देवलगढ़ गौरा देवी मंदिर का इतिहास ।। गढ़वाल साम्राज्य ।। राज-राजेश्वरी मंदिर ।। उत्तराखण्ड
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- เผยแพร่เมื่อ 18 ต.ค. 2024
- देवलगढ़ का उत्तराखण्ड के इतिहास में अपना एक अलग ही महत्व है। प्राचीन समय में उत्तराखण्ड ५२ छोटे-छोटे सूबों में बंटा था जिन्हें गढ़ के नाम से जाना जाता था और इन्ही ने नाम पर देवभूमि का यह भूभाग गढ़वाल कहलाया। १४वीं शताब्दी में जब राजा अजयपाल चांदपुर गढ़ में सिंहासनारुढ़ हुये तो उन्होने देवलगढ़ जो कि सामरिक दृष्टि से बहुत ही सुरक्षित स्थान था को १५१२ में अपनी राजधानी बनाया। किंतु लगभग ६ वर्ष पश्चात अलकनन्दा के तट पर श्रीनगर में स्थापित किया था । अपने १९ वर्षों के शासनकाल में राजा अजयपाल ने देवभूमि के ४८ गढ़ों को जीतकर अपने राज्य का विस्तार किया था। राज राजेश्वरी गढ़वाल के राजवंश की कुलदेवी थी । राज राजेश्वरी मन्दिर देवलगढ़ का सबसे अधिक प्रसिद्ध ऐतिहासिक मन्दिर है। इसका निर्माण १४वीं शताब्दी के राजा अजयपाल द्वारा ही करवाया गया था । गढ़वाली शैली में बने इस मन्दिर में तीन मंजिलें हैं । तीसरी मंजिल के दाहिने कक्ष में वास्तविक मंदिर है। यहां देवी की विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमायें हैं। इनमें राज-राजेश्वरी कि स्वर्ण प्रतिमा सबसे सुन्दर है।
इस मन्दिर में यन्त्र पूजा का विधान है। यहां कामख्या यन्त्र, महाकाली यन्त्र, बगलामुखी यन्त्र, महालक्ष्मी यन्त्र व श्रीयन्त्र की विधिवत पूजा होती है। संपूर्ण उत्तराखण्ड में उन्नत श्रीयन्त्र केवल इसी मन्दिर में स्थापित है। मन्दिर के पुजारी द्वारा आज भी यहां दैनिक प्रात:काल यज्ञ किया जाता है। नवरात्रों में रात्रि के समय राजराजेश्वरी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस सिद्धपीठ में अखण्ड ज्योति की परम्परा पीढ़ियों से चली आ रही है। अत: इसे जागृत शक्तिपीठ भी कहा जाता है।
पौड़ी जनपद में पुरातात्विक दृष्टि से यह सबसे अवलोकनीय स्थान है। यहां पर कई मन्दिर समाधियां और द्वार हैं। इन मन्दिरों का जीर्णोद्धार कांगड़ा से आये राजा देवल ने करवाया था। इसके अलावा यहां नाथ सम्प्रदाय के लोगों की भी समाधियां भी हैं। जिन पर खुदे शिलालेख इनकी प्राचीनता को सिद्ध करते हैं। इस दुर्लभ मन्दिर समूह को देखकर स्वत: प्रमाणित हो जाता है कि गढ़वाल के राजाओं के समय वास्तुकला, विशेष रूप से मन्दिरों की निर्माण कला अपने चरम उत्कर्ष पर थी।
Jai mata Rani ki jai ho
Jay ho ma jagdamba 🙏 teri Jay ho ma. 🙏
jai ho
Jai Ho.... nice view beautiful temples
🙏 jai mata di
Nice to know...***
jai ho
Jai gora mata devi
भाई राज राजेश्वरी और नन्दा उत्तराखंड की इष्टदेवी भी है व बहनों में सबसे बड़ी राज राजेश्वरी देवी है
Jai maa 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
सुंदर जानकारी
shukriya
jai gauradevi jai mata di🙏💐💐🌹🌹🏵🏵
Jai ho 🙏
Very beautiful 👌👌❤❤
Jai Mata Di 🙏🙏
Thankyou 🙏 jai mata di
Meza aa gya bhai ,
Thankyou brother keep loving
@@manjeetfromkotdwar welcome
Jai maa rajrajeshwari
jai ho
Hamari kuldevi h ma rajrajeswari
👍👍🇮🇳❤❤❤
maa gurja devi ham kala cast ki kuldevi hai . jah ma gurja
Meri Bahu ji hai Deval Garh ki
bahut achi jagah hai
Bhai jo river dikha iska name kya h
Alaknanda river
@@manjeetfromkotdwar❤❤
पूरी नॉलेज नहीं है आपको अभी,,, मैं भी यही का hu
Jitni knowledge thi utni koshish ki hai btane ki
देवलगढ़ शहर नही गाव है।
2""श्री गौरा मंदिर को राजराजेश्वरी का मंदिर बताकर भ्रम फैलाने का प्रयास माना जाएगा।
अगर कहीं कोई गलती हुई हो तो क्षमा चाहेंगे 🙏🏻
Itihash kuch or h or likha kuch or gya durbhagye Ki baat h
Jitna maine study kiya utna bta diya hai, baaki kuch or hai to wo bhi bta denge
Devalgarh tehari riyasat ke raja ajay pal ki kuldevi thi or yah tehri walon ko kuldevi hai
Yes
Tum KO itihaash ka pta nhi h
Jitna bhi pta tha aap logo ko bta diya 🙏 baaki aap bta dijiye