परमात्मा, आत्मा, जीवात्मा, प्रेतात्मा, पुनर्जन्म, कर्मफल, शुन्य, दशमलव और भी इसी कड़ी की अन्य खोजें सब भारत के पुरातन ऋषियों ने ध्यान, धारणा, समाधि मे जा कर की और उस घट रहे क्रम की कमेंटरी की है l यानी जो जैसा है, जैसा पाया है ठीक वैसा ही बताया गया है l वैदिक ज्ञान विज्ञान को समझने के लिए बारीक बुद्धि, ज्ञान, अनुभव, अभ्यास की जरूरत होती है जो कुछ विरले लोगो को ही मिलता है l
ईश्वर सत्य है, वह निराकार है. सबमें और सब जगह मौजूद है. इसे ही सर्वव्यापी सत्ता कहते हैँ. अजर अमर और अविनाशी है. इसे राम ख़ो कृष्ण कहो या अल्लाह कहो. यही पूरे संसार का विस्तार है. सब इसमें रहते हैँ. परन्तु सभी लोग इसे जानते नहीं. लोग आकार की पूजा करते हैँ और कहते हैँ कि साकार की पूजा करते हैँ, जो कि एक धोखा है. साकार, आकार और निराकार है. निराकार सत्य है. धन्यवाद. आपने स्पष्ट किया है.
हमें बहुत प्रसन्नता है यह जानकर कि हम अपने जीवन में भगवान का वैज्ञानिक महत्व को भी समझ पा रहे हैं इतने आश्चर्यजनक बात है हमें सुनने को मिलती हैं हमारा हृदय प्रसन्न है
अद्वैत भाई आप जो यह ज्ञान दे रहे हैं वह अद्भुत है आप जो सनातन धर्म का ज्ञान देते हैं वह नित्य है आप ऐसे ही सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते रहिए full support है मेरा 🙏🙏
इसका अर्थ है कि श्री विष्णुहरि ही की हमे उपासना करनी चाहिए उन्के हील ध्यान मे रत रहना चाहिए कृप्या मार्गदर्शन करे आपको कोटि कोटि साधुवाद जय जय शिवहरि 🚩🚩🚩
हमारे ऋषि मुनियों का अनुभव ही ज्ञान है और यही विशेष ज्ञान ही विज्ञान है ! यही सत्य था , है और रहेगा ! साइंस कभी विज्ञान नही है ! नहीं है ! जय हिन्द । जय हिंदू ।। जय हिंदी ।।। जय हिंदू संस्कृति ।।। जय हिंदुत्व !!!! जय श्री राम ।।।।
Yes, it's true science is not actually vigyan This is absolute misunderstanding of language and vocab शब्दों के जाल में हम भारतीय उलझ चुके हैं , जबकि हमारे वेद ही प्रमाण हैं कि लिखित कुछ भी नहीं परंतु ध्वन्यात्मक सब कुछ है । हम सभी बहुत दूर हो चुके हैं अपने ही अमूल्य धरोहर और संस्कृत और संस्कृति से । हो सके तो अब भी युवा भारत जागे और भारत बने । भारत = भा + रत अर्थात प्रकाश की खोज में जीवन लगाए । और विशेष ज्ञान = विज्ञान जो विलुप्त हो चुका है उसे प्राप्त करें । 🙏🙏 @@RajeevKumar-es6ey
आपको नमन करता हूँ. इस धरती पर निरंकारी मिशन एक ऐसी संस्था है. जहाँ पर निराकार ईश्वर के दर्शन कराये जाते हैँ. यहाँ दर्शन से अर्थ है कि ईश्वर की अनुभूति. जितने गुण आपने आपने इस वीडियो में बताये हैँ, इससे मिलान कर लीजिये. तब इस परम् सत्य को स्वीकार करिये. पुरातन काल में इस सूछ्म व विराट सत्ता को समझा व जाना था. पूरा ब्रम्हाण्ड ही ईश्वर का स्वरूप है. इसमें जो प्राकृतिक वस्तुयें नजर आती हैँ, वह एक दिन अवश्य नष्ट हो जायेंगी. प्रकृति में परिवर्तन है. ईश्वर निराकार में कोई परिवर्तन नहीं है. स्थिर है आदिकाल से और भविष्य में भी जैसा था, वैसा रहेगा. यही सब जीवों में मौजूद है. सर्वव्यापी सत्ता है. चेतन, अजर, अमर और अविनाशी है. आपने व्याख्या अच्छी की है. परन्तु आखिर में सब गड़बड़ कर दिया है. मेरा फोन न.9839285890 है. आप कभी भी वार्ता कर सकते हैँ. धन्यवाद, शुभरात्रि. मैं आपके फोन का इंतज़ार करुँगा. शुभरात्रि.
श्रद्धावान लभते ज्ञानम, जों जितनी प्रीति ब्रह्माण्डीय चेतना को जानने में रखेगा, अपने मूल स्वरूप के तत्वज्ञान को पाने में रखेगा, आश्चर्य से युक्त इस दुनिया एवं इसके कारीगर की तलाश जैसे रोमांचकारी विषय में रखेगा, जों चित्रों में ध्यानस्थ बैठे, चाहे पर्वत, भयानक ठडक या ताप में बिना खाये पिए प्रभु को देखकर आश्चर्य करेगा, कि ज़ब ये ऐसे रह सकते है तों हम क्यों नही, कुछ तों विशेष है, कोई तों रचनाकार है, कलाकार है, जों सबको बना बिगाड़ कर भी सामान्य है, वैज्ञानिक आधार पर रचनात्मक आधार पर या आध्यात्मिक वैदिक सनातन ग्यान के आधार पर, वही प्राप्त कर सकता है अपने आपको 🎉🙏🌹 अहं ब्रह्मासि 🙏🌹
❤ ईश्वर की सुकृति महान हैं इससुंदर सृष्टी को सृष्टा के पुर्ण गुण धर्म कर्म और क्रिया कारण में यथावत देखना और समझना ही ईश्वर का शुद्ध चैतन्य स्वरूप सच्चिदानंद कहते हैं वंदेमातृम वंदेपितृम जय भारत जय सत्य सनातन शैविश्व धर्म दर्शन गुरू वचन महान ।
बहुत सारी रोचक जाणकारी काश इस प्राचीन ज्ञान विज्ञान तंत्रज्ञान से हमारी भारत भूमी से कोई आकाशी बिजली को काबू करके जनता की भलाई के लिये काम मे ला सकता मेघ को काबू करके चाहे जहा बरसात करा सकता
जिस प्रकार मनुष्य की सुनने की दो सीमाएं होती हैं,उसके बीच का ही सुना जा सकता है उसी प्रकार देखने की भी सीमाएं है .... ईश्वर को सुन सकने और देख सकने की काबिलियत प्राप्त कर किसी न किसी रूप में सुना और देखा भी जा सकता है... 🚩राधे राधे🚩
❤।।ॐ।। जय माता दी जय बाला जी।।ॐ।।❤ बहुत ही सुन्दर जानकारी दी गई है। ९९,९९/० लोग अवोध है। केवल उनको पारिवारिक व सामाजिक परिवेश में पशुओं की तरह जीवनशैली जीने की ही शिक्षा मिलती है। इतनी मार्मिक तत्वज्ञानी बातें उनकी समझ में नहीं आयेंगी । भैंस के आगे बीन बजाओ ।भैंस खड़ी पगुराय ।
Sir aap jo narayan ki bat kar rhe vo Akshardham ke Rahane wale he or sab ke niyata he sada sakar Swaroop he o parabrahma parmatma swaminarayan bhagwan he
बहोत ही ज्ञानपूर्ण व्हिडिओ बनाया है आपने.इसके हर शब्द से ज्ञान झलक रहा है. जीवन जिते समय इस तरहा के ज्ञान की बहोत ही आवश्यकता है.बाकी संसार की चीजे जिन्हें हम आत्यावश्यक मानते है जीवन के लिये, असलं मे वो सिर्फ शरीर के लिये ठीक है कुछ कुछ.असल मे येसा ज्ञान ही जीवन के लिये आवश्यक है!!!ऐसे ज्ञान के बिना आजकल के लोग जो ईश्वर के बारे मे गलत सोच राखते है और आढे तेढे सवाल पूछकर खुद को विद्वान समजते है ,ऐसे लोगोने पह ले इस ज्ञान का गहन अभ्यास करना चाहिये.उनके लिये आपका यह व्हिडिओ उनकी गलत सोच को जरूर गलत साबीत करता है! और ती सबके लिये मार्गदर्शक है.आपका बहोत बहोत धन्यवाद.
अद्वेत जी धन्य हो गया जिवन। अत्यंत क्लिष्ट विषयपर आपका चिंतन एवम् स्पष्टीकरण बहुत सुंदर रहा। मॆं बस शांतिसे सुनकर ही अत्यंत आनंद की प्राप्ती कर रहा हू। बहुत आभार। 🎉
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Aapake samajhaane ka tarika saral hai. Vaidik vigyaan ko jaanane, jagaane ki jarurat hai. Aap jaise purush hi aisa nek kaam kar sakata hai. Har har mahadev
प्रणाम गुरुजी आप बहुत अच्छे तरहसें हमें ये जानकारी बतातें हैं और इससे पता चलताहैं कि आपके अभ्यास का स्थर कितना महान हैं आप जो भी जानकारी हमें देते हैं वह सभी उदाहरण के साथ बतातें हैं आप सचमें बहुत ही महान तत्वज्ञानी हैं
🙏 योग वशिष्ठ में कहा गया कि वह चिदअणु यानि परमात्मा इतना सूक्ष्म है कि बाल के टुकड़े का करोड़वा हिस्सा भी उस चिदअणु के सामने सुमेरु पर्वत जैसा है । हमारे शास्त्रों में कहा गया है सुमेरु पर्वत का विस्तार तीनों लोकों तक फैला हुआ है । एक और रहस्यमयी किताब the book of mirdad में लेखक कहता है कि प्रकृति भी सीमित है लेकिन फिर भी उसकी सीमाये अनंतता को छूती है । वैदिक विज्ञान पर आपके कथन इन सबसे मेल खाते है । आपने जो शुरुआत में वैरागी की बात की वो अध्यात्म की precondition है । आपको सुनने व like करने वाले अंतरतम से वैरागी ही है । प्रणाम 🙏🙏🙏
परमात्मा, आत्मा, जीवात्मा, प्रेतात्मा, पुनर्जन्म, कर्मफल, शुन्य, दशमलव और भी इसी कड़ी की अन्य खोजें सब भारत के पुरातन ऋषियों ने ध्यान, धारणा, समाधि मे जा कर की और उस घट रहे क्रम की कमेंटरी की है l यानी जो जैसा है, जैसा पाया है ठीक वैसा ही बताया गया है l
वैदिक ज्ञान विज्ञान को समझने के लिए बारीक बुद्धि, ज्ञान, अनुभव, अभ्यास की जरूरत होती है जो कुछ विरले लोगो को ही मिलता है l
Jai ho
आपने सब सत्य सत्य जनाया है। धन्यवाद!
वैदिक ज्ञान का सरकार को अधिक से अधिक प्रसार करना चाहिए
बहुत शाश्वत ग्यान, भाई जो NASA नेभी नहीं जाना, जो आपने कथन किया।चेतनामय ईश्वर अनंत है।🗯️🗯️🗯️🗯️🗯️🙏
जी धन्यवाद
Yes you are right 💯💯💯
Om
ॐ सत्य सनातन प्रभु श्री हरि विष्णु भगवान ही जगत पिता जगदीश्वर है जो महा विष्णु हैं
महाविष्णु से ऊपर श्री कृष्ण है वही सर्वोच्च है
परमात्मा अजय अमर अविनाशी है वो आनंदमय सुखमय है।
Bahot uttam video
Jayshrinarayan narayanharihari
विश्व के समान सबसे पुरानी सनातन सभ्यता जिसने विश्व को सम्पूर्ण ज्ञान,धर्म, कला, संस्कृति का जिसने प्रसार किया।
Dhanya hai vo kumbhkar......Ishwar....
Achhi jankari
Anusandhan kender kholne hogen..
Gurukul kholane chahiye ye gyan anwali pidhiyonko samazana chahiye
ईश्वर सत्य है, वह निराकार है. सबमें और सब जगह मौजूद है. इसे ही सर्वव्यापी सत्ता कहते हैँ. अजर अमर और अविनाशी है. इसे राम ख़ो कृष्ण कहो या अल्लाह कहो. यही पूरे संसार का विस्तार है. सब इसमें रहते हैँ. परन्तु सभी लोग इसे जानते नहीं. लोग आकार की पूजा करते हैँ और कहते हैँ कि साकार की पूजा करते हैँ, जो कि एक धोखा है. साकार, आकार और निराकार है. निराकार सत्य है. धन्यवाद. आपने स्पष्ट किया है.
हमें बहुत प्रसन्नता है यह जानकर कि हम अपने जीवन में भगवान का वैज्ञानिक महत्व को भी समझ पा रहे हैं इतने आश्चर्यजनक बात है हमें सुनने को मिलती हैं हमारा हृदय प्रसन्न है
ओम् शांति.परमपिता त्रिमुर्ति शिव परमात्मा.
Ishwar nirankar bi he aur unka akaar bi he vo sab roop mein virajman he,
jai mata jwala rani
👁️🙏👁️🚩सत्य कहाहै शब्द धुंद हि निराकार शुन्य शूवामी ऐनरजी ही सब है 🚩🙏🌷🌷
आपका खूब खूब आभार प्रभु
जी धन्यवाद मुझे सहयोग करने के लिए
अद्वैत भाई आप जो यह ज्ञान दे रहे हैं वह अद्भुत है आप जो सनातन धर्म का ज्ञान देते हैं वह नित्य है आप ऐसे ही सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते रहिए full support है मेरा 🙏🙏
जी धन्यवाद
Sir vaidik vigyan seekhna hai kaise contact karen
Bhuat। अच्छा 👍👍👍👍👍👍👍👍👍
इसका अर्थ है कि श्री विष्णुहरि ही की हमे उपासना करनी चाहिए उन्के हील ध्यान मे रत रहना चाहिए कृप्या मार्गदर्शन करे आपको कोटि कोटि साधुवाद जय जय शिवहरि 🚩🚩🚩
आपका यह वीडियो देखने के बाद में मैं आपका दीवाना हो गया हूं
जी धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब 🙏💐 आपका समझाने का तरीका बहुत ही सुन्दर और सुलझा हुआ है। बहुत सी अनभिज्ञ बातें आपसे सीखने को मिली। 🙏❤️
Dhanyawad Aapko bhi 🙏👏
हमारे ऋषि मुनियों का अनुभव ही ज्ञान है और यही विशेष ज्ञान ही विज्ञान है ! यही सत्य था , है और रहेगा ! साइंस कभी विज्ञान नही है ! नहीं है ! जय हिन्द । जय हिंदू ।। जय हिंदी ।।। जय हिंदू संस्कृति ।।। जय हिंदुत्व !!!! जय श्री राम ।।।।
Ave science kaise vijnan nahi hai bhai
Yes, it's true science is not actually vigyan
This is absolute misunderstanding of language and vocab
शब्दों के जाल में हम भारतीय उलझ चुके हैं , जबकि हमारे वेद ही प्रमाण हैं कि लिखित कुछ भी नहीं परंतु ध्वन्यात्मक सब कुछ है ।
हम सभी बहुत दूर हो चुके हैं अपने ही अमूल्य धरोहर और संस्कृत और संस्कृति से ।
हो सके तो अब भी युवा भारत जागे और भारत बने ।
भारत = भा + रत
अर्थात प्रकाश की खोज में जीवन लगाए ।
और विशेष ज्ञान = विज्ञान
जो विलुप्त हो चुका है उसे प्राप्त करें ।
🙏🙏
@@RajeevKumar-es6ey
हम हमेशा परेशान रहते हैं ईश्वर को जानने के लिए,,, और हमें बहुत ही आनंद आता है आपकी बातों को सुनने में।
बहुत सुंदर प्रस्तुति,ऐसा ज्ञान बहुत गहरा है, इसे समझना होगा।।
आपको नमन करता हूँ. इस धरती पर निरंकारी मिशन एक ऐसी संस्था है. जहाँ पर निराकार ईश्वर के दर्शन कराये जाते हैँ. यहाँ दर्शन से अर्थ है कि ईश्वर की अनुभूति. जितने गुण आपने आपने इस वीडियो में बताये हैँ, इससे मिलान कर लीजिये. तब इस परम् सत्य को स्वीकार करिये. पुरातन काल में इस सूछ्म व विराट सत्ता को समझा व जाना था. पूरा ब्रम्हाण्ड ही ईश्वर का स्वरूप है. इसमें जो प्राकृतिक वस्तुयें नजर आती हैँ, वह एक दिन अवश्य नष्ट हो जायेंगी. प्रकृति में परिवर्तन है. ईश्वर निराकार में कोई परिवर्तन नहीं है. स्थिर है आदिकाल से और भविष्य में भी जैसा था, वैसा रहेगा. यही सब जीवों में मौजूद है. सर्वव्यापी सत्ता है. चेतन, अजर, अमर और अविनाशी है. आपने व्याख्या अच्छी की है. परन्तु आखिर में सब गड़बड़ कर दिया है. मेरा फोन न.9839285890 है. आप कभी भी वार्ता कर सकते हैँ. धन्यवाद, शुभरात्रि. मैं आपके फोन का इंतज़ार करुँगा. शुभरात्रि.
श्रद्धावान लभते ज्ञानम, जों जितनी प्रीति ब्रह्माण्डीय चेतना को जानने में रखेगा, अपने मूल स्वरूप के तत्वज्ञान को पाने में रखेगा, आश्चर्य से युक्त इस दुनिया एवं इसके कारीगर की तलाश जैसे रोमांचकारी विषय में रखेगा, जों चित्रों में ध्यानस्थ बैठे, चाहे पर्वत, भयानक ठडक या ताप में बिना खाये पिए प्रभु को देखकर आश्चर्य करेगा, कि ज़ब ये ऐसे रह सकते है तों हम क्यों नही, कुछ तों विशेष है, कोई तों रचनाकार है, कलाकार है, जों सबको बना बिगाड़ कर भी सामान्य है, वैज्ञानिक आधार पर रचनात्मक आधार पर या आध्यात्मिक वैदिक सनातन ग्यान के आधार पर, वही प्राप्त कर सकता है अपने आपको 🎉🙏🌹
अहं ब्रह्मासि 🙏🌹
हे अद्वैत, मेरा समर्पण स्वीकार करें 🙏
जी धन्यवाद
हे अद्वैत भाई आपके द्वारा दी गई जानकारी मिलते ही मन की तलाश को शान्ति मिली लाख लाख धन्यवाद ❤
@@leelasoni7276 आपको भी धन्यवाद
Good knowledge about god😊
आप का ज्ञान ईश्वरीय है इस विडियो में बार बार एक ही बात को दुहरा रहे है
जय श्री राम
❤ right................🙏
बेहतरीन वीडियो है, बहुत अच्छा ज्ञान प्राप्त है आपको ,कोटि कोटि नमन👌👌👏👏
Adbhut vedonka adhyatma shastra samazane ke liye koti koti naman apko
Dhanyavaad Aapko bhi
❤ ईश्वर की सुकृति महान हैं इससुंदर सृष्टी को सृष्टा के पुर्ण गुण धर्म कर्म और क्रिया कारण में यथावत देखना और समझना ही ईश्वर का शुद्ध चैतन्य स्वरूप सच्चिदानंद कहते हैं वंदेमातृम वंदेपितृम जय भारत जय सत्य सनातन शैविश्व धर्म दर्शन गुरू वचन महान ।
❤ हरहरमहादेव मालिक आप त्रिगुण स्वामीभक्तानंद तेरीकृपामहान।
बहुत सारी रोचक जाणकारी काश इस प्राचीन ज्ञान विज्ञान तंत्रज्ञान से हमारी भारत भूमी से कोई आकाशी बिजली को काबू करके जनता की भलाई के लिये काम मे ला सकता मेघ को काबू करके चाहे जहा बरसात करा सकता
'Sat-Chitt-Aanand-Ghan : OmAham'
'Sitaram-Rajaram : OmAham'
'Advitiya-Advait : Dhanya-Dhanya'
'Advait-Advitiya : Satya-Sanatan'
Advait-Adbhut-Advitiya ko Naman.
Virat-Brahmand-Anubhuti ka Anand.
Hr Hr Mhadev. हरि 🕉 Shanti.
Jai sachchidanand
बहुत अच्छा ज्ञान, सभी बुद्धजीवियों को आसानी से समझने और समझाने के लिए यक अच्छा प्रयास। धनयवाद।
❤🎉
जी धन्यवाद
जिस प्रकार मनुष्य की सुनने की दो सीमाएं होती हैं,उसके बीच का ही सुना जा सकता है उसी प्रकार देखने की भी सीमाएं है ....
ईश्वर को सुन सकने और देख सकने की काबिलियत प्राप्त कर किसी न किसी रूप में सुना और देखा भी जा सकता है...
🚩राधे राधे🚩
बहुत अच्छे तरीके से समझाया और यही सत्य भी है आपको बहुत बहुत धन्यवाद
Sahi bol rahe ho Bhai main dhyan karungi bhagvan ji ka❤🙏
जय श्री कृष्ण
Brahmanwad / manusmriti ko samjhane k liye sukria.
बहुत गहन विषय और अध्ययन है,,,अब हमलोग इसे किस तरह से समझ सकते है,,ये प्रकृति की ही देन है
नमस्कार जी🙏
Thank you to give for the best universe known
कोटि कोटि प्रणाम भईया इतना अनंत ज्ञान देने के लिए
अति उत्तम जानकारी दी गयी है धन्यवाद
Very nice👍👍
Dhanyawad video banane ke liye
Aap swym Narayan hi to bol rhe hai.🎉🙏🌹
Jai Shri Hari🙏🌹
🙏ॐ नमो नारयणः🙏
🇳🇵🔔🐚🕯️🕯️🕯️🐚🔔🇳🇵
🌹🌷🌼🌼🌼🌼🌼🌷🥀
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Great knowledge bhi
शुरू शुरू मै सासों पर ध्यान कंदरित करने से व्यक्ति ध्यान मै उतराता है🚩
ईश्वर एक ऊर्जा का आवाज है
इंसान के आवाज का जड़ है
धन्यवाद
❤।।ॐ।। जय माता दी जय बाला जी।।ॐ।।❤ बहुत ही सुन्दर जानकारी दी गई है। ९९,९९/० लोग अवोध है। केवल उनको पारिवारिक व सामाजिक परिवेश में पशुओं की तरह जीवनशैली जीने की ही शिक्षा मिलती है। इतनी मार्मिक तत्वज्ञानी बातें उनकी समझ में नहीं आयेंगी । भैंस के आगे बीन बजाओ ।भैंस खड़ी पगुराय ।
This is enlightening knowledge. Thank you so much for sharing, gratitude ❤❤❤
ईश्वर ही एक मात्र परम स्वतंत्रता है , वह किसी भी जीवात्मा के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करता है ।
🙏🙏🙏
Sir aap jo narayan ki bat kar rhe vo Akshardham ke Rahane wale he or sab ke niyata he sada sakar Swaroop he o parabrahma parmatma swaminarayan bhagwan he
Bhai mast video
Pranaam Advait Ji🙏🙏💐💐 Adbhut hai aapka varnan .
Har har mahadev
बहोत ही ज्ञानपूर्ण व्हिडिओ बनाया है आपने.इसके हर शब्द से ज्ञान झलक रहा है. जीवन जिते समय इस तरहा के ज्ञान की बहोत ही आवश्यकता है.बाकी संसार की चीजे जिन्हें हम आत्यावश्यक मानते है जीवन के लिये, असलं मे वो सिर्फ शरीर के लिये ठीक है कुछ कुछ.असल मे येसा ज्ञान ही जीवन के लिये आवश्यक है!!!ऐसे ज्ञान के बिना आजकल के लोग जो ईश्वर के बारे मे गलत सोच राखते है और आढे तेढे सवाल पूछकर खुद को विद्वान समजते है ,ऐसे लोगोने पह ले इस ज्ञान का गहन अभ्यास करना चाहिये.उनके लिये आपका यह व्हिडिओ उनकी गलत सोच को जरूर गलत साबीत करता है! और ती सबके लिये मार्गदर्शक है.आपका बहोत बहोत धन्यवाद.
जी धन्यवाद
Bahutt jayan beshak cats thanku
Very well said, well explained, so nice of you, dhanyavaad. From Sanjay
Ji dhanyavaad
अद्वेत जी
धन्य हो गया जिवन।
अत्यंत क्लिष्ट विषयपर आपका चिंतन एवम् स्पष्टीकरण बहुत सुंदर रहा।
मॆं बस शांतिसे सुनकर ही अत्यंत आनंद की प्राप्ती कर रहा हू।
बहुत आभार।
🎉
जय श्री श्याम
SO well explained
Great Knowledge , You are God Blessed
Khub sundor mahiti he lekin eswar kabhi nirakar nahihe sada sakar Swaroop he 😊
You are right🙏🙏🙏 sir your information about God is absolutely right🙏🙏
Jai shree Ram 🙏🙏🙏
Apko bat 100%sahi hai....dhanyabad....
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मौक्ष पाने के संबंध में अच्छा एवम अदभुद ज्ञान आपने जन मानस में पेस किया ।धन्यवाद
Apka bat usiko samajme ayega jo hamesa sat or dharm ka gayn ki janna chahta hai ....bahut dhannya bad.....apse humko bahut gayn mila
Good knowledge ❤❤❤❤❤❤❤❤
Aapake samajhaane ka tarika saral hai. Vaidik vigyaan ko jaanane, jagaane ki jarurat hai.
Aap jaise purush hi aisa nek kaam kar sakata hai.
Har har mahadev
Ji dhanyavaad bilkul humara lakshy hi yahi hai
नित्य नवीन वैज्ञानिक चिर पुरातन जय जय शाश्वत सत्य धर्म सनातन
Sarthak vivechan evam gambheer sandesh...
Pran tattva
... Swami Vishnu Tirth
Narayan kuti Sanyas Aashram , Devas , M. P.
Yeh hai sabse bade Bhagwan ka swarup. Dhanyawad
Aap 100% Sach bol rahe hain
UR just excellent source.
Come on the everyday.
प्रणाम गुरुजी आप बहुत अच्छे तरहसें हमें ये जानकारी बतातें हैं और इससे पता चलताहैं कि आपके अभ्यास का स्थर कितना महान हैं आप जो भी जानकारी हमें देते हैं वह सभी उदाहरण के साथ बतातें हैं आप सचमें बहुत ही महान तत्वज्ञानी हैं
Great information best of luck for other videos ❤
Thank you so much for sharing this knowledge, most of us don't know it. This is enlightening.
Radhe Radhe 🙏🙏🙏
Sanatan darm aur anth bhrammanda ka sunder katha varnan ki ya hai danyhavad 🙏 narayanaya namaha 🙏🙏🙏
Very clear interpretation of science of Vedas
मेरी चेतना कहती है की आप खुद भगवान का अवतार हो हमारी चेतना को
पॉजिटिव चेतना बनाने की कोशिश कर रहे हो
जय हो
जय गौरी शंकर सीता राम पार्वती शिव सीता राम
🙏
योग वशिष्ठ में कहा गया कि वह चिदअणु यानि परमात्मा इतना सूक्ष्म है कि बाल के टुकड़े का करोड़वा हिस्सा भी उस चिदअणु के सामने सुमेरु पर्वत जैसा है ।
हमारे शास्त्रों में कहा गया है सुमेरु पर्वत का विस्तार तीनों लोकों तक फैला हुआ है ।
एक और रहस्यमयी किताब the book of mirdad में लेखक कहता है कि प्रकृति भी सीमित है लेकिन फिर भी उसकी सीमाये अनंतता को छूती है ।
वैदिक विज्ञान पर आपके कथन इन सबसे मेल खाते है ।
आपने जो शुरुआत में वैरागी की बात की वो अध्यात्म की precondition है ।
आपको सुनने व like करने वाले अंतरतम से वैरागी ही है ।
प्रणाम
🙏🙏🙏
🍁🙏🏻 प्रणाम 🙏🏻🍁
Ji dhanyavaad प्रणाम आपको
UR just Right ✅️
It's fine to feel to
Every Excellent having An opportunity.
आप बहुत ग्रेट है, बहुत बहुत धन्यवाद आपका
बहुत ही अच्छी वीडियो है
हरी ॐ तत्सत।।
Dhanyawad sr. ..
Bahut acha laga.mahasus karna ,janana par dekh nahi sakte eshwar ko.haa ye saty hai.
Wah adbhut
Extremely qualified and educating approach that tends to enlighten the people caught up in the darkness.