ईश्वर अनंत शक्तियों का स्वामी है. ईश्वर असीमित है. असीम प्रज्ञा है. सर्वबुद्धिमान है. सर्वज्ञाता है. नवीनीकरण करने वाला है. सर्वत्र है. सर्वशक्तिमान है. विराट उपस्थिति है. जीवंत आत्मा है. एक ही उपस्थिति है. वह सब कुछ जानता और देखता है और सभी वरदानों का स्त्रोत है, ईश्वर सबको खुशी दे समृद्धि दे धन्यवाद
बहुत ही सरलतम व्याख्या की है मित्र आपने जो औसत मानव बुद्धि समझ सकती है मैंने आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी को सुना है आचार्य महेंद्र पाल को भी सुना है परन्तु उनकी व्याख्या बहुत गूढ़ होती है परन्तु आपने उसे अघोर रूप में समझाया आप को कोटि कोटि साधुवाद
Guru Grangh sahib ji me ishwar ki yehi vyakhua di hai." Yeh mool mantra hai !! Guru Granth sahib yehi se prarambh hota hai ""Ek ounkar satyanaam karta purukh nirbhow nirvair akaal moorati ajooni swaibhang gurprasaad"" shuru se dekhie.... Voh Ek hai,oska naam satya hai,vo brahmand ka karta hai,purukh ek shskti,osko kisi ka bhai nhi,kisi se vair nhi,vo aisi ek aadi shakti hai,joonio se raihit hai,swaibhang voh khud se se hi hai kisi ne ose paida nhi kiya,gurptasaad Anandmaie hai.!!! Voh Kabse hai. > Shabad Guru granth sahib 1035 Ank per dekhie Brahamad kaise pratat hota aur smapat hota hai > Arbad narbad dhundookara dharan n gagna hukum apara !! Na din rain n chand n sooraj soonya samadhi lagsenda ! Gyani Gurdev singh khaira.UP!
मैने लगभग हर तरह की किताब को पढ़ा, जाना, समझा है गहराई से पूरे अर्थो मे - फिर चाहे वो किताब धर्म, विज्ञान, नैनो टेक्नोलॉजी, क्वांटम फिजिक्स, अंतरिक्ष विज्ञान, इतिहास, भूगोल, गणित, मनोविज्ञान, सामाजिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान की हो या फिर कैसी भी क्यों ना हो, और मै पूरे वैज्ञानिक नजरिये से जांचते परखते हुए इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि किसी को, मै फिर जोर दे कर कहता हूँ कि किसी को भी सच नहीं मालूम है और ब्रह्मांड के सूक्ष्म व सही नियमो की जानकारी बिल्कुल भी नहीं है कम से कम आज की तारीख मे तो l यानी किसी को कुछ भी नहीं पता है l सब बस अपनी अपनी बात बोल रहे हैं अपने दिमाग मे उठने वाले तूफानी विचारों से और खुद को सही मान रहे हैं और बिल्कुल ही मुगालते मे जी रहे हैं l जबकि असल सच यह है कि किसी को कुछ भी नहीं पता है - कुछ नहीं पता है l ब्रह्मांड बड़ा पेचीदा है और इसको समझने के लिए बहुत बड़ी करोडो तेज दिमागों के बराबर वाली सूझबूझ व अक्ल चाहिए जो अभी इंसानो के पास नहीं है l दरअसल अक्ल के मामले मे इंसान बस जानवरों से थोड़ा सा ही बेहतर है और इसी बेहतर अक्ल के दम पर उसने अपने फ़ायदे के लिए अक्ल को इस्तेमाल किया है मगर अभी उसकी अक्ल इतनी तेज नहीं हुई है जो ब्रह्मांड के असली नियमों को जान और खोज सके l हमारा कम्पटीशन जानवरो से है और हम इंसान निसंदेह जानवरों से बेहतर हैं - मगर असली सच इस ब्रह्मांड का हमको समझ मे नहीं आने वाला है क्योंकि हम इंसानो की अक्ल अभी बहुत छोटी ही है - हाँ जानवरों की अक्ल से थोड़ा बेहतर है l अब तक बुद्दिमान इंसानो ने जो कुछ भी खोजा है वो सब सत्य और सच के सापेक्ष गलत ही है - ब्रह्मांड का सच जब भी मिलेगा वो बिल्कुल दूसरे तरीके का और हमारी सोच से बिल्कुल अकल्पनीय रूप से अलग ही होगा l तो आज मे पूरे जोर शोर से ये घोषणा कर सकता हूँ कि किसी को कुछ नहीं पता है और इतना तो मुझको अब पता चल ही गया है l इंसान ने कुछ अपने काम निकालने सीख लिए हैं कुदरत के सहयोग से तो इंसान बड़े बड़े दावे करने लगा है कि उसने तो सबकुछ जान लिया है जबकि उसने कुछ नहीं जाना है l ये ब्रह्मांड बहुत बहुत बहुत बड़ा है और यहाँ गणनाएँ लाखों करोड़ो मे नहीं खरबों खरब और उससे भी आगे जाकर नील, पदम, शंख, महाशंख और फिर अनंत तक जाती हैं और सूक्ष्म स्तर पर शून्य से इतर माइनस साइड मे जाकर बहुत सूक्ष्मता की गहराइयों तक जाती हैं तो भैया कोई भी और कैसी भी इंसानी बुद्धि इस ब्रह्मांड को समझने मे नाकाम ही रहेगी हमेशा l "किसी को कुछ भी नहीं पता" - बस इतना याद रखो l "किसी को कुछ नहीं पता" ये एक सत्य वचन है बस इसको ये समझो कि पत्थर पर खींची गई लकीर l डिबेट मे अगर कोई अच्छा पाइंट और अच्छे विचार दे रहा है तो वो सच को साबित नहीं कर रहा होता है बल्कि दूसरे लोगों के पाइंट और विचारों को गलत साबित कर रहा होता है जो उससे कमतर तार्किक लोगों के द्वारा दिये गए होते हैं लेकिन फिर भी इससे ये साबित नहीं होता कि अच्छे तर्क देने वाले का ब्रह्मांड के असल सच का कोई संबंध है l ब्रह्मांड तो अनंत है तो इसको जानने के लिए बहुत बड़ी बुद्धि चाहिए महज एक खोपडी, दो हाथ, दो पैर, 70-75 किलो वजन और 5-6 फीट के शारीरिक दायरे मे कैद मामूली और तुच्छ इंसान इस ब्रह्मांड के असल सच को कभी भी नहीं जान सकता है - बस भ्रम और मुगालता पाल सकता है l बेचारा मामूली इंसान ब्रह्मांड के सच को जान लेने का बड़ा दावा करता है सिर्फ दूसरे लोगों को प्रभावित करने के लिए l कल का न्यूटन और आईंस्टीन आज गलत सिद्ध होगा तथा आज के तमाम महान वैज्ञानिक आने वाले कल मे गलत सिद्ध होंगे - तो ज्ञान का प्रवाह इतना प्रबल है कि सबकी खोजें, अनुमान, थ्योरी, खोज और बड़े बड़े दावे सब गलत साबित ही होंगे असल सत्य की खोज मे l बहुत बड़ा और सटीक पैमाना चाहिए इस ब्रह्मांड के सत्य को मापने के लिए जो अभी इंसानी बुद्धि से बहुत बहुत परे है l इतना जान लो कि हर नई खोज के बाद बस एक नया झूंठ या नया पर्दा ही सामने आता है इंसानो के सामने और सत्य की सारी खोजे, अनुभव और विचार सब गुड गोबर हो जाते हैं l लेकिन हाँ, आधे अधूरे ज्ञान से भी यू ट्यूब पर तहलका मचाया जा सकता है क्योंकि हर विचार पर भरोसा कर लेना आम इंसानो की प्रवृत्ति और कमजोरी है l
आपकी बात सही है।पर पूरे तरीके से नहीं। ये दावा करना गलत है आगे सच पता नहीं चलेगा पहले से बहुत बेहतर स्थिति है आगे और होगी अगर सच खोज रहे हैं तो सच मिलेगा ही भविष्य में पर अभी तक नहीं मिला तो तो हार मानकर चुप रहना भी ठीक नहीं
Thanks Ap ne saty (God)ki satik jankari ka varnan kiya hai. Is gyaan ka byavaharik roop par video banane ka nivedan karate hai.aapke message ka 99% bhaag Bible vichaar se sambandhit hai.❤❤❤thank ❤❤❤
भावना प्रधान प्रत्यक्ष के अभाव में अनुमान से गुण और विशेषताओं के आधार पर श्रेष्ठ देव ईश वर की कल्पना और विवरण बहुत अच्छी तरहसे अच्छी भाषा में अभिव्यक्ति की गई।आप धाराप्रवाह तर्क़ संगत ज्ञान दे रहे हैं। धन्यवाद
Sahi kaha aapne bahut sunder varnan hai ishwar nirvikar niramai hai ho akilanda koti brammhanda nayakaya anu renu thranakasta vyapth hai na adi na anth ho anath hai 🙏 Hare krishna prabhu 🙏🙏🙏
Namaste Satya Sanatan Dharm jindabad Bhartiya Vaidik Darshan jindabad aapane Ved ki dharna ko explain Kiya Ishwar Chaitanya Anant aur Mukt padarth hai not visible quantum physics ke Siddhant ke tahat dual behaviour wala sarvatra hai I like your explain thank u Bhartiya Vaidik Darshan jindabad Jay Hind Jay Bharat
ईश्वर सत्य है आदि अनंत सब उनकी की हाथ में आपका बात बिल्कुल सटीक है ईश्वर कभी ना जन्म लेते हैं ना कभी मरते हैं उनका आदि अंत कोई भी मनुष्य जीव मनी ऋषि पार नहीं लगा सकती मनुष्य मात्र ब्रह्मांड के सामने एक बालू से भी हजारे लाखों गुना छोटे हैं और ईश्वर के सामने तो हमारा कोई अस्तित्व हां या नहीं यह हम लोग नहीं जानते खाली ईश्वरी जानते हैं यह हम क्या है क्योंकि जब ब्रह्मांड के अंदर हमारा पृथ्वी एक सरसों बराबर है अब हम पृथ्वी की भीतर एक सरसों बराबर है तो एक कल्पना करके सोच कर देखें हमारा ब्रह्मांड की भीतर कोई असतित्व नहीं है ईश्वर सबसे बड़े हैं इससे आगे कुछ भी नहीं है बस ईश्वर का नाम है जय जय श्री राम जय श्री कृष्णा
भाई यह सही लिखा है, यदा यदा ही धर्मस्य.... भगवान कृष्ण मोक्ष से युक्त जीवात्मा थे। समाधि में सदैव रहते थे इसीलिए वे अपने चारों तरफ ईश्वर को अनुभव करते थे, इसीलिए उन्होंने कहा कि मैं ही परब्रह्म हूं। यह सही है लेकिन वह ईश्वर नहीं थे मोक्ष की जीवात्मा ही ऐसा कह सकती हैं। कि मै परब्रह्म हूं या फिर धर्म के रक्षण हेतु बार बार जन्म लेता हूं। धन्यवाद
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मान्यवर ईश्वर की उत्कृष्ट व्याख्या करने के लिए धन्यवाद 😊 इसके साथ ही अहम ब्रह्मास्मी, अयमात्मा ब्रह्म तथा तत्वम्सी जैसे वाक्यों की भी व्याख्या करने की कृपा करें।
ईश्वर वाकई मे अनंत है जिसका ना तो जन्म होता है ना ही कभी उसका अंत हो सकता है इसलिए वह अनंत है भले ही हम सभी उसे किसी भी रुप का नाम दे परंतु वह वाकई अनंत है,,,,,,,, 🙏
शक्ति है सर्व व्यापक , ईश्वर उसके शरीर का नाम है । शक्ति दिखती नही , जो दिखती नही इन्सान उस पर विश्वास केसे कर सकता है । इस लिए शक्ति पुर्ण नही है । जब शक्ति अपनी इच्छा से इंसानों के बिच अपना एक रुप बनाती हैं वह रुप चाहे स्वयंभू हो , चाहे वह गर्व धारण करे। ईश्वर को एक बात कही गई है कि सब का सच्चा गुरु ईश्वर है । इसको आप गलत ठहरा सकते हैं । यह बात सत्य है ज्व ईश्वर इन्सान बन कर धरा पर आते हैं । उस समय जो इन्सान उसके नजदीक आते हैं उस समय वह अपने गुण, नियम और शक्तियों का प्रदर्शन दिखते हैं । यह देख कर ही इन्सान उसके बारे मे जान पाया है ।
आपकी बातो मे ही कुछ और ज्ञान छुपा है जैसे आपने कहा के मनुष्य क्या सिर्फ कान,या नाक या चक्षु है?क्या वह अस्थिया है? क्या वह हृदय है? क्या वह हात पैर है? मनुष्य का शरीर साकार स्वरूप मे यह सब मिलकर बना है। उसके बाह्य अवयवों को वह स्वयं देख सकता है,हममे से विरले ही होंगे जिन्होने स्वयं के भितरी अवयव कभी देखे हो और हमारी जीवात्मा का साक्षात्कार होने मे भी हमे वेदो के असीम ज्ञान की आवश्यकता पडेगी और कई जन्म भी । तो इश्वर तो यह सृष्टी भी है, अंतरिक्ष भी है,अनेकानेक ग्रह तारे सुरज चांद भी है,इन सब का छोर आदी और अंत मनुष्य के परे है इसिलिये वह हमारे लिये निराकार हो गया...
Iswor wo hai jo khud ko byakt karne ke liye kisi bhi aakar prakar me sadrisya ho sakte hai adhura gyan kripya prasarit mat kare iswor wo hi ek matra ho sakte hai jo jab tak khud ko byakt nahi kare tab tak samne bhi ho to koyi jan nahi sakte hai iswor waise abyakt hai haa byakt karte rahte hai madhyam kisi ko bhi bana kar log samjh jan gaye to sahi nahi to jyadatar jan nahi pate hai isi karan se iswor pragat hote hai iswor ka janm nahi hota hai fir wo ek sisu me pragat ho jaye ya garbh me aaye jiv me pragat ho jaye ya kisi bujurg me pragat ho jaye ya kisi yuwa me ye ek matra iswor par nirbhar karta hai ki pragat kaha hona hai iswor haa satya hai ki sarwotra hai sarwotra byakt bhi hai abyakt bhi hai dikhate milte matra unhe hai jo us yogya ho to na swem bhram me rahe na hi anyo ko bhramit kare waise hi insan sabhi kuchh pustke padh padh kar kuchh idhar udhar se dekh sun kar sahi tathyo ko jane samjhe bina adhura gyan prasarit kar kar ke sansar ko bhram me dale huye hai aur isi bhram ka natija hai ki dharti par jiw sankat me fans chuke hai to swem se jane ki iswor kon hai kya hai kitabi gyano se iswor ko nahi samjha ja sakta hai na hi jana ja sakta hai iswor tak pahunchna bahut jyada duskar kary hai iswor tak pahunchna bilkul hi sahaj hai jaise jeb ne se sikka nikalna kyo kuchh samjh aa bhi raha hai ya krodh aa raha hai iswor bina dhairy ke bina parikchhan ke ahsas bhi nahi dete to bhram me mat rahe
Yah Baat Jo aapane Kahe vah bahut Hamare liye bahut Achcha hai Jo bolate Hain yah Bhagwan Hai vah Bhagwan Hai Eid ka yah Naam aur Unka Ho Naam thankyou Aisa Gyan dene ke liye good
ज्ञान अज्ञान बिज्ञान अधारा. सर्वाधार कृष्ण संसारा. सब समर्थ आशीम अपारा. केवल कृष्ण सकल संसारा. अज्ञानी जाने नहि जोई. मरि मरि जनम जगत सब कोई. निज पर्याप्त सकल संसारा. आदि मध्य नहि कोई किनारा. निर उपमा सारे संसारा. उपमा नहि कोई कृष्ण अपारा.सब परिपूर्ण सचिदानंदा. परमानंद असीम अखंडा. जय परम् परम् परमेश्वर कृष्ण. 🌹🙏. श्री राम अल्पज्ञ.
ईश्वर अनंत शक्तियों का स्वामी है. ईश्वर असीमित है. असीम प्रज्ञा है. सर्वबुद्धिमान है. सर्वज्ञाता है. नवीनीकरण करने वाला है. सर्वत्र है. सर्वशक्तिमान है. विराट उपस्थिति है. जीवंत आत्मा है. एक ही उपस्थिति है. वह सब कुछ जानता और देखता है और सभी वरदानों का स्त्रोत है, ईश्वर सबको खुशी दे समृद्धि दे धन्यवाद
परम आदरणीय श्री ज्ञानेश्वर महाराज आप की वाणी ब्रम्ह वाणी प्रतीत होती है
अती सुन्दर ओर सटीक तरीका हैं समझाने का।
हर हर महादेव,,,ओम नमः शिवाय,,,
धन्य हैँ आप जो गूढ ज्ञान को सरलतम बना कर बतलाया।
१/१० 👇🏻
ईश्वर कि सोच-भी अनन्त है ईसी प्रकार उनका बनाया हुआ भी अनन्त है ,
ईश्वर प्रथ्वी पर आते-भी-हैं
और मरते-भी-है़ ,
और फिर दोबारा आते-हैं ,
बहुत ही सरलतम व्याख्या की है मित्र आपने जो औसत मानव बुद्धि समझ सकती है मैंने आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी को सुना है आचार्य महेंद्र पाल को भी सुना है परन्तु उनकी व्याख्या बहुत गूढ़ होती है परन्तु आपने उसे अघोर रूप में समझाया आप को कोटि कोटि साधुवाद
Guru Grangh sahib ji me ishwar ki yehi vyakhua di hai." Yeh mool mantra hai !! Guru Granth sahib yehi se prarambh hota hai ""Ek ounkar satyanaam karta purukh nirbhow nirvair akaal moorati ajooni swaibhang gurprasaad"" shuru se dekhie.... Voh Ek hai,oska naam satya hai,vo brahmand ka karta hai,purukh ek shskti,osko kisi ka bhai nhi,kisi se vair nhi,vo aisi ek aadi shakti hai,joonio se raihit hai,swaibhang voh khud se se hi hai kisi ne ose paida nhi kiya,gurptasaad Anandmaie hai.!!!
Voh Kabse hai. > Shabad Guru granth sahib 1035 Ank per dekhie Brahamad kaise pratat hota aur smapat hota hai > Arbad narbad dhundookara dharan n gagna hukum apara !!
Na din rain n chand n sooraj soonya samadhi lagsenda !
Gyani Gurdev singh khaira.UP!
Bhot sundar trikey say aapney khaa anubhav jinko hogyaa vo shabd vihin hojata hai ,tbb bhi aapney bhot sundet trikey khaa aapney ,mujhey iswer ney apney sabhi swaroop kaa drshan diyaa hai
lshwar ke sandarbh mein anant explanations hai...
ଇଶ୍ବର ଆଜନ୍ମ.. ଓ ଅତୀତ ବର୍ତ୍ତମାନ ଭବିଷ୍ୟ କାଳଠୁ ପରେ,. ଶକ୍ତି ସର୍ବନାମ..
Nature apna santulan khud banati h.
Jay ho
ईश्वर ही सत्य है 🙏🙏
Aapke. Mdhyahyam se Ishwar ji ke gun itane Vistar se sun kar , meri atma gad gad ho gayi, aapko koti koti parinaam.
सच्चिदानन्द रूपाय विश्व उतपत्यादी हेतवे तापतराय विनाशाय श्री कृष्णाय वयम नम
❤जिसके ऊपर किसी भी तत्त्व का आवरण ना हो निर्लेप परमात्मा ❤
बेहद के बेहद की परम परम परम महाशांति हैं, महाशांति हैं, महाशांति 🎈🌹🍀💐 धन्यवाद भाईजी 🎈🍀
Koi khuda nahi h. ❤
Tu saitan hai 😮
बहुत सुंदर ज्ञान दिया आपने , धन्यवाद आपका 🙏
परमात्मा साकार है व सहशरीर है - यजुर्वेद
बहुत सुन्दर और सहज ज्ञान धन्यवाद
।।🚩🚩🚩🇮🇳🙏ॐ नमः शिवाय🙏🇮🇳🚩🚩🚩।।
मैने लगभग हर तरह की किताब को पढ़ा, जाना, समझा है गहराई से पूरे अर्थो मे - फिर चाहे वो किताब धर्म, विज्ञान, नैनो टेक्नोलॉजी, क्वांटम फिजिक्स, अंतरिक्ष विज्ञान, इतिहास, भूगोल, गणित, मनोविज्ञान, सामाजिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान की हो या फिर कैसी भी क्यों ना हो, और मै पूरे वैज्ञानिक नजरिये से जांचते परखते हुए इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि किसी को, मै फिर जोर दे कर कहता हूँ कि किसी को भी सच नहीं मालूम है और ब्रह्मांड के सूक्ष्म व सही नियमो की जानकारी बिल्कुल भी नहीं है कम से कम आज की तारीख मे तो l
यानी किसी को कुछ भी नहीं पता है l सब बस अपनी अपनी बात बोल रहे हैं अपने दिमाग मे उठने वाले तूफानी विचारों से और खुद को सही मान रहे हैं और बिल्कुल ही मुगालते मे जी रहे हैं l जबकि असल सच यह है कि किसी को कुछ भी नहीं पता है - कुछ नहीं पता है l
ब्रह्मांड बड़ा पेचीदा है और इसको समझने के लिए बहुत बड़ी करोडो तेज दिमागों के बराबर वाली सूझबूझ व अक्ल चाहिए जो अभी इंसानो के पास नहीं है l
दरअसल अक्ल के मामले मे इंसान बस जानवरों से थोड़ा सा ही बेहतर है और इसी बेहतर अक्ल के दम पर उसने अपने फ़ायदे के लिए अक्ल को इस्तेमाल किया है मगर अभी उसकी अक्ल इतनी तेज नहीं हुई है जो ब्रह्मांड के असली नियमों को जान और खोज सके l
हमारा कम्पटीशन जानवरो से है और हम इंसान निसंदेह जानवरों से बेहतर हैं - मगर असली सच इस ब्रह्मांड का हमको समझ मे नहीं आने वाला है क्योंकि हम इंसानो की अक्ल अभी बहुत छोटी ही है - हाँ जानवरों की अक्ल से थोड़ा बेहतर है l
अब तक बुद्दिमान इंसानो ने जो कुछ भी खोजा है वो सब सत्य और सच के सापेक्ष गलत ही है - ब्रह्मांड का सच जब भी मिलेगा वो बिल्कुल दूसरे तरीके का और हमारी सोच से बिल्कुल अकल्पनीय रूप से अलग ही होगा l
तो आज मे पूरे जोर शोर से ये घोषणा कर सकता हूँ कि किसी को कुछ नहीं पता है और इतना तो मुझको अब पता चल ही गया है l
इंसान ने कुछ अपने काम निकालने सीख लिए हैं कुदरत के सहयोग से तो इंसान बड़े बड़े दावे करने लगा है कि उसने तो सबकुछ जान लिया है जबकि उसने कुछ नहीं जाना है l ये ब्रह्मांड बहुत बहुत बहुत बड़ा है और यहाँ गणनाएँ लाखों करोड़ो मे नहीं खरबों खरब और उससे भी आगे जाकर नील, पदम, शंख, महाशंख और फिर अनंत तक जाती हैं और सूक्ष्म स्तर पर शून्य से इतर माइनस साइड मे जाकर बहुत सूक्ष्मता की गहराइयों तक जाती हैं तो भैया कोई भी और कैसी भी इंसानी बुद्धि इस ब्रह्मांड को समझने मे नाकाम ही रहेगी हमेशा l
"किसी को कुछ भी नहीं पता" - बस इतना याद रखो l "किसी को कुछ नहीं पता" ये एक सत्य वचन है बस इसको ये समझो कि पत्थर पर खींची गई लकीर l
डिबेट मे अगर कोई अच्छा पाइंट और अच्छे विचार दे रहा है तो वो सच को साबित नहीं कर रहा होता है बल्कि दूसरे लोगों के पाइंट और विचारों को गलत साबित कर रहा होता है जो उससे कमतर तार्किक लोगों के द्वारा दिये गए होते हैं लेकिन फिर भी इससे ये साबित नहीं होता कि अच्छे तर्क देने वाले का ब्रह्मांड के असल सच का कोई संबंध है l ब्रह्मांड तो अनंत है तो इसको जानने के लिए बहुत बड़ी बुद्धि चाहिए महज एक खोपडी, दो हाथ, दो पैर, 70-75 किलो वजन और 5-6 फीट के शारीरिक दायरे मे कैद मामूली और तुच्छ इंसान इस ब्रह्मांड के असल सच को कभी भी नहीं जान सकता है - बस भ्रम और मुगालता पाल सकता है l बेचारा मामूली इंसान ब्रह्मांड के सच को जान लेने का बड़ा दावा करता है सिर्फ दूसरे लोगों को प्रभावित करने के लिए l
कल का न्यूटन और आईंस्टीन आज गलत सिद्ध होगा तथा आज के तमाम महान वैज्ञानिक आने वाले कल मे गलत सिद्ध होंगे - तो ज्ञान का प्रवाह इतना प्रबल है कि सबकी खोजें, अनुमान, थ्योरी, खोज और बड़े बड़े दावे सब गलत साबित ही होंगे असल सत्य की खोज मे l बहुत बड़ा और सटीक पैमाना चाहिए इस ब्रह्मांड के सत्य को मापने के लिए जो अभी
इंसानी बुद्धि से बहुत बहुत परे है l
इतना जान लो कि हर नई खोज के बाद बस एक नया झूंठ या नया पर्दा ही सामने आता है इंसानो के सामने और सत्य की सारी खोजे, अनुभव और विचार सब गुड गोबर हो जाते हैं l
लेकिन हाँ, आधे अधूरे ज्ञान से भी यू ट्यूब पर तहलका मचाया जा सकता है क्योंकि हर विचार पर भरोसा कर लेना आम इंसानो की प्रवृत्ति और कमजोरी है l
आपकी बात सही है।पर पूरे तरीके से नहीं। ये दावा करना गलत है आगे सच पता नहीं चलेगा पहले से बहुत बेहतर स्थिति है आगे और होगी अगर सच खोज रहे हैं तो सच मिलेगा ही भविष्य में पर अभी तक नहीं मिला तो तो हार मानकर चुप रहना भी ठीक नहीं
Har Har Mahadev 🙏🙏🌹🌹🌺🌺🌹
Thank you God❤❤❤🎉🎉🎉
।। नमः परम् ऋषिभ्यो,नमः परम् ऋषिभ्य: ।।
Hey Prabhu!
Ye kaisi aapki Maya hai!
Mind blowing ❤
Sunkar bahut badhiya laga
Hey sachidanand
Aapki Jay ho
Adbhut hai hamari soch se pare
Thanks
Ap ne saty (God)ki satik jankari ka varnan kiya hai. Is gyaan ka byavaharik roop par video banane ka nivedan karate hai.aapke message ka 99% bhaag Bible vichaar se sambandhit hai.❤❤❤thank ❤❤❤
Inivarseabharihudhanyvad
निराकार साकार स्वरूपा. दोउ स्वरूप कृष्ण अनुरूपा. 🌹🙏.
भावना प्रधान प्रत्यक्ष के अभाव में अनुमान से गुण और विशेषताओं के आधार पर श्रेष्ठ देव ईश वर की कल्पना और विवरण बहुत अच्छी तरहसे अच्छी भाषा में अभिव्यक्ति की गई।आप धाराप्रवाह तर्क़ संगत ज्ञान दे रहे हैं। धन्यवाद
Bahut badia samjaya brother❤
Ji dhanyavaad
Yeh sarvada Satya hai isko aap swayam par mahsoos kiya ja sakta hu
Wah
Aap hi bolney Wale
Aap hi Sunney Wale.
You all in one
ओमसम😢
Sahi kaha aapne bahut sunder varnan hai ishwar nirvikar niramai hai ho akilanda koti brammhanda nayakaya anu renu thranakasta vyapth hai na adi na anth ho anath hai 🙏 Hare krishna prabhu 🙏🙏🙏
बहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुत की है।
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
Kooshish kiya Shukreya
Bahut bahut sundar jaankari mili uske liye Bhai Ji aapko bahut bahut dhanyawad 🙏🌺
Namaste Satya Sanatan Dharm jindabad Bhartiya Vaidik Darshan jindabad aapane Ved ki dharna ko explain Kiya Ishwar Chaitanya Anant aur Mukt padarth hai not visible quantum physics ke Siddhant ke tahat dual behaviour wala sarvatra hai I like your explain thank u Bhartiya Vaidik Darshan jindabad Jay Hind Jay Bharat
Absolute knowledge, thank you.
Atyant durlabh Gyan Diya aapne aap ka bahut bahut dhanyawad
वह ,,,,, बेटा बहुत बहुत धन्यवाद आगे बढ़ो 😮🎉🎉🎉🎉🎉 ❤
जितना खराब सृष्टि को मानव ने किया है शायद किसी जीव ने किया हो इसलिए आज कलयुग के मानव को सजा मिल रही है आपदाओं की
Bahut sunder vyakhya
आपने बहुत अच्छी व्याख्या बताई लेकिन आपकी व्याख्या से एक बात तो साबित होती है कि ईश्वर का मन है तभी तो उनके मन में ब्रह्मांड सृष्टि बनाने की बात आई
ध्यान से देखें
Ye bilkul sahi hy. Jo kuch bhi .hy ya nahi hy ...vo ..alag .bhi hy ..kiuki sab kuch
.iswar hi hy ji !
❤God is great believe in God pray for bless ❤️
अति सुन्दर सत्संग । बहुत-बहुत शुक्रिया जी 🌹🙏🌹
जी धन्यवाद
कठोपनिषद पढे , या सभी वेदो को पढें , यही तो वेदिक ज्ञान है।
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
बहुत ही सुन्दर विषय पर सुग्राह्य व्याख्यान!हर हर महादेव।।
ईश्वर सत्य है आदि अनंत सब उनकी की हाथ में आपका बात बिल्कुल सटीक है ईश्वर कभी ना जन्म लेते हैं ना कभी मरते हैं उनका आदि अंत कोई भी मनुष्य जीव मनी ऋषि पार नहीं लगा सकती मनुष्य मात्र ब्रह्मांड के सामने एक बालू से भी हजारे लाखों गुना छोटे हैं और ईश्वर के सामने तो हमारा कोई अस्तित्व हां या नहीं यह हम लोग नहीं जानते खाली ईश्वरी जानते हैं यह हम क्या है क्योंकि जब ब्रह्मांड के अंदर हमारा पृथ्वी एक सरसों बराबर है अब हम पृथ्वी की भीतर एक सरसों बराबर है तो एक कल्पना करके सोच कर देखें हमारा ब्रह्मांड की भीतर कोई असतित्व नहीं है ईश्वर सबसे बड़े हैं इससे आगे कुछ भी नहीं है बस ईश्वर का नाम है जय जय श्री राम जय श्री कृष्णा
Bhut sunder dhanyawad apka 🙏🙏👍
Amazing brother, it seems you have complete knowledge.
परिपूर्ण सत्य,ईश्वर ही परिपूर्ण अनंत है।🗯💥
जी वो Jesus Christ hai परिपूर्ण सत्य
@@deeprana5785 esha purv se hamara Etihas hai
@@deeprana5785Jesus bhagvan iswar nahi vo Coman man the
Dhanya he aap jo is mahan bani se hame sansay ko dur kar diya
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो आर्यावर्त की जय हो महर्षि दयानंद की जय हो श्रृंगी ऋषि की आत्मा ब्रह्मचारी कृष्णदत्त जी महाराज की जय हो
very good, bahut badhiya video banaya aapne
Mujhe to aap me hi Prabhu ke darshan ho gaye.
Om Namah Shivay..❤🙏🙏🙏
प्रणाम गुरु वर।कोटि कोटि वंदन आपका।
Supper se uper,
All is well,
Gita- यदा यदा हि धर्मस्य---शृजाम्यहम्
क्या ये मिथ्या है?
भाई यह सही लिखा है, यदा यदा ही धर्मस्य.... भगवान कृष्ण मोक्ष से युक्त जीवात्मा थे। समाधि में सदैव रहते थे इसीलिए वे अपने चारों तरफ ईश्वर को अनुभव करते थे, इसीलिए उन्होंने कहा कि मैं ही परब्रह्म हूं। यह सही है लेकिन वह ईश्वर नहीं थे मोक्ष की जीवात्मा ही ऐसा कह सकती हैं। कि मै परब्रह्म हूं या फिर धर्म के रक्षण हेतु बार बार जन्म लेता हूं। धन्यवाद
ISWAR is EXISTENCE ALONE , FULL OF PURE CONSCIOUSNESS.......
Kafi parshnyon ke uttar mile aap ka bahut 2 dhanyavaad
❤ishwar hamari kalpna aur samajh se pare hai.❤
Ishvar (SRI KALKI AVATAR Ji) vartmaan me Prithvi pr hi manav roop me maujud hain aur nikat bhavishy me apni yogmaya se prakat hona hai 🕐
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hum sab ke sab brahmand ke nirmand ka kccha maal hai.
esvar=brahmand.
Allah hu baqi minkul fhanni. Sab barbad hoga qayamat k day allah baqi rahei ga
Aap ne sath kaha❤
Very good
इतनी बाते बतानै के लिये धन्यावाद
महात्मन प्रणाम कितनी अद्भुत बात है के अलक्ष्णा के आपने लक्षण बता कर हमें धन्य कर दिया
मान्यवर ईश्वर की उत्कृष्ट व्याख्या करने के लिए धन्यवाद 😊 इसके साथ ही अहम ब्रह्मास्मी, अयमात्मा ब्रह्म तथा तत्वम्सी जैसे वाक्यों की भी व्याख्या करने की कृपा करें।
बिल्कुल करेंगे किसी विडीयो में।
आपको बहुत बहुत साधुवाद।
खूब अच्छे। वह बात गुरू नानक जी ने भी बताई है।
બહોત અચ્છા. ભાઇ. યે સબ કુછ. કુરાન. સરીફ. મે. મોજૂદ. હે. આપ ખુદ. જાનલો
❤❤❤best regards
Jai shree हरि❤
इशा मशिह इतिछ ममनाम प्रथितम
ईश्वर वाकई मे अनंत है जिसका ना तो जन्म होता है ना ही कभी उसका अंत हो सकता है इसलिए वह अनंत है भले ही हम सभी उसे किसी भी रुप का नाम दे परंतु वह वाकई अनंत है,,,,,,,, 🙏
hamara brahamand hi hum sab ka esver hai.
esvar =brahand hai.
Saty eswar hai Om Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev ❤❤❤❤❤❤
Mai bhi kuchh aisa hi sochta tha lekin aapko sunkar thoda aur jyan me izaffa huaa 😊
जो शाँत घोर और जड़ रूपप्रकट होते तीनो गुण धर्म धार ।उनसौम्य ज्ञानघन निर्बिशेष को नमस्कार हैनमस्कार।।।।।।।
ईश्वर सर्वव्यापी है, निराकार स्वरूप है, अजन्मा है, अजर अमर है और श्रृष्टि प्रलय के बाद भी रहेगा।🙏
सही है,
Sharir ma bap auasi karke bache ko payda karte
Pap to barhmane kiya apni beti sarosati ke sath baltkar kiya us sambhogse payda huva manu
N look
Pp0 BM cc b😢 in
😢yj😢y you nhtnnhn5úoo9ooík5kk5kktkktkk
ईश्वर के लिए निराकार अपशब्द है गाली है अशोभनीय व ऊसके गरिमा के खिलाफ है
सभी बातें आपकी सही है। ईश्वर है इसमें कोई दो मत नहीं। लेकिन उनका अपना कोई सेंस नहीं। वह सिर्फ पावर है। इस बार को मैं सिद्ध कर सकता हूं।
ईश्वर सर्वत्र व्यापक एक शुद्ध चेतन पदार्थ है, केवल चेतन। चाहे जहां पर मुझसे डिबेट कर सकते हो।
शक्ति है सर्व व्यापक , ईश्वर उसके शरीर का नाम है । शक्ति दिखती नही , जो दिखती नही इन्सान उस पर विश्वास केसे कर सकता है । इस लिए शक्ति पुर्ण नही है । जब शक्ति अपनी इच्छा से इंसानों के बिच अपना एक रुप बनाती हैं वह रुप चाहे स्वयंभू हो , चाहे वह गर्व धारण करे। ईश्वर को एक बात कही गई है कि सब का सच्चा गुरु ईश्वर है । इसको आप गलत ठहरा सकते हैं । यह बात सत्य है ज्व ईश्वर इन्सान बन कर धरा पर आते हैं । उस समय जो इन्सान उसके नजदीक आते हैं उस समय वह अपने गुण, नियम और शक्तियों का प्रदर्शन दिखते हैं । यह देख कर ही इन्सान उसके बारे मे जान पाया है ।
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
पावर वगैरह कुछ नही है ,हम पैदा हुवे है और आखिर में मर जायेंगे
Apke sunder vichar ant m satya hai
Bahut vagyanik aur bishwasniy
Beautiful explanation
Thanks 👍
कोटि कोटि नमन है आचार्य अग्निवरत नैस्टिक को जिन्होंने हम सब लोगों को वेद के इन सत्य से अवगत कराया
ઇસવર વ્યાપક હે
आपकी बातो मे ही कुछ और ज्ञान छुपा है
जैसे आपने कहा के मनुष्य क्या सिर्फ कान,या नाक या चक्षु है?क्या वह अस्थिया है? क्या वह हृदय है? क्या वह हात पैर है? मनुष्य का शरीर साकार स्वरूप मे यह सब मिलकर बना है। उसके बाह्य अवयवों को वह स्वयं देख सकता है,हममे से विरले ही होंगे जिन्होने स्वयं के भितरी अवयव कभी देखे हो और हमारी जीवात्मा का साक्षात्कार होने मे भी हमे वेदो के असीम ज्ञान की आवश्यकता पडेगी और कई जन्म भी ।
तो इश्वर तो यह सृष्टी भी है, अंतरिक्ष भी है,अनेकानेक ग्रह तारे सुरज चांद भी है,इन सब का छोर आदी और अंत मनुष्य के परे है इसिलिये वह हमारे लिये निराकार हो गया...
ईश्वर का जिस रूप में ध्यान करोगे उसी रूप में साकार हो जाएगे
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 : परमात्मा साकार है तथा उसका मानव जैसा शरीर है
"अगने तनुः असि | विश्नवे त्व सोमस्य तनूर' असि || ”
गलत translation
जो सब कुछ कर सकता वह शरीर भी धारण कर सकता ।
Isme bahut saari baaten virodhabhashi hein kyounki jab bah sarvsaktimaan h to bah roop bhi dharam kar sakta h
Absolutely 100 percent correct
Very good and informative video.
Bahut sunder vishleshan kiya aap ne.
धन्य हो आप,,,🙏 ॐ
Srishti ki Rachna ek shaktiyon se nahin balki Kai shaktiyon Se Milkar banaa hai❤❤❤❤
Nice information 🇮🇳🙏🏻
Sat chit ananda..wow..ha..
Jay shree Krishna shiv bholenath Ram Durga jay❤
जय गुरुदेव सतनाम सत्यम शिवम सुंदरम सी योर इंटरनल सब्जेक्टिव साइट सारा खेल भीतर का है आपके अनुभव को हमारा साथ साथ जय गुरुदेव❤❤❤
भारतीय दर्शन से ज्ञान पहले ले लो।❤❤❤❤❤❤❤
Bahut badhiya jankar di aap ne bro 🙏🏾🙏🏾☺️☺️
Iswor wo hai jo khud ko byakt karne ke liye kisi bhi aakar prakar me sadrisya ho sakte hai adhura gyan kripya prasarit mat kare iswor wo hi ek matra ho sakte hai jo jab tak khud ko byakt nahi kare tab tak samne bhi ho to koyi jan nahi sakte hai iswor waise abyakt hai haa byakt karte rahte hai madhyam kisi ko bhi bana kar log samjh jan gaye to sahi nahi to jyadatar jan nahi pate hai isi karan se iswor pragat hote hai iswor ka janm nahi hota hai fir wo ek sisu me pragat ho jaye ya garbh me aaye jiv me pragat ho jaye ya kisi bujurg me pragat ho jaye ya kisi yuwa me ye ek matra iswor par nirbhar karta hai ki pragat kaha hona hai iswor haa satya hai ki sarwotra hai sarwotra byakt bhi hai abyakt bhi hai dikhate milte matra unhe hai jo us yogya ho to na swem bhram me rahe na hi anyo ko bhramit kare waise hi insan sabhi kuchh pustke padh padh kar kuchh idhar udhar se dekh sun kar sahi tathyo ko jane samjhe bina adhura gyan prasarit kar kar ke sansar ko bhram me dale huye hai aur isi bhram ka natija hai ki dharti par jiw sankat me fans chuke hai to swem se jane ki iswor kon hai kya hai kitabi gyano se iswor ko nahi samjha ja sakta hai na hi jana ja sakta hai iswor tak pahunchna bahut jyada duskar kary hai iswor tak pahunchna bilkul hi sahaj hai jaise jeb ne se sikka nikalna kyo kuchh samjh aa bhi raha hai ya krodh aa raha hai iswor bina dhairy ke bina parikchhan ke ahsas bhi nahi dete to bhram me mat rahe
Yah Baat Jo aapane Kahe vah bahut Hamare liye bahut Achcha hai Jo bolate Hain yah Bhagwan Hai vah Bhagwan Hai Eid ka yah Naam aur Unka Ho Naam thankyou Aisa Gyan dene ke liye good
१/४ 👇🏻
ईश्वर है भी और सबके अन्दर भी - है - जानवर ईन्सान - पशु पक्षी जीव जंतु किट पतंगें पेड़ पौधे - सभी-में ,
ईश्वर भले ही हमारे लिए निराकार हो परंतु स्वयं के लिए साकार ही है
हमारे लिए भी ईश्वर साकार हैं, बस आपको जीवात्मा के तत्वत: स्तर से सोचना होगा।
आकार निराकार तो हमने नाम दिया
ईश्वर इनसे भी परे है,,,,
ईश्वर शब्दो का विषय नहीं है
❤अंतर्यामी को बारंबार प्रणाम ❤
Maya ke sat asat vilakshan swarup ke jane bagair eshwar ka satya swarup nahi jana ja sakta hai.
@@kamalnayan568900⁰⁰⁰000
😊😊😊😊😊
v
Thanks to you sir.God and adhunik bhagavan alag chhe.
ज्ञान अज्ञान बिज्ञान अधारा. सर्वाधार कृष्ण संसारा. सब समर्थ आशीम अपारा. केवल कृष्ण सकल संसारा. अज्ञानी जाने नहि जोई. मरि मरि जनम जगत सब कोई. निज पर्याप्त सकल संसारा. आदि मध्य नहि कोई किनारा. निर उपमा सारे संसारा. उपमा नहि कोई कृष्ण अपारा.सब परिपूर्ण सचिदानंदा. परमानंद असीम अखंडा. जय परम् परम् परमेश्वर कृष्ण. 🌹🙏. श्री राम अल्पज्ञ.