सुमित चौहान ने भरी सभा में जातिवादियों को किया शर्मसार, ब्राह्मणवादियों की ऐसी धुलाई नहीं देखी होगी
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- เผยแพร่เมื่อ 26 มี.ค. 2023
- सुमित चौहान ने भरी सभा में जातिवादियों को किया शर्मसार, ब्राह्मणवादियों की ऐसी भयंकर धुलाई नहीं देखी होगी। जाति और मीडिया के सवाल पर बहुत बुरी तरह धोया।
वीडियो देखें - • सुमित चौहान ने भरी सभा...
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सुमित चौहान का पत्रकार का नंबर एक
मै एक दलित हू, और एक दलित का जातीगत दर्द मै स्वयम समज सकता हू, नाकी कोई और, सुमित सर ने बाहुत अच्छी तरीकेसे प्रोसेस किया है.
सुमित चौहान आप को कोटि कोटि नमन आपको बार बार सलाम जयभीम जय संविधान जय भारत नमो बुद्धाय धन्यवाद साथीयों
Pehle baat to yeh Chauhan naam lagake kyu ghum raha h?
@@vividlearner7427nikal
सुमित जी आईना लेके बैठे हैं।चैहरा इनको दिखा रहे हैं।
किस किस को आज सुमित जी का जज्बा अच्छा लगा ? मुझे तो बहुत ही जबरजस्त लगा !
Very nice answers by sumeet sir
सच्ची बाते झूठे दौर में सुनना हमेशा ही अच्छा लगता है😊 । We need more people like him🙏
😮
Awesome
Jai bhim namo budhay 🕯️
🔥🔥🔥 सवर्णों की लंका में आग लगा दिए सुमित भाई जी आपने.... दिल से जय भीम✊
बहुत सुन्दर jabab दिया
दिल से सलाम सुमित भाई।
आदरणीय नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de
आपकी बात से सहमत हूं मजा आ गया जय भीम
इस तरह से बोलना गलत है ऐसा उनोहने नही बोला सुमित जी ak achche patrakar hai कृपया अपनी नफरत का शिखर उन्हे न बनाया जाए 🙏🏻🙏🏻
जब मैने विकाश दिव्यकृति सर से सुना की हमारे अपर कास्ट लोग पिछडी महिलाओ से स्तन ढकने पर कर वसूलते थे एवं पिछड़े समाज के पुरुषो तथा महिलाओ को शिक्षा का अधिकार नही था। तब मुझे लगा विकाश सर झूठ बोल रहे है। पर जब सर्च किया तो पाया की ये सारी बाते सच है। तबसे मुझे इस सवर्ण शूद्र वाले ऊंच नीच विचारधारा के नीच धर्म से घृणा हो गयी है। जातिवाद पर टिका ये धर्म मानव मानव मे भेद करना सिखाता है। हमारे अपने हि लोगो कमजोर पिछड़े मासूम लोगो पर अत्याचार किये। इससे शर्म की बात और क्या होगी।
thanks bhai for supporting rights
विकास दिव्यकीर्ति ने आपको अधूरी जानकारी दी है यह मामला केरल का था इसका पूरे देश से कोई लेना देना नहीं पूरे देश में हमारे स्त्रियों का उसे समय भी बहुत सम्मान था और आज भी बहुत सम्मान है
विकास दिव्यकीर्ति और सुमित दोनों पूर्वाग्रह से ग्रसित है यह केरल की घटना है पूरे देश से जोड़कर देखना इसे न्याय संगत नहीं है यह घिनौना कृति था लेकिन उसे समय हमारे देश के अन्य भागों में स्त्री का अत्यधिक सम्मान और प्रतिष्ठा थी यह भी बताइए
विकास दिव्यकीर्ति अपने इंस्टिट्यूट में भीड़ बढ़ने के लिए यह जानकारी दे रहे हैं केरल की यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी मगर पूरे देश में इसको जोड़कर नहीं देखा जा सकता पूरे देश में स्त्रियों का सम्मान था वह यह क्यों नहीं बता रहे ना जाने क्यों छुपा रहे हैं
केरल की घटना को पूरे देश से जोड़कर नहीं देखा जा सकता हमारा देश उसे समय गुलामी की जंजीरों में झगड़ा हुआ था किंतु देश के दूसरे अन्य हिस्सों में स्त्रियों का बहुत अधिक सम्मान था विकास दिव्यकीर्ति सुमित चौहान स्थिति को क्यों बच्चों से छुपा रहे हैं
यह बदले की कार्रवाई हो रही है ब्राह्मणों के साथ लेकिन आने वाले समय में इसका जवाब दिया जाएगा
जय भीम नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी ब्राह्मण विदेशी ़
सुमित जैसे बुद्धिस्ट लोगों की समाज को आवश्यकता है जय भीम
आदरणीय Gopalbarupalji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de
बहुत बढियाँ धुलाई करते है सर आप इन ब्राह्मणवादियो की ! 👌👍🙏
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना केरल राज्य की है इसे पूरे भारत से जोड़कर नहीं देखा जा सकता इसे सुमित भाई पूरे भारत के ऊपर ठोकने का घिनौना प्रयास आप मत कीजिए
सुमित सर जी आपने अपनी विचारधारा बहुत ही अच्छे
दिल❤ से सैल्यूट खुश कर दिया जय भीम जय श्री कांशीराम जी🙏
Right
सुमित चौहान जी की आवाज में अंदर से फीलिंग रूह को छूने का काम करती है इसलिए दिल से जय भीम जय श्री कांशीराम जी🙏ओर जसप्रीत कुमार जी आप जी अच्छा लगा धन्यवाद जय भीम नमो बुद्धाय
Sumit sir 🙏 ji लय भारी संभाषण करून सांगितलं jay bhim jay savidhan
आदरणीय Karanchandji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de
अब मुझे पूरा यकीन हो गया है कि आप लोग देश को डूबने नहीं देंगे सुमित सर को दिल से सलाम
Sumit Chauhan ki baat ho bhi hota wo sahi hota wo jatiwadi dekh ke nahi bolte sb really hi bolte
@@Kajal-ip8lpKeep it faith.
Sc st obc ke purvaj ek hai aur hame mil kar apne adhikar ki ladai milkar ladni chahiye kyonki sadiyo se humara adhikar chheena gaya hai
Absolutely right sir
यह घिनौनी घटना केरल राज्य की थी अंग्रेज और इसी राजाओं की मिली भगत से यह कुकर तक किया गया पूरे देश में स्त्रियों का बहुत ज्यादा सम्मान था है और रहेगा सुमित भाई आप गलत जानकारी दे रहे हैं पूरे देश से जोड़कर इसे नहीं देखा जा सकता
जिस पर बितति है वहीं जानता है आज भी और अब दिल्ली और एनसीआर जैसे क्षेत्रों में दलितों का सबसे ज्यादा शोषण हो रहा है जाति के नाम पर.!
सुमित जी आपके बहुत अच्छे विचार हैं।
❤❤❤ सुमित जी आप ऐसे ही ईमानदारी साथ काम करते रहे हम आपके साथ पत्रकारिता के साथ साथ फुले शाहू अम्बेडकर विचारधारा को भी साथ साथ बढ़ा रहे हैं thanks 👍 ❤❤❤
आदरणीय Mansulalpaswanji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
👍🏻👍🏻
सुमित भाई को हमारा बार बार सलाम है आपने भाई बहुत अच्छा वाख्यान किया है मनुवाद के खिलाफ, आपसे बहुजनो को बहुत आस है आप ही उम्मीद हो मे देखता हूँ मुझे आप जैसा जनलिस्ट मुझे पूरे बहुजन समाज मे नही दिखता 👍jai bhim namo buddhay
सबसे पहले मै भाई सुमित चौहान को धन्यवाद आपके चिंतन को आपके विचारो को सलाम आपके शब्दो की मोतीऔ कि माला बनाना आपने जो मनुवाद ओर आर एस एस तथा बी जे पी की धुलाई कि। आपने जो गहराई को छुआ एससी एसटी महान परम्परा को मनुवादीयो के मच पर बहुत ही गहराई से उजागर किया यही दलितों की वास्तविक यही सचाई है यही दलितों की महानता जयभीम जय सविधान नमो बुद्धाय धन्यवाद साथीयों
बहुत अच्छा आपने बोला है आप एक प्रखर वक्ता है निर्भीक पत्रकार हैं आपको दिल से सलूट
बहुत ही शानदार स्पीच सुमित सर आपको दिल से सैल्यूट जय भीम 🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘
सुमित भाई आपकी समाज में बहुत ज्यादा जरूरत है आप आगे बढ़ो हम आपके साथ जय भीम
सुमित भाई आपकी समाज में बहुत ज़्यादा ज़रूरत हैं आप लोगों को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद ऐसे आप आगे बढ़ो हम आपके साथ है जय भीम जय भारत जय मूलनिवासी जागो बहुजन जागो
आदरणीय नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de
।।जय भीम जय संविधान ।।सुमित चौहान जी का तहेदिल समर्थन करता हूं ।।
Submit Ji ko lakhon Salam such batane keliye
जय भीम नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी ब्राह्मण विदेशी
ऐसे ही जांबाजों भीम सिपाहियों की आज मुल्क को जरूरत है मुझे आप पर बहुत गर्व है साहब दिल से जय भीम ।
असली पत्रकारिता की पहेचान सही बातों को जागरूक करना सुमित भाई की पत्रकारिता और जज्बे को दिल से शुक्रिया 🙏🙏
Sumit chouhan 🙏🙏🙏🙏
सुमित भाई ने यह गलत जानकारी दी है यह केरल राज्य का मामला था पूरे देश पर ऐसे नहीं थोपा जा सकता उसे समय हमारे देश में कई रानियां जौहर अंग्रेजों के खिलाफ और मुगलों के खिलाफ कर रही थी उसके विषय में यह नहीं बता रहा है
शानदार स्पीच श्री सुमित चौहान जी।
दिल से आपको नमन और मंगल कामना
है।
जयभीम,नामोबुद्धाय,जय संविधान।
सुमित जी आप दलित वर्ग के सही तथ्य को सबके सामने रखे तथा विश्लेषण सहित समझाया ।जय भीम, जय संविधान, जय भारत।
आदरणीय Ramanandji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
जयभीम सुमीतजी👍
सुमित जी इस वीडियो मे जो आपने बातो को उजागर
किया है ,अब तक दलित होने पर जो सरमिनदगी
महसूस करते थे, वह अब गर्व होगा,हम्मे गर्व है की
हमारे समाज मे आप लोग जैसे बुद्धिजीवी आज भी है। जय भीम जय भारत
आदरणीय Krishnaramjiनमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
श्री सुमित जी जैसे लोग राष्ट्रहित की ही बात करते है ' राष्ट् का ' उत थान सारे समाज को एक करके आगे बढायें |
आपने बहुत अच्छा जवाब दिया है thank you 🙏
समाज मे 15% लोगो के पास देश का 85% संपत्ति है, बाकी इसके उलट है।
5% logo ke pas 95% sampati hai
@Quota matlab Chinese quality Tu chutiya hai
@Quota matlab Chinese quality to aapko lagta hai ki muh se paida hona Quota hi kahlata hai? Aur usi Quote se ho kya ?
@Quota matlab Chinese quality kon sa talent...apni gang banakr khud aur apni (ast ke logo ko aage badaana aur $c$t ke logo ko kamyaab hone se rokna unke re$e₹vation ko gali dena....in sabko talent bolte ho....khud mandir me 100% re$ervation le rakha hai..47 se pahle education dusri (ast ko lene nahi dete the...ye aapka talent hai
@@Philospher-ml3lu Abe moorkh AndBhakt, is desh mein mandir tax free hain. Ek phooti kaudi nahi dete mandir wale tax mein sarkar ko. Chahe Vaishno Devi ho ya Tirupati, koi tax nahi deta. Sab ke sab neech Bamano ke kabze mein hai. Itihas gavah hai, Brahmanvaadiyo ne keval aur keval is desh ko barbaad karne mein apna yogdaan diya hai.
Apna WhatsAppiya gyaan apne Baman b@@p ko jaake de. Idhar nahi.
Aaya bada, mandir ke paiso se desh ka vikas karne wala.😂😂😂
बहुत बहुत साधुवाद भाई, आपकी पत्रकारिता को मेरा तहे दिल से शुक्रिया । जय भीम जय संविधान ।
बहुजनों की आवाज उठाने वाले भाई सुमित चोहान जी की निष्पक्ष, निर्भीक पत्रकारिता के लिए साधुवाद।
जिस्की कहाणी उस्नेही बयाण कि तो उसमे सत्यता ज्यादा होती हि ;ना हि मनगडंन होती हे.
सुमित सर आपके पत्रकारिताको सहे दिल शे सलाम करती हु.
मुझे गर्व है #सुमित सर आप पर, जय भीम नमो बुढ़ाए
Likhna to sikh la pehla 😂
दिल से नमन सर आपका🙏🙏🙏🙏
वास्तव में दिल खुश कर दिया सुमित जी, जय भीम नमो बुद्धाय
आदरणीय Mohindersinghji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
बाबा साहब अम्बेडकर आज भी विश्व के सबसे बड़े विद्वान हैं उनकी बराबरी आज भी कोई नही कर सकता
कोई बराबरी कर भी नही पाएगा ।जय भीम।
Beshak...
60 deso ke savidhan ko compy karne valo ko budhiman tum jaise log hi kh sakte h
सन 1729 का यह मामला है जो पूरे देश पर आप ठोकना चाहते हैं यह बात ठीक नहीं हमारे प्रदेशों में स्त्री अत्यंत सम्मान से रहती थी
सुमित जी आप के जज्बे एवं हौसले को 🙏 कटु सत्य प्रस्तुति। जय भीम जय संविधान
सुमित चौहान जी! आप द्वारा निर्भीक-बेबाक तथा सम्यक विवेचना और सम्यक दृष्टि के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!
नमो बुद्धाय !
जय भीम!!
जय भारत!!!
जय संविधान!!!!
आदरणीय Laljiraoji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
Good job
सुमित सर के जज्बे को सलाम करते हैं 💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙
जय जय भीम आपके विचार को सैल्यूट एकदम सही सही ट्वीट है
बहुत-बहुत सुन्दर स्पीच सुमित सर बहुजन समाज के लोगों को समझने की जरूरत है जय भीम जय भारत
जय भीम जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान। भाई सुमित जी को बारम्बार नमस्कार
आदरणीय Kishanlalji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
धर्म परिवर्तन का मतलब है कायरता और इस का परिणाम है समाज का खण्ड खण्ड होना और फिर विदेशी यो का शासन होना। और बा बा साहब का कोई अस्तित्व नहीं रहैगा।।
सुमित सर जी आपको दिल से प्राणाम💙💙🙏🙏🙏🙏🙏
सुमित चौधरी हम आपके शुक्र गुजार है कि आप सच्चे देशभक्त है सच्चे इंसान हैं आपकी जितनी भी प्रशंसा हम करें उतनी ही कम है जय भीम जय भारत
सुमित चौहान
आप जैसे व्यक्तियों की जरूरत है इस देश को बहुत बहुत धन्यवाद जय भीम जय भारत।
सुमित चौहान i salute you
सुमित चौहान जी शाबाश। जय भीम, जय संविधान
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया जय भीम 💙 नमो बुद्धाय आदरणीय सुमित सर 🙏 सच्चाई दिखाने और बोलने के लिए 💙दिल की गहराई से जय भीम 🙏 💙💙👍💙💙👍
सुमित भाई के द्वारा कही हुई सच्ची बात मनुवादीयो को तीर की तरह चभती है। भाई साहब आप सभी को दिल से सादर जय भीम नमो बुद्धाय। बस एसे ही लोगों को जागरूक करते रहीए।
हकीकत को बयां करता वीडियो इसे ईमानदारी से सभी को स्वीकार करना चाहिए और सुधार भी करना चाहिए।
आज के समय में अगर कोई सच्चा और अम्बेडकर जी के राह पे रिपोर्टिंग कर रहे हैं वो हैं सुमित सर इनकी पत्रकारिता सबसे धाकड़ है बहुत अच्छा सुमित सर दिल से जय भीम सर
सुमीत चौहन जी की इस बेबाकी की धन्यवाद ।जयभीम।
दिल से सैल्यूट टू यू सुमीत सर
आपके इस योगदान को समाज हमेशा कर्जदार रहेगा
जय भीम जय भारत जय संविधान
100% Truth Excellent Speech Sir ji 👌👌👍👍❤️
Right
आदरणीय Palwindersinghji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de
Sumit ji 100 present sahi
सुमित चौहान आप बहुत महान कार्य कर रहे हो आपको बहुत बहुत धन्यवाद
सुमीतजी आपकों शतशत नमन। निर्भय हो, हमेशा रहना। धन्यवाद 🌹🙏🌹
नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान जय मूलनिवासी बहुजन समाज नायकों।
आदरणीय Mahendrashahuji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
सुमित जी आपकी बेबाक और सच्ची पत्रकारिता को शत-शत प्रणाम।
आदरणीय RashidMujawarji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de
सुमित भाई जय भीम हम आपके साथ हैं
@@ramlalkumar9540 😅
@@milindzalte8181 main unko nahi janta...
Phir bhi... Kyu ki main unke bare me padha hai.... Tumko kuchh patah hai to batao
सुमित भाई आभार साधुवाद आपको जयभीम i am not हिंदू बुद्धिस्ट।☸️
सुमित जी की सारी बाते मानवता से ओत प्रोत है। जय भारत जय संविधान जय भीम
जय भीम सुमित सर आप ने एकदम दिल छू लेने वाली बात बताई
जय भीम सुमित सर
आदरणीय सुमित चौहान जी आपको बहुत-बहुत साधुवाद आप समाज को जागरूक कर रहे हैं ।
जय भीम नमोबुद्धाय जय मान्यवर कांशीराम साहब जय संविधान
बहुत ही सराहनीय तर्क दिया सुमित जी
सुमित चौहान जी आपकी पत्रकारिता के लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद जय भीम जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚🌹🙏🌴🙏🌹🌴🙏🌹🌴
जय भीम नमो बुद्धाय 🙏♥️🙏
सुमित भाई आपने सच कहा कि देश कि हालात बिगाड़ने, बर्बाद करने में कम से कम हमारे लोग तो शामिल नहीं है न पहले शामिल थे ना अब है
आदरणीय Rajcivilनमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ से जवाब दिया ।आप पर गर्व है ।समाज को आप जैसे पत्रकार की जरूरत है ।
आदरणीय SantoshKumarahirwaljii नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
अगर देश में जातिवाद ना होता तो आज सुमित chauhan देश के सबसे बड़े पत्र कार होते 👍👍👍👍👌
Your right bro 👌
ब्राह्मण आज इंग्लैंड का पीएम,, कई नामी कंपनी GOOGLE, PEPSI, INFOSYS,,,NASA, इसरो में SCIENTIST है उनकी होड़ तुम्हारी 100पीढ़ी भी नहीं कर सकती है,,, तुम केवल घृह्णा और वैमनस्य के बीज बो सकते हो,,,, अरे वास्तव मे दलितों का विकास चाहते हों तो दलितों को आर्थिक सक्षम बनाओ उनके मन में जहर मत घोलो
Agar jati waad nahi hota toh baman sabse bade hote??😜
@@Surya-hk3pu अभी भी 90% baman reporter aur dekh lo press index Indian midia kis number per Hai
@@Surya-hk3pu jab ब्राम्हण bade थे tabhi भारत gulam hua 😂😂
Heart touching words of Sumit💙🙏👍🇮🇳💙
Hazaro-Lakho SALAM aap jese satayawadi ko 👌👍💪🙏🙋
सुमित सर हमारे समाज को आप जैसे और भी सभी लोगों को प्रेरणा लेकर काम करते रहने की जरूरत है।जय भीम नमो बुद्धाय
very very nice .godi medea ki sachai ujagar karane ke kiye.
Jai bhim ❤❤
सुमित जी आप पत्रकारों में सबसे बेहतर और असली पत्रकार हैं। आप देश के वास्तविक मुद्दे पर सवाल खड़ा करते हैं। और आप देश को बेहतर बनाने की पत्रकारिता करते हैं। आपको दिल ❤की गहराईयों से धन्यवाद ✨✨🌟🌟⭐⭐🙏
very nice Sumit Sir
Ye journalist bhi thakur hai savarn jati se ata hai pr tum jaise log savarn logo pr ungali uthate hai .
राम कृष्ण को छोड़कर अब दिल बुद्ध कि ओर बढ़ चला है जय भीम जय संविधान
भाई सुमित चौहान जी हमें आपकी पत्रकारिता और सभी हौनहार पत्रकारों पर बडा गर्व मैहसूस कर रहे हैं।बढीया से जैसे को वैसा उत्तर दिया।साबास
Right ❤
Bahut badhiya sumit sir
सुमित सर आपका बहुत धन्यवाद
@@NEERAJKUMAR-ds5rr ll l l o l
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Very good sumit ji jai bheem jai bharat jai savidhan
सुमित जी वास्तव में आप जर्नलिज्म कर रहे हैं, मुझे आप जैसे पत्रकार और आप जैसे विचारधारा वाले लोगो पर गर्व होता है भूतकाल में ऐसा ही हुआ है जैसा आपने विस्तृत रूप से बताया है
सुमित चौहान जी जय भीम आपकी सोच और कार्य को नमन
गोदी मीडिया पत्रकारों को भाई सुमित चौहान जी का मुंहतोड़ जवाब 🙏🙏🙏
सुमित चौहान के विचार सत्य एवं क्रान्तिकारी हैं,आप बहुत अच्छे पत्रकार एवं विचारक हैं।
बहुत बहुत धन्यवाद सुमित भाई
बहुत खूब सुमित जी, आपने साहस और बुद्धिमानी से अपनी बात को रखा , जय भीम
Sumit ji दिल से जय भीम नमो बुद्धाय आप ने शत प्रतिशत सही है हमारे पूर्वजों ने देश को जोड़ने वाले थे
Right
आदरणीय Ramaballabhji नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
👍👍👍👍👍
🙏🙏🙏🙏
Sumit sir ke chanel ka subscriber badhane me aap log apna apna sahyog de
😢जिस तरह समय रुक नहीं सकता वैसे ही डॉ भीम राव अम्बेडकर जी जैसे महापुरुष जन्म नहीं ले सकते विश्व मे एक इंसान थे जिसकी सोच इतनी बडी थी 😢😢
सच्चाई जानने के लिए सत्यार्थप्रकाश पढिए और आर्य पुत्र बनिए धन्यवाद।।
सप्रेम जय भीम। Proud of your Speech
Jay Bheem Sumit bhaiya ji 🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤l🎉l❤l🎉l❤
सुमित चौहान जी आप जो कह रहे है बिलकुल सही है आदि बहुजन समाज समझ जाए तो देश सुधर जायेगा आप जैसे पत्रकारिता को सलाम।
लाख लाख 🙏जोहार साहब बहुत अच्छा लगा। सर ऐसे समाज सुधर में सुधार होगा ❤️❤️❤️ जय आदिवासी 🙏🙏
मुझे गर्व है सुमित सर आप की पत्रकारों पर जय संविधान जय छत्तीसगढ़
सुमित बिल्कुल सही कह रहे हैं ।बहुजन मूलनिवासी असली व सच्चा ।
आदरणीय नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म के साथ कानूनी व्यवहार करता है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
बहुत अच्छा सुमित भाई जी
जय भीम सुमित भाई
सुमित सर जी को दिल से क्रांतिकारी जय भीम नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी जय संविधान ❤❤
सभी बहुजन समाज को एक साथ बातें करते हुए जय भीम जय भारत जय संविधान सविऋबाई बाई फुले जोती बाआ फतिमासेख झलकारी फुलन देवी रमाई माता को भी धन्यवाद देता हूँ
आदरणीय नमो बुद्धाय 🙏
मैं आपको एक महत्वपूर्ण विचार दे रहा हूं, जो आपके, मेरे और हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
मैं किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हूं और मेरे सभी विचार संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हैं।
जाति/धर्म व्यवस्था और इतिहास के मामले में हमारे देश की स्थिति बहुत ही हास्यास्पद है। हिन्दू धर्म का ही उदाहरण लें। मैं ऐसे कई लोगों से मिलता हूं जो हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। क्या यह सही है? किसी भी तरह से...
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह उसके सामाजिक कानूनों, सामाजिक न्याय पर निर्भर करता है। और इस मोर्चे पर हिंदू धर्म में कई मुद्दे/विवाद हैं।आप डॉ अंबेडकरजी या किसी अन्य समाज सुधार का उल्लेख कर सकते हैं।
इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने (उस काल की हिन्दू पार्टी) एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।
ज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैंने ऐसे विवादों को सुलझाने के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया सामाजिक और धार्मिक सद्भाव के पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें।
अवधूत जोशी
सही कह रहे है सुमित जी आप।
Super speech Jai bhim jai samvidhan NAMO BUDDHAY
एससी तथा एसटी लोग आज भी ईमानदार तथा मेहनतकश हैं फिर भी उनके साथ अन्याय होता है और देश को बनाने में हमारे पूर्वजों का सबसे बड़ा योगदान है और उनके योगदान को कभी आंका तक नहीं।
जय भीम सुमित जी आप बिलकुल सच कहा