मानव रोग (human diseases)| manav rog important questions | diseases related mcq | Biology sciencesk

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  • เผยแพร่เมื่อ 23 ก.ย. 2024
  • जीव विज्ञान तथा संक्रामक रोगों का नियन्त्रण
    (BIOLOGY AND CONTROL OF INFECTIOUS DISEASES)
    जीव विज्ञान में हुई प्रगति से अनेक संक्रामक रोगों के नियन्त्रण व संचरण को रोकने में सफलता मिली है।
    1. परजीवी विज्ञान (Parasitology) : इसके अन्तर्गत वैज्ञानिक रोग उत्पन्न करने वाले विभिन्न परजीवी जीवों तथा उनसे उत्पन्न रोगों की जानकारी देते हैं। लुईस पाश्चर ने संक्रामक रोगों का जम सिद्धान्त प्रस्तुत करके परजीवी विज्ञान की नींव डाली। अब जीवाणुओं द्वारा होने वाले अधिकांश रोगों की जानकारी हो चुकी है। सन् 1890 में तम्बाकू के मौजेक रोग पर कार्य करते हुए इवानोवस्की ने वाइरस या विषाणु की खोज की। इसके बाद विषाणुओं द्वारा होने वाले अनेक रोगों की खोज हुई।
    2. महामारी विज्ञान (Epidemiology) : इसके अन्तर्गत विभिन्न संक्रामक रोगों के फैलने के स्वभाव का अध्ययन करते हैं। जॉन स्नो (John Snow, 1813-58) को महामारी विज्ञान का जनक कहते हैं एशियाटिक हैजे का अध्ययन करते समय उन्होंने देखा कि प्रदूषित जल में एक प्रकार के जीवाणु से यह रोग होता है। इसी प्रकार रोनाल्ड रॉज (Ronald Ross) ने पता लगाया कि मलेरिया रोग मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है।
    3. प्रतिरक्षा विज्ञान (Immunology) : इसके द्वारा जीवाणुओं एवं विषाणुओं द्वारा फैलने वाले रोगों से प्रतिरक्षा सम्बन्धी ज्ञान मिलताहै। सर्वप्रथम एडवर्ड जेनर ने चेचक का वैक्सीन तैयार किया था। और प्रतिरक्षीकरण क्रिया द्वारा चेचक जैसे जानलेवा रोग का उन्मूलन सम्भव हो सका लुईस पाश्चर ने एन्थैक्स व रेबीज के वैक्सीन विकसित किए। अब वैक्सीन के उपयोग से पोलियो, डिफ्थीरिया, न्यूमोनिया और टिटेनस जैसे जानलेवा रोगों से बचाव सम्भव हो सका है।
    जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) के क्षेत्र में प्रगति से अनेक सुरक्षित वैक्सीन बनाना सम्भव हो सका है।

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