मजा आ गया सौरव जी,बहुत-बहुत शुक्रिया सुरेंद्र मोहन पाठक जी के इस पहलू से रूबरू करवाने के लिए । आपकी बातचीत बहुत ही अच्छी, मन को भाने वाली और सुरेंद्र मोहन जी के बारे में काफी कुछ बता देने वाली थी बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं भी पाठक जी का बहुत बड़ा फैन हूं और चाहता हूं कि इस तरह से आप आगे भी इनके साक्षात्कार देते रहे।
मज़ा आया.... एक समय था जब हम सुरेन्द्र मोहन पाठक के नावल चाव से पढते थे. उन की विमल सीरीज़ ( सरदार सुरेन्द्र सिंह सोहल नामक चरित्र पर आधारित ) तो गज़ब थी. मै सोचता था मेरे पास कभी गलती से पैसे हो ग ए तो एक फिल्म ज़रूर इस सीक्वेल बनाऊंगा. इन दिनों उपन्यास पढने का शौक छूट गया है तकरीबन 35 सालों से कविताएँ लिख रहा हूँ. एक संग्रह भी आया है. मेरी कविताएँ पहल, तद्भव, कथादेश, नया ज्ञानोदय, आदि गरिष्ठ पत्रिकाओं में छपती रही हैं.... लेकिन मैं बचपन के इस फेवरिट लेखक का ज़िक्र हर जगह करता हूँ. मेरे मन में सुरेंद्र मोहन पाठक के भाषा शिल्प के लिए अपार सम्मान भाव है . सलाम सर !!
सुरेंद्र मोहन पाठक जी को सुनना इतना अच्छा अनुभव है कि मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता, उन्नीस सौ अट्ठासी से मैं इनके नावेल पढ़ना शुरू किया और उसके बाद तो पढ़ाई करते करते इनकी बहुत सारी किताबों को संभाल कर रखने का भी काम किया है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
सौरभ जी शुक्रिया, हमारे प्यारे लेखक और ईन्सान S.M पाठक से बात करने का, आपके माध्यम से उनको देखा सुना,मै निहायत मामूली शख्स हूँ मै कमजोर माली हालात वाला "दिव्यागं?" बन्दा हूँ मैं आज तक एक चिट्ठी भी उन्हे लिख पाया जबकि बजा्तेखुद मै कलम को ही प्रयोग करता हूँ, मै तहेदिल से आपका आभारी हूँ मै तो चाहता हूँ कि मेरी उम्र के दो चार साल ,अगर है , तो उन्हे लग जाऐं,! मै बेहद छोटे गाँव का रहने वाला हूँ पर पाठक जी की किताब केलिए 25 KM से ज्यादा अपने नजदीकी शहर हनुमानगढ, हमारा जिला, जाता हूँ , मै राजस्थान की तहसील पीलीबंगा के गाँव चक29 S.T.G से हूँ और इस वर्चुअल लाइफ का ताजा मेम्बर हूँ,! मै 14 साल की उम्र से इन्हे पढ रहा हूँ मै किताबो की दुनिया में पढने का तलबगार इनकी वजह से हूँ आप मुझे उनके सेहतमन्द होने की खबर दे तो जा़ती तौर पर शुक्रगुजार रहूँगा! आपके चैनल का सदस्य हूँ तो सुझाव है आप कला के कार्यक्रम का ही नही पूरे दैनिक व साप्ताहिक कार्यकर्मो का विवरण देना शुरू करे!पाठक साहब की ताजा जानकारी या ईमेल एड्रेस दे मै विश्वप्रसिद्ध कालीबँगा से 4K.M दूरी पे रहता हूँ ! इधर आना हो तो याद जरूर करे ! dhillongurpreet639@gmail.com मेरा ई-मेल पता है !
thanku sourabh ji jis writer ko bachpan se padte rahe unke intrview ko dikane ke liye aaj bhi nagar dundti hai book sataal par kabhi bhi kahi bhi sirf ak book dikh jay patak ji ki thank a lot bro
Very lovely and lively perception of life by Pathak Sahab. But and but he does not understand a shit about music. Understandable not everybody is supposed to. Better he should have refrained from commenting about Jagjit Ji . His novels were exactly not referred to in University and schools. Yes he was a lively person and ofcourse entitled to his views.
Ma aap ke noval karib 35 Sal se pad raha hu bhut bar socha ki aap ko letter leikhu but ye soch kar aap bhut badey writer ha pata nahi aap ko kasa lege ma aaj be aapkey old noval dundta rehyta hu karib 100 noval tu mery pass ha god aap ku lambhi umar de jis se ki hum aap ke noval padtey rehey pl aap apney classic old noval ko reprint karwaney ka khio intjam jaror karo taki aaj ki is jenration ko be pata cheley ki KALAM DAWAT me bi kuch dam ha sir iska javab aap apni suvida ke anusar de
एक मदद चाहीए थी भाई क्या कोई भाई मदद कर सकता है मेरे इन तीन👇 सवालो का जवाब देकर ।। 1--अगर विमल सीरीज़ के पहले से लेकर आखिर तक सभी नॉवल की लिस्ट पता करनी हो तो कहाँ से पता चलेगी ? 2--अगर विमल सीरीज़ की पूरी लिस्ट ओनलाईन खरीद कर मोबाईल पर पढ़नी हो तो क्या कोई ऐसी मोबाईल ऐप है जहाँ वह सब मिल सकें ? 3--अगर नॉवल घर पर मँगवाकर ही पढ़ने हों सभी विमल सीरीज़ के तो वो कैसे और कहाँ से मिलेगें ?
Dwivedi ji, Pathak ji ki boli Chaupayi galat poori karne ki koshish ki apne :-), Kawan so kaaj kathin jag mahi, " Jo nahi hot Taat tum pahi" Kishkindha kand me Jambvant kehte hai Hanuman ji se, Tab Hanuman ji jaagte hai aur Samudra paar karne ka Uddyam Karte hai.... Kanak bhudharakar sareera, Samar bhayankar ati randheera :-).....tab hota hai "Jo giri dehi charan hanumanta............." aage khud padhiye :-) BTW, Mai bachha tha un dino jub Sm Pathak ji ke novels aa rahe the, aur tab me amar chitra katha and tinkle, chandamama padta tha, par unke novels library me rakhe dekh ke kautohal hota tha. bad me jub novel padne shuru kiye bhi Class 6th se to pehla novel tha Go Ni Dandekar ka yayati, fir chatursen, Renu, Narendra sharma,Shri lal shukla, manohar shyam joshi, rangey raghav, yashpal, narendra kohli, amrat lal nagar sab ek ke baad ek padhta gaya jo sarkari libraries me available the. sach kahu to pulp fiction se mera apna matlab un kisso se hai, jo manoranjan ke liye padhe ja sakte hai, santushti ke liye nahi, Take away kuch nahi hota unme, kaal jayi nahi hote hai
Hum log is bat ke liye ladte thehe ki s.m pathk ya vad prakas sharma kisko log jayda pasnd karte hai ab to padna hi chod diye kyoki pathk saheb to 6 6 mahine mai 1 book aati hai
Pathak ji aap mere sabme badiya lekak h vimal sirij to lajavab h baki sunil sirij bhi badiya h saat saal baad navel mujhe yadgar laga thriller Bhi lajavab likhate h aap Aapka ek chota pathak kuch purana. dhanyawad
mane pathak Saab ki lagbhag har sirij ki sabhi books padhi h aur mai daave se kah sakta hoo ki pathak Saab ek nek dil fariste h.inki vimal sirij. pad pad ke m. adhayaatam.ki.aur.mud.gya. prakash chand.from sri.ganganagar 9460429724
MUJHE SHURU MEIN TO YE SAMAJH MEIN HI NAHIN AAYA KI MERE GHARWALE IN KITAABON SE ITNA CHIDHTE KYON HAIN. BAHUT BAAD MEIN YE MALOOM HUA KI YE BELOW STANDARD BOOKS HAIN JINKO MAHAZ WAQT GUZARI KE LIYE PADHA JATA HAI ; INSE SEEKHNE KO KUCHH NAHIN MILTA ISILIYE LOG INKO GIRA HUA SAMAJHTE HAIN. JABKI MERI NAZAR MEIN AISA THA NAHIN.
MUJHE TO SHURU SE HI ISKO "LUGDI SAHITYA" KAHNE SE AITRAZ THA. MERI NAZAR MEIN TO KEEMAT KAM RAKHNE KE LIYE HI LUGDI PAPER KA ISTEMAAL KIYA JATA THA. CONTENT MEIN KOI KAMI NAHI THI. KAGHAZ KA FARK BHI BAHUT BAAD MEIN SAMAJH MEIN AAYA .
Saurabh Dwivedi sir aapko main ek jabardast reporter manta hu, par har channel ke tarah app BEROZGARI, SIKHASA, SWASTHA inn muddo pe reporting se apne aap ko bacha rahe ho, kahi na kahi aap vi PAKSHPAT KAR RAHE HO. aur Aam Janta, Yuva, Bidyarthi in ki pareshani , Janta ki mango ki Awaz ko MEDIA ke dwara uthane ne se parhez kar raho ho...par APP yes to na the. ....plz THINK ABOUT IT
Apni roti ki to izzat Karo. Jiska naam leke kha rahe ho. Unko izzat dejiye . Sharam aa gayi aapne jaise jagjit ji ko present kiya hai. Uske naam bhar se ban rahe ho sharam Karo.
MY DAD USE READ SMP's NOVELS BACK IN EIGHTIES TILL NINETIES TILL HE WAS ALIVE...AND I USE TO WONDER WHAT IS IT THAT MAKES HIM READ IT WHENEVER HE GETS EVEN A SECOND THAT HE HAVE....AND I STOPPED QUESTIONING MYSELF WHEN I FIRST READ THE FIRST VIMAL SERIES NOVEL♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ HOLLYWOOD AND BOLLYWOOD CAN SUCK ON ALL THE SHIT THAT THEY'VE BEEN SPILLING FOR ALL THESE YEARS IN THE NAME OF CRIME THRILLERS.....LOVE U PATHAK SAHAB AND THANK U THAT U NEVER GAVE UP, U AND UR CHARACTERS R A LEGEND... ESPECIALLY SARDAR SURENDRA SINGH SOHAL BETTER KNOWN AS VIMAL....🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 AND I SUGGEST SAURABH THAT U START READING VIMAL SERIES.... AND REPLY TO THIS COMMENT.
मजा आ गया सौरव जी,बहुत-बहुत शुक्रिया सुरेंद्र मोहन पाठक जी के इस पहलू से रूबरू करवाने के लिए । आपकी बातचीत बहुत ही अच्छी, मन को भाने वाली और सुरेंद्र मोहन जी के बारे में काफी कुछ बता देने वाली थी बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं भी पाठक जी का बहुत बड़ा फैन हूं और चाहता हूं कि इस तरह से आप आगे भी इनके साक्षात्कार देते रहे।
मज़ा आया.... एक समय था जब हम सुरेन्द्र मोहन पाठक के नावल चाव से पढते थे. उन की विमल सीरीज़ ( सरदार सुरेन्द्र सिंह सोहल नामक चरित्र पर आधारित ) तो गज़ब थी. मै सोचता था मेरे पास कभी गलती से पैसे हो ग ए तो एक फिल्म ज़रूर इस सीक्वेल बनाऊंगा. इन दिनों उपन्यास पढने का शौक छूट गया है तकरीबन 35 सालों से कविताएँ लिख रहा हूँ. एक संग्रह भी आया है. मेरी कविताएँ पहल, तद्भव, कथादेश, नया ज्ञानोदय, आदि गरिष्ठ पत्रिकाओं में छपती रही हैं.... लेकिन मैं बचपन के इस फेवरिट लेखक का ज़िक्र हर जगह करता हूँ. मेरे मन में सुरेंद्र मोहन पाठक के भाषा शिल्प के लिए अपार सम्मान भाव है . सलाम सर !!
सुरेंद्र मोहन पाठक जी को सुनना इतना अच्छा अनुभव है कि मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता, उन्नीस सौ अट्ठासी से मैं इनके नावेल पढ़ना शुरू किया और उसके बाद तो पढ़ाई करते करते इनकी बहुत सारी किताबों को संभाल कर रखने का भी काम किया है
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Don't understand why people are taking it negatively. I'm a big Jagjit Singh fan but liked the revelation. Thank you Pathak Sa'ab.
extraordinary people like jagjit ji --aise hi hote hai----there is no negativity
Once again, Thanx Sourabh Bhai for this lallantop interview of great SMP
Nice to see first time Mr SMP ji. I've read all his sunil and vimal series. My good wishes to him.
सौरभ जी शुक्रिया, हमारे प्यारे लेखक और ईन्सान S.M पाठक से बात करने का, आपके माध्यम से उनको देखा सुना,मै निहायत मामूली शख्स हूँ मै कमजोर माली हालात वाला "दिव्यागं?" बन्दा हूँ मैं आज तक एक चिट्ठी भी उन्हे लिख पाया जबकि बजा्तेखुद मै कलम को ही प्रयोग करता हूँ, मै तहेदिल से आपका आभारी हूँ मै तो चाहता हूँ कि मेरी उम्र के दो चार साल ,अगर है , तो उन्हे लग जाऐं,!
मै बेहद छोटे गाँव का रहने वाला हूँ पर पाठक जी की किताब केलिए 25 KM से ज्यादा अपने नजदीकी शहर हनुमानगढ, हमारा जिला, जाता हूँ , मै राजस्थान की तहसील पीलीबंगा के गाँव चक29 S.T.G से हूँ और इस वर्चुअल लाइफ का ताजा मेम्बर हूँ,!
मै 14 साल की उम्र से इन्हे पढ रहा हूँ मै किताबो की दुनिया में पढने का तलबगार इनकी वजह से हूँ आप मुझे उनके सेहतमन्द होने की खबर दे तो जा़ती तौर पर शुक्रगुजार रहूँगा! आपके चैनल का सदस्य हूँ तो सुझाव है आप कला के कार्यक्रम का ही नही पूरे दैनिक व साप्ताहिक कार्यकर्मो का विवरण देना शुरू करे!पाठक साहब की ताजा जानकारी या ईमेल एड्रेस दे मै विश्वप्रसिद्ध कालीबँगा से 4K.M दूरी पे रहता हूँ ! इधर आना हो तो याद जरूर करे ! dhillongurpreet639@gmail.com मेरा ई-मेल पता है !
I don't know this person but i loved the way he saw his life. from now i will read his novels for sure.
Jagjeet Singh kissa at 12:13
thanku sourabh ji jis writer ko bachpan se padte rahe unke intrview ko dikane ke liye aaj bhi nagar dundti hai book sataal par kabhi bhi kahi bhi sirf ak book dikh jay patak ji ki
thank a lot bro
Pathak Saab the great novelist of India ,great job done by lalantop for this interview
Nice person indeed pathak ji
Great man great writer.
👏👏👏👏👏for jagjit singh
Shat shat naman 🙏
Waah! Yaad hai inki novels. Bahut gajjab writer!
Waaah, this man is real gem, thanks lallantop for bringing us close to this encyclopedia
This you did something best . Salute
शानदार
Interesting video. Superhit Biography My Oll Time Only One Favourite Famous Mystery Writer Surendra Mohan Pathak Sir.
S. M Pathak is real intellectual writer.
Sir iska episode 2 ka link dijiye
Super video 👌👌👌osm thinking
Pathak sahab aap hamesha healthy rahe aur lekhan mein aur milestones hasil kare
great talk
Good better and best the only one pathak je
Audio quality is bad but good interview
He is honest person also
Sach to ye he kw surendra sir par kisi lekhak ka chhaap nahin laga jaise ved ji ne vijay series me imran series ka aks hota tha😊
Very lovely and lively perception of life by Pathak Sahab. But and but he does not understand a shit about music. Understandable not everybody is supposed to. Better he should have refrained from commenting about Jagjit Ji . His novels were exactly not referred to in University and schools. Yes he was a lively person and ofcourse entitled to his views.
Thank u Saurab Saab.
शानदार
शानदार
शानदार
Excellent.
Excellent
Tuning Fork..
What people... What times..
❤❤
Legends pathak ji and jagjeet ji
Great writer s m pathak
Ma aap ke noval karib 35 Sal se pad raha hu bhut bar socha ki aap ko letter leikhu but ye soch kar aap bhut badey writer ha pata nahi aap ko kasa lege ma aaj be aapkey old noval dundta rehyta hu karib 100 noval tu mery pass ha god aap ku lambhi umar de jis se ki hum aap ke noval padtey rehey pl aap apney classic old noval ko reprint karwaney ka khio intjam jaror karo taki aaj ki is jenration ko be pata cheley ki KALAM DAWAT me bi kuch dam ha sir iska javab aap apni suvida ke anusar de
Hail to the king of hindi fiction.
SMP rocks. Beshak ham bhi FB ke jamane ke hai lekin SMP ki lekhn ke kayal hai. Live long pathak sahab
Nice man hand offf
Masters jiii
Mast sweet old man
एक मदद चाहीए थी भाई
क्या कोई भाई मदद कर सकता है
मेरे इन तीन👇 सवालो का जवाब देकर ।।
1--अगर विमल सीरीज़ के पहले से लेकर आखिर तक सभी नॉवल की लिस्ट पता करनी हो तो कहाँ से पता चलेगी ?
2--अगर विमल सीरीज़ की पूरी लिस्ट ओनलाईन खरीद कर मोबाईल पर पढ़नी हो तो क्या कोई ऐसी मोबाईल ऐप है जहाँ वह सब मिल सकें ?
3--अगर नॉवल घर पर मँगवाकर ही पढ़ने हों सभी विमल सीरीज़ के तो वो कैसे और कहाँ से मिलेगें ?
AB
Buy it on line
@@sushilparashar3389 Got it dear
Download dailyhunt app it had all the collection of all the SMP novels also you can check online for the list of the same
call me on 7987290312
Vimal series lajawab
रेनू जी को भी इंटरवयू कीजिये कभी
पाठकजी का मैं भयंकर पाठक रहा हूँ।
I bought this book today😁
Punjabi style of talking 13:30 Oh teri behan nu...😋🤣🤣😂
Dwivedi ji, Pathak ji ki boli Chaupayi galat poori karne ki koshish ki apne :-),
Kawan so kaaj kathin jag mahi, " Jo nahi hot Taat tum pahi"
Kishkindha kand me Jambvant kehte hai Hanuman ji se, Tab Hanuman ji jaagte hai aur Samudra paar karne ka Uddyam Karte hai.... Kanak bhudharakar sareera, Samar bhayankar ati randheera :-).....tab hota hai "Jo giri dehi charan hanumanta............." aage khud padhiye :-)
BTW, Mai bachha tha un dino jub Sm Pathak ji ke novels aa rahe the, aur tab me amar chitra katha and tinkle, chandamama padta tha, par unke novels library me rakhe dekh ke kautohal hota tha. bad me jub novel padne shuru kiye bhi Class 6th se to pehla novel tha Go Ni Dandekar ka yayati, fir chatursen, Renu, Narendra sharma,Shri lal shukla, manohar shyam joshi, rangey raghav, yashpal, narendra kohli, amrat lal nagar sab ek ke baad ek padhta gaya jo sarkari libraries me available the.
sach kahu to pulp fiction se mera apna matlab un kisso se hai, jo manoranjan ke liye padhe ja sakte hai, santushti ke liye nahi, Take away kuch nahi hota unme, kaal jayi nahi hote hai
ON GEORGE FERNANDES PLEASE
Very inhumane people.
यार बुजुर्ग तो ना कहो सुरेंद्र मोहन पाठक जी को
Hum log is bat ke liye ladte thehe ki s.m pathk ya vad prakas sharma kisko log jayda pasnd karte hai ab to padna hi chod diye kyoki pathk saheb to 6 6 mahine mai 1 book aati hai
Pathak ji aap mere sabme badiya lekak h vimal sirij to lajavab h baki sunil sirij bhi badiya h saat saal baad navel mujhe yadgar laga thriller
Bhi lajavab likhate h aap
Aapka ek chota pathak kuch purana. dhanyawad
Shame
7 sal bad jaisa Koi upanyas likhiye maja a jaaye
mane pathak Saab ki lagbhag har sirij ki sabhi books padhi h aur mai daave se kah sakta hoo ki pathak Saab ek nek dil fariste h.inki vimal sirij. pad pad ke m. adhayaatam.ki.aur.mud.gya. prakash chand.from sri.ganganagar 9460429724
MUJHE SHURU MEIN TO YE SAMAJH MEIN HI NAHIN AAYA KI MERE GHARWALE IN KITAABON SE ITNA CHIDHTE KYON HAIN. BAHUT BAAD MEIN YE MALOOM HUA KI YE BELOW STANDARD BOOKS HAIN JINKO MAHAZ WAQT GUZARI KE LIYE PADHA JATA HAI ; INSE SEEKHNE KO KUCHH NAHIN MILTA ISILIYE LOG INKO GIRA HUA SAMAJHTE HAIN. JABKI MERI NAZAR MEIN AISA THA NAHIN.
MUJHE TO SHURU SE HI ISKO "LUGDI SAHITYA" KAHNE SE AITRAZ THA. MERI NAZAR MEIN TO KEEMAT KAM RAKHNE KE LIYE HI LUGDI PAPER KA ISTEMAAL KIYA JATA THA. CONTENT MEIN KOI KAMI NAHI THI. KAGHAZ KA FARK BHI BAHUT BAAD MEIN SAMAJH MEIN AAYA .
Saurabh Dwivedi sir aapko main ek jabardast reporter manta hu, par har channel ke tarah app BEROZGARI, SIKHASA, SWASTHA inn muddo pe reporting se apne aap ko bacha rahe ho, kahi na kahi aap vi PAKSHPAT KAR RAHE HO. aur Aam Janta, Yuva, Bidyarthi in ki pareshani , Janta ki mango ki Awaz ko MEDIA ke dwara uthane ne se parhez kar raho ho...par APP yes to na the. ....plz THINK ABOUT IT
urban naxals the making of buddha in a traffic jam
Datta made him me to popat.
Bhayanker super lallantop show.........esi chije aur lawo hamari bhuk badti ja rahi hai......yaar
Apni roti ki to izzat Karo. Jiska naam leke kha rahe ho. Unko izzat dejiye . Sharam aa gayi aapne jaise jagjit ji ko present kiya hai. Uske naam bhar se ban rahe ho sharam Karo.
MY DAD USE READ SMP's NOVELS BACK IN EIGHTIES TILL NINETIES TILL HE WAS ALIVE...AND I USE TO WONDER WHAT IS IT THAT MAKES HIM READ IT WHENEVER HE GETS EVEN A SECOND THAT HE HAVE....AND I STOPPED QUESTIONING MYSELF WHEN I FIRST READ THE FIRST VIMAL SERIES NOVEL♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ HOLLYWOOD AND BOLLYWOOD CAN SUCK ON ALL THE SHIT THAT THEY'VE BEEN SPILLING FOR ALL THESE YEARS IN THE NAME OF CRIME THRILLERS.....LOVE U PATHAK SAHAB AND THANK U THAT U NEVER GAVE UP, U AND UR CHARACTERS R A LEGEND... ESPECIALLY SARDAR SURENDRA SINGH SOHAL BETTER KNOWN AS VIMAL....🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 AND I SUGGEST SAURABH THAT U START READING VIMAL SERIES.... AND REPLY TO THIS COMMENT.
Lajwaab