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जब भी भारत हारा है, सबसे बड़ी वजह ये रही है || आचार्य प्रशांत (2024)
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- เผยแพร่เมื่อ 20 มิ.ย. 2024
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वीडियो जानकारी: 16.06.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ क्यों आज तक भारत में अज्ञान के आधार पर सरकारें बनती आयी है ?
~ आज़ादी के बाद से क्यों भारत में शिक्षा की दुर्दशा रही है ?
~ क्यों आज भी भारत का शैक्षणिक ढाँचा दुर्बलतम में से एक है ?
~ क्यों आम भारतीय बहुत अनपढ़ है ?
~ शिक्षा से क्यों सोचने समझने की क्षमता जागृत नहीं हो रही है ?
~ भारत के माहौल को देखकर यहाँ से भाग जाने का मन क्यों करता है?
~ भारत में धर्म के नाम पर चल रहे अंधविश्वास को कैसे रोकें?
~ वास्तव में धर्म क्या है?
~ कैसे समझाएँ कि धर्म का अर्थ अँधी ताक़तों के आगे झुकना नहीं जानना, समझना है?
~ भारत की दुर्दशा को देखकर लगता है भारत का भविष्य खतरे में है
~ देश की दुर्दशा की प्रमुख वजह क्या है?
~ क्या कारण है भारत में इतनी भुखमरी बढ़ती जा रही है?
संगीत: मिलिंद दाते
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Sir hame book Lena hai student vala
Kha se le🙏
Bsr 🌨️🌳🌨️
Sir apke hisaab se bharat me education policy kaisi honi chahiye jisme hm apne internal development ke sath external development kr sake
भारत अपनी गलती कभी मानता ही नहीं...जिस गलती पर सौ थपेड़े मिलें हो वही गलती 101वीं बार भी करनी होती है।
भारत हार इसलिए नहीं मान रहा है क्योंकि जो पिछली पीढ़ी है वह ज्ञान को नहीं जानती वह शास्त्र को नहीं पड़ती और जब उसने नहीं पढ़ा तो अबकी पीढ़ी आज्ञान ही पैदा होगी जब हमारे मां बाप ही नहीं शिक्षित हैं तो हम शिक्षित कैसे हो जाएंगे
"मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सच्चाई होती है और सच्चाई में जीना ही धर्म होता है।"❤ प्रणाम आचार्य श्री।
भारत धर्म की जन्मस्थली रहा और भारत धर्म का मर्म पूरी तरह भूल गया।
-आचार्य प्रशांत
Pranaam Shri Aacharya ji love from Pakistan
Good 😊❤
भारत की सबसे बड़ी समस्या यही है कि हमारे पास परंपराएं, आग्रह ज्यादा है और सच के प्रति प्रेम कम है।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾❤️
धर्म मान्यताओं की बात नहीं है।
धर्म ज्ञान और विद्वत्ता का क्षेत्र भी है।
भारत के पास असली धर्म वेदांत, षटदर्शन हमेशा से थे,पर न हमने पढ़े न सम्मान किया इसलिए हमारे लिए अन्धविश्वास ही धर्म बन गया.
मैडम आपने बिल्कुल सही कहा है लेकिन बात यह है जब हमारे बड़े ही नहीं पढ़ेंगे तो हम तक बात पहुंचेगी कैसे जो आज की पीढ़ी है इसलिए आचार्यजी हैं।। 🙏
हम खुशनसीब है कि हमें आचार्य जी मिले🙏
जब लगातार 28 बुद्ध इस देश के वासियों को नहीं समझा सके तो कोई और कर ही क्या सकता है! सप्त बुद्ध को सप्तऋषि बना दिया, शाक्य मुनि अर्थात गौतम बुद्ध को विष्णु का नौवां अवतार बना दिया। अपना खुद का नालंदा विश्वविद्यालय जलवा डाला। बौद्ध विहारों और अनेक बुद्धों की समाधि के ऊपर शिवलिंग आरोपित करके लिंग - पूजा करने लगे। इतिहास को दफन करके माइथोलॉजी में विश्वास करने वाली ऐसी लालची, क्रूर, संवेदनहीन और डरपोक जनता का कोई भला नहीं कर सकता।
Okay
आप हमेशा वेदांत ही क्यों कहते हैं, वेद क्यों नहीं और अंधविश्वास से आपका क्या मतलब है? क्या आपका मतलब पुराणों से है?
सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप!
जाके हिरदय सांच है take हिरदय आप!!
संत कबीर 🎉
भारत का यह दुर्भाग्य है कि जो सबसे गिरी हुई चीज उसको धर्म का नाम दे दिया।
कल्पना छोड़कर सच्चाई से जीवन जीना ही धर्म है was epic line 🎉🎉🎉🎉🎉
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सच्चाई होती है और सच्चाई में जीने को ही धर्म कहते हैं।
-आचार्य प्रशांत
अध्यात्म : बाहर जो दृश्य है उसको तो जानना ही है बल्कि भीतर जो दृष्टा है उसको भी जानना है।
धर्म बहुत बड़ा सौभाग्य भी है और बहुत बड़ा दुर्भाग्य भी है।
तन को जोगी सब करे, मन को विरला कोय ।
सहजे सब विधि पाइए, जो मन जोगी होए ।।
~संत कबीर
सत्य सत्य होता है सत्य ना किसी परंपरा से आता है ना किसी रीति रिवाज से आता है।
सत्य का ना इतिहास होता है ना भविष्य होता है सत्य सिर्फ सत्य।होता है
सत्य किसी परंपरा का मोहताज नहीं होता है वह अपने दम पर खड़ा होता है निर्द्वंद।
आचार्य जी आपको सुनने के बाद बहुत सारे सवाल में अपने आप से पूछता हूं... बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏
तथ्य और सत्य को छोड़ कर बाकी सब अपना लिया भारत ने इसलिए इतना पिछड़ा है और तब तक रहेगा जब तक तथ्य और सत्य को अपनाएगा नहीं।
Acharyaji ki ek ek baat sach hai ye sindoor wali aur periods wali baat so called bade samriddh gharon me bhi khoob zyada chalte hai..aur ye sab kaam poore ghamand se krte hai ki hum bohot dharmic asthawadi log hum sab kuchh follow krte hai...hum bade sanskaari log hai...
Wo to dusro ko complex dede
परम से ना विलग हो, परंपरा बस यही है
शेष विषय अतीत के, नहीं जरुरी नहीं है।🙏🙏
जिसकी जिंदगी कल्पनाओं पर, धारणाओं पर, मान्यताओं पर चल रही है उसे अधार्मिक बोलते है।
जिसकी जिंदगी झूठ से भरी हुई है उसे अधार्मिक कहते हैं🎉🎉🎉
तीन तल होते हैं सच्चाई के
जो कल्पनाओं में जीता है वो कल्पनाओं को ही सच्चाई मान लेता है।
जो तथ्यों में जीता है वो तथ्य को सच्चाई मानता है। उसकी दृष्टि वैज्ञानिक हो जाती है, वो कहता है मुझे तथ्य खोजकर लाने हैं।
ये काम साइंस करती है।
और सबसे ऊपर आता है आध्यात्मिक आदमी। जो कहता है मुझे सत्य चाहिए।
क्योंकि तथ्यों में तो जो बस बाहर की चीज़ें हैं वो खोजी जाती हैं
मुझे बाहर -भीतर दोनों को एक साथ खोजना है।
सबसे नीचे है कल्पना
उसके ऊपर है तथ्य और
उसके ऊपर है सत्य।
-आचार्य प्रशांत
बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागे कोड़।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ ॥
- संत कबीर
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सच्चाई होती हैं
और सच्चाई में ही जीने को धर्म कहते हैं।
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सत्य होती है और सच्चाई में जीने को ही धर्म कहते हैं ~आचार्य जी
अध्यात्म साँस की तरह है,
अध्यात्म दिल की धड़कन की तरह है।❤❤❤
~आचार्य प्रशांत ❤❤❤❤
हमने धर्म को पहचान लिया है। अब और कुछ नही चाहिए।
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सच्चाई होती है और सच्चाई में ही जीने को ही धर्म कहते है।❤❤
सुप्रभातम् शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
तीन तल- कल्पना, तथ्य और सत्य। धर्म है, अपनी व्यक्तिगतता को मिटा देना (विगलन)। 🙏🏻🪔
भारत वेदांत, गीता से इतना दूर हो गया है कि नकली धर्म को ही असली मानकर बैठ गए हैं, एक आचार्य जी ही हमे असली धर्म तक ला रहे हैं 🙏🙏
भारत धर्म का जन्म स्थल रहा है लेकिन भारत ने धर्म का मर्म ही भूल गया है।
यही कारण है कि इतिहास में हमें इतनी सारी हार झेलनी पड़ है।
यही कारण है कि भारत हर क्षेत्र में पीछे रहा है।
सत्य किसी परम्परा का मोहताज नहीं होता है...✨️ true 🙏🏻🌹
Please sbhi log mil ke achrya ji k channel ko 100 million aur uske baad 500 million Tak ki subscribers hone chahiye 🎉
धर्म का संबंध यदि सत्य से है,तो अधार्मिक उसको बोलो न जो सत्य में नहीं जीता ~आचार्य जी
❤❤नमन आचार्य जी🙏🙏❤️ जो आपका विरोधी है वो आपको जनते नहीं अगर आपको थोड़ा बहुत भी जानते तो अपने ही विरोध लड़ाई लड़ते 🙏🙏❤❤
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सत्य होती है ।
आचार्यजी आपसे एक विनम्र प्रार्थना है कि आप चमत्कार और देवी शक्तियों पर अपना अपना विचार रखिए क्योंकि आज भारत में कुछ ऐसे धर्म के ठेकेदार ठेकेदार हैं जो चमत्कार और देवी शक्तियों का पब्लिकली कथा कर रहे हैं कथा कर रहे हैं और लोगों को गुमराह और अंधविश्वासी और भ्रमित और पाखंडी बना रहे हैं जिससे हमारा देश 2047 तक जो मोदी जी लक्ष्य रखे हैं विकसित भारत बनने की उन नहीं बन पाएगा
Phir andhbhakt bhonkenge "Hindu hi hindu ko badnaam krta hai, Muslim ke bare mein ku nhi bolte"
Are bhai pehle apna ghar to saf kr lein😂😂😂
Hme Shi Dharam btane ke
Liye Acharya Ji Thank you
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी ❤️💐🌹
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सच्चाई होती है,और सच्चाई में जीने को ही धर्म कहते हैं👌❤️🙏👌🔥
*“तथ्य सत्य का द्वार हैं।”*
अपने यहां तो परंपरा का पालन नहीं करोगे तो तुम अधार्मिक कहलाओगे❤❤❤
Sach ki dahaad hai, Acharya ji💯🔥⚔️
अगर आचार्य जी, आप हमारे जीवन में नहीं आते;
तो भारत के आधे युवा भटके ही रह जाते ❤
कबीर यह संसार है, जैसा सेमल फूल।
दिन दस के व्यवहार में, झूठे रंग न भूल॥
~ संत कबीर साहेब जी ❤❤
आचार्य जी चमत्कार और देवीशक्तियां जो लोग दावा करते हैं कि उनके पास बालाजी की कृपा है और बालाजी को आदेश देते हैं और तुरंत और उसे आदेश का असर तुरंत सामने वाले व्यक्ति पर होता है आपसे प्रार्थना है कि ऐसे लोगों को एक्सपोजकरिए ताकि भारत की जनता सही दिशामें जाए
भारत मे जो 99% जो धर्म चल रहा है वो कल्पना आधारित है |
"Dharm hai, freedom from conditioning"
Exactly! 🙌🏻
गीता एक दर्शन शास्त्र है और गीता एक फिलोसोफी है जो जीवन को मुल ज्ञान देती है।
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सच्चाई होती है और सच्चाई में जीना ही धर्म होता है।❤ नमन आचार्य जी 🙏🙏❤️❤️
Greetings and Good Morning
भारत के पास परंपराएं, आग्रह ज्यादा है और सच के प्रति प्रेम कम है।
भारत में धर्म का मतलब अंधविश्वास है,और इतना की नयी पीढ़ी ने इस निचले धर्म को अस्वीकार कर दिया और वह उस उच्च सत्य से भी वंचित रह गए।~आचार्य जी
Sabse niche Kalpana, uske upar Tathya aur sabse upar Satya
Pranam aacharya ji
Ma'am ne jo questions Kara vo ekdam right hai sir ap ne jo bataya vo ekdam right hai
भारत आज भी गुलाम है क्योकि आज भी अधिकतर अग्रेजी कानून लागू है केवल गोरे की जगह सॅ।वला बैठ गया ।
No one in the world at present time like you acharya ji 🌹🙅🏻♂️@Raje0397🧎🏻♂️🧎🏻♂️🧎🏻♂️
सिर्फ सुने ही नही, जीवन मे भी उतारे तभी फायदा होगा, आचार्य जी को सुनने वालों की संख्या 49 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है, आचार्य जी की अमृत वाणी और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे, धन्यवाद।।
4.9 carore
4.9 crore
4.9 crore
Good 👍🙏
Aacharya ji ko itna sunte h ap fir bhi roj jhuti baat prakashit karte h krapya shi baat samjhe or likhe 4.9 cr thanks (1m ka matlab hota h 10 lakh or 49.3m ka matlab hota 4.3 cr thanks baki apki marji
जो लोग अपनी गलती को ढूंढकर , गलती को स्वीकार कर भूल का सुधार नहीं कर सकते ...
वो लोग भूल को दोहराएंगे बार बार
परम से न विलग हो , परंपरा बस यही है ।
शेष विषय अतीत के , नहीं जरूरी नहीं हैं ।।
भारत के पास हमेशा से ही असली धर्म वेदांत, गीता, दर्शन सब थे लेकिन हमने उनका दुरुपयोग ही किया है, गीता के ज्यादातर श्लोकों का गलत अर्थ ही किया है और तुर्रा ये करते है कि हम तो धार्मिक है ,हम हिंदू है, हमने धर्म को भी विकृत कर डाला 😢
Pranam Acharya Shri ko 🙏🙏
Good morning acharya ji
कोई व्यर्थ का काम सदियों से चला आ रहा है उसे अगर छोड़ दोगे तो कोई गुनाह नहीं हो जाएगा।
छोड़ो उसे तुरंत......
धर्म का सम्बंध यदि सत्य से है,
तो अधार्मिक उसको बोलो न जो सत्य में नहीं जीता।
पर जो सत्य में नहीं जीता हमें उससे मतलब नहीं है
हम कहते हैं सत्य में जियो न जियो, परम्परा का पालन करो तो तुम धार्मिक कहलाओगे।
-आचार्य प्रशांत
प्रणाम आचार्य श्री
धर्म का संबंध यदि सत्य से है, तो अधार्मिक उसको बोलो न जो सत्य में नहीं जीता l
~आचार्य प्रशांत
I am Utkarsh, 18 years old, from Ranchi, Jharkhand, a tier-3 city. Acharya Prashant's students are very highly educated and open-minded. I wonder why the rest of the people in India, who are not at this level of education, are not his students. I am pretty sure Acharya Prashant is targeting them.
I have not mentioned my age just to show that even at 18, I am regularly listening to him. I am mentioning my age because I want to convey to Acharya Prashant that India's youth, though maybe less in percentage, are still listening to and following you. As per my knowledge, the youth in tier-1 cities are not as interested.
A lot of thanks.
धर्म शास्त्र बताता हैं कि "" तुम सत्य को जानोगे और सत्य तुम्हे स्वतंत्र करेगा ""
चाहे पाप हो या अंधविश्वास.......
Good morning achrya ji pranam achrya ji 🎉❤️❤️🥹🥹♈🎉🌹🙂🙂🙂🍰🙏🥳🙏🙏🔱🔱🕉️🕉️🕉️🕉️
जिसकी जिंदगी झूठ से भरी हुई है उसे अधार्मिक में कहते हैं।
बहुत बहुत धन्यवाद् आचार्य जी भगवान आपको लंबी आयू और अच्छी सेहत दे और आप ऐसे ही भटके हुए लोगो को अंधकार से बाहर निकालते रहे वाकिये में इस देश के लोग कल्पनायो में में ही जीते है धन्यवाद 🙏🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी ❤
Jay shree Krishna
भारत ❤❤
चरण स्पर्श आचार्य जी 🌹💐🌼
Pranam Acharya Ji❤
Humko fact pr hi nhi atakna h balki humko tisre tal ki uchai pani h matlab adhyatm tk jana hai.
शुक्रिया आचार्य आप ही चाणक्य है
धर्म का संबंध यदि सत्य से है, तो अधात्मिक उसको न बोलो जो सत्य मे नही जीता।
धर्म मान्यता नहीं ; धर्म कल्पना नहीं l धर्म बोध का विषय है 🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद आभार आचार्य जी 🙏🙏🌈
50M is nearer than my soulmate 😃😊❤
सच्चाई में जीना ही धर्म है ।
People who don't learn from their mistakes are bound to repeat that mistake.💯
धर्म कोई मान्यताओं की बात नहीं है, धर्म से बड़ा ecademic और scholarly field भी दूसरा नहीं है। धर्म विद्वत्ता और ज्ञान का क्षेत्र है ।❤️❤️❤️❤️
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏~~ प्रणाम आचार्य जी ~~❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏~~ प्रणाम आचार्य जी ~~❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤❤❤
❤❤❤
Thanks for this video ❤
चरण स्पर्श, आचार्य जी। 🙇🏻🪔
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
I love you soooo much sir 🙏🥰🥰 ❤️❣️❣️
शुक्रिया आचार्य जी 😊
Acharya sir aap mere liye ram ki tarah ho aap hame Satya se mulakat kar dii ❤️❤️❤️
🙏🙏🙏🙏🙏
भारत के पास धर्म रहा है
सबसे बड़ा सौभाग्य, सबसे बड़ा दुर्भाग्य
क्योंकि धर्म के दो अर्थ हो सकते हैं- नीचे से नीचा और ऊँचे से ऊँचा।
धर्म का ऊँचे से ऊँचा अर्थ होता है- सत्य
और धर्म का नीचे से नीचा अर्थ होता है कल्पना।
दुर्भाग्य की बात ये है कि भारत में जो 99%धर्म चल रहा है वो कल्पना आधारित है।
वो धर्म जो सत्यमुखी है वो भारत में जन्मा लेकिन भारत ने उसे सम्मान नहीं दिया।
उपनिषदों को कौन जानता है?
वेदांत के कितने पारखी हैं भारत में?
भारत में तो धर्म के नाम पर कल्पनाएं चलती हैं।
मान्यताएँ, रूढियां, रस्मों-रिवाज, अंधविश्वास,
प्रथाएं, परम्पराएँ।
तो भारत कल्पना के निचले तल पर धार्मिक है।
-आचार्य प्रशांत