Documentary Of Kabir Saheb | परमेश्वर का कलयुगी सफर | SA News
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 29 มิ.ย. 2024
- Documentary Of Kabir Saheb | परमेश्वर का कलयुगी सफर | SA News
00:00 Trailer
00:15 Chapter 1: Introduction to Kabir Saheb
10:33 Chapter 2: Early Life and Miracles
18:04 Chapter 3: Philosophical Teachings
20:20 Chapter 4: Lahar Tara Pond
26:50 Chapter 5: Neeru-Neema Tila
30:23 Chapter 6: Maghar
39:00 Chapter 7: Testimonials and Influences
41:21 Chapter 8: Kabir in Present
57:35 Chapter 9: Conclusion
Part : 2 | सनातनी पूजा के पतन की कहानी, विश्व होगा सनातनी | सम्पूर्ण सृष्टि रचना | Factful Debates
Link:- • Part : 2 | सनातनी पूजा...
This detailed documentary delves into the life, teachings, and legacy of Kabir Das (Kabir Saheb), a revered 15th-century Indian mystic poet and saint whose words continue to inspire millions around the world.
Key Points Covered:
Introduction to Kabir Das (Kabir Saheb)
Magnetic Appeal: Kabir Das (Kabir Saheb)'s couplets attract people from all walks of life, whether educated or uneducated, transcending caste and religious boundaries with their sweetness and familiarity. His words are described as the voice of the soul, drawing people worldwide to his teachings.
Powerful Teachings
Transformative Influence: Kabir Das (Kabir Saheb)'s words possess a unique power that captivates listeners and guides them towards a new direction in life. His couplets remain an integral part of daily life, inspiring people to walk the path of truth.
Miraculous Birth and Life
Mystical Birth: Kabir Das (Kabir Saheb) was found as a baby on a lotus flower in Lahar Tara pond by Neeru and Neema, a Muslim couple who raised him.
Early Life: Raised in a humble weaver’s family, Kabir’s upbringing in a diverse cultural environment influenced his inclusive and universal outlook on spirituality.
Spiritual and Philosophical Impact
Universal Teachings: Kabir Das (Kabir Saheb)'s teachings are included in the Sikh scripture Guru Granth Sahib and are revered by Hindus, Muslims, and Sikhs alike. He questioned the meaningless rituals of both religions and emphasised that the true God is with those who follow the path of righteousness and see all creatures as their own.
Independent Thought: Kabir Das (Kabir Saheb) was known for questioning the hollow rituals performed by followers of both Hinduism and Islam, advocating for a personal connection with the divine.
Eternal Legacy
Global Influence: Kabir Das (Kabir Saheb)'s wisdom continues to spread across the globe, inspiring spiritual seekers and scholars. His poetry is sung and cherished worldwide, embodying a light of knowledge that illuminates minds and hearts.
Reverence and Research
Contemporary Followers: Today, spiritual leaders like Sant Rampal Ji Maharaj continue to propagate the teachings of Kabir Das (Kabir Saheb), emphasizing his divine status and timeless wisdom.
Kabir Bijak: The scripture compiled from Kabir Saheb Ji's teachings is known as Kabir Bijak, containing his couplets, words, and hymns, describing the highest omnipotent Sachidanand Brahm in an unparalleled manner.
Historical and Cultural Sites
Lahar Tara Pond: The site of Kabir’s miraculous birth, now a place of pilgrimage and reverence.
Neeru-Neema Tila: The location where Kabir was raised, featuring a historical well and monuments dedicated to his memory.
Maghar: The place where Kabir departed from the world, marked by both a mausoleum and a temple, symbolizing the harmony between his Hindu and Muslim followers.
Testimonials and Influences
Global Admirers: Influencers and scholars from around the world, such as the renowned Pakistani Sufi singer Ghulam Fariduddin Ayaz Al-Husseini, speak about how Kabir Das (Kabir Saheb) forms the foundation of their spiritual lives.
Western Perspectives: American spiritual thinker and poet Richard Aikenberger discusses the global influence of Kabir Das (Kabir Saheb) and his universal appeal across different religions.
Conclusion
The documentary reveals the profound impact of Kabir Das (Kabir Saheb) on spirituality and humanity. His teachings continue to guide and inspire millions, transcending time and cultural boundaries. Kabir Das (Kabir Saheb) is revered not just as a poet and saint but as a divine messenger who brought the message of universal love, unity, and devotion to the world.
__________________________________________
For More Update Follow Us On Social Media
Facebook: / satlokashramnewschannel
Twitter : / satlokchannel
TH-cam : / satlokashram
Instagram : / sanewschannel
Official Site: jagatgururampalji.org
Website : sanews.in - บันเทิง
सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
Sat Saheb ji bandi chhod satguru rampal ji Bhagwan ki jai sat Saheb ji
विश्व में एकमात्र जगत उद्धारक संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिन्होंने अपने अनुयायियों को सदैव परमार्थी होने की शिक्षा दी हैं जिसके चलते वे सभी निस्वार्थ सेवा, देहदान, रक्तदान आदि करने से भी पीछे नहीं हटते। इसके अलावा दहेज़ लेन देन, शादियों में लोक दिखावा, चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार आदि जैसी बुराइयों से भी दूर रहते है।
Kabir is Supreme God 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🌲🌲🌱🌳🌿💐🪴🍂👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट हुए
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए, इसके प्रत्यक्ष दृष्टा ऋषि अष्टानन्द जी थे। वहाँ से नीरू नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को अपने घर ले आये।
संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं (जैसे रक्तदान, देहदान)
परमेश्वर
पूर्ण ब्रह्म (सतपुरुष) असंख्य ब्रह्मांडों का स्वामी (मालिक) है जो सत्यलोक आदि में हैं और ब्रह्म के इक्कीस ब्रह्मांडों और परब्रह्म के सात शंख ब्रह्मांडों का भी स्वामी है।
परमेश्वर कविर्देव कुल का मालिक है।
Sabka malik kabirsaheb hai🙏🙏🙏🙏🙏
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर भक्तों ने किया रक्तदान।
संत रामपाल जी महाराज अद्वितीय कल्याणकारी विचारधारा के सच्चे समाजसुधारक संत हैं।
❤कबीर, बेद मेरा भेद है, हम बेदन के माहीं।
, जौन बेद से मैं मिलूं, बेद जानते नाहीं।।
, भावार्थ:- परमेश्वर कबीर जी ने बताया है कि चारों वेद मेरी महिमा बता रहे हैं। वेदों में वर्णित भक्ति विधि अधूरी है। इसलिए इन चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) में वर्णित विधि से मैं नहीं मिल सकता। जिस सूक्ष्म वेद (सूक्ष्मज्ञान=तत्त्वज्ञान) में मेरे पाने की सम्पूर्ण विधि है, उसका ज्ञान चारों वेदों में नहीं है।❤❤❤❤❤
बर्थमान समय में सत गुरु रामपाल जी महाराज एक मात्र सतगुरु है। सत गुरु रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर सत भक्ति करनेसे मानव को बहुत सारी लाभ और सुख को प्राप्त करते हैं और मोक्ष तो निश्चित है।
सत साहेब जी ❤❤❤
Sahib bandagi Satta
काशी शहर की पवित्र भूमि पर ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार सुबह सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूर्ण परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से आकर लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए।
गरीब, काशी पुरी कस्त किया, उतरे अधर आधार।
मोमन कूं मुजरा हुवा, जंगल में दीदार।।
साचा शब्द कबीर का,सुन सुन लागे आग ।
अज्ञानी सौ जल जल मरै ,ज्ञानी जाय जाग ।।,
संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया है कि पूर्ण ब्रह्म कबीर जी ही हैं गुरू बड़े गोबिंद से मन में देख विचार हरि सुमरे सो रह गए गुरू भजे भए पार।।
True Satguru tatavdarshi Sant Rampal Ji Maharaj Ji
🌹 सत साहेब जी 🌹🙏🌹
कबीर परमेश्वर का कलयुग में प्रकट होना
ज्येष्ठ मांस की पूर्णमासी सन् 1398(विक्रम संवत 1455) को पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब काशी में शिशु रूप में प्रकट हुए।
साहेब होकर उतरे, बेटा काहू का नाहीं।
जो बेटा होकर उतरे, वो साहेब भी नाहीं।।
पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब सशरीर आये और अनेकों लीलाएं करके पुनः सशरीर सतलोक चले गए। क्योंकि पूर्ण परमात्मा कभी भी न जन्म लेता है और न उसकी मृत्यु होती है।
संत रामपाल जी महाराज तत्वज्ञान से दहेज मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
पूर्ण गुरु की पहचान यह भी होती है वह समाज में व्याप्त बुराइयों, कुरीतियों और पाखण्डवाद को अपने सच्चे ज्ञान से समाप्त करता है। आज के समय मे संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु है जो दहेज मुक्त, नशामुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
आश्रम के एक पुराने भगत जी जिन्होंने लड़के की चाहत में चार बच्चे पैदा कर लिए, कोई काम धंधा नही करते, घर में खर्चा मांगने पर अपने ही बच्चो को मां बहन की गंदी गालियां खुलेआम देते है, मारपीट करते है, दहेज की मांग करते है, धन के लालची भी है, बिजली चोरी की जलाते है, खाना आश्रम में खाते है, कोई कुछ कह दे तो मार काट के लिए तैयार है, क्या यही सिखाया जाता है आश्रम में
पांडेश्वर कबीर साहेब प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज जी के शनिदेव में विशालभंडारा जिसमें दहेज मुक्त विवाह रक्तदान शिव निशुल्क नाम दीक्षा आध्यात्मिक प्रदर्शनी आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज जी का खुला पाठ प्रकाश आदि
Selfless_Service
Followers Of Sant Rampal Ji
रक्तदान महादान संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर हज़ारों यूनिट रक्तदान किया ताकि जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो सके।
वेदों में प्रमाण है कि परमात्मा का नाम कविर्देव है वो पापों को नाश करने वाला है बंधनों से मुक्त करने वाला है साकार है मनुष्य दृश्य है सत्यधाम में रहता है राजा के समान दर्शनीय है और अच्छी आत्माओं को मिलता है।
सनातन धर्म ग्रंथ से वास्तविक प्रमाण देखिए
कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। - कबीर सागर, अध्याय "अगम निगम बोध"
कबीर परमात्मा ही जीवन रक्षक हैं। किसी भी प्रकार की जानलेवा बीमारी क्यों न हो। सतभक्ति से सभी रोग दूर होते हैं।
संत रामपाल जी महाराज कबीर भगवान की सतभक्ति देते हैं। उनकी शरण लीजिए।
True spiritual knowledge of sant Rampal ji maharaj
सनातन धर्म महान है
आदि सनातन धर्म के अनुसार हमें पूर्ण परमेश्वर कबीर देव की भक्ति करनी चाहिए जिससे हमारे सभी कार्य सिद्ध होंगे एवं प्राणी मोक्ष को प्राप्त होगा। श्रीमद् भागवत गीता के अध्याय 18 का शोक 62 में यही प्रमाण है कि उस परमेश्वर की शरण में जा जिससे परम मोक्ष तथा सदा ही सुख शांति को प्राप्त होगा।
आज पुणे गुरु संत रामपाल जी महाराज पृथ्वी पर वर्तमान मे नहीं आता
पता नही लागराह था सोई मे सत्पुरुष कोन है
आज आपने को सोई हली बुक का ज्ञान दिया सन्त रामपाल जी महाराज
आज मेरे भगवान सन्त रामपाल जी महाराज जी को चरणे मे कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
जब कबीर परमेश्वर को नीरू नीमा घर लेकर आये तो उन्हें देखकर कोई कह रहा था कि यह बालक तो कोई देवता का अवतार है। कोई कह रहा था यह तो साक्षात विष्णु जी ही आए लगते हैं। कोई कह रहा था यह भगवान शिव ही अपनी काशी को कृतार्थ करने को उत्पन्न हुए हैं।
Kabir is God anmol vachan
वेदों में प्रमाण है, कबीर साहेब भगवान है
कुरान में प्रमाण है, कबीर साहेब भगवान है
बाइबल में प्रमाण है, कबीर साहेब भगवान हैं
गुरु ग्रंथ साहेब में प्रमाण है, कबीर साहेब प्रमाण है।
पूर्ण संतों की वाणी में प्रमाण है, कबीर साहेब भगवान है।
संत रामपाल जी महाराज एकमात्र पूर्ण संत हैं वर्तमान में 🙏🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में कबीर परमात्मा के प्रकट दिवस के अवसर पर 22 जून 2024 को सुबह 9:15 बजे से देखिये विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Sant Rampal Ji Maharaj TH-cam Channel और साधना टीवी चैनल पर।
Spiritual Lider Sant Rampal Ji Maharaj ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।
कबीर परमेश्वर का जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ था, वे एकमात्र सर्वशक्तिमान व अविनाशी परमेश्वर हैं।
हमारे सभी पवित्र ग्रंथ स्पष्ट रूप से साबित करते हैं कि सर्वोच्च भगवान का नाम कबीर है जो इस ब्रह्मांड के निर्माता और सर्वशक्तिमान भगवान हैं ।
पूरे विश्व को हमारे सतगुरूदेव जी के शरण में आना होगा।क्योंकि जैसे सूर्य के आगे कोई अंधेरा नही टिकता है। वैसे ही परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के सत्य ज्ञान के आगे कोई भी नही ठहर सकता।
सत साहेब जी
Kabir Sahib Ji Is Complete God 👑💯 Nothing else 🙏🏻
Kabir is god ❤❤❤❤❤❤
कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर भक्तों ने किया रक्तदान।
संत रामपाल जी महाराज अद्वितीय कल्याणकारी विचारधारा के सच्चे समाजसुधारक संत हैं। 🙏🙏🙏
🧭जाति ना पूछो संत की, पूछ लीजियो ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सर्व शास्त्रों से प्रमाणित तथा कबीर साहेब की शिक्षाओं पर आधारित है। उनके अनुयायी छुआछूत तथा किसी प्रकार का जातिवाद नहीं करते हैं, मर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं तथा प्रेम भाव से रहते हैं
बहुत ही अदभुत ज्ञान प्रदर्शित किया गया है इस प्रदर्शनी से सच में सन्तरामपाल जी महाराज जी का ज्ञान अनमोल उपहार है।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सानिध्य में कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर हुये विशेष समागम
कबीर काया तेरी है नहीं, माया कहां से हो। चरण कमल में ध्यान रख, इन दोनों को खो।।
गरीब, दुनी कहै योह देव है, देव कहत हैं ईश।
ईश कहै परब्रह्म है, पूरण बीसवे बीस।।
संत गरीबदास जी कहते हैं कि शिशु रूप में कबीर परमेश्वर जी को देखकर काशी के लोग कह रहे थे कि यह तो कोई देवता का अवतार है। देवता कह रहे थे कि यह स्वयं ईश्वर है और ईश्वर कहते हैं कि स्वयं पूर्ण ब्रह्म पृथ्वी पर आए हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी एक ऐसे महान संत हैं जिनका यथार्थ तत्वज्ञान इतना प्रबल है कि इसके समक्ष अन्य संतों व ऋषियों का ज्ञान टिक नहीं पाएगा। जैसे तोप का गोला जहां भी गिरता है वहां पर मैदान साफ कर देता है।
Selfless_Service
Followers Of Sant Rampal Ji
कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सम्पन्न हुए रक्तदान शिविर, बने चर्चा का विषय।
वह परमात्मा सतलोक से चलकर आते हैं। जैसे यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में कहा है कि ‘अग्नेः तनुः असि = परमेश्वर सशरीर है। विष्णवे त्वा सोमस्य तनुः असि = उस अमर प्रभु का पालन पोषण करने के लिए अन्य शरीर है जो अतिथि रूप में कुछ दिन संसार में आता है। तत्त्व ज्ञान से अज्ञान निंद्रा में सोए प्रभु प्रेमियों को जगाता है। वही प्रमाण इस मंत्र में है कि कुछ समय के लिए पूर्ण परमात्मा रूप बदलकर सामान्य व्यक्ति जैसा रूप बनाकर पृथ्वी मण्डल पर प्रकट होता है।
बंदीछोड़ सत गुरु रामपाल ज़ी महाराज ही कबीर साहेब है
स्वामी रामानन्द जी ने पाँच वर्षीय बालक कबीर जी से प्रश्न किया। हे बालक! आपका क्या नाम है,कौन जाति है,भक्ति पंथ (मार्ग) कौन है? बालक कबीर जी ने भी आधीनता से उत्तर दिया :- जाति मेरी जगत्गुरु, परमेश्वर है पंथ। गरीबदास लिखित पढे, मेरा नाम निरंजन कंत।।
हे स्वामी सृष्टा मैं सृष्टि मेरे तीर। दास गरीब अधर बसूँ अविगत सत् कबीर।।
गोता मारूं स्वर्ग में जा पैठूं पाताल। गरीब दास ढूंढत फिरू हीरे माणिक लाल।।
गरीब शिव उतरे शिवपुरी से, अविगत बदन विनोद।
महके कमल खुशी भये, लिया ईश कूं गोद।
सात बार चर्चा करी, बोले बालक बैन।
शिव कूं कर मस्तक धरया, ला मोमन एक धैन।
गरीब अन ब्यावर कूं दूहत है, दूध दिया तत्काल।
पीवै बालक ब्रह्मगति, तहाँ शिव भये दयाल।।
Sat guru dev ki jai ho
हे परमपिता परमात्मा जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज मेरे मालिक कैसे दया करी मेरे मालिक मुझ निच आत्मा पर मेरे मालिक 😭😭😭😭 पता नहीं मैं तो कहां कहां भटक रही थी मेरे मालिक है बंदी छोड़ आपके ईस एहसान को आपकी बेटी आखरी सांस तक नहींभूलेगी मलिक 😭😭😭 हे परमात्मा जी अपने सीने से लगाए रखना मेरे मालिक 😭😭😭😭😭🙇🙏 कहीं मैं फिर ना भटक जाऊं मेरे मालिक आपके परोपकार को मेरे मालिक आपकी बेटी मरते दम तक नहीं भुलेगी मलिक 😭😭😭 बस परमात्मा जी दया बनाए रखना भक्ति के योग्य बनाए रखना मेरे पास तो शब्द भी नहीं है मेरे मालिक मैं क्या लिखूं आपकी तारीफ में मलिक 😭😭😭 मुझ पर कैसे दया करी मेरे मालिक ऐसी ही दया आपकी बेटी के परिवार पर भी करना मेरे मालिक 🙇🙏😭😭😭 इस दुनिया को कैसे समझाए हम मेरे मालिक की आप भगवान हो😭😭😭😭😭 जल्दी आ जाओ पिताजी 😭😭😭
आश्रम के एक पुराने भगत जी जिन्होंने लड़के की चाहत में चार बच्चे पैदा कर लिए, कोई काम धंधा नही करते, घर में खर्चा मांगने पर अपने ही बच्चो को मां बहन की गंदी गालियां खुलेआम देते है, मारपीट करते है, दहेज की मांग करते है, धन के लालची भी है, बिजली चोरी की जलाते है, खाना आश्रम में खाते है, कोई कुछ कह दे तो मार काट के लिए तैयार है, क्या यही सिखाया जाता है आश्रम में
.केवल परमात्मा ही अपनी जानकारी सही सही दे सकता है
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
Kabirgod ki jay ho❤🎉❤
रक्तदान महादान
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सानिध्य में कबीर साहेब जी के प्रकट दिवस पर हुये विशेष समागम में हज़ारों यूनिट रक्त दान हुआ।
सतलोक आश्रमों में दिखा आध्यात्मिक प्रदर्शनी का भव्य नजारा, जिसमें चारों वेद, गीता, 18 पुराण, कुरआन शरीफ, बाइबिल, श्री गुरुग्रंथ साहिब सहित अन्य सभी धर्मग्रंथ रखे गए थे। जिससे हजारों लोगों ने सद्ग्रंथों का सत्यज्ञान प्राप्त किया और सर्व बुराइयों को छोड़ सतभक्ति अपनाई।
कबीरा दर्शन साधु का मुख में बसे सुहाग दर्शन उसी को देते है जिनके पुराण भाग्य l
आज दुनिया जान गई की कबीर साहेब ही पूर्ण प्रभु है।
लोग परमात्मा को कवि समझे थे वो तो सबके मालिक निकले
सत ज्ञान चर्चा 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👋👋👋👋👋👋👋👋👋
संत रामपाल जी महाराज जी भक्त समाज को सतभक्ति मार्ग देकर मोक्ष की राह दिखा रहे हैं। समाज में फैली कुरीतियों दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करके एक सभ्य समाज की स्थापना कर रहे हैं।
धन धन सतगुरु सत कबीर भगत की पीर मिटाने वाले प्रणाम मालिक जय बंधी छोड़ की
Sant Rampa ji maharaj ki jay hoo🙏🙏🙏🙏
Ab to pramanit ho gaya hai ki purn Braham Parmatma Kabir Saheb Ji Hain.
परमपिता परमेश्वर जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी भगवान की जय हो 🙏
Real Satguru Sant Rampal Ji Maharaj Ji
सन् 1398 में परमेश्वर कबीर जी शिशु रूप में प्रकट हुए। नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले वो परमेश्वर को घर ले आये | शिशु रूपी कबीर जी का नामांकन करने आये काजी ने कुरान खोली तो पूरी कुरान में कबीर-कबीर शब्द लिखा मिला। तब शिशु रूप में कबीर परमेश्वर ने कहा कि मेरा नाम कबीर ही रहेगा। इस घटना को देखकर काजी डर कर चले गए और बच्चे का नाम कबीर रखा गया।
गरीब, काजी गये कुरान ले, धरि लरके का नाम।
अक्षर अक्षर मैं फुरया, धन कबीर बलि जांव।।
सकल कुरान कबीर हैं, हरफ लिखे जो लेख।
काशी के काजी कहैं, गई दीन की टेक।
जीव हमारी जाति है , मानव धर्म हमारा , हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा l
वेदों में प्रमाण कबीर साहेब भगवान है l
600 वर्ष पूर्व कबीर साहेब जी सतलोक से चलकर आते हैं। जिनका प्रमाण अपने सभी सद ग्रंथों दिया हुआ है।ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मन्त्र 9 है इसमें स्पष्ट है कि (सोम) अमर परमात्मा जब शिशु रूप में प्रकट होता है तो उसकी परवरिश की लीला कुंवारी गायों (अभि अध्न्या धेनुवः) द्वारा होती है।
बोलत रामानन्द जी सुन कबिर करतार। गरीबदास सब रूप में तुमही बोलनहार।।
दोहु ठोर है एक तू, भया एक से दोय। गरीबदास हम कारणें उतरे हो मग जोय।।
तुम साहेब तुम सन्त हो तुम सतगुरु तुम हंस। गरीबदास तुम रूप बिन और न दूजा अंस।।
तुम स्वामी मैं बाल बुद्धि भर्म कर्म किये नाश। गरीबदास निज ब्रह्म तुम, हमरै दृढ विश्वास।।
सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा
अथर्ववेद काण्ड नं. 4 अनुवाक नं. 1 मंत्र नं. 3:-
पूर्ण परमात्मा अपने द्वारा रची सृष्टि का ज्ञान तथा सर्व आत्माओं की उत्पत्ति का ज्ञान अपने निजी दास को स्वयं ही सही बताता है कि पूर्ण परमात्मा ने अपने मध्य अर्थात् अपने शरीर से अपनी शब्द शक्ति के द्वारा ब्रह्म की उत्पत्ति की तथा सर्व ब्रह्माण्डों को ऊपर सतलोक, अलख लोक, अगम लोक, अनामी लोक आदि तथा नीचे परब्रह्म के सात संख ब्रह्माण्ड तथा ब्रह्म के 21 ब्रह्माण्डों को अपनी धारण करने वाली आकर्षण शक्ति से ठहराया हुआ है।
वह परमात्मा कबीर साहेब जी ही हैं।
- संत रामपाल जी महाराज
🙇Koti koti pranam guruji 🙇
Satpurush kabir saheb ki jai ho, bandi chhor satguru Rampal ji maharaj ki jai ho
सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा
आदरणीय गरीबदास साहेब जी की अमृतवाणी में सृष्टि रचना का प्रमाण
आदि रमैणी (सद् ग्रन्थ पृष्ठ नं. 690 से 692 तक)
आदरणीय गरीबदास साहेब जी कह रहे हैं कि यहाँ पहले केवल अंधकार था तथा पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी सत्यलोक में तख्त (सिंहासन) पर विराजमान थे। हम वहाँ चाकर थे। परमात्मा ने ज्योति निरंजन को उत्पन्न किया। फिर उसके तप के प्रतिफल में इक्कीस ब्रह्माण्ड प्रदान किए। फिर माया (प्रकृति) की उत्पत्ति की।
कबीर जी का कलयुगी सफर जिन्होंने ऐसी वानिया बोली है जो सबके दिलो को छू जाती है इस कलयुग में संत रामपाल जी महाराज ही है जो संत कबीर जी की सच्ची भक्ति बताते है 😊
कबीर वह नाम है। जिसे गीता ज्ञान दाता गीता मे कहता है। मेरे स्तर की समस्त पूजा छोड कर परम पिता परमेश्वर सच्चिदानंद घन की शरण मे चले जाओ तब मै तुम्हे समस्त पापो से मुक्त कर दूगा।
पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब सशरीर आये और अनेकों लीलाएं करके पुनः सशरीर सतलोक चले गए। क्योंकि पूर्ण परमात्मा कभी भी न जन्म लेता है और न उसकी मृत्यु होती है।
Kabir is supreme God
Param kabir parmatma ke charan kamal mai koti koti dandhwat paranm ❤❤❤❤❤😍😍💖💖🌹🌹❤❤❤
वर्तमान समय में मगहर में कबीर परमेश्वर जी की याद में मुसलमानों ने मज़ार और हिंदुओं ने समाधि बनाई हुई है जिसमें मात्र सौ फीट की दूरी का अंतर है। समाधि के भवन की दीवारों पर परमेश्वर कबीर साहेब जी के दोहे उकेरे गए हैं।
आश्रम के एक पुराने भगत जी जिन्होंने लड़के की चाहत में चार बच्चे पैदा कर लिए, कोई काम धंधा नही करते, घर में खर्चा मांगने पर अपने ही बच्चो को मां बहन की गंदी गालियां खुलेआम देते है, मारपीट करते है, दहेज की मांग करते है, धन के लालची भी है, बिजली चोरी की जलाते है, खाना आश्रम में खाते है, कोई कुछ कह दे तो मार काट के लिए तैयार है, क्या यही सिखाया जाता है आश्रम में
परमात्मा की दया से आज दास को अमृत वाणी सुनने का अवसर मिला
कबीर परमात्मा जैसे कोई भगवान नहीं
और सतलोक जैसे कोई स्थान नहीं।
Rampalji maharaj ji kabir parmatma ka avtar hai is dharti par🙏🏻🙏🏻❤
KABIR Really is The Supreme God. No doubts left.
Sant Rampal ji Maharaj right way of worship giving the whole world 🌎🌎
पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब हि पूर्ण परमात्मा भगवान है जो सतलोक(सत्य लोक) में रहता है जहां जड़ा जन्म मृत्यु नहीं है जहां सुख ही सुख है।
Jai bandichhod ki🙏🙇♂️
कबीर परमेश्वर ईश्वर ब्रह्मांड के रचनाकार हैं जो इस वक्त वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज के रूप में आए हुए हैं वहीं पूरे विश्व के तारण हारा हैं सारे जगत के उदाहरण
कबीर हि पुर्ण प्रमात्मा है❤❤❤❤❤
⚡️कबीर परमेश्वर का कलयुग में प्रकट होना
ज्येष्ठ मांस की पूर्णमासी सन् 1398(विक्रम संवत 1455) को पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब काशी में शिशु रूप में प्रकट हुए।
साहेब होकर उतरे, बेटा काहू का नाहीं।
जो बेटा होकर उतरे, वो साहेब भी नाहीं।।
पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब सशरीर आये और अनेकों लीलाएं करके पुनः सशरीर सतलोक चले गए। क्योंकि पूर्ण परमात्मा कभी भी न जन्म लेता है और न उसकी मृत्यु होती है।
आश्रम के एक पुराने भगत जी जिन्होंने लड़के की चाहत में चार बच्चे पैदा कर लिए, कोई काम धंधा नही करते, घर में खर्चा मांगने पर अपने ही बच्चो को मां बहन की गंदी गालियां खुलेआम देते है, मारपीट करते है, दहेज की मांग करते है, धन के लालची भी है, बिजली चोरी की जलाते है, खाना आश्रम में खाते है, कोई कुछ कह दे तो मार काट के लिए तैयार है, क्या यही सिखाया जाता है आश्रम में
पानी से पैदा नहीं, स्वांसा नहीं शरीर।
अन्न आहार करता नहीं, वाका नाम कबीर।।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।
कबीर, राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्हें भी गुरु कीन। तीन लोक के वें धनी, गुरु आगे आधीन।
Jis sa new walo ne pramatama ke mission me apna bhumulya sahyog Kiya jnta ko dikhane ke liye sant rampal ji bhgwan kidya se un bhaiyo k mai vyaktigt rup se dhanywaad krti hu
⚡️परमपिता परमेश्वर कभी भी माँ से जन्म नहीं लेते।
ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मंत्र 3
पूर्ण परमात्मा जब शिशु रूप धारण करके यहां आते हैं तब उनका जन्म किसी मां के द्वारा नहीं होता।
कबीर,सात द्वीप नौ खंड में गुरु से बड़ा न कोय।
कर्ता करे न कर सके गुरु करे सो होय।।
करे करावे साइयां,मन में लहर उठाए
दादू सर धर जीव के आप बगल हो जाए
पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। - ऋग्वेद
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 18
आश्रम के एक पुराने भगत जी जिन्होंने लड़के की चाहत में चार बच्चे पैदा कर लिए, कोई काम धंधा नही करते, घर में खर्चा मांगने पर अपने ही बच्चो को मां बहन की गंदी गालियां खुलेआम देते है, मारपीट करते है, दहेज की मांग करते है, धन के लालची भी है, बिजली चोरी की जलाते है, खाना आश्रम में खाते है, कोई कुछ कह दे तो मार काट के लिए तैयार है, क्या यही सिखाया जाता है आश्रम में
पूर्ण ब्रह्म कबीर साहब मुक्ति का मार्ग पूरे विश्व को बताया लेकिन दुनिया ऐसी बावरी है उसे पूर्ण ब्रह्म कबीर साहब को भूलकर पत्थर पानी मंदिर को पूजने लगे संत संत रामपाल जी महाराज सच ज्ञान बांटने के लिए जन जन तक संदेश पहुंचाने का जब काम किया तो सारे संत महंत उनके विरोध में कार्य करने लगे फिर भी संत रामपाल जी महाराज अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल हो गए
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार।
जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे, फिर बहुरी न लागे डार ।।
वेदों में प्रमाण है कई से भगवान सत साहेब
Kabir sahib ji puran parmatma he...dass ka parmatma ji ke charno mai koti koti dandbat parnaam
कबीर परमात्मा माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते, ना ही उनकी कोई पत्नी थी। क्योंकि वे तो सबके उत्पत्तिकर्ता हैं। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
कबीर, "ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशीपुरी जल कमल पे डेरा तहां जुलाहे ने पाया।।
मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी।।"
कर साई की चाकरी, हरी नाम ना छोड़।
जाना है उस देश को , प्रीत पिया से जोड़ ।।
परमेश्वर कबीर साहेब जी संत गरीबदास जी को बताते हुए अपना परिचय दे रहे हैं कि मैं पूर्ण परमात्मा हूँ।
हम ही अलख अल्लाह है, कुतुब गोस और पीर।
गरीब दास खालिक धनी, हमारा नाम कबीर।।