विजय सरदाना जी की बात 100% सही है! पंजाब की नालायक सरकार केवल अख़बार और TV के विज्ञापनों के हो रहे खर्चो को पंजाब के किसानों को सब्सिडी पे उड़ाए तो बेहतर होगा
तथ्यपूर्ण सही बात रखी है आपने सभी लोगों को गारंटी मिलनी चाहिए कपड़ा बनाने वाले, मकान बनाने वाले, जूता बनाने वाले, रिक्शे वाले........ आदि इन सभी ने क्या बिगाड़ा है क्या किसान ही सबसे बड़ा है क्या।
हां किसान सबसे बड़ा हैं खाने के लाले पड़ जायेंगे जिस दिन किसान काम करना छोड़ देगा और हां मूर्ख कपड़ा भी किसान की फसल से बनता है जरा कल सुबह से रात तक ये बिचार लगाना कि आज मैने किसान के हाथ से पैदा हुई कौन सी चीज उपयोग कि 😅
Ye sabhi keval moonafa lekar hi bechte hai. Kisan ki production cost jayada hoti hai .Vo munafa lekar nahi bech sakta kyoki fal, sabji, jyada din rakh nahi sakta 😢😢
विजय सरदाना सही बोल रहे है,सब किसान को मुक्त देंगे,पानी,बिजली, नुकसान तो बचेगा क्या? सभी बिजनेस वाले नुकसान मांगने लगे तो क्या होगा, कांग्रेस ने सत्तर साल में क्या किया, धान को ओपन बीकने का कानून लाना ही होगा,किसान कहीं भी बीक सके,तोही अच्छे दाम मिलेगा।
Hats off to Vijay Sardana ji. Bare truth is always bitter. 90% farmers are not from Punjab and it's pity politics played by Bhagwat Mann and when it backfire Bagwant Mann first stop funding and fled away first. Jai Hind Jai Bharat.
बिल्कुल सत्य प्रतिशत 100% सही विजय सरदाना जी की बात इस डिबेट से यह पता चल चुका की यह सारा काम सरकार की है और राज्य सरकार की है केंद्र सरकार पर झूठी आप मनीी जा रही है
विदेशी फंडिंग की लालच देकर उपद्रियों द्वारा हिंसा,उपद्रव, पत्थर बाजी का आतंक फैलाना और वो भी उन भोले भाले किसानों के नाम पर कहां तक जायज है! बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके नाम का भी कोई रास्ता होता है!शर्म आनी चाहिए🙏
किसान हर तरह से तकरीबन खुशहाल है न कोई टैक्स रिटर्न फाइल करनी न देश के विकास मे कोई पैसा देना उल्टा सरकारो से सब कुछ लेना उधार लेकर ऐश करना और फिर रिण माफी के लिए आम जनता को तंग करना ये आज के किसान का हाल है।
दो कौड़ी के लोग सरकार की तरफदारी करने वाले कृषि विशेषज्ञ बनकर ना बोलें ना अपनी बात उनके माथे पर ठोंके। किसान आज कहां आजाद है या आज कहां वह मूल्य मिल रहा है जो परेशानी या मुसीबत में आ जायेंगे? यही हाल रहा तो सरकार के साथ साथ पूरा देश मुसीबत में आ जायेगा फिर विदेशी गेहूं चावल से ही जिंदगी चलेगी जो करीब तीन गुना महंगी होगी। सरकार तो उसमें भी कमा लेगी चाहे जिसकी सरकार हो पर पूरे देश की जनता इसमें फंस जायेगी।
International wheat aur paddy tumhare yahan msp pe milne wale wheat aur paddy ki price se kam hi. Warna gov ko kya problem wo kisaano se leke international market me bech deti. Tum jaise khud me hi jo gyani aur free wale logo ki wajah se desh ka bhatta baith jata hi. Unhone jitne question raise kiye uska ek bhi jawab hi tumhare pass bus faltu ki bakaiti karte ho
ये देश विरोधी चैनल है ये देश हित से सम्बंधित कोई बात होगी तो बीच-बीच में रोकेगी और टोकेगी । विजय बहुत बहुत धन्यवाद इस चैनल की बोलती बंद करने के लिए इसे पता है विजय जी लाख टका सही बात जनता के बीच रख रहे हैं तो बीच शिवकुमार को ले आई ।
ये किसान आंदोलन तो यूं ही चलता रहेगा कितनी भी मांग जायज और न नाजायज हों। यह आंदोलन राजनीति से प्रेरित है इसका फैसला नहीं हो सकता। आढ़ती लाइसेंस रद्द कर FCI खरीद करे डायरेक्ट किसान से और किसान को उसके खेत में ही चेक से भुगतान करें।
ये कोई किसान नहीं हैं ये जमींदार हैं जो पंजाब मे एक या दो एकङ के किसान थे वो आधे तो बेचकर कनाडा चले गए और जो ये आंदोलन कारी है इन को कनाडा सै फंडीग होती है उसी पैसे से छोटे किसानो की जमीन खरीदते है
यदि समान नागरिकता का विषय है तो जो नागरिक बिना जमीन वाले है उनको भी जमीन दिलाने की क्रपा करे । जमीन बालो की कुछ परेशानी कम होगी और अन्य लोगो का भी भला होगा ।
Swaminathan commission is an expert in growing crops. Not in fixing the price for the crops. It should be let to farmers not to the Government. Farmers land rates are increased 10+ times from the time his report has come. People staying in rented houses, ni farming land and doing small private job pays income tax and they don't come into that tax bracket.
आपका लेख " किसानों की मांगें मानना कितना व्यावहारिक होगा " शीर्षक से दैनिक भास्कर dt 17.2.24 में पढ़ा । नीरज कौशल आपने बिना पूर्ण सही तथ्य जानें लेख लिख दिया है।आपकी तरह के अपूर्ण ज्ञान से लिखे लेखों से अर्थ व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाले आंदोलन के प्रति देश की जनता के मन में किसानों के प्रति गलत भाव पैदा होते हैं। किसानों की मांग है कि सरकार msp पर कानून बनाएं कि फसल की वास्तविक लागत से 1.5 गुने से कम पर फसल की खरीद करना जुर्म होगा। सरकार किसान की फसल की लागत का 1.5 गुना रेट MSP घोषित करे। सरकार पूरा खरीद करना जरूरी नही है ,लेकिन विशेषज्ञ जानबूझकर पूरी खरीदी सरकार की बता कर भटका रहे हैं और देश को मिस गाइड कर रहे हैं सरकार एवम अन्य व्यापारी भी MSP के रेट से फसल कम पर नही खरीद सकता । अभी व्यापारी कम रेट पर फसल खरीद भारी मुनाफे से बाद में बेचता है । किसान की जमीन होती है, किसान बहुत मेहनत करता है लेकिन अपनी लागत तक नहीं निकाल पता है ,और आत्महत्या करने पर मजबूर होता है । आज देश में MSP का फायदा मात्र हरियाणा और पंजाब के किसान ही ले पाते हैं इसलिए वे धनाढ्य भी है जबकि देश के अन्य भागों में किसान ये फायदा ना ले पाने के कारण आत्महत्या को मजबूर है। हरियाणा और पंजाब के किसान MSP का फायदा जानते हैं इसीलिए वे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब को छोड़ देश के अन्य भागों में किसानों की फसल MSP रेट पर नही बिकती है इसलिए वे इसका फायदा नहीं जानते हैं , और इसी कारण आंदोलन से जुड़ नही पाते हैं । मजबूरन अपनी लागत नही निकाल पाते हैं तथा आत्महत्या को मजबूर हो जाते हैं । आप जैसे पत्रकार अधूरी जानकारी के आधार पर देश में किसानों के प्रति गलत धारणा पैदा करने का काम करते हैं।
विजय सरदाना को ही प्रधान मन्त्री बना दिया जाये, क्यों कि उनको जितना संविधान का पता है। उनता तो शायद संविधान बनाने वाली टीम को भी नहीं होगा। तो हमारे प्रधान मन्त्री या कृषि मंत्री, या कानून मंत्री या फिर किसी सरकारी अधिकारी को कहाँ होगा, बेचारे कभी चंडीगढ़ तो कभी कही बैठके करते फिर रहे है। शिव कुमार सर ने सही कहा। जो विजय सर कह रहे है। वही बात सरकार कह दे।
Election '24 aya hai Loan maffi ke liye tractor aaya hai....yaha adivasi ka income sab se niccha hai...use 2000 loan maaf aur dusaro ko 80k se 2 lakh loan maff...ye kon sa nyay hai😂😂
विजय सरदाना जी कैपिटल और टर्न ओवर में हर धंधे में अंतर होता है। खेती में लागत का सर्कल तकरीबन, 6 महीने का होता है परन्तु व्यापार में एक दो दिन से लेकर औसत 15 से 20 दिन का होता है। किसान जो 50% मांग रहा है वो 6 महीने का मांग रहा है जिसमें कुदरती आफत तथा सरकार की कार्यप्रणाली और प्रबंधन के नुकसान भी शामिल हैं।
@@jitendraprasad987yeh tumhara papa dalal jaisa baat karte hai, toh usko dalal Nahi bolega, tumhara baap Kabhi Gaya hai kept me kaam karne k liye aur economist banter hai
@@babasidhu1255 बेटा इससे समस्या हल नहीं होगा तू दूसरों को मिर्ची लगवा उससे क्या फायदा जी सच्चाई है वो सच्चाई ही रहेगी अपने बारे में अपने परिवार के बारे में सोच किसी के सहारे से कोई ज़िन्दगी में तरक्की नहीं करता जा कर मार्केट का थोड़ा रिसर्च कर जिन लोगों को MSP नहीं मिल रही वो तुमसे ईन किसानों से ज़्यादा कमा रहें हैं तुझे पता है कभी सोने का भाव और गेंहू का भाव एक हुआ करता था आज सोना कहां है गेहूं कहाँ है क्यों कि सोने को बाजार मिला और गेहूं को MSP पैसा बाज़ार से मिलता है सरकार से नहीं
विजय सरदाना जी ने सही कहा, लेकिन केन्द्र सरकार को भी चुनावी लाभ के लिए किसी राज्य की मदद करने से बचना चाहिए।ऐसी नीति बननी चाहिए कि जो राज्य चुनाव के कारण लोक लुभावन वादे करते हैं,वो अपने खजाने से उसे पूरा करें। उसमें केन्द्र सरकार उसकी मदद न करें, फिर सरकार किसी भी पार्टी की हो।
किसानी करने वाले किसान किस प्रकार संकट में आयेंगे यह जानने की जरूरत है और यदि किसान पर संकट आता है तो किसान के संकट में उसके साथ खुले में हर मौसम में खड़ा कौन होता है। अगर संकट से बचने के लिए जैसे कि हर धंधे वाला घाटा से बचने के लिए अपना धंधा बदल देता है तो क्या किसानों को भी घाटा से बचने का अन्यों की तरह धंधा बदलना भी समाधान हो सकता है।
किसान संकट में आज तक नहीं है पंजाब जैसे फर्जी खलिस्तानी,देश के हित के लिए नहीं देश बिगाड़ रहे ऐसा हालत रही तो यह इस्तीथ रहा तो सरकार का किसानों पर भरोसा उठ जाएगा,एम एस पी से फायदा नहीं होगा 🚩🚩
M.S.P VARIES FROM STATE TO STATE ... STATE GOVT DECISION IS 90% ON MSP GUARANTEE. CENTRAL GOVT CAN NOT GIVE LEGAL GUARANTEE ON MSP WITHOUT OPENION OF STATES.. LEGAL GUARANTEE. SHOULD BE GIVEN STATE WISE. CROPS, MARKETING, TAX, ETC COME UNDER STATE.
एमएसपी तुलना 2014 2024 (कांग्रेस-एमएमएस) (भाजपा-मोदी) 1. गेहूं 1400 2275 2. जौ 1100 1850 3. ग्राम 3100 5440 4. मसूर 2950 5425 5. सरसों 3050 5650 6. कुसुम 3000 5800 7. कपास (MS) 3750 6620 8. कपास (SL) 4020 7020 9. ज्वार हाइब्रिड 1530 3180 10. ज्वार 1550 3225 11. बाजरा 1250 2500 12. रागी 1550 3846 13. सोयाबीन 2560 4600 14. तिल 4600 8635 15. नाइजरसीड 3600 7734 16. मूंग 4600 8558 17. उड़द 4350 6950 18. सूरजमुखी एस 3750 6760 तो फिर किसान विरोध क्यों कर रहे हैं ? क्या वे असली किसान हैं ? क्या एमएसपी वास्तव में कोई मुद्दा है ? अगर मोदी उन्हें कांग्रेस शासन से दोगुना एमएसपी दे रहे हैं तो वे सड़कों पर क्यों हैं ? उन्हें कौन उकसा रहा है ? असली मकसद क्या है ? इन नंबरों को व्यापक बनाएं। कोई भी मुख्यधारा का मीडिया आउटलेट इसे उजागर नहीं करेगा I
इस महान कृषि विशेषज्ञ पर हंसी आ रही है मुझे आज 70 सालों में पहली बार किसी महान कृषि विशेषज्ञ ने इक्वलिटी की बात वह क्या बात है महान कृषि विशेषज्ञ किसान अगर अपनी एसपी 50 प्लस प्रॉफिट पर मांगी तो इक्वलिटी की और जो खुला व्यापार हो रहा है उसे पर मनचाही रेट डालकर पैसा कमाया जाता है उसे पर क्या कहेंगे महान विशेषज्ञ
Vijay Sardana is a very logical, and knowledgeable person. The figures given are shocking. From what I could understand is state governments will decide what is the cost price, taking into account, the input prices. But the cost price plus 50 % msp will be given by the central government. My question is, if central government is getting cheaper rates in international markets, then why should they buy from Punjab.
Sardana ji is illogical He does not understand what he is trying to say actually Msp is to decide to centre govt He tells that this is subject matter of state govt Centre govt can dicide it having discussion with states, very simple But as much as I understand this msp is being controlled by some other agencies that is like adsni Ambani Adani has invested much more to making stocks for food grains Thats why sarda is favoring central govt He is like a chamcha only He is without logic U can hear some other exprt
17 लाख करोड़ की फ़सल यदि सरकार खरदती है तो क्या उस फ़सल को फ्री मै बेच देगी। 14 या 15 लाख करोड़ मै बेचेगी। 2 3 लाख करोड़ 45 लाख किसानों के लिए दे देगी सही दाम तो क्या फर्क पड़ता है। पिछले 10 साल मै 13 लाख करोड़ रुपए धन्ना सेठों का माफ कर दिया। क्या किसान अपने परिवार को अच्छे से पालन नहीं कर सकता है। अच्छी जिंदगी धन्ना सेठ ही जी सकते हैं। क्या फायदा फिर लोकतंत्र का, गद्दी छोड़ो फिर तो। 70 साल मै देश पर लगभग 56 लाख करोड़ का कर्जा था जो पिछले 10 साल में बढ़कर 173 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इतने बगोड़े देश छोड़ कर भाग गए उनका क्या।
एम एस पी की गारंटी सभी राज्य अपने अपने राज्य मे घोषित कर यही न्यायिक तथा संवैधानिक दृष्टिकोण से उचित होगा ।जयहिन्द जय भारत
ऐसा ही होता है वास्तव मे, ये राजनीति हो रही है और मीडिया वाले या तो जानते नहीं या फिर मजे ले रहे हैं टीआरपी हेतु
विजय सरदाना जी की बात 100% सही है! पंजाब की नालायक सरकार केवल अख़बार और TV के विज्ञापनों के हो रहे खर्चो को पंजाब के किसानों को सब्सिडी पे उड़ाए तो बेहतर होगा
To फिर केंद्र सरकार क्यों तीन क़ृषि क़ानून बनाता है
भाजपा देश का सारा पैसा मोदी गारंटी के प्रचार मे खर्च करे तो सही,,,पंजाब मे अच्छे काम करने वाली सरकार यदि प्रचार करे तो खराब।.।भाजपा भगाओ देश बचाओ।
मोदी से ज्यादा प्रचार पर पैसा किसी ने नहीं उड़ाया
@@vikashmahtokrantikari9501wo commerce & trade list k kanoon the na ki agriculture ke.
तथ्यपूर्ण सही बात रखी है आपने सभी लोगों को गारंटी मिलनी चाहिए कपड़ा बनाने वाले, मकान बनाने वाले, जूता बनाने वाले, रिक्शे वाले........ आदि इन सभी ने क्या बिगाड़ा है क्या किसान ही सबसे बड़ा है क्या।
Sabhi ko गारन्टी मिलती है Sabhi की mrp लागू है Sabhi ko पता है
हां किसान सबसे बड़ा हैं खाने के लाले पड़ जायेंगे जिस दिन किसान काम करना छोड़ देगा और हां मूर्ख कपड़ा भी किसान की फसल से बनता है जरा कल सुबह से रात तक ये बिचार लगाना कि आज मैने किसान के हाथ से पैदा हुई कौन सी चीज उपयोग कि 😅
Ye sabhi keval moonafa lekar hi bechte hai. Kisan ki production cost jayada hoti hai .Vo munafa lekar nahi bech sakta kyoki fal, sabji, jyada din rakh nahi sakta 😢😢
Hat's off to Sardana ji
Sardana is too the point 👉😂.
Rest baseless
Hats off to Vijay Bhai....Rest all discussing without any basis...
Sir Aap ne samjha hi nhi
Kis baat ka hats off de rahe ho kucch samajh me aa bhi raha hai kya
Sardana ji ko to aa hi nahi raha
Ki samasya kya hai aur samadhan kya hoga
To samjhao
Koi ni har ek ka iq average nahi, jinke kam hote h vo border par police par pathrav kar rahe h ya us act samarthan kar rahe h
P@@prakashjha7103
विजय सरदाना सही बोल रहे है,सब किसान को मुक्त देंगे,पानी,बिजली, नुकसान तो बचेगा क्या? सभी बिजनेस वाले नुकसान मांगने लगे तो क्या होगा, कांग्रेस ने सत्तर साल में क्या किया, धान को ओपन बीकने का कानून लाना ही होगा,किसान कहीं भी बीक सके,तोही अच्छे दाम मिलेगा।
देश के तिरंगे को फुटबॉल बना कर खेलने वालो को सजा दी जानी चाहिये। कम से कम उन्हें माफ़ी मंगवाना बहुत जरूरी है। जिससे फिर से ऐसी गलती और कोई ना कर सके।
Rss or bjp ko sabse pahle deni chahiye tirange ka apman bjp rss ne Kiya shayad hi kisi ne Kiya hoga
Hats off to Vijay Sardana ji. Bare truth is always bitter. 90% farmers are not from Punjab and it's pity politics played by Bhagwat Mann and when it backfire Bagwant Mann first stop funding and fled away first. Jai Hind Jai Bharat.
sati zVidhatrinasEndrasserbylordavishnu
बहुत बेहतरीन जवाब दिया है सरदाना जी ने
Sardana Saheb ko Naman hai! 🙌👏👍
बिल्कुल सत्य प्रतिशत 100% सही विजय सरदाना जी की बात इस डिबेट से यह पता चल चुका की यह सारा काम सरकार की है और राज्य सरकार की है केंद्र सरकार पर झूठी आप मनीी जा रही है
विदेशी फंडिंग की लालच देकर उपद्रियों द्वारा हिंसा,उपद्रव, पत्थर बाजी का आतंक फैलाना और वो भी उन भोले भाले किसानों के नाम पर कहां तक जायज है! बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके नाम का भी कोई रास्ता होता है!शर्म आनी चाहिए🙏
देहली पहुंच कर ही बात होगी जब सरकार दिल्ली नहीं पहुंचने देगी किसानों को तो क्या बात होगी
Kon se sperm se paida huye ho aap thodi to sharam kro
@@santoshyadav-jw7hxCM jhak maar rhe hai kya?. rajya sarkar degi ya center??
किसान हर तरह से तकरीबन खुशहाल है न कोई टैक्स रिटर्न फाइल करनी न देश के विकास मे कोई पैसा देना उल्टा सरकारो से सब कुछ लेना उधार लेकर ऐश करना और फिर रिण माफी के लिए आम जनता को तंग करना ये आज के किसान का हाल है।
किसान स्वार्थ छोड़ देश हित में सोचें।
विजय जी ने तो सटीक और ला जबाब दीया है बहुत हु बडीया
50% बेनिफिट की गारंटी चाहिए और मुफ्त में बिजली पानी चाहिए कर्जा माफ चाहिए और इनकम टैक्स नही देगे
Kyunki humara votebank hai 😂
तुम जैसे किसी कम्पनी में चमचागिरी करो और खुश रहो,,
Chahe Humse Income Tax le lo yah credit card bharva lo
vijay ji aap great ho sir....
सरधाना जी बिलकुल सही कह रहे हैँ
दो कौड़ी के लोग सरकार की तरफदारी करने वाले कृषि विशेषज्ञ बनकर ना बोलें ना अपनी बात उनके माथे पर ठोंके। किसान आज कहां आजाद है या आज कहां वह मूल्य मिल रहा है जो परेशानी या मुसीबत में आ जायेंगे? यही हाल रहा तो सरकार के साथ साथ पूरा देश मुसीबत में आ जायेगा फिर विदेशी गेहूं चावल से ही जिंदगी चलेगी जो करीब तीन गुना महंगी होगी। सरकार तो उसमें भी कमा लेगी चाहे जिसकी सरकार हो पर पूरे देश की जनता इसमें फंस जायेगी।
International wheat aur paddy tumhare yahan msp pe milne wale wheat aur paddy ki price se kam hi. Warna gov ko kya problem wo kisaano se leke international market me bech deti. Tum jaise khud me hi jo gyani aur free wale logo ki wajah se desh ka bhatta baith jata hi. Unhone jitne question raise kiye uska ek bhi jawab hi tumhare pass bus faltu ki bakaiti karte ho
Ye kisan nahi gunde hai
Ap kitne kori ke he
विजय सरदाना जी बहुत ही सुंदर तर्क सहित समझाया
ये देश विरोधी चैनल है ये देश हित से सम्बंधित कोई बात होगी तो बीच-बीच में रोकेगी और टोकेगी । विजय बहुत बहुत धन्यवाद इस चैनल की बोलती बंद करने के लिए इसे पता है विजय जी लाख टका सही बात जनता के बीच रख रहे हैं तो बीच शिवकुमार को ले आई ।
Proud of you सरदाना सर
It appears that government of Punjabi has not fulfilled their responsibility towards farmers and motivated farmers towards Centre
Very well said Vijay Sardana
Vijay sardanaji speaking on tv one sides all educated citizens of this country understand where stand you very much.
He thinks all others are lliterate Andhbhakts.
@@mohinderkumar7298❤
Write the actual truth
@@mohinderkumar7298And u r by birth mindless 😂😂😂
Have toTalk of right only bcoz of Gobar book written by mindless person 😂😂😂
BJP ka h
अन्नदाता मुफ़्त में अनाज नहीं देता
Tum Mukt Mein chahte ho Hamare ghar aao Hamen Katori Aata Tumhen Mukt Denge
Sahi kaha.
Grima ji vijay sardhana corporate ka agent h, kisano ki bahas m isse mt bulaye kare,Yeh na krishi visesag na arithsastri.
Kisaan ganta …ye saab khangress and AAP ke log hai
Vijay Sardana made it all points very clear- Excellent analysis
ये किसान आंदोलन तो यूं ही चलता रहेगा कितनी भी मांग जायज और न नाजायज हों। यह आंदोलन राजनीति से प्रेरित है इसका फैसला नहीं हो सकता।
आढ़ती लाइसेंस रद्द कर FCI खरीद करे डायरेक्ट किसान से और किसान को उसके खेत में ही चेक से भुगतान करें।
कुछ राज्यों में अबतक एम एस पी से ऊपर ही फ़सल बेचते हैं
पंजाब के ही किसान क्यों शोर मचाते हैं।
Sahi bola hai aapne sir
ये कोई किसान नहीं हैं ये जमींदार हैं जो पंजाब मे एक या दो एकङ के किसान थे वो आधे तो बेचकर कनाडा चले गए और जो ये आंदोलन कारी है इन को कनाडा सै फंडीग होती है उसी पैसे से छोटे किसानो की जमीन खरीदते है
पहले पंजाब के गांवों में दो साल पक्के तौर पर रहकर वस्तु स्थिति को समझें फिर टिप्पणी करें तो ज्यादा अच्छा और सही होगा।
Well said Vijay sahab
तो इन किसानों के नेता केवल दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए क्यों आते हैं,यह क्यों नही राज्य सरकार के पास धरना प्रदर्शन करते हैं।
Vijay ji sahi bata rahe hai.
Salute Vijay Sardana ji
सरकार को wto की शर्तों को किसनो पर नहीं ठोकना चाहिए
विजय सरदाना जी का विश्लेषण बहुत ही अच्छा है
वाह सरधना जी वाह क्या करे कोई इस देश में डेमोक्रेसी के नाम पर मेहनत, इमानदारी और दिमाग की कोई कदर नहीं है।
क्यों कि देश में और भी तो समस्या है एक किसान भर नहीं है
यदि समान नागरिकता का विषय है तो जो नागरिक बिना जमीन वाले है उनको भी जमीन दिलाने की क्रपा करे । जमीन बालो की कुछ परेशानी कम होगी और अन्य लोगो का भी भला होगा ।
इस बिजय सरदाना का वेतन इसके आफिस के पूयून बराबर देंगे तभी संविधान का का पालन सही होगा क्योंकि वो भी तो कृषि बिभाग कार्यालय इसके साथ बराबर संभलता है.
किसानों को मोदीजी पर विश्वास करना चाहिए, किसी के भड़काने में नहीं आना चाहिए।
This anchor seems unhappy with absolute arguments by Vijay Sardana
विजय सरदाना किसान आन्दोलन के शुरुआती दौर से किसान विरोधी रही है ।
क्या सारा पुण्य कॉर्पोरेट ne किया है क्या
Great sardana Ji
बहुत अच्छा समझाया विजय सरदाना ने
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
सुभाष यादव
Very well said vijay ji, even farmer leader accept it
Jai kisan
Swaminathan commission is an expert in growing crops. Not in fixing the price for the crops. It should be let to farmers not to the Government. Farmers land rates are increased 10+ times from the time his report has come. People staying in rented houses, ni farming land and doing small private job pays income tax and they don't come into that tax bracket.
आपका लेख " किसानों की मांगें मानना कितना व्यावहारिक होगा " शीर्षक से दैनिक भास्कर dt 17.2.24 में पढ़ा । नीरज कौशल आपने बिना पूर्ण सही तथ्य जानें लेख लिख दिया है।आपकी तरह के अपूर्ण ज्ञान से लिखे लेखों से अर्थ व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाले आंदोलन के प्रति देश की जनता के मन में किसानों के प्रति गलत भाव पैदा होते हैं।
किसानों की मांग है कि सरकार msp पर कानून बनाएं कि फसल की वास्तविक लागत से 1.5 गुने से कम पर फसल की खरीद करना जुर्म होगा। सरकार किसान की फसल की लागत का 1.5 गुना रेट MSP घोषित करे। सरकार पूरा खरीद करना जरूरी नही है ,लेकिन विशेषज्ञ जानबूझकर पूरी खरीदी सरकार की बता कर भटका रहे हैं और देश को मिस गाइड कर रहे हैं
सरकार एवम अन्य व्यापारी भी MSP के रेट से फसल कम पर नही खरीद सकता । अभी व्यापारी कम रेट पर फसल खरीद भारी मुनाफे से बाद में बेचता है । किसान की जमीन होती है, किसान बहुत मेहनत करता है लेकिन अपनी लागत तक नहीं निकाल पता है ,और आत्महत्या करने पर मजबूर होता है ।
आज देश में MSP का फायदा मात्र हरियाणा और पंजाब के किसान ही ले पाते हैं इसलिए वे धनाढ्य भी है जबकि देश के अन्य भागों में किसान ये फायदा ना ले पाने के कारण आत्महत्या को मजबूर है।
हरियाणा और पंजाब के किसान MSP का फायदा जानते हैं इसीलिए वे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
हरियाणा और पंजाब को छोड़ देश के अन्य भागों में किसानों की फसल MSP रेट पर नही बिकती है इसलिए वे इसका फायदा नहीं जानते हैं , और इसी कारण आंदोलन से जुड़ नही पाते हैं । मजबूरन अपनी लागत नही निकाल पाते हैं तथा आत्महत्या को मजबूर हो जाते हैं । आप जैसे पत्रकार अधूरी जानकारी के आधार पर देश में किसानों के प्रति गलत धारणा पैदा करने का काम करते हैं।
विजय सरदाना को ही प्रधान मन्त्री बना दिया जाये, क्यों कि उनको जितना संविधान का पता है। उनता तो शायद संविधान बनाने वाली टीम को भी नहीं होगा। तो हमारे प्रधान मन्त्री या कृषि मंत्री, या कानून मंत्री या फिर किसी सरकारी अधिकारी को कहाँ होगा, बेचारे कभी चंडीगढ़ तो कभी कही बैठके करते फिर रहे है। शिव कुमार सर ने सही कहा। जो विजय सर कह रहे है। वही बात सरकार कह दे।
गलती विजय सरदाना की नही हैं गलती किसानों की ही हैं क्योंकि किसान जरूरत से ज्यादा प्रोडक्शन कर रहे हैं
सरदाना जी सही विश्लेषण कर रहे हैं,
इस तरह के आन्दोलन को कोई भी सही व्यक्ति सही नहीं कहेगा
Election '24 aya hai
Loan maffi ke liye tractor aaya hai....yaha adivasi ka income sab se niccha hai...use 2000 loan maaf aur dusaro ko 80k se 2 lakh loan maff...ye kon sa nyay hai😂😂
Kakka is a gunda badmash
विजय सरदाना जी कैपिटल और टर्न ओवर में हर धंधे में अंतर होता है।
खेती में लागत का सर्कल तकरीबन, 6 महीने का होता है परन्तु व्यापार में एक दो दिन से लेकर औसत 15 से 20 दिन का होता है। किसान जो 50% मांग रहा है वो 6 महीने का मांग रहा है जिसमें कुदरती आफत तथा सरकार की कार्यप्रणाली और प्रबंधन के नुकसान भी शामिल हैं।
2014 में मोदी जी ने कहा था कि सत्ता में आयेंगे तो MSP लागू कर देंगे।
विजय सरदाना जी ने एक दम 101% सही बोला है
Vijay sir yours right
पंजाब सरकार को किसानों की मांग लेना चाहिए
सरदाना जी सही जानकारी दे रहे हैं । मोदी जी देश हित में कार्य कर रहे हैं ,
sardana dalal hai koi arthshastri nhi
तू बता कितना पैसा देना होगा?
@@jitendraprasad987yeh tumhara papa dalal jaisa baat karte hai, toh usko dalal Nahi bolega, tumhara baap Kabhi Gaya hai kept me kaam karne k liye aur economist banter hai
@@jitendraprasad987mirchi lagi ...😅😅😅
@@babasidhu1255 बेटा इससे समस्या हल नहीं होगा तू दूसरों को मिर्ची लगवा उससे क्या फायदा जी सच्चाई है वो सच्चाई ही रहेगी अपने बारे में अपने परिवार के बारे में सोच किसी के सहारे से कोई ज़िन्दगी में तरक्की नहीं करता जा कर मार्केट का थोड़ा रिसर्च कर जिन लोगों को MSP नहीं मिल रही वो तुमसे ईन किसानों से ज़्यादा कमा रहें हैं तुझे पता है कभी सोने का भाव और गेंहू का भाव एक हुआ करता था आज सोना कहां है गेहूं कहाँ है क्यों कि सोने को बाजार मिला और गेहूं को MSP पैसा बाज़ार से मिलता है सरकार से नहीं
@@jitendraprasad987 U.P or Bihar ke gareeb kisaano se 1200 1500 me gehnu or dhaan khreed hoti hai ...m.s.p kya hai .control kon karega .modi ya tu.
विजय सरदाना जी ने सही कहा, लेकिन केन्द्र सरकार को भी चुनावी लाभ के लिए किसी राज्य की मदद करने से बचना चाहिए।ऐसी नीति बननी चाहिए कि जो राज्य चुनाव के कारण लोक लुभावन वादे करते हैं,वो अपने खजाने से उसे पूरा करें। उसमें केन्द्र सरकार उसकी मदद न करें, फिर सरकार किसी भी पार्टी की हो।
Madam Rajasathan M P has better quality of wheat
किसानी करने वाले किसान किस प्रकार संकट में आयेंगे यह जानने की जरूरत है और यदि किसान पर संकट आता है तो किसान के संकट में उसके साथ खुले में हर मौसम में खड़ा कौन होता है। अगर संकट से बचने के लिए जैसे कि हर धंधे वाला घाटा से बचने के लिए अपना धंधा बदल देता है तो क्या किसानों को भी घाटा से बचने का अन्यों की तरह धंधा बदलना भी समाधान हो सकता है।
आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी सरकार कि जय
शिव कुमार जी जी सही बात की है बहुत विद्वता से जवाब दिया कृषि विशेषज्ञ को
विजय सरदाना जी तर्कों के आधार पर अपनी बातें रख रहे हैं, उनकी बातों में दम हैं।
सही बात है कार्पोरेट फ्रेंडली सरकार है! पंजाब मे ही महाराष्ट्र के किसानों को भी केंद्र सरकार की गलत नितीयों के कारण लाॅस मे है किसान!
Nice Vijay ji
किसानों का दुश्मन सरदाना ,जो कृषि विशेषज्ञ है
Vijay Sardana ji ne bahot acchi baat boli
पैसा खर्च कर अनाज लेते हैं सब ,,,,,फिर ये अन्नदाता कैसे
विजय सरदाना जी एक साल खेती कीजिए और अपने परिवार का पालन पोषण कीजिए समस्या आपको पता लग जाएंगी😢😢
Well explained by Vijay Sardana 👍
किसान संकट में आज तक नहीं है पंजाब जैसे फर्जी खलिस्तानी,देश के हित के लिए नहीं देश बिगाड़ रहे ऐसा हालत रही तो यह इस्तीथ रहा तो सरकार का किसानों पर भरोसा उठ जाएगा,एम एस पी से फायदा नहीं होगा 🚩🚩
M.S.P VARIES FROM STATE TO STATE ... STATE GOVT DECISION IS 90% ON MSP GUARANTEE. CENTRAL GOVT CAN NOT GIVE LEGAL GUARANTEE ON MSP WITHOUT OPENION OF STATES.. LEGAL GUARANTEE. SHOULD BE GIVEN STATE WISE. CROPS, MARKETING, TAX, ETC COME UNDER STATE.
कृषि विशेषज्ञ का तर्क स्पष्ट है कि
कृषि msp राज्य का विषय है
केंद्र का बिलकुल नही हो सकता
SYL ka Pani ka Haryana ka share jo Pakistan me ja raha hai vo Haryana ke kisano ko milna chaiye, Haryana ke kisano ko MSP ki jarurat nahi hai 😂😮😊
Absolutely right
विजय सरदाना जी सही बात बता रहे हैं ।
सरकार झक मार रही थी, दो साल से msp ka वादा करके।सविधान तो विजय ने भी नही पड़ा है।मोदी याने इंडिया नही है।
कर्ज माफी , बिजली फ्री करके देश को आर्थिक नुकसान हो रहा है सब राजनीती के लिये फ्री का फंडा गलत है
अरे भाई साहब वह तो जो इन्होंने वादा करा था प्रधानमंत्री जी ने वही चीज की मांग कर रहे हैं बस इतनी सी बात है घुमो फिर आओ मत
एमएसपी तुलना
2014 2024
(कांग्रेस-एमएमएस) (भाजपा-मोदी)
1. गेहूं 1400 2275
2. जौ 1100 1850
3. ग्राम 3100 5440
4. मसूर 2950 5425
5. सरसों 3050 5650
6. कुसुम 3000 5800
7. कपास (MS) 3750 6620
8. कपास (SL) 4020 7020
9. ज्वार हाइब्रिड 1530 3180
10. ज्वार 1550 3225
11. बाजरा 1250 2500
12. रागी 1550 3846
13. सोयाबीन 2560 4600
14. तिल 4600 8635
15. नाइजरसीड 3600 7734
16. मूंग 4600 8558
17. उड़द 4350 6950
18. सूरजमुखी एस 3750 6760
तो फिर किसान विरोध क्यों कर रहे हैं ? क्या वे असली किसान हैं ? क्या एमएसपी वास्तव में कोई मुद्दा है ?
अगर मोदी उन्हें कांग्रेस शासन से दोगुना एमएसपी दे रहे हैं तो वे सड़कों पर क्यों हैं ?
उन्हें कौन उकसा रहा है ? असली मकसद क्या है ?
इन नंबरों को व्यापक बनाएं।
कोई भी मुख्यधारा का मीडिया आउटलेट इसे उजागर नहीं करेगा I
Lekin Jo MSP declare Kiya vo kitne kisan ko mila vo important hai 😅😅
किसान दूसरे राज्यों में भी हैं फिर पंजाब का किसान ही क्यों पुलिस वालों पर हमला कराता है l पुलिस वाले भी तो किसी किसान के बच्चे हैँ l
इस महान कृषि विशेषज्ञ पर हंसी आ रही है मुझे आज 70 सालों में पहली बार किसी महान कृषि विशेषज्ञ ने इक्वलिटी की बात वह क्या बात है महान कृषि विशेषज्ञ किसान अगर अपनी एसपी 50 प्लस प्रॉफिट पर मांगी तो इक्वलिटी की और जो खुला व्यापार हो रहा है उसे पर मनचाही रेट डालकर पैसा कमाया जाता है उसे पर क्या कहेंगे महान विशेषज्ञ
Great, really explained
Vijay Sardana is a very logical, and knowledgeable person. The figures given are shocking. From what I could understand is state governments will decide what is the cost price, taking into account, the input prices. But the cost price plus 50 % msp will be given by the central government. My question is, if central government is getting cheaper rates in international markets, then why should they buy from Punjab.
Sardana ji is illogical
He does not understand what he is trying to say actually
Msp is to decide to centre govt
He tells that this is subject matter of state govt
Centre govt can dicide it having discussion with states, very simple
But as much as I understand this msp is being controlled by some other agencies that is like adsni
Ambani
Adani has invested much more to making stocks for food grains
Thats why sarda is favoring central govt
He is like a chamcha only
He is without logic
U can hear some other exprt
Because bigger farmers mostly from Punjab and haryana
That have Mandy's
Others haven't
It is best to understand mattes first
Then comment on any experts
Msp is existing
But according to sardana it should not be in existence
Vijay sardana rocks तर्क पूर्ण विश्लेषण
काका जी ये सरदाना भाई मोदी जी नजरो में हीरो बन रहे थे अपना सही पकड़ा,
सारी समस्या का समाधान कोर्ट से निकलना चाहिए । कोई नेतागिरी नही चलेगी।
हर समस्या का समाधान कोर्ट है।
किसान की मांग जायज है। सरकार किसानों पर जुल्म करना बंद करे। अगर सरकार देश नही चला सकती तो इस्तीफा दे दे?
Dhanyawad....Garima ji.
जय हो बहुत बढ़िया सरदाना जी जय श्री राम
17 लाख करोड़ की फ़सल यदि सरकार खरदती है तो क्या उस फ़सल को फ्री मै बेच देगी। 14 या 15 लाख करोड़ मै बेचेगी। 2 3 लाख करोड़ 45 लाख किसानों के लिए दे देगी सही दाम तो क्या फर्क पड़ता है। पिछले 10 साल मै 13 लाख करोड़ रुपए धन्ना सेठों का माफ कर दिया। क्या किसान अपने परिवार को अच्छे से पालन नहीं कर सकता है। अच्छी जिंदगी धन्ना सेठ ही जी सकते हैं। क्या फायदा फिर लोकतंत्र का, गद्दी छोड़ो फिर तो। 70 साल मै देश पर लगभग 56 लाख करोड़ का कर्जा था जो पिछले 10 साल में बढ़कर 173 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इतने बगोड़े देश छोड़ कर भाग गए उनका क्या।