गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले क़फ़स उदास है यारों, सबा से कुछ तो कहो कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले चले भी आओ... जो हमपे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ हमारे अश्क तेरे आक़बत सँवार चले चले भी आओ... कभी तो सुबह तेरे कुंज-ए-लब्ज़ हो आग़ाज़ कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-ए-बार चले चले भी आओ... मक़ाम 'फैज़' कोई राह में जचा ही नहीं जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले चले भी आओ... गाने के आगे: बड़ा है दर्द का रिश्ता, ये दिल ग़रीब सही तुम्हारे नाम पे आयेंगे ग़मगुसार चले चले भी आओ... हुज़ूर-ए-यार हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब गिरह में लेके गरेबाँ का तार तार चले चले भी आओ...
Very well sung really kept the emotion and feel intact
Thanks dear Mehdi Hassan for such a big and greatly Ghazal we proudly can say we are Pakistani really nice voice dear Shilpa
Shilpa u r fantastic...great rendition it is one of the most difficult ghazal to announce and sing ...
Really nice composition & Shilpa & all the accompanist are really world class
"Maqaam Faiz koi raha main jacha hi nahin,jo kooi e yaar se nikle tu sue daar chale"
I love this composition and all the artistes playing such a mesmerizing musical piece.💕
Rupali Rawat it is a beautiful composition
Rupali Raw
Accompaniments were fantastic tabla specially
Fantastic, moving rendition. Great musical accompaniment. 🙏
क्या बात है 👌👌 वाह
Shilpa Rao...marvellous...fabulous...fantastic...
Very beautiful
Originaly sung by begum Akhter but Shilpa is also good.
one the best rendition
absolutely
Anand Bajpai
@@shokatmawji1588 happens
Love it. Also perfect balance among the trio
Shilpa Rao ❤❤❤❤❤❤
مہدی حسن صاحب سے بہتر کوئی گا سکتا اس غزل کو۔۔بہرحال آپ نے خوب نبھایا ہے
lovely..
India is mother of music and Pakistan is father
गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले
क़फ़स उदास है यारों, सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
चले भी आओ...
जो हमपे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ
हमारे अश्क तेरे आक़बत सँवार चले
चले भी आओ...
कभी तो सुबह तेरे कुंज-ए-लब्ज़ हो आग़ाज़
कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-ए-बार चले
चले भी आओ...
मक़ाम 'फैज़' कोई राह में जचा ही नहीं
जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले
चले भी आओ...
गाने के आगे:
बड़ा है दर्द का रिश्ता, ये दिल ग़रीब सही
तुम्हारे नाम पे आयेंगे ग़मगुसार चले
चले भी आओ...
हुज़ूर-ए-यार हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब
गिरह में लेके गरेबाँ का तार तार चले
चले भी आओ...
Huaa jo teray najar neem kash to kya hasil maza to jab hai ki seenye ke aarpar chale ..... gulon main rang bhare
Lajawab. kya bat hai . Bahut khub ji
Fantastic
You should attempt more ghazals voice is suited for ghazal
❤️❤️
Whats the name of tabla maestro. ?
CANDLE LIGHT Talvin singh
Talvin Singh
Feel like holding his hands and say thank you. And may god bless Shilpa.
Please post "dasht-e-tanhai" performance.
sure....
❤️
butifull
yes it is...