Jainism nastik nhi h bhagwan mein manta h lekin yeh nhi manta ki is duniya ko kisi banaya h koi iska karta dharta h or ya koi ise destroy karega apne karmo ka vinash karke moksha ja sakta h bhagwan ban sakta h
Rishabhdev sansthapak nhi h mahaveer swami ne toh Vedas ka oppose kiya or ahimsa ko integrate kiya tha inhone ne hi jiyo or jine do ka slogan diya h Varna mahaveer swami se pehle bhi jainism bahut famous tha
i respect all religions maine sirf exams ke liye likhi books ko padha hai aur previous exams me jo questions punchhe gaye aur unke jo answer sahi mane gaye unke hisab se hi class ko banaya hai (agar koi galti hui hai to usko jarur sahi kiya jayega)
सर मेरा कहने का उद्देश एह है की कोइ भी हो उसको सही तरीके से मालुम हो।नही तो अर्थ का अनर्थ हो जाएगा।परीक्षा लेने के लिए मत पढाईए बल्की जिवन जिने के लिए पढाईए।
जैनदर्शन में अजीव उसे कहते है जिसमे जीव नही है शब्द से ही अर्थ निकलता है तो जो आपने बताया की जीव और अजीव दोनो में आत्मा मानता है ऐसा नही है जैनदर्शन के अनुसार जीव ही जीव है और अजीव अर्थात् जिसमें जीव नही है।
अनेकांत का मतलब वस्तू मे अनेक धर्म रहते है।स्याद्वाद का मतलब उसे कहने की शैली।सर जब सभी तिर्थकर दिक्षा लेते है तब सभी वस्त्र त्याग देते है।न की हवा से उडते है।जैन दर्शन समझने मे बहूत सारे जन गलत धारणा कर रहे है।
महावीर भगवान के विषय में आपने बताया उनका विवाह होना पुत्री होना ये सब श्वेताम्बर जैन मानते है और दिगंबर जैन के अनुसार महावीर भगवान का विवाह ही नहीं हुआ था वे बाल ब्रह्मचारी थे ऐसा पूरा बताना चाहिए।
आपने बताया पार्श्वनाथ ने 4 ही महाव्रत बताए और महावीर ने एक और जोड़ा ब्रह्मचर्य ऐसा भी नही है। प्रथम तीर्थंकर से अंतिम तीर्थंकर महावीर तक एक जैसा ही उपदेश आया है। तीर्थंकर आदिनाथ ने भी जब मुनि दीक्षा ली थी तो पूरे पांच महाव्रत का पालन किया था और उस समय से ही सभी दिगंबर मुनिराज पंच महाव्रत का पालन करते थे। बहुत सारी बातें गलत बताई जा रही है आपकी वीडियो में। कृपया किसी प्रसिद्ध जैन विद्वान से मिले शास्त्र प्रमाण देखें। उसके बाद ही विवेचन करें। इसप्रकार गलत विवेचन न करें
सर आस्तीक का मतलब ईश्वर को जो मानता है।जैन मतलब जो जिन को मानता है।जिन मतलब जो पाॅचो ईंन्द्रीय और कर्म को जिसने जित लिया।तो जैन आस्तिक हो गये की नही आप विचार किजीए।जैन धर्म न तो ऋषभदेव संस्थापक है न तो महावीर भगवान है।ये धर्म अनादीनिधन है।ऋषभदेव जैन धर्म के संस्थापक नही पंरतू प्रवर्तक है।
aapki baat sahi hai lekin is class ko sirf exam ke hisab se banaya hai exams me jaise questions aate hai usi hisab se bataya gaya hai jaise- 1-jain aur baudh dharm ko nastik mana jata hai (exam me yahi sahi option hota hai) 2- jain dharm ke sansthapak exam me punchha jata hai aur isiliye maine bataya hai (is class ka purpose kewal exams hai) thanks for your comment
Guru ji aapke jasa guru nahi milega dhanya h bhart bhumi jha janm paya hm thank you sir live long sir
Well explained topic. Thankyou so much sir.
Sir abhi tk maine teachervko dekha tha aapke class krne ke hme jivan ka sbse mulwan gru ke rup me aap mil gye sir❤❤❤❤❤❤
Veri nice class sir ji thank you so much
Thode samay me Adhik gyaan aapne
Dhanywad Guru ji
Gagar me sagar bhar diya, Guru..
Sir aap padhayi mughe bhut acchi lgi 🙏
👍👍👍
Very helpful class thanks a lot 🙏🏻
Superb classes 😊💞💞😊😊💞
Thanku sir🙏
बहुत अच्छा सर जी धन्यवाद।
बहुत अच्छा
Aap ke padhane ka andaj bahut achha hai
TQ so much sir 🙏😍
Very knowledgeable class
Thank you sir
welcome
वाह!सर.... बहुत लाभदायक वीडियो है...... jitni प्रशंसा ki जाये कम होंगी
Ty sir 🙏🙏🙏🙏❤️
धन्यवाद सर
Thank you so much sir 🙏 👍 👍 👍
🙏🌹
Thanks sir 🙏
Ty sir
Sir bahut achchha padhate ho
Very knowledgeable class sir thanks very much
Thank you sir For important session
🙏
Jay hind sir ji 🇮🇳🇮🇳✍️
I like ur attitude sir.... 🙏🏽
Sir, महावीर स्वामी की माता का नाम त्रिशला था ,यशोदा इनकी पत्नी हैं
Yes dear
Right sister
श्वेताम्बर जैन के अनुसार दिगम्बर जैन के अनुसार महावीर भगवान का विवाह ही नहीं हुआ था उनके कोई पुत्री नही थी।
Very nice lecture sir 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Thanks and welcome
bahut acha pdhate h sir aap hr topic bahut ache se samjh aata h 🙏🏼🙏🏼darshan ke or video lecture aayenge kya sir ?
Very nice supper sir
🙏🙏🌹🌹🙏🙏
चौबीसों तीर्थंकर दिगम्बर हो कर दीक्षित हुये।
Nice sir.. crystal clear explanation..
जी
Best Sir
Very nice
Nice helpful
Mahavir sowami ki mata Ka name trishla tha patni yashoda thi bhai nandivarman or pita sidharth tha putri priydarsi or damad jamali the '''"
Pathane Ka andaj achha hai Sir
🙏🙏🙏
Sir चार्वाक दर्शन में भी वीडियो अपलोड कीजिए ,,,,🙏
sir ap bhot accha padhate hain please sir economy and polity k lye marathon video bana dijiye sir apki bhot kripa hogi
😮😮😮😮😮😮
Super class sir ji ❤️
चार्वाक दर्शन पर कब वीडियो अपलोड कर रहे हो सर🙏
Very Very very good lecture
Perfect sir👍👍
Very nice video, sir ji.
Thanks and welcome
Thanks and welcome
Thanks sir
Thnku so much sir
Jainism nastik nhi h bhagwan mein manta h lekin yeh nhi manta ki is duniya ko kisi banaya h koi iska karta dharta h or ya koi ise destroy karega apne karmo ka vinash karke moksha ja sakta h bhagwan ban sakta h
Nice
Sach me gagar me sagar class
thank you, please support
@@studywithkrishna
Sir यशोदा पत्नी है माता नही
@@ManojYadav-nt4bb Yashodra Mahatma Buddha ki patni thii..
Rishabhdev sansthapak nhi h mahaveer swami ne toh Vedas ka oppose kiya or ahimsa ko integrate kiya tha inhone ne hi jiyo or jine do ka slogan diya h Varna mahaveer swami se pehle bhi jainism bahut famous tha
Sir ji shayad aap bhul gaye unki mata ka name trishla tha unki wife ka name yashoda tha
Very useful video 👌
Glad you liked it
पार्श्वनाथ का प्रतीक शंख था ना कि सर्प ! कृपया बताएं ?
63 shalaka kya hai? Could anyone help me with this? Thanks
Sir ancient history ka video bnaeye
kya vedo me karmvad, atma, punarjanam, Ahimsa, Jiv ki charcha nahi milati ?
Sir Jain darshan me (syadvad ki alochna) ke uper bhi ek video bana dijiye
सर सभी तिर्थकरो का उपदेश बराबर होता है।न किसीका उपदेश कम होताहै न ज्यादा।आपने कहा से पढा क्या मालूम?उसका संदर्भ दिजीए।
i respect all religions
maine sirf exams ke liye likhi books ko padha hai
aur previous exams me jo questions punchhe gaye aur unke jo answer sahi mane gaye unke hisab se hi class ko banaya hai
(agar koi galti hui hai to usko jarur sahi kiya jayega)
सर मेरा कहने का उद्देश एह है की कोइ भी हो उसको सही तरीके से मालुम हो।नही तो अर्थ का अनर्थ हो जाएगा।परीक्षा लेने के लिए मत पढाईए बल्की जिवन जिने के लिए पढाईए।
Sir भारत भूगोल में झील पर वीडियो बनाइये।
Sir side ho jaye screen shot lena hai
जैनदर्शन में अजीव उसे कहते है जिसमे जीव नही है शब्द से ही अर्थ निकलता है तो जो आपने बताया की जीव और अजीव दोनो में आत्मा मानता है ऐसा नही है जैनदर्शन के अनुसार जीव ही जीव है और अजीव अर्थात् जिसमें जीव नही है।
सर एशिया महाद्वीप नहीं मिल रहा है।
अनेकांत का मतलब वस्तू मे अनेक धर्म रहते है।स्याद्वाद का मतलब उसे कहने की शैली।सर जब सभी तिर्थकर दिक्षा लेते है तब सभी वस्त्र त्याग देते है।न की हवा से उडते है।जैन दर्शन समझने मे बहूत सारे जन गलत धारणा कर रहे है।
जन्म स्थान राज्य का नाम सर?
महावीर भगवान के विषय में आपने बताया उनका विवाह होना पुत्री होना ये सब श्वेताम्बर जैन मानते है और दिगंबर जैन के अनुसार महावीर भगवान का विवाह ही नहीं हुआ था वे बाल ब्रह्मचारी थे
ऐसा पूरा बताना चाहिए।
Bodha darsan bhi bataiye sir
Another good lecture
thanks for support
पंच महाव्रत का भी इसमें सही से विश्लेषण नही है।
भूल सुधार करें यादव जी अजीव में जीव नही होता पर संसार में जीव अजीव के संयोग के बगैर नही रह सकता।
पत्नी यशोदा है
sir त्रिशला माता है।।
Aur video banaye sir
आपने बताया पार्श्वनाथ ने 4 ही महाव्रत बताए और महावीर ने एक और जोड़ा ब्रह्मचर्य ऐसा भी नही है। प्रथम तीर्थंकर से अंतिम तीर्थंकर महावीर तक एक जैसा ही उपदेश आया है। तीर्थंकर आदिनाथ ने भी जब मुनि दीक्षा ली थी तो पूरे पांच महाव्रत का पालन किया था और उस समय से ही सभी दिगंबर मुनिराज पंच महाव्रत का पालन करते थे।
बहुत सारी बातें गलत बताई जा रही है आपकी वीडियो में। कृपया किसी प्रसिद्ध जैन विद्वान से मिले शास्त्र प्रमाण देखें। उसके बाद ही विवेचन करें।
इसप्रकार गलत विवेचन न करें
Chapter 2
Prehistoric ka video
सर आस्तीक का मतलब ईश्वर को जो मानता है।जैन मतलब जो जिन को मानता है।जिन मतलब जो पाॅचो ईंन्द्रीय और कर्म को जिसने जित लिया।तो जैन आस्तिक हो गये की नही आप विचार किजीए।जैन धर्म न तो ऋषभदेव संस्थापक है न तो महावीर भगवान है।ये धर्म अनादीनिधन है।ऋषभदेव जैन धर्म के संस्थापक नही पंरतू प्रवर्तक है।
aapki baat sahi hai lekin
is class ko sirf exam ke hisab se banaya hai
exams me jaise questions aate hai usi hisab se bataya gaya hai
jaise-
1-jain aur baudh dharm ko nastik mana jata hai (exam me yahi sahi option hota hai)
2- jain dharm ke sansthapak exam me punchha jata hai aur isiliye maine bataya hai
(is class ka purpose kewal exams hai)
thanks for your comment
जैन धर्म अनादि कैसे हो गया,,???,,,
Thank you sir
Sir board par kabhi kabhi clear dikhae nhi deta h