Ek baat bolu editor saahab jinhone bhi video edit kari ha) acharya Prashant ki baat ma bhot dum ha to kirpa karke logo ki shakle na dikhaye aap dikhana kya chahate ho viewers khush ho jaayegnge ye sab man made fake advertisement psychology ha jise sprituality ma intrest hoga wahi sunega ab aap ye mat kehana ki mera dhyan hi udhar ku gya ...kuki ma khud hi lekar gya hu. Isliye bol ra hu baki acharya Prashant sir ki jay ho ......
इस वीडियो का 12वां मिनट स्पष्ट करता है कि धर्म की दुर्दशा और उसके सही अर्थ को भ्रष्ट कर देने में हमारी कितनी बड़ी भूमिका रही है। जबर्दस्त सटीक विश्लेषण है आचार्य जी का 🙏
धर्म को समझाना आसान भी और मुस्किल भी; ये आपकी समझ पर निर्भर करता है ; कही झूठ बोलना अधर्म होता है; और कही झूठ बोलना धर्म बन जाता है; कही सयता बोलना धर्म है तो कही सत्य बोलना अधर्म भी बन जाता है ; ये समझ की किसी के हित में कभी कभी आपको झूठ भी बोलना पढ़ सकता है; और कहीं कहीं किसी के हित में आपको सत्य भी छिपाना पढ़ सकता है; धर्म हो सकता है; धर्म जिनता जटिल है उतना ही सरल भी है #insearchtruthoflife
मैं अंबेडकरवादी हूं,,आदिवासी हूं,......मैं आचार्य जी से बेहद प्रभावित हूं।.......आपने एकदम सरल समझाया।आचार्य जी को सादर प्रणाम ..........मैं कुछ कठिन तरीके से बता रहा हूं।सत्य आधारित ,,लोक कल्याणकारी , सम्यक दृष्टि,सम्यक संकल्प,सम्यक वचन,,सम्यक कर्म,,सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति, सम्यक समाधि, .......को ही सही पूजा समझना चाहिए।।।।
अधिकतर लोग पूजा पाठ संसार की वस्तुओं को पाने के लिए ही करते हैं। बहुत कम होंगे जो भगवान पाने के लिए पूजा पाठ करते हैं। शत् शत् नमन गुरु जी।सोलों रक्षा कवच पढ़ने के बाद भी मन से डर नहीं जा रहा था।आपकी 'डर'पुस्तक पढ़ने के बाद डर चला गया।
आज कल ज्यादातर लोग धर्म को तो जानते नहीं और धर्म की आड़ में अधार्मिक कार्य कर रहे हैं,और ऊपर से अज्ञान का अहंकार और।😔😔 स्पष्टीकरण के लिए धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏👍👍
धयवाद आचार्य जी !! यह सब बातें हम भली भान्ति यह जानते भी हैं और समझते भी हैं पर मानना नहीं चाहते। गुरु जी हमारी चेतना को जागृत करने के लिए आप जैसे ही धर्म गुरु चाहिये।
आज आप जैसे गुरुओं की सख्त जरूरत है , गुरूजी, ताकि आने वाली पीढ़ी को , ये सही पता हो कि बीमारी कहाँ है , और हम किसको ठीक करने में लगे हैं , और दोनों में क्या रिश्ता है असली बीमारी के लिए तो नकली इलाज , और नकली बीमारी के लिए असली इलाज , इसी से मनुष्य रुग्ण हो रहा है , आपका ये हवन कुण्ड का दान हमें , यज्ञ बनायेगा धन्यवाद गुरूजी , चरण स्पर्श
जयबाबाकी🙏🙏 हरहरमहादेव बिलकुल जी, जो हम पूजा करते है उससे क्या होता है?.... जब हम पूजा करते है तो हमारे मुख से जो शब्द निकलते है वो कंपन (vibration) करते है जिससे हमारे शरीर पर सीधा प्रभाव डलता है । जैसे श्री महामृत्युंजय मंत्र से शरीर के असाध्य रोग दूर होना... (जिसका मैं स्वयं ही एक उदाहरण रहा हूँ कि श्री महामृत्युंजय मंत्र से मेरे बचपन तक के रोग दूर हो चुके है..! जिनका तो मैंने सोचा भी नहीं था.. बाकि आप जिस प्रकार रोज सोते है तो बिलकुल ताजा उठते है , भजन पूजा पाठ करने से भी वही ताजगी मिलती है जो सोने के बाद उठकर मिलती है, जैसे:- जिसका बटन दबाते है वही पंखा चलता है अन्यथा पंखे तो सभी बिजली के ही होते है, भगवान का अर्थ है:- भ: भूमि, ग: गगन, व: वायु, आ:आग, न: नीर हमारा शरीर इन्हीं का एक अदभुत मिश्रण है । जब हम पूजा करते है तो कंपन होता है क्योंकि हमारी पूजा कि विधी संस्कृत में है, संस्कृत का जन्म विभिन्न प्रकार की सौरमंडल की ध्वनियों से हुआ है , अत: जो हम बोलते है उसका प्रभाव सीधा मन, बुद्धि, विवेक पर जाता है जिससे जो जैसा सोचता और करता है वह वैसा ही बन जाता है। हरहरमहादेव हरहरमहादेव हरहरमहादेव हरहरमहादेव हरहरमहादेव
खुद से भागना और उद्देश्य पूर्ण काम करना ही नही जीवन मे भटकाव आ जाता है आपने यही समझाया कि पहले खुद मे मूल समझ ही डेवलप करना है थैक्यु गुरुजी अब मुझे राई के दाने बराबर समझ आइ
Acharya ji pooja paath to alag hain..but naam jap has really immense effect on us ...as it is said Hari Naam ev kevalam..this something good in Kalyug as by just chanting and doing japa... really keeps our min stable and make us calm..and provide us self gratitude and once we are calm we can really deal with all the problems more effectively than earlier .... that's what I think.. but thankyou soo much for this beautiful lecture acharya ji 🙏🏻🙏🏻
सबसे पहले तो प्रश्नकर्ता को धन्येवाद बहुत अच्छा प्रश्न किया है ! मैं तो पूजा पाठ नही करती हूं अधिकतर समय आचर्य जी की वीडियो को सुनने मे जाता हैं ! इस बात पर कोई संदेह नही है कि जो शांति आचार्य जी के प्रवचनों में है वो कहि नही है !
Mera bhi manna hai ki aapka vichar achha hona chahiye agar puja path se kuchh hota hai to aaj kolkata me rape nhi hota Kolkata me to puja hi puja hota hai Abhi tak jinhe bhi gyan ki prapti hui hai unhone dhayan se hi kiya hai..... Mujhe bhagavan par visavah hai lekin puja path par nhi 🧡🧡🧡
I am so glad that for the first time, I am hearing the truth and everything that I already faced and become non believer. This person will bring revolution to revive our believes and Hinduism.
Rongate khade ho jate aankhon me pani aa jata hai jab Aap sabhi k comments padta hu Acharya ji k liye... Achha lagta hai jaankar hum log ab sahi disha me ja rhe hai Acharya ji se judne k baad zindagi ko jeena sikh rhe hai... Apka bahot bahot dhanyavaad Acharya ji hume sahi marg k bare me samjhane k liye hume....
आपसे अच्छा कोन है भला जो ऊँचाई की और ले जाये बहुत हद तक जीवन सुधर गया हैं आपके प्रवचनो से बहुत बहुत धन्येवाद आचर्य श्री ! पहले हम अपने अहंकार से ही निपटले इतना ही काफी हैं !
मेरा मानना है कि पूजा पाठ यज्ञ आदि करने वाला मनुष्य मैं साधना भाव किस लेबल पर है यही जरुरी है। ईश्वर को पाने के लिए यही एक मात्र रास्ता है। साधक का उद्देश्य कुछ और पाने का नहीं होना चाहिए। वह तो उस परमात्मा का स्मरण करते हुए पूजा पाठ यज्ञ आदि करता रहता है । उसका सिर्फ एक मकसद होता है परमात्मा को पाना है। बहुत से साधक अनपढ़ होने पर भी परमात्मा का नाम जपते रहते हैं उन्हें पूजा पाठ यज्ञ करने का तनिक भी ज्ञान नहीं होता है। फिर भी वह पूजा पाठ यज्ञ करता रहता हैं। इसका मतलव यह कतई नहीं है कि उसने पूजा पाठ किया ही नहीं इसलिए उसे ईश्वर प्राप्ति नहीं होगी। परमात्मा को पाने के लिए अंतर भाव होना आवश्यक है। उसे कैसे करते हो यह मायने नहीं रखता है। किस भाव से करते हो यही मायने रखता है। इस ब्रह्माण्ड में किसी और के उपदेशों का कोई महित्व है भी , और , नहीं भी है। तथा महित्व यह है कि आपने ब्रम्हांड के बनाएं नीयम का किस प्रकार पालन किया है।और उस पर कितना अमल किया है। क्योंकि ज्ञानी कोई भी हो सकता है। जरुरी नहीं है कि वह पढ़ा लिखा हो,सुन्दर हो, ब्राम्हण हो । मैं समझता हूं ज्ञानी सभी है । और जिसने खुद को समझ लिया , खुद को वस मै कर लिया। तो यक़ीनन उसने सब कुछ पा लिया। उसने परमात्मा को पा लिया।
अगर घंटी हिलाने से पाप धुल जाते हैं, तो मैं, 'पापी' ही सही। किसी लड़की का रेप करके, दिन के 10 घंटे पूजा करने से अच्छा मैं किसी लड़की की इज्जत बचा कर नास्तिक ही बना रहना बेहतर समझूंगा। धर्म और ढोंग में अंतर होता है। अगर घंटी हिलाने से पाप कटते, तो रावण से कभी श्रीराम नहीं जीत पाते। अगर घंटी हिलाने से पाप कटते, तो महाभारत का युद्ध होने की जगह कौरव-पांडव अलग-अलग मंदिरों में, यज्ञ करा रहे होते। मेरे लिए ये सब-कुछ, किसी ढोंग से बढ़ कर कुछ भी नहीं। अगर मैनें कुछ गलत किया है तो मुझे इसका दंड जरूर मिलना चाहिए और अगर कुछ भला किया है, तो उसका भी फल मिलना मेरा हक है। बाकी किसी ढोंगी को सिर्फ इसलिए उसके पाप कर्मो के फल में छूट मिलना न्याय विरुद्ध है, क्योंकि उसने जीवन के फला समय तक घंटी हिलाया। अगर ऐसा होता है, तो ये ईश्वरीय न्याय व्यवस्था में एक घूस मात्र है, जिसके माध्यम से आप अनगिनत पाप कर्म कर लो, पर क्योंकि आपने न्यायाधीश से रिस्तेदारी बनानी शुरू कर दी है, तो वो आपको कम सजा देगा, या फिर सजा से बाइज्जत बरी कर देगा। तो ये बिलकुल वैसी ही न्यायव्यवस्था हुई जिसको हम बचपन से आज तक गाली देते आ रहे हैं, सिर्फ उसमें लिप्त भ्रष्टाचार के कारण। अगर ईश्वरीय न्यायव्यवस्था में भी, भ्रष्टाचार की दुर्गंध आने लगे, तो लोगों का ईश्वर के ऊपर से आस्था बिलकुल समाप्त हो जायेगा और ये बिल्कुल भी अनुचित नहीं होगा। मेरे वक्तव्य से अगर आपको। ठेस पहुंचे तो माफी चाहूंगा पर मैं इसपर अडिग हूं।🙏
आचार्य जी ने बहुत अच्छा बोला मैं सहमत हूँ लेकिन उन लोगों की भ्रांतियां मिटाना चाहूँगा कि जिन्हें ये लगता है कि यज्ञ में केवल लकड़िया ही जलती,और ऐसे बहुत लोगो को मैं जानता हूं जो 24 घण्टे में एक बार भी परमात्मा का नाम तक भी नहीं लेते तो कम से कम पूजा पाठ से कुछ समय परमात्मा को याद कर लेते है।
आचार्य जी नमस्कार प्रणाम! आपकी फटकार मुझे बहुत पसंद आती है जो बहुत सारगर्भित होती है ,आप बहुत ही गहराई से बात के मर्म को समझाते है ,मुझे ये समझ आया है कि जीवन ही यज्ञ है जिसमे सभी द्वंद्व आदि विकार की आहुति देते जाना है , स्वरूप(आत्मस्वरुप) को पाने या आत्मस्थ होने के पथाग्नी (मार्ग) मे ,राग द्वेष आदि विकारों की आहुति देते जाना है स्वाहा करते जाना ,तब जो यज्ञ होगा वह निश्चित ही कल्याणकारी होगा ! बहुत बहुत धन्यवाद् आपका !
भेड़ चाल संसार है आचार्य जी संसार की चाल को देखकर कबीर जी ने भी कहा है झूठा जग पतियाना साधो, सच कहूं तो मारण ध्यावे, झूठा जग पतियाना। आपका ज्ञान सच्चा और सटीक है।🙏🙏
I'm 17 years old and I am the generation that acharya ji is talking about. Because I have seen my parents and grandparents doing all these things without any knowledge about this, so I've stopped doing this and they started calling me NASTIK. And Tereko Paap lagega etc.
गुरू देव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करती हूं 🙏🙏 मै कविता अपनी पावन भूमि अयोध्या से 🙏🙏 मै अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हूं गुरुवर क्या करूं 😭😭 आपकी बातें सुविचार सुन के मन को बहुत शांति मिलती हैं 🙏🙏
आचार्य जी, मैं आपकी बातों से सहमत हूं।आज का मानव अपने आप को इतना सिक्रेट रखना चाहता है कि मेरा राज किसी को पता नहीं चलेगा। पर जब समय का चक्कर आएगा सब पता चल जाएगा।मानव को सच और स्पष्ट होना चाहिए। अपनी बात का मोल रखना सीखिये। यही धर्म है।
what he says makes lot of sense.. In fact rarely anyone in this era is performing yagna/puja in true sense, they are just following a rituals & illogical custom set by preceeding generations. Such questions can't be fully answred as pooja-path is a big science whose results depends individual devotion and belief. Such topic can be better discussed in open discourse rather than a closed conversations like this. My deep regard to Acharya Prashant ji.
Puja path is swarth me nhi krna chahiye ki mera ye kam ho jaaye ...puja path sammaan Dene ka ek tarika ho skta h mgr...swarth ki bhavna na ho.....Maine ajtk kbhi kuchh nhi maga bhagwan se....mai kyu maagn bhla...hawa h dhrti h jal issi se mai hu....bs yhi god h....mai kbhi kuchh nhi magti bhagwan se ...mai to baarish se bahut pyar krti hu...aur apse bhi sbse jyda....bahut jyda...mujhe to bs ap hi upar le ja rhe h. Aasamaan ki or jo aseemit h...door tk shanti shanti...mai khud ko Lucky manti hu jo apse mila diya parmatma ne...
Acharya ji se Gita aur upnishad sunlo toh jeevan ke saare problems door bhaag jaate hain. Phir koi bhi kaam karo toh usme se आत्मीयता jhalakti hai. Shraddha ke bhaav se jeevan chalta hai.
मै नास्तिक हूं। क्योंकि आस्तिकों में बहुत सारा पाखंड को रोज देखता हूं। आचार्य जी की बातें सुन कर समझ आया कि ये अधिकांश धार्मिक लोग अंधविश्वासी होते है और इनके कारण धर्म को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।।।
Mai n aastik hoon n nastik hoon, par Mai roj nastik logon ko anaitik kaam krte dekhta hoon ,vo ye sochkar kr rhe h ki koi kuchh bhi kro bhagvan nhi h koi paap nhi lagega 😮
प्रचार और विनती. और अब इस जीवन में और इस जीवन के बाद भी खुशहाली के लिए शाकाहारी और धार्मिक बने हर हर महादेव जय श्री राम जय श्री कृष्ण जय गणेश देवा जय बजरंगबली जय मां दुर्गा जय मां काली कृपया प्रति दिन या अपने निश्चित समय पर पूजा अवश्य करें इस संदेश को यथासम्भव प्रचार करे
🙏🌹😊 Yes boss 🌹👍💞 हर धार्मिक अनुष्ठान का बहुत फायदा होता है 👍 हमारे मन आत्मा को एक सपोर्ट देता है 🌹 जिससे हममें हिम्मत बनी रहती है 👍🌹यह धार्मिक कार्य समाज से भी हमारे अच्छे संबंध जोड़ते हैं 💞🙏
आचार्य जी यज्ञ केवल प्रतीकात्मक नहीं. रही बात वायु प्रदूषण की तो गौ-घृत से यज्ञ करने पर एक चम्मच घृत लगभग 10 ग्राम, अग्नि में भस्म होने के बाद 1 टन oxygen बनाने में #Catalyst का काम करता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से: 1)शरीर स्थूल भोजन को micro-nutrients और simpler substances में convert करके ही उन्हें assimilate कर सकता है, 2)पेट के कीड़े खत्म करने के लिए #Micronised Albendazole IP suspension दी जाती है, अर्थात जो चीज जितनी सूक्ष्म होती है उसमें प्रभावित करने की क्षमता उतनी ही ज्यादा है. अब यज्ञ में जो विभिन्न औषधियों का प्रयोग होता है वे प्राणायाम के द्वारा शरीर के श्वसन संबंधी एवं अन्य रोगों को ठीक करने की क्षमता रखती हैं.
संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
उपनिषद और जीवन पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org
Pranam acharya ji
Mujhe aap k sanstha me aanaa hey...
Aap ke yahaa pe Kuch job mile to puri tarah se usko samarpit ho jaau...
Ek baat bolu editor saahab jinhone bhi video edit kari ha) acharya Prashant ki baat ma bhot dum ha to kirpa karke logo ki shakle na dikhaye aap dikhana kya chahate ho viewers khush ho jaayegnge ye sab man made fake advertisement psychology ha jise sprituality ma intrest hoga wahi sunega ab aap ye mat kehana ki mera dhyan hi udhar ku gya ...kuki ma khud hi lekar gya hu. Isliye bol ra hu baki acharya Prashant sir ki jay ho ......
Jay Grurdev
Why these joining buttons are so costly Acharya ji??
Your videos and messages are so clear then what is the benefit of joining?
इतनी सच्ची और मार्मिक बात पहली बार सुन रही गुरूजी बहुत अच्छा लगता है! कोटी कोटी धन्यवाद आपका
इस वीडियो का 12वां मिनट स्पष्ट करता है कि धर्म की दुर्दशा और उसके सही अर्थ को भ्रष्ट कर देने में हमारी कितनी बड़ी भूमिका रही है। जबर्दस्त सटीक विश्लेषण है आचार्य जी का 🙏
धर्म को समझाना आसान भी और मुस्किल भी; ये आपकी समझ पर निर्भर करता है ; कही झूठ बोलना अधर्म होता है; और कही झूठ बोलना धर्म बन जाता है; कही सयता बोलना धर्म है तो कही सत्य बोलना अधर्म भी बन जाता है ; ये समझ की किसी के हित में कभी कभी आपको झूठ भी बोलना पढ़ सकता है; और कहीं कहीं किसी के हित में आपको सत्य भी छिपाना पढ़ सकता है; धर्म हो सकता है; धर्म जिनता जटिल है उतना ही सरल भी है #insearchtruthoflife
@@insearchtruthoflifesaty vachan
Thank
4:28 बिल्कुल सही शब्द इस्तेमाल किया आपने अस्पतालों के लिए ।
हर दिन एक नई चेतना एक नई दृष्टि मिलती है आचार्य श्री के वचनों के द्वारा 🙏🏻
मैं प्रतिदिन आपको सुनती हुं 🙏🏻आपको बहुत धन्यवाद आचार्य जी🪷
Very nice
अगर भारतवर्ष में आप जैसे महात्मा हो, तो भारत में पाखंड का खंड -खंड होना तय है और ज्ञान का विकास अद्भुत होगा।
🙏🙏🙏
सही कहा आप ने भाई जी (जय भीम नमो बुद्धाय )
Yes
@@santoshprasad6395 Jai bheem kya hai bhai Mahabharat wala bheem kya ?
मान्यवर, आप जैसे लोग ही हम पाखंड से ग्रस्त पीढ़ी को धर्म नाम के जाल से मुक्त करके वास्तविक अदृश्य शक्ति की ओर अग्रसर कर सकें .... प्रणाम 🙏
Asli gyan jo sach mai Brahman unke pass hai jaise acarya ji .Brahman karma bachak jati bachak nehi
मैं अंबेडकरवादी हूं,,आदिवासी हूं,......मैं आचार्य जी से बेहद प्रभावित हूं।.......आपने एकदम सरल समझाया।आचार्य जी को सादर प्रणाम ..........मैं कुछ कठिन तरीके से बता रहा हूं।सत्य आधारित ,,लोक कल्याणकारी , सम्यक दृष्टि,सम्यक संकल्प,सम्यक वचन,,सम्यक कर्म,,सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति, सम्यक समाधि, .......को ही सही पूजा समझना चाहिए।।।।
Johar🎉🎉❤❤❤
Me too
Same to u bhaai!
आप सही हो लेकिन आप अपने आप कo। किसी से तुलना करना सही नहीं ह
Jai bhim🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 jai mulnivasi🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
स्वयं को श्री हरि के चरणों मै समर्पित कर दिया वही यज्ञ हैँ जो भी करो ओ केवल हरि चरणों मे 👏👏👏तेरा तुझको अर्पित क्या लगे मेरा 👏👏
Ek dam sahi bat. Jo bhi he woh hari ka hi hai 🙏🙏🙏
सटीक निशाने पर तीर मारा है गुरूजी 💐💐
हर चीज़ कामयाब हो सकती है बिल्कुल हो सकती है अगर आपको पता हो उसका इस्तेमाल आपको किस लिए करना है 🙏🙏🙏🙏
Ryt syd
भगवान स्वय नही आ सकते तो उन्होंने आप जैसे महापुरुष को इस जगत कल्याण के लिए धरती पर भेजा नमन है आपको आचार्य❤❤❤❤
Haa ab tu inko bhagwan bana do...inko insaan hi rahne de
खुद को किसी ऐसी जगह पर झोंक दो,
जो तुम्हें उठा करके सीधा आसमान से मिला दे,
यह है यज्ञ का वास्तविक अर्थ।।
Right....
Dil me lagti hai na acharya Prashant jii ki bat
Right
Shahi bola apne sisters
Yes
अधिकतर लोग पूजा पाठ संसार की वस्तुओं को पाने के लिए ही करते हैं। बहुत कम होंगे जो भगवान पाने के लिए पूजा पाठ करते हैं। शत् शत् नमन गुरु जी।सोलों रक्षा कवच पढ़ने के बाद भी मन से डर नहीं जा रहा था।आपकी 'डर'पुस्तक पढ़ने के बाद डर चला गया।
जीवन ही पूरा यज्ञ होना चाहिए ,आहुति स्वयं की देनी है और जो ज्वालाएं हैं उनका काम है आहुति का सबकुछ ऊपर पहुंचा देना ।
Mai Ek muslim hu acharya ji pr fir b apko sunti hu kyuki bat apki kadwi magar sach hoti h
🙏🙏
Very good
Tum ek jinda vyaktitva ho ...😊 Hindu Muslim nhi ho
आज कल ज्यादातर लोग धर्म को तो जानते नहीं और धर्म की आड़ में अधार्मिक कार्य कर रहे हैं,और ऊपर से अज्ञान का अहंकार और।😔😔
स्पष्टीकरण के लिए धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏👍👍
Sir 30 years Puja path krne k bad vo khusi nhi mili jo apko sunne se milti hai...iam blessed..🙏🙏❤️
Yes you saying absolutely right
Exactly 💯
❤
same🙏
शरीर को अपना पड़ोसी मानो,और उससे जितना कम रिश्ता रख सको ,उतना कम रखो🙏🙏🙏
अरे मेरी जान भ्रम दूर हो जाता हैं आपकी टिप्पणी से
जो भी लोग आचार्य प्रशांत जी से जुड़े है
वो सभी लोग जात पात की गंधी और झूठी प्रथा से मुक्त है यही बहुत बड़ी कामियाबी है सभी के लिए
धयवाद आचार्य जी !!
यह सब बातें हम भली भान्ति यह जानते भी हैं और समझते भी हैं पर मानना नहीं चाहते। गुरु जी हमारी चेतना को जागृत करने के लिए आप जैसे ही धर्म गुरु चाहिये।
बहुत सुंदर आचार्य जी क्या बात कही आपने.. खुद को किसी ऐसी जगह झोंक दो जो उठाकर सीधे आसमान में मिला दे.. यही है यज्ञ का असली मतलब
यह बात काफी हद तक ठीक है,कि आधुनिक युवा पीढ़ी धर्म और ईश्वर की ओर से निरंतर विमुख होती जा रही।।
unke galti ni ....unhone andh bhakti krte dekha h bado ko
पूजा पाठ , मूर्ति पूजा - ये सिर्फ मध्यम है,
समझ कर किया जाए तो ये मुक्ति का मध्यम बन सकता है ।
नमन आचार्य जी 🙏
खुद की गलती स्वीकारनी होगी और हर चीज जाननी और आगे बढ़ना है प्रथम कर्तव्य स्वभाव में जीना - आचार्य जी
आपके मुख से ही हमें ईश्वर शुभ संदेश दे रहे हैं|यही में सोचती हूं, आपका हर एक शब्द सच्चाई कि और ले जाता हैं |आपका बोहोत धन्यवाद!🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
आपकी बात तर्क पर आधारित है इसलिए अनुकरणीय है
आज आप जैसे गुरुओं की सख्त जरूरत है , गुरूजी, ताकि आने वाली पीढ़ी को , ये सही पता हो कि बीमारी कहाँ है , और हम किसको ठीक करने में लगे हैं , और दोनों में क्या रिश्ता है असली बीमारी के लिए तो नकली इलाज , और नकली बीमारी के लिए असली इलाज , इसी से मनुष्य रुग्ण हो रहा है , आपका ये हवन कुण्ड का दान हमें , यज्ञ बनायेगा धन्यवाद गुरूजी , चरण स्पर्श
जयबाबाकी🙏🙏 हरहरमहादेव
बिलकुल जी,
जो हम पूजा करते है उससे क्या होता है?.... जब हम पूजा करते है तो हमारे मुख से जो शब्द निकलते है वो कंपन (vibration) करते है जिससे हमारे शरीर पर सीधा प्रभाव डलता है । जैसे श्री महामृत्युंजय मंत्र से शरीर के असाध्य रोग दूर होना... (जिसका मैं स्वयं ही एक उदाहरण रहा हूँ कि श्री महामृत्युंजय मंत्र से मेरे बचपन तक के रोग दूर हो चुके है..! जिनका तो मैंने सोचा भी नहीं था.. बाकि आप जिस प्रकार रोज सोते है तो बिलकुल ताजा उठते है , भजन पूजा पाठ करने से भी वही ताजगी मिलती है जो सोने के बाद उठकर मिलती है,
जैसे:- जिसका बटन दबाते है वही पंखा चलता है अन्यथा पंखे तो सभी बिजली के ही होते है,
भगवान का अर्थ है:- भ: भूमि, ग: गगन, व: वायु, आ:आग, न: नीर
हमारा शरीर इन्हीं का एक अदभुत मिश्रण है ।
जब हम पूजा करते है तो कंपन होता है क्योंकि हमारी पूजा कि विधी संस्कृत में है, संस्कृत का जन्म विभिन्न प्रकार की सौरमंडल की ध्वनियों से हुआ है , अत: जो हम बोलते है उसका प्रभाव सीधा मन, बुद्धि, विवेक पर जाता है जिससे जो जैसा सोचता और करता है वह वैसा ही बन जाता है।
हरहरमहादेव हरहरमहादेव हरहरमहादेव हरहरमहादेव हरहरमहादेव
Bht ache se explain kia
Yes
Andhaviswas aur sahi dharm me antar karna sikho saahab
Fantastic explanation 🙏🏻
Aa gye apne aadi anadi kal se chal rhe dhandhe ko apne aane wale pidhi ke sanjone
खुद से भागना और उद्देश्य पूर्ण काम करना ही नही जीवन मे भटकाव आ जाता है आपने यही समझाया कि पहले खुद मे मूल समझ ही डेवलप करना है थैक्यु गुरुजी अब मुझे राई के दाने बराबर समझ आइ
Khud ko kisi aisi jagah jhokh do ko wo tumbhe asman tak pahuncha de..
Waht a line!! ❤👏🙌
आपने यज्ञ का बहुत सही अर्थ बताया🙏🙏🙏🙏
इंसान के मस्तिष्क के विचारों पर निर्भर है । गुरुदेव जी ने बिल्कुल सत्य व्याख्या की पूजा पाठ और यज्ञ की । सादर वन्दन❤
मेरा पहला कर्तव्य है स्वभाव मे जीना।
After listening since 15 days. Today, I have subscribed this channel.
Acharya ji pooja paath to alag hain..but naam jap has really immense effect on us ...as it is said Hari Naam ev kevalam..this something good in Kalyug as by just chanting and doing japa... really keeps our min stable and make us calm..and provide us self gratitude and once we are calm we can really deal with all the problems more effectively than earlier .... that's what I think..
but thankyou soo much for this beautiful lecture acharya ji 🙏🏻🙏🏻
जीवन ही पूरा यज्ञ होना चाहिए, वो जो आप आहुति दे रहे हैं वो स्वयं की देनी है!❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सर्वोत्तम समाधान आचार्य जी
Thanks aacharya prsant sir🎉🎉❤❤
अंध अनुकरण बिना कुछ जाने , हम भारत के समाज यही देख रहे हैं।
धन्यवाद!🙏 आपका जो अपने सत्य का बोध कराने और सत्य सनातन को समझाने का प्रयास कर रहे है ,
Ek mahan guru ho aap.... Aapko pakar jiban dhanya ho gaya 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सबसे पहले तो प्रश्नकर्ता को धन्येवाद बहुत अच्छा प्रश्न किया है ! मैं तो पूजा पाठ नही करती हूं अधिकतर समय आचर्य जी की वीडियो को सुनने मे जाता हैं ! इस बात पर कोई संदेह नही है कि जो शांति आचार्य जी के प्रवचनों में है वो कहि नही है !
मेरा मानना है आचार्य जी को सिर्फ मन को शांति पहोचाने के लिए नही सूनना चाहिए, हम सबको आचरण मे भी लाना होगा
आचार्य जी ने पूजा पाठ करने के लिए मना थोड़ी किया है उन्होंने सिर्फ यह बोला है कि जो करो उसे समझ कर करो
Mera bhi manna hai ki aapka vichar achha hona chahiye agar puja path se kuchh hota hai to aaj kolkata me rape nhi hota Kolkata me to puja hi puja hota hai
Abhi tak jinhe bhi gyan ki prapti hui hai unhone dhayan se hi kiya hai.....
Mujhe bhagavan par visavah hai lekin puja path par nhi 🧡🧡🧡
@@pradeepkumarsharma1666haa karungi jab geeta padh lungi kyunki mere man me bhut se prasn hai 🙏
I am so glad that for the first time, I am hearing the truth and everything that I already faced and become non believer. This person will bring revolution to revive our believes and Hinduism.
आचार्य जी के बातों को आज समझ लो या तो जब ज़िन्दगी अंतरतम से चोट करेगी तब समझ जाओगे ❤
Real hai
Bilkul
M to daily chot khati hu kyuki m bhi inhi ki bhasha bolti hu isliye 😏😏ghr vale mujhe pagal bolte h
मानव जीवन को बचाने के लिए ही यह सब प्रक्रिया चल रहा है और चलता रहेगा .
धर्म बोध के लिये है ,अंधानुकरण के लिये नहीं ।
~आचार्य जी
🙏🙏🙏
अंधविश्वास को धोना बहुत जरुरी है । प्रणाम आचार्य जी 🙏🏻
अपने-आप को गलतफहमी के अँधेरे रखना, "जीवन की वास्तविकता से नज़र चुराना है ।" धन्यवाद गुरू जी ।🙏🏻🙏🏻🙏🏻
धन्यवाद गुरु देव...
आप हमारे धर्म को पुनर्जीवित करके नई दिशा देने का कार्य कर रहे हैं
जिसके लिए हमारा हिंदू धर्म आपका ऋणी रहेगा👏👏🌼🌼
Correct bro
Preshani ka pt nh bt mann ko bhut sukun or khushi milti h pramatma k pooja dyan krk..sb vichaar smapt hojate h mann ko bhut positivity milti h..☺️🙏
Correct .
Absolutely right
सत्य ज्ञान दिए आप ने, सत सत नमन करता हूं।
अःहंम करिश्ये स्वाहा मै करुंगा ईसका ये अथॅ है बहोतही सही कहा आचार्य जी नै
Rongate khade ho jate aankhon me pani aa jata hai jab Aap sabhi k comments padta hu Acharya ji k liye... Achha lagta hai jaankar hum log ab sahi disha me ja rhe hai Acharya ji se judne k baad zindagi ko jeena sikh rhe hai... Apka bahot bahot dhanyavaad Acharya ji hume sahi marg k bare me samjhane k liye hume....
हर सेकेंण्ड मन ही मन राम नाम का जप करो उससे जो शांति मिलेगी वही सब सुखो का कारण है...!!
सटीक बात, जिस प्रकार अंधी दौड़ में दौड़ रहे हैं बिना ज्ञान के पंडित पाखंड बांटते फिरते हैं अध्यात्म का ज्ञान होना जरूरी है।🙏🏼
आपसे अच्छा कोन है भला जो ऊँचाई की और ले जाये बहुत हद तक जीवन सुधर गया हैं आपके प्रवचनो से बहुत बहुत धन्येवाद आचर्य श्री ! पहले हम अपने अहंकार से ही निपटले इतना ही काफी हैं !
Sahi kaha 🙏
@@SandeepAMehra ji shukriya !
मेरा मानना है कि पूजा पाठ यज्ञ आदि करने वाला मनुष्य मैं साधना भाव किस लेबल पर है यही जरुरी है। ईश्वर को पाने के लिए यही एक मात्र रास्ता है। साधक का उद्देश्य कुछ और पाने का नहीं होना चाहिए। वह तो उस परमात्मा का स्मरण करते हुए पूजा पाठ यज्ञ आदि करता रहता है । उसका सिर्फ एक मकसद होता है परमात्मा को पाना है।
बहुत से साधक अनपढ़ होने पर भी परमात्मा का नाम जपते रहते हैं उन्हें पूजा पाठ यज्ञ करने का तनिक भी ज्ञान नहीं होता है। फिर भी वह पूजा पाठ यज्ञ करता रहता हैं। इसका मतलव यह कतई नहीं है कि उसने पूजा पाठ किया ही नहीं इसलिए उसे ईश्वर प्राप्ति नहीं होगी। परमात्मा को पाने के लिए अंतर भाव होना आवश्यक है।
उसे कैसे करते हो यह मायने नहीं रखता है।
किस भाव से करते हो यही मायने रखता है।
इस ब्रह्माण्ड में किसी और के उपदेशों का कोई महित्व है भी , और , नहीं भी है। तथा महित्व यह है कि आपने ब्रम्हांड के बनाएं नीयम का किस प्रकार पालन किया है।और उस पर कितना अमल किया है।
क्योंकि ज्ञानी कोई भी हो सकता है। जरुरी नहीं है कि वह पढ़ा लिखा हो,सुन्दर हो, ब्राम्हण हो ।
मैं समझता हूं ज्ञानी सभी है ।
और जिसने खुद को समझ लिया , खुद को वस मै कर लिया।
तो यक़ीनन उसने सब कुछ पा लिया।
उसने परमात्मा को पा लिया।
सही राह दिखाने के लिए कोटि कोटि आभार और नमन आचार्य जी🙏🙏
Spirituality ka asli matlab to Acharya ji ne btaya hai .. Naman 🙏🙏
पहले मैने तुझे वो सब कुछ दिया जो मुझे व्यर्थ ही प्रिय था स्वाहा....
जो मुझे प्रिय था वही मेरा बंधन था
और अंत मे मैने स्वयं को भी दिया स्वाहा.....
बहुत खूब!👌👌
@Shivani Verma Waw 🤔
Ekdam sahi
Great dear
bahut achhe bhai
अगर घंटी हिलाने से पाप धुल जाते हैं, तो मैं, 'पापी' ही सही। किसी लड़की का रेप करके, दिन के 10 घंटे पूजा करने से अच्छा मैं किसी लड़की की इज्जत बचा कर नास्तिक ही बना रहना बेहतर समझूंगा। धर्म और ढोंग में अंतर होता है। अगर घंटी हिलाने से पाप कटते, तो रावण से कभी श्रीराम नहीं जीत पाते। अगर घंटी हिलाने से पाप कटते, तो महाभारत का युद्ध होने की जगह कौरव-पांडव अलग-अलग मंदिरों में, यज्ञ करा रहे होते। मेरे लिए ये सब-कुछ, किसी ढोंग से बढ़ कर कुछ भी नहीं। अगर मैनें कुछ गलत किया है तो मुझे इसका दंड जरूर मिलना चाहिए और अगर कुछ भला किया है, तो उसका भी फल मिलना मेरा हक है। बाकी किसी ढोंगी को सिर्फ इसलिए उसके पाप कर्मो के फल में छूट मिलना न्याय विरुद्ध है, क्योंकि उसने जीवन के फला समय तक घंटी हिलाया। अगर ऐसा होता है, तो ये ईश्वरीय न्याय व्यवस्था में एक घूस मात्र है, जिसके माध्यम से आप अनगिनत पाप कर्म कर लो, पर क्योंकि आपने न्यायाधीश से रिस्तेदारी बनानी शुरू कर दी है, तो वो आपको कम सजा देगा, या फिर सजा से बाइज्जत बरी कर देगा। तो ये बिलकुल वैसी ही न्यायव्यवस्था हुई जिसको हम बचपन से आज तक गाली देते आ रहे हैं, सिर्फ उसमें लिप्त भ्रष्टाचार के कारण। अगर ईश्वरीय न्यायव्यवस्था में भी, भ्रष्टाचार की दुर्गंध आने लगे, तो लोगों का ईश्वर के ऊपर से आस्था बिलकुल समाप्त हो जायेगा और ये बिल्कुल भी अनुचित नहीं होगा। मेरे वक्तव्य से अगर आपको। ठेस पहुंचे तो माफी चाहूंगा पर मैं इसपर अडिग हूं।🙏
कमाल की बात लिखे हैं 😊
Aapki soch bahut aachi h
👍👍🙏🙏
You are right 🎉🎉🎉
I liked your thought😊
आज जिंदगी में पहली बार सच्ची और वास्तविक बात सुनने को मिली धन्य होगये
The thing that I love most about aachayji is he is very logical
लोग जागरूक हो जाएं इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है...🙏🙏🪔🪔🪔
आचार्य जी ने बहुत अच्छा बोला मैं सहमत हूँ लेकिन उन लोगों की भ्रांतियां मिटाना चाहूँगा कि जिन्हें ये लगता है कि यज्ञ में केवल लकड़िया ही जलती,और ऐसे बहुत लोगो को मैं जानता हूं जो 24 घण्टे में एक बार भी परमात्मा का नाम तक भी नहीं लेते तो कम से कम पूजा पाठ से कुछ समय परमात्मा को याद कर लेते है।
आपके कहने का तात्पर्य बिल्कुल सत्य है कोई भी कार्य करे उसका कारण हमको जरूर पता होना चाहिए
आचार्य जी नमस्कार प्रणाम! आपकी फटकार मुझे बहुत पसंद आती है जो बहुत सारगर्भित होती है ,आप बहुत ही गहराई से बात के मर्म को समझाते है ,मुझे ये समझ आया है कि जीवन ही यज्ञ है जिसमे सभी द्वंद्व आदि विकार की आहुति देते जाना है , स्वरूप(आत्मस्वरुप) को पाने या आत्मस्थ होने के पथाग्नी (मार्ग) मे ,राग द्वेष आदि विकारों की आहुति देते जाना है स्वाहा करते जाना ,तब जो यज्ञ होगा वह निश्चित ही कल्याणकारी होगा ! बहुत बहुत धन्यवाद् आपका !
Simply fantastic
No words for your guts to speak on a controversial topic
Salute to uour opinions and logical reasoning..
पुरे देश में पाखंडवाद के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है आचार्य जी ने 💯%☑️🖕👌🙏 Support countinue....🙏
Yes
भेड़ चाल संसार है आचार्य जी संसार की चाल को देखकर कबीर जी ने भी कहा है
झूठा जग पतियाना साधो, सच कहूं तो मारण ध्यावे, झूठा जग पतियाना। आपका ज्ञान
सच्चा और सटीक है।🙏🙏
I'm 17 years old and I am the generation that acharya ji is talking about. Because I have seen my parents and grandparents doing all these things without any knowledge about this, so I've stopped doing this and they started calling me NASTIK. And Tereko Paap lagega etc.
😂😂
Ekdum sahi mujhe bhi nastik hi bolte hai.
@@ghoomantu52 hmm
Don't need to worry,
U are doing well. Now you are with yourself, with your inner being.
@@abhishekshivhare8205 good
गुरू देव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करती हूं 🙏🙏 मै कविता अपनी पावन भूमि अयोध्या से 🙏🙏 मै अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हूं गुरुवर क्या करूं 😭😭 आपकी बातें सुविचार सुन के मन को बहुत शांति मिलती हैं 🙏🙏
आचार्य जी, मैं आपकी बातों से सहमत हूं।आज का मानव अपने आप को इतना सिक्रेट रखना चाहता है कि मेरा राज किसी को पता नहीं चलेगा। पर जब समय का चक्कर आएगा सब पता चल जाएगा।मानव को सच और स्पष्ट होना चाहिए। अपनी बात का मोल रखना सीखिये। यही धर्म है।
❣️🙏बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय आचार्य श्री पूजा पाठ ,यज्ञ,आहुति का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करने के लिए, ओम् शांति 👌👌🙏🙏🙏❣️🌷🌷🌷🌷🌷
what he says makes lot of sense.. In fact rarely anyone in this era is performing yagna/puja in true sense, they are just following a rituals & illogical custom set by preceeding generations.
Such questions can't be fully answred as pooja-path is a big science whose results depends individual devotion and belief. Such topic can be better discussed in open discourse rather than a closed conversations like this. My deep regard to Acharya Prashant ji.
If this kind of debate is formed openly blind people so called bhakta become violent and starting to fired
Ekdam nayi soch ke sath, pyari chetna ki badhane wali clip... thanks for sharing ❤
Pranam Aacharya ji
आचार्य जी प्रणाम आपने बहुत स्पष्ट तारीक से पूजा पाठ का गहरा अर्थ समझा दिया धन्यवाद
Your knowledge is sky....none can measure...but I want to be bird to feel it...to know ut
Puja path is swarth me nhi krna chahiye ki mera ye kam ho jaaye ...puja path sammaan Dene ka ek tarika ho skta h mgr...swarth ki bhavna na ho.....Maine ajtk kbhi kuchh nhi maga bhagwan se....mai kyu maagn bhla...hawa h dhrti h jal issi se mai hu....bs yhi god h....mai kbhi kuchh nhi magti bhagwan se ...mai to baarish se bahut pyar krti hu...aur apse bhi sbse jyda....bahut jyda...mujhe to bs ap hi upar le ja rhe h. Aasamaan ki or jo aseemit h...door tk shanti shanti...mai khud ko Lucky manti hu jo apse mila diya parmatma ne...
ईश्वर तत्व को पाने का बहुत सारे मार्ग है जिसको जो सुगम लगता है उसी पे चलता है।जिस शास्त्र को मानेंगे वही सर्वश्रेष्ठ लगता है बाकी कुछ नही है।
Bahot sai bat,hay...yahi sach ki bohot jarurat hay...bohot bohot dhhanyvad 🙏🙏🙏🙏
kuch logo keliye Pooja path Sirf bhagwan se kuch magne ke liye nhi hote hai. Some people are grateful for everything which God given them
Acharyaji me Aaj badi khus ho gai apki speech se prabhavit ho gai apki Vani se😊
Acharya ji se Gita aur upnishad sunlo toh jeevan ke saare problems door bhaag jaate hain. Phir koi bhi kaam karo toh usme se आत्मीयता jhalakti hai. Shraddha ke bhaav se jeevan chalta hai.
जीवन ही पूरा यज्ञ होना चाहिए ...
यज्ञ में जो विभिन्न औषधियों का प्रयोग होता है वे प्राणायाम के द्वारा शरीर के श्वसन संबंधी एवं अन्य रोगों को ठीक करने की क्षमता रखती हैं.
Corona bhi chla jayega kya
@@anitasharma7473 भौतिक समाधान से चला गया क्या,,,?😀😀
Jeevan hi pura yagya hona chahiye golden lines of acharya prashant prakash punj h sbke liye, khri or kdwi batein
मै नास्तिक हूं। क्योंकि आस्तिकों में बहुत सारा पाखंड को रोज देखता हूं।
आचार्य जी की बातें सुन कर समझ आया कि ये अधिकांश धार्मिक लोग अंधविश्वासी होते है और इनके कारण धर्म को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।।।
आपको कैसे मालूम हुआ कि आप नास्तिक है
मुझे भी बताने का कष्ट करें
@@VikashKumar-pn7co Kyonki wo kaamchor nhi h
Mai n aastik hoon n nastik hoon, par Mai roj nastik logon ko anaitik kaam krte dekhta hoon ,vo ye sochkar kr rhe h ki koi kuchh bhi kro bhagvan nhi h koi paap nhi lagega 😮
बहुत ही सुंदर भाव और विवेकपूर्ण समझ की दृष्टि से आचार्य जी आपने आध्यात्मिक कर्मकांड को समझाने की कोशिश की आपको बहुत प्रेम नमन
Puja path madhyam hai ultimate truth ke aur jaane kaa🙏
Shi kaha apne...
कबीर मेरा कोइ नहीं, हम काहू के नाहिं।
पारै पहुँची नाव ज्यों, मिलि कै बिछुरी जाहिं॥
~ संत कबीर साहेब जी ❤❤
Dhanai ho guruji. Sara andhvishwas door ho Gaya hai.Thank you
😅😅😅😅सत्य वचन प्रसांत सर जी काश आपके सोच और उपदेशों से इंसान अपने में परिवर्तन कर लें तो दुनिया सुन्दर,और वैज्ञानिक सोच विचार वाले बन जाए
प्रचार और विनती. और अब इस जीवन में और इस जीवन के बाद भी खुशहाली के लिए शाकाहारी और धार्मिक बने हर हर महादेव जय श्री राम जय श्री कृष्ण जय गणेश देवा जय बजरंगबली जय मां दुर्गा जय मां काली कृपया प्रति दिन या अपने निश्चित समय पर पूजा अवश्य करें इस संदेश को यथासम्भव प्रचार करे
मेरे अब तक के जीवन में आप जैसे महान पुरुष को पहली बार देखा और सुना है
गैस पर कुकर चढ़ा है, घंटी बजाने में जुटे हैं
ध्यान तो सारा कुकर पर लगा है ,ये पूजा का हाल है ,क्या फायदा ऐसे पूजा से।।
Satya kha apne,, mere man ki baat bol dii,, dharm kam or andhviswas jyada he..
🙏🌹😊 Yes boss 🌹👍💞 हर धार्मिक अनुष्ठान का बहुत फायदा होता है 👍 हमारे मन आत्मा को एक सपोर्ट देता है 🌹 जिससे हममें हिम्मत बनी रहती है 👍🌹यह धार्मिक कार्य समाज से भी हमारे अच्छे संबंध जोड़ते हैं 💞🙏
Sir ap sach main hero ho... Maine ap jaisa is dunya main koi sacha nhi dekha... Love u fem kashmir sir
आचार्य जी यज्ञ केवल प्रतीकात्मक नहीं.
रही बात वायु प्रदूषण की तो गौ-घृत से यज्ञ करने पर एक चम्मच घृत लगभग 10 ग्राम, अग्नि में भस्म होने के बाद 1 टन oxygen बनाने में #Catalyst का काम करता है.
स्वास्थ्य की दृष्टि से: 1)शरीर स्थूल भोजन को micro-nutrients और simpler substances में convert करके ही उन्हें assimilate कर सकता है, 2)पेट के कीड़े खत्म करने के लिए #Micronised Albendazole IP suspension दी जाती है, अर्थात जो चीज जितनी सूक्ष्म होती है उसमें प्रभावित करने की क्षमता उतनी ही ज्यादा है.
अब यज्ञ में जो विभिन्न औषधियों का प्रयोग होता है वे प्राणायाम के द्वारा शरीर के श्वसन संबंधी एवं अन्य रोगों को ठीक करने की क्षमता रखती हैं.
Corona patient oxygen ki Kami se mar rahe hai
1,2 patient ko aise thik karke dikhaiye
@@anitasharma7473 point 👍
तुलसी मेरे राम को रीझ भजो या खीझ
सीधा उल्टा जमी रहे ज्यों भूमि में बीज