10/65 मनुस्मृति पर झूठ बोलते पकड़ाए महर्षि दयानंद? Series: Manusmriti Episode No.11
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- เผยแพร่เมื่อ 10 ส.ค. 2021
- महर्षि दयानंद सरस्वती ने वर्ण परिवर्तन पर झूठ बोला !मनुस्मृति के श्लोक के अर्थ का अनर्थ कर दिया! उनके चेलों ने अनर्थ करने की परंपरा को आगे बढ़ाया! अपने मतलब के श्लोकों को मूल मानना और संदर्भ प्रसंग को न समझकर हर उस श्लोक को प्रक्षिप्त ( मिलावटी) घोषित करना ! झूठ बोलकर अर्थ का अनर्थ कर अपने पूर्वजों के काले इतिहास पर
लीपापोती करने से इतिहास नहीं बदला जा सकता है! 10/65 को वर्ण परिवर्तन का सबूत बताकर भोले भाले लोगों को भ्रमित किया जाता है!
इस प्रवचन में संदर्भ प्रसंग के अनुसार 10/65 के वास्तविक अर्थ को बताने का प्रयास किया गया है!
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जिज्ञासुओं की जिज्ञासा जहा शांत होती है वो केंद्र आप है
Guru g tusi great ho
100% satya
स्वामी जी की जय हो , जय हो , जय हो , जय हो , जय हो ..... 🌺
कोटि-कोटि साधुवाद
Very good guru ji
सर्वश्रेष्ठ एवं सरल * व्याख्या * ।
किंतु वह क्या समझेगा?
जिसने न खाया, न *चाख्या* ।।
जो किसी चीज को न खाता है और न ही चखता है, उसे उस चीज का असली स्वाद और अनुभव ज्ञात नहीं हो सकता।
अर्थात- मनुस्मृति की सच्चाई को समझने के लिए शूद्र का जीवन जी कर देखना पड़ेगा जिसे मनुस्मृति के अनुसार वर्णित किया गया है।
अथवा
समदर्शी ज्ञाता बनना पड़ेगा।
इसके अलावा कोई रास्ता नहीं।
👌क्रांतीकारी संत सत्यानंदजी आपके समानतावादी संशोधित सत्यज्ञान से बहोत प्रभावित हुँ ! दिलसे धन्यवाद !🇮🇳🙏✊
Wc g 🌹🌹🌹
Ap satyagyan se nhi balki hindu dharma ke viruddha bato se prabhavit hain.
@@kk-vx5ty जी तुम्हें वेद पुराण महाभारत एवं रामायण क़ो पढ़ने के साथ साथ समझने की आवश्यकता है ॥
पुरोहितों ने अंधविश्वास के साथ साथ अश्लीलता फैला रखी है ॥
इसलिए समय रहते ऐसे इन ग्रंथो में लिखी अश्लीलता वाले श्लोक इत्यादि क़ो हटाए जाने की आवश्यकता न की उसको छिपाने की
@@DrSomvir_Singh pratham bat, purohiton ne nhi failaya. Greek, Egyptian adi sabhi cultures me aisi bate hai jinhe ap aj ke paripekshya me ashleel samjhate hai.
Yadi apko koi genuine doubts hain to kripya dharmacharyo ke pas jaiye aur puchiye. Apki shankao ka samadhan hoga.
Ha ha ab inn so called swami ji se ye to pucho jab dharm chod diya tab dharmik padwi swami ,Maharaj aadi kyu lagaye firte hai. Dusra manusmriti ko research karne wale khud hi kehte hai ki usme Kai sloka prachipt hai. Khair ye so called swami ji ye bhi batae ki yadi caste hinduo ka product hai to world Mei kyu hai. Caste system in africa.
❤❤❤
🙏🙏🙏 तथ्य परक बातें हैं, बहुत अच्छा गुरूजी 🙏
अतभूत गुरु जी
Swami ji aap bahut achhese explain karte ho .🙏🙏 dhanyabaad aapka
Apke videos ka humesha wait rehta hai 🙏🙏🙏🙏
Satya vchn
सत्य की दर्शन हर मानव का परिवर्तन मार्ग
अति उत्तम व तथा पुर्ण विडियो
Saty prvachan guruji
बहुत बहुत धन्यवाद स्वामी जी
बहुत बडिया sir ...
Bahut din ho gae aapse bat kiye G call me
100% Satya
Bahut badhiya gyanvardhak video banate hain aap.
Thanks aacharya ji
🙏🙏🙏
आप का दिल से धन्यवाद।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏✍✍✍✍
गुरुजी सादर प्रणाम
Right sir
Aap ka bhut bhut धन्यवाद,,,,❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jay bhim 🇪🇺 namo buddhay ☸️
स्वामी जी
> सत्य और असत्य के अन्तर को समझने के लिए बातों का आदान-प्रदान हो ; चर्चा हो लेकिन किसी की आलोचना करना उचित बात नहीं है ----
आलोचना नहीं समीक्षा है जी महर्षि दयानंद मेरे प्रथम गुरु हैं, मैं उनका सम्मान करता हूँ जी
@@satyakedarshan
आपकी बातें पहली बार और वह भी आरम्भिक बात सुनी तो मै उन बातों से प्रभावित होकर आपकी बातें सुनने की रुचि बड़ी --
किन्तु
> हमारे देश के प्रधानमंत्री को लेकर जो बातें आपकी सुनी तो ऐसा लगा की आप निष्पक्ष नहीं हैं --- ? वह उनके कर्तव्य को ठीक से निभा रहे हैं --- देश में कोई भी शासक हो उसके प्रति हमारा सम्मानित द्रष्टि कोण हो -- हां अगर किसी विषय में ग़लती हो रही हो तो सत्य से अवगत कराना हमारा कर्तव्य है ---
> आपकी बातों में आपकी यह बात भी अच्छी लगी की सबको लेकर चलना है --
> मैं दुनिया के सभी वास्तविक धर्म--दीन-मज़हब-रिलीजन के प्रति सम्मानित द्रष्टि कोण रखता हुं --
और
> दुनिया के सभी धर्म-दीन-मजहब-रिलीज़न के लोग अपने-अपने धर्म-दीन-मजहब-रिलीजन के मार्ग पर चलते हुए सब अच्छे से रहें --
एवं
> कुरआनी-इस्लाम के विरोध से दुर रहें -- क्युं की --
> कुरआनी-इस्लाम दुनिया के हम इन्सानो के मध्य में एक अन्तिम स्थान का धर्म-दीन-मजहब-रिलीज़न है ---
¤ आपने मेहनत करके जो ज्ञान अर्जित किया है और लोगों को जो बातें आप सत्य की बता रहे हैं वह सराहनीय है ---
धन्यवाद
इस्लाम के बारे में सच्चा ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक बार ग़ालिब कमाल हारिश् सुल्तान जफ़र हेरिटेक शकील प्रेम स्पार्टकस सच वाला आदि को जरूर सुने जी! धन्यवाद!!!
@@satyakedarshan
> इन महान विद्वानों की बातें मुझ कमपढ़ के समझ से बाहर की बातें हैं ---
बहुत ही शानदार तरीके से समझाया है आपने आपको कोटि-कोटि धन्यवाद 🙏🙏🙏
आपका कार्य बहुत सराहनीय है।
शानदार वीडियो के लिए आपको धन्यवाद साधुवाद 🙏🙏🙏
Super
आपको बहुत बहुत धन्यवाद गुरुजी की आपने 10/65 को प्रसंग सहित व्याख्या की । जय मानवता 🙏
Ha ha ye mahasay jo manavta ka updesh de rahe hai khud hi dharm se Bahar nikle nahi khud apne naam ke aage swami Lagaye ghumte hai naam rakha hai Satyanand maharaj.
एक दिन जरूर न्यायस्थापित होगा।
गुरु जी द्वारा बहुत ही बढ़िया जानकारी दी गई है। गुरुजी को नमन।
Jai Bhim Jai Bharat
Thank you for your explanation.
अत्यंत लाभदायक विश्लेषण किया है आपने इतनी गहराइयों तक आज तक कोई नही जा पाया धन्य हेमहाराज जी का कोई आश्रम नही है अति शीघ्र वो भी हो जायेगा ताकि ऐसे क्रन्तिकारी युवा ओर तैयार हो सके
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
👌
I like your channel you are telling truth
हे भगवान कितनी मिलावट की है दुष्टो ने हमारे ग्रंथो मे
Bahut sahi jankari dete hai aap🙏💕💕💕♥️♥️
Jai bhim sir
Nice information 👍👌
Keep on educating us 🙏
मैं अभी हाल ही में मानसिक गुलामी से स्वतंत्र हुआ हूं । मैं एक सवर्ण नास्तिक हूँ तथा धर्म को छोड़ चुका हूँ ।
बधाई जी सवर्ण हो या अवर्ण हो हिंदू हो या मुसलमान सभी को मानवता और बुद्धिवाद के रास्ते पर आना ही पड़ेगा जी
Kis tarah ku gulami bhai? Ap batana pasand krenge kya?
स्वामीजी, क्या भारत में कोई व्यक्ति या गुरुकुल है जो बिना किताब के वेदों या किसी ग्रंथ को मौखिक रूप से याद करता है?
th-cam.com/video/qPcasmn0cRU/w-d-xo.html
Sir
Ramayan pe bhi ek series laiye , 5-6 videos 30 -40 min ki video me aap vistar me bata sagte hai
Mharaj ji ye dekh lo manusimriti ke bare me
wikipedia me kya likha
भारत से बाहर प्रभाव
एन्टॉनी रीड [3] कहते हैं कि बर्मा, थाइलैण्ड, कम्बोडिया, जावा-बाली आदि में धर्मशास्त्रों और प्रमुखतः मनुस्मृति, का बड़ा आदर था। इन देशों में इन ग्रन्थों को प्राकृतिक नियम देने वाला ग्रन्थ माना जाता था और राजाओं से अपेक्षा की जाती थी कि वे इनके अनुसार आचरण करेंगे। इन ग्रन्थों का प्रतिलिपिकरण किया गया, अनुवाद किया गया और स्थानीय कानूनों में इनको सम्मिलित कर लिया गया।[4][5]
'बाइबल इन इण्डिया' नामक ग्रन्थ में लुई जैकोलिऑट (Louis Jacolliot) लिखते हैं:
मनुस्मृति ही वह आधारशिला है जिसके ऊपर मिस्र, परसिया, ग्रेसियन और रोमन कानूनी संहिताओं का निर्माण हुआ। आज भी यूरोप में मनु के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है।
jin desho ki upper charcha ki gai hai unki sampannta ka karan hi manusimriti hai or han ye jo tumhari or tumhari or kuchh tathakathit shudro ki durdsa ka karan ambedkar ji ka savidhan hai ji tum ham jabrjasti dho rhe hai
Manhoosmarti me sab malmutra likha hua hai..
तो मनु स्मृति ही गलत है ।
डॉ सुरेंद्र का मनुस्मृति बेस्ट है
Jati partha ko na maniye sabhi ek hi manwa jati h sab mila jol kar rahye jati ya dhrm ke name par bhid bhaw na kare namo buddhay, ☸️✍️🇪🇺
✅👌
To ye suryavanshi kahe likhe ho bhaiya?
महोदय आप शूद्र का मतलब क्या समझते हैं , शूद्र का मतलब अछूत नहीं अज्ञानी होता है अगर इस हिसाब से कहा जा रहा है की एक ज्ञानी व्यक्ति अगर अज्ञानी से शादी करे तो उसकी संतान धीरे-धीरे अज्ञानी हो जाती है और अज्ञानी अगर ज्ञानी से शादी करे तो उसकी संतान ज्ञानी हो जाती है इसमें गलत कहाँ लिखा आज ज्ञान जो धीरे-धीरे बढ़ रहा है उसका कारण भी यही है संगत से गुण होत हैं असंगत से गुण जाता इसका शाब्दिक अर्थ यह है आप कृपया अर्थ को अनर्थ में ना परिवर्तित करें , धन्यवाद 👏🏻
Are maharaj surname ki bimari se sanatan samaj ko kha rahi he.
Surname hatega tabhi samaj ek hoga
Bhai sahab aaj ke samay me kon manusmruti padh raha hai aur agar isme se jo prakshipt shlok hata rahe hai to isme aapko kyu dikkat ho rahi hai aur sanatan dharm ke kendra me ved hai naki manusmruti
भाई तो तुम महर्षि दयानंद की बराबरी कर लोगे कितना ज्ञान है संस्कृत व्याकरण का
Tum galat ho maharishi Dayanand Saraswati nahi
Bhai ye dhyan khkhna ki tum log 400-500 sal tak gulam rhe tumhere vedho ke sath chhed chhad krna koi badi bat nhi h.
Or aaj bhi geeta ke tumhe 4 trhe ki printing press ki mill jati h.
Jisme alg alg MATLAB niklta hai.
Exam.
Agr aisa nhi hota to. Valmiki ko kabhi ramayan nhi likhne dete
Vyash ko kabhi Mahabharat.
Isse hi sanj me aata hai. Jo huwa bad me huwa.
Kuchh mullo ne kiya. Valmiki ko suddr bnake.
Nai ko angrejo ne suddr bnaya .
Kuchh barstachar ke karn huwa.
Jese aaj savidhan ke hisab se jo likha hai. Kya vhi hota hai.
Nichhe manne waleapne hisab se chlte hai.
शुद्ध श्लोक नहीं पढ़ पा रहे हो और दयानंद को चुनौती देने चले हो शर्म करो।
आपको संस्कृत व्याकरण का ज्ञान नही है मिथ्या आरोप गड रहे हैं आप
Jo likha hua sabke samne hai..
जिन श्लोक को डॉ सुरेंद्र कुमार ने प्रक्षिप्त सिद्ध किया है तो उसका तार्किक विश्लेषण भी वैदिक प्रमाण पूर्वक दिया होगा, क्युकी उन्होंने मनुस्मृति पर पी एच डी करी है। और अनुशीलन नामक प्रमाणिक समीक्षा भी लिखी है।
सुरेंद्र कुमार दयानन्दी के प्रक्षिप्त कहने से कोई श्लोक प्रक्षिप्त नहीं होगा ! यदि वह प्रक्षिप्त है तो सुरेंद्र दयानन्दी को मनुस्मृति की मूलप्रति दिखानी होगी ।
लीपापोती में तो प्रत्येक दयानन्दी ने पीएचडी की है।
ये बाते तुम्हारे लेबल से ऊपर की हैं, समझ नहीं आयेगी l
@@ravirathore8566 बिल्कुल सही कहा । मैं ही क्या कोई भी व्यक्ति दयानंदियों से धूर्तता में नहीं जीत सकता !
Your arguement is uselesshow the hell u claimtoreappear on the seventh birth
Koi acchi cheej me khud ko busy kro yaar issse country development nhi hoga
क्यों पंडित जी बुरा लग रहा है 😂😂😂😂
mharaj pehle sanskrit padhna to sikh le tab bat krna, ek slok to padh nhi pa rhe ho or aye ho tippni karne ko
जलेबी जैसी सीधी कहानी सुनाई है दूर से देखने सुनने में बड़ी अच्छी लगती है मेरे कुछ प्रश्न है यदि आप औकात होगी तो जवाब जरूर दीजिएगा पूरे आगे पीछे के श्लोक पढ़ते रहे क्या पूरे पुस्तक को पढ़ा नहीं जा सकता था पूरा पढ डालो यह 10 का 65 क्यों पढा 63 क्यों पड़ा 64 पढा पूरी किताब पढ़ लो मतलब तुम समझाने के लिए आगे के दो तीन श्लोक पढ़ लिए और हम समझ गए । तुम्हें यह कहां लिखा हुआ मिला कि यह चार श्लोक पढ़ना है यह कहीं लिखा हुआ है कि यह 4 श्लोक वर्ण व्यवस्था को प्रभावित कर देते हैं और जितना अट शट बोलना था बोल दिया उसके बाद अंत में सभी जाति वाले भाई-बहन होते हैं आपस में प्रेम से रहना चाहिए था जब यही कहना है तो नौटंकी काय कर रहे हो और अंत में गंगाजल छोड़ दिया चलो सब पवित्र हो गए मुझे यह बताओ कि यदि मैं दलित हूं और मुझे सन्यासी बनना है और मैं घर छोड़कर सन्यासी बन जाता हूं तो क्या मैं ब्राह्मण नहीं बन सकता इस पर भी कहीं कोई रिफरेंस मिले तो बताइएगा जरूर। मुझे एक और प्रश्न पूछना है क्या कहीं मनुस्मृति में इस बारे में लिखा हुआ है कि 7 पीढ़ियों तक जन्म लेने के बाद अगर वह हर जन्म में मांस मछली खाता हो तो ब्राह्मण बन सकता है या नहीं तुम्हारे जैसे लोग जानबूझकर ऐसे वीडियो बनाते हैं और अंत में भाई-बहन बता देते हैं क्योंकि कल होकर कोई केस न कर दे और तुम्हें जेल न जाना पड़े नौटंकी अच्छी कर लेते हो । एक छोटा पूछना है वैसे तो योगी आदित्यनाथ क्षत्रिय समाज में आते हैं तो भी इसी जन्म में ब्राह्मण कैसे बन गए महन्त कैसे बन गए दूसरों को बरगलाना बंद करो
🙏🙏🙏
Bhai ye dhyan khkhna ki tum log 400-500 sal tak gulam rhe tumhere vedho ke sath chhed chhad krna koi badi bat nhi h.
Or aaj bhi geeta ke tumhe 4 trhe ki printing press ki mill jati h.
Jisme alg alg MATLAB niklta hai.
Exam.
Agr aisa nhi hota to. Valmiki ko kabhi ramayan nhi likhne dete
Vyash ko kabhi Mahabharat.
Isse hi sanj me aata hai. Jo huwa bad me huwa.
Kuchh mullo ne kiya. Valmiki ko suddr bnake.
Nai ko angrejo ne suddr bnaya .
Kuchh barstachar ke karn huwa.
Jese aaj savidhan ke hisab se jo likha hai. Kya vhi hota hai.
Nichhe manne waleapne hisab se chlte hai.
वाल्मिकि और वेदव्यास कोई शूद्र नहीं थे ब्राह्मण थे
अपना नारियल अंग्रेजों के सिर फोड़ने से कुछ नहीं होगा । धर्मग्रंथ ब्राह्मणों ने लिखे हैं उन्हें पढ़ने पढ़ाने रटने ढोकर लाने और उनके संरक्षण का दायित्व ब्राह्मणों का है मनुस्मृति गीता महाभारत रामायण आदि अंग्रेजो के धर्मग्रंथ नहीं हैं
और उन चारों प्रिंटिंग प्रेस के मालिक अंग्रेज हैं या मुस्लिम ?
कोई बड़ी बात नहीं है तो वेद का सिर्फ एक मंत्र निकाल कर उसे प्रकाशित करके उसे गीताप्रेस गोरखपुर या चौखंबा आदि प्रेस से प्रकाशित कराके दिखाओ पता चल जायेगा ।
अगर तुम्हारे धर्मग्रंथ ही मिलावटी हैं तो मिलावटी ब्राह्मण धर्म सनातन कहां रहा ?