दुसाध जाति के बारे में जानकर मुझे बहुत अच्छा लगा-मैं हिन्दू समाज की एकता का महत्व बहुत शिद्दत से समझता हूँ और ख़ुश हूँ कि हमारा सच्चा इतिहास आज सब जान जान सकते हैं। सारे देशवासियों को एक होकर देश के दुश्मनों को मुँह तोड़ जवाब देना है। बिहारी भाइयों को नमन जिन्होंने चीन को सेना को लोहे के चने चबवाए 🚩
Bhai ap ki galt baat. Kisi ki mahanta is bat se sabit nhi hoti ki kis jaat k logo ne dusre dharm ko kitna marate h. Bhai hm sb ka ek hi maksad h ek jaati or dharm vihin samaj or desh banane ki.. hm sb bharatiya h
दुसाध लोग सच्चे अच्छे हिंदू राष्ट्रवादी चरित्रवान सनातन धर्म के सनातन धर्म प्रचारक चरित्रवान सच्चे शिव भक्त हैं राष्ट्र के सभी लोग हिंदू हैं हर हर महादेव
Sabse Pahle Baudh dharm hi tha ise Sravan dharm bolte the . Bhart m 28 Buddh ho chuke h swayam Gautam Buddh 28vn Buddh the.isse pahle 27 Bhudh ho chuke h. Ramayana m Ashok Vatika ka jikra ata h jahan Sita ji ko baitha ya gaya tha .kya Ashok Vatika Samrat Ashok ne Banwayi thi sochne wali baat h. Iska MATLAB Ram or Sita Samrat Ashok k bad paida hue. Rawan apne Raj m Ashok Vatika kyoun ban gaye ga us samaya koi Ashok naam person Sri Lanka m rahta tha . Ek baat or 1972 m Silong desh ka naam Sri Lanka rakha gaya History m Sri Lanka naam ka koi desh nahi tha balki Silong tha azadi k bad Bhart k log Silong radio k karkram bhut pasand karte the.
जाति~दुसाध टाइटल~पासवान ,हजारी गोत्र~ मग्ही दुसाध ही पासवान है। पासवान बिहार की महान जाति है। असली पासवान बिहारी होता है । हम है बिहारी मग्ही पासवान ।😎🙏
हम हिन्दू कितना भाग्यशाली है की हम सभी बहादुर थे लेकिन नेताओं ने हम लोगों को बर्बाद कर दिया. हम सभी अब हिन्दू बन कर रहेंगे, धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा. .
बहुत-बहुत धन्यवाद आपको इतिहास के बारे में आपने बहुत मेहनत करो हम लोगों तक पहुंचाने का काम किया जय बाबा चौहरमल आप ऐसा वीडियो और ना तेरे जय भीम नमो बुद्धाय
@@thepasilandlords *अपनी जाति को जैसे मर्जी बताओ लेकिन दूसरों की जाति को क्यों तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हो पासवान जाति बिहार के सर्वश्रेष्ठ जाती हैं और रहेगी*
लिंक दिया है पढ़ लेना दुसाध का अर्थ क्या है समझ भी लेना इन सभी के जिम्मेदार तुम लोगों अगर हमारी कौम के बारे में गलत नहीं कहते तो ना हम तुम्हारे बारे में कहते और जो तुम दुसाध को पासवान बता रहे हो जबकि तुम्हारे लिए दूसरा शब्द पसबन दिया है पुरानी रिपोर्ट पढ़ोगे तुमको दिखाई पड़ जाएगा पासवान सिर्फ पासी के लिए प्रयुक्त किया गया है और तुम्हारे लोगों ने अज्ञानवश पासवान लगाने लगे uff मार्केट में कौन सी चीग कब बिक जाती है पता नहीं चलता है वीडियो बनाने वाले ने भी साफ कर दिया है की *पासवान शब्द दो जातियों में कॉमन है एक तो पासी और दूसरी दुसाध* इतना भी तुम्हारे पास कॉमन सेंस नहीं है कि सोच सको खैर इतना चुतियापा कोई *अंधभक्त* ही कर सकता है फिर भी इसको अपना बनाने की कोशिश कर रहे हो बल्कि यह टाइटल/ उपजाति है जाति नहीं , 1 *पासवान पासी की उपजाति है* 2 *दुसाधो की पसबन टाइटल* दुसाध के उपजाति में यह पसबन नहीं है तो यह जाति कैसी हो गई बल्कि रजर, भरसिय , डरही, आदि है हमारी ही जाति का टाइटल चुरा कर हमें ही सीखा रहे हो अब तुम लोग कर भी क्या सकते हो जब खुद की जाति चोर है जाति का नाम छिपाओगे ही *1927 की किताब दुसाध के बारे में क्या कहती है* दुसाध का दुसाध जाति के लोग संयुक्त प्रान्त के पूर्वी भाग और प्रायः सारे बिहार प्रान्त में रहते हैं । ये लोग अधिकांश संख्या में हल चलाते , खेत बोते , फसल काटते और कृषी सम्बन्धी भिन्न - भिन्न कार्य करते हैं । कुछ लोगों का कहना है कि दुसाध शब्द ( दुष अद् ) से बना है । दुष का अर्थ है बुरा अद् धातु भोजन करने के अर्थ में आता है । *अतः दुसाध दूषित भोजन करने वाले को कहते हैं* । वास्तव में दुसाध लोग *सूअर का मांस खाते हैं* । सम्भव है कि इसी कारण इनका दुसाध पड़ा । *दुसाध*1927* books.google.com/books/about/Chand_Achhoot_Ank.html?id=T4joAQ3ubBAC
लिंक दिया है पढ़ लेना दुसाध का अर्थ क्या है समझ भी लेना इन सभी के जिम्मेदार तुम लोगों अगर हमारी कौम के बारे में गलत नहीं कहते तो ना हम तुम्हारे बारे में कहते और जो तुम दुसाध को पासवान बता रहे हो जबकि तुम्हारे लिए दूसरा शब्द पसबन दिया है पुरानी रिपोर्ट पढ़ोगे तुमको दिखाई पड़ जाएगा पासवान सिर्फ पासी के लिए प्रयुक्त किया गया है और तुम्हारे लोगों ने अज्ञानवश पासवान लगाने लगे uff मार्केट में कौन सी चीग कब बिक जाती है पता नहीं चलता है वीडियो बनाने वाले ने भी साफ कर दिया है की *पासवान शब्द दो जातियों में कॉमन है एक तो पासी और दूसरी दुसाध* इतना भी तुम्हारे पास कॉमन सेंस नहीं है कि सोच सको खैर इतना चुतियापा कोई *अंधभक्त* ही कर सकता है फिर भी इसको अपना बनाने की कोशिश कर रहे हो बल्कि यह टाइटल/ उपजाति है जाति नहीं , 1 *पासवान पासी की उपजाति है* 2 *दुसाधो की पसबन टाइटल* दुसाध के उपजाति में यह पसबन नहीं है तो यह जाति कैसी हो गई बल्कि रजर, भरसिय , डरही, आदि है हमारी ही जाति का टाइटल चुरा कर हमें ही सीखा रहे हो अब तुम लोग कर भी क्या सकते हो जब खुद की जाति चोर है जाति का नाम छिपाओगे ही *1927 की किताब दुसाध के बारे में क्या कहती है* दुसाध का दुसाध जाति के लोग संयुक्त प्रान्त के पूर्वी भाग और प्रायः सारे बिहार प्रान्त में रहते हैं । ये लोग अधिकांश संख्या में हल चलाते , खेत बोते , फसल काटते और कृषी सम्बन्धी भिन्न - भिन्न कार्य करते हैं । कुछ लोगों का कहना है कि दुसाध शब्द ( दुष अद् ) से बना है । दुष का अर्थ है बुरा अद् धातु भोजन करने के अर्थ में आता है । *अतः दुसाध दूषित भोजन करने वाले को कहते हैं* । वास्तव में दुसाध लोग *सूअर का मांस खाते हैं* । सम्भव है कि इसी कारण इनका दुसाध पड़ा । *दुसाध*1927* books.google.com/books/about/Chand_Achhoot_Ank.html?id=T4joAQ3ubBAC
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
दूसाध पासवान समाज का इतिहास गौरवशाली है और सम्राट बिंबिसार से उनका इतिहास शूरू होता है। बौद्ध धम्म साहित्य त्रिपिटक में दूसाध जाति का इतिहास का दस्तावेजीकरण किया गया है। दूसाध - जिसे साधा ( हराया ) ना जा सकें। नमो बूद्धाय, जय भीम 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
दूसाध जाती का ईतिहास बतलाने के लिए धन्यवाद, बैसे तो दूसाध सारा संसार है, कैसे , तो जो दो व्यक्ति यों के मिलन से, समागम से, करी मेहनत से, करी परिश्रम से, जो संतानों की उत्पत्ति होती है उसे दूसाध कहते हैं 1
Gangs of wasseypur dekho ho waise koyla khadaan ke Malik Ka lathait the mere Dada bahut langtaa the ketne ko maar diye the marte marte bol kr gye kisiko satana nhi... Ego dhela v chhod nhi gye sutte the paisa bichha ke Sona Ka daant thokwaaye huye the... Naam chalta tha dhanbad me lekin kya mila ye sabse kuchh nhi...
Bihar me Rajput , bhumihar Yadav ke hathon Dusad ki khub kutaiye hota hai , akar dikhane par ...... In Bihar only Rajput Bhumihar Yadav ........And Patel ......no One has born to deaft him in Bihar ..... But politically they are different...... 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣😃😅😅
Thank you Bhai inta kast se apne video banane ki koshish Ek aur agla BHAg part banaye plz oaaur detail me bataye plz 🙏🙏🙏 Apne itna achha se smjhaye h dill Khush ho gya h Dill se apko very very thank you Bro
चिरांग पासवान के रूप में बिहार को एक योग्य नेता मिला है जिसे अगड़े, पिछड़े, एससी, एसटी सभी पसंद करते हैं। उनका समर्थन करें तो वो बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं
दुसाद लोग सबसे वीर होता है वो कभी जीवन में हारना नही स्वीकार किया और जुबान का पक्का माना जाता है ,,,,,,,,,,अगर आपका कोई भरोसा मंद साथी बन सकता है तो वो है दुसाध ,,,सिर कटा देगा लेकिन अपना वचन से पीछे नहीं हटेगा
दुसाध जाती को बहुत हि करीब से जानते हैं क्यों कि हमारे गांव में दुसाध जाती कि संख्या है और हमरा मित्र भी दो लडका थे हम जाती से राजपुत है एक बार हम दोनो मोटरसाइकिल से जा रहे थे कि पुरानी दुष्मनी से दुसरे गांव के कुछ यादव के लड़के हम दोनों को धेर लिए और मार पिट करने लगे चहता तो गगन पसवान भाग सकता था मगर भागा नहीं मेरा साथ दिया
Josaa jaati ki thodi bahut aur Jankari Iske alava main aapse Itna Janti Hun Ki Dasha jaati kar Jati Praman Patra I Praman Patra on Niwas Praman Patra bante Hain Ki Nahin
Sabse Pahle Baudh dharm hi tha ise Sravan dharm bolte the . Bhart m 28 Buddh ho chuke h swayam Gautam Buddh 28vn Buddh the.isse pahle 27 Bhudh ho chuke h. Ramayana m Ashok Vatika ka jikra ata h jahan Sita ji ko baitha ya gaya tha .kya Ashok Vatika Samrat Ashok ne Banwayi thi sochne wali baat h. Iska MATLAB Ram or Sita Samrat Ashok k bad paida hue. Rawan apne Raj m Ashok Vatika kyoun ban gaye ga us samaya koi Ashok naam person Sri Lanka m rahta tha . Ek baat or 1972 m Silong desh ka naam Sri Lanka rakha gaya History m Sri Lanka naam ka koi desh nahi tha balki Silong tha azadi k bad Bhart k log Silong radio k karkram bhut pasand karte the.
दुसाध एक लड़ाकू जाति है जो प्राचीन काल से ब्रिटिश काल के पलासी युद्ध तक एक सैनिक रूप में रहे प्लासी युद्ध के बाद इन्हें सैनिक में भर्ती होने से रोका गया जिसके कारण यह अपने पारंपारिक युद्ध कला से दूर चले गए तथा अपने जीवन यापन के लिए दूसरे कार्यों संलिप्त हो गए हैं जिससे इनकी आर्थिक सामाजिक दशा में गिरावट I
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
नमस्कार मैं जोगेंद्र प्रसाद दुसाद जाती के है जिला.. देवरिया थाना.. खामपार.. पो. रहिमपुर गाँव. रोहिनीया से है अछा लगा अपने जाती के बारे में जानकर बहुत खुशी हुई हमारे नाना भी पाच गाँव के चौकीदार थे नाम था गुलजार माझी गाँव रोहिनीया में एक लाल कपड़ा ओ हमेशा अपने साथ में रखते थे
दुसाध जाति पहले भारत के मूल निवासी है और जमींदार थे लार्ड डलहौजी ने लैंड पोजीशन एक्ट लगाकर सभी ज़मीन हरप लिया और दुसाध जाति ग़रीब और निर्धन हों गया क्या ये सच नहीं है ज़बाब दे।
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
This is half information... Asal me Dusadh kshatriya hai chittorgarh Rajasthan ke books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
Bramhan samaj nahi Bata hai. Dekhne gye the ka tm jha Bata ja rha tha ... Aise braman samaj ko klankit Mt kro. Jb dusashan ne panchali ki sari ko kholne laga tb panchali ne sap Diya tha ki tm se Jo bans paida hoga oo laburor honge tmhare bans me koi sukhi nahi hoga samjhe. Ithias khol kr dekho. Bramhan ko badnam my kro samjhe
Jaati wad failaya kisne Brahaman ne issko Sara dish Brahaman ka hi h isi ne hmme Svi ae jaati ke name pe sbko nichha dikhaya h isi ko pitna chahiye Are bsdk ke sbse bhatiya h wo Brahaman hi h Sale harek jaati ko baat ke Rakh apne fayda k lye Brahan ko to iss dharti pe rhne hi nhi dna chahiye
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
सभी साथियों को क्रांतिकारी जय भीम जय भारत जय संविधान जय मूलनिवासी दुसाध समाज और पासी समाज एक ही समाज है पासी और पासवान एक ही बात है भाई कोई अलग अलग नहीं होता जय हो पासी समाज की जय हो दूसरा समाज की पासवान एकता जिंदाबाद
@@ramnathkumar8191 Tu shudra hoga 🤣🤣paswan suryavanshi rajput se aate h 🤣🤣paswan ka mtlb hota h prashansha ke yogya aur dusadh ka mtlb jisko kavi koi hara na sake🤣🤣 smjha jalkukda q itna jal rha h dusadh suryavanshi rajput se 🤣🤣
नमस्कार बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ आपको बहुत सारे बधाइयाँ आपको दुसाद जाती के बारे में जानकारी जो आपने दिया उसके लिए हम तहें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं🙏💕
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है। और दुसाद राजस्थान से है नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें 🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा। 🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे। 🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं। 🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए। 🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡। 🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने। 🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे। 🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं। 🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं। 🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏 अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।। और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े। नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
मैं राजपूत जाति से हूं ।
मेरा दोस्त पासवान समाज से बहुत सारे हैं ।
वे सभी अच्छे हैं । अच्छे पोस्ट पर हैं वो ।
Apne jaati ka naam bta ke aap kya shabit krna chahte hai?
Super bhai
❤️
Thanks bro.❤
@@ArunKumar-gw2enAbe wo. Dikha rha h ki wo mil k rhte h. Thoda smjhlo
i am Rajput and respect dusadh cast GREAT WARRIOR CAST
Bjp aur ljp jindabad
♥️🙏
Dusadh jati hamesa Rajput ke sath khari rahti hai
Sukriya bhai .🙏
जिस भाई ने दुसाध जाति के लोगो को जगाने का काम किया है उन सभी भाई को घन्यवाद!
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Bhai pasi jati bhi paswan ki hai
@@Krishnagyan96 haa
दुसाध रेजिमेंट की मांग आज युवा पीढ़ी में बहुत ही मांग है अगर दुसाध रेजिमेंट भारत मे बन जाए तो दुसाध जाति की विकास दर बढ़ जायेगा
Sahi kaha aapne
Hn bhai shi bola kb bnega bhaai bs wait h
दुसाध एक वीर जाती है हमारे दोस्त बहुत है और ओ हर मुस्किल में सामने खड़े होते हैं Royal Cast जय यदुवंशी जय दुसाध
❤️❤️
@@DkGahlotPaswan बिलकुल राजपूत और दुसाध दोनो यादवों के जैसी ही वीर जाती है
@@Bhagatsinghofficial1234
Lekin tum yadav hm jatav se kaam veer ho
@@krishnamohan6851 sab veer sabko ak sat do
@@DkGahlotPaswan pasi SB kB SE rajput ho gye 🤣
जो भाई ने दुसाध जाति का इतिहास के बारे में सही बताया है कि दुसाध क्षत्रिय होते हैै। एवं अच्छे बिचार और सुभा्व वाले होते हैं
हिन्दू एकता जिन्दाबाद
ऊंच नीच छोड़ो हिन्दूत्व से नाता जोड़ों
दुशाद भाई बहुत ही बहादुर होते हैं सभी भाईयों को दिल ❤️ से राम राम
RAM ram bhai sonukumar dusadh
I'm Paswan. Or Paswan and yadav both are brave.
Thanks bhai
Thanks Varun Bhai
Haan qki dusadh paswan suryavanshi rajput se aate h isliye brave hote h
Dusadh is a brave cast
Proud to be Paswan
A lot of thanks for making this factual video
"We should respect all human being beyond caste"
दुसाध जाति के बारे में जानकर मुझे बहुत अच्छा लगा-मैं हिन्दू समाज की एकता का महत्व बहुत शिद्दत से समझता हूँ और ख़ुश हूँ कि हमारा सच्चा इतिहास आज सब जान जान सकते हैं। सारे देशवासियों को एक होकर देश के दुश्मनों को मुँह तोड़ जवाब देना है। बिहारी भाइयों को नमन जिन्होंने चीन को सेना को लोहे के चने चबवाए 🚩
मैं पंडित हुँ ललेकिन मै जानता हुँ ये जाती बहादुर थी, आज़मगढ़ के मुस्लिम को खूब कटा था उन्होने दंगे में
Bhai ap ki galt baat. Kisi ki mahanta is bat se sabit nhi hoti ki kis jaat k logo ne dusre dharm ko kitna marate h.
Bhai hm sb ka ek hi maksad h ek jaati or dharm vihin samaj or desh banane ki.. hm sb bharatiya h
Matlab Ramayana aur Geeta ke mahan aadarsho ko sirf iss baat ke liye Bhul de ki karaaand waalo ko bura Lgta hai
,🙉
Yes
Me paswan hu bihar chhapra se
जय बाबा चौहरमल 🙏🙏 दूसाध वैसा जात होता हैं जिसे कोई बंधक नहीं बना सकता
सभी पासवान भाई को दिल से धन्यवाद🙏
👏👏👏👏
Thanks bhai
Bahut he sunder information collect kar k btaye aap....🙏Thank you so much 🙏💐
Welcome ❤️❤️paswan gehlot rajput
Paswan real rajput suryavanshi rajput from sisodiya vansh
Hii
H💗
Paswan is king the world 😎😎😎paswan😎😎👈
दुसाध लोग सच्चे अच्छे हिंदू राष्ट्रवादी चरित्रवान सनातन धर्म के सनातन धर्म प्रचारक चरित्रवान सच्चे शिव भक्त हैं राष्ट्र के सभी लोग हिंदू हैं हर हर महादेव
Chupbe sanghi. Dusadh avarn hai , kiske baap ka sanatan
@@mrnaibara1753 ja be jalanseel paasi.. Taadi bechne wala paasi.. Jalta h Tu dusadh gehlot rajput se🤣
जय पसवांन। हर हर महादेव।
@@mrnaibara1753 kya be chamar kahar
हम क्षत्रिय गहलोत दुसाध पासवान है💪💪💪💪
Right ❤
H mere bhai shi baat hai
I'm so happy and give respect to you for making this video about our brave caste history.
Thank you.
Dusadh-Paswan.
Jai Hind.
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌹🌹🌹
Sanjeev sg gahlot ji mai.aap bat karna chahta hun aur mai.hyderabad .police dep at worked my name is narayan paswan cell no 9440077444
We all r GAHLOT Rajput
GAHLOT rajput k bare koi or video bana de bhai
Sabse Pahle Baudh dharm hi tha ise Sravan dharm bolte the . Bhart m 28 Buddh ho chuke h swayam Gautam Buddh 28vn Buddh the.isse pahle 27 Bhudh ho chuke h. Ramayana m Ashok Vatika ka jikra ata h jahan Sita ji ko baitha ya gaya tha .kya Ashok Vatika Samrat Ashok ne Banwayi thi sochne wali baat h. Iska MATLAB Ram or Sita Samrat Ashok k bad paida hue. Rawan apne Raj m Ashok Vatika kyoun ban gaye ga us samaya koi Ashok naam person Sri Lanka m rahta tha . Ek baat or 1972 m Silong desh ka naam Sri Lanka rakha gaya History m Sri Lanka naam ka koi desh nahi tha balki Silong tha azadi k bad Bhart k log Silong radio k karkram bhut pasand karte the.
Paswan is a proud community. They are known for bravery and unity.
Sahi kaha
@@Anita9119. ❤️
brother,i am also a dushadh but our community is full of bravery but not unity i saw many times
❣️❤️❤️
दुसाध जाति महान है अपनी राष्ट्र की रक्षा के लिए प्राण निछावर भी किये है
Thank you for sapoting
Bhaiyo mai bhi dusadh hu ab fakra hota hai ye video dekhne ke baad 👍👍
Pritam Pa
@@praajmworld2692 ❤️
Thanks bhai
Proud to be paswan/dushad/Gahlot 💪💪🙏
@sonu paswan vai wo isliye likha hu taki log confuse na ki tin alag name ha samjh gya bro
Proud of Paswan ❤️/Gahlot Rajput
मुगल शासक में अंगरक्षक को पांचवा कहा जाता था और उसी से पासवान टाइटल मिला है और दुसाध्य से दुसाध जिसका अर्थ है जिसे साधा हराया ना जा सके ।
हम सब आपके आभारी हैं जो आपने हमारे अतीत के बारे में बताया 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ha bhai sach me jankari nhi thi ..lekin hamare purwah bahut veer they jaise baba chauharmal aur v h..
जाति~दुसाध
टाइटल~पासवान ,हजारी
गोत्र~ मग्ही
दुसाध ही पासवान है।
पासवान बिहार की महान जाति है।
असली पासवान बिहारी होता है ।
हम है बिहारी मग्ही पासवान ।😎🙏
Good
u r right hum bhe paswan haa Or humlogo sher kece sa darte nhe haaaa
@Ambuj Kr Paswan तुम अपनी अम्मा से पूछो पासी के हो ना पासवान के😀.😏
Gotra Magahi nahi hota.. Ye galat information hai....
@@amitbanglavlog646 गोत्र नही हो लेकिन हम मग्ही (मग्हिया) पासवान है । हा असली बिहारी भी है ,दुसाध भी है ,पासवान भी है ।💪💪🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥😘😘😘😍😍😍😍😍😍😍😎😎
हम हिन्दू कितना भाग्यशाली है की हम सभी बहादुर थे लेकिन नेताओं ने हम लोगों को बर्बाद कर दिया. हम सभी अब हिन्दू बन कर रहेंगे, धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा. .
Chupbe sanghi, Hindu banakar satta chahiye.
@@mrnaibara1753 नासमझ
Yeh hui n baat 🚩🚩🚩
Jai shree ram
@@mrnaibara1753 mulla
@@Prashantkumar-jc7kg-j2c aapne sahi hamlog aapne miljulkar rahna chahiye ekta me hi bal hai
बहुत-बहुत धन्यवाद आपको इतिहास के बारे में आपने बहुत मेहनत करो हम लोगों तक पहुंचाने का काम किया जय बाबा चौहरमल आप ऐसा वीडियो और ना तेरे जय भीम नमो बुद्धाय
स्वागत है आपको
@@thepasilandlords re murkh sala yhi jati pati vala video banata hai tu
@@thepasilandlords *अपनी जाति को जैसे मर्जी बताओ लेकिन दूसरों की जाति को क्यों तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हो पासवान जाति बिहार के सर्वश्रेष्ठ जाती हैं और रहेगी*
लिंक दिया है पढ़ लेना दुसाध का अर्थ क्या है समझ भी लेना
इन सभी के जिम्मेदार तुम लोगों अगर हमारी कौम के बारे में गलत नहीं कहते तो ना हम तुम्हारे बारे में कहते
और जो तुम दुसाध को पासवान बता रहे हो जबकि तुम्हारे लिए दूसरा शब्द पसबन दिया है पुरानी रिपोर्ट पढ़ोगे तुमको दिखाई पड़ जाएगा पासवान
सिर्फ पासी के लिए प्रयुक्त किया गया है और तुम्हारे लोगों ने अज्ञानवश पासवान लगाने लगे uff मार्केट में कौन सी चीग कब बिक जाती है पता नहीं चलता है
वीडियो बनाने वाले ने भी साफ कर दिया है
की *पासवान शब्द दो जातियों में कॉमन है एक तो पासी और दूसरी दुसाध* इतना भी तुम्हारे पास कॉमन सेंस नहीं है कि सोच सको खैर इतना चुतियापा कोई *अंधभक्त* ही कर सकता है फिर भी इसको अपना बनाने की कोशिश कर रहे हो बल्कि यह टाइटल/ उपजाति है जाति नहीं ,
1 *पासवान पासी की उपजाति है*
2 *दुसाधो की पसबन टाइटल*
दुसाध के उपजाति में यह पसबन नहीं है तो यह जाति कैसी हो गई
बल्कि रजर, भरसिय , डरही, आदि है
हमारी ही जाति का टाइटल चुरा कर हमें ही सीखा रहे हो
अब तुम लोग कर भी क्या सकते हो जब खुद की जाति चोर है जाति का नाम छिपाओगे ही
*1927 की किताब दुसाध के बारे में क्या कहती है*
दुसाध का दुसाध जाति के लोग संयुक्त प्रान्त के पूर्वी भाग और प्रायः सारे बिहार प्रान्त में रहते हैं । ये लोग अधिकांश संख्या में हल चलाते , खेत बोते , फसल काटते और कृषी सम्बन्धी भिन्न - भिन्न कार्य करते हैं । कुछ लोगों का कहना है कि दुसाध शब्द ( दुष अद् ) से बना है । दुष का अर्थ है बुरा अद् धातु भोजन करने के अर्थ में आता है । *अतः दुसाध दूषित भोजन करने वाले को कहते हैं* । वास्तव में दुसाध लोग *सूअर का मांस खाते हैं* । सम्भव है कि इसी कारण इनका दुसाध पड़ा ।
*दुसाध*1927*
books.google.com/books/about/Chand_Achhoot_Ank.html?id=T4joAQ3ubBAC
लिंक दिया है पढ़ लेना दुसाध का अर्थ क्या है समझ भी लेना
इन सभी के जिम्मेदार तुम लोगों अगर हमारी कौम के बारे में गलत नहीं कहते तो ना हम तुम्हारे बारे में कहते
और जो तुम दुसाध को पासवान बता रहे हो जबकि तुम्हारे लिए दूसरा शब्द पसबन दिया है पुरानी रिपोर्ट पढ़ोगे तुमको दिखाई पड़ जाएगा पासवान
सिर्फ पासी के लिए प्रयुक्त किया गया है और तुम्हारे लोगों ने अज्ञानवश पासवान लगाने लगे uff मार्केट में कौन सी चीग कब बिक जाती है पता नहीं चलता है
वीडियो बनाने वाले ने भी साफ कर दिया है
की *पासवान शब्द दो जातियों में कॉमन है एक तो पासी और दूसरी दुसाध* इतना भी तुम्हारे पास कॉमन सेंस नहीं है कि सोच सको खैर इतना चुतियापा कोई *अंधभक्त* ही कर सकता है फिर भी इसको अपना बनाने की कोशिश कर रहे हो बल्कि यह टाइटल/ उपजाति है जाति नहीं ,
1 *पासवान पासी की उपजाति है*
2 *दुसाधो की पसबन टाइटल*
दुसाध के उपजाति में यह पसबन नहीं है तो यह जाति कैसी हो गई
बल्कि रजर, भरसिय , डरही, आदि है
हमारी ही जाति का टाइटल चुरा कर हमें ही सीखा रहे हो
अब तुम लोग कर भी क्या सकते हो जब खुद की जाति चोर है जाति का नाम छिपाओगे ही
*1927 की किताब दुसाध के बारे में क्या कहती है*
दुसाध का दुसाध जाति के लोग संयुक्त प्रान्त के पूर्वी भाग और प्रायः सारे बिहार प्रान्त में रहते हैं । ये लोग अधिकांश संख्या में हल चलाते , खेत बोते , फसल काटते और कृषी सम्बन्धी भिन्न - भिन्न कार्य करते हैं । कुछ लोगों का कहना है कि दुसाध शब्द ( दुष अद् ) से बना है । दुष का अर्थ है बुरा अद् धातु भोजन करने के अर्थ में आता है । *अतः दुसाध दूषित भोजन करने वाले को कहते हैं* । वास्तव में दुसाध लोग *सूअर का मांस खाते हैं* । सम्भव है कि इसी कारण इनका दुसाध पड़ा ।
*दुसाध*1927*
books.google.com/books/about/Chand_Achhoot_Ank.html?id=T4joAQ3ubBAC
दुसाध से शरीर में उबलता खून देखने को मिलता है ,,,,,दुसाद को मेरा प्रणाम🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Dusadh rajdoot hote the raja ke.. Rajdut veer hote hi the... Marshal kom h yh... Rajput dusadh bhai bhai❤ main gautam rajput hoon..
यह विडियो जरुर देखे ऐसा इतिहास कोई नही बताया है😳
th-cam.com/video/xZeVc3Fn4k8/w-d-xo.html
Paswan gehlot rajput ❤️❤️🙏
Very good
Dusad jaat hote h
Dusadh ke kuch raja ka name bataiye jara
दुसाध्य का अर्थ है जिसे साधा न जा सके ।
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।।
और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
@@titfortat1749 correct 👍
@@titfortat1749kitab ka naam bataye, ye link nhi khul Raha h
दुसाध एक वीर पुरुष और क्षत्रिय भी किसी के आगे झुकना नहीं जानता
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।।
और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
@@kitkat4899kuch dusadh rajao ke name bataiye
दूसाध पासवान समाज का इतिहास गौरवशाली है और सम्राट बिंबिसार से उनका इतिहास शूरू होता है।
बौद्ध धम्म साहित्य त्रिपिटक में दूसाध जाति का इतिहास का दस्तावेजीकरण किया गया है।
दूसाध - जिसे साधा ( हराया ) ना जा सकें।
नमो बूद्धाय, जय भीम 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
भईया आप ने जो बताया है दुसाध(पासवान) के वारे मे वो 100 प्रतिशत सत्य है आप को दिल से सलाम
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।।
और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
Verinice
Bhai dusadh ka urdu arth paswAn hota hain
Dusadh bahut bahadur hotel hai
Aur khatarnak bhi
E kabhi dosti me dhokha nahi dete
Love you dusadh friend
Dushadh or yadav hamesha ek dusre ke dost hote hain jo dono jati mahabharat ke kashtriye hain..jo dono yaduvansi ke hi vansaj hai ...
Dushad gehlot rajput ❤️❤️
Or yadav.. Krishna vnsh.. 🙏
Phle sahi se likhna sikh.. Bhai pdh likh lo bhi
@@uttamkumar185 dusadh yaduvanshi ke nahi balki suryavanshi rajput ke vanshaj h
दूसाध जाती का ईतिहास बतलाने के लिए धन्यवाद, बैसे तो दूसाध सारा संसार है, कैसे , तो जो दो व्यक्ति यों के मिलन से, समागम से, करी मेहनत से, करी परिश्रम से, जो संतानों की उत्पत्ति होती है उसे दूसाध कहते हैं 1
I'm dusadh...and my grandfather was wrestler....🙂
Hi bhai m bhi dusaad hu
Gangs of wasseypur dekho ho waise koyla khadaan ke Malik Ka lathait the mere Dada bahut langtaa the ketne ko maar diye the marte marte bol kr gye kisiko satana nhi... Ego dhela v chhod nhi gye sutte the paisa bichha ke Sona Ka daant thokwaaye huye the... Naam chalta tha dhanbad me lekin kya mila ye sabse kuchh nhi...
Kaha se ho? Haryana
हम दुसाद है किसी से डरते नहीं अपनी करते हैं अपनी चलाते हैं अपने दम पर रहते हैं कोई अकड़ दिखाता है तो उसे तोड़ देते हैं
Bhai dushad aur pasi ek hi hote hai.....? Kya in dono m shaadi hoti hai....?
Bihar me Rajput , bhumihar Yadav ke hathon Dusad ki khub kutaiye hota hai , akar dikhane par ......
In Bihar only Rajput Bhumihar Yadav ........And Patel ......no One has born to deaft him in Bihar .....
But politically they are different......
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣😃😅😅
Hello
@@BanningCom tm logo ne angrezo aur mughlo ke Tel lagaya tha isliye ab arthik rup se majboot ho.....gareeb logo pe atyachar krte ho
@@rahulrawat8164 Tm Logo ko tho Itna v Dimag Nahi Tha...🤣🤣
जय दुसाध ⚔️🚩⚔️
सही बात बोला आपने दुसाध जाति एक बहादुर कौम है मैंने देखा है एक अकेला दुसाद 10 पर भारी है
Ekdm dil ki baat bol di mere bhai
Shi bole bhaiya a rajput hi h
@@rahulraj-pj5ov Dusadh Gahlaut Rajput hai
@@hexpanther4434 Goood morning bro vidio banane ke liy
Thank you Bhai inta kast se apne video banane ki koshish
Ek aur agla BHAg part banaye plz oaaur detail me bataye plz 🙏🙏🙏
Apne itna achha se smjhaye h dill Khush ho gya h
Dill se apko very very thank you Bro
❤️ऊपर आसमान निचे पासवान 🇮🇳
Aur Aise video dekhna hai aise Itihaas ki jankariyan wala video chahie
🤫🤫🤫🤫
Jai paswan
Adhuri jankary hai
@@amershkumar3466 tum puri kar do
Hmm sukuriya krnge apka
Thank you very much brother you tell the history of our society so well
यह विडियो जरुर देखे ऐसा इतिहास कोई नही बताया है😳
th-cam.com/video/xZeVc3Fn4k8/w-d-xo.html
चिरांग पासवान के रूप में बिहार को एक योग्य नेता मिला है जिसे अगड़े, पिछड़े, एससी, एसटी सभी पसंद करते हैं। उनका समर्थन करें तो वो बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं
Dusadh ❤️ Rajput mein aata hai I'm right na everyone ❤️💧
No , Rajput means Raj gharane ne h means Raja ka putra we are simply Guard (चोकीदार)
Nhi bhai ye brahmanno aur rajputo ka niche dikhane ke liya kha gya ki hai paswan rajput mai ate hai
Raja ke baap hua @@raviratan1882
Yes rajput father ki auladein hai paswan
Nhi bhai dusad Paswan jati me aati hai ❤
कुछ लोग दुसाध जाती से छुआ -छूत की मानसिकता रखते, उनलोगो से दूर ही रहे, हम दुसाध जाती वीर थे वीर रहेंगे!!
दुसाध जाती को पसंद करने वाले लाइक करें 👉
दुसाद लोग सबसे वीर होता है वो कभी जीवन में हारना नही स्वीकार किया और जुबान का पक्का माना जाता है ,,,,,,,,,,अगर आपका कोई भरोसा मंद साथी बन सकता है तो वो है दुसाध ,,,सिर कटा देगा लेकिन अपना वचन से पीछे नहीं हटेगा
दुसाध जाती को बहुत हि करीब से जानते हैं क्यों कि हमारे गांव में दुसाध जाती कि संख्या है और हमरा मित्र भी दो लडका थे हम जाती से राजपुत है एक बार हम दोनो मोटरसाइकिल से जा रहे थे कि पुरानी दुष्मनी से दुसरे गांव के कुछ यादव के लड़के हम दोनों को धेर लिए और मार पिट करने लगे चहता तो गगन पसवान भाग सकता था मगर भागा नहीं मेरा साथ दिया
Josaa jaati ki thodi bahut aur Jankari Iske alava main aapse Itna Janti Hun Ki Dasha jaati kar Jati Praman Patra I Praman Patra on Niwas Praman Patra bante Hain Ki Nahin
Good
Arre mere bhai Dusadh waise bhi sahsi nidar hote hai
Bhai ye baat yaad rakhna jaati mein ladaku koun koun hai
General =Rajput
Obc=yadav
Sc=Dusadh
Sabse Pahle Baudh dharm hi tha ise Sravan dharm bolte the . Bhart m 28 Buddh ho chuke h swayam Gautam Buddh 28vn Buddh the.isse pahle 27 Bhudh ho chuke h. Ramayana m Ashok Vatika ka jikra ata h jahan Sita ji ko baitha ya gaya tha .kya Ashok Vatika Samrat Ashok ne Banwayi thi sochne wali baat h. Iska MATLAB Ram or Sita Samrat Ashok k bad paida hue. Rawan apne Raj m Ashok Vatika kyoun ban gaye ga us samaya koi Ashok naam person Sri Lanka m rahta tha . Ek baat or 1972 m Silong desh ka naam Sri Lanka rakha gaya History m Sri Lanka naam ka koi desh nahi tha balki Silong tha azadi k bad Bhart k log Silong radio k karkram bhut pasand karte the.
Yahi hota h Bhai dosti me and Paswan jati me dosti nibhati h to fill se And duamani v nibhati h to Dill se
Goraiyaa baba ki.. Puja sir paswan or.. Rajput log krte hai... ♥️🙏
दुसाध एक लड़ाकू जाति है जो प्राचीन काल से ब्रिटिश काल के पलासी युद्ध तक एक सैनिक रूप में रहे प्लासी युद्ध के बाद इन्हें सैनिक में भर्ती होने से रोका गया जिसके कारण यह अपने पारंपारिक युद्ध कला से दूर चले गए तथा अपने जीवन यापन के लिए दूसरे कार्यों संलिप्त हो गए हैं जिससे इनकी आर्थिक सामाजिक दशा में गिरावट I
Correct bole Bhai 😍😍
राजा सलेश को दुसाध जाति पूछता है यह सही बात है
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।।
और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
शैलेश, माघी मकरा,
100% सही है
Dushad hamesha se hi dusare ke Lia apani Jan di hai inke Lia ak laik to banta hai bhai
@@kunwarvyapaksingh5944 bhai dil jeet rhe ho aap aapke jaise smjhdaar log kam hain bhot... thankyouu god bless you 🌺❤
बहुत बहुत धन्यवाद सर आपको कोटि कोटि नमन करता हूं आपको जो इन सभी बातों का जानकारी देने के लिए मै भी पासवान हूं लेकिन इन सभी बातों से अनजान थे
मै गलत था, भाई दुसाध और पासी दोनों अलग अलग समुदाय है।
Bhito mujhe bhe lga ak aur video bnai
dono bilkul alg alg hiii
Dono yek hi hai bhai ye galat video
bihar or up me alg alg hote hii
U.p me passi kahte hi or Bihar me paswan
मै एह इतिहास जानता हू और राजस्थान के दूसाध राजपूत के साथ बिहार के दुसाध को जोड़ने का कोशिश कर रहा हूं
kshtriya vansh pradeep,,brahman nirnay garanth padh le pata chal jayega paswandusadh kya h
Koi proof hai 😂 kya sirf bolte ho
@@Badboy-lo8ht tera baap Tera hi hai eska कोई प्रूफ है
Sonu paswan from nepal 🇳🇵🇮🇳🙏🙏🙏
पासवान अपभ्रंश है पासबाँ का। पासबाँ एक अरेबिक शब्द है। जिसका अरबी में अर्थ होता है क्षत्रिय,रक्षक ,बहादुर ।
नमस्कार मैं जोगेंद्र प्रसाद
दुसाद जाती के है जिला.. देवरिया
थाना.. खामपार.. पो. रहिमपुर
गाँव. रोहिनीया से है अछा लगा अपने जाती के बारे में जानकर बहुत खुशी हुई हमारे नाना भी पाच गाँव के चौकीदार थे नाम था गुलजार माझी गाँव रोहिनीया में एक लाल कपड़ा ओ हमेशा अपने साथ में रखते थे
Mera dost ek dusadh hai mere bhai jaisa hai o ❤❤❤
Tu kon h be.. Gobaar 😂😂
Mera ek v dost yadav nhi.. Hai
Mujhe bhut bhut garv hai apne paswan gehlot rajput hone prrr.... Jai paswan jai chauharmal
I am chamar and respect dusadh
Dhanak isi jati ko bolte h kya
जय श्री रविदास जी दुसाध से भी महान चमार कोम हैँ दुसाध और चमार एक ही जाती थे दुसाधो ने अलग पहचान बना लिया
Paswan is a great caste but we are indian person
Sahi bola bhai dusad log bahut taqtawar hote hai or we nidar hote hai
Love u bhai...🔥🔥
Aaj maine apni jaati ke itihaas ko jana.. kitne mahan log the wo
Hum dusadh bhaiyo ke liye itna karne ke liye dil ♥️♥️se dhanyvad
Jio mere sher दुसाध वंशी ब्रांड है और इसका आगे कोई नहीं है
THANKS A LOT GOD BLESS YOU HAVE A LONG LIFE WITH GOOD HEALTH AND HYGIENE
Please try to collect more history and disclose in next video, thanks
पासियों कि ये विडियो नही देखा तो क्या देखा ...!
th-cam.com/video/xZeVc3Fn4k8/w-d-xo.html
दुसाध जाति पहले भारत के मूल निवासी है और जमींदार थे लार्ड डलहौजी ने लैंड पोजीशन एक्ट लगाकर सभी ज़मीन हरप लिया और दुसाध जाति ग़रीब और निर्धन हों गया क्या ये सच नहीं है ज़बाब दे।
Dusad aur kshatriye 😂😂😂😂😂😂😂
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।।
और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
Jai Dusadh Kshatriya Jai Hindu Rashtra 🚩🇮🇳🇮🇳
Sab jaati samaan hai , Hindu hi humaara abhimaan hai !!
You are right bro
@@SachinKumar-by4fy ye bro.. Tumhare hasne se.. Itihas nhi badal jyega.... Beta
आपने दुसाध राजा वीर मकरा मांझी के बारे में जानकारी नहीं दिया । जिसका वर्णन आइने अकबरी में भी है।
Abe manjhi😂😂😂
Great 🙌
Thank you so much for such a valuable information. Keep up the good work.
Thankyou so much for such a valuable information ....🙏
हमे दुसाद जाती के बारेमे जानकर बहुतही अच्छा लगा मै भी दुसाद हु तो हमे सुन करबहुतअच्छा
दुसाद वीर और लड़ाकू जाति होती है
You are right
No
Sahi
Dil se sukriya bhai Dusadh veer hai aur yadav dabbang hote hai inki samne bhabhan rajput kuch nhi hai
Nhi yadav dabang nhi hai
Paswan ki yari our Sher ki sabari nasib walon ko hi milta he 👍
Suddh jankari Avi tak ki. Maine khub dhundha tha lekin kahin nhi Mila ye Sab ab mil gya 😊😊😊lo ek aur Aapka fan up 😊
That information is very beneficial for our society So you must published second part of this series
This is half information... Asal me Dusadh kshatriya hai chittorgarh Rajasthan ke
books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
दूसाध जाती के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद sir jee 👍🏽🙏🙏🙏
बहुत बढ़िया आपको जानकारी है दुसाध के बारे मे, मुझे गर्व है दुसाध होने पर
2nd part lao bhai
Love from Bihar
पासियो की ये विडियो नही देखे तो क्या देखे..?
th-cam.com/video/xZeVc3Fn4k8/w-d-xo.html
Me thakur hu but I don't bleave cast we love all indian but I brave smaran dharma love u all indian 🇮🇳🇮🇳🕉️🕉️🚩🚩😘😘
आप सभी पासवान भाइयों को तहे दिल से शुक्रिया
बहुत रोचक जानकारी साथ हीं साथ सटीक भी।
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।।
और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
I am dusadh but believe in sanatani sab sanatani hai❤
Thank you Bhai for giving right information regarding paswan community.
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।।
और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
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भाई जातियों में न बटो । सदियों से मनुबादियो तथा ब्राह्मण समाज ने हमलोग को बांट कर रखा ताकि हमलोग एक ना हो। हमलोग बहुजन समाज है। (SC ST OBC)
Bramhan samaj nahi Bata hai. Dekhne gye the ka tm jha Bata ja rha tha ... Aise braman samaj ko klankit Mt kro. Jb dusashan ne panchali ki sari ko kholne laga tb panchali ne sap Diya tha ki tm se Jo bans paida hoga oo laburor honge tmhare bans me koi sukhi nahi hoga samjhe. Ithias khol kr dekho. Bramhan ko badnam my kro samjhe
Jaati wad failaya kisne Brahaman ne issko Sara dish Brahaman ka hi h isi ne hmme
Svi ae jaati ke name pe sbko nichha dikhaya h isi ko pitna chahiye
Are bsdk ke sbse bhatiya h wo Brahaman hi h
Sale harek jaati ko baat ke Rakh apne fayda k lye
Brahan ko to iss dharti pe rhne hi nhi dna chahiye
@@BABLUKUMAR-xk7nw Abe oye aukat me rho. Kaha rhte ho be. Bramhan ko marna hai. Ruk Tere location ko me tag karta ho
Yes you are right
@@amanshivaismyheartbeatshiv3666yess Wright
बहुत बहुत धन्यवाद विडीओ बनाकर जानकारी देने के लिये , मैं भी बिहार मोतिहारी सुगौली से हू ! जो भाई मोतिहारी से है वह लाइक करे !
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
अगर आपको यह झूठ लग रहा है। तो सूचि देख लीजियेगा। दुसाध का नाम अवश्य होगा।।।
और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
books.google.co.in/books?id=4pUQYlepONwC&pg=PA103&lpg=PA103&dq=yashoda+devi+dusadh&source=bl&ots=55dFQX97D0&sig=ACfU3U0NYJpEvWDwNEJgExPSR48LgU-h6w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwi2iYSl3ZjsAhWFcn0KHVrNA_IQ6AEwEHoECAMQAQ#v=onepage&q=yashoda%20devi%20dusadh&f=false
Kafi jagaha par dushadho ko RAJA SHAHAB ,Raja shahab ,RAJWAN Sahab, RAJWAN bhi bola jata hai par Google pe ye show nhi krta hai
जय दुसाध जाति एवं समाज💪💪💪🌹❤️❤️
BWTAGA👍👍🗡️
The great cast of paswan
Thanks 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Kya aap bhi paswan hai
दुसाध (दुसाध्य) कृष्ण के भाई बलराम का नाम है।। इसपर अन्वेषण कीजिए ।जय समाजवाद!
Yaduvansi ka ek gotra Dushadh bhi hota hai jo mahabharat ke hi vansaj hai ek khawat bhi thi Dushadh or yadav mousera bhai hote the
Dusadh gowar,😀
@@uttamkumar185 tera bat to sahi h bro
Abe yadav naam se hme ghrinna hoti hai.. Bhut gande rhte ho tumlog
@@uttamkumar185 ye bhi Shai baat hai
दुसाध is educated cast in Bihar
भाई दुसाध बहादुर होते है ये आज भी देखा जा सकता है
Please 2nd part of Dusadh caste prepare to release Immediately
सभी पासवान भाई को दिल से शुक्रिया
सभी साथियों को क्रांतिकारी जय भीम जय भारत जय संविधान जय मूलनिवासी दुसाध समाज और पासी समाज एक ही समाज है पासी और पासवान एक ही बात है भाई कोई अलग अलग नहीं होता जय हो पासी समाज की जय हो दूसरा समाज की पासवान एकता जिंदाबाद
Kute ke v par nikal aaye kya, dushad sudra hote hai ,aur inka kaam hai baaki teeno varna jaise ki brahman khatiya aur vaishya ki Sheva karna
👏👏👏👏
Right
@@ramnathkumar8191 or pasi pure India me achhut....
@@ramnathkumar8191 Tu shudra hoga 🤣🤣paswan suryavanshi rajput se aate h 🤣🤣paswan ka mtlb hota h prashansha ke yogya aur dusadh ka mtlb jisko kavi koi hara na sake🤣🤣 smjha jalkukda q itna jal rha h dusadh suryavanshi rajput se 🤣🤣
Thanks for beautiful information .I request u to bring next parts.thanks
Supper paswan jaati
Hay
U r right
8877371793
Chamar is great
Super होता paswan
नमस्कार बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ आपको बहुत सारे बधाइयाँ आपको दुसाद जाती के बारे में जानकारी जो आपने दिया उसके लिए हम तहें दिल से शुक्रिया अदा करते हैं🙏💕
दुसाधवंशी गहलोत राजपूत 🚩🚩
Sher ki yari aur Paswan ke Dosti kismat Wale Ko milte Hai 💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪 VIKASH PASWAN (Gaya)
Right and nice
Thank you so much for these information 🙏
देखिए दुसाध राजस्थान, चित्तौड़गढ़ के क्षत्रिय हैं यह बात १०० % सही है। दुसाध जाती इतनी बहादुर क्यों है।
और दुसाद राजस्थान से है
नीचे दिए गए बातों पे ध्यान दें
🌺१ दुसाद का मतलब दुशासन के वंश नहीं बल्कि , साध शब्द का अर्थ है किसी को लक्षय बनाना, किंतु दुसाध इतने बहादुर थे की उन्हे कोई हरा नहीं पाता था, इसीलिए उन्हे दुसाध कहा जाने लगा।
🌺दुसाध राहु केतु की पूजा नही बल्कि मेवाड के राजा राहुप की पूजा करते है। जो ११वी शताब्दी मे थे।
🌺जब चित्तौड़गढ़ के राणा लाखा के मेवाड के सैनिक के साथ मुगलो से मंदिरों और लोगों की रक्षा करने आये थे, तब भीषण युद्ध हुआ और राणा लाखा जी का देहांत वही हो गया। जहाँ उनका देहांत हुआ वह जगह आज लखिसराये के नाम से जानी जाती है। और वहाँ दुसाध लोग अधिक हैं।
🌺राणा लाखा के मरने के बाद उनकी रानी गुनवती और चुंडावटों ने कहा की अभी सैनिकों को यहीं रहना होगा जब तक यह युद्ध ख़तम नहीं होता। उनको आदेश का पालन किया गया और सैनिक अपने परिवार सहित यहि रह गए।
🌺दुसाध अपनी बेटियों को विवाह के बाद विदा करते समय उन्हे सुअर के बच्चे पकडा देते थे ताकि वे मुगलों से सुरक्षित रहे। इसीलिए उन्हे अछूत करार दिया गया 😡।
🌺दुसाध बाबा गोरया की पूजा करते हैं। जो रानी पदमिनी के साथ गोरा जी और बदल जी आये थे। अलाउद्दीन से लड़ने।
🌺आज भी मेरे गाँव मे मेरे परदादा सभा बुलाया करते हैं। और राजपूत योध्दाओं और खासकर महाराणा प्रताप के बारे में बताते थे।
🌺जहाँ दुसाद हैं वहा आज भी दुसाध राजपूत महासभाएँ लगती हैं।
🌺आज भी कुछ जेनरल राजपूत हमें अपना मानते हैं, और क्षत्रीय की सूचि मे ४०८ वे क्रमं पे हैं। और गहलोत राजपूत शाखा की २४ में से २१वे क्रम पे हैं।
🙏⚔क्या दुसाधों को अपना गौरवशाली इतिहास भुला देना चाहिए? नहीं! ⚔🙏
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और छांगुर प्रसाद सिंह गहलोत, यशोदा देवी दुसाद की किताब पढ़े।
नीचे यशोदा देवी दुसाध की किताब का लिंक है ज़रूर पढ़ें
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