सौरभ भाई, पाठक साहब के साथ साक्षात्कार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मैं पाठक साहब का बहुत बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मैंने उनके लगभग 80% उपन्यास पढ़े है। किताब कि दुकान पर मेरी पहली फरमाइश पाठक साहब ही होते हैं। सौरभ भाई, मैं आपका आभारी हूं इस साक्षात्कार के लिए। बहुत धन्यवाद।
सौरभ जी को थैंक्यू जो उन्होंने इतने महान उपन्यासकार से बातचीत कर हमें उनकी बातें सुनने का मौका दिया पाठक जी के अलावा और कभी किसी दूसरे उपन्यासकार की किताबों को मैंने कभी देखा तक नहीं मेरा नाम भी पाठक की किताबों को पढ़ने के कारण मेरे साथ पढ़ने वाले दोस्तों ने एसएमपी रख दिया था
सौरभ जी मैंने जिंदगी में पाठक साहब के नावल्स के अलावा किसी और लेखक की किताब को नज़र उठा कर देखना भी गवारा नहीं किया। अब इतने बरसों के बाद अचानक उनसे यूं रूबरू होना वाक़ई में किसी हसरत के पूरा हो जाने से कतई कम नहीं है। मैं बता नहीं सकता कि आपने मेरे लिए क्या कर दिया है। मैं आपका बेहद बेहिसाब शुक्रगुजार हूँ।
एक मदद चाहीए थी भाई क्या कोई भाई मदद कर सकता है मेरे इन तीन👇 सवालो का जवाब देकर ।। 1--अगर विमल सीरीज़ के पहले से लेकर आखिर तक सभी नॉवल की लिस्ट पता करनी हो तो कहाँ से पता चलेगी ? 2--अगर विमल सीरीज़ की पूरी लिस्ट ओनलाईन खरीद कर मोबाईल पर पढ़नी हो तो क्या कोई ऐसी मोबाईल ऐप है जहाँ वह सब मिल सकें ? 3--अगर नॉवल घर पर मँगवाकर ही पढ़ने हों सभी विमल सीरीज़ के तो वो कैसे और कहाँ से मिलेगें ?
I M 62 year old. Die hard fan of Pathak Saab since my school days I was reading his novels. Great artist of writing. His latest novel " Panch Din " also read .
मैं ख़ुद पंजाबी विभाजन-विस्थापितों की औलाद हूँ और समझ सकता हूँ कि १९४७ के बाद स्थानीय लोगों और पंजाबी विस्थापितों में कशमकश रही होगी. और पंजाबियों का अपने सुपीरियर होने का जज़्बा भी समझ सकता हूँ. फिर भी पंजाबियों के दृष्टिकोण से जो 'स्थानीय' थे उन सबको ऐसे लोगों की तरह portray करना कि जो पंजाबियों के सामने मैले कुचैले थे एक अशोभनीय वक्तव्य है जो सुरेन्द्र जी ने दिया है. किसी व्यक्ति का अपने सीमित अनुभव के आधार पर दिए गए ऐसे वक्तव्य का जो बहुत बड़ी आबादी पर apply होता हो वैसे भी कोई ख़ास मतलब और महत्व नहीं है. वो लोग जिन्होंने हमारे लिए जगह बनाई उनका शुक्रिया अदा करने की ज़रुरत है न कि ये कहने की कि वे हमारे सामने मैले कुचैले थे. kbforyou.blogspot.in/2018/01/nwfp.html
Sourabh g, Just one word ' THANX', Dil Se, Jis shaksh ko main bachpan se ek hero ki tarah maanta aaya hoon, unko aapne mere rubroo karwa diya, Aankhe nam ho gayi ! HATS OFF 'The Lallantop'. Main last one & Half years se lallantop ko follow kar raha hoon aur kasam se mujhe aapke aur aapki team ke saare videos bahut pasand hai !
एक मदद चाहीए थी भाई क्या कोई भाई मदद कर सकता है मेरे इन तीन👇 सवालो का जवाब देकर ।। 1--अगर विमल सीरीज़ के पहले से लेकर आखिर तक सभी नॉवल की लिस्ट पता करनी हो तो कहाँ से पता चलेगी ? 2--अगर विमल सीरीज़ की पूरी लिस्ट ओनलाईन खरीद कर मोबाईल पर पढ़नी हो तो क्या कोई ऐसी मोबाईल ऐप है जहाँ वह सब मिल सकें ? 3--अगर नॉवल घर पर मँगवाकर ही पढ़ने हों सभी विमल सीरीज़ के तो वो कैसे और कहाँ से मिलेगें ?
Saurabh - Your tone, body language is too dominating. See the writer, so humble. You are getting too aggressive these days. Let the guest speak, you are facilitator only.
जब पाठक जी ने अफसरों और बड़े लोगों के रौब के किस्से सुनाये और उनकी तारीफ की तो मुझे लगा कि ये बातें सौरभ को बुरी लग रही थी। तभी आपने बदकही शब्द का उपयोग किया।
एक मदद चाहीए थी भाई क्या कोई भाई मदद कर सकता है मेरे इन तीन👇 सवालो का जवाब देकर ।। 1--अगर विमल सीरीज़ के पहले से लेकर आखिर तक सभी नॉवल की लिस्ट पता करनी हो तो कहाँ से पता चलेगी ? 2--अगर विमल सीरीज़ की पूरी लिस्ट ओनलाईन खरीद कर मोबाईल पर पढ़नी हो तो क्या कोई ऐसी मोबाईल ऐप है जहाँ वह सब मिल सकें ? 3--अगर नॉवल घर पर मँगवाकर ही पढ़ने हों सभी विमल सीरीज़ के तो वो कैसे और कहाँ से मिलेगें ?
Surendra Mohan Pathak- ChamKata Suraj Baki sab bakwas Bharat me padhne layak ek hi hindi lekhak hai Surendra Mohan Pathak. Khuda apko bahut lambi umra de. Kyoki aapke baad mera novel reading ka shagal khatm ho jayega.
Pathak sahib Charminar ciggreatte tou bandh ho gai ab RAMAKANT koun sa brand pita hey ?ya chor di hogi ....( Haryana mey 70 saal baad b hum logo ko rifugi kaha jata jub ki hum tou Hindustan sey hi Hindustan mey aaye they .
इसी तरह की बातों ने हिंदुओं का कितना नुकसान किया खुद हिंदुओं को ही पता नहीं चलता है इसके जीते जागते उदाहरण हिंदुओं की तथाकथित छोटी जातियां हैं जिन्हें आज भी हिन्दू समुदाय के घरों में उनकी चारपाई पर नहीं बैठ सकते उनके बर्तनों में खाना खा सकते हैं।
pehle kisi ki himmat nahi thee ki rai sahab ke bagal mein aa ker baith jaye,ye adab tha ya khauf.yahi maansikta to british gore officers ko bhi le ker thi,unko racist kaha jata tha.jin rai sahabo ka mahimamandan rai sahab ker rahe hein,unko rai sahab ka title deta kaun tha??
सौरभ भाई, पाठक साहब के साथ साक्षात्कार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मैं पाठक साहब का बहुत बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मैंने उनके लगभग 80% उपन्यास पढ़े है। किताब कि दुकान पर मेरी पहली फरमाइश पाठक साहब ही होते हैं। सौरभ भाई, मैं आपका आभारी हूं इस साक्षात्कार के लिए। बहुत धन्यवाद।
बहुत उत्कृष्ट रचना सुरेंद्र मोहन पाठक जी
सौरभ जी को थैंक्यू जो उन्होंने इतने महान उपन्यासकार से बातचीत कर हमें उनकी बातें सुनने का मौका दिया पाठक जी के अलावा और कभी किसी दूसरे उपन्यासकार की किताबों को मैंने कभी देखा तक नहीं मेरा नाम भी पाठक की किताबों को पढ़ने के कारण मेरे साथ पढ़ने वाले दोस्तों ने
एसएमपी रख दिया था
Like you, PATHAK SAAB
میری خوش نصیبی ھے جو پاٹھک جی کا انٹرویو دیکھا سنا اللہ ان کو سلامت رکھے آمین یا رب العالمین
सौरभ जी मैंने जिंदगी में पाठक साहब के नावल्स के अलावा किसी और लेखक की किताब को नज़र उठा कर देखना भी गवारा नहीं किया।
अब इतने बरसों के बाद अचानक उनसे यूं रूबरू होना वाक़ई में किसी हसरत के पूरा हो जाने से कतई कम नहीं है।
मैं बता नहीं सकता कि आपने मेरे लिए क्या कर दिया है।
मैं आपका बेहद बेहिसाब शुक्रगुजार हूँ।
एक मदद चाहीए थी भाई
क्या कोई भाई मदद कर सकता है
मेरे इन तीन👇 सवालो का जवाब देकर ।।
1--अगर विमल सीरीज़ के पहले से लेकर आखिर तक सभी नॉवल की लिस्ट पता करनी हो तो कहाँ से पता चलेगी ?
2--अगर विमल सीरीज़ की पूरी लिस्ट ओनलाईन खरीद कर मोबाईल पर पढ़नी हो तो क्या कोई ऐसी मोबाईल ऐप है जहाँ वह सब मिल सकें ?
3--अगर नॉवल घर पर मँगवाकर ही पढ़ने हों सभी विमल सीरीज़ के तो वो कैसे और कहाँ से मिलेगें ?
Arshad ji, bahut hi badhiya laaine likhi pathak sr ke liye
What a man, Pathak saab
I M 62 year old. Die hard fan of Pathak Saab since my school days I was reading his novels. Great artist of writing. His latest novel " Panch Din " also read .
He is my favourite Writer.
बहुत बढ़िया सौरभ, सुरेंद्रमोहन पाठक हमारे इस दौर की एक अनमोल धरोहर है
Thanks a lot for interview with my favourite writer . I am reading his novels from 1978
bakhiya puran ki kaun kau si novel hai?
हिन्दी साहित्य की मेरी यात्रा की पहली सीढ़ी है पाठक साहब... साधुवाद के पात्र हैं सौरभ bhai आप
मैं ख़ुद पंजाबी विभाजन-विस्थापितों की औलाद हूँ और समझ सकता हूँ कि १९४७ के बाद स्थानीय लोगों और पंजाबी विस्थापितों में कशमकश रही होगी. और पंजाबियों का अपने सुपीरियर होने का जज़्बा भी समझ सकता हूँ.
फिर भी पंजाबियों के दृष्टिकोण से जो 'स्थानीय' थे उन सबको ऐसे लोगों की तरह portray करना कि जो पंजाबियों के सामने मैले कुचैले थे एक अशोभनीय वक्तव्य है जो सुरेन्द्र जी ने दिया है.
किसी व्यक्ति का अपने सीमित अनुभव के आधार पर दिए गए ऐसे वक्तव्य का जो बहुत बड़ी आबादी पर apply होता हो वैसे भी कोई ख़ास मतलब और महत्व नहीं है.
वो लोग जिन्होंने हमारे लिए जगह बनाई उनका शुक्रिया अदा करने की ज़रुरत है न कि ये कहने की कि वे हमारे सामने मैले कुचैले थे.
kbforyou.blogspot.in/2018/01/nwfp.html
Sourabh g, Just one word ' THANX', Dil Se, Jis shaksh ko main bachpan se ek hero ki tarah maanta aaya hoon, unko aapne mere rubroo karwa diya, Aankhe nam ho gayi ! HATS OFF 'The Lallantop'. Main last one & Half years se lallantop ko follow kar raha hoon aur kasam se mujhe aapke aur aapki team ke saare videos bahut pasand hai !
एक मदद चाहीए थी भाई
क्या कोई भाई मदद कर सकता है
मेरे इन तीन👇 सवालो का जवाब देकर ।।
1--अगर विमल सीरीज़ के पहले से लेकर आखिर तक सभी नॉवल की लिस्ट पता करनी हो तो कहाँ से पता चलेगी ?
2--अगर विमल सीरीज़ की पूरी लिस्ट ओनलाईन खरीद कर मोबाईल पर पढ़नी हो तो क्या कोई ऐसी मोबाईल ऐप है जहाँ वह सब मिल सकें ?
3--अगर नॉवल घर पर मँगवाकर ही पढ़ने हों सभी विमल सीरीज़ के तो वो कैसे और कहाँ से मिलेगें ?
राम राम हमारे लेखक जी को
Please इन्हें बुज़ुर्ग कह के संबोधित ना किया करे। अपने हीरो को कोई बूढा होता नही देखना चाहता!!
You are a living legend Pathak sir .
Saurabhji kamaal ki anchouring and kamaal ka news channel hai aapka.
My favourite was Sunil series and then Vimal series. Stop reading Novels 20yrs back ....but still remember those Novels....very well written.
Saurabh - Your tone, body language is too dominating. See the writer, so humble. You are getting too aggressive these days. Let the guest speak, you are facilitator only.
जब पाठक जी ने अफसरों और बड़े लोगों के रौब के किस्से सुनाये और उनकी तारीफ की तो मुझे लगा कि ये बातें सौरभ को बुरी लग रही थी। तभी आपने बदकही शब्द का उपयोग किया।
बहुत सुंदर दिल को छूलेने वाली बातें
Pathak Jee..aapki novels ko dekh ke aur padh ke hamare jaise log bade huye hain...aapki khaniyan Delhiwalon ki aukat bata rehi hain
एक मदद चाहीए थी भाई
क्या कोई भाई मदद कर सकता है
मेरे इन तीन👇 सवालो का जवाब देकर ।।
1--अगर विमल सीरीज़ के पहले से लेकर आखिर तक सभी नॉवल की लिस्ट पता करनी हो तो कहाँ से पता चलेगी ?
2--अगर विमल सीरीज़ की पूरी लिस्ट ओनलाईन खरीद कर मोबाईल पर पढ़नी हो तो क्या कोई ऐसी मोबाईल ऐप है जहाँ वह सब मिल सकें ?
3--अगर नॉवल घर पर मँगवाकर ही पढ़ने हों सभी विमल सीरीज़ के तो वो कैसे और कहाँ से मिलेगें ?
www.google.com/search?q=surendra+mohan+pathak+goodreads&sourceid=ie7&rls=com.microsoft:en-US&ie=utf8&oe=utf8
www.smpathak.com/vimal.php
Sweater mst hai.....
पाठक साहब ने कहा कि वह उपन्यास के लिए नोट्स तैयार करते है। वह क्या स्पष्ट प्रक्रिया है जो उपन्यास लिखने के लिए अपनानी चाहिए
ये क्राइम, मिस्र्टी राइटर हैं, अच्छे, इंडियन आर्मी में पढे लिखों का विंग है या नहिं? इनके सेबा , सेबाफल भी हों।ब्राम्हन हैं।
bahut badiya thanks you sir ji
वाह सर क्या जानकारी दी आपने पाठक सर,,,, प्रणाम
Thank you Saurabh ji...
Pehli baar inko dekh raha hoon....my father was big fan of him
Ved prakash Sharma is the best ever !!!
No match!!
Yes indeed...surender ji and ved ji are gem in indian pulp fiction
Welldone pathak sir
Bahut bahut dhyanwad mai b Saurabh dwivedi he hu
Saurabh sir keshav pandit ka interview ka episode kab ayega
फालतू, बकवास लेखक है केशव पंडित
Surendra Mohan Pathak- ChamKata Suraj
Baki sab bakwas
Bharat me padhne layak ek hi hindi lekhak hai Surendra Mohan Pathak. Khuda apko bahut lambi umra de. Kyoki aapke baad mera novel reading ka shagal khatm ho jayega.
Please sir apne Tak pahuchane ka koi jariya bataye .
पार्ट 2 कब आये गा सौरभ जी।
Bhaut khoob ji ☺☺
Great Pathak Sahab
Best wishes
What a line and what a life thought????
Thumbs up......
He glorifies Rai Bahadurs, British rule hierarchy. Sunil Series was mostly copy of Perry Mason novels
Mai sudhir Kohli per animation krna chahta hu " overdose" novel .
Meri mother bhut pdte the mere ko nhe pdne dete the lekin log enke leye pagal the us time me
Superb sir ...
hindi m h
Nice sir ,
Osm
G पे लात मार कर भगाये गए ... लेकिन बोटी का मोह नहीं गया ...
sat sat naman aapko kaise jina h sikh raha hu.
infact punjabi refugee resettlements is biggest of success of indian govt post independence.
Sorurv sir your voice is very effectness
Pathak sahib Charminar ciggreatte tou bandh ho gai ab RAMAKANT koun sa brand pita hey ?ya chor di hogi ....( Haryana mey 70 saal baad b hum logo ko rifugi kaha jata jub ki hum tou Hindustan sey hi Hindustan mey aaye they .
इसी तरह की बातों ने हिंदुओं का कितना नुकसान किया खुद हिंदुओं को ही पता नहीं चलता है इसके जीते जागते उदाहरण हिंदुओं की तथाकथित छोटी जातियां हैं जिन्हें आज भी हिन्दू समुदाय के घरों में उनकी चारपाई पर नहीं बैठ सकते उनके बर्तनों में खाना खा सकते हैं।
hamara privar layalpur ke pind chak273 se aye they, buhat problem se aaye they bai,
pathak sahab jis aadar ki baat ker rahe hein,wo asal mein aadar nahi maansik ghulami ka parichayak tha.
Vinod Kumar तुममे जातिवाद कूट कूट के भरी हुई है।
ye maansik beemari tumhari hogi meri nahi,maine bus apna vayaktav diya hey aur kuch nahi
chalo atleast he admitted that refugee resettlement was done by cong. govt. at that point of time.
pehle kisi ki himmat nahi thee ki rai sahab ke bagal mein aa ker baith jaye,ye adab tha ya khauf.yahi maansikta to british gore officers ko bhi le ker thi,unko racist kaha jata tha.jin rai sahabo ka mahimamandan rai sahab ker rahe hein,unko rai sahab ka title deta kaun tha??
Vinod Kumar तुम मौडर्न रेसिस्ट हो तुम मानसिक दीवालियापन के शिकार हो।
nochte raho khamba.all the best
तुम जैसे सोच वाले ही भारत तेरे टुकड़े होंगे नारे लगाते फिरते हैं।
stop this fishing crap.go see a manochikitsak.i dont care for such barking
Vinod Kumar trur tastes bitter.
Aaj kal deputy secretery bus mein ja rahe hote hein.Now this is real democracy for me.i dont know about pathak sahab
inka vayaktatva mahimamandan jayada hey,haqiqat kum
Very nice