साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी जी कबीर पंथ में कभी किसी धर्म या जाति से कोई मतलब नहीं है केवल मानव धर्म ही मानते हैं देश द्रोह वह है जो धर्म और जाति के नाम से बांटने की कोशिश करते हैं यहां किसी को कोई मानव विपरीत दिशा शिक्षा नही दी जाती है और किसी धर्म जाति की खंणडना भी नहीं करते हैं साहेब बंदगी साहेब जी
Saprem साहिब बंदगी साहिब Bandichhor Sadguru Saheb ji kiDaya Char Guru Bans 42 ki Daya Samast Nemi premi Hansjano ko Barambar koti koti Saprem Saheb bandagi 🌲🙏🌹🙏🌹🙏 Samjhane ke liye Bahut bahut Dhanyavad ❤❤❤❤
परमात्मा कुछ समय संसार में रहकर आम व्यक्ति की तरह जीवन जीकर अपना तत्वज्ञान प्रचार करता है , परमेश्वर बनारस (काशी) शहर में 120 वर्ष रहे।कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए फिर लीलावत् बड़े हुए 120 वर्ष संसार में अतिथि रूप में रहकर सशरीर सतलोक में {अमरलोक} चले गये, कबीर परमेश्वर।
आओ जानें भगवान को गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता ने कहा है, तम्, एव, शरणम्, गच्छ, सर्वभावेन, भारत, तत्प्रसादात्, पराम्, शान्तिम्, स्थानम्, प्राप्स्यसि, शाश्वतम्।।62।। अर्थात हे भारत! तू सब प्रकार से उस परमेश्वर की शरण में जा। उस परमात्मा की कृपा से ही तू परम शांति को तथा सनातन परम धाम यानि सत्यलोक को प्राप्त होगा।
राष्ट्र में सभी लोग एक समान हिंदू हैं क्योंकि सबके पूर्वज हिंदू थे मुस्लिम ईसाई घर वापसी करके पुनः हिंदू बने जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
सद गुरु कबीर जी के पवित्र चरणों को कोटि कोटि नमन वंदन प्रणाम बारम्बार अन्तिम सांस तक गुरु देव जी के चरणों को मैं अपने सर के ऊपर रखे मानता हूं। किन्तु परंतु यह है की किसको मानु किसको जपु किसका नाम और ध्यान करू। कृपा करके बतानें की कृपा करें
पूर्ण संत की पहचान शास्त्रों में पहली पहचान : पूर्ण संत की पहचान होती है कि वर्तमान के धर्म गुरु उसके विरोध में खड़े होकर राजा व प्रजा को गुमराह करके उसके ऊपर अत्याचार करवाते हैं। कबीर साहेब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि- जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै। या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।। कबीर साहेब जी अपने प्रिय शिष्य धर्मदास जी को इस वाणी में समझा रहे हैं कि जो मेरा संत सत भक्ति मार्ग को बताएगा उसके साथ सभी संत व महंत झगड़ा करेंगे। ये उसकी पहचान होगी। दूसरी पहचान : पूर्ण संत सभी धर्म ग्रंथों का पूर्ण जानकार होता है। प्रमाण सतगुरु गरीबदास जी की वाणी में - ”सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।“
नवरात्रि या गणेश चतुर्थी में प्रतिमा बैठाई जाती है तो पूजा के समय कुछ कबीरपंथी भी अज्ञानता वश उनकी पूजा में शामिल होते है जो बिलकुल गलत है हमे सिर्फ कबीर साहेब की पूजा करनी है किसी और की कदापि नहीं
कबीर पंथ में हम है हम इसमें नियम जानना चाहते है की सतनाम का जाप कैसे कब करें की हमें सफलता मिले इस सतनाम से हमारा कष्ट कैसे दूर होएगा कृपया हमको विस्तार से समझाए ताकि हर काम में सफलता मिले
rampaal ke bhakt dwara kabir panth ka niyam bata rahe hai chalo kam kam aap logo ke mukh se... saprem saheb bandagi saheb ... bole sunne me achcha laga
विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण संत हैं जिन्होंने सभी वेद, पुराणों, गीता, बाइबल, कुरान, गुरु वाणियों आदि सभी से सिद्ध कर दिया कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है और वो सतलोक में हैं, सशरीर हैं, और उनकी प्राप्ति के लिए 3 बार में नाम पूर्ण संत से प्राप्त करना चाहिए।
पूर्ण सतगुरु के लक्षण क्या हैं? हजारों फर्जी धर्मगुरुओं की भीड़ में कैसे पता चले कि सच्चा गुरु कौन है तथा पूर्ण सतगुरु के लक्षण क्या हैं? सतगुरु अपने सभी शिष्यों को समान रूप से देखते हैं। सतगुरु कभी भी अपने शिष्यों में भेदभाव नहीं करते। पूर्ण संत दान-दक्षिणा मांगने के लिए इधर-उधर नहीं भटकते। सतगुरु सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान (तत्वज्ञान) प्रदान करते हैं। सतगुरु वह होता है जो सभी धार्मिक ग्रंथों का पूर्ण ज्ञाता होता है। सतगुरू स्वयं भी सब वेदों के अनुसार भक्ति (पूजा) अर्थात् शास्त्रविधि अनुसार साधना करते और कराते हैं।
मुक्ति केवल सदगुरु कबीर साहेब द्वारा अशीर्वादित व अधिकारित धर्मदास साहेब के वंश बयालीस गुरुजनो अथवा उनके महंत जनों से प्राप्त सार शब्द ( नाम दीक्षा) से संभव है अन्यथा किसी और से नही।
@@VKabeerVichaarये झूठ बोलकर जनता को गुमराह करना छोड़ दें। उन्होंने ने यह भी तो कहा है कि बारहवें पंथ हम ही चल आहीं सब पंत मिटाकर एक पंथ चलाई। बारहवें पंथ में चलकर सदगुरु बंदीछोड़ परमपिता परमात्मा सर्वव्यापक सर्वपूजनीय रामपाल जी भगवान के रूप में स्वयं कबीर जी आये थे।🙏🙏🙏🙏
Parmatma ne asa kbhi kisi Granth me nhi likha tha ki .. Tilak lgavo,Tulsi ki mala pehno.... Unhone bhakti ke updesh diye.. Nshe ka virodh kiya. Murti Pooja ka ,vart rkhne ka virodh kiya.. Mere 3 pidhi se Kabir Saheb ji ki hi bhakti karte h..ghr me chay supari tk ka nsha nhi h ..lekin ye mala pehnna tilk lgana.asa kuch nhi mante hum to.... Kuch glt lga ho to maf kre.. Sat saheb bandagi 🙏😊
मैं एक कबीर पंथी सत्संग को मानने वाले गुरु से नाम दिक्षा लिए हुए हूं तो क्या मैं जैसे कोई प्रसिद्ध मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा या चर्च देखने जा सकती हूं। कृपया सही मार्ग दर्शन करें।
एक तरफ तो आप नियम में बता रहे है कि तीर्थ व्रत सब यम के बंधन है और दूसरी तरफ कह रहे है मंदिर मस्जिद चर्च जा सकते है कृपया विस्तार से बताइए इन्हे हमे पता है की कबीर साहेब के अलावा हैं किसी और की पूजा नहीं करनी है और हमे तीर्थ व्रत भी नहीं करना है तो मंदिर मस्जिद चर्च तीर्थ धाम सिर्फ देखने के लिए जा सकते है किसी आस्था या भक्ति भाव के साथ नहीं अब कुछ लोग वैष्णव माता जा रहे है और उनकी बंदगी प्रार्थना भी करके आ रहे है तो ये गलत है भक्ति बंदगी पूजा सिर्फ कबीर साहेब की करनी है और किसी की नही दूसरो के सामने आदर भाव से हाथ जोड़ना अलग बात है वो पूजा नहीं है क्योंकि हम हाथ जोड़कर सिर्फ सम्मान दे रहे है
@@thoughtofnatkhat आपके प्रश्न में ही आपका उत्तर है। एक सच्चे कबीरपंथी को चाहिए कि वह अपने जीवन में समदृष्टि और समभाव धारण करें। जहां जाए वहां अपने साहेब को पाये जिधर देखे उधर साहेब ही नज़र आये, फिर चाहे वो कोई भी धार्मिक स्थल हो। क्या संध्या क्या प्रात सवेरा। जित देखूं तित साहेब मेरा।। इस भाव के साथ शरणागति लीजिये, द्वंद स्वंय समाप्त हो जाएंगे।
कबीर साहेब की वाणी हैं सतगुरु के लक्षण कहूं वो मधुरैं बैन विनोद, चार वेद षठ शास्त्र वो कहे अठारह बोध, अर्थात सदगुरु हमेशा मीठा बोले, शांत रहे, चारों वेदों, छः शास्त्रों और अठारह पुराणों का ज्ञाता हो यानी इन सबमें से ये बता दे कि इन सबमें पूर्ण परमात्मा कौन हैं? वो कैसा हैं, कहा रहता हैं और कैसे मिलता हैं, क्या विधि हैं, प्रमाणों से सिद्ध करके बताएं, वहीं सतगुरु हैं और आज के समय में ये सब संत रामपाल जी महाराज जी ही सभी किताबों में खोल खोल के बता रहे हैं, की वो पूर्ण परमात्मा कौन हैं, जानने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन यूट्यूब, फेसबुक पर अवश्य सुने और देखे
मैंने गुरु से नाम दिक्षा ले रखी है मुझे दिक्षा लिए हुए 13 साल हो गये है मैं नियमित सुबह नाम के ध्यान में बैठती हूं। एक दिन मैंने नींद में उसी नाम को सांस के आने जाने के साथ मंदिर की घंटियों की तेज आवाज के साथ सुना और फिर अचानक मेरी नींद खुल गई। कृपया मुझे बताएं कि क्या यही सार शब्द है कि अनहद नाद है। सही मार्गदर्शन करें।
@@SADGURURAMPALJIBHAGWAN satguru ek hi hota h or wo naam ka Hira mughe Mila hua h or sach puchho to Bai sab me rampal ji h or rampal ji me sab . Aankhe kholo or dhakho ki kon puje or keshe poje wo hi poje or ushe hi poje 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jay kabir ji kay neeyam nahi ha kabir ji meat ko pap nahi mann tay vo tao meat ka jo vahim kartay ha oun ko murakh boltay ha dhrami admi keysi neejam ko follow nahi karta vo tao wind key trah rahta ha jo bhagwan karwatay ha vo karta ha jeev hatiya hoti he rahti ha hir jeev say pani may milk may sab jeev ha , vegetable sab meat ha science say poshow ja kar , dhram meat ka vahim nahi karta log kartay ha
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी जी कबीर पंथ में कभी किसी धर्म या जाति से कोई मतलब नहीं है केवल मानव धर्म ही मानते हैं देश द्रोह वह है जो धर्म और जाति के नाम से बांटने की कोशिश करते हैं यहां किसी को कोई मानव विपरीत दिशा शिक्षा नही दी जाती है और किसी धर्म जाति की खंणडना भी नहीं करते हैं साहेब बंदगी साहेब जी
सत साहेब जी जय हो बन्दीछोड की
Sat guru rampal ji maharaj ji ki jaye
🌷सप्रेम साहेब बंदगी साहेब -3🙏
Supreme saaheb bandwidth saaheb
सत साहेब rampal ji Maharaj ji ki Jai
सत साहिब मेरे मालिक बंदी छोड़ सद्गुरु देव संत रामपाल जी महाराज की जय
सतगुरु के पावन चरणों में कोर्ट कोर्ट प्रणाम
Sahib wandagi sahib jee
साहेब बंदगी साहेब सतगुरु को बंदगी साहेब
सत साहेब जी ❤❤❤
कबीर साहेब की जय हो
साहब जी के पावन चरण कमलो मे कोटि कोटि सप्रेम साहेब बंदगी साहेब जी
Saprem साहिब बंदगी साहिब Bandichhor Sadguru Saheb ji kiDaya Char Guru Bans 42 ki Daya Samast Nemi premi Hansjano ko Barambar koti koti Saprem Saheb bandagi 🌲🙏🌹🙏🌹🙏 Samjhane ke liye Bahut bahut Dhanyavad ❤❤❤❤
Sat sahib
Kabir paramatma ke charno me koti koti pranam 🙏
Sahib bandgi sahib. Ji
Aapke charno koto koti pranam 1
Sat saheb
Satsahibji❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
Shaheb.bandgi🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍
दशवा अंश गुरु को दिजै, जीवन जन्म सफल कर लिजै
Ye daswa ansh kya hain ji
Sat saheb bandgi
Saty sahiv ji maharaj 🌹🙏🌹
Satnam Sahib bandagi
♥️सत साहेब
❤ जय गुरुदेव,साहेब बंदगी सत्य साहेब,
Kabir sahib ji ki Jai Ho
Supreme God Kabir Saheb.Gurujinka chran kamal may koti koti dandawat pranam.
Good Kabir kot kot paridaam🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️🤲🤲🤲🌹🌹🌹🌹
Sat guru kabir shib gi ko satsat parname satsat bandgi
Sat saheb ji
Sb devi devta kbir Parmatma ka hi rup h koi unse alag nhi h satsahib bandgi
Guru kripa hi kewalam
Guruwa parameshawari anugrahika shKti
Jay namah shivay om om om om om 🕉
Anmol gyaan
Gita me praman hai Kabir saheb bhagwan hai
Aap श्लोक no. Bataaiye. Kisi ko dikhaana hai
गुरु का सुविचार सबसे पुराना इतिहास शीशे पर भी गुरु का हाथ होना जरूरी है❤❤❤❤ आज के गुरु कलयुग है माया रुपी है कबीर साहब तो कोई माया नहीं थे❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉
सत नाम साहेब बंदगी जी 🙏🙏
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब जी 🌷🌷🌷🙏🙏🙏
Jay Jay Sri Sadgurudev Kabir saheb Ji Bhagwan ki jay 🙏🙏🙏🙏🤩🤩🤩🤩💕💕💕💕🌻🌻🌻🌻💮💮💮💮🌷🌷🌷🌷🌼🌼🌼🌼😚😚😚😚💌💌💌💌🤗🤗🤗🤗🌸🌸🌸🌸☺☺☺☺😍😍😍😍😊😊😊😊❤❤❤❤😘😘😘😘🌹🌹🌹🌹
Chandan gaon road per hai ji namdan centre sat Saheb
तीन देव की करे जो भक्ति उनकी कभी न होवे मुक्ति
कबीर सागर
સાહેબ બંદગી સાહેબ
।। सत्य नाम सत कबीर।।🙏
Saprem sahib banda gi sahib
Satyam satyam
आपको बारंबार धन्यवाद साहेब विस्तार से जानकारी देकर समझाने के लिए.। सादर सप्रेम साहेब बंदगी साहेब.।
Thank you❤
Sat sahab
Sprem saheb bandagi Saheb 🙏
बहुत सुंदर व्याख्या की है जय श्री राम
🙏🙏🙏 आपका ज्ञान बहुत अच्छा लगा साहिब बंदगी साहिब
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब
सच्चाई की जय हो
Saheb satguru 🙏🙏🙏
🌹🙏🌹jay satnam ji 🌹🙏🌹bhai ji hamar 🌹
Saheb bandagi
साहिब बन्दगी साहिब जी 🙏
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब🙏🌹
परमात्मा कुछ समय संसार में रहकर आम व्यक्ति की तरह जीवन जीकर अपना तत्वज्ञान प्रचार करता है , परमेश्वर बनारस (काशी) शहर में 120 वर्ष रहे।कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए फिर लीलावत् बड़े हुए 120 वर्ष संसार में अतिथि रूप में रहकर सशरीर सतलोक में {अमरलोक} चले गये, कबीर परमेश्वर।
सत साहेब बंदगी साहेब जी
सत साहेब जी जय हो बंदी छोड़ की
सत साहेब
सत साहेब
Sat saheb
Super duper 💞💕♥️💞💕
Saheb bandagi Saheb ji❤❤
आओ जानें भगवान को
गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता ने कहा है,
तम्, एव, शरणम्, गच्छ, सर्वभावेन, भारत,
तत्प्रसादात्, पराम्, शान्तिम्, स्थानम्, प्राप्स्यसि, शाश्वतम्।।62।।
अर्थात हे भारत! तू सब प्रकार से उस परमेश्वर की शरण में जा। उस परमात्मा की कृपा से ही तू परम शांति को तथा सनातन परम धाम यानि सत्यलोक को प्राप्त होगा।
Bandagi Saheb
Sat sahib ji
Sahib bandgi arendra ray
Saprem sahib band
Saheb bandgi saheb ji ❤❤
❤Sat,rampalji,maharaj,ki,jayho
❤❤❤❤❤
Gita me parmad hai Kabir Sahib Bhagwan hai
साहेब बदगी साहेब🙏🙏
राष्ट्र में सभी लोग एक समान हिंदू हैं क्योंकि सबके पूर्वज हिंदू थे मुस्लिम ईसाई घर वापसी करके पुनः हिंदू बने जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
××××
सद गुरु कबीर जी के पवित्र चरणों को कोटि कोटि नमन वंदन प्रणाम बारम्बार अन्तिम सांस तक गुरु देव जी के चरणों को मैं अपने सर के ऊपर रखे मानता हूं।
किन्तु परंतु यह है की किसको
मानु किसको जपु किसका नाम और ध्यान करू।
कृपा करके बतानें की कृपा करें
@@purnanandnautiyal161 "सत्यनाम"
Kabir is god
ramapaal ke bhakt hamesha kabir panth aadh me apana gyaan deta hai
Saheb bandagi saheb
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब ज़ी 🙏🙏
Very nice अदभूत
मां को शांति कैसे मिलती है❤
पूर्ण संत की पहचान शास्त्रों में
पहली पहचान : पूर्ण संत की पहचान होती है कि वर्तमान के धर्म गुरु उसके विरोध में खड़े होकर राजा व प्रजा को गुमराह करके उसके ऊपर अत्याचार करवाते हैं।
कबीर साहेब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि-
जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै (बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै।
या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।।
कबीर साहेब जी अपने प्रिय शिष्य धर्मदास जी को इस वाणी में समझा रहे हैं कि जो मेरा संत सत भक्ति मार्ग को बताएगा उसके साथ सभी संत व महंत झगड़ा करेंगे। ये उसकी पहचान होगी।
दूसरी पहचान : पूर्ण संत सभी धर्म ग्रंथों का पूर्ण जानकार होता है।
प्रमाण सतगुरु गरीबदास जी की वाणी में -
”सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद।
चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।“
Bandgi saheb
Hamare santo and samaj sudharko ka sahitya paden
Palan karne ka bhi prayas Karen
Jai sant KABIR
Jai Bheem
Jai Bharat
Jai sanvidhan
तीर्थ व्रत मूर्तिपूजा व्यर्थ है
🙏
Birendar.shheb.
नवरात्रि या गणेश चतुर्थी में प्रतिमा बैठाई जाती है तो पूजा के समय कुछ कबीरपंथी भी अज्ञानता वश उनकी पूजा में शामिल होते है जो बिलकुल गलत है
हमे सिर्फ कबीर साहेब की पूजा करनी है किसी और की कदापि नहीं
Kesika mrityu ka kriya Karna chahiye ki nai karna chahiye.
कबीर पंथ में हम है हम इसमें नियम जानना चाहते है की सतनाम का जाप कैसे कब करें की हमें सफलता मिले इस सतनाम से हमारा कष्ट कैसे दूर होएगा कृपया हमको विस्तार से समझाए ताकि हर काम में सफलता मिले
Sant rampal ji maharaj ji ka channel visit Karo 😊
rampaal ke bhakt dwara kabir panth ka niyam bata rahe hai chalo kam kam aap logo ke mukh se... saprem saheb bandagi saheb ... bole sunne me achcha laga
विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण संत हैं जिन्होंने सभी वेद, पुराणों, गीता, बाइबल, कुरान, गुरु वाणियों आदि सभी से सिद्ध कर दिया कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है और वो सतलोक में हैं, सशरीर हैं, और उनकी प्राप्ति के लिए 3 बार में नाम पूर्ण संत से प्राप्त करना चाहिए।
Saheb bandagi Saheb 🙏🙏 Maharaj Ji Mera Bhai sarb pita Hai o chod de
पूर्ण सतगुरु के लक्षण क्या हैं?
हजारों फर्जी धर्मगुरुओं की भीड़ में कैसे पता चले कि सच्चा गुरु कौन है तथा पूर्ण सतगुरु के लक्षण क्या हैं?
सतगुरु अपने सभी शिष्यों को समान रूप से देखते हैं।
सतगुरु कभी भी अपने शिष्यों में भेदभाव नहीं करते।
पूर्ण संत दान-दक्षिणा मांगने के लिए इधर-उधर नहीं भटकते।
सतगुरु सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान (तत्वज्ञान) प्रदान करते हैं।
सतगुरु वह होता है जो सभी धार्मिक ग्रंथों का पूर्ण ज्ञाता होता है।
सतगुरू स्वयं भी सब वेदों के अनुसार भक्ति (पूजा) अर्थात् शास्त्रविधि अनुसार साधना करते और कराते हैं।
Humey prakash Muni Sahib Ji se naam daan kaise milega
साहेब बंदगी महाराज यह सारा शब्द क्या है नाम तो मुक्ति के बहुत है फीर कबीर साहेब सार संबंध के विषय में ज्यादा कहा है क्या है सार सबद
मुक्ति केवल सदगुरु कबीर साहेब द्वारा अशीर्वादित व अधिकारित धर्मदास साहेब के वंश बयालीस गुरुजनो अथवा उनके महंत जनों से प्राप्त सार शब्द ( नाम दीक्षा) से संभव है अन्यथा किसी और से नही।
@@VKabeerVichaarये झूठ बोलकर जनता को गुमराह करना छोड़ दें। उन्होंने ने यह भी तो कहा है कि बारहवें पंथ हम ही चल आहीं सब पंत मिटाकर एक पंथ चलाई। बारहवें पंथ में चलकर सदगुरु बंदीछोड़ परमपिता परमात्मा सर्वव्यापक सर्वपूजनीय रामपाल जी भगवान के रूप में स्वयं कबीर जी आये थे।🙏🙏🙏🙏
Mast video
Parmatma ne asa kbhi kisi Granth me nhi likha tha ki ..
Tilak lgavo,Tulsi ki mala pehno....
Unhone bhakti ke updesh diye..
Nshe ka virodh kiya.
Murti Pooja ka ,vart rkhne ka virodh kiya..
Mere 3 pidhi se Kabir Saheb ji ki hi bhakti karte h..ghr me chay supari tk ka nsha nhi h ..lekin ye mala pehnna tilk lgana.asa kuch nhi mante hum to....
Kuch glt lga ho to maf kre..
Sat saheb bandagi 🙏😊
Kaun sa panth hai aapka
@@thoughtofnatkhat
Kabir panthi.
@@Jaiti8000 कबीर साहेब के तेरह पंथ है कौन से पंथ से हो आप
कबीर साहब ने कभी भी तुलसी माला यातीलक लगाने के लिए नही कहा है
एक दम सही कहा आपने, तुलसी माला या तिलक का कबीर पंथ में नहीं हैं, ये मनमाना आचरण है
मैं एक कबीर पंथी सत्संग को मानने वाले गुरु से नाम दिक्षा लिए हुए हूं तो क्या मैं जैसे कोई प्रसिद्ध मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा या चर्च देखने जा सकती हूं। कृपया सही मार्ग दर्शन करें।
जी बिल्कुल जा सकते हैं।
साहिब तेरी साहिबी, सब घट रही समाय ।
ज्यों मेहंदी के पात में, लाली लखी न जाय।।
जी आप का बहुत बहुत आभार और मेरी अंतरात्मा से नमन सही मार्गदर्शन के लिए । मैं बहुत दिनों से इस मन की शंका से दुखी थी
अधिक जानकारी हेतु साहेब के सत्योपदेश सुनें।
th-cam.com/video/cOnCTSWU2Ns/w-d-xo.htmlsi=b9-z9jL1dFJqgy6W
एक तरफ तो आप नियम में बता रहे है कि तीर्थ व्रत सब यम के बंधन है और दूसरी तरफ कह रहे है मंदिर मस्जिद चर्च जा सकते है
कृपया विस्तार से बताइए इन्हे
हमे पता है की कबीर साहेब के अलावा हैं किसी और की पूजा नहीं करनी है और हमे तीर्थ व्रत भी नहीं करना है
तो मंदिर मस्जिद चर्च तीर्थ धाम सिर्फ देखने के लिए जा सकते है किसी आस्था या भक्ति भाव के साथ नहीं
अब कुछ लोग वैष्णव माता जा रहे है और उनकी बंदगी प्रार्थना भी करके आ रहे है तो ये गलत है
भक्ति बंदगी पूजा सिर्फ कबीर साहेब की करनी है और किसी की नही
दूसरो के सामने आदर भाव से हाथ जोड़ना अलग बात है वो पूजा नहीं है क्योंकि हम हाथ जोड़कर सिर्फ सम्मान दे रहे है
@@thoughtofnatkhat आपके प्रश्न में ही आपका उत्तर है।
एक सच्चे कबीरपंथी को चाहिए कि वह अपने जीवन में समदृष्टि और समभाव धारण करें। जहां जाए वहां अपने साहेब को पाये जिधर देखे उधर साहेब ही नज़र आये, फिर चाहे वो कोई भी धार्मिक स्थल हो।
क्या संध्या क्या प्रात सवेरा।
जित देखूं तित साहेब मेरा।।
इस भाव के साथ शरणागति लीजिये, द्वंद स्वंय समाप्त हो जाएंगे।
Saheb ki bani hai Asia koi books hai.uske nam battai ye
Sahib bandagi Sahib yah 50 name kaun si jagah se hota hai Bhagat ji Kabir Sagar se ya bijak se Yash shabdawali se hamen Gyan karvayen
कबीर मंशूर अर्थात स्वयंवेदार्थ प्रकाश
Kavir pnt or dadu Dayal pnt me kse pta kre ki poora satguru kon ha
कबीर साहेब की वाणी हैं सतगुरु के लक्षण कहूं वो मधुरैं बैन विनोद, चार वेद षठ शास्त्र वो कहे अठारह बोध, अर्थात सदगुरु हमेशा मीठा बोले, शांत रहे, चारों वेदों, छः शास्त्रों और अठारह पुराणों का ज्ञाता हो यानी इन सबमें से ये बता दे कि इन सबमें पूर्ण परमात्मा कौन हैं? वो कैसा हैं, कहा रहता हैं और कैसे मिलता हैं, क्या विधि हैं, प्रमाणों से सिद्ध करके बताएं, वहीं सतगुरु हैं और आज के समय में ये सब संत रामपाल जी महाराज जी ही सभी किताबों में खोल खोल के बता रहे हैं, की वो पूर्ण परमात्मा कौन हैं, जानने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन यूट्यूब, फेसबुक पर अवश्य सुने और देखे
मैंने गुरु से नाम दिक्षा ले रखी है मुझे दिक्षा लिए हुए 13 साल हो गये है मैं नियमित सुबह नाम के ध्यान में बैठती हूं। एक दिन मैंने नींद में उसी नाम को सांस के आने जाने के साथ मंदिर की घंटियों की तेज आवाज के साथ सुना और फिर अचानक मेरी नींद खुल गई। कृपया मुझे बताएं कि क्या यही सार शब्द है कि अनहद नाद है। सही मार्गदर्शन करें।
मेरी प्यारी बहन सदगुरु बंदीछोड़ परमपिता परमात्मा सर्वव्यापक सर्वपूजनीय रामपाल जी भगवान के सत्संग सुनो 🙏
@@SADGURURAMPALJIBHAGWAN satguru ek hi hota h or wo naam ka Hira mughe Mila hua h or sach puchho to Bai sab me rampal ji h or rampal ji me sab . Aankhe kholo or dhakho ki kon puje or keshe poje wo hi poje or ushe hi poje 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
YE SAHEB SABD KAHASE AAYA
हम ही अलख अल्लाह हैं कुतुब गोश और पीर
गरीब दास खालिक धनी हमरा नाम कबीर ------ कबीर साहब
परमात्मा कबीर जी की जय ❤
संत दादू जी कहते हैं-जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️
Jay kabir ji kay neeyam nahi ha kabir ji meat ko pap nahi mann tay vo tao meat ka jo vahim kartay ha oun ko murakh boltay ha dhrami admi keysi neejam ko follow nahi karta vo tao wind key trah rahta ha jo bhagwan karwatay ha vo karta ha jeev hatiya hoti he rahti ha hir jeev say pani may milk may sab jeev ha , vegetable sab meat ha science say poshow ja kar , dhram meat ka vahim nahi karta log kartay ha
शुरू से ही आप गलत हैं क्योंकि कबीर साहेब सतगुरु नहीं पूर्ण परमात्मा हैं