उत्तराखण्ड की देव संस्कृति को दिव्य और भव्य रूप में प्रस्तुत करने के लिए आचार्य कृष्णानंद नौटियाल एवं उनकी संपूर्ण टीम को बहुत बहुत बधाइयां एवं शुभकामनाएं
आदरणीय नौटियाल जी हमारी पहाड़ी संस्कृति राष्ट्रीय स्तर पहुंचने व रंगमंच पर प्रस्तुति हेतु आपको बहुत बहुत साधुवाद।देश विदेश हमारी पहाड़ी संस्कृति आपकी वाणी व लेखनी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी ।जीवन दायनी माँ भगवती जी से कामना है।पुनः आपको बहुत बहुत साधुवाद।
परम आदरणीय आचार्य जी सादर प्रणाम, आपके द्वारा जो कृति और यथार्थ प्रस्तुति करण किया गया वह हमारे समाज से धीरे धीरे विलुप्त हो रहा था उसको जीवित रखने का कार्य आपने किया,शायद कोई दूसरा करें, सम्भव नहीं।। न भूतो न भविष्यति।।
उत्तराखण्ड की देवसंस्कृति विशेषकर केदारघाटी में स्थित पाण्डण कालीन युद्धविद्या विषयक व्यूहरचनाओं के मंचन की विलुप्त होती विधा को अपने शोध के माध्यम से संजोकर और विभिन्न मंचों पर मंचन के माध्यम से प्रचारित करके निश्चित रूप से आपने प्रशंसनीय कार्य किया है। शत्-शत् साधुवाद आचार्य जी!
महाभारत कालीन युद्ध विधा अर्थात् व्यूह रचनाएं आज भी केदारघाटी के अलावा संसार कहीं भी नहीं मिलती। अतः इस देवसंस्कृति का संरक्षण करना हमारा पुनीत कर्तव्य होना चाहिए।
बहुत सुंदर 🎉🎉🎉🎉🎉
Congratulations 👍
जय देव भूमि उत्तराखंड 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
अद्भुत । अविस्मरणीय ।
बहुत सुंदर गुरुदेव🙏🙏🙏🙏
अति सुंदर गढ़वाली नृत्य नाटिका आदरणीय नौटियाल जी का सराहनीय प्रयास।
माननीय आचार्य जी ! आपकी अनुपम कृति सनातन संस्कृति की ऐतिहासिक धरोहर है। अनेकशः साधुवाद।👌🙏
केदार घाटी बिटि राष्ट्रीय स्तर तक अपड़ि संस्कृति अर मातृभाषा तैं पहचाण दिलौंण का वास्ता आपतैं भौत भौत सुबकामना अर हृदै बिटि आभार च। उत्कृष्ट प्रस्तुति का वास्ता सबि कलाकारु तैं नमन 🙏🏻🙏🏻 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 आप सुखि अर स्वस्थ रौंऊन यीं सुबकामना का दगड़ा आपकु हार्दिक अभिनन्दन 🙏🏻💐💐💐💐💐
जय हो पांडव देवताओं की।
जय हो अद्भुत दृश्य नमन वंदन 🙏🙏
Jai ho Pando devo ki..👍👌👏🙏
अति उत्तम ❤
Bahut sundar 🙏🙏
Great sir G 🎉
बहुत सुंदर ❤❤🎉
यह हमारी केदारघाटी संस्कृति जीवित रहे।
संस्कृति के संरक्षण की शानदार पहल
🙏प्रणाम गुरु जी अद्भुत
उत्तराखण्ड की देव संस्कृति को दिव्य और भव्य रूप में प्रस्तुत करने के लिए आचार्य कृष्णानंद नौटियाल एवं उनकी संपूर्ण टीम को बहुत बहुत बधाइयां एवं शुभकामनाएं
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
जय श्रीबदरीकेदारेश्वर, जय श्री पाण्डव देवताओं की।
जय हो देवभूमि उत्तराखंड
धन्य है यहां की परम्परायें
पूज्य राजगुरु आचार्य जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। महाभारत काल का जीवंत दर्शन। महेन्द्र बर्त्वाल
हार्दिक बधाई सह अनंत शुभकामनायें आदरणीय गुरुदेव
आदरणीय नौटियाल जी हमारी पहाड़ी संस्कृति राष्ट्रीय स्तर पहुंचने व रंगमंच पर प्रस्तुति हेतु आपको बहुत बहुत साधुवाद।देश विदेश हमारी पहाड़ी संस्कृति आपकी वाणी व लेखनी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी ।जीवन दायनी माँ भगवती जी से कामना है।पुनः आपको बहुत बहुत साधुवाद।
अति उत्तम गुरुजी😮❤❤
बहुत सुन्दर अदभुत प्रस्तुति आदरणीय जी अपनी भारतीय संस्कृति को उजागर करती हुई भूमिका
अति सुन्दर प्रस्तुति गुरुजी 👏👏👏
Very nice 👍
गुरुजी प्रणाम। कभी अवसर मिलेगा तो प्रत्यक्ष रूप से देखने आएंगे। यह अति सुंदर मंचन है।
परम आदरणीय आचार्य जी सादर प्रणाम, आपके द्वारा जो कृति और यथार्थ प्रस्तुति करण किया गया वह हमारे समाज से धीरे धीरे विलुप्त हो रहा था उसको जीवित रखने का कार्य आपने किया,शायद कोई दूसरा करें, सम्भव नहीं।। न भूतो न भविष्यति।।
बहुत सुन्दर
बहुत सुंदर प्रस्तुति पूज्य आचार्य जी
Nice
जय हो गुरुदेव ऐसा लग रहा था जैसे अभी हुआ होगा यह प्रोग्राम हमारे सामने आप से जुड़कर हम भी धन्य हो गए
बहुत सुंदर कार्यक्रम ऐतिहासिक विरासत का बेहतरीन संरक्षण। पूज्य आचार्य जी को प्रणाम
अद्भुत कला वांचन अर मंचन। पैलि बार देखि मिन। जब यनु प्रोग्राम ह्वा, त सूचित कर्यां, प्रत्यक्ष देखणै कोशिश रालि्। आदरणीय नौटियाल जी, आप धन्य छंवा
उत्तराखण्ड की देवसंस्कृति विशेषकर केदारघाटी में स्थित पाण्डण कालीन युद्धविद्या विषयक व्यूहरचनाओं के मंचन की विलुप्त होती विधा को अपने शोध के माध्यम से संजोकर और विभिन्न मंचों पर मंचन के माध्यम से प्रचारित करके निश्चित रूप से आपने प्रशंसनीय कार्य किया है। शत्-शत् साधुवाद आचार्य जी!
महाभारत कालीन युद्ध विधा अर्थात् व्यूह रचनाएं आज भी केदारघाटी के अलावा संसार कहीं भी नहीं मिलती। अतः इस देवसंस्कृति का संरक्षण करना हमारा पुनीत कर्तव्य होना चाहिए।
पाण्डव देवताओं की जय हो
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Great sir G 🎉