पूरे भारतवर्ष में आप एक मात्र व्यक्ति हैं जो संस्कृतनिष्ठ हिंदी की महत्ता को समझते भी है और उसके अनुकूल व्यवहार भी करते हैं। आप दीर्घायु हो निरोगी हो और इसी प्रकार धर्म की सेवा करने आपकी संकल्पशक्ति में निरंतर वृद्धि हो यही शुभ कामना।
अति उत्तम श्रीमान्! इतने सहज प्रसंग को तथाकथित बुद्धिजीवियों ने जिस तरह से तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया है वह आश्चर्यजनक है। आपने इस गंभीर विषय को जिस विस्तार और तथ्यपूर्ण तरीके से स्पष्ट किया है वह भारत के सामाजिक समरसता को पुनः प्रतिस्थापित करने के लिए मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है। इस के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद॥
A brilliant exposition of multiple narratives of the Shambuka episode over centuries. Very erudite and balanced perspective, as usual. Thank you, Nityanand ji.
Aapke gyan ko naman guru ji 🙏🏻 aapne to propaganda hi khtm kar dia aapki vedio dekh ke atyant shanti mili kyoki mai bhi logo ke iss sawal se ati dukhi tha. Ishse ye bhi sabit hota hai ki log kaise dharm ko apmanit krne ke liye jhuth ka prachar krte hai aur ye bhi gyan hua ki hume apna itihas pdna kyo aawasyak hai aur mai yahan pran leta hu ki ab mai apne dharm grantho ko pdna aur unka prachar krna shuru krunga. Naman🙇🏻♂️
इस संबंध में मेरा अनुसंधान पर आधारित मत यह है कि संभवत: शंबूक अपनी सशरीर स्वर्गप्राप्ति हेतु तांत्रिक साधना की सफलता हेतु एकाधिक नरबली दे चुका था। सशरीर स्वर्ग गमन असंभव है अतः उसे सफलता नहीं मिल रही थी परन्तु वह नरबलि देने से रुक नहीं रहा था। इसलिए उसको वध करके उसकी स्वर्ग प्राप्ति करवाई गरी थी।
मिश्रा जी, यह बात तो मुझ अल्प बुद्धि व्यक्ति को भी अच्छे से समझ में आ गयी है कि किन्ही संस्कृत के विद्वानों ने श्रीराम के चरित्र को निम्न करने हेतु सीता बनवास , सम्बूक बध जैसी कहानियाँ गढ़ीं,और बाद में अन्य संस्कृत के विद्वानों ने श्रीराम के चरित्र को उज्ज्वल करने हेतु सम्बूक को दिव्य शरीर धारण कर स्वर्ग भेजने की कथाएँ गढ़ीं। आप भी इतनी सारी पुस्तकों के प्रसंग देकर उसी परिपाटी को आगे बढ़ा रहे हैं।
Dekho shree ram ko manne wale ko malum hai ki smbuk vad juta hai lekin murkh log vikash Divy kirti jaise log to jo likha hai vh hi manege ese me misra ji ne vad ke bad ki khani bayi vh uchit hai Log ab thi manege ki smbuk ka vad ram ji ne kiya ese me ab un logo ko ese hi smjaya ja skta hai ki smbuk ko vad ke bad svrg mila tha.......... 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
I'm a Muslim girl तो यह बात आपको पता होना चाहिए ❌ 🙏 कुरान में लिखा है अगर आप लोग non Muslims लोग को मारोगे तो आप लोगों को जन्नत मिलेगा 72 पूरे मिलेंगे, non Muslim मारोगे तो आपको कोई पाप नहीं लगेगा, Pyaar ek Tarpa nhi hata Parantu हिंदू होने Amesha pyaar diya Muslim community ko उसके बदले में हिंदू को क्या मिला गाली गलौज Disrespect मैं खुद को गर्व करता हूं कि मैं हिंदुओं के साथ हूं और मैं हमेशा साथ रहूंगी हिंदू है तो देश आगे बढ़ेगा हिंदू है तो मां बेटी देश में सुरक्षित है please don't believe any Muslim People I request Hindu girls खुद को मुस्लिम लड़की होने का बहुत दुख है 😭🙏
Why Ram killed Shambhuk👇👇 1)Shambhuk did the penance to marry Shiva's wife Parvati Reference- Mahabharata Tatparya Nirnaya 9.21 2)Because of Shambhuk's penance, the son of brahmin, kshatriya, vaishya, and 2 "shudras" were died Reference- Anand ramayana/Rajyakand/10th sarga 3)Shambhuk did the penance to go to the swarg with his body and also to conquer the swarg Reference- Valmiki ramayan 6.76.2-3
Bahut uttam karya kiya gaya h apke dwara mere sare doubt aj clear ho gye .apka sahradya dhanyawad . Koti koti naman apki mata ko jo ap jese putra ko janm diya ek 🪔 ki bhati hmri agyanta andhar ko door krne
मतलब, यह कि शूद्र को स्वरग जाने के लिए अपनी जान देनी पड़ेगी। ब़हमण को? वेद के अनुसार जब जाती काम के आधार पर बनाया गया था, फिर बाद में जन्म के आधार पर कौन और क्यों बना दिया? Who is defaulter?
Sir also do video on characteristics ravan mentioned in valmiki ramayan Beacuse nowadays there is lot propoganda that ravan was right and brave but reality is very different so pls clear the misconceptions about that also Jai Shree Ram 🙏🙏
Why Ram killed Shambhuk👇👇 1)Shambhuk did the penance to marry Shiva's wife Parvati Reference- Mahabharata Tatparya Nirnaya 9.21 2)Because of Shambhuk's penance, the son of brahmin, kshatriya, vaishya, and 2 "shudras" were died Reference- Anand ramayana/Rajyakand/10th sarga 3)Shambhuk did the penance to go to the swarg with his body and also to conquer the swarg Reference- Valmiki ramayan 6.76.2-3
सादर अभिवादन -^- आपने बहुत प्रामाणिक विवेचन किया और अधूरा ज्ञान रखने वालों को बहुत समझाया आपको साधुवाद। आपसे एक निवेदन है कृपया शम्भुक के तप करने का कारण और उसके पीछे की भावना भी यदि पता चल जाती तो अनर्गल बोलने वाले शान्त हो जाते जो भगवान राम को अपशब्द कहते हैं।
आपका पुस्तक संग्रह सब लोगो से साजा करता हुवा एक चलचित्र बनाइए जिसे की हम सब लोगो को सुनिश्चित हो सके की क्या पढ़ना चाहिए और क्या नहीं मेरा एक नम्र निवेदन है आपको।
Yes U R a excellent & brilliant narrator and explorer of epics and collecting the valuable information which is exactly 💯 % true . Be blessed always with grace of God shree Hari Vishnu 🙏🏼. Jai shree Radhe Krishna 🪷 🙏🏼 Jai shree Ram 🚩🙏🏼
1.Later on authors realised the mistake of valmiki and tried to appease the audience by giving swarg, and including all castes. Alternatively, he might have given to the already dead boys, and have avoided murder of this fellow. 2. How can people die if someone gets involved in bhakti? Overall rating is that later authors opposed killing of Shambuk by adding sadgati in feable voice, and blunting the edge of shudra opposition to Brahmin by including other castes as aggrieved. For social harmony, we should appreciate the later authors' orthodox approach. Stories shape thoughts. Thank you sir for your analysis. We should spread harmony, which you tried.
The important thing which is needed to be understood here is that shudra is not referred to any birth-based caste in our texts. Caste was a different thing altogether. Shudra simply means an uninitiated person. He could be of any caste. Its like someone who is not a doctor starts doing an operation. Or someone who is not educated himself becomes a teacher. It would be considered a crime even today. A shudra not being allowed to do certain rituals in ancient times is exactly the same thing. Because shudra is uninitiated and not qualified to perform those rituals. Simple. Certain rituals used to have extremely powerful effects, and if performed in the wrong way, unnatural effects can take place. Because of shambuk's mistake, people were dying in Ayodhya. It was because of this that he was punished. Birth based caste had nothing to do in the case of shambuk.
Hindi Translate :- यहाँ जो महत्वपूर्ण बात समझ लेने की आवश्यकता है वह यह है कि हमारे ग्रंथों में शूद्र का उल्लेख किसी जन्म आधारित जाति के रूप में नहीं किया गया है। जाति बिल्कुल अलग चीज थी। शूद्र का सीधा सा अर्थ है एक अदीक्षित व्यक्ति। वह किसी भी जाति का हो सकता है। यह ऐसा है जैसे कोई व्यक्ति जो डॉक्टर नहीं है, ऑपरेशन करना शुरू कर देता है। या जो शिक्षित नहीं है वह स्वयं शिक्षक बन जाता है। इसे आज भी अपराध माना जाएगा। प्राचीन काल में एक शूद्र को कुछ कर्मकांड करने की अनुमति नहीं दी जाना बिल्कुल एक ही बात है। क्योंकि शूद्र दीक्षित है और उन कर्मकांडों को करने के योग्य नहीं है। सरल । कुछ कर्मकांडों का अत्यधिक शक्तिशाली प्रभाव होता था, और यदि गलत तरीके से किया जाता है, तो अप्राकृतिक प्रभाव हो सकते हैं। शम्बूक की गलती के कारण अयोध्या में लोग मर रहे थे। इसी वजह से उन्हें सजा मिली थी। शम्बूक के मामले में जन्म आधारित जाति का कोई लेना-देना नहीं था।
Hahaha, . Doc bina degree k operation shuru kr de to b use pakad kr jail me dala jata h , seedha sawarg nhi bheja jata. . Aur wo shudra hi tha. Shudra yani nimn jaati. Shabdo se khelna band kro, Jo sach h use accept kro.
@@sanaksanandan Thanks for your information. One more thing is Jaati cannot be changed but Varna can be changed as it depends on Guna and Karma, that is qualities and actions.
@@sanaksanandan jaati means ethnicity... like jatiyata or ethnicity....It may be or may not be genetic.. jaatis get evolved by mixing with other jaatis ....But in varna only merit and skill matters and not birth....All that is given importance is consciousness....Or atmagyan...
@@adwaitvedant3297 You are talking about later stages. Not the origin. In the beginning Jaati was fixed, due to genetics. And varna was flexible. And it ended up in reverse. Jaatis became mixed, and Varnas became fixed. 🙂
मेरा यह विचार है कि शम्बुक वध का पूरा प्रसंग ही प्रक्षिप्त है। किन्तु पूरा उत्तर काण्ड प्रक्षिप्त नहीं है। मैं यह बात दोनों पक्षों को सुनकर कह रहा हूँ।
Vikas Divyakeerti part 2 is continued as anti-Brahmin graffiti on JNU's walls. Probably it will continue or reach the peak by the next general elections.
मुझे एक बात समझे नही आ रही.. कि बताया जाता है कि प्राचीन काल में वर्ण व्यवस्था कर्म आधारित थी तो सम्भुक शुद्र कसे हुआ ... इस हिंसाब से तो वह तपसीवी हुआ ........🙏🙏🙏🙏
@Aman Jha 😀😀😀 are na na na asa thudi hota h कैसे भी करो वो तपसिया कर रहा था । ऐसे भी बहुत tepasewi हुए हैं जिसने कठीन तप किया पानी बंद ,खाना बंद ,सोना बंद , एक पर पर खड़ा रहना ..और भी.... तो क्या आप के हिसाब से वो तपस्वी नहीं थी उनके कर्म शुद्रो वाले थे ...
@@realSamarthT हा जी यही बात मैं बोल राहा हूं .. जो उत्तम कर्म करता है नित्य पूजा पाठ करता है ध्यान योग तपस्या आदि करता है वो विद्वान होता है तो शम्भुक भी तो यही काम करता था 🙏🙏
@@bajarangshah8343 shuru me padhai sabhi tapaswee log karte thhe. Phir education complete hone par ya toh normal life jeete thhe ya phir tap karte rehte thhe. Inme se bahut se log dusro ko padhate bhi thhe, experience bhi share karte thhe. Anpadh jahil ko jindagi beet jayega lekin khud se jyada kuchh nhi seekh payega.
Sahi kha time nhi samay hota hai ..Aisa meri adhyapiya ji ne mujhe 10th me tha tab Toka tha ..Maine kisi baat pr time bola to unhone kha ye Hindi ki kaksha hai time nhi samay kya hua ye bol sakte ho...baki samay to angreji madhyam vidyalay me ho to angreji bolege hi..majboori hai ..lakin kya Hindi ke kaksha me bhi angreji ke sabdo pr hun nirbhar ho gye hain...baat bhut gambhir hai...apka ATI abhar
पोस्टमार्टम बालमिकि ने रामायण को राम के समयकाल मे ही लिख दिया था देवनागरी लिपि आधारित संस्कृत भाषा की पद्य शैली मे इसको लिखा था और बालमीकि ने जो भी लिखा उस पर कोई प्रश्न चिन्ह नही उठाया जा सकता यह कथन और मान्यता है ब्राहमणो की अब इसका एतिहासिक पक्ष पर विचार करें तो क्या स्थिति बनती है देव नागरी लिपी ईसा के बाद की है जो पुर्व की धम्मलिपि का संस्कारित रूप है संस्कृत. पालि प्राकृत का संस्कारित रुप है यह सब एतिहासिक है साक्ष्य पूर्ण तो गीता रामायण वेद पुराण उपनिषद सारे के सारे संस्कृत ग्रन्थ केवल ब्राहमणो ने लिखॆ है अपनी मनुवादी जाति वर्ण व्यवस्था के समर्थन मे पोषण मे धर्म के नाम पर आजीविका चलाने के लिए.
संस्कृत भाषा पाली के नजदीक नहीं हैं बल्कि तमिल भाषा से मिलती यहां तक व्याकरण और शब्द भी। पाली भाषा किससे बनी ये बताओ ?. हो सकता है यह भाषा किसी विदेशी भाषा तो नहीं थी या मिश्रित भाषा जो क्षेत्र विशेष तक ही सीमित रही थी कुछ काल तक। ऐसा भी नहीं था तत्कालीन समय में पूरे विश्व या भारतीय उपमहाद्वीप में केवल मात्र पाली भाषा थी। संस्कृत भाषा के शब्द से पुरी दुनिया के अधिकतम भाषा के शब्द मिलते हैं न कि पाली भाषा के। अतः मानव पलायन जब होता है तो अपनी भाषा और मान्यता और सभ्यता के साथ होता है विषम परिस्थितियों के कारण वह भाषा और सभ्यता और मान्यताएं बदलता रहता है। इस बात से यह तो निश्चय होता है कि संस्कृत भाषा के शब्दों के साथ पलायन हुए। लोगों के पलायन काल के समय संस्कृत भाषा थी न कि पाली भाषा। क्योंकि
Yhi to problem hai...kuchh clear hi nhi hai...jiska jo mn aya likh dala.....abhi bhut jruri hai ki sbhi scriptures ko 1 kr k ....1 param maha kavya/ved bnana chahiye....
पूरे भारतवर्ष में आप एक मात्र व्यक्ति हैं जो संस्कृतनिष्ठ हिंदी की महत्ता को समझते भी है और उसके अनुकूल व्यवहार भी करते हैं। आप दीर्घायु हो निरोगी हो और इसी प्रकार धर्म की सेवा करने आपकी संकल्पशक्ति में निरंतर वृद्धि हो यही शुभ कामना।
Heated debate channel par brahmrakshas ji bhi bilkul aap jaise bolte hain
जय श्री राम जय सियाराम जय सनातन धर्म
बहुत सुंदर तरीके से आपने बताया,,,सादर 🙏💐
ज्ञान वर्धन के लिये आभार एवं धन्यवाद , जय गुरुदेव 🙏
नमन है आपकी प्रतिभा, ज्ञान और गहन अध्ययन को🙏🙏
इस विषय का विस्तार वर्णन के लिए साधुवाद 🙏🏻🙏🏻
अतीव सुंदरी विवेचना वर्त्तते। 💐
अति उत्तम श्रीमान्! इतने सहज प्रसंग को तथाकथित बुद्धिजीवियों ने जिस तरह से तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया है वह आश्चर्यजनक है। आपने इस गंभीर विषय को जिस विस्तार और तथ्यपूर्ण तरीके से स्पष्ट किया है वह भारत के सामाजिक समरसता को पुनः प्रतिस्थापित करने के लिए मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है। इस के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद॥
It is good on ur part to present ancient scriptures in their actual meaning my complements
ऐसे गंभीर विषयों के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए आपका दिल से धन्यवाद ।
हृदय*
'दिल' उर्दू शब्द है।
Man ko shanti deti h aapki videos
जय हो जगद्गुरु भगवान स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज जी की।। जय जय श्री सीताराम।
उत्कृष्टम् हिन्दी में समस्त सनातनियों को समग्रदृष्टि द्वारा ज्ञानवर्धन के लिए आपका आभार श्री नित्यानन्द मिश्र जी 🙏नमोवः
आपका हृदय से धन्यवाद....इस विषय पर विस्तृत चर्चा अत्यंत आवश्यक थी। प्रभु श्री राम आप पर सदैव कृपा करें🙏
वा कितना उत्तम विवेचन।
धन्य हे आप ।
A brilliant exposition of multiple narratives of the Shambuka episode over centuries. Very erudite and balanced perspective, as usual. Thank you, Nityanand ji.
Adbhut visleshan hai praman sahit yah prasang bahut sundar hai...
anek koti pranam aur sadhu vaad
Absolutely grateful for your panditya and margdarshan
Aapke gyan ko naman guru ji 🙏🏻 aapne to propaganda hi khtm kar dia aapki vedio dekh ke atyant shanti mili kyoki mai bhi logo ke iss sawal se ati dukhi tha. Ishse ye bhi sabit hota hai ki log kaise dharm ko apmanit krne ke liye jhuth ka prachar krte hai aur ye bhi gyan hua ki hume apna itihas pdna kyo aawasyak hai aur mai yahan pran leta hu ki ab mai apne dharm grantho ko pdna aur unka prachar krna shuru krunga. Naman🙇🏻♂️
इस संबंध में मेरा अनुसंधान पर आधारित मत यह है कि संभवत: शंबूक अपनी सशरीर स्वर्गप्राप्ति हेतु तांत्रिक साधना की सफलता हेतु एकाधिक नरबली दे चुका था। सशरीर स्वर्ग गमन असंभव है अतः उसे सफलता नहीं मिल रही थी परन्तु वह नरबलि देने से रुक नहीं रहा था। इसलिए उसको वध करके उसकी स्वर्ग प्राप्ति करवाई गरी थी।
शम्बूक की तपस्या से लोग मर नहीं रहे थे बल्कि शम्बूक सात लोगों की नरबलि दे चूका था शशरीर स्वर्ग जाने के लिए।
इसका प्रूफ किस बुक में है??
बहुत सटीक विश्लेषण है
Pranam Nityanand ji 🙏🏻Brilliant exposition! Befitting response to Vikas.
Dhanywad Nitaynanda Ji, This is very enlightening
ठीक और शूक्ष्म विश्लेषण के लिए नमन्!!
प्रिय मिश्र जी!आपका कथ्य,विषय का चयन उत्तम कोटि का है, साधुवाद।
Sir your knowledge is impeccable. Praying to you for your blessings 🙏
मिश्रा जी, यह बात तो मुझ अल्प बुद्धि व्यक्ति को भी अच्छे से समझ में आ गयी है कि किन्ही संस्कृत के विद्वानों ने श्रीराम के चरित्र को निम्न करने हेतु सीता बनवास , सम्बूक बध जैसी कहानियाँ गढ़ीं,और बाद में अन्य संस्कृत के विद्वानों ने श्रीराम के चरित्र को उज्ज्वल करने हेतु सम्बूक को दिव्य शरीर धारण कर स्वर्ग भेजने की कथाएँ गढ़ीं।
आप भी इतनी सारी पुस्तकों के प्रसंग देकर उसी परिपाटी को आगे बढ़ा रहे हैं।
Dekho shree ram ko manne wale ko malum hai ki smbuk vad juta hai lekin murkh log vikash Divy kirti jaise log to jo likha hai vh hi manege ese me misra ji ne vad ke bad ki khani bayi vh uchit hai
Log ab thi manege ki smbuk ka vad ram ji ne kiya ese me ab un logo ko ese hi smjaya ja skta hai ki smbuk ko vad ke bad svrg mila tha.......... 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
@@sonasaini5223 सोना जी , विकास दिव्य कीर्ति जी एक विद्वान शिक्षक हैं। वह वही पढ़ाते हैं जो पुस्तकों में है, वह उनकी समीक्षा भी बहुत अच्छे से करते हैं।
@@sonasaini5223 यदि शम्बूक बध प्रक्षिप्त है तो आप लोंगों को इस प्रसंग को रामायण से हटाने ही बात करनी चाहिये।
Vikas divyakirti murkh nehi hai. Wo bhi bada bidwan hai @@sonasaini5223
@@mstomar168 phir trishsnku ka bhi description bstao
पूरे 'शम्बूक प्रकरण' को हम सभी जिज्ञासुओं को एक समग्र दृष्टि से दिखाने हेतु आपको धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
Your research is very beneficial for our society.
हमारे ज्ञानवर्धन के लिए आपको कोटि कोटि धन्यवाद। 🙏🚩
I'm a Muslim girl तो यह बात आपको पता होना चाहिए ❌ 🙏 कुरान में लिखा है अगर आप लोग non Muslims लोग को मारोगे तो आप लोगों को जन्नत मिलेगा 72 पूरे मिलेंगे, non Muslim मारोगे तो आपको कोई पाप नहीं लगेगा, Pyaar ek Tarpa nhi hata Parantu हिंदू होने Amesha pyaar diya Muslim community ko उसके बदले में हिंदू को क्या मिला गाली गलौज Disrespect मैं खुद को गर्व करता हूं कि मैं हिंदुओं के साथ हूं और मैं हमेशा साथ रहूंगी हिंदू है तो देश आगे बढ़ेगा हिंदू है तो मां बेटी देश में सुरक्षित है please don't believe any Muslim People I request Hindu girls खुद को मुस्लिम लड़की होने का बहुत दुख है 😭🙏
Why Ram killed Shambhuk👇👇
1)Shambhuk did the penance to marry Shiva's wife Parvati
Reference- Mahabharata Tatparya Nirnaya 9.21
2)Because of Shambhuk's penance, the son of brahmin, kshatriya, vaishya, and 2 "shudras" were died
Reference- Anand ramayana/Rajyakand/10th sarga
3)Shambhuk did the penance to go to the swarg with his body and also to conquer the swarg
Reference- Valmiki ramayan 6.76.2-3
Bahut uttam karya kiya gaya h apke dwara mere sare doubt aj clear ho gye .apka sahradya dhanyawad . Koti koti naman apki mata ko jo ap jese putra ko janm diya ek 🪔 ki bhati hmri agyanta andhar ko door krne
मतलब, यह कि शूद्र को स्वरग जाने के लिए अपनी जान देनी पड़ेगी। ब़हमण को?
वेद के अनुसार जब जाती काम के आधार पर बनाया गया था, फिर बाद में जन्म के आधार पर कौन और क्यों बना दिया? Who is defaulter?
जब स्वय श्री राम भी स शरीर स्वर्ग नहीं गए तो शंबूक के लिए इतनी हाय तोबा क्यों
शम्बूक एक तांत्रिक तपस्या कर रहा था।शम्बूक सात लोगों की नरबलि दे चूका था शशरीर स्वर्ग जाने के लिए
Iska matlab h koi sawarg jane k liye puja paath shuru kre, to use maar kr sawarg pahucha do. 😂
Sweet voice
उत्तमम्
Really appreciate your video
Jai Shree Krishna
Dhanyawad es mahtwapuran Jankari ke liye
Sir also do video on characteristics ravan mentioned in valmiki ramayan
Beacuse nowadays there is lot propoganda that ravan was right and brave but reality is very different so pls clear the misconceptions about that also
Jai Shree Ram
🙏🙏
Thank you for doing this Acharya 🙏
Why Ram killed Shambhuk👇👇
1)Shambhuk did the penance to marry Shiva's wife Parvati
Reference- Mahabharata Tatparya Nirnaya 9.21
2)Because of Shambhuk's penance, the son of brahmin, kshatriya, vaishya, and 2 "shudras" were died
Reference- Anand ramayana/Rajyakand/10th sarga
3)Shambhuk did the penance to go to the swarg with his body and also to conquer the swarg
Reference- Valmiki ramayan 6.76.2-3
Why dont you open your youtube channel
शम्बूक एक तांत्रिक तपस्या कर रहा था।शम्बूक सात लोगों की नरबलि दे चूका था शशरीर स्वर्ग जाने के लिए
❤
Sir I used to hate Shri Ram because of such stories. But even if someone hates Ramachandra gets blessings in some or other form..
सादर अभिवादन
-^-
आपने बहुत प्रामाणिक विवेचन किया और अधूरा ज्ञान रखने वालों को बहुत समझाया आपको साधुवाद।
आपसे एक निवेदन है कृपया शम्भुक के तप करने का कारण और उसके पीछे की भावना भी यदि पता चल जाती तो अनर्गल बोलने वाले शान्त हो जाते जो भगवान राम को अपशब्द कहते हैं।
निग्रहाचार्य जी की पुस्तक में बहुत सुंदर वर्णन है इसका।
Nigrahacharya ko ye mahabharata Pasadena nahi karte
ज्ञान वर्धन के लिए हृदयसे आभार 🙏
Ati sundar sayeli me samjhaya ap ne guru g
मिस्र ji aap ko naman krte hai Eak nivedan kirpa Ved per bhi video bnane ki kirpa करें
धन्यवाद प्रभु जी
श्रीमान्, निवेदन हैं कि आप भारतीय महीने और उनसे ऋतुओं के संबंध तथा ऋतुओं के शुरू होने की तिथियों के बारे में बताएं।
Jai Shri Ram Jai Jai Hanuman
Hari om ji!
Gita Press English Ramayana, part 2, sarga 76, sloka 8
Says Sambuka will not gain swarga?
आपका पुस्तक संग्रह सब लोगो से साजा करता हुवा एक चलचित्र बनाइए
जिसे की हम सब लोगो को सुनिश्चित हो सके की क्या पढ़ना चाहिए और क्या नहीं
मेरा एक नम्र निवेदन है आपको।
Would you consider releasing an English version of this very important topic?
Great Guide ❤
Yes U R a excellent & brilliant narrator and explorer of epics and collecting the valuable information which is exactly 💯 % true .
Be blessed always with grace of God shree Hari Vishnu 🙏🏼.
Jai shree Radhe Krishna 🪷 🙏🏼
Jai shree Ram 🚩🙏🏼
Bahut bahut dhanyavaad
अति सुंदर
I love your dedication to our Sanskrit. Hearing you use "चलचित्र " instead of video is interesting indeed.
Very nice rebuttal
जय श्री राम 🪔🙏🪔
1.Later on authors realised the mistake of valmiki and tried to appease the audience by giving swarg, and including all castes. Alternatively, he might have given to the already dead boys, and have avoided murder of this fellow.
2. How can people die if someone gets involved in bhakti?
Overall rating is that later authors opposed killing of Shambuk by adding sadgati in feable voice, and blunting the edge of shudra opposition to Brahmin by including other castes as aggrieved.
For social harmony, we should appreciate the later authors' orthodox approach. Stories shape thoughts.
Thank you sir for your analysis. We should spread harmony, which you tried.
The important thing which is needed to be understood here is that shudra is not referred to any birth-based caste in our texts. Caste was a different thing altogether. Shudra simply means an uninitiated person. He could be of any caste. Its like someone who is not a doctor starts doing an operation. Or someone who is not educated himself becomes a teacher. It would be considered a crime even today. A shudra not being allowed to do certain rituals in ancient times is exactly the same thing. Because shudra is uninitiated and not qualified to perform those rituals. Simple. Certain rituals used to have extremely powerful effects, and if performed in the wrong way, unnatural effects can take place. Because of shambuk's mistake, people were dying in Ayodhya. It was because of this that he was punished. Birth based caste had nothing to do in the case of shambuk.
Well Explained 🙏
Hindi Translate :-
यहाँ जो महत्वपूर्ण बात समझ लेने की आवश्यकता है वह यह है कि हमारे ग्रंथों में शूद्र का उल्लेख किसी जन्म आधारित जाति के रूप में नहीं किया गया है। जाति बिल्कुल अलग चीज थी। शूद्र का सीधा सा अर्थ है एक अदीक्षित व्यक्ति। वह किसी भी जाति का हो सकता है। यह ऐसा है जैसे कोई व्यक्ति जो डॉक्टर नहीं है, ऑपरेशन करना शुरू कर देता है। या जो शिक्षित नहीं है वह स्वयं शिक्षक बन जाता है। इसे आज भी अपराध माना जाएगा। प्राचीन काल में एक शूद्र को कुछ कर्मकांड करने की अनुमति नहीं दी जाना बिल्कुल एक ही बात है। क्योंकि शूद्र दीक्षित है और उन कर्मकांडों को करने के योग्य नहीं है। सरल । कुछ कर्मकांडों का अत्यधिक शक्तिशाली प्रभाव होता था, और यदि गलत तरीके से किया जाता है, तो अप्राकृतिक प्रभाव हो सकते हैं। शम्बूक की गलती के कारण अयोध्या में लोग मर रहे थे। इसी वजह से उन्हें सजा मिली थी। शम्बूक के मामले में जन्म आधारित जाति का कोई लेना-देना नहीं था।
Hahaha,
.
Doc bina degree k operation shuru kr de to b use pakad kr jail me dala jata h , seedha sawarg nhi bheja jata.
.
Aur wo shudra hi tha. Shudra yani nimn jaati. Shabdo se khelna band kro,
Jo sach h use accept kro.
Aapki hindi bahut uchh koti ki hai ati sundar
A lot of thanks to provide real knowledge.vikas divyakirti nonsense ko bhi smja dena.🙏🙏🙏
Jai shree RAM.🙏🙏
🇮🇳🙏🏻❤️ dhanyavaad sir ji 🙏🏻
जय श्री राम भगवान के हाथ से मोछ मिले इससे बड़के क्या हो सकता है,, सुदामा की जिंदगी शुद्र से भी अधिक कठिन में जिए
कृपया, कैंब्रिज में ऋषि राज पोपट ने जो शोध किया है, उसकी प्रामाणिकता, विश्वसनीयता के बारे में वीडियो बनाइए। 🙏🙏🙏
आपके अनुसार क्या वर्ण व्यवस्था जन्मना है या कर्मणा ?
कर्मणा ही है जिसे मोही, दम्भी, अहंकारी और साम्राज्यवादी लोग इसे जन्मना ही साबित करने पर तुले हुए हैं।
Nityanand ji....you are doing great job.... please also counter baseless propganda aginst Sanatan Dharma being made and take up those issues.
आपकी हिंदी बहुत अच्छी है
Shambook badh to kewal rajneeti ki upj hai, jiske dwara divide and rule se satta milne ka prayas kiya Jata hai. Aapka vyakhyan atiuttam hai.
Mahoday aapse nivedan hai ki ek chalchitra hindu panchang par bana dijiye.
Pranaam
Please sir... bring a brief about UTTARA-KAND as soon as possible.. Namaskar.
Jai shree ram❤❤❤❤❤
valmiki ramayan ends with yudhkaand i think with falashruti. i think uttarkaand is definitely extrapolation
Sir please make a detailed video on the etymology of the word Varna. Also please mention the differences between Jaati and Varna.
Jaati is natural. based on genetics. Varna is artificial. based on the profession.
@@sanaksanandan Thanks for your information. One more thing is Jaati cannot be changed but Varna can be changed as it depends on Guna and Karma, that is qualities and actions.
@@raghavendrabairy393 Yes.
@@sanaksanandan jaati means ethnicity... like jatiyata or ethnicity....It may be or may not be genetic.. jaatis get evolved by mixing with other jaatis ....But in varna only merit and skill matters and not birth....All that is given importance is consciousness....Or atmagyan...
@@adwaitvedant3297 You are talking about later stages. Not the origin. In the beginning Jaati was fixed, due to genetics. And varna was flexible. And it ended up in reverse. Jaatis became mixed, and Varnas became fixed. 🙂
मेरा यह विचार है कि शम्बुक वध का पूरा प्रसंग ही प्रक्षिप्त है। किन्तु पूरा उत्तर काण्ड प्रक्षिप्त नहीं है। मैं यह बात दोनों पक्षों को सुनकर कह रहा हूँ।
नहीं
Bhai ek pustak padho
"Ramayan ke naam par bhraantiyaan aur unka samaadhaan"
@@studies3327 kya bataya hai isme bhai?
@@pratham1147 naam se hi spasht hai ramyana ki bhrantiyon ka samadhaan hai. Swami vidyanand saraswati iske lekhak hain
Sir ji aap bahut acchi video banate ho banate raho jai ram.
अनुत्तम् शब्द का प्रयोग अतिउत्तम के रूप में कहां कहां हुआ है महोदय !?
Aap ko mera pranam
Kisi ke tapasya se koi kaise mar sakta hai iswar ke bhajan se koi mar jaye ye samajh me nahi ata ispar prakash daliye guruji
Koi prakash nhi h bhai.
Mst ❤️
सन्नारी का अर्थ बताने की कृपा की जाय.
अद्भुत
Great
Vikas Divyakeerti part 2 is continued as anti-Brahmin graffiti on JNU's walls. Probably it will continue or reach the peak by the next general elections.
मुझे एक बात समझे नही आ रही..
कि बताया जाता है कि प्राचीन काल में वर्ण व्यवस्था कर्म आधारित थी तो सम्भुक शुद्र कसे हुआ ... इस हिंसाब से तो वह तपसीवी हुआ ........🙏🙏🙏🙏
@Aman Jha 😀😀😀 are na na na asa thudi hota h
कैसे भी करो वो तपसिया कर रहा था ।
ऐसे भी बहुत tepasewi हुए हैं जिसने कठीन तप किया पानी बंद ,खाना बंद ,सोना बंद , एक पर पर खड़ा रहना ..और भी....
तो क्या आप के हिसाब से वो तपस्वी नहीं थी उनके कर्म शुद्रो वाले थे ...
@@realSamarthT हा जी यही बात मैं बोल राहा हूं .. जो उत्तम कर्म करता है नित्य पूजा पाठ करता है ध्यान योग तपस्या आदि करता है वो विद्वान होता है
तो शम्भुक भी तो यही काम करता था 🙏🙏
@Aman Jha mahakavi वाल्मिकी, जिसने इतनी शानदार तपस्या की थी की इनके पूरे शरीर पर मिट्टी आ गई थी इसी लिए इन का नाम वाल्मीकि पड़ा ( बाकी आप जो सोचो)🙏🙏
@Aman Jha देखिए मैने केवल तप की बात nhi ki h mane tap ke sath sath puja pat nity dhyan utam karm ki bhi bat ki h 🙏🙏🙏
@@bajarangshah8343 shuru me padhai sabhi tapaswee log karte thhe. Phir education complete hone par ya toh normal life jeete thhe ya phir tap karte rehte thhe. Inme se bahut se log dusro ko padhate bhi thhe, experience bhi share karte thhe. Anpadh jahil ko jindagi beet jayega lekin khud se jyada kuchh nhi seekh payega.
शंभूक अगर सशरीर स्वर्ग नही जासकता है तों तुकाराम को कयसे सशरीर स्वर्ग भेज दिया गया ?
Great 👍👍👍
उत्तरकांड सही है या प्रक्षिप्त कृपया अपने विचार रखें...
सादर निवेदन...
-^-
sir bahut khoj ke baad mahan biduan se mulakat hui sadar parnaam ex army hav nabin kumar jha jindgi ka safar pl serch karen
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
नमस्कार
कठोपनिषद प्रसंग में नचिकेत सशरीर यमलोक गए थे, तो शम्भुक सशरीर स्वर्गलोक क्यों नहीं जा सकता था। क्या ए प्रसंग/आक्षेप श्रुति विरुद्ध होगा?
Wo swarg kuch samay ke liye gaye the
सर, विश्वामित्र-वशिष्ठ प्रकरण रामायण के कौनसे काण्ड व सर्ग में आया है?
Sahi kha time nhi samay hota hai ..Aisa meri adhyapiya ji ne mujhe 10th me tha tab Toka tha ..Maine kisi baat pr time bola to unhone kha ye Hindi ki kaksha hai time nhi samay kya hua ye bol sakte ho...baki samay to angreji madhyam vidyalay me ho to angreji bolege hi..majboori hai ..lakin kya Hindi ke kaksha me bhi angreji ke sabdo pr hun nirbhar ho gye hain...baat bhut gambhir hai...apka ATI abhar
बुद्ध काल से पहले कौनसी लिपि में रामायण लिखा गया था?
अनावश्यक रूप से आप शंबुक वध को नीतिगत ठहराने का असफल प्रयास कर रहे हैं...... कदाचित् आप प्रयास करते रहिए, यह आपका अधिकार है
Sir Vishnu awtar buddh ke bare me koi kahani bataye , aur Gautam buddh se unki bhinnata Bhai bataye
Aapke samjhane Ka tarika bahut hi achha hai
पोस्टमार्टम
बालमिकि ने रामायण को राम के समयकाल मे ही लिख दिया था देवनागरी लिपि आधारित संस्कृत भाषा की पद्य शैली मे इसको लिखा था
और बालमीकि ने जो भी लिखा उस पर कोई प्रश्न चिन्ह नही उठाया जा सकता
यह कथन और मान्यता है ब्राहमणो की
अब इसका एतिहासिक पक्ष पर विचार करें तो क्या स्थिति बनती है
देव नागरी लिपी ईसा के बाद की है जो पुर्व की धम्मलिपि का संस्कारित रूप है
संस्कृत. पालि प्राकृत का संस्कारित रुप है
यह सब एतिहासिक है साक्ष्य पूर्ण
तो गीता रामायण वेद पुराण उपनिषद सारे के सारे संस्कृत ग्रन्थ
केवल ब्राहमणो ने लिखॆ है अपनी मनुवादी जाति वर्ण व्यवस्था के समर्थन मे पोषण मे
धर्म के नाम पर आजीविका चलाने के लिए.
संस्कृत भाषा पाली के नजदीक नहीं हैं बल्कि तमिल भाषा से मिलती यहां तक व्याकरण और शब्द भी।
पाली भाषा किससे बनी ये बताओ ?.
हो सकता है यह भाषा किसी विदेशी भाषा तो नहीं थी या मिश्रित भाषा जो क्षेत्र विशेष तक ही सीमित रही थी कुछ काल तक।
ऐसा भी नहीं था तत्कालीन समय में पूरे विश्व या भारतीय उपमहाद्वीप में केवल मात्र पाली भाषा थी।
संस्कृत भाषा के शब्द से पुरी दुनिया के अधिकतम भाषा के शब्द मिलते हैं न कि पाली भाषा के।
अतः मानव पलायन जब होता है तो अपनी भाषा और मान्यता और सभ्यता के साथ होता है विषम परिस्थितियों के कारण वह भाषा और सभ्यता और मान्यताएं बदलता रहता है।
इस बात से यह तो निश्चय होता है कि संस्कृत भाषा के शब्दों के साथ पलायन हुए।
लोगों के पलायन काल के समय संस्कृत भाषा थी न कि पाली भाषा।
क्योंकि
If you are having problem with Statement given by Dr Vikas Divyakrity you should debate with him so that matter will be cleared
जय हो 🚩🙏🏻
🙏Dasbodh ka kaunsa Hindi anuvaad achcha hai aur khana uplabdh hai
Yhi to problem hai...kuchh clear hi nhi hai...jiska jo mn aya likh dala.....abhi bhut jruri hai ki sbhi scriptures ko 1 kr k ....1 param maha kavya/ved bnana chahiye....
Shiv sahasranama ka hindi arth ho sake to bataiye
मिश्रा जी बहुत सारे रामायण है अब हम कौन सा रामायण की बातों को विश्वास करें आप ही हमें बताएं