ब्रिटिश शासन के विरुद्ध मेवाड़ में मीणा अथवा मीना विद्रोह (1851-1860) | Meena Revolt
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- เผยแพร่เมื่อ 12 ก.ย. 2024
- Meena Revolt Against the British Rule in Mewar (1851-1860).
मीणा राजस्थान का सबसे बड़ा आदिवासी समूह है जो 1971 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की कुल आदिवासी जनसंख्या का 49.47% था। मीणा समुदाय लगभग राजस्थान के सभी भागों में निवास करते हैं किन्तु इनकी अधिक जनसंख्या राजस्थान की पूर्व रियासतों जयपुर, अलवर, करौली, भरतपुर, धौलपुर, कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर,बांसवाड़ा, सिरोही एवं जोधपुर में थी। यह एक स्थापित तथ्य है कि राजस्थान मीणा समुदाय की गृह भूमि है किन्तु इनकी कुछ संख्या पड़ोसी राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश एवं हरियाणा में भी पाई जाती है जहां इन्हें परदेसी राजपूत, देशी राजपूत, रावत, देशवाली, मीणा ठाकुर इत्यादि नामों से जाना जाता है।
राजस्थान में मीणा जनजाति का इतिहास तो पुराना है, किन्तु व्यवस्थित इतिहास न मिलने के कारण इनकी पूर्ण जानकारी नहीं है। मेवाड़ के खैराड क्षेत्र के मीणा समुदाय ने 1851में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह किया इसका विस्तृत वृतांत जानने के लिए इस विडियो को पूरा देखें। उन कारण और परिस्थितियों का विश्लेषणात्मक विवरण इस विडियो में दिया गया है जो इस विद्रोह के कारक बने।
ब्रिटिश शासन के अंतर्गत स्थापित नई व्यवस्था के प्रति आक्रोश प्रकट करने के लिए 1851 में मेवाड़ (उदयपुर राज्य) राज्य के जहाजपुर परगने के मीणा समुदाय के लोगों ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।
उक्त विद्रोह का तात्कालिक कारण परगने के हाकिम की मीणा समुदाय के प्रति कठोर नीति एवं करों के नाम पर मनमानी था। उसकी दमनात्मक नीति विद्रोह में सहायक हुई।
विद्रोहियों ने मेवाड़, अंग्रेज और मेवाड़ के जागीरदारों की सेनाओं को असफल कर दिया। इस अभियान में शाहपुरा, बनेड़ा, बिजौलिया, भैंसरोड गढ़, जहाजपुर एवं मांडलगढ़ के जागीदारों की सेना भी सम्मिलित थी।
विद्रोहियों ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ साथ महाजनों को भी निशाना बनाया। संपूर्ण विवरण इस विडियो में प्रस्तुत किया गया है।
दिसंबर 1854 में ऐजेंट टू गवर्नर जनरल इन राजपूताना, मेवाड़ पॉलिटिकल एजेंट एवं हाड़ौती के पॉलिटिकल एजेंट की संयुक्त सैनिक कार्यवाही के परिणामस्वरूप जनवरी 1855 के अन्त तक मीणा विद्रोह को कुचल दिया। फरवरी,1855 में भविष्य में मीणा विद्रोहोंं को रोकने के लिए देवली में सैनिक छावनी कायम करदी। पुनः 1860में मीणा विद्रोह हुआ जिसे निर्ममता से कुचल दिया गया।
Picture credit: en.wikipedia.o...
सही है, हमारे पास ही पड़ता है,गाडोली,लुहारी कलां, मेवाड़ के राणा हो या अंग्रेज कभी पूर्ण रूप से शासन नहीं कर पाए।सबसे जमकर लोहा लिया है, मीणा समाज ने,पर राजपूतो ने अंग्रेजों के साथ मिलकर सहायक संधियों द्वारा सबका बहादुरी वाला इतिहास छिपा दिया।
सार्थक टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार आपका।
@@indicavision जी में लुहारी खुद से ही हूं
मेरे परिवार के 17 लोग मरे थे इस युद्ध में और 63 राजपूत
आपके पूर्वजों को नमन
@@jyotimeena7191मैं चान्दाढण्ड से हूं .....✍🏻💯
Sir मीणा इतिहास पर रिसर्च होना चाहिए ,भारत का रियल प्रारंभिक इतिहास सामने आएगा? आपको क्या लगता है ?
इतिहास में शोध, लेखन, विश्लेषण एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः मीणा इतिहास पर शोध और लेखन होना ही चाहिए।
❤
अगर मुझे मौका मिला तो मे मीणा इतिहास पर पीएचडी करूँगा 🙏
मैं महेंद्र सिंह पडिहार (प्रतिहार) मीणा निवासी छोटी लुहारी जहाजपुर खेराड भीलवाड़ा शाहपुरा मेवाड़ इस विद्रोह में हमारे परिवार से 17 शहीद हुए थे उन को आज भी देवला के रूप में पुजा जाता है छोटी लुहारी में देवा का खेड़ा से आने वाले रास्ते पर देवला का चबूतरा (मन्दिर) स्थान स्थित है इस विद्रोह में महाराणा की सेना के 63 लोग भी मारे गए थे
अंग्रेज़ी सत्ता के विरुद्ध विद्रोह परिहार (पड़िहार) मीणा समुदाय ने ही किया था। उनका बहादुराना संघर्ष और बलिदान राजस्थान। के इतिहास में स्मृणीय है। इनके शहीदों को नमन।
Super good g
Mahendra ji aap kya rajput ho kya❤
@@Rj0793प्रतिहार मीणाओ की एक गोत्र है,जो एक बहादुर कौम है, शुरू से ही लड़ाई में बहादुर रही है,प्रतिहार राजवंश मंडौर के शासक नाहरराव की छठी पीढ़ी में हुए राव सोमा प्रतिहार से प्रतिहार मीनाओ का वंश चला,जो आगे पुष्कर और पुष्कर से खैराड जहाजपुर भीलवाड़ा में आ बसे
@@Jaisingh-nl8do जय सिंह जी आपका का मतलब ये है की प्रतिहार मीणाओ का गोत्र राजपूतों से निकला है।🙏
बेहतरीन जानकारी से समृद्ध करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार सर
Thanks for your constructive remarks
प्रो. सर
आपके द्वारा मीणा समुदाय के इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार
प्रागैतिहासिक काल से लेकर आजतक संघर्षरत मीणा एक आदिवासी क्षत्रिय जनजाति रहीं हैं समय समय पर मीणा जाति से अनेक समुदायो का जन्म होता गया और मीणा जाति का विघटन होता गया , जिनमें राजपूत ,ठाकुर, समुदाय प्रमुख है।
हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिलें साक्ष्य मीणा जनजाति से प्रमुखता से मिलते हैं। इस कारण मीणा समुदाय अति प्राचीन आदिवासी समुदाय है।
हार्दिक आभार आपका
मीणा , मत्स्य जाति के वंशज माने जाते है जिसने महाभारत युद्ध में भाग लिया था। मीनाओ के बोहोत राजा भी रहे है । पर आर्खचन लेने के लिए राजस्थान में मीनाओ को आदिवासी से जोड़ दिया गया । मीणा जाति क्षत्रिय है क्या ये बात सच है👍
मीणा किस वर्ण में आते हैं कहना कठिन है? मैं आधुनिक काल के इतिहास पर ही जानकारी रखता हूं
@@indicavision मुझे अपने बड़ों और लोगो से सोनने को मेला है के मीणा क्षत्रिय है kyu की काफी वक्त तक राज किया था पर अर्खचन के लिए राजेस्थान में आदिवासी से जोड़ गए वरना आज भी और राज्यों में मीना जनरल और ओबीसी में आते है🗡️
Kshatriya ho to rajput hona chahiye. Adivasi se aise hi nahi joda ja sakta .
Kshatriya se bhi prachin itihas adivasi ka raha hai.
Gond adivasi ka gondvana bharat ka sabse bada adivasi rajya tha.
Chahe adivasi konsa bhi ho wo kisi varn vyavastha me nahi ata. Varn vyavastha wale kshatriya to kabke rajput Bane baithe hai.
@@NikhilGaware-hz3bg kshatriye kebal Rajput 😂😂😂😂 ye sab bakwas hai hindu hote hai varn main kshatriye main meena ,jaat,gurjar, Ahir, Reddi aate hai tu history pad pehle bhai main history ka student hu sab jatiyo ke baare main pdaya hai mene😂 rajput to 8 satapdi se pehle the hi nahi
@@AviChandravat wahi to keh rahe hai hindu bhi jyada purana nahi.
Or adivasi se prachin koi nahi.
Ab tu bata tu hidu hai ya adivasi.😅
This lecture is light on Sources of Meena tribe and to see the way of new research in this field. Thanks Professor Sharma Sir. Pranam
Thanks for your encouraging and supportive comments
ये केवल जहाजपुर का इतिहास था,हमारा गौरव शाली इतिहास आज भी दबा पड़ा हुआ,जिसके बारे में कर्नल जेम्स टॉड ने लिखा है, सिरोही जालौर मेरवाड़ा, बूंदी,आमेर किस तरह बहादुरी दिखाई, राजपूतों के आगमन से पूर्व एक छत्र शासन हुआ करता था,आमेर जमुवारामगढ,गैटोर, करौली, बूंदी, मेरवाड़ा में।
कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक में मेरवाड़ा के मीणाओ को लेकर यहां तक लिखा है की,एक विलक्षण पहाड़ी जाति से राजपूत डरते हैं,ये राजपूतो के लिए शर्म की बात है।।
आमेर के इतिहास को सबसे घृणित घटना बताया है, राजपूतो के बारे में लिखा है छल से किस प्रकार मीणाओ से युद्ध में जीत न सके तो, दीपावली के अवसर पर तृपण करते समय बावड़ी में स्नान करते निहत्थे मीणाओ को घेरकर मार डाला और आमेर में कचछ्वाह राज्य स्थापित किया,ये सब जानकारियां दबा रखी है,केवल राजपूतों की बहादुरी पढ़ाई जाती है,जबकी सच्च कहा जाए तो, राजपूतों से बहादुर मीणा जाट गुर्जर जैसी जातियां थीं, जिन्होंने कभी किसी की अधीनता नहीं स्वीकार की, राजपूतों के कारण विदेशी सता स्थापित हो पाई थी।
इतिहास पर रिसर्च होना चाहिए । जिससे मीणाऔ पूर्ण जानकारी हो सके । जय जौहर ।
इस विद्रोह में मेरे परिवार के 17 लोग व अंग्रेजो की और से लड़ रही राजपूत सेना के 63 लोग मारे गए है
टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार। अपना संक्षिप्त परिचय दें यदि ठीक समझें?
पहले जहा पुर के मीनावो की शादियाँ अजमेर मे होती थी.. .
सेम यही हिस्ट्री मेरो की थी...1820 to 1839 के बीच मे अंग्रेज लोगों के बीच मे युद्ध हुए...
Jyoti sis app be pratihar ho. Kyh
Very significant for study of history of Rajasthan
Thanks for your encouraging and supportive comments 👍
Very nice sir thanks
So nice of you
आदरणीय sir
बेहद महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।
🙏
धन्यवाद, उत्साह वर्धक शब्दों के लिए।
Thank you sir Meena samuday ke bare mein jo jankari Di bahut acchi lagi aage bhi aisi koi jankari ho to bataen
आपकी टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार। मीणा समुदाय के लोग आजकल नक़ली इतिहास को अधिक पसन्द करते हैं। मीणा समुदाय के
कुछ लोग मनमर्जी से मीणा इतिहास लिख रहे हैं । एक बार मैंने टिप्पणी की तो सोशल मीडिया पर सक्रिय मीणा लोगों ने मुझे गालियां दीं तो अब मेरी रुचि मीणा इतिहास में ख़त्म हो गई है। वे मीणा समुदाय को महिमा मंडित करना चाहते हैं और उन्हें क्षत्रीय साबित करना चाहते हैं जबकि वे आदीवासी हैं।आदिवासी चार वर्णों से बाहर हैं।
Very Honest professor. Fabulious Research.
Thanks for appreciation
#जय_जोहार_जय_आदीवासी
Sir आप मीणाओ की संपूर्ण हिस्ट्री को सामने लाने के लिए प्रयास कर सकते हो , मीणा समुदाय की तरफ से आपको प्यार भरा नमस्कार🙏
अवश्य प्रयास करेंगे।
इस वीडियो को अपने मित्रों,परिवारजनों,रिश्तेदारों और जानकारों को भी शेयर करें। इसके प्रचार प्रसार से भी मीणा इतिहास आगे बढ़ेगा?
@@indicavision🙏🙏🙏🙏
अति महत्वपूर्ण जानकारी🙏🙏✅✅
उत्साह वर्धक शब्दों हेतु हार्दिक आभार आपका।
जी सबसे पहले तो मैं आप की सोच को नमन करता हूं अन्यथा करीब करीब सभी लेखक पुर्वाग्रह से ग्रसित रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि 👉👇
जब सन् 1818 तक मीणा व मेर किसी राजसत्ता के अधीन नहीं थे तो राजपूतों ने किस पर राज किया था।
जमींदार मीणा तो राजपूतों की सत्ता के अधीन थे। दक्षिणपूर्वी और पूर्वी राजस्थान का मीना समुदाय राजपूतों की सत्ता के अन्तर्गत ही थे। कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में मीणा समुदाय को परंपरागत विशेषाधिकार प्राप्त थे। पूर्वी राजस्थान के मीणा बाहुल्य क्षेत्रों में पटेल भी मीणा जाति के होते थे जो राजा अथवा जागीरदार को भुराजस्व के निर्धारण और वसूली में मदद करते थे। कुछ मीणा समुदाय जिन्हें परंपरागत विशेषाधिकार प्राप्त थे वे नई व्यवस्था के अंतर्गत समाप्त कर दिए थे जिससे विद्रोह हुआ। मेवाड़ में खैराड के पडिहार मीनों ने ही विद्रोह किया था तथा पूर्वी राजस्थान के चौकीदार मीना भी विद्रोही रहे। जन्मीदार मीणा विद्रोह और आन्दोलन कभी नहीं किए। जैराम पेशा अधिनियम का विरोध चौकीदार मीनाओं ने ही किया। मेर और मेवाड तथा वागड़ के भील समुदाय किसी भी सत्ता के कठोर नियंत्रण में नहीं थे।
आपको रूचि हो तो मेरी पुस्तक" Caste Politics in India Since Independence:A Study of Rajasthan " पढें
Jai shree Ram srma ji
Apne meena samaj ka itihash bataya 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
कोशिश की है
Sir आपने बहुत सुंदर वर्णन किया है।। जय श्री राम
धन्यवाद
Thank you for kind information. Such a Fabulous work sir ji ❤
It's my pleasure
Thank u sir, good efforts to compose history of meena tribes
Thanks for watching the video
Thanks Professor Sharma ji for fair analysis of Meena history.
So nice of you
Bahut dhanyvad
Welcome
सर आपके द्वारा बहुत ही अच्छी जानकारी दी गई है।
धन्यवाद
Sir bahut mahtvpurn jaankaari di hai aapne 🙏🙏
सार्थक टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार
Dear Pandit ji, watched your video, revolt of meenas against Britishers in Mewar.
Infact karnal tad has written about Meena community in history, you also tried your best to research about Meena community.some traces are fond in meen puran written by some authors. No doubt it remains a marshal/warrior caste but the history of meenas have been destroy by other dominant caste which were supported by feudals of that era. They suffered with prejudices.
I appreciate your efforts to write many books on tribals.
We are well acquainted that there is social stratification in every community, meenas also not untouched. They fought against Britishers bravely,not in a organised way. Lack of leadership couldn't organise them to give a united fight against Britishers. They supported maharana Pratap in Mewar against Mughals. Some traces are found in history that they ruled in Amer, perhaps Kokil Dev was the First Meena ruler of Amer.
No doubt you have written about Meena community objectively, without prejudice and pre conceived notions. There is a dire need of such academician's who impart the new generation in a unbiased manner, I am proud of you that I have a true and good friend like you who is a secular min.
Once again thanks for your devotion and dedication to the education.
Do you know Mr R D Meena
Please introduce yourself
Outstanding academic lecture Sir 👍🙏👍🙏👍
Thanks for your constant and untiring support 👍
Super Sir
Thanks 👍
Professor Sharmaji 🙏🙏
👍👍
Sir नमस्कार। मीणा जाति ग्रेट है।
?
इस कथन को एक टिप्पणी के रूप में विस्तार से लिखो
@@indicavision मीणा एक महान जाति है जिनमें बहुत वीर महापुरुष हुए हैं।
❤❤जयजय ।जोहर जिंदाबाद हो आदिवासी जनता जय।जोहर जय।जोहर है जिंदाबाद हो आदिवासी जनता जय।जोहर जय।जोहर जय।जोहर है जिंदाबाद हो आदिवासी जनता जय।जोहर जय।जोहर है जिंदाबाद हो ।मीन।भगवान की जयजय है ❤❤❤❤❤
Thinku
Thanks
जय मीणा समाज ❤
Thank you sir
Welcome
Welcome
Thanks ❤❤
You're welcome 😊
आमेर के संस्थापक आलनसिंह मीणा की जय हो 🙏🙏
इसका सन्दर्भ और सबूत क्या है?
@@indicavision सर मीणाओ ने सम्वत 294 मे आमेर राज्य की स्थापना की और सम्वत 1207 तक राज रहा है सबूत है किताबो मे और मेरे पास भी है
Super
It is truth?
Meena smaj ne kai 1000vrso tk raj kiya tha jay minesh
Thanks sir 🙏
Welcome
Good work 👍
thanks for your kind comments
Good lecture sir🙏
Thanks for your encouraging words. Keep watching and commenting 👍
मीणाओं का शासन मत्स्यदेश पर शुरू से ही है।
ओर मीणाओं के इतिहास पर रिसर्च होना चाहिए।
क्योकि मीणो ने 13 सदी तक शासन किया है।
बहुत कुछ मिलेगा ......
जी
सर उदयपुर के chawand, jaysmand sarada kharbar में आसपास कौनसे मीणा हे ,plz बताये
ये जमींदार, चौकीदार और परिहार तो नहीं है। मुझे पूरी जानकारी तो नहीं है किन्तु ये भील मीणा हो सकते हैं
बहुत सी गोत्रे है उदयपुर प्रतापगढ़ साइड भी
🙏🙏
Thanks 🙏
Good work
Thank you so much 😀
मेर के मीणाओ के बारे में जानकारी दे
मेरा मेर पर भी वीडियो है उसका अवलोकन करें
@@indicavision ji jrur
Ye sab books kha par mil payege jo aap ne bataye
जयपुर में। सभी पुस्तकों के प्रकाशक भी बताए गए हैं
Jay johar🏹🏹🏹🏹🏹
जय जोहार का मतलब क्या होता है?
Nice
👍
Thanks for your comments
Muni Magan Sagar dwara likhit meen puram sabase pahli pustak he .Laxmi Narayan jharwal dwara likhit Meena jati avam swatantrta ka itihas ko aapane nahi bataya
झरवाल सा की पुस्तक मैंने नहीं पढ़ी है। कहां मिलेगी बताना।
मैं उनसे मिला था 1980 के आस पास तब तक उन्होंने कोई पुस्तक नहीं लिखी थी। वे मेरे एक मित्र के रिश्तेदार थे। उनके घर मेरा आना जाना था?
Meenao ke jagao se collect karo sir meebao ka itihas
सर मीणा/ मेर व मेव एक ही है
हो सकते हैं
🙏
Thanks 🙏
Thanks for noticing
आपकी किताबो के नाम बताईए
1. Tribal Revolts
2.राजस्थान में किसान एवं आदिवासी आंदोलन
3.Peasant Movements in Rajasthan
4. Mass Movements and Freedom Struggle in Rajasthan
Pratihar Meena ka itihaas kis Book me melegea
Watch and comment
very useful lecture sir, thanks
Meenaon ne agar aandolan kiya to use vidroh Aisa kyon kanuni khud ke liye
अपनी बात स्पष्ट करें
Meena or mina ak hi he
जी। हमारे इलाके में मेंना अथवा मैंना कहते हैं
Meena smaj ke itihaas jlaa diyaa gyaa tha
किसने और क्यों जला दिया था? इस बात की जानकारी कहां से मिली है?
मीणों का इतिहास किसने किस भाषा में लिखा गया था?
इसको न या ण कि फ़रक डालने की ज़रूरत नहीं थी
दोनों ही शब्दों का प्रयोग होता है।
यदि आपको रूचि हो तो मेरी तीन पुस्तकें हैं उन्हें पढें। मैं शोध और लेखन करता हूं। मेरा राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। मेरा कार्य शैक्षणिक है।
@@indicavision
जी आपकी किताबो के नाम बताईए
1. Tribal Revolts 2. राजस्थान में किसान एवं आदिवासी आंदोलन 3.Peasant Movements in Rajasthan 4.Mass Movements and Freedom Struggle in Rajasthan
और भी अनेक पुस्तक हैं
Ye sab book kha pe mil payege
आपकी बात 100% सही है
हार्दिक धन्यवाद
राजा जेता जी महाराज ने जेतसागर झील बनवाई थी 🙏🙏
जेता राजा नहीं था बल्कि मीणा समुदाय का मुखिया था। जैसे अन्य कबीलों के मुखिया थे।
Raja hi tha sir
@@indicavision राजा ही है श्रीमान उषारा राजवंश का इतिहास पढ़ो पुरानी जागाओ की पोथियों के अनुसार उषारा राजवंश यदुवंशी थे, द्वारका गुजरात प्रभास भूमि पाटन से पंजाब के उषनेर क्षेत्र में और वहां से जयपुर क्षेत्र फिर वहां से उषारो का स्थान जिसे बाद में असुरों का स्थान कहा जाने लगा से निकलकर उमर्थुना में बसे यहां उषारा शासक के साथ करौली से उनका पारिवारिक जागा भी आया उसे सथूर का गांव दिया जो वर्तमान में पुरा जागाओ का गांव है, उमर्थुना से बाद में बूंदी को राजधानी बनाईं,मीना शासकों के राज्य बेशक छोटे छोटे थे,पर शासक ही थे,
@@indicavisionmaharaja the jeta Meena ji
Matsya pardesh ki jai ho 🙏🙏
भारत की जय बोलो