लक्ष्मण-परशुराम संवाद
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- เผยแพร่เมื่อ 10 พ.ค. 2021
- बालकाण्ड प्लेलिस्ट
• रामचरितमानस गायन (बालक...
नाथ संभुधनु भंजनिहारा। होइहि केउ एक दास तुम्हारा॥
आयसु काह कहिअ किन मोही। सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही॥1॥
भावार्थ:-हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला आपका कोई एक दास ही होगा। क्या आज्ञा है, मुझसे क्यों नहीं कहते? यह सुनकर क्रोधी मुनि रिसाकर बोले-॥1॥
* सेवकु सो जो करै सेवकाई। अरि करनी करि करिअ लराई॥
सुनहु राम जेहिं सिवधनु तोरा। सहसबाहु सम सो रिपु मोरा॥2॥
भावार्थ:-सेवक वह है जो सेवा का काम करे। शत्रु का काम करके तो लड़ाई ही करनी चाहिए। हे राम! सुनो, जिसने शिवजी के धनुष को तोड़ा है, वह सहस्रबाहु के समान मेरा शत्रु है॥2॥
* सो बिलगाउ बिहाइ समाजा। न त मारे जैहहिं सब राजा॥
सुनि मुनि बचन लखन मुसुकाने। बोले परसुधरहि अपमाने॥3॥
भावार्थ:-वह इस समाज को छोड़कर अलग हो जाए, नहीं तो सभी राजा मारे जाएँगे। मुनि के वचन सुनकर लक्ष्मणजी मुस्कुराए और परशुरामजी का अपमान करते हुए बोले-॥3॥
* बहु धनुहीं तोरीं लरिकाईं। कबहुँ न असि रिस कीन्हि गोसाईं॥
एहि धनु पर ममता केहि हेतू। सुनि रिसाइ कह भृगुकुलकेतू॥4॥
भावार्थ:-हे गोसाईं! लड़कपन में हमने बहुत सी धनुहियाँ तोड़ डालीं, किन्तु आपने ऐसा क्रोध कभी नहीं किया। इसी धनुष पर इतनी ममता किस कारण से है? यह सुनकर भृगुवंश की ध्वजा स्वरूप परशुरामजी कुपित होकर कहने लगे॥4॥
दोहा :
* रे नृप बालक काल बस बोलत तोहि न सँभार।
धनुही सम तिपुरारि धनु बिदित सकल संसार॥271॥
भावार्थ:-अरे राजपुत्र! काल के वश होने से तुझे बोलने में कुछ भी होश नहीं है। सारे संसार में विख्यात शिवजी का यह धनुष क्या धनुही के समान है?॥271॥
चौपाई :
* लखन कहा हँसि हमरें जाना। सुनहु देव सब धनुष समाना॥
का छति लाभु जून धनु तोरें। देखा राम नयन के भोरें॥1॥
भावार्थ:-लक्ष्मणजी ने हँसकर कहा- हे देव! सुनिए, हमारे जान में तो सभी धनुष एक से ही हैं। पुराने धनुष के तोड़ने में क्या हानि-लाभ! श्री रामचन्द्रजी ने तो इसे नवीन के धोखे से देखा था॥1॥
* छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥
बोले चितइ परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा॥2॥
भावार्थ:-फिर यह तो छूते ही टूट गया, इसमें रघुनाथजी का भी कोई दोष नहीं है। मुनि! आप बिना ही कारण किसलिए क्रोध करते हैं? परशुरामजी अपने फरसे की ओर देखकर बोले- अरे दुष्ट! तूने मेरा स्वभाव नहीं सुना॥2॥
* बालकु बोलि बधउँ नहिं तोही। केवल मुनि जड़ जानहि मोही॥
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्व बिदित छत्रियकुल द्रोही॥3॥
भावार्थ:-मैं तुझे बालक जानकर नहीं मारता हूँ। अरे मूर्ख! क्या तू मुझे निरा मुनि ही जानता है। मैं बालब्रह्मचारी और अत्यन्त क्रोधी हूँ। क्षत्रियकुल का शत्रु तो विश्वभर में विख्यात हूँ॥3॥
* भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही॥
सहसबाहु भुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा॥4॥
भावार्थ:-अपनी भुजाओं के बल से मैंने पृथ्वी को राजाओं से रहित कर दिया और बहुत बार उसे ब्राह्मणों को दे डाला। हे राजकुमार! सहस्रबाहु की भुजाओं को काटने वाले मेरे इस फरसे को देख!॥4॥
दोहा :
* मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर॥272॥
भावार्थ:-अरे राजा के बालक! तू अपने माता-पिता को सोच के वश न कर। मेरा फरसा बड़ा भयानक है, यह गर्भों के बच्चों का भी नाश करने वाला है॥272॥
चौपाई :
*बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महा भटमानी॥
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू। चहत उड़ावन फूँकि पहारू॥1॥
भावार्थ:-लक्ष्मणजी हँसकर कोमल वाणी से बोले- अहो, मुनीश्वर तो अपने को बड़ा भारी योद्धा समझते हैं। बार-बार मुझे कुल्हाड़ी दिखाते हैं। फूँक से पहाड़ उड़ाना चाहते हैं॥1॥
* इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं॥
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना॥2॥
भावार्थ:-यहाँ कोई कुम्हड़े की बतिया (छोटा कच्चा फल) नहीं है, जो तर्जनी (सबसे आगे की) अँगुली को देखते ही मर जाती हैं। कुठार और धनुष-बाण देखकर ही मैंने कुछ अभिमान सहित कहा था॥2॥
*भृगुसुत समुझि जनेउ बिलोकी। जो कछु कहहु सहउँ रिस रोकी॥
सुर महिसुर हरिजन अरु गाई। हमरें कुल इन्ह पर न सुराई॥3॥
भावार्थ:-भृगुवंशी समझकर और यज्ञोपवीत देखकर तो जो कुछ आप कहते हैं, उसे मैं क्रोध को रोककर सह लेता हूँ। देवता, ब्राह्मण, भगवान के भक्त और गो- इन पर हमारे कुल में वीरता नहीं दिखाई जाती॥3॥
* बधें पापु अपकीरति हारें। मारतहूँ पा परिअ तुम्हारें॥
कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा। ब्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा॥4॥
भावार्थ:-क्योंकि इन्हें मारने से पाप लगता है और इनसे हार जाने पर अपकीर्ति होती है, इसलिए आप मारें तो भी आपके पैर ही पड़ना चाहिए। आपका एक-एक वचन ही करोड़ों वज्रों के समान है। धनुष-बाण और कुठार तो आप व्यर्थ ही धारण करते हैं॥4॥
दोहा :
* जो बिलोकि अनुचित कहेउँ छमहु महामुनि धीर।
सुनि सरोष भृगुबंसमनि बोले गिरा गभीर॥273॥
भावार्थ:-इन्हें (धनुष-बाण और कुठार को) देखकर मैंने कुछ अनुचित कहा हो, तो उसे हे धीर महामुनि! क्षमा कीजिए। यह सुनकर भृगुवंशमणि परशुरामजी क्रोध के साथ गंभीर वाणी बोले-॥273॥
कौसिक सुनहु मंद यहु बालकु। कुटिल कालबस निज कुल घालकु॥
भानु बंस राकेस कलंकू। निपट निरंकुस अबुध असंकू॥1॥
भावार्थ:-हे विश्वामित्र! सुनो, यह बालक बड़ा कुबुद्धि और कुटिल है, काल के वश होकर यह अपने कुल का घातक बन रहा है। यह सूर्यवंश रूपी पूर्ण चन्द्र का कलंक है। यह बिल्कुल उद्दण्ड, मूर्ख और निडर है॥1॥
* काल कवलु होइहि छन माहीं। कहउँ पुकारि खोरि मोहि नाहीं॥
तुम्ह हटकहु जौं चहहु उबारा। कहि प्रतापु बलु रोषु हमारा॥2॥
भावार्थ:-अभी क्षण भर में यह काल का ग्रास हो जाएगा। मैं पुकारकर कहे देता हूँ, फिर मुझे दोष नहीं है। यदि तुम इसे बचाना चाहते हो, तो हमारा प्रताप, बल और क्रोध बतलाकर इसे मना कर दो॥2॥
शेष यहाँ:
hindi.webdunia.com/religion/r...
Kon kon Class 10th ka Poem dekh kar SHREE RAM ke Darshan hetu is Bhajan ko sunne aaya hai...👍🏻💛🙏🏻🚩
Me😂
Me😊
Tony Kakkar ke song jin me koi logic nhi hota ussme million views hota h aur ye jo hamare sanskriti se juda hua h us pe itne kam likes aur view 😔😔😔
I agree
Galat h
Bilkul sahi bahan but hamne hi to apna choise banaya hai use...
Isme kaunsa logic hai be ????
Faaltu ka class 10 course me daal diya
True yhe to hamari Sanskrit he 🥰🥰🙏🙏 don't be sad for less like aapni choice pe dependent hota hai yaar
@@akmguitar633 nhi aacha chapter he
I am in class 10 and i love this it is in my Hindi book Kshitij and now i learn it for sing in school
Kon kon yaha class 10th hindi ka chapter 2 padhne ke baad yaha pe hai👻
I had read this poem in class 10th and I am hearing it once again by the grace of Shree Ram.
जय श्री राम 🙏🧡🚩🕉️
same bro
I am studying in class 10 and I am hearing this chaupai It makes our mind pleasant and cool😊
Mai to yaad kr rha hu⛳❤️
Same 😂❤
हमारे आराध्य को लोग मानते तो हैं परंतु उन्हे अंदेखा कर देते हैं जो कि ये बहुत बड़ा पाप है मैं कक्षा10 का छात्र हू मैं इस परिस्थिति से गुजर रहा हू जहा भगवान नाम लेते ही लोग जातिवाद करने लगते है। हाँ मुझे गर्व है की मै एक ब्रामहंन हूँ और उससे ज्यादा गर्व है की मैं एक भारतीय हूँ
🙏🙏🙏class 10 me पढ़े थे ये संवाद ।।। Awesome 🥰
सही है,,,,,,
In 8th class bhai
तुलसी दास जी द्वारा रचित 'रामरामचरित मानस' के 'राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद' नमक खंड से लिया गया है। जिसमे अवाधी भाषा का सुन्दर रूप दृष्टिगोचर होता है।🙏
अवधी sahi se likh to lo
Jai shree ram ....... ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram.................................hare ram ........... jai siya ram ❤❤💖💕
For class 10 students 16:00 tak chapter me hai chapter
Thank you Bhai
Jai Shri Ram
Jai Shri ram 🙏🙏 bhut accha lga sunne ke baad
जय श्री Ram।
🚩🚩 श्री राम मेरे राम🚩🚩🚩
ॐ श्री रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे !
रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम: !!
🚩!! श्री राम शरणम मम: !!🚩
जब बचपन में रेडियो सुना करती थी तब दिन की शुरुआत मानस गान से ही हुआ करती थी इतने सालों बाद सुनकर अच्छा लगा आपको साधुवाद 🙏🙏
जय श्री राम जी
Redio pr sunke aisa lgta tha. Jaise bajta hi rhe.. Kbhi band na ho.. Miss that golden days ❤😭
प्रभु श्री राम और प्रभुश्री परशुराम आप दोनों अति श्रेष्ठ हैं आप दोनों के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम ❤
Jab m chhota tha ye chaupaiyan radio pe suna krta tha vo din yaad aa gye❤❤
जय जय सियाराम
बहुत ही सुंदर चौपाइयां साहब रामचरितमानस जिसे इतनी मधुर आवाज मे सुनकर मन गदगद हो गया यहां महाकाव्य ही तो हमें जीवन जीने की प्रेरणा देता है भरत जी का आदर्श भ्रातृ प्रेम उच्च कोटि का चरित्र निर्माण जय श्री राम जी ने अपनी मर्यादा के द्वारा हमें बताया । जितना इस कथा के बारे में कहे उतना ही कम है । प्रभु की महिमा अपरंपार है ।। सादर जय श्री राम
Jai Jai Shree SitaRam Ji Ki! 🙏🙏🙏🙏🙏
बिन सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिन सुलभ न सोई।।
मंगलं प्रभातं 🌞
जय सियारम 🌷🙏🧡
Jai Sita ram...
Sabhi swastaya rahe yahi prathna hai bhagwan se..... Jai shree ram...
जय श्री राम |जय मर्यादा पुरषोत्तम ||
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Jai shree ram
जय श्री राम 🙏
जय श्री सीता राम
Jai shri Ramchandra ki🙏🙏🙏
❤❤❤❤❤ I love this chaupai and it's rhythm also❤❤❤❤❤
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र कि जय🌷🙏🚩
Ye muje puri yadd h mere school me iske seven lesson hote the
Now I m teching this in school😀😀😀 nd I m feeling blessed
Jay jay shri ram 🙏🙏🙏🙏🙏
Ye sun kar aatma khush ho jaati hai jai ho tulsi das ji
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
Jai Shri ram 🙏🙏🙏
Jai shree Ram 🙏🙏🙏🌹🌹🌹...
Aaj mujhe ye school me yaad karne mila class 10 student and I'm here 😜😜🤣
Aur mujhe gaa ke sunane bola hai , aur meri awaz crow ki tarah hai 😂😂
JAI SHREE RAM 🚩🚩🚩
Same aaj mera bhi hai
Mera bhi
@@kumarpiyush3043 haa sahi kaha mujhe bhi sunnana he
JAI SHREE RAM !!!!!
Jai shree Ram Jai Hanuman 🚩🚩🙏
Thank you 🙏🙏🙏🙏🙏
Welcome 😊
Jai shri ram
Jai parsuram baba
Jay sri ram
Jai Shri Ram !
जय सियाराम
JAI SHREE RAM 🚩🚩🚩
Your voice so so beautiful and amazing ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
जय श्री सीता राम हनुमान जी महाराज जी की।जय राघव🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
Class 10th se kaun kaun hai ho Kshitij ka chapter 2 padhkar aaye hai
Me
Me mujhe yhe bolna he viva me
I am..
Jai sri 🙏ram.
Kal se wait kar rha tha, thank you for uploading. Sare ads pura dekh rha hu. :)
Ad Blocker laga lo aap. Ads main nahin balki youtube dalta hai.
@@RamcharitManas sir, aap ads bhajan me na daalen kabhi. Membership jyada behter hai...aap bahut sukhi rahen
@@RamcharitManas apko ye sari recordings kaha se mili
@@rishudwivedi739 Internet par.
Ram Siyaram Jai Ram Jai Jai Ram
Jai Shri Raghuram
It helps me in my viva alot thankyou
How?
Kyuki hm sbko lay me gaana tha aur muje aata nhi tha to is video ko dekh ke help mili
Jai Shree ram
@@RamcharitManasye part 10th class ke ek chapter me hai hindi ka😊
कोई शब्द नहीहै👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Jay Shree Krishna
I really like this video great
This is very helpful for navodayan
जय श्री राम
जय परशुराम
विष्णु जी के दोनो अवतारो को प्रणाम 👏👏
Jai shree Ram!!! Very good sir...🚩🚩
🙏 jai shree Ram 🙏
Bahut acche prastuti bahut acche prastuti hai
jai sree ram
Bhut uttam ..mai bhi next time aise hi bolke padhane ki koshish karunga
Jai shri ram 🙏🙏❤️
Jai shri ram 🙏
Jai Jai Shri ram
Jay Shri Mahakal Jay Shri Mahakal Jay Shri Mahakal Jay Shri Mahakal
Thank you 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Dil se thanks ❤❤❤
ATI sundar prastuti
जय श्री राम 🎉
Very nice voice🙏
जय श्रीराम जय श्री हनुमान 🙏
जय श्री राम
Ram ram ji
Jai SiyaRam 🌹🙏
जय श्री सीताराम
Adbut sangeet jo man ko mohle aeshi hai Hamari sanskriti ati sundar
Nice 👌 👌
Jai siya Ram 🙏💕
Very nice jai shri ram🙏
Jai Shri Ram 🚩🙏
Jai shri ram🙏🙏
Very good song jai
Jai bhagwan parshuram 🙏🙏
बहुत ही प्यारी आवाजें हैं
Jai sita ram🙏
Sita ram🙏
भाई श्रीमद्भगवद्गीता जी भी पढ़िए... हरिराम राम-राम राम-राम राम-राम राम-राम राम-राम राम-राम❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🍓🍓🍒🍇🍎🍎🍊🍋🍍🍑🥑🍑
Jai jai Shri Ram 🙏🙏🙏
Jay Sri Ram Jai Jai Siyaram
Today is my singing compilation of this samvad u have make this song so easy to learn I love it when I sing by my bottom of my heart ❤ thanks u you making this
are u in class 10
how is your singing compilaton ?
@@rajeev24.7 Amazing
Me too
Me too here..
Jai siya ram ji 🙏
Jai jai shree ram
❤❤jai shri ram 10class me the
Great 👏👏👏👏
Jay shri ram
this bhajan Is also a chapter of class tenth in ncert book of Hindi name of book I'ss kshitiz
Jai shri ram from district deoria gorakhpur