श्रमिक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर महापंचायत में जुटी भारी भीड़, आंदोलन तेज करने का प्रस्ताव पारित*

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ต.ค. 2024
  • श्रमिक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर महापंचायत में जुटी भारी भीड़, आंदोलन तेज करने का प्रस्ताव पारित
    रुद्रपुर, 7 जुलाई। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज दिनांक 7 जुलाई को श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर के आह्वान पर भारी बारिश के बीच स्थानीय रामलीला मैदान में मज़दूरों के हुंकार के साथ मज़दूर महापंचायत संपन्न हुआ। इस दौरान आर-पार के आंदोलन हेतु कई प्रस्ताव पारित हुए। पंचायत में भारी संख्या में सिडकुल के मज़दूरों के साथ हरिद्वार, रामनगर, काशीपुर, हल्द्वानी, कालाढूंगी , लालकुआं, नैनीताल, अल्मोड़ा , बरेली, पीलीभीत, गुड़गांव हरियाणा आदि विभिन्न क्षेत्रों से तमाम यूनियनों के प्रतिनिधि, सामाजिक-राजनीतिक संगठन , किसान यूनियनों और राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
    कार्यक्रम की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में मारे गए लोगों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उसके पश्चात प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच बरेली व हरिद्वार के साथियों द्वारा क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किये गये ।
    पंचायत में इंकलाबी मज़दूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट और डॉल्फिन के मज़दूर नेताओं पर एसएसपी महोदय की रिपोर्ट के आधार पर डीएम द्वारा गुंडा एक्ट के तहत भेजे गए नोटिस और जिला बदर की चेतावनी की तीखे शब्दों में निंदा की गई। वक्ताओं ने मज़दूरों के बढ़ रहे शोषण और दमन, मज़दूर यूनियनों के ऊपर तरह-तरह के मुकदमे, शांति भंग की आशंका के बहाने नोटिस और पाबंद करने की चेतावनियां तथा मज़दूर समस्याओं का समाधान करने की जगह कोर्ट भेजने की तीखी आलोचना की गई। नेताओं ने डॉल्फिन, लुकास टीवीएस, करोलिया लाइटिंग, इंटरार्क सहित क्षेत्र के तमाम पीड़ित मजदूरों को न्याय देने में राज्य की भाजपा सरकार की सह पर प्रशासन की हिलावली और श्रम विभाग के निकम्मेपन पर आवाज उठाई।
    वक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 44 श्रम कानूनों के स्थान पर 4 लेवर कोड लाकर मजदूरों को गुलाम बनाने का काम किया है, 3 अपराधिक कानूनों में बदलाव कर मोदी सरकार ने पुलिसिया राज की ओर कदम बढ़ाया है। किसान आन्दोलन के समय किसानों से किये समझोते को भी मोदी सरकार लागू नही कर रही है।
    वक्ताओं ने धरना-प्रदर्शन के संवैधानिक अधिकारों पर हमले बंद करने, श्रमिक संयुक्त मोर्चा नेता दलजीत सिंह के साथ अभद्रता पर एसएसपी महोदय द्वारा सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करने, सभी उद्योगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में श्रम क़ानूनों के अनुपालन, गैरक़ानूनी ठेकाप्रथा बंद करने, सभी जगह सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतनमान को लागू करने आदि की भी मांगे रखीं।
    पंचायत में पंचों ने प्रशासन को 15 दिन का समय देते हुए सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि यदि मज़दूरों पर थोपे गए गुंडा एक्ट को निरस्त नहीं किया जाता है, मज़दूरों पर दर्ज सभी प्रकार के मुकदमों को निरस्त नहीं किया जाता है, मज़दूरों की तहरीरों पर मुकदमे दर्ज नहीं होते हैं, विभिन्न कंपनियों के संघर्षरत मज़दूरों को न्याय नहीं मिलता है तो मज़दूर कड़े कदम उठाएंगे।
    आज की पंचायत में सर्वसम्मति से निम्न प्रस्ताव व निर्णय लिए गये
    1-मजदूर नेताओं पर गुंडा एक्ट का नोटिस और फर्जी मुकदमों को तत्काल निरस्त करो।
    2- डालफिन के मजदूरों व महिलाओं द्वारा गुंडों के खिलाफ दी गई तहरीरों पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करो।
    3- 57 अधिसूचित उद्योगों में लागू होने वाला 15 मार्च 2024 का न्यूनतम वेतनमान को लागू करो। इंजीनियरिंग तथा आटो सैक्टर के लिए न्यूनतम वेतन की अविलंब बढ़ोत्तरी की जाय।
    4- डालफिन लुकास टीवीएस करोलिया इन्टरार्क सहित सभी पीड़ित मजदूरों की समस्याओं का तत्काल निदान किया जाय।
    5- श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधम सिंह नगर के कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह के साथ अभ्रदता करने वाले एस एस पी उधम सिंह नगर अपने व्यवहार के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त कर माफी मांगें।
    केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूरों को गुलाम बनाने वाले 4 लेवर कोड को वापस लेने को ये महापंचायत संघर्ष करती रहेगी।
    1 जुलाई से लागू भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 , भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 । ये 3 कानून आम जनता के संविधानिक अधिकारों को सीमित करते हैं, और पुलिस को असीमित अधिकार देती है।यह महापंचायत केन्द्र सरकार से इन तीनों कानूनों की वापसी की मांग करती है।
    मोदी सरकार द्वारा किसान आन्दोलन के समय किसानों से किये समझोते को तत्काल लागू करने के संघर्ष में भागीदारी करेगी।
    महापंचायत घोषणा करती है कि अगर प्रशासन द्वारा महापंचायत की उक्तों मांगो का निदान नहीं करती है तो श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधम सिंह नगर तीन सप्ताह बाद 28 जुलाई को स्थानीय विधायक के आवास का घेराव करेगी। 31 जुलाई को ऊधम सिंह की शहादत दिवस पर प्रदेशभर में कार्यक्रम करेगी। रुद्रपुर स्तर पर जुलुस प्रदर्शन कर डीएम कार्यालय पर स्थित ऊधम सिंह जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया , भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री गणेश मेहरा जी, इन्टरार्क मजदूर संगठन उधम सिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह जी, एक्टू के प्रदेश महामंत्री के.के.बोरा जी, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पी.पी.आर्या जी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी जी केन्द्रीय महासचिव प्रभात ध्यानी जी, समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार जी , करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह जी, बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन के महामंत्री हीरा राठौर जी, डालफिन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार जी, आटोलाइन इम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री प्रकाश मेहरा जी, लुकास टीवीएस मजदूर सहित हजारों की संख्या मे लोग मौजूद रहे.

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