भारत में धर्मों का उदय कब हुआ? • Bharat mein dharmon ka Uday kab hua • Hamara Ateet •

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  • เผยแพร่เมื่อ 28 ส.ค. 2024
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    हमारे देश में अनेक इतिहासकार उन्होंने हमारे दिमाग में बचपन से ही यह भर दिया है कि भारत में धर्मों का उदय सृष्टि के प्रारंभ से ही चला रहा है । जब भी हम अपने इतिहास को पढ़ते हैं तब हमारे दिमाग में अनेक प्रश्न पैदा हो जाते हैं परंतु उन प्रश्नों के जवाब देने से इतिहासकार अपना मुंह मोड़ लेते हैं । इस वीडियो में, मैंने भारत में धर्मों का उदय कब हुआ इस विषय पर विस्तार से बात की है । आप इस वीडियो को पूरा देखें, आपको सब कुछ समझ में आ जाएगा ।
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ความคิดเห็น • 441

  • @HamaraAteet
    @HamaraAteet  ปีที่แล้ว +86

    Dear Subscribers - इस वीडियो में, मैंने जो बताया है शायद वह आप लोग समझ नहीं पाए हैं | आप सभी के प्रश्नों के उत्तर अगले वीडियो में मिल जायेंगे | इस वीडियो में, मैंने धर्म के उदय पर बात की है | धम्म बारे बारे में चर्चा नहीं की है | धम्म और धर्म दोनों अलग - अलग हैं | इस पर मैंने एक वीडियो बनाया है आप चाहें तो वह देख सकते हैं | सम्राट अशोक बुद्ध के धम्म को मानते थे | आज जिसे हम बौद्ध धर्म कहते हैं, वो भगवान बुद्ध के धम्म से बिल्कुल विपरीत है | इसी तरह महावीर स्वामी का जो धम्म है, और आज का जो जैन धर्म है उसमें जमीन आसमान का फर्क है |

  • @MrBhadoriya
    @MrBhadoriya ปีที่แล้ว +58

    आप जैसे सच्चे इतिहासकार की बहुत जरूरत है इस देश को, जो बिना किसी विचारधारा से प्रभावित हुए सच्चाई बयां कर सके 🙏

  • @KumarArun-yn8nm
    @KumarArun-yn8nm ปีที่แล้ว +29

    बुद्ध ही सत्य है सत्य ही बुद्ध है....

  • @azfarulhasnain6370
    @azfarulhasnain6370 ปีที่แล้ว +48

    सर आपको इसी प्रकार कार्य करते रहना चाहिए ताकि हम अपने देश भारत को एक समृद्ध राष्ट्र के रूप में बना पाए और अपने इतिहास पर गौरव करें और किसी भी राजा का अपमान ना करें उनसे जो गलतियां हुई उनसे सीख ले और आइंदा उसे ना करने की प्रेरणा लें

  • @netrammeena6658
    @netrammeena6658 ปีที่แล้ว +7

    आपका यह प्रयास हमारे लिऐ बहुत ही लाभदायक सिध्द होगा क्योकि अधिकाँस तो केवल गुमराह करने मैं ही लगे हुए है! बहुजन क्रांति में आपका अमूल्य योगदान भुलाया नहीं जा सकता

  • @vikarshmaurya
    @vikarshmaurya ปีที่แล้ว +21

    आपकी ये वाली वीडियो देखी बहुत अच्छी लगी। हमेशा ही आप इतिहास को सही तरीके से लोगों के सामने लाते हो परंतु इस वीडियो में धर्म के प्रति आप ज्यादा ही न्यूटरलाइज्ड नजर आए। मतलब ये बात बिलकुल सही है कि धर्म कोई स्पेशल पैदा नहीं होता है पहले उनका कोई गुरु होता है फिर अनुयाई बनते हैं। फिर बड़ा ग्रुप बनता है पंथ फिर समय के साथ वो धर्म में परिवर्तित हो जाता है समय के अनुसार। आपने इस विडियो में बुद्धिस्म और जैनिज्म के इतिहास को बताया कैसे धर्म बने। इनका इतिहास 2600 साल पुराना है- श्रमण परंपरा का इतिहास। और कैसे कैसे ये धर्म में परिवर्तित हो गए। बिलकुल सही । पर जब आपने हिंदू मंदिरों को जिक्र किया तो ये नहीं बताया कि किस देवी देवताओं के मंदिर बने। और हिंदुओं के गुरु परंपरा , पंथ और धर्म बनने का जिक्र नहीं किया। जिससे के लोगों को पता पढ़े कि भारत का असली इतिहास अभी तक के साक्ष्यों के आधार पर श्रमण परंपरा का इतिहास था जो बुद्धिज्म और जैनिस्म था या कुछ और। कृपया हिंदू धर्म के धर्म बनने पर भी विडियो बनाएं साक्ष्यों के आधार पर। क्योंकि आपने कहा मंदिर उनके भी बनाए गए थे। इसीलिए।🙏

  • @murarilal2666
    @murarilal2666 ปีที่แล้ว +18

    भारत में विचारों का आदर करने की परंपरा थी, आधुनिक धर्म की परिभासाएं यूरोपीय और इस्लामिक प्रभाव की वजह से गढ़ी गई हैं।

  • @ssfghjklawer
    @ssfghjklawer ปีที่แล้ว +15

    एक सच्चे इंसान और सच्चे रिसर्च को नमस्कार है

  • @lamsaba
    @lamsaba ปีที่แล้ว +6

    तथ्यों के आधार पर तयार किया गया इस भिडियो के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद देता हुँ । धर्मों का इतिहास के बारे मे सच्ची बाते जानने को मिला । ११औँ १२औ शदी से पहले कोइ धर्म नही था बस परम्परा ही था । इस तथ्य को मैंने नोट कर लिया ।

  • @somnathkhilare5039
    @somnathkhilare5039 ปีที่แล้ว +47

    बुद्ध ही सत्य है ❤💙

  • @ronhak3736
    @ronhak3736 ปีที่แล้ว +64

    भारत में मुसलमानों के आने के बाद धर्म की अवधारणा भारत में आई। यह मुसलमान ही हैं जिन्होंने मुसलमानों के अलावा सभी लोगों को हिंदू कहा।

  • @DrAnilBidua
    @DrAnilBidua ปีที่แล้ว +19

    आपकी ये बात तो तर्क पूर्ण है कि राजा सभी धर्मों के स्थल , मंदिर आदि बनवाते थे। आज भी राजा (प्रधानमंत्री) हर धर्म को साधने के प्रयास करता है। क्योंकि उसे सत्ता चलाने में हर नागरिक का सहयोग चाहिए होता है।
    धर्म से चिपकना लोगों का स्वभाव है और उस स्वभाव का फायदा उठाना राजा का काम रहा है।

  • @uttarabodhi_
    @uttarabodhi_ ปีที่แล้ว +15

    बहुत खूब , आपसे पढ़ने के बाद मेरा भारत के इतिहास को लेकर एक नया view पैदा हो गया

  • @fanishmundhra3529
    @fanishmundhra3529 ปีที่แล้ว +2

    ईतिहास पूर्वाग्रह दुषित लोगो द्वारा लिखा जाता है।
    कोई ईमानदार व्यक्ती इतिहास लेखन तरफ नही जाता ।आप जैसे लोगो का इतिहास संसोधन मे आना बहुत सुखद अनुभव है।

  • @SJRaoSahab
    @SJRaoSahab ปีที่แล้ว +19

    आपके वीडियो से बहुत ही अच्छी जानकारी मिल रही है, जिससे समाज में फैले अंधविश्वास दूर हों रहे है। और अपने सच्चे और वास्तविक इतिहास जानने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करने के लिए आपका धन्यवाद।
    ।। गुरुवर आपको एक बार और मेरा सादर प्रणाम ।।

  • @devendrashakya731
    @devendrashakya731 ปีที่แล้ว +5

    जी आपका वीडियो मनुष्य की चेतना पर बहुत बड़ा प्रभाव डालेगा। मैं भी यही सोचता हूं बुद्ध ने लोगों को जागरूक करना चाहा लेकिन आज भी लोग मूर्ख बने घूम रहे है और अन्धविश्वास को अपना कर अपना धन और समय बर्बाद कर रहे है।

  • @swapnil8453
    @swapnil8453 ปีที่แล้ว +20

    सादर प्रणाम !🙏😊
    आपके अनमोल Information के लिए ह्रदय से आभारी हूँ !

  • @sum89715
    @sum89715 ปีที่แล้ว +100

    इस धम्मो सनंतनो🙏🙏🙏🙏

  • @kishorushir1333
    @kishorushir1333 ปีที่แล้ว +10

    गुफा संख्या 1 से 12 - थेरवादा
    गुफासंख्या 13 से 29 - महायान, तंत्रयाण, वज्रयाण,
    गुफासंख्या 29 से 34 - जैन

    • @HamaraAteet
      @HamaraAteet  ปีที่แล้ว +19

      हां उसी महायान से आज के हिंदू देवताओं का जन्म हुआ है | यह बात मैं अपने कई वीडियोस में बता चुका हूं लेकिन फिर भी लोगों को समझ में नहीं आता है |

  • @navendumishra7639
    @navendumishra7639 ปีที่แล้ว +35

    सर क्या जानकारी से परिपूर्ण वीडियो था।कृपया इस पर वीडियो बनाए की सम्राट अशोक के समय से सम्राट हर्ष के समय के ब्राम्हण जो बुद्ध को अपना आदर्श मानते थे वे आज हिंदू धर्म में कैसे परिवर्तित हो गए।

  • @amii1764
    @amii1764 10 หลายเดือนก่อน +23

    भारत के प्राचीन राजा सर्वधर्मसमभावी थे, हिंदुत्ववादी नही थे और जनता भी अंधभक्त नही थी, इसलिये तब भारत का विकास हुआ

  • @sahaastitv6298
    @sahaastitv6298 ปีที่แล้ว +6

    बहुत शानदार, बहुत मजा आया है। मैं पूर्ण रूप से नास्तिक हूं।

  • @onlinehum101
    @onlinehum101 ปีที่แล้ว +5

    आपकी ज्ञानवर्धक और तर्कसंगत बातें आमजन तक पहुंचाने के प्रयास को मेरा सत सत नमन। एक बात जो आपने कही "धर्मों का उदगम्' का समय, वो मेरे विचार से धर्म शब्द के दुरूपयोग के प्रारम्भ का समय है ।

  • @Uaccustom_Poet
    @Uaccustom_Poet ปีที่แล้ว +2

    जब हमारे देश में ऐसे तथ्यों से लोग जागरूक हो जाएंगे और धर्म के धंधों में ताले लगने लगेंगे तब सही मायने में आजादी के अर्थ को समझ पाएंगे।
    हर व्यक्ति किसी ना किसी विचार में खुदको बाँध रखा है, क्यो ना लोग हर विचार से आजादी हो इंसानियत और विकास की बात करे और पूरे देश में शांति और समृद्धि के वृद्धि में अपना अपना योगदान दे।
    Sir आपके सारे videos बहुत निस्पक्ष और प्रभावपूर्ण होते है और आप जो video के लिए परिश्रम करते है आपके हर वीडियो में दिखता है।
    धन्यावाद Sir 🙏

  • @kikum3067
    @kikum3067 ปีที่แล้ว +36

    Very nice video sir. I couldn't stop appreciate you for your confidence and courage to reveal TRUE Indian historical facts with evidence. Thank you sir

  • @bittukumarblog3146
    @bittukumarblog3146 หลายเดือนก่อน +1

    सनातन ने हमे बुद्ध दिया,,जैन दिया,, गुरु गोविंद सिंह दिया अनेको योद्धा जो सनातन का ही देन है।।
    सर्व सनातन जय श्री राम,, नमो बुद्धा 🙏🙏

  • @rambali3008
    @rambali3008 ปีที่แล้ว +8

    इस तरह की जानकारी लोगों को जागरूक करने के लिए बहुत जरूरी है।

  • @bharatmeena5523
    @bharatmeena5523 ปีที่แล้ว +14

    Sir आपकी बातें सौ पर्सेंट सत्य है और मुझे इन बातों का पहले ही पता चल गया था कि इतिहास में हुआ क्या ह?

  • @pradipjawale-xx1wf
    @pradipjawale-xx1wf ปีที่แล้ว +12

    बुहुत आच्छे जाणकारी दी हे सर जी आपने ❤

  • @itsamazing825
    @itsamazing825 ปีที่แล้ว +2

    आप हमें सच बताकर अच्छा काम कर रहे हैं अन्यथा हमें झूठा इतिहास पढ़ाया जाता है। बहुत अच्छा काम सर, इसे करते रहें। हम आप का समर्थन करते हैं।

  • @n.r.meghwal4386
    @n.r.meghwal4386 ปีที่แล้ว +6

    बहुत ही खूबसूरत और प्रेरक जानकारी के लिए धन्यवाद सर।

  • @theIndianhistory9999
    @theIndianhistory9999 ปีที่แล้ว +6

    प्राचीन काल में नाही वर्ण व्यवस्था थी, नाही वेद थे और नाही संस्कृत भाषा थी।
    " वैदिक काल एक झूठ" है।
    इतिहास जानने के सभी स्त्रोतों से यह साबित हो जाता है कि," वैदिक काल" जैसा कोई समय , प्राचीन कालीन भारतीय इतिहास में नहीं था।
    1. पूरातात्विक स्त्रोत:-- वैदिक काल या संस्कृत भाषा का कोई भी अभिलेख या स्त्रोत, प्राचीन कालीन नहीं है।
    सभी संस्कृत अभिलेख, बारहवीं सदी के बाद के है जो मध्यकालीन है।
    2.भाषा विज्ञान के आधार पर :--- सभी ब्राह्मण साहित्य मध्यकालीन है और संस्कृत भाषा में लिखें गए हैं क्योंकि, संस्कृत भाषा नागरी लिपि से बनी है।
    नागरी लिपि बारहवीं सदी में बनी है और उससे तेरहवीं सदी में संस्कृत भाषा बनी। वेदों का लेखन तेरहवीं सदी में हूआ है।
    3. विदेशी राजदूतों के यात्रा वर्णन के आधार पर:-- भारत में सबसे पहला विदेशी यात्री, मौर्य काल में, आता है, जिसका नाम, मेगस्थनीज है जो इंडिका " नामक किताब में, भारतीय समाज, राजनीति, अर्थ व्यवस्था, का वर्णन करता है।
    मौर्य कालीन समाज व्यवस्था का वर्णन करते हुए, मेगस्थनीज कहता है कि, भारतीय समाज,सात वर्गों में विभाजित है।
    इसका मतलब यह हूआ की, तब वर्ण व्यवस्था नहीं थी।
    उसी प्रकार, सातवाहन काल,कूषाण काल, गूप्त काल , हर्षवर्धन काल में, क्रमशः प्लिनी,स्ट्रैबो, फाह्यान, व्हेनसांग और इत्सियांग जैसे विदेशी यात्री प्राचीन काल में बारहवीं सदी तक भारत आते हैं।
    सभी ने भारतीय समाज व्यवस्था का वर्णन किया है। लेकिन किसी भी प्राचीन कालीन, विदेशी यात्री ने वर्ण व्यवस्था और संस्कृत साहित्य तथा वेदों का वर्णन नहीं किया है।
    क्योंकि तब वेदों का लेखन ही नहीं हूआ था।
    मध्यकाल में तेरहवीं सदी में," अल बरूनी" नामक विदेशी यात्री ने, ब्राह्मणों द्वारा तेरहवीं सदी में वेदों का लेखन और वर्ण व्यवस्था की व्याख्या की है।
    4. विदेशों में भारतीय साहित्य का प्रचार :-- विदेशों में, बौद्ध धम्म साहित्य, का प्रचार प्रसार हूआ। मंगोलिया से इंडोनेशिया तक, जापान से यूनान तक, बौद्ध धम्म साहित्य का प्रचार प्रसार हूआ।
    लेकिन कहीं भी वेदों का प्रचार प्रसार नहीं हूआ, क्योंकि प्राचीन काल में वेद थे ही नहीं।
    5. लेखन कला के विकास के आधार पर:-- बौद्ध धम्म साहित्य, त्रिपिटक का लेखन, तथागत बूद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद " ताड़पत्रों" पर हूआ।
    चूंकि तब लेखन कला का विकास नहीं हुआ था।
    फिर तथागत बूद्ध से, एक हजार वर्ष पूर्व, वेदों का लेखन कैसे हो गया।
    तब नाही कागज़ का विकास हूआ था और नाही लेखन कला का विकास।
    6. मानव विज्ञान के आधार पर :-- वैदिक काल से संबंधित कोई भी,मानव वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
    नोट:-- सभी तथ्यों के आधार पर यह साबित हो जाता है कि, प्राचीन काल में, नाही वेद थे और नाही वर्ण व्यवस्था थी और नाही संस्कृत भाषा थी।
    वेदों का लेखन, तेरहवीं सदी में हूआ है।
    संस्कृत भाषा, नागरी लिपि से बनी है और नागरी लिपि बारहवीं सदी में उत्पन्न हूई थी और उससे तेरहवीं सदी में संस्कृत भाषा उत्पन्न हूई थी।
    सभी संस्कृत साहित्य ( ब्राह्मण साहित्य ) मध्यकालीन है।
    2. प्राचीन कालीन इतिहास, आदिम जातियों का इतिहास है और इनके इतिहास का दस्तावेजीकरण, बौद्ध धम्म पाली प्राकृत साहित्य में किया गया है, जो कि प्राचीन काल भारत के इतिहास को जानने का स्त्रोत है

  • @vandanaransing7512
    @vandanaransing7512 ปีที่แล้ว +2

    बहोत ❤❤ बुद्ध के बारे मे जाणकारी दि सर अपणे प्राचीन बुद्ध स्तूप ओर लेणी ये जाहीर किया

  • @meenadeliciousfood4657
    @meenadeliciousfood4657 ปีที่แล้ว +10

    Nice sharing 👍👍

  • @mahis787
    @mahis787 ปีที่แล้ว +13

    दसवीं सदी पहले सिर्फ धम्म(धर्म) था किन्तु 10 वी सदी बाद धम्म(धर्म) के प्रकारो के नाम बनने प्रारम्भ हो गए,,,, सनातन, हिन्दू, वैदिक, शैव, वैष्णव, जैन आदि

  • @bharatmeena5523
    @bharatmeena5523 ปีที่แล้ว +25

    सर एक वीडियो महान सम्राट जयचंद पर भी बनाना जिसे लोग सबसे बड़ा गद्दार कहते हैं।

  • @bluepanther2950
    @bluepanther2950 ปีที่แล้ว +27

    आपने मंदिर बनवाने की बात कही है तो क्या हिन्दू देवी देवताओं मंदिर थे? हिंदू शब्द तो बहुत बाद में 11 वीं सदी के बाद आया बताया जाता है फिर हिन्दू मंदिर कैसे हुए? क्या महायान के बोधिसत्वों के मंदिरों को ही हिन्दू मंदिर बना दिया गया?

  • @abhishekmenan
    @abhishekmenan ปีที่แล้ว +21

    One day views in millions ❤❤

  • @ramsewak-ue3yw
    @ramsewak-ue3yw ปีที่แล้ว +4

    शानदार विश्लेषण है आपका विडियो बहुत पसंद आया है

  • @prakritipragya9373
    @prakritipragya9373 ปีที่แล้ว +20

    नमो बुद्धाय..!
    आपके अदम्य साहस को शत शत वंदन ..!
    यहां धर्म से तात्पर्य सम्प्रदाय है , इसलिए इस video में जहां धर्म है उसे सम्प्रदाय समझें.. 🙏🙏
    - आमोद कुमार आनंद, एक विपस्सना साधक (editor in a publication, New delhi )

  • @indusvalleyroot1246
    @indusvalleyroot1246 ปีที่แล้ว +5

    सही बात है मुगल आराम से शासन कैसे करते रहे वास्तव मे कुछ समुदाय का योगदान जरूर रहा होगा।भक्ति आंदोलन सारे ग्रंथ इसी समय लिखे गये जो अंग्रेजो के समय तक महाग्रंथ बन गये।

  • @lalitkurrey1628
    @lalitkurrey1628 ปีที่แล้ว +4

    Good job sir आपका बहुत बहुत आभार जो असलियत इतिहास की जानकारी दी है super

  • @Aadiwasi_owner
    @Aadiwasi_owner ปีที่แล้ว +1

    सर,
    केदारनाथ मंदिर के इतिहास पर एक विडियो बनाओं,
    मेरे ख्याल से ये केदारनाथ मंदिर कि बिल्डिंग अंग्रेजों द्वारा बनाई गई थी,
    कृपया इसपर प्रकाश डालना

  • @sweetnidhi6288
    @sweetnidhi6288 ปีที่แล้ว +1

    क्या गजब का वीडियो बनाया है। जानकारियों से परिपूर्ण। मजा आ गया

  • @akg708
    @akg708 ปีที่แล้ว +5

    वैसे तो हमारे देश में बहुत से दर्शन हुए है जिसे लोगों ने अपने अपनाया महावीर बुद्ध और शंकर आचार्य सबका अपना अपना दर्शन जिसे लोगो ने बाद मे अपना धर्म मान लिया

  • @brajeshs4487
    @brajeshs4487 ปีที่แล้ว +4

    मेरा सभी से आग्रह है कि सभी लोग विपश्यना का अभ्यास करें और सच्चाई का प्रत्यक्ष अनुभव करें. सत्य को जानना हम सबका कर्तव्य और अधिकार है. भौतिक संसार की वास्तविकता को जानना हमारे लिए इसलिए भी ज़रूरी है ताकि हमलोग किसी भी भ्रम में ना पड़ें.
    Please do Vipassana as taught by S N Goenka.

  • @mohitevish2023
    @mohitevish2023 ปีที่แล้ว +10

    All Concepts are clear abouts dharma. Thanks for your informative video. 🙏🙏🙏

  • @arjunlaljeengar4933
    @arjunlaljeengar4933 ปีที่แล้ว +3

    विडियो अच्छा लगा sir
    धन्यवाद इस हेतु

  • @PremSingh-jw1nj
    @PremSingh-jw1nj ปีที่แล้ว +6

    Thanks sir for providing real history of India.

  • @purushottamdabhi3504
    @purushottamdabhi3504 ปีที่แล้ว +2

    साहब जी, श्रमण(श्रवण)को ही सनातन कहते हैं।ये भी तो हकीकत हैं कि,जब मुद्रण व्यवस्था नहीं थी तब गुरुकुल में गुरु जी द्वारा अपने शिष्यों को वेद ज्ञान "कंठस्थ " करवाया जाता था।बाद ताड़पत्रों पर लिखा गया था। तो आपका यह कहना कि सनातन या कोई भी धर्म ११वी/१२ वी सदी तक था ही नहीं!!! ये तो आपकी,अतिशयोक्ति पूर्ण समझ हैं।सिर्फ शिलालेखों के आधार को ही सच व स्वीकृत मानना ये तो वामपंथी विचारधारा ही हैं। जयहिंद वंदेमातरम।

    • @HamaraAteet
      @HamaraAteet  ปีที่แล้ว +4

      क्षमा चाहता हूं मान्यवर - श्रमण परंपरा में वेदों का ज्ञान नहीं दिया जाता था । वेदों का ज्ञान वैदिक परंपरा में दिया जाता था ।

  • @raya_asoka
    @raya_asoka ปีที่แล้ว +12

    Jay Bharat 🇮🇳 Jay Samrat Asoka Mahan 🦁

  • @SonuKashyap-km6op
    @SonuKashyap-km6op ปีที่แล้ว +7

    सर आपसे निवेदन है कि आप एक video चाणक्य की प्रमाणिकता पर बनाए प्लीज़

  • @rahu844
    @rahu844 ปีที่แล้ว +6

    सर गोंडों की चीजें सिंधु घाटी सभ्यता के इतनी समान क्यु है ।
    जैसे- 1)dokra Art मै Lost bronze wax technique
    Use करके मूर्तिया बनाई जाती हैं, इसी तरह की techique DANCING GIRL(monanjodaro मै मिली मूर्ति ) में पायी जाती हैं ।
    2) पशुपति सील या फड़ापेन (बड़ादेव) सील ।
    3) सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि गोंडी लिपि में पड़े जाने का दावा।
    4) Sacrifial seal या फड़ापेन(बड़ादेव) को बकरी की बलि देना ।
    बहुत सारी चीजें और भी हैं ।

    • @ganeshgmotivationentertenm7231
      @ganeshgmotivationentertenm7231 ปีที่แล้ว

      Ji sir
      सर सिंधु घाटी सभ्यता में अधिवाधियो की स्थित क्या थी बहुत सारे प्रमाण है जो आज के समय में गोंड जाति से है

    • @gondwana1990
      @gondwana1990 ปีที่แล้ว

      Hum sab ( SC ST OBC)Sindhu ghati ke hi vansaj hai. Gondo ne apne riti rivaj sanskriti ko chhoda nhi or baki kuch logo ne samay anusar khud ko badal liya, bas yahi vajah hai ki gondo ki chize Sindhu ghati se milti hai baki Lipi padhne ki jo bat hai wo , Puri tarah jhut hai MotiRam kangali ne gondo ko bewkuf banaya hai. Khud ko sresth sabit karne. Kangali itna bewkuf tha use Baba Saheb ne Adivasiyo ke liye kya kya Kiya ye tak pata nhi tha.

  • @sumedhbhagat161
    @sumedhbhagat161 ปีที่แล้ว +1

    ॐ नमो रत्नत्रयाय। ॐ नमः श्रीसर्वबुद्धबोधिसत्त्वेभ्यः। नमो दशदिगनन्तापर्यन्तलोकधातुप्रतिष्ठितेभ्यः सर्वबुद्धबोधिसत्त्वार्यश्रावकप्रत्येकबुद्धेभ्योऽतीतानागतप्रत्युत्पन्नेभ्यः। नमोऽमिताभाय। नमोऽचिन्त्यगुणान्तरात्मने॥ 🙏🙇📿✨

  • @voiceofindigenous7593
    @voiceofindigenous7593 ปีที่แล้ว +2

    बुद्ध वंदना की शुरुआत
    नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा संबुधस्स

  • @more848
    @more848 ปีที่แล้ว +10

    Excellent Sir ji 👍👍

  • @nav9005
    @nav9005 ปีที่แล้ว +7

    Sir, Chankya ke सच में होने का अस्तित्व पर भी वीडियो बनाइये

  • @LionKing-zm7vz
    @LionKing-zm7vz ปีที่แล้ว +5

    Jai Sri Ram 🙏 🚩 Namo Buddhay 🙏 ♥️

  • @mehfil-e-ghazal786
    @mehfil-e-ghazal786 ปีที่แล้ว +11

    I am new follower of u sir 🥰 thousands of clap for u

  • @sahabsingh6167
    @sahabsingh6167 ปีที่แล้ว +4

    सर कश्मीर में बौद्ध धर्म का काफी प्रभाव था अकबर ने किस गुरु के मंदिर तुड़वाये थे प्लीज सर बताइये 🙏

  • @KrishnaMishra-cu5ec
    @KrishnaMishra-cu5ec ปีที่แล้ว +6

    सर आप ने कहा कि सब श्रमण परंपरा के अनुयाई था तो क्या उस समय जिसे वमन कहा जाता था क्या वही सब आज के ब्राह्मण है

  • @tarsemsingh-qj7uz
    @tarsemsingh-qj7uz ปีที่แล้ว +8

    सर अगर एक खास संप्रदाय ने अकबर के काल में ही सबसे अधिक महत्व प्राप्त कर के अपनी मान्यताओं और धर्म का प्रचार प्रसार किया तो 1526 में बाबर के समय इन्हे काफी कमजोर स्तिथि में होना चाहिए था ,लेकिन जिस तरह से गुरु नानक अपने समय की सभी प्रभावी मान्यताओं और धर्मो का खण्डन करते हैं , उस से तो यही लगता है गुरु नानक या बाबर के समय भी ब्राह्मणवाद या ब्राह्मणी मान्यताओं का काफी प्रभाव या बोलबाला रहा होगा, क्योंकि इस समय गुरु नानक केवल दो ही मुख्य धर्मों इस्लाम और हिंदू धर्म की ही चर्चा या कटाक्ष करते पाए जाते हैं??

  • @sunilgaikwad3238
    @sunilgaikwad3238 8 หลายเดือนก่อน +1

    BOHOT achhi jankari di budhh hi saty hain jaybhim namo budhhay ❤❤ babasahab ne 21 varsh sabhi dharmoka gaharai se adhyayan kiya tha tabhi jakar budhh ko apanaya aap great ho ❤❤❤❤

  • @Mr011796
    @Mr011796 ปีที่แล้ว

    बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी दी और इन दुकानों के मालिकों की पोल खोल दी।🙏

  • @rakeshmeena2246
    @rakeshmeena2246 ปีที่แล้ว +2

    Nice video for knowledge
    Next video wating
    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @ex-hinduatheistdevsen184
    @ex-hinduatheistdevsen184 ปีที่แล้ว +8

    Very good presentation 🙏🙏

  • @sunilkrmourya1542
    @sunilkrmourya1542 ปีที่แล้ว +7

    Sir ap to eak acha motivater ho. Thank you.

  • @mansri9035
    @mansri9035 ปีที่แล้ว +8

    प्रणाम सर जी।।।❤❤❤❤

  • @j.k.ahir_
    @j.k.ahir_ ปีที่แล้ว +8

    Aapka hamesha aabhari rahenge bhai 🙏🙏🙏

  • @ajaybaser9227
    @ajaybaser9227 ปีที่แล้ว +7

    बहुत बढ़िया 👌👌

  • @KirpalSingh-ts5or
    @KirpalSingh-ts5or ปีที่แล้ว +1

    बहुत ही जबरदस्त वीडियो है।

  • @deepakshakya5257
    @deepakshakya5257 ปีที่แล้ว +4

    यह लॉजिक बिल्कुल सही है एकदम अगर जिसके पास तर्क बुद्धि विवेक होगा इसके पास दिमाग होगा

  • @mahis787
    @mahis787 ปีที่แล้ว +17

    धर्म सनातन है किन्तु सनातन धर्म नहीं है....

  • @priyatamanuragi9398
    @priyatamanuragi9398 ปีที่แล้ว +11

    महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार... 🙏
    मुझे एक बात समझनी है कि श्रमण और ब्राह्मण परम्परा साथ साथ विकसित हुई या एक के बाद दूसरी ??
    और दोनों विचारधाराओं में टकराव का ऐतिहासिक घटनाक्रम क्या है??

  • @rajkumarfacts2929
    @rajkumarfacts2929 ปีที่แล้ว +2

    प्रिय बंधु,
    जैन धर्म और हिंदू धर्म केवल भारत में ही सीमित है जबकि बौद्ध धम्म विदेश में भी विद्यमान है।
    ऐसा कैसे हुआ? बौद्ध दर्शन की क्या क्या विशेषताएं रहीं ?कि वह विदेश में भी प्रचारित हुआ। जैन और हिंदू धर्म विदेश में क्यों प्रचारित नहीं हुए?
    मेरे इस कथन को स्पष्ट कीजिए और बताइए के बौद्ध दर्शन कितने देशों में विद्यमान है?

  • @bikkiezgrg
    @bikkiezgrg 24 วันที่ผ่านมา

    You are doing great. Love from nepal 🇳🇵

  • @TK_KuMar_19
    @TK_KuMar_19 ปีที่แล้ว +23

    बमण, वर्तमान के ब्राह्मण कैसे हो जाएंगे सर, वों तो बौद्ध बिक्षु होते थे

    • @HamaraAteet
      @HamaraAteet  ปีที่แล้ว +21

      हर्षवर्धन से पहले भारत के 90% ब्राह्मण बौद्ध धर्म को ही मानते थे ।

    • @TK_KuMar_19
      @TK_KuMar_19 ปีที่แล้ว +2

      @@HamaraAteet tq sir

    • @battleofknowledge5293
      @battleofknowledge5293 ปีที่แล้ว +2

      ​@@HamaraAteet अभीकी bramhan जाती थी या ऊस समय एक rank थी???

    • @amitkosa5387
      @amitkosa5387 ปีที่แล้ว

      sar brahman jati thi ya koi title/profession?

    • @prakharkumar4051
      @prakharkumar4051 ปีที่แล้ว +2

      ब्राह्मण होना और वैदिक ब्राह्मण होना इन दोनों में बड़ा अंतर है

  • @the3mevrick
    @the3mevrick ปีที่แล้ว +6

    excellent

  • @vishalmaurya2961
    @vishalmaurya2961 ปีที่แล้ว +3

    📌बौध्य ग्रंथों के अनुसार पुष्यमित्र शुंग मौर्य था ....मौर्यवंश के पांचवे सम्राट संपत्ति से शुरु होती है उसकी पीढ़ी
    संपदिनो बृहस्पति पुत्रो बृहस्पतेऽर्वृषसेनो वृषसेनस्य पुष्यधर्मा पुष्यधर्मणः पुष्यमित्रः । .......
    देवस्य च वंशाद् अशोको नाम्ना राजा बभूवेति।
    (-Ashokavdana)
    अर्थात - सम्पादि (सम्पत्ति) के पुत्र बृहस्पति हुवे , बृहस्पति से वृषसेन हुवे , वृषसेन से पुष्यधर्मा और पुष्यधर्मा से पुष्यमित्र हुवे। यह देव स्वरूप पुरुष देवानाम्प्रिय अशोक के वंशज , राजा बनते हैं ।
    Note - किसी भी हिंदू ग्रंथ में पुष्यमित्र को ब्राह्मण नहीं कहा गया है, ना हो ब्राह्मणों में शुंग नाम की कोई जाति या गोत्र है ....यहां तक कि इसने कई स्तूप की मरम्मत तक करवाई... ब्राह्मणों ने इसको अनार्य तक बोल दिया था बाद में ....
    प्रतिज्ञा दुर्बलं च बल दर्शन व्यपदेश दर्शिताऽशेष सैन्यः सेनानीनार्यों मौर्यं बृहद्रथं पिपेश पुष्यमित्रः स्वाभिनः
    :- हर्षचरित्रम्(बाणभट्ट)
    अनार्य सेनानी पुष्यमित्र ने प्रदर्शन के बहाने से अपनी संपूर्ण सेना का एकत्रीकरण कर अपने प्रतिज्ञा दुर्बल सम्राट ब्रह्द्रथ की हत्या कर दी।

  • @Daluram5367
    @Daluram5367 14 วันที่ผ่านมา

    सर धन्यवाद एसे ही सचेत रहो सबुतो के साथ

  • @chakrawarthiraju6165
    @chakrawarthiraju6165 ปีที่แล้ว +10

    Great work sir. I am in your telegram group. How can I talk to you sir?

  • @surendraprasadsah9879
    @surendraprasadsah9879 ปีที่แล้ว +3

    धम्म था उस समय। भले ही वह आज के जैसा धर्म के रूप में नहीं था, एक मार्ग के रूप में था।सर आप कह रहे हैं किसी राजा ने अपना धर्म नहीं लिखवाया।यह बात सही है कि आज के जैसा धर्म का रुप नहीं था। लेकिन असोक, समुद्र गुप्त तथा हर्षवर्धन ने शिला लेख में क्या अपने को देवानागं पिय नहीं लिखवाया।यानि बुद्ध का प्रिय या भिक्खु का प्रिय। कृपया जबाब दें।

  • @aadityasingh7808
    @aadityasingh7808 ปีที่แล้ว +10

    Nice explanation .. Keep educating us .. Jai Hind 🇮🇳

  • @bdahirwar9352
    @bdahirwar9352 ปีที่แล้ว +4

    सभी सुभचिंतकों को अंधविश्वास छोड़कर संसार में प्रचलित सभी प्रमुख धर्मों ,उनके ग्रंथों का अध्ययन निस्पाक्छ होकर करना चाहिए ,तुलनात्मक रूप से सही ,वैज्ञानिक वा नैसर्गिक रूप से सही अधिक मानवतावादी होने पर ,उसे अपने जीवन में अंगीकार कर सकते हैं।

  • @chandrabaliram3214
    @chandrabaliram3214 ปีที่แล้ว +1

    Bahut hi saandar kam kar rahe hai dil se salut namo buddhay

  • @sum89715
    @sum89715 ปีที่แล้ว +10

    सर अपको नमन 🙏🙏🙏

  • @sandeepgautamvlog
    @sandeepgautamvlog ปีที่แล้ว +3

    Bahut achha topic tha sir 🙏🙏 ji

  • @vinay2586
    @vinay2586 ปีที่แล้ว +11

    Very good information, as usual last five minutes were eye opener. Thanks

  • @Vijaykumar9026-
    @Vijaykumar9026- ปีที่แล้ว +4

    Realy good information 🙏thanks 👌👌

  • @user-mh3ws1ol5c
    @user-mh3ws1ol5c ปีที่แล้ว +22

    Dharama means duty and it is Sanatan Dharma 🕉️

  • @vishalmaurya2961
    @vishalmaurya2961 ปีที่แล้ว +6

    Bhai ... Aap bahut bada parivartan laoge.... Mere paas Ashoka ke abhilekhon ki pdf hai...achhi quality ki... Aap Gmail de ham share krna chahte hai...

    • @HamaraAteet
      @HamaraAteet  ปีที่แล้ว +2

      hamaraateet@gmail.com

  • @biomind
    @biomind ปีที่แล้ว +4

    Bahut badhiya 🤗🤗🤗🤗

  • @parmeshwardeenyadav3195
    @parmeshwardeenyadav3195 3 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर

  • @user-ff7nu4be7o
    @user-ff7nu4be7o 5 หลายเดือนก่อน

    सर आपकी जानकारी बहुत बहुत अच्छी लगी है

  • @RakeshKumar-dv5by
    @RakeshKumar-dv5by ปีที่แล้ว +4

    सबसे प्राचीन धर्म बौद्ध धम्म संघ हैं 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🥀🥀🥀🥀🥀

  • @rajendrakumarahirwar4163
    @rajendrakumarahirwar4163 ปีที่แล้ว +2

    Sir aap itihas ke bare me bahut achha beshlesan satik tathyon par adharit hota mai bahut.beshari se intjar karta hu

  • @Dino-mz7ll
    @Dino-mz7ll ปีที่แล้ว +4

    Sir,Gupta kaal me kis hindu devi devta ka mandir bana tha, Aap ne bataya tha,ki saare hindu devi devta mahayan se aaye hai to,aur maine bhi research kiya tab hindu mandir kaha se aaya🙄🙄

  • @hemshankar4666
    @hemshankar4666 ปีที่แล้ว +1

    Mujhe history me bahut intrest hai, jb aap mile to history ko dekhne samjhne w pdne ka tarika bdal gya thank you, love you sir 🥰

  • @gudiyagudiya9629
    @gudiyagudiya9629 6 หลายเดือนก่อน

    सही कहा आपने ये अपनी अपनी दुकान चला रहे है आप तो दुकान बोल रहे हैं और कुछ दुकान वाले बोलते हैं की ईश्वर नहीं है और मेरी प्रार्थना है की इनकी दुकान चले ना तभी विश्व में शांति होगी हर जगह शांति शांति शांति

  • @RaviMagare
    @RaviMagare ปีที่แล้ว

    Good Morning Sir G,
    और जो सम्यक कर्म करता है, वही सदाचारी होता है, और धार्मिक होता हे।