Bhai mai kaise Maan lu ki Sanatan Dharm hi sahi? Aur ye buddha dharm ki copy nahi hai?...I don't hate anyone but just want to know the truth...I had been a supporter of Rahul Arya and you since long years..but then I watched science journey...who tells that Sanatan Dharm is fake...so I am confused
सादर नमस्ते जी। बौद्ध कौनसा धर्म है ? धर्म कोई संप्रदाय नहीं है। धर्म तो धारण करने योग्य आचरण में लाने योग्य गुण है। धैर्यवान होना, विद्वान होना, क्षमावान होना आदि यह धार्मिक व्यक्ति की पहचान है। सनातन धर्म को धारण करने से व्यक्ति की और समाज की उन्नति होती है। बौद्ध कोई धर्म नहीं यह तो एक संप्रदाय हैं जो समाज को तोड़ने का , खोखला करने का कार्य कर रहा है। सनातन धर्म ही सर्वप्राचीन है। चाहे वो सिनौली आदि स्थानों पर मिले अवशेषों के कार्बन डेटिंग की बात हो यां फिर हमारी प्राचीन संकल्प पाठ की विधि। सभी इतिहासकार भी वेदों को ही सर्वप्राचीन बताते हैं, ऐसे में बौद्ध संप्रदाय की नकल सनातन धर्म कदापि नहीं हो सकता। सत्य को जानना है तो सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ें। साइंस जर्नी के एक एक आक्षेपों का खंडन कुशवाहा टीम ने किया हुआ है। आप तुलनात्मक अध्ययन करें , आप समझ जाएंगे कि बौद्ध संप्रदाय कितना पानी में है । यदि आपको कोई भी शंका हो तो मुझे संपर्क कर सकते हैं, मैं यथा सामर्थ्य समाधान करने का प्रयास करूंगा।
@@sanatansanchayan OK bhai...vaise abhi mai depression me hu...mera life thoda thik ho jayega to mai Dharm ke bare me janne ka prayas karunga 🙂🙂....mai Agnostic hu..par mujhko sab ka knowledge lene me bahut interest hai.. 🙂🙂..but mere personal life me hi bahut problem hai .. isliye abhi nahi kar raha...
@@pawangamingshorts7384 हर ghar me har मत के ग्रंथ होने चाहिए। मै वैदिक मत को मानता हु।इसलिए आप वेद को जानिये उपनिषदो को जानिए इतिहास ग्रंथ वाल्मीकि रामायण , महाभारत को जानिये। यह कहता हु।
स्वामी श्रद्धानंद का हथियार अब्दुल रशीद कुमार्ग पर चला , कुकर्म किये और अब ईश्वर की न्याय व्यवस्था अनुसार कीड़े मकोड़े की योनि भोग रहा होगा ! ऐसे पथ पर अविद्या के कारण लोग चलते हैं और फिर दुःख भोगते हैं। इसलिए अविद्या का नाश करने का उपदेश वेदों में स्थान स्थान पर है।
आप जगद्गुरू शंकराचार्य, रामानुजाचार्य,मध्वाचार्य, वल्लभाचार्य,निम्बार्काचार्य और कृपालुजी महाराज के उपदेश भी सुनें , फिर सबका सामंजस्य, समन्वय स्थापित करें।
@@sanatansanchayan वेदानुकूल का निर्णय कौन करेगा? ये सभी वेदों के मर्मज्ञ विद्वान थे, गुरू परम्परा से ज्ञानी थे। इनके समान ज्ञानी कोई नहीं। जगद्गुरू ऐसे ही नहीं बन गये।
@@sanatansanchayan जो वेदांत, ब्रह्मसुत्र और श्री मद्भगवद्गीताजी पर भाष्य लिखे, वही जगद्गुरु हो सकता है। आप इन जगद्गुरुओं को अज्ञानी समझकर बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। जो बात उनकी आपके समझ में नहीं आती, उनसे विमर्श करें। या उन्हें समझायें या स्वयं समझें। हिन्दुओं में भ्रम उत्पन्न नहीं करना चाहिए।
@@pramodagrawal7112 गीता में वेद की महीमा कही है! ब्रह्म सूत्र में वेद की महीमा कही है । अतः वेद अन्य सभी ग्रंथों से श्रेष्ठ है और जो वेद का भाष्य करे वह जगद्गुरु कहलाना चाहिए!
बहुत सुन्दर व्याख्या... ईश्वर आपको यूँ ही निरंतर वेद मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करता रहे... ओ३म्
उत्कृष्ट व सराहनीय
Bahut badhiya Sarthak beta
अति उत्तम व्याख्यान 👌.
अत्यंत सुंदर व्याख्यान और महत्वपूर्ण भी🌼
सादर नमस्ते जी
Om Bhahut Bhadiya thank you so much
Bhut achha Bhai ji 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉
बहुत सुंदर, आपका बहुत आभार।🙏🏻🙏🏻
अति सुन्दर 👌
👌🙏
Namaste sarthak ji 🙏
👌👍👍👍
बहुत सुंदर ढंग से व्याख्या की है आपने समर्थ जी।। धन्यवाद ओर नमन है आपको
सार्थक जी
Namaste
ओ३म्
ॐ
Namste
शुभ आशीष बेटा
🙏 ओमसादर नमस्ते जी🙏
उत्कृष्ट व्याख्यान
Bhai mai kaise Maan lu ki Sanatan Dharm hi sahi? Aur ye buddha dharm ki copy nahi hai?...I don't hate anyone but just want to know the truth...I had been a supporter of Rahul Arya and you since long years..but then I watched science journey...who tells that Sanatan Dharm is fake...so I am confused
सादर नमस्ते जी।
बौद्ध कौनसा धर्म है ? धर्म कोई संप्रदाय नहीं है। धर्म तो धारण करने योग्य आचरण में लाने योग्य गुण है। धैर्यवान होना, विद्वान होना, क्षमावान होना आदि यह धार्मिक व्यक्ति की पहचान है। सनातन धर्म को धारण करने से व्यक्ति की और समाज की उन्नति होती है। बौद्ध कोई धर्म नहीं यह तो एक संप्रदाय हैं जो समाज को तोड़ने का , खोखला करने का कार्य कर रहा है। सनातन धर्म ही सर्वप्राचीन है। चाहे वो सिनौली आदि स्थानों पर मिले अवशेषों के कार्बन डेटिंग की बात हो यां फिर हमारी प्राचीन संकल्प पाठ की विधि। सभी इतिहासकार भी वेदों को ही सर्वप्राचीन बताते हैं, ऐसे में बौद्ध संप्रदाय की नकल सनातन धर्म कदापि नहीं हो सकता। सत्य को जानना है तो सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ें। साइंस जर्नी के एक एक आक्षेपों का खंडन कुशवाहा टीम ने किया हुआ है। आप तुलनात्मक अध्ययन करें , आप समझ जाएंगे कि बौद्ध संप्रदाय कितना पानी में है ।
यदि आपको कोई भी शंका हो तो मुझे संपर्क कर सकते हैं, मैं यथा सामर्थ्य समाधान करने का प्रयास करूंगा।
@@sanatansanchayan
OK bhai...vaise abhi mai depression me hu...mera life thoda thik ho jayega to mai Dharm ke bare me janne ka prayas karunga 🙂🙂....mai Agnostic hu..par mujhko sab ka knowledge lene me bahut interest hai.. 🙂🙂..but mere personal life me hi bahut problem hai .. isliye abhi nahi kar raha...
@@pawangamingshorts7384 हर ghar me har मत के ग्रंथ होने चाहिए। मै वैदिक मत को मानता हु।इसलिए आप वेद को जानिये उपनिषदो को जानिए इतिहास ग्रंथ वाल्मीकि रामायण , महाभारत को जानिये। यह कहता हु।
स्वामी श्रद्धानंद जी के हत्यारे का पथ?
स्वामी श्रद्धानंद का हथियार अब्दुल रशीद कुमार्ग पर चला , कुकर्म किये और अब ईश्वर की न्याय व्यवस्था अनुसार कीड़े मकोड़े की योनि भोग रहा होगा !
ऐसे पथ पर अविद्या के कारण लोग चलते हैं और फिर दुःख भोगते हैं। इसलिए अविद्या का नाश करने का उपदेश वेदों में स्थान स्थान पर है।
@@sanatansanchayan यही बात मैं भी कहना चाहता हूं।
आप जगद्गुरू शंकराचार्य, रामानुजाचार्य,मध्वाचार्य, वल्लभाचार्य,निम्बार्काचार्य और कृपालुजी महाराज के उपदेश भी सुनें , फिर सबका सामंजस्य, समन्वय स्थापित करें।
नमस्ते जी, इनकी जो भी बात वेदानुकूल होगी वह मेरे लिए स्वीकार्य और जो नहीं होगी वह त्याज्य है।
@@sanatansanchayan वेदानुकूल का निर्णय कौन करेगा?
ये सभी वेदों के मर्मज्ञ विद्वान थे, गुरू परम्परा से ज्ञानी थे। इनके समान ज्ञानी कोई नहीं। जगद्गुरू ऐसे ही नहीं बन गये।
@@pramodagrawal7112 वेद आज भी उपलब्ध है, वेद की व्याख्याएं भी और कई आर्य विद्वान भी । इससे ही निर्णय किया जाएगा कि क्या वेदानुकूल है और क्या नहीं।
@@sanatansanchayan जो वेदांत, ब्रह्मसुत्र और श्री मद्भगवद्गीताजी पर भाष्य लिखे, वही जगद्गुरु हो सकता है। आप इन जगद्गुरुओं को अज्ञानी समझकर बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। जो बात उनकी आपके समझ में नहीं आती, उनसे विमर्श करें। या उन्हें समझायें या स्वयं समझें। हिन्दुओं में भ्रम उत्पन्न नहीं करना चाहिए।
@@pramodagrawal7112 गीता में वेद की महीमा कही है! ब्रह्म सूत्र में वेद की महीमा कही है । अतः वेद अन्य सभी ग्रंथों से श्रेष्ठ है और जो वेद का भाष्य करे वह जगद्गुरु कहलाना चाहिए!