2nd Buddha Sasana Me Dr. Babasahab Aur Goenka Guruji Ki Bahot Badi Mehnat Hai...Dhamma Ka Danka Baj Chuka Hai..Pakhand Dur Ho Rha Hai..Log Ab keval Manane Me Vishwas Nhi Krte Janane Me Krte Hai...Anubhav Kiya Toh Maine Kiya Aur Yhi Mere Liye Satya Hai Yahi Vipassana Ki Sadhana Hai...Mangal Maitri Sabke Liye...Main Apne Apko Sobhagyashali Manta Hu Ki Muze Pagoda Me Seva Dene Ka Mouka Mila... Dhanyawad 🙏
कोर्स का मोटीव एक नंबर है, कोर्स भी इफेक्टीव है,सब कुछ बहुत बढिया है, सिवाय उनका कोर्स के दरम्यान बेसुरा गाना aur अस्पष्ट गाना क्यू खुद गाने की जिद्द थी , इलायची देवी से गवाते तो अच्छा होता, monopoly है क्या. oneman show 😢😢 aur दुसरा हिंदू धर्म को जी जानसे बार बार खूब कोसा इंहोने कोर्स मे, भटक गये खुद, जो बात बतानी वो बता बजाय दुसरोको कोसने , कहा गया अनित्य??😢😢😢.
*ध्यान में डुबने के भगवान बुध्द के तीन महान सूत्र जो कोई भगवान आजतक समझा ना सका..! इस ना समझ से ही पूरा संसार दु:ख से ग्रस्त होता जा रहा हैं..!!* 1) सब्बे संखारा अनित्याति... सब संसार, संस्कार अनित्य हैं.. 2) सब्बे संखारा दुखा:ति... सभी संसार, संस्कार दु:ख से भरे हैं.. 3) सब्बे धम्मा अनात्मति.. सारे धर्म संस्कार अनात्म हैं.. सब कुछ अस्थिर हैं.. सारा ब्रम्हांड भी अस्थिर हैं.. वह घुम रहा हैं..! जो मानव इन सूत्रों को जान गया वह ध्यान में लिन हो गया, ध्यान में स्थिर हो गया..बुध्द हो गया..! *यही हैं विशुध्दि मग्ग.. मन को विशुध्द करने का ध्यान का मार्ग... विपस्सना..!* जग की अनित्यता के भावना से ही विपश्यना का आरंभ होता हैं..! बुध्द कहते हैं, भिक्षू ह़ो.. रूपं भिक्खवे अनिच्चं... वेदना अनिच्चं... संज्ञा अनिच्चं... संखारा अनिच्चं... विज्ञान अनिच्चं... यदनिच्चं तं दु्क्खं, यं दुक्खं तदनत्ता, यदनत्ता तं नेतं मम, नेसो हमस्मि, न मेसो आता ति!! एतमेतं यथाभूतं समप्पज्ञाय तदुब्बं..! आर्थात रुप अनित्य हैं, वेदना अनित्य हैं, संज्ञा अनित्य हैं, संस्कार अनित्य है, विज्ञान अनित्य हैं.. जो अनित्य हैं, वह दु:खकर है़ंं, जो दु:खकर हैं, वह अनात्म हैं, जो अनात्म हैं, वह मेरा नहीं हैं, वह मैं नहीं हूं, वह मेरा आत्मा नहीं हैं..! इस तथ्य के अनुसार यथार्थतया, जसे हैं वैसे सम्यक प्रज्ञा से देखना हैं..! इस विधान की तहत रूप, वेदना, संज्ञा, संस्कार, और विज्ञान (धारणाए) इन पांच स्कंधोपर अनित्यता की भावना करने से ही ध्यान लागना संभव होता है़ंं..! - भगवान बुध्द *नमो बुध्दाय..!*
2nd Buddha Sasana Me Dr. Babasahab Aur Goenka Guruji Ki Bahot Badi Mehnat Hai...Dhamma Ka Danka Baj Chuka Hai..Pakhand Dur Ho Rha Hai..Log Ab keval Manane Me Vishwas Nhi Krte Janane Me Krte Hai...Anubhav Kiya Toh Maine Kiya Aur Yhi Mere Liye Satya Hai Yahi Vipassana Ki Sadhana Hai...Mangal Maitri Sabke Liye...Main Apne Apko Sobhagyashali Manta Hu Ki Muze Pagoda Me Seva Dene Ka Mouka Mila... Dhanyawad 🙏
मंगळ रात्री, गुरुजी
Love u guruji ❤ aapne hme jine ki rah shikhayi dhany guruji
🙏..sadhu.. sadhu..sadhu..💐💐💐
Pujya Guru ji ko pranam 🙏🙏🙏
Vipshyna change my Life
Vipasanna* yes it's true it changes everyone's life ✌️
@@sudhirchoudhary4823 qqqw🌹wq🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹q🌹qa🌹🌹🌹🌹qq🌹q🌹🌹🌹🌹🌹🙏qq🌹🌹🌹qqqr🌹qqqqq🌹🌹🙏
Kya Vipassana online hai
Ye kha hoti hai
It has centres all over the world.
U need to search online for the nearest Vipassana meditation centre.
❤ Namo buddhay Jay Bheem 🙏🌹🌹🌹🌹🌹 🙏
Sadhu sadhu Sadhu
Great Motivational speech !
तटस्थता यही एक उपाय है
बहुत ही अच्छा मार्ग हैं..... साधु, साधु, साधु.
Vipassana meditation is a great Art.🙏🙏sadhu....sadhu.... sadhu.
🙏
Very nice explanation of experiencing THE ARYA SATYA🙏
नमो बुद्धाय ❤
साधु साधु साधु ll🙏🙏🙏
प्रणाम गुरुजी साधू साधू साधू 🙏🙏🙏
🙏 साधु कल्याण भावतू
Vipsana sadhna the best teachniq 😊🙏🏻for peace
Namo budday 🌹🌹🌹🙏
अति सुन्दर और सत्य बातें.. 🙏🙏🌹🌹💕
Sadhu sadhu sadhu 🙏🙏🙏🌹💐🥀🌷🌺🌸🏵️🌼🥀 vandami guruji Namo Buddhay Jay Bhim
साधू साधू साधू 🪷🙏🙏🙏
Sadhu. sadhu Sadhu koti Koti naman Guruji
❤❤❤
Sadhu sadhu sadhu !!
જયગુરુદેવ
Sir great sadu sadu sadu
प्रणाम गुरुदेव🙏
भवतु सब्ब मंगलम
Sadhu sadhu sadhu 🙏
नमन गुरूदेव
, good morning
Om namo buddhay Dharm ke smarak per chalne mein aapka
🙏🙏🙏धन्यवाद गुरूजी
Sarba mangalam bhavati naman guruji.
Sadhu sadhu sadhu 🙏🙏🙏
साधु साधु साधु । नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत ।🌹🌹🌹।
जय हो
🙏🙏🙏
Great motivational speech
Waheguru ji
I love my guruji Satya Narayan goinka jee Mera jivn sudhar diya
Vippassna is ultimate meditation
Sab ka Mangal ho
Vande Guruji.
Sadhu Sadhu Sadhu.....
ખુબ સરસ
Satya vachan
Thank you
Vande Guruji
Sadhu sadhu sadhu
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अति सुंदर प्रस्तुति🌹 🙏🙏🙏🌹
Beautiful words
स्व भेदन का अच्छा उपाय विपश्यना।
Sabka Mangal Ho
पूरा संसार, रिलेशन भी अनित्य हैं फिर भी हम इस बंधन में खुद को बांध लेने से दुख ही मिलता हैं. इस कारण जो अनित्य हैं उसे छोडना ही मुक्ती का मार्ग हैं..!
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏😘
Om
🙏💐
🙏
Very true
2004 में मैने join किया hai dehradun में ...
2000 साल में इगतपुरी में 10 दिन का शिवीर करने का सौभाग्य प्राप्त हुवा ❤
आपका अनुभव कैसा था
true
❤🙏
कोर्स का मोटीव एक नंबर है, कोर्स भी इफेक्टीव है,सब कुछ बहुत बढिया है, सिवाय उनका कोर्स के दरम्यान बेसुरा गाना aur अस्पष्ट गाना क्यू खुद गाने की जिद्द थी , इलायची देवी से गवाते तो अच्छा होता, monopoly है क्या. oneman show 😢😢 aur दुसरा हिंदू धर्म को जी जानसे बार बार खूब कोसा इंहोने कोर्स मे, भटक गये खुद, जो बात बतानी वो बता बजाय दुसरोको कोसने , कहा गया अनित्य??😢😢😢.
Sabka mangel ho
😂
*ध्यान में डुबने के भगवान बुध्द के तीन महान सूत्र जो कोई भगवान आजतक समझा ना सका..! इस ना समझ से ही पूरा संसार दु:ख से ग्रस्त होता जा रहा हैं..!!*
1) सब्बे संखारा अनित्याति...
सब संसार, संस्कार अनित्य हैं..
2) सब्बे संखारा दुखा:ति...
सभी संसार, संस्कार दु:ख से भरे हैं..
3) सब्बे धम्मा अनात्मति..
सारे धर्म संस्कार अनात्म हैं.. सब कुछ अस्थिर हैं.. सारा ब्रम्हांड भी अस्थिर हैं.. वह घुम रहा हैं..!
जो मानव इन सूत्रों को जान गया वह ध्यान में लिन हो गया, ध्यान में स्थिर हो गया..बुध्द हो गया..!
*यही हैं विशुध्दि मग्ग.. मन को विशुध्द करने का ध्यान का मार्ग... विपस्सना..!*
जग की अनित्यता के भावना से ही विपश्यना का आरंभ होता हैं..!
बुध्द कहते हैं, भिक्षू ह़ो..
रूपं भिक्खवे अनिच्चं...
वेदना अनिच्चं...
संज्ञा अनिच्चं...
संखारा अनिच्चं...
विज्ञान अनिच्चं... यदनिच्चं तं दु्क्खं,
यं दुक्खं तदनत्ता, यदनत्ता तं नेतं मम,
नेसो हमस्मि,
न मेसो आता ति!! एतमेतं यथाभूतं समप्पज्ञाय तदुब्बं..!
आर्थात
रुप अनित्य हैं,
वेदना अनित्य हैं,
संज्ञा अनित्य हैं,
संस्कार अनित्य है, विज्ञान अनित्य हैं..
जो अनित्य हैं,
वह दु:खकर है़ंं,
जो दु:खकर हैं,
वह अनात्म हैं,
जो अनात्म हैं,
वह मेरा नहीं हैं,
वह मैं नहीं हूं,
वह मेरा आत्मा नहीं हैं..!
इस तथ्य के अनुसार यथार्थतया, जसे हैं वैसे सम्यक प्रज्ञा से देखना हैं..!
इस विधान की तहत रूप, वेदना, संज्ञा, संस्कार, और विज्ञान (धारणाए) इन पांच स्कंधोपर अनित्यता की भावना करने से ही ध्यान लागना संभव होता है़ंं..!
- भगवान बुध्द
*नमो बुध्दाय..!*
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Sadhu sadhu sadhu
Waheguru ji
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