आपको सादर अभिवादन।बहुत खूबसूरत जानकारी मिली है।और हिडिंबा जो नाम आप लिए ये कोई और नहीं बौद्ध लोगो की देवी जिसे हिरिमा भी कहा गया।बिल्कुल इन सभी के पूर्वज बौद्ध और नाग लोग थे।सच ही बताया है आपने।बहुत बहुत धन्यवाद आपको।
राम राम जी। जय श्रीराम।। संकट काल में सबको भारत सबसे सुरक्षित राष्ट्र लगता है लेकिन यही शरणागत बाद में भारत के हितों को हानि पहुंचा कर अपने कृतघ्न होने का सबूत देते हैं। करोड़ो बांग्लादेशी मुसलमान, म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान तथा मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, जैसे राष्ट्र इस बात का सर्वोत्तम उदाहरण है।
बहुत ही रोचक और आमधारणा को बदल देनेवाली जानकारी।वास्तव में "सुर-असुर"का विभेधन "विचारधाराओं" से ही रहा होगा।जो शक्तिशाली बनकर उभरे, वे दूसरे विचारधारा के लोगों के बारे में असामाजिक अवधारणा बनाने में सफल हो गये और तभी से निरंतर यही परिपाटी राजनीति और समाज में भी चली आ रहा है।"बारामासा"की टीम को रोचक जानकारीपूर्ण एपिसोड के लिए बधाई।
हां मैंने भी सुना है कि उत्तराखंड पहले असुरों या राक्षस भूमि थी यहां बामसू गांव जिला रुद्रप्रयाग बाणासुर की भूमि है विडियो में सत्यता प्रतीत होती है मैंने ऐसा भी सुना है कि कुछ आज के शिल्पकारों के पूर्वज मायावी भी थे जो नर बाघ का रूप धारण करते थे जिसको बोगस्याडी विद्या कांगड़ जड़ी कहा जाता था।
Rahul sir Namaste🙏 वेद or जेंद अवेस्ता में समानता है। MA की पढ़ाई करते हुए मैने दोनो ही के उदाहरणों में देखा है l बहुत हैरानी हुई थी l उसके बाद आपका information से picked एपिसोड सुना , बहुत सारी जानकारी से अवगत कराने के लिए तहेदिल से धन्यवाद 🎉😊😊😊
mujhe apke channel se pyar ho gya h bhai❤❤❤ itna research.. bhai maza aa jata h... mujhe khuda apne itihas se bhaut pyar h.. aur, apkirl research se khud ko jaanne me bhaut madad hoti h.. thanks.. lots of luv❤❤❤
ज्ञानवर्धक एपीसोड । बहुत सुंदर । मज़ा आ गया। वैसे जौनसार जनजातीय क्षेत्र में में शराब को सुर भी कहा जाता है तो उस हिसाब से मैं कह सकता हूँ कि सुरापान करने वाले सुर और जो सुरापान नहीं करते होगे उन्हें असुर कहा जा सकता है 😂😂
Sad people do not know much about such amazing researchers like DD Sharma sir..myself hearing about it first time..I am personally researching on such topics and surely agree with many points stated...eg Hatti people in Himachal surely linked to ancient Hattians in Turkey/ Mesopotamia having sane name..even place and regional god/ goddess/ culture matches those of Kurds and other in these region..Goddess Ufri in Uttarakhand linked to River Euphrates by Bill Aitken..so there are too many similarities to ignore
Me himachal ke kinnaur area se belong krta hu or apki video ke 23:23 me kha gya h ki banasur or hadimba ke 18 santan yh khtan glt h hamare kinnaur me banasur or hirma jo ki hadimba ki beti thi hirma mata , banasur or hirma mata ke 18 santan thi jinki pooja hamare kinnaur me kri jaati h yh 18 santan kuch is prkar thy 1. Durga mata kothi 2.sungra maheshwar 3. wang maheshwar 4.chool maheshwar (chool maheshwar mere ist h mere gao ke devta h me inko mahadev ka avtar mankr puja karta hu , jai ho chol maheshwar ki ) 5. Mebar maheshwar 6. Mata usha nichar ( yhi mata usha h jinko anirudh se prem hua ta , inki puja kinnaur ke nichar gao me b hoti h ) 7. Baluse mata tranda 8. Zangti mata (inko satuj river ki devi kha jata h ) 9.devta maheswar sungri (rohru area ke devta ) 10. Powari maheshwar Aur baaki ki santane gungi behri or apang thi jo ki aaj bi himalyas me gupt rup se vaas karti h Note : usha is not daughter of hadimba and banasur she is daughter of hirma and banasur Hadimba mata jo manali ki h vo to banasur ki saasu ma lgi na usha mata ki nani ko aapne usha mata ki maa bna liya
Banasur ki history Himachal (Kinnaur) se belong krti hai.. Banasur ke 18 bacho ka samrajay aaj b hai kayam hai, jo devi devtaon ke roop mein virajmaan hai... Baramasa team ko must research krna chahiye....kinnaur Himachal mein aakar
Well researched, although mostly is based on writings and stories... Govt of Uttarakhand should initiate comprehensive studies on these. Thanks to researchers & script writers.
I belong to the upmanyu clan and our ishta devata is Asur and he is considered as the Rudra form of Shiva .A specific temple named Asura patal situated in pithoragarh nepal border belongs to all mighty.
As a tribal myself, ur information is very close to what i have studied in jharkhand PCS books. Asur were tribal ppl not monsters. Sad that my ancestors history is manipulated by Aryans. I wish more ppl find the truth.
Mate you are absolutely right. Arya/Brahmin were Britisher of that time for us mool niwasi/ indigenous people. Propaganda is going to burst in the next few decades.
देखिए मैं कुछ चीजें स्पष्ट कर देना चाहता हूं ।राखीगढ़ी में हुई खोज ने यह तो क्लियर कर दिया है कि आर्यन invasion theory गलत है। अतः aryan invasion theory के आधार पे दिए गए सभी रिफ्रेंस गलत ही साबित हो जाते हैं।
इन्होंने कहा कि असुर मेसपोटामिया से आये, अर्थात् वो हड़प्पा से भी पुरानी सभ्यता थी, 😂 सारे वामपंथी पत्रकार हो, ठीक उसी तरह जैसे राम मन्दिर का विरोध करने वाले अधिकतर इतिहासकार पत्रकार और राजनीतिज्ञ वो थे जिन्होंने कभी संस्कृत पढ़ी ही नही😂
@@amountainmanofhimalayas4756 बिल्कुल ये तो बस द्वापर युग के बाणासुर तक अटके हुए, जबकि उससे पूर्व सतयुग, त्रेता युग में कई राक्षस थे, उनका यहाँ जिक्र क्यों नही,
@@maheshyogi7976yah kal kalpna matr hai . lpura vedic etihas ka koi parman nhi hai . sanskirt bhasa kislipi mai likhi jatinhai ? nagre lipi mai . nagre lipi 8th century ad mai viksit hona suru huwa .kise boli ko bhasa bannai kai liyai usai sabd binyas, bolne ki saile, uski sk lipi or uska byakarn hotah hai . y
I don’t know much but one thing makes perfect logic is that lord shiva lived in Himalayas and his initial followers were asurs/danav etc. Even his army is of asurs/danavs. As we all know shiv is the main god of pre Vedic era who still is mainly worshipped in Himalayan states. Also pre vedic era of Himalayas was full of shamanic rituals/practices like bon practices and we know that asuras and shiva both had knowledge of tantra. Even today shamanic practices are very common in Uttarakhand.
देखिए ये सूर्य असुर कैसे हुआ । देखिए लोगों ने मनमानी कर रखी है। देखिए देवता क्या हैं, भगवान क्या हैं, परमात्मा क्या है। देखिए प्रश्न का उत्तर दो सूर्य शरीर है या कुछ और। देवता समाज में आज भी मौजूद हैं समझ में आया।
असुर, दैत्य, दांव, दास, दस्यु, राक्षस, ये सब नाम आर्य लेखकों ने नहीं दिए ये तो उन्हें पहले से कहा जाता था, उन आर्य लेखकों ने इन नामों को नाकारत्मक रूप में ही लिखा, जिससे सब भ्रमित हो गए।
बाना शूर की राज धानी 2 थी एक लोहाघाट, एक joytish पुर, उस समय पूरे उत्तराखण्ड मे बाना शूर का राज्य था अनिरुद् उषा, चित्र लेखा इनके बारे मे कुछ किव दन्तीय भी है उत्तराखण्ड मे की चित्र लेखा बाना शूर के सेनापति की पुत्री थी और हिमालय प्रदेश मे मायवि विद्या के लिए जानी जाती है
आपने कहा अथर्ववेद और इसके बाद के ग्रंथों में असुर को राक्षस कहा, जो आपके अनुसार नकारात्मक है। पर सबसे बड़ी बात तो यह है कि राक्षस शब्द खुद नाकारात्मक नहीं है। रक्षसि इति राक्षसः अर्थात रक्षा करने वाले को राक्षस कहते थे पहले राक्षस शब्द तो खुद बहुत बाद में नकारात्मक हुआ।
Can you explain Sunitpur in Assam where Krishna and shiva fought as father of Usha was king of Sonitpur and Usha was princess of Sonitpur where all the proofs are found
You can make a very amazing supernatural tv series on it.. the matarial is so strong plus it has so much morality and philosophical battle for humans..
Plz read Assam history too, we have sontipur district, Usha garden....many remains of banasura kingdom, mahavairav Shiva temple ....rest believe what u wanna believe
History is often told according to the interpretation and biases of prevailing historical actors, often those who won in geopolitical disputes or otherwise became dominant forces in society.
आपको सादर अभिवादन।बहुत खूबसूरत जानकारी मिली है।और हिडिंबा जो नाम आप लिए ये कोई और नहीं बौद्ध लोगो की देवी जिसे हिरिमा भी कहा गया।बिल्कुल इन सभी के पूर्वज बौद्ध और नाग लोग थे।सच ही बताया है आपने।बहुत बहुत धन्यवाद आपको।
राम राम जी। जय श्रीराम।। संकट काल में सबको भारत सबसे सुरक्षित राष्ट्र लगता है लेकिन यही शरणागत बाद में भारत के हितों को हानि पहुंचा कर अपने कृतघ्न होने का सबूत देते हैं। करोड़ो बांग्लादेशी मुसलमान, म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान तथा मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, जैसे राष्ट्र इस बात का सर्वोत्तम उदाहरण है।
Bina nepali sainik aabtak terades pakistanka gulam ho jata abtak
Sir आपकी भाषा उच्चारण अति उत्तम है! एकदम शुद्ध 👌🏻
बहुत ही रोचक और आमधारणा को बदल देनेवाली जानकारी।वास्तव में "सुर-असुर"का विभेधन "विचारधाराओं" से ही रहा होगा।जो शक्तिशाली बनकर उभरे, वे दूसरे विचारधारा के लोगों के बारे में असामाजिक अवधारणा बनाने में सफल हो गये और तभी से निरंतर यही परिपाटी राजनीति और समाज में भी चली आ रहा है।"बारामासा"की टीम को रोचक जानकारीपूर्ण एपिसोड के लिए बधाई।
वाह वाह ज्ञान बहुतों के पास होता है लेकिन उसको बांटने की कला किसी किसी को ही आती है । बड़े भाई राहुल कोटियाल जी को प्रणाम ❤
संस्कृति के इस महान पहलू को उजागर करने के लिए बहुत -बहुत धन्यवाद !
वेरी इंफोर्मेटिव वीडियो सर।
आपके पीछे जो असुर का मुखोटा है वो भी गज़ब लग रहा है😂
हां मैंने भी सुना है कि उत्तराखंड पहले असुरों या राक्षस भूमि थी यहां बामसू गांव जिला रुद्रप्रयाग बाणासुर की भूमि है विडियो में सत्यता प्रतीत होती है मैंने ऐसा भी सुना है कि कुछ आज के शिल्पकारों के पूर्वज मायावी भी थे जो नर बाघ का रूप धारण करते थे जिसको बोगस्याडी विद्या कांगड़ जड़ी कहा जाता था।
क्या ये बात सच्च है
Rahul sir Namaste🙏
वेद or जेंद अवेस्ता में समानता है। MA की पढ़ाई करते हुए मैने दोनो ही के उदाहरणों में देखा है l बहुत हैरानी हुई थी l उसके बाद आपका information से picked एपिसोड सुना , बहुत सारी जानकारी से अवगत कराने के लिए तहेदिल से धन्यवाद 🎉😊😊😊
Thanks
thank you so much
ye tho bahut interesting h
love from guptakashi ❤❤
बहुत ज्ञानवर्धक
Shayad isiliye Pithoragarh me ek Asur devta ki bhi pooja hoti hai.... very informative video ...thanks
Thank u sir....Danu ka itihaas bataane ke liye
Bahut informative video hai baramasa. Keep doing this good work.
Prastuti sammohak hai gyan vardhak stik vislesan Ak nai jankari Apko danyvad
Great research sir video dekh kr bhot sikhne ko mila Thankyou Uttarakhand ke bareme new new video banate rahiye .😊
Bahut badhiya Rohit acchi information good day
Bhai ji itna accha vedio maine apne life me nhi dhekha h jo itne sara bat ek vedio me bta de
mujhe apke channel se pyar ho gya h bhai❤❤❤
itna research.. bhai maza aa jata h... mujhe khuda apne itihas se bhaut pyar h.. aur, apkirl research se khud ko jaanne me bhaut madad hoti h.. thanks.. lots of luv❤❤❤
अति उत्तम व्याख्या , ज्ञान वर्धक जानकारी एवं जबरदस्त प्रस्तुतीकरण 👌👍❤️
जय श्री राम।गुरु जी।।।ऐसे ही ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आपका धन्यवाद ❤
❤❤❤
ज्ञानवर्धक एपीसोड । बहुत सुंदर । मज़ा आ गया। वैसे जौनसार जनजातीय क्षेत्र में में शराब को सुर भी कहा जाता है तो उस हिसाब से मैं कह सकता हूँ कि सुरापान करने वाले सुर और जो सुरापान नहीं करते होगे उन्हें असुर कहा जा सकता है 😂😂
😂😂😂😂😂😂 ye bhi sahi logic h😂
😂😂😂😂
😂😂 Bhai ese hi fects manipulate karte hai je or logo ka mind bosh karte hai.
जानकारी के लिए धन्यवाद बहुत रोचक तथ्य है जो हमें शायद ही कहीं सुनने को मिलते 🙏🙏🙏
Please iska second part banaiye ...
अति उत्तम और उत्साह से भरी हुई जानकारी
पार्ट 2 देखने के लिए मन बहुत उत्साहित हैं ❤🎉🎉🎉
जय बाणेश्वर महादेव
Aapne itni jaankri ek saar m laane k liye kitne granth ka adhyan Kiya h, iske liye apka bahut aabhar abhinandan 🎉
Bahut dhanvyavad
Sad people do not know much about such amazing researchers like DD Sharma sir..myself hearing about it first time..I am personally researching on such topics and surely agree with many points stated...eg Hatti people in Himachal surely linked to ancient Hattians in Turkey/ Mesopotamia having sane name..even place and regional god/ goddess/ culture matches those of Kurds and other in these region..Goddess Ufri in Uttarakhand linked to River Euphrates by Bill Aitken..so there are too many similarities to ignore
Bahut mahatvapurn jankari
Pradan ki hai sir aapne dhanywad
Sir banasur ka link assam k sonitpur kaa jagah kaa mentioned hai.. idhar us k banaai howa temple v hai.. aur ek story manipur tak jaate..
Bro great research & highly informative….Thank You.
Me Pithoragarh se hu yaha Ashur devta k bahut jagah mandir h aur hum inhe bahut shraddha se pujte he😊
Hm
Me himachal ke kinnaur area se belong krta hu or apki video ke 23:23 me kha gya h ki banasur or hadimba ke 18 santan yh khtan glt h hamare kinnaur me banasur or hirma jo ki hadimba ki beti thi hirma mata , banasur or hirma mata ke 18 santan thi jinki pooja hamare kinnaur me kri jaati h yh 18 santan kuch is prkar thy
1. Durga mata kothi
2.sungra maheshwar
3. wang maheshwar
4.chool maheshwar (chool maheshwar mere ist h mere gao ke devta h me inko mahadev ka avtar mankr puja karta hu , jai ho chol maheshwar ki )
5. Mebar maheshwar
6. Mata usha nichar ( yhi mata usha h jinko anirudh se prem hua ta , inki puja kinnaur ke nichar gao me b hoti h )
7. Baluse mata tranda
8. Zangti mata (inko satuj river ki devi kha jata h )
9.devta maheswar sungri (rohru area ke devta )
10. Powari maheshwar
Aur baaki ki santane gungi behri or apang thi jo ki aaj bi himalyas me gupt rup se vaas karti h
Note : usha is not daughter of hadimba and banasur she is daughter of hirma and banasur
Hadimba mata jo manali ki h vo to banasur ki saasu ma lgi na usha mata ki nani ko aapne usha mata ki maa bna liya
बहुत सुन्दर
बहुत ही अनिवार्य विषय चुना है आपने ❤❤
Asur vedas mai khanhua hai ? Taki hum bhi check kr skte btaiye
Always good information. @Baramasa
Sir ji bahut badiya jankari
I am amazed to know the information keep it up wish I can meet you all team one day for further discussion.
😊jalander uttarkasi harsil me jalendri ghad k naam se nadi b h jo himanchal k kinnur or harsil uttrkshi ko ik paas dwara jodti h
🙏 Great Reporting and Analysis
Evidence based and researched.
अपने इतिहास को परखने/जानने की अच्छी पहल।
Keep doing great work 🙏
Best wishes 🎉
बहुत सुंदर जानकारी
A treat to mind and an eye opening video n research.
Wonderful topic.. Really thanx
इतनी अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद 🙏❤️
Very interesting information.. Superb presentation.
Thanks sir ji greatest knowledge❤❤❤
Sir badiya please expand your news area to Himachal Pradesh also.
Banasur ki history Himachal (Kinnaur) se belong krti hai..
Banasur ke 18 bacho ka samrajay aaj b hai kayam hai, jo devi devtaon ke roop mein virajmaan hai... Baramasa team ko must research krna chahiye....kinnaur Himachal mein aakar
Bahut badiya
Apka Gyan atbhut hai🙏
Well researched, although mostly is based on writings and stories... Govt of Uttarakhand should initiate comprehensive studies on these.
Thanks to researchers & script writers.
हूंण, शंक ( शौका ), कौल, खश, ही हिमालय की मूल प्रजातियाँ हैं ।
अद्भुत❤
I belong to the upmanyu clan and our ishta devata is Asur and he is considered as the Rudra form of Shiva .A specific temple named Asura patal situated in pithoragarh nepal border belongs to all mighty.
Anything which is not Vedic became Asur. Somewhere like in Nepal the cultures blended.
I’m from Nepal and our original devta are mast and Bhagwan Pashupatinath or shiv or Rudra.
Amazing video 👏👏
Bahut khoob🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
धन्यवाद। 😊😊
There is a place in Himachal Pradesh called sarahan bushahr.its ancient name was shonitpur.This whole story belongs to that area
एपिसोड बहुत अच्छा है।।।
Thank you sir sahi history bataane ke liye
bhut shi jankari
बहुत अच्छा ❤
उतरकाखंड की बहुत अच्छी जानकारी मिलती हे आप के इस चैनल से ।थोड़ी जानकारी हिमाचल के बारे में भी साजा करे।। धन्याबाद 🙏
Uttarakhand me apse behtar koi aur patrakar nahi hai
As a tribal myself, ur information is very close to what i have studied in jharkhand PCS books. Asur were tribal ppl not monsters. Sad that my ancestors history is manipulated by Aryans. I wish more ppl find the truth.
Aryans nhi xersis hai responsible , Indra ke guru khud Asur tha , xersis ne Devo ki negative Bola uska response me hmne Asur ki negative bola
Mate you are absolutely right. Arya/Brahmin were Britisher of that time for us mool niwasi/ indigenous people. Propaganda is going to burst in the next few decades.
@@ankit1rawatBhai par tum rawat kab SE mool niwasi ho gye
@@mayankdewli1010 bro Rawat koi caste nhi hoti na hi ye koi jaati hai.
Fascinating report. Although the exodus from Himalayas to Assyria seems more probable as Vedas are chronologically older than the Assyrian era, no?
Vedas are not a reliable source when you're reading history.
Really informative❤👌
बहुत रोचक जानकारी 🙏🙏 👍
देखिए मैं कुछ चीजें स्पष्ट कर देना चाहता हूं ।राखीगढ़ी में हुई खोज ने यह तो क्लियर कर दिया है कि आर्यन invasion theory गलत है।
अतः aryan invasion theory के आधार पे दिए गए सभी रिफ्रेंस गलत ही साबित हो जाते हैं।
इन्होंने कहा कि असुर मेसपोटामिया से आये, अर्थात् वो हड़प्पा से भी पुरानी सभ्यता थी, 😂 सारे वामपंथी पत्रकार हो, ठीक उसी तरह जैसे राम मन्दिर का विरोध करने वाले अधिकतर इतिहासकार पत्रकार और राजनीतिज्ञ वो थे जिन्होंने कभी संस्कृत पढ़ी ही नही😂
@@maheshyogi7976 हां जी इनके रिफ्रेंस भी बेतुके हैं ,ये चीजों को ऐसे दिखाते हैं जैसे बस यही एकमात्र सत्य है।
@@amountainmanofhimalayas4756 बिल्कुल ये तो बस द्वापर युग के बाणासुर तक अटके हुए, जबकि उससे पूर्व सतयुग, त्रेता युग में कई राक्षस थे, उनका यहाँ जिक्र क्यों नही,
Usne asur mask laga rakha h deewar m.
Ambani n jio free karwake kaise kaise hutiye kaun platform de rakha hai 😂😂😂😂
@@maheshyogi7976yah kal kalpna matr hai . lpura vedic etihas ka koi parman nhi hai . sanskirt bhasa kislipi mai
likhi jatinhai ? nagre lipi mai . nagre lipi 8th century ad mai viksit hona suru huwa .kise boli ko bhasa bannai kai
liyai usai sabd binyas, bolne ki
saile, uski sk
lipi or uska byakarn hotah hai . y
Bhaut acha vishleshan
Bhut hi shi research ki h apne
Bahut sundar
बहुत जानकारीपूर्ण वीडियो सर. 12:45 wali image sahi hai kya.kuch likha hai image mai 🙏
I don’t know much but one thing makes perfect logic is that lord shiva lived in Himalayas and his initial followers were asurs/danav etc. Even his army is of asurs/danavs.
As we all know shiv is the main god of pre Vedic era who still is mainly worshipped in Himalayan states. Also pre vedic era of Himalayas was full of shamanic rituals/practices like bon practices and we know that asuras and shiva both had knowledge of tantra. Even today shamanic practices are very common in Uttarakhand.
😂😂😂😂
loved it
देखिए ये सूर्य असुर कैसे हुआ ।
देखिए लोगों ने मनमानी कर रखी है।
देखिए देवता क्या हैं, भगवान क्या हैं, परमात्मा क्या है।
देखिए प्रश्न का उत्तर दो सूर्य शरीर है या कुछ और।
देवता समाज में आज भी मौजूद हैं समझ में आया।
जय माता दी 🚩🐆🚩अति सुन्दर
असुर, दैत्य, दांव, दास, दस्यु, राक्षस, ये सब नाम आर्य लेखकों ने नहीं दिए ये तो उन्हें पहले से कहा जाता था, उन आर्य लेखकों ने इन नामों को नाकारत्मक रूप में ही लिखा, जिससे सब भ्रमित हो गए।
App bahut deep research kiye hai
बारामास बहुत बहुत धन्यवाद जो उत्तराखंड के बारे में जानकारी देते हैं मां धरीदेवी के बारे में कोई जानकारी हो तो जरूर साझा करने की कृपा चाहते है धन्यवाद
बाना शूर की राज धानी 2 थी एक लोहाघाट, एक joytish पुर, उस समय पूरे उत्तराखण्ड मे बाना शूर का राज्य था अनिरुद् उषा, चित्र लेखा इनके बारे मे कुछ किव दन्तीय भी है उत्तराखण्ड मे की चित्र लेखा बाना शूर के सेनापति की पुत्री थी और हिमालय प्रदेश मे मायवि विद्या के लिए जानी जाती है
In Kumaun we have Banasur's quila. Its near Lohaghat
बेहतरीन
Nice episode ❤
आपने कहा अथर्ववेद और इसके बाद के ग्रंथों में असुर को राक्षस कहा, जो आपके अनुसार नकारात्मक है। पर सबसे बड़ी बात तो यह है कि राक्षस शब्द खुद नाकारात्मक नहीं है।
रक्षसि इति राक्षसः अर्थात रक्षा करने वाले को राक्षस कहते थे पहले राक्षस शब्द तो खुद बहुत बाद में नकारात्मक हुआ।
Hamare pahadi devata khud ko raakas'राकश' क्यु बोलते है???
Super 👍🏻
I would like to see the Shlok of rig ved saying idea is a asur
Coming further Arya invasion is now credibly debunked
Love from HIMACHAL (Lahaul spiti)❤❤❤
Can you explain Sunitpur in Assam where Krishna and shiva fought as father of Usha was king of Sonitpur and Usha was princess of Sonitpur where all the proofs are found
King of kachari
Bhai jldi se 10 lakh subscriber ho.......
रिसर्च बेस्ट है
सच है
सभी तथ्य
Great
Wowww sir ese to hamare uttarakhand ki history sari samjh aajayegi coaching nhi krni odegi
Coaching mein asli history nahin padhayi jaati bandhu
You can make a very amazing supernatural tv series on it.. the matarial is so strong plus it has so much morality and philosophical battle for humans..
असुर से जो घृणित किया वो महा ढोगी कभी अपनी आँखों की तिनका नहीं देखा
Plz read Assam history too, we have sontipur district, Usha garden....many remains of banasura kingdom, mahavairav Shiva temple ....rest believe what u wanna believe
History is often told according to the interpretation and biases of prevailing historical actors, often those who won in geopolitical disputes or otherwise became dominant forces in society.