विनोद अग्निहोत्री धूर्त है बेकार की बातें कर रहा है कहता है किसान निधि नहीं चाहिए जाकर देखो किसानों की बैंक के सामने लाइन लगी रहती है जब यह खाते में आती है छोटे किसान जिनके पास बिसा या बीघा में जमीन है वह इस निधि का इंतजार करते हैं इस निधि से किसने की बहुत मदद हो जाती है विनोद अग्निहोत्री जैसे लोग जो AC में बैठकर के बड़ी-बड़ी बातें करते हैं इनको क्या समझ है गरीबों की, धूर्त कहीं के
मैंने आज तक जब से मैं सोशल मीडिया देख रहा हूं ऐसा पत्रकार पहली बार देखा है मैंने तो मैं इस पत्रकार महोदय को कोटि कोटि प्रणाम करता हूं कोटि-कोटि नमन करता हूं
विनोद अग्निहोत्री धूर्त है बेकार की बातें कर रहा है कहता है किसान निधि नहीं चाहिए जाकर देखो किसानों की बैंक के सामने लाइन लगी रहती है जब यह खाते में आती है छोटे किसान जिनके पास बिसा या बीघा में जमीन है वह इस निधि का इंतजार करते हैं इस निधि से किसने की बहुत मदद हो जाती है विनोद अग्निहोत्री जैसे लोग जो AC में बैठकर के बड़ी-बड़ी बातें करते हैं इनको क्या समझ है गरीबों की, धूर्त कहीं के
किसान आंदोलन की बहुत सन्तुलित व सधी हुई सच्ची विवेचना। किसान आंदोलन को बदनाम करने वाले मीडिया , आईटी सेल के मुंह पर तमाचा है। विनोद अग्निहोत्री जी को साधुवाद।
धन्यवाद विनोद अग्निहोत्री जी आपको किसने के बारे में जो सलाह दी है जो अपना व्यक्तित्व रखा वह बहुत ही सराहनीय है आपको सलूट है धन्यवाद है किसनेों के प्रति आपका व्यवहार बहुत ही सराहनीय है धन्यवाद
बहुत अच्छा विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार अग्निहोत्री जी ने किया है। सरकार को हठधर्मिता त्याग कर किसानों की मांगों पर न्यायोचित विचार करना चाहिए और उनके साथ बर्बरता का व्यवहार नहीं करना चाहिए। देश का किसान विपरीत परिस्थितियों में खाद्यान्न का उत्पादन कर सबका पेट भरता है। जय जवान जय किसान जय संविधान जय भारत जय समाजवाद जय विज्ञान जय लोकतंत्र ।ईवीएम हटाओ देश बचाओ ।संविधान बचाओ ।लोकतंत्र बचाओ ।
आपका विश्लेषण सत्यता से परे है। आपने कहा कि काम वाली बाई मोटर cycle से आती है। आपको भी अध्ययन की आवश्यकता है। Update होने की जरूरत है। पंजाब से आया किसान नही है। ये राजनीति से प्रेरित है। भाड़े से लोग नही लाये जाते। किसान उदंडता नही फेलाता
हम भी भूमिहीन किसान हैं मोदी के चमचे किसान खालिस्तान क्यों करते रहते हैं? जब हम 1960 में पढ़ने के बैठे तो पिताजी ने व्यवसाय के कालम में लिखवाया खेतिहर मजदूर। आज हमारी उम्र 71वर्ष है हम तो सुबह में उन्ही पगडंडियों पर खाली पैर चलते हैं।
Andha bakht don't know the facts kissano ko khalistani keh reha ki ya kissan nahi ha aise to police wala RSS ka Gunda. Lag reha hain police public ki protection ka liya hoti na ki murder krn ka liya protest karna is everyone's right
@@HarjinderpalSinghDeol-n7t peaceful protest is right ..not to block roads! come with proclain & modified trucks ! slogans of khalistan and modi's death ! demean indian flag ! burning parali with chilli powder ! from what angle is this protest peaceful ?
They don't even earn 2 lakhs a year and don't get any benefits meant for downtrodden because they are in general category.. They are hard working people and true Nationalists
माननीय पत्रकार श्री विनोद अग्निहोत्री जी आपकी ऐसे समय पर जबकि पत्रकारिता पर शायद सरकार का पूर्ण दबाव है या वह स्वयं भी चाटुकारिता पर उतर आई है इतनी सटीक बात रखने के लिए बारंबार धन्यवाद और आभार । वास्तव में शीशमहल में बैठकर या किसी भी तंत्र के प्रभाव में आकर पत्रकार को घटिया बयान बाजी नहीं करनी चाहिए इससे उसकी महत्ता धूल धूसरित हो जायेगी।
आज कल सबसे बड़े बदनाम पत्रकार है और इसमें भी वरिष्ठ की तो बात ही मत करो इनको तो 100 / 200 करोड़ देदो तो अपनी मां को बेचने तैयार हो जाए। यह हाल है देश के पत्रकारिता का।
जय जवान जय किसान जय मजदूर विनोद जी किसानों की सच्ची बात जनता के सामने रखने पर आपको लख लख बधाइयां आप सच्चे पत्रकार हो हमेशा खुश रहो अन्नदाता कि और से आपको राम राम जय हिन्द
They are not Kisan. All responsibilities rest with govt and you will do only talking ! Administered Price Mechanism will lead to chaos like our neighbouring country is facing. What is really needed is privatisation/ corporatisation of agriculture to enhance productivity and better the storage system.
@@devendersinghrawat5252 kya yaar, konse logic se baat kar rahe ho? Kabhi dekha hai, kisi msp wali commodity ka price Tomato, onion or lemon jaisa up or down hua ho? Government ka kaam kya hai? Balance rakhna ya private hands me desh ko deke aisi condition bnana jaisi last time Tomato or lemon ke jaisi hui? Baaki private storage ki baat, sir kya aap explain kar sakte hai? Government se private wale loan leke storage godowns bnaye or uspe bhi government se paise le? Government ka kaam hai godowns bnaye, ache agriculture reasearch se beej ready ke. Jis se desh ko bhi profit ho kisan ko bhi. Abhi recently example hai, orange pe msp nahi hai. Abhi woh 5rs pr kilo price hai. Jab private wale storage krenge yehi price 50 se less nahi hoga.
@@170785ify I think you would be aware that almost 25% of our fruits and vegetables produce get wasted due to lack of adequate cold storage and transportation. Scientific farming is the need of the hour which can not be done by these aartees and govt. APM system breeds corruption. In Punjab agricultural land has been sprayed by more than required limits of pesticides as a result cancer cases are rising. Farmers are not aware of its dangerous consequences. You should not listen to me, but please do listen to agricultural experts. India is bound by international agreements which you should be aware. Landholding size is decreasing day by day so unless private sector is involved, better produce and its marketing may not be feasible. Let us be practical. Resistance to power distribution privatisation created doubts where transmission and distribution losses used to be 30% which means vested interests are there. Time has come for prepaid meters to ensure 24 hours supply. India has the capacity to feed the world but due to presence of pesticides our grains are rejected many times. Opposing anything without analysis may lead us to wrongly support unhealthy practices. No govt dislikes farmers getting better prices.
@@170785ify I think you have never purchased rotten wet grains from a ration shop. You may be lucky but everyone is not. Anyway I respect your opinion but it should be logic based and not politically motivated
आप एक निडर पत्रकार है आप के तर्क बिलकुल स्टीक है। एम एस पी के विषय में आपकी सही समझ है। सही समझ को पेश करना ही पत्रकारिता का दायित्व पूरा करना है।धन्यवाद।
Glorious 👌 and real analysis vinod agnihotra sir I always salute you sir kisano ka pachh bahut hi achchhi tarah se rakha aapne bahut bahut dhanyawad aabhar aapka
जिनकी समस्याओं का समाधान जहां होना है पीड़ित वहां ही आंदोलन करेंगे। विभिन्न सरकारी विभागों के लिए अन्य उत्पाद उनकी एम आर पी पर खरीदती है जो लागत से तिगुना हैं , किसानों की फसल उनके द्वारा नियत भाव पर कयों नही ?
आदरणीय विनोद अग्निहोत्री जी आपकी जितनी भी बात है 100% सत्य है और आपको सलूट करता हूं सर मैं एनाउंसर सिंगर लेखक अल्बर्ट रंगीला फ्रॉम तोशाम भिवानी हरियाणा
Salute to this journalist for bold and pro-farmer/ pro-poor outlook.... Inki 'jameeN' nhi hae par 'jameeR' jaroor hae is liye kisano se nafrat / badnam karne ki vjaye MSP ki genuine demand ko support kar rhe haen ...
Well said sir. Legal guarantee for farm produce will benefit not just the farmers of Punjab & Haryana but it benefits the farmers of entire country. The corporate lobby which is frustrsting the efforts of farmers must be put to an end to save the fatmers of the country. Legal guarantee for MSP on 23 crops must be given to start with & extend to other crops as well which are normally grown and consumed in all parts of the country 🙏🙏🙏
There should not be any guerentee. Existing MSP should be canceled. Noone else is getting any guerentee on their income, then why farmers should get any guerentee? This is how free market economy works.
@@kunal28101980 Please don't compare incomes of others with that of farmers. Think for a moment you don't get your meal on your dining table because the farmers did not produce the foodgrains. Can you imagine the situation. So don't underestimate the farmers contribution for our very survival . So it is of utmost importance that they get a fair price for their produce for their own survival & prevent suicides which price is MSP 🙏
जब कॉर्पोरेट की किसी भी वस्तु का दाम एमआरपी के रूप में निर्धारित किया जाता है तो किसान की फसल का एमएसपी क्यों निर्धारित नहीं होता। व्यापारी लोग किसान की फसल को कम दाम पर खरीद कर सारा मुनाफा खुद कमाते हैं जबकि मेहनत किसान करता है, और मुनाफा कॉर्पोरेट उठाताहै। खेती को भी लाभकारी बनाने की और सरकार ध्यान दें। सरकार को कारपोरेट की ही नहीं सुनना चाहिए किसानों का भी ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि सरकार का वोट बैंक तो यही किसानहै। खेती को भी लाभ का धंधा बनाईए जनाब।
अगर पत्रकार लोग इस आंदोलन को समर्थन दे तो अच्छा होगा अखबार और टीवी चैनलों पर प्रसारित नहीं कर रहे हैं एक आप हैं जो इस आंदोलन की बात कर रहे हैं आपको कोटि कोटि धन्यवाद
शहरो मे जिन लोग की तनख्वाह बिजनेस अच्छा है।या राजनीति वो ही किसानो का विरोध करते है।ऊनको पता नही कि खेतीहोती कैसीहै। पानी नही राजस्थान मे फिर भी कोशिश करते है खेती मे
vinod ji u are very rightly supporting the andolan.other sitting in the studio with u are pro govt and have closed their eyes to see the injustice to farmers.
Vinod Agneehotri, you have Explained the Kissan problems ACCURATELY. Hope, Now, One and All UNDERSTAND. How can ANYBODY sell their Products AT A LOSS. CONSTANTLY.
MSP = farmers prosperity, lower urban migration, less pressure on jobs, local development hospitals and schools, slower and controlled urbanization and end of political real estate mafia ...
Definitely Sir. Sirf 2 lakh crore government ko dena hai. Suppose 30 rs ki msp hai, aur veopari 28 rs me kharid rha hai, toh government ko 2 rs dene honge, ho skta hai veopari 30 me hi kharide. Ye jo propogenda chalaya ja rha hai, ke 40 lakh crore khrch ho jayega, yeh toh India ke sabhi farmers ki total crop ki keemat hai, government ne total toh nhi khridni,agar sari crop government kharidegi toh veopari kya kharidenge. Jitna kam daam me sale hogi, woh ghata poora krna hai, jo jyada se jyada 2 lakh crore per year hai. Abhi ek saal me corporate ka 14 lakh crore maaf kiya hai. Agar 14 lakh crore kuch logon ko de skte hai toh croron kisano ko 2 lakh crore ki help nhi kr skte Yeh bhi ho sakta hai ke government ko 1 rs bhi nhi dena parhe, veopari hi high rate par kharid le, jaise abhi Russia Ukraine war ki vajah se hai. Bas ek law ban jayega ta k farmers safe ho jayen
Sir, with due respect, is it fair to write off the loans given to the big houses like the Ambanis, Adanis,Tatas,Birlas and so many in every financial year !!! The last write off amounted more than 11.5 lakh crore !!!!
@punjjaabdesh8659 itna asan hota ab tak kar diya hota government ko koi maza nahi aata kha dene se msp nahi milti agar kharid nahi hui to kya karege gi government international market mai rate bhaut kam hai corporate vaha se le aayege aur matket mai bech dege fir kya karege kisan khana asan hai 2 lakh crores hoga 2 rupees hogi itna easy hota Manmohan kar deta usse upar to economist nahi hoga desh mai
@@amulyajena6956loan maff karne aur right off karne mai frak hota hai right off bank sheat se hota hai taki bank par burden na aaye baki uska pasa liya jata hai
@@gamestarteraki8167 , Sir ji, kissan government ko kharidne ke liye jabardasti to nahi kaar rahe na, unka maang to sirf itna hai ki ek minimum rate tay ho jaaye, government ko jitna kharid na hai utna hi kharide, chahe to na kharide, ye to government ke upar hai. Kissan isliye maang rahe taki government ke alawa dusra koi kharide to kissan ko thag na paaye. Private company koi na koi bahana banakar (mall kharab hai, gila/sukha hai, dana chota/bada hai adi) kissan ko thag na paaye. Aap ek baat sochiye ki koi bhi factory me baan ne wala koi bhi samaan ka ek tay rate hota hi hai, phir issme kya dikkat !!!
आपकी ईमानदारी और जज्बे को नमन करता हु आपने देश के किसानो की सच्चाई बताई है । ऐसे पत्रकारों को मैं अपनी दिनचर्या मैं जोड़ता हु और भारत विकसित भी होगा
आप ने किसानों की बात उठाई , धन्यवाद
विनोद जी..आपका किन शब्दोसे आभार ब्यक्त करू..........जय किसान
वाह वाह क्या बात है विनोद जी, किसानों की बात बहुत अच्छे ढंग से पेश किया। बहुत बहुत धन्यवाद।
विनोद अग्निहोत्री धूर्त है बेकार की बातें कर रहा है कहता है किसान निधि नहीं चाहिए जाकर देखो किसानों की बैंक के सामने लाइन लगी रहती है जब यह खाते में आती है छोटे किसान जिनके पास बिसा या बीघा में जमीन है वह इस निधि का इंतजार करते हैं इस निधि से किसने की बहुत मदद हो जाती है विनोद अग्निहोत्री जैसे लोग जो AC में बैठकर के बड़ी-बड़ी बातें करते हैं इनको क्या समझ है गरीबों की, धूर्त कहीं के
धन्यवाद विनोद अग्निहोत्री जी किसानों की बात रखने के लिए 🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳
मैंने आज तक जब से मैं सोशल मीडिया देख रहा हूं ऐसा पत्रकार पहली बार देखा है मैंने तो मैं इस पत्रकार महोदय को कोटि कोटि प्रणाम करता हूं कोटि-कोटि नमन करता हूं
विनोद अग्निहोत्री धूर्त है बेकार की बातें कर रहा है कहता है किसान निधि नहीं चाहिए जाकर देखो किसानों की बैंक के सामने लाइन लगी रहती है जब यह खाते में आती है छोटे किसान जिनके पास बिसा या बीघा में जमीन है वह इस निधि का इंतजार करते हैं इस निधि से किसने की बहुत मदद हो जाती है विनोद अग्निहोत्री जैसे लोग जो AC में बैठकर के बड़ी-बड़ी बातें करते हैं इनको क्या समझ है गरीबों की, धूर्त कहीं के
Right sir
किसान आंदोलन की बहुत सन्तुलित व सधी हुई सच्ची विवेचना। किसान आंदोलन को बदनाम करने वाले मीडिया , आईटी सेल के मुंह पर तमाचा है। विनोद अग्निहोत्री जी को साधुवाद।
धन्यवाद विनोद अग्निहोत्री जी आपको किसने के बारे में जो सलाह दी है जो अपना व्यक्तित्व रखा वह बहुत ही सराहनीय है आपको सलूट है धन्यवाद है किसनेों के प्रति आपका व्यवहार बहुत ही सराहनीय है धन्यवाद
ऐसे पत्रकारों को चरण स्पर्श बहुत बढ़िया हिम्मत है आपकी जहां जज लोग भी दबाव में है
इससे यह सिद्ध होता है कि भारत में लोकतंत्र जिंदा है।
चरंण स्पर्श की जगह अनुकरणीय कहें, करें तो कुछ बात बनती
बहुत अच्छा विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार अग्निहोत्री जी ने किया है। सरकार को हठधर्मिता त्याग कर किसानों की मांगों पर न्यायोचित विचार करना चाहिए और उनके साथ बर्बरता का व्यवहार नहीं करना चाहिए। देश का किसान विपरीत परिस्थितियों में खाद्यान्न का उत्पादन कर सबका पेट भरता है। जय जवान जय किसान जय संविधान जय भारत जय समाजवाद जय विज्ञान जय लोकतंत्र ।ईवीएम हटाओ देश बचाओ ।संविधान बचाओ ।लोकतंत्र बचाओ ।
पहली बार दिल से इन पत्रकार महोदय को धन्यवाद करता हूं
पत्रकार को ईमानदारी से काम करना चाहिए ये बहुत बड़ी ताकत है लोकतंत्र की
बहुत ही अच्छा सटीक विश्लेषण किया है अग्निहोत्री जी आपका आभार अमर उजाला पत्रिका चैनल बहुत ही अच्छा चैनल और पत्रका है 🙏
सत्य और सही विश्लेषण l विनोद जी को बहुत बहुत धन्यवाद.. 👌👌🙏🙏
किसान की बात रखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर जी
आपका विश्लेषण सत्यता से परे है।
आपने कहा कि काम वाली बाई मोटर cycle से आती है।
आपको भी अध्ययन की आवश्यकता है। Update होने की जरूरत है।
पंजाब से आया किसान नही है। ये राजनीति से प्रेरित है।
भाड़े से लोग नही लाये जाते।
किसान उदंडता नही फेलाता
तो किसान केवल रोज महंगी होती चीजे को खरीद ले और चुपचाप
फांसी ही लगाता रहे😢
आदरणीय विनोद अग्निहोत्री साहब जैसे पत्रकार पूरे देश मे होने चाहिए
।
किसान आन्दोलन पर ,किया बहुत बढ़िया तर्क और विश्लेषण!
उस समय आंदोलन किसान नेता महेंद्र टिकेत ने किया था अब आंदोलन ख़ालिस्तानी समर्थक कर रहे है
Very good vinod ji ,kisan jindabad
😅 ni@@umadube3252
Jai Jawan Jai Kishan
Sir aap जैसे पत्रकार की देश को बहुत जरूरत है
किसानों को फसल का उचित मूल्य मिलना चाहिए, किसानों के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए, जय जवान जय किसान।
किसान चाहै रस्ता रोके और देश के झंडे का अपमान करे ? यह कैसा अन्न दाता ? मेरे रोजकार मे जाने मे बाधा पैदा हो रही.है
@@jaysahup6563 bsdk road block kisan ne thode Kiye hai Sarkar ne Kiye hai
हम भी भूमिहीन किसान हैं मोदी के चमचे किसान खालिस्तान क्यों करते रहते हैं? जब हम 1960 में पढ़ने के बैठे तो पिताजी ने व्यवसाय के कालम में लिखवाया खेतिहर मजदूर। आज हमारी उम्र 71वर्ष है हम तो सुबह में उन्ही पगडंडियों पर खाली पैर चलते हैं।
Andha bakht don't know the facts kissano ko khalistani keh reha ki ya kissan nahi ha aise to police wala RSS ka Gunda. Lag reha hain police public ki protection ka liya hoti na ki murder krn ka liya protest karna is everyone's right
@@HarjinderpalSinghDeol-n7t peaceful protest is right ..not to block roads! come with proclain & modified trucks ! slogans of khalistan and modi's death ! demean indian flag ! burning parali with chilli powder ! from what angle is this protest peaceful ?
कम शब्दों में पूरी बात रख दी आप ने। विनोद अग्नोत्री साहब जी
पंजाब के 86℅ किसान 5 एकड़ से कम भूमि धारक हैं।
I salute, sir
They don't even earn 2 lakhs a year and don't get any benefits meant for downtrodden because they are in general category..
They are hard working people and true Nationalists
Intelligent analysis .
bilkul sahi baat hai me punjab se hu
That’s true
सुप्रसिद्ध पत्रकार लेखक श्री विनोद अग्निहोत्री जी किसानों के आंदोलन पर बहुत अच्छा ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए विश्लेषण किया है
माननीय पत्रकार श्री विनोद अग्निहोत्री जी आपकी ऐसे समय पर जबकि पत्रकारिता पर शायद सरकार का पूर्ण दबाव है या वह स्वयं भी चाटुकारिता पर उतर आई है इतनी सटीक बात रखने के लिए बारंबार धन्यवाद और आभार । वास्तव में शीशमहल में बैठकर या किसी भी तंत्र के प्रभाव में आकर पत्रकार को घटिया बयान बाजी नहीं करनी चाहिए इससे उसकी महत्ता धूल धूसरित हो जायेगी।
इससे यह सिद्ध होता है कि भारत में लोकतंत्र जिंदा है।
Very nice Sir
Yeh sarkar ko v pattaa hai ki kisan sahi hai lekin bdnaam karke hi srkar ka fayda hai
गोदीमीडिया यही तो कर रहा है
पत्रकार होना चाहिए आपके जैसा आपको बहुत
आन्दोलन में शामिल नहीं हो सकता हूँ फिर भी यह आन्दोलन हमारा है सारी माँगे हमारी है। आन्दोलन में
किसानों के बारे में अच्छे विचार रखने वाले पत्रकार जी आप जैसे होने चु धन्यवाद
शीशे के महलों में बैठ कर पत्रकारिता करने वालों मौके पर जाकर देखना चाहिए
आज कल सबसे बड़े बदनाम पत्रकार है और इसमें भी वरिष्ठ की तो बात ही मत करो इनको तो 100 / 200 करोड़ देदो तो अपनी मां को बेचने तैयार हो जाए। यह हाल है देश के पत्रकारिता का।
पहले अखबार छपने के बाद बिकता था,अब छपने से पहले बिकता है।@@arvindmashalkar8358
समझदार की समझदारी बातो से ही पता चलता है धन्यवाद सर 😊
बहुत सुन्दर और अच्छे विचार व्यक्त किए...💯👍
अमर उजाला चैनल को धन्यवाद
किसान एकता जिन्दाबाद माननीय वरिष्ठ पत्रकार को सैल्यूट
लोजिकल बात कही 👏👏✅✅
भारत की सारी जनता के हिस्से का टैक्स किसानों को दो।।।। हम तैयार हैं किसानों के लिए।।।
जय किसान जयहो
ये है सही पत्रकार !nice Agnihotriji
One of my favourite Hindi journalists of India.....Thanku sir
TT
in😢
@@amitagupta71347:23 8:02
जय जवान जय किसान जय मजदूर विनोद जी किसानों की सच्ची बात जनता के सामने रखने पर आपको लख लख बधाइयां आप सच्चे पत्रकार हो हमेशा खुश रहो अन्नदाता कि और से आपको राम राम जय हिन्द
बहुत अच्छा किसान की आवाज बनना ही देश की सच्ची सेवा है।
They are not Kisan. All responsibilities rest with govt and you will do only talking ! Administered Price Mechanism will lead to chaos like our neighbouring country is facing. What is really needed is privatisation/ corporatisation of agriculture to enhance productivity and better the storage system.
@@devendersinghrawat5252 kya yaar, konse logic se baat kar rahe ho? Kabhi dekha hai, kisi msp wali commodity ka price Tomato, onion or lemon jaisa up or down hua ho? Government ka kaam kya hai? Balance rakhna ya private hands me desh ko deke aisi condition bnana jaisi last time Tomato or lemon ke jaisi hui? Baaki private storage ki baat, sir kya aap explain kar sakte hai? Government se private wale loan leke storage godowns bnaye or uspe bhi government se paise le? Government ka kaam hai godowns bnaye, ache agriculture reasearch se beej ready ke. Jis se desh ko bhi profit ho kisan ko bhi. Abhi recently example hai, orange pe msp nahi hai. Abhi woh 5rs pr kilo price hai. Jab private wale storage krenge yehi price 50 se less nahi hoga.
@@170785ify I think you would be aware that almost 25% of our fruits and vegetables produce get wasted due to lack of adequate cold storage and transportation. Scientific farming is the need of the hour which can not be done by these aartees and govt. APM system breeds corruption. In Punjab agricultural land has been sprayed by more than required limits of pesticides as a result cancer cases are rising. Farmers are not aware of its dangerous consequences. You should not listen to me, but please do listen to agricultural experts. India is bound by international agreements which you should be aware. Landholding size is decreasing day by day so unless private sector is involved, better produce and its marketing may not be feasible. Let us be practical. Resistance to power distribution privatisation created doubts where transmission and distribution losses used to be 30% which means vested interests are there. Time has come for prepaid meters to ensure 24 hours supply. India has the capacity to feed the world but due to presence of pesticides our grains are rejected many times. Opposing anything without analysis may lead us to wrongly support unhealthy practices. No govt dislikes farmers getting better prices.
@@170785ify I think you have never purchased rotten wet grains from a ration shop. You may be lucky but everyone is not. Anyway I respect your opinion but it should be logic based and not politically motivated
@@devendersinghrawat5252 rotten wet grains or kisan ya msp ka similar hai? Jo kaam government ke hai, uske liye kisan kaise responsible?
बहुत सुंदर आदरणीय अग्निहोत्री सर , एकदम सटीक विश्लेषण ❤❤
Kisan ekta jindabad jindabad 🙏🏻🌾🙏🏻
Kisan majdur ekta jindabad🚜 👍🙏🏻
विनोद जी आप ने विस्तार से किसान आन्दोलन का व्यापक स्तर पर अपने विचार व्यक्त किए है । बधाई ।
आप एक निडर पत्रकार है आप के तर्क बिलकुल स्टीक है। एम एस पी के विषय में आपकी सही समझ है। सही समझ को पेश करना ही पत्रकारिता का दायित्व पूरा करना है।धन्यवाद।
आज तक कोई आप जैसा नही मिला salute है आपको
आप पर इस देश के मेहनतकशों को गर्व है!
Glorious 👌 and real analysis vinod agnihotra sir I always salute you sir kisano ka pachh bahut hi achchhi tarah se rakha aapne bahut bahut dhanyawad aabhar aapka
ਸਰਕਾਰਾਂ ਅਜ ਕਲ ਡਿਕਟੇਟਰਸ਼ਿਪ ਹਨ 😢😢😢😢😢
Well said by Vinod ji. Roles of the people like you are trying to save the democracy of the country.Bravo!Bravo!
ਬਿਲਕੁਲ ਸਹੀ ਵਿਚਾਰ ਸ੍ਰੀ ਮਾਨ ਜੀ।
धन्यवाद इस महान पत्रकार का आज जहां पत्रकार दलाली कर रहे वहीं पर यह पत्रकार सही बात रखने की हिम्मत कर रहे हैं
आदरणीय पत्रकार विनोद जी आपका जिन शब्दों में भी आभार व्यक्त करूंगा काम है जय किसान जय जवान
सर आप जैसे पत्रकार का हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है
Vinod sir great journalist truth salute. Jai kissan jindabad🌾🌾
बहुत बढ़िया परिचर्चा।
जिनकी समस्याओं का समाधान जहां होना है पीड़ित वहां ही आंदोलन करेंगे।
विभिन्न सरकारी विभागों के लिए अन्य उत्पाद उनकी एम आर पी पर खरीदती है जो लागत से तिगुना हैं , किसानों की फसल उनके द्वारा नियत भाव पर कयों नही ?
Kisan Ekta Zindabad💪🏻💪🏻🤟🏻🤟🏻
ਪਤਰਕਾਰ ਸਾਵ ਕਿਸਾਨੋ ਦੇਨਾਲ ਨਾਲ਼। ਖੈਤ ਮਜ਼ਦੂਰ ਜਮਾਤ ਦੀ ਗੱਲ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਜੀ ਧੰਨਵਾਦ
ਮਜ਼ਦੂਰ ਵਰਤਣ ਲਈ ਹਨ
ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਅਜਿਹੇ ਮੌਕੇ ਵਰਤਿਆਂ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।
ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਕੀ ਮੰਗ ਹੈ। ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਐਮ ਐਸ ਪੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। ਮੇਰੇ ਮਜ਼ਦੂਰ ਦੋਸਤ ਭੁੱਲ ਜਾਵੇ। ਕਿ ਸਾਨੂੰ ਕੁਝ ਮਿਲ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਡਾਕਟਰ ਬਾਬਾ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸ਼ੁਕਰਾਨਾ ਕਰਿਆ ਕਰੋ ਕਿ ਜੇਕਰ ਬੱਚੇ ਪੜ੍ਹ ਗਏ ਤਾਂ ਨੌਕਰੀ ਮਿਲ ਸਕਦੀ ਹੈ।ਨਹੀਂ ਫਿਰ ਮਜਦੂਰੀ ਤਾਂ ਕਿਤੇ ਗਈ ਨਹੀਂ । ਨਾ ਗਰੀਬ ਨੂੰ ਕਰਜ਼ਾ ਮਿਲ਼ੇ ਜੇ ਮਿਲ ਗਿਆ ਫਿਰ ਸਾਰਾ ਭਰਨਾ ਪਵੇਗਾ ਮਾਫ਼ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
ਮਜ਼ਦੂਰਾਂ ਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਕੰਮ ਕਰਨਾ
ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਫਿਰ ਰੋਟੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ।
ਬਾਕੀ ਕਈ ਲੋਕ ਵਿਹਲੜ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵੀ ਚੰਗੀ ਜਿਉਂਦੇ ਹਨ ਕੰਮ ਵੀ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ।
ਮੈਂ ਕੁਝ ਗ਼ਲਤ ਤਾਂ ਨਹੀਂ ਕਿਹਾ।
पत्रकार साहब आपकी पत्रकारिता को नमन आप हमेशा निष्पक्ष रहे
Vinod Aganihotri,Sr.Journalist Amarujala, respectful explanation of Kisan Andolan is too clear for all. Thank you !
आप ने सही कही अन्न दाता की मदद सभी जनता को करनी चाहिए
श्री अग्निहोत्री साहेब, बहुत- बहुत साधुवाद। आपने बहुत ही तार्किक, तथ्यपरक और सीधी-सच्ची और सही बात कही है। तटस्थ होना इसको कहते हैं। धन्यवाद।
right talk by vivek agnihotriji sir about kisan andolan.
Excellent & detailed presentation by eminent journalist Sh.Vinod Agnihotri.Well done.Jai Hind.
अग्निहोत्री जी ने बहुत अच्छी समीक्षा की है। आपने लोगों को समझाने के साथ साथ सरकार को भी समझा दिया।
Unconditional and unapologetic SUPPORT, LOVE and RESPECT to the farmers who feed us and our families and keep our hunger away. Satyameva Jayate !❤
And that is without coast ,,,,,Thanks to them they are feeding us all free.....how disgusting
Do they provide us food free of cost? Like rest of us they work only for money..
Bro will save a place for you in the free ration line ... Kyonki msp lago hone ke baad tu bhi hamare saath khada hoga 😂
Farmer have to sell his goods in loss @@fullaranag
@@fullaranagkyon,kaya aap bhikhari hain,khaate toh ho na,ki kaya,gai mutra aur gobar ke sevan hi kaam chala lete ho?
भाई साहब राम राम विनोद जी बहुत अच्छी बात कही जय किसान❤❤
विनोद अग्निहोत्री... बहुत खूब.... इतने सुंदर explanation की वजह से ही लोग आपको पसंद करते हैं 😊😊😊😊
देश का धन केवल खेती से बढ़ता है। प्लांट ही देश में उत्पादक है बाक़ी सब खाने वाले हैं।
Jay kisan Jay hind
. बहुत बढ़िया बात करते हैं न्याय की बात नहीं करते कर्तव्य की तो बात करते हैं अधिकार की बात नहीं करते
🙏🙏🙏 Dhanyawad sir
धन्यवाद पत्रकार साहब,आपकी पत्रकारिता को कोटि-कोटि सलाम
आदरणीय विनोद अग्निहोत्री जी आपकी जितनी भी बात है 100% सत्य है और आपको सलूट करता हूं सर मैं एनाउंसर सिंगर लेखक अल्बर्ट रंगीला फ्रॉम तोशाम भिवानी हरियाणा
Salute to this journalist for bold and pro-farmer/ pro-poor outlook....
Inki 'jameeN' nhi hae par 'jameeR' jaroor hae is liye kisano se nafrat / badnam karne ki vjaye MSP ki genuine demand ko support kar rhe haen ...
लाख टके की बात 🎉❤🎉❤.
बहुत अच्छा भाई जी
धन्य आप जैसे आपकी ईमानदारी आपके
Well said sir. Legal guarantee for farm produce will benefit not just the farmers of Punjab & Haryana but it benefits the farmers of entire country. The corporate lobby which is frustrsting the efforts of farmers must be put to an end to save the fatmers of the country. Legal guarantee for MSP on 23 crops must be given to start with & extend to other crops as well which are normally grown and consumed in all parts of the country 🙏🙏🙏
There should not be any guerentee. Existing MSP should be canceled. Noone else is getting any guerentee on their income, then why farmers should get any guerentee? This is how free market economy works.
@@kunal28101980 Please don't compare incomes of others with that of farmers. Think for a moment you don't get your meal on your dining table because the farmers did not produce the foodgrains. Can you imagine the situation. So don't underestimate the farmers contribution for our very survival . So it is of utmost importance that they get a fair price for their produce for their own survival & prevent suicides which price is MSP 🙏
बहुत बहुत शुक्रिया 😊... भारत रत्न जितना झूठा लगा... उनता सच्चा आपका विचार...❤
Vinod sir ko than you, jai kishan jai jawan c g
किसानो को दिल्ली कूच करके अपना राज कायम करना चाहिए ।
ये ही मौका है।
वरना सब धोखा है।
Big salute SIR.., very very great...
वहा अग्निहोत्री निस्पक्ष, साहसिक व पूर्ण समाधान योग्य बात करने पर आप का बहुत धन्यवाद। जय हिंद जय भारत और जय किसान जय जवान ।
जब कॉर्पोरेट की किसी भी वस्तु का दाम एमआरपी के रूप में निर्धारित किया जाता है तो किसान की फसल का एमएसपी क्यों निर्धारित नहीं होता। व्यापारी लोग किसान की फसल को कम दाम पर खरीद कर सारा मुनाफा खुद कमाते हैं जबकि मेहनत किसान करता है, और मुनाफा कॉर्पोरेट उठाताहै। खेती को भी लाभकारी बनाने की और सरकार ध्यान दें। सरकार को कारपोरेट की ही नहीं सुनना चाहिए किसानों का भी ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि सरकार का वोट बैंक तो यही किसानहै। खेती को भी लाभ का धंधा बनाईए जनाब।
Very logical explanation given.
अगर पत्रकार लोग इस आंदोलन को समर्थन दे तो अच्छा होगा अखबार और टीवी चैनलों पर प्रसारित नहीं कर रहे हैं एक आप हैं जो इस आंदोलन की बात कर रहे हैं आपको कोटि कोटि धन्यवाद
शहरो मे जिन लोग की तनख्वाह बिजनेस अच्छा है।या राजनीति वो ही किसानो का विरोध करते है।ऊनको पता नही कि खेतीहोती कैसीहै। पानी नही राजस्थान मे फिर भी कोशिश करते है खेती मे
बहुत अच्छा। भक्तों से उम्मीद तो नहीं है फिर भी उनको ये वीडियो ज़रूर देखना और समझाना चाहिए।
Intelligent journalist. Full of information
बहुत ही सुन्दर ढंग से समझा जा सकता है
Delhi walon ki aakhon pe 📺median ke jhoote lage huye chasme utarne ke liye aapka bahut bahut dhanyavaad.
ਮਾਨਯੋਗ ਵਿਨੋਦ ਅਗਨੀਹੋਤਰੀ ਸਾਹਿਬ ਜੀ। ਆਪ ਜੀ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੱਚ ਬੋਲਣਵਾਲਾ ਪੱਤਰਕਾਰ ਪੁਰੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਹੋਣਾ ਚਾਹਿਦਾ। ਧੰਨਵਾਦ ਜੀ।।
vinod ji u are very rightly supporting the andolan.other sitting in the studio with u are pro govt and have closed their eyes to see the injustice to farmers.
Agnihotri ji bilkul perfect vishleshan kiya hai salute hai
Vinod Agneehotri, you have Explained the Kissan problems ACCURATELY. Hope, Now, One and All UNDERSTAND. How can ANYBODY sell their Products AT A LOSS. CONSTANTLY.
जो रेंज रोवर वाले किसान हैं वो बिजनेस मैन भी हैं, खेती करके अलटो ही मुश्किल से आती है। आंदोलन में आने वाले 99% किसानों के पास गाड़ी भी नहीं है
I always like to listen to Vinod ji he talks with experience along with knowledge
He is one of the best journalist.
You are right sir. Thanks a lot for supporting farmers' causes.
MSP = farmers prosperity, lower urban migration, less pressure on jobs, local development hospitals and schools, slower and controlled urbanization and end of political real estate mafia ...
सच्चाई दिखाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अग्निहोत्री सर🙏🙏
Is it possible to fufill farmers demands from financial point of view? Can any body focus on this issue?
Definitely Sir. Sirf 2 lakh crore government ko dena hai.
Suppose 30 rs ki msp hai, aur veopari 28 rs me kharid rha hai, toh government ko 2 rs dene honge, ho skta hai veopari 30 me hi kharide.
Ye jo propogenda chalaya ja rha hai, ke 40 lakh crore khrch ho jayega, yeh toh India ke sabhi farmers ki total crop ki keemat hai, government ne total toh nhi khridni,agar sari crop government kharidegi toh veopari kya kharidenge. Jitna kam daam me sale hogi, woh ghata poora krna hai, jo jyada se jyada 2 lakh crore per year hai.
Abhi ek saal me corporate ka 14 lakh crore maaf kiya hai. Agar 14 lakh crore kuch logon ko de skte hai toh croron kisano ko 2 lakh crore ki help nhi kr skte
Yeh bhi ho sakta hai ke government ko 1 rs bhi nhi dena parhe, veopari hi high rate par kharid le, jaise abhi Russia Ukraine war ki vajah se hai.
Bas ek law ban jayega ta k farmers safe ho jayen
Sir, with due respect, is it fair to write off the loans given to the big houses like the Ambanis, Adanis,Tatas,Birlas and so many in every financial year !!! The last write off amounted more than 11.5 lakh crore !!!!
@punjjaabdesh8659 itna asan hota ab tak kar diya hota government ko koi maza nahi aata kha dene se msp nahi milti agar kharid nahi hui to kya karege gi government international market mai rate bhaut kam hai corporate vaha se le aayege aur matket mai bech dege fir kya karege kisan khana asan hai 2 lakh crores hoga 2 rupees hogi itna easy hota Manmohan kar deta usse upar to economist nahi hoga desh mai
@@amulyajena6956loan maff karne aur right off karne mai frak hota hai right off bank sheat se hota hai taki bank par burden na aaye baki uska pasa liya jata hai
@@gamestarteraki8167 , Sir ji, kissan government ko kharidne ke liye jabardasti to nahi kaar rahe na, unka maang to sirf itna hai ki ek minimum rate tay ho jaaye, government ko jitna kharid na hai utna hi kharide, chahe to na kharide, ye to government ke upar hai. Kissan isliye maang rahe taki government ke alawa dusra koi kharide to kissan ko thag na paaye. Private company koi na koi bahana banakar (mall kharab hai, gila/sukha hai, dana chota/bada hai adi) kissan ko thag na paaye. Aap ek baat sochiye ki koi bhi factory me baan ne wala koi bhi samaan ka ek tay rate hota hi hai, phir issme kya dikkat !!!