europiya_company_ka_aagman #

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
  • भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन 16वीं शदी के अंत और 17वीं शदी की शुरुआत में शुरू हुआ। प्रमुख यूरोपीय कंपनियों में पुर्तगाली, डच, अंग्रेजी और फ्रांसीसी कंपनियां शामिल थीं।
    1. **पुर्तगाली कंपनियां**: पुर्तगालियों ने भारत में सबसे पहले व्यापारिक उपस्थिति दर्ज की। वे 1498 में वास्को दा गामा के नेतृत्व में भारत पहुंचे और कोच्चि, गोवा जैसे तटवर्ती क्षेत्रों पर कब्जा किया।
    2. **डच कंपनियां**: डच ईस्ट इंडिया कंपनी (VOC) ने 1602 में स्थापित की गई और भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापार के लिए आने लगी। डचों ने विशेष रूप से सूरत, जामनगर और बंगाल में व्यापारिक गतिविधियाँ कीं।
    3. **अंग्रेजी कंपनियां**: अंग्रेजों ने 1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की और भारत में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाया। 1617 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने सूरत में एक व्यापारिक पोस्ट स्थापित की और बाद में कई अन्य क्षेत्रों में फैल गई।
    4. **फ्रांसीसी कंपनियां**: फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1664 में स्थापित की और उसने भी भारत में व्यापारिक उपस्थिति बनाई। फ्रांसीसी व्यापारिक केंद्र पांडिचेरी और चंदननगर में स्थापित किए गए।
    इन यूरोपीय कंपनियों का आगमन भारत में व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और अंततः उपनिवेशीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।#sawali ka yuddh#bedara ka yuddh##VanDivas ka yuddh#Pratham karnatak yuddh #dwitiya karnatak yuddh #tritiya karnatak yuddh#British East India company ka Bharat mein aagman#duch East India company ka Bharat mein aagman#

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