर्म नही आई तेरे को दासी पुत्री जिसका धर्म अलग था तेरे तो फूफा ने धर्म ही चेंज कर लिए थे bhut सारी औरते हरम में चली गई पता ह की ni
Mere bhai ye Man Singh Ji dusre hai😂
Itahas ka pata nahi hai to bakwas nahi chodni chahiye tere purkho ne ghar ghar aata maang khaya tu kis muh se bola re dust besharam
Suna h rawan tera fufa tha.
राजा कल्याण सिंह का वारिस कौन है
उनके पुत्र राजकुमार हरदयाल सिंह का निधन हो गया तो उनकी कुँवरानी ने विक्रम सिंह को गोद लिया जो वर्तमान में नेपाल रहते है।
ये क्यों नहीं कहते की गरीब किसान मजदूरों का कितना शोषण किया गया
Soshan hota to tumhari itni population nhi hoti
शोषण नहीं, गरीबों को पाला पोषा है |
शोषण चोरों का होता है तू भी चोर है 😂😂
एक जौधा अकबर की मूर्ति लगानी चाहिए। 😂😂😂
गुलाब राय और विजय सिंह जी की भी लगवालो 😀😀
@@gyandarpan isme problem kya hai kyu tum Jodha bai ka itihas chupa rhe ho
Jra en mangadth kahaniyo se nikal kr jodhpur Akbar ka shi itihas btaye😂
@@ChaudharyGL-oo7 तुम्हारी सुई जोधा अकबर पर ही क्यों अटकी है ? जबकि जोधा नाम की अकबर की कोई बेगम थी ही नहीं | खुद अकबर नामा में इस नाम का कोई जिक्र नहीं | हाँ तुम्हे इस नाम से ठंडक मिलती हो तो ठंडक लेते रहो और राजपूत इतिहास से जलते रहो |
@@gyandarpanharka baisa name tha uska jodha nhi
Or vo purtgali thi