हम बौद्ध क्यों बनें? 1956 में डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा दिया भाषण । Why should we become Buddhists?
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- เผยแพร่เมื่อ 28 ต.ค. 2024
- बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर का धम्मोपदेश 15 अक्टूबर 1956।
हम बौद्ध क्यों बनें?
बौद्ध धम्मानुयायी! मैं आज अपने भाषण में इस महत्वपूर्ण प्रश्न पर की मैंने भगवान बुद्ध द्वारा चलाए गए धम्म का पुनरुद्धार तथा प्रचार के महान कार्यभार को अपने कंधों पर क्यों लिया है, अपने विचार प्रकट करना चाहता हूं। कई विचारशील व्यक्तियों का और मेरा अपना विचार है की कल का धर्मांतरण समारोह आज होना चाहिए था और आज का यह धम्म परिवर्तन अभिभाषण धर्मांतर समारोह से पूर्व कल होना चाहिए था। किंतु जो होना था, सो हुआ। अब आज इस प्रश्न पर विचार करना कोई महत्व नहीं रखता है।
नागपुर ही क्यों?
बहुत से लोगों ने मुझे से यह प्रश्न किया है ,की इस महान समारोह के लिए नागपुर ही क्यों? चुना गया अन्य कोई स्थान क्यों नहीं चुना? कुछ का कहना है की शहर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सेवा का केंद्र होने के कारण उन्हीं की आंखों के सामने कुछ करके दिखाने के लिए मैंने इस स्थान को चुना है। लेकिन यह बात सच नहीं है। मेरा ऐसा उद्देश्य नहीं है। नाक को खुजाकर किसी के लिए भी अपशकुन करने की मेरी कोई इच्छा है और नहीं मेरे पास ऐसी निरर्थक बातों के लिए समय ही है। जो महान कार्य मैंने अपने कंधों पर लिया है, वह इतना महत्वपूर्ण है की उसके संबंध में एक-एक मिनट भी मेरे लिए बहुत महत्व रखता है। इस स्थान को चुनते समय कभी भूल से भी आर. एस. एस. का विचार मेरे मन में कभी नहीं आया।
जिन लोगों ने बौद्ध धम्म के संबंध में इस देश के प्राचीन काल के इतिहास का अध्ययन किया है, उन्हें मालूम है की भगवान बुद्ध के धम्म को फैलाने का श्रेय नाग जाति के लोगों को है। नाग लोग आर्यों के कट्टर शत्रु थे। आर्यों और अनार्यों में आपस में कई बड़ी-बड़ी लड़ाइयां हुई। आर्य लोग नाग लोगों का समूल नाश करना चाहते थे। इस विषय में बहुत सी कहानीयां पुराणों में मिलती हैं। अर्जुन ने नागों को जलाया था। अगस्त मुनि ने एक सर्प नाग की रक्षा की थी। उसी नाग के वंशज आप लोग हैं।
जिन नागों को छल और कपट से पतित बनाया गया था, उन्हें उठाने के लिए एक महापुरुष की आवश्यकता थी और वे उन्हें भगवान बुद्ध के रूप में मिले।
नागों ने ही सारे भारत में बौद्ध धम्म का प्रचार किया। आप उन्हीं नागों की संतान है। वीर नागों की प्रमुख आबादी नागपुर में थी। नागों की आबादी कारण इस नगर को नागपुर कहा गया है। इस नागपुर से 27 मील की दूरी पर बहाने वाली नदी का नाम भी नाग पड़ा हुआ है। इससे ऐसा मालूम पड़ता है की इसी नदी के आसपास नागों की आबादी थी। नागपुर को इस महान समारोह के लिए चुने जाने का यथार्थ में कारण भी यही है। दूसरा कोई कारण इसके पीछे नहीं है। इसलिए इसे कोई भी गलत ने समझे। किसी और बात पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ विरोध संभव है, लेकिन इस स्थान को किसी ने भी उनको चिढ़ाने के लिए पसंद नहीं किया है।
विरोधियों की बौखलाहट
जिस महान कार्य को मैंने प्रारंभ किया है और जिसे आप सब लोगों ने स्वीकार किया है उसकी बहुत से समाचार पत्रों बहुत ही कटु आलोचना की है। उनके मतानुसार में अपने बंधुओं को गलत मार्ग पर ले जा रहा हूं। ये अस्पृश्य ऐसे ही अछूत बने रहेंगे। इस धर्मांतर से हमारा कुछ भी भला नहीं होगा। कई पत्रों ने तो यहां तक भ्रामक तथा मिथ्या बातें कहीं है की आज अछूतों को राजनीतिक अधिकार मिले हुए हैं, इस धर्मांतर से वे सब समाप्त हो जाएंगे। यह सब पागलपन का प्रचार है। उन लोगों का कहना है की नए रास्ते से ने जाकर पुरानी रास्ते से या उसी पगडंडी से ही हमें जाना चाहिए। संभव है कि ऐसे व्यक्तियों का थोड़ा सा प्रभाव हमारे तरूणों और बुजुर्गों पर अवश्य पड़े, इसलिए मैं प्रश्न का जवाब दिए बगैर नहीं रहना चाहता। संशय को दूर करने से हमारे आंदोलन को बल मिलेगा। इसलिए इसी प्रश्न पर मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूं।
" महार-चमार मरी हुई गाय भैंसों को न उठाएं और ने मरी हुई गाय भैंसों का मांस ही खाएं।" इस बात का प्रचार मैंने आज से 30 वर्ष पूर्व किया था। इस प्रचार से स्वर्ण हिंदुओं को बड़ा आघात पहुंचा। मैंने उनसे पूछा की गाय भैंसों का दूध तुम पियो और करने पर उसे उठाकर हम बाहर फेंके, ऐसा क्यों? अगर वह अपनी बूढ़ी मां के मरने पर उसे खुद उठा ले जाते हैं, तो मरी हुई गाय और भैंस को स्वयं क्यों नहीं उठाकर ले जाना चाहते? जब मैंने ऐसे प्रश्न उनके सामने रखें तो ये लोग बहुत चिढ़ गए।
मैंने उनसे कहा कि अगर तुम अपनी मेरी हुई मां को बाहर फेंकने के लिए हमें दे दो , तो हम अवश्य ही मरी हुई गाय को भी उठा कर ले जाएंगे।
तब मैंने कहा भाले लोगों! हमें अपने संबंध में खुद ही सोच लेंगे। अगर तुम्हें हमारे लाभ की चिंता है, तो तुम अपने संबंधियों को एक-एक गांव में भेज दो और उनसे कहो कि वे वही पर जाकर रहें गांव में मरे हुए पशुओं को उठाकर फेकें, जिससे उन्हें 500 रुपए का वार्षिक लाभ हो सके। इसके अलावा ऐसा करने पर उन्हें 500 रुपए इनाम में समय भी दूंगा। इस प्रकार उन्हें दुगना लाभ होगा। इस मौके को क्यों छोड़ते हो? हमारा नुकसान होगा तुम्हें तो लाभ होगा। लेकिन आज तक कोई भी स्वर्ण हिंदू इस काम के लिए आगे नहीं आया। आखिर उनके पेट का पानी हमारी उन्नति को देखकर क्यों हिलता है? क्योंकि इनके पेट में हमारी उन्नति की बात सुनकर दर्द होता है। अपने लोगों के लिए अन्न,वस्त्र,मकान और जमीन के लिए उनकी देखभाल में स्वयं करूंगा। इसकी चिंता आप न करें
इस काम को हमने किया तो लाभ होता है और आपने किया तो नुकसान होता है? उठाइए मरे हुए पशुओं को और लीजिए फायदा। इसी प्रकार कुछ लोगों का कहना है कि हमें विधानसभा में कुछ स्थान मिले हैं, तो उन्हें हम क्यों छोड़ दे? मैं उनसे कहता हूं कि ब्राह्मण, राजपूत आदि को मेहर, चमार, भंगी बनकर उन स्थानों को भर लीजिए। हमारे स्थानों के खाली होने पर तुम्हें रोना क्यों आता है? मनुष्य को इज्जत प्यारी होती है, लाभ प्यार नहीं होता। इस सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
विश्व में भारत महान इसलिए भी है कि भारत में जन्मे बौद्ध धर्म के कारण ही चीन, जापान व अन्य समस्त पूर्वोत्तर देशो वैज्ञानिक पसीने के बौद्धिक सामर्थ्य के कारण इतने विकसित हुए हैं । भारत में तो निकम्मे लोगों को सौहरत व सम्मान अधिक मिलता है । हमारा हिमालय भी मेहनती है ।
Very nice namo buddhay jay bhim
❤❤❤NAMO BUDDHAY JAI BHIM.
Namo BUDDHAY Jai Bhim 🙏🙏
Nag Samaj Akta Sangh Sadhuvad
नमो बुद्धाय जय भीम सर
नमो बुद्धाय
नमो बुद्धाय जय भीम सर
Lord Buddha Jai Bhim
SADHU SADHU
Congratulations Sir ❤🎉
❤🎉 જય ભીમ નમો બુદ્ધાય...
जय भीम नमो बुद्धाय सर जी
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JAI BHIM NAMO BUDDHAY JAI SAVIDHAN JAI BHARAT JAI MULNIVASI.
भारतरत्न डॉक्टर बी. आर.अंबेडकर जी का एक ऐतिहासिक भाषण. हमारे मुक्तीदाता बाबासाहाब अंबेडकर जी को विनम्र अभिवादन. इस डिजिटल प्लॅटफॉर्म के माध्यम से अच्छा वाचन. जय भीम, नमो बुध्दाय, सबका मंगल हो. Thanks Ambedkarwadi Books 👍🌹🙏..
Namo buddhay
नमो बुद्धाय जय भीम सर
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Op Nmo boodhy jlaybheem 💥🌹✍️🙏🌳💐🐘🇮🇷ppt Haryana
नमो बताएं जय भीम ओम प्रकाश जी
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बहुत बहुत धन्यवाद 🌹🙏 मसीहा बोधिसत्व बाबा साहब डो.भीमराव अम्बेडकर जी का चिंतनीय प्रवचन उपलब्ध कराने के लिए आप को बहुत बहुत साधुवाद 🌹🙏
Jai Bhim nmo buddhai
I am from Lucknow UP
नमो बुद्धाय जय भीम सर
अगर आप रूढ़िवादी सोच के व्यक्ति हैं समाज को मजबूत नही देखना चाहते केवल खुद को खुदा समझना चाहते हैं तो आपको बाबा साहेब डॉ आंबेडकर अपने विरोधी दिखाई देंगे। अगर आप अपने साथ साथ पूरे समाज को मजबूत देखना चाहते हैं तो बाबा साहब आपके गाइड हैं उनको पढ़िये और जैसा वे कह रहे हैं उसका पालन करिये। किंतु परंतु करोगे तो आंशिक लाभ होगा। पूरी बात मानोगे तो पूरा लाभ होगा। बाबा साहब बीमार भारत के डॉक्टर हैं जो ओषधि वे आपको बता रहे हैं वो लेनी ही होगी कड़वी लग सकती है लेकिन ठीक भी वही करेगी। अगर पढ़े लिखे हो तो आज से ही बाबा साहब का साहित्य पढ़ना शुरू करें और सामाजिक उन्नति में अपनी भूमिका तलाश कीजिये। और जो कर सकते हो उसको करना जरूर।। तभी आपका पढ़ना लिखना सार्थक हो सकेगा।।
🎉जय भीम जय भारत जय संविधान🎉
Jai Bhim 🙏🙏
Namo Bhuddhay 🙏🙏
From. Moradabad up
नमो बुद्धाय बृजभान जी
Sir ji aapne bahut mahatvpurna jankari diya Thanks 🙏 krantikari jai bheem
आपका आभार
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जय भीम
बाबा महान
Sirji🙏जय भीम नमो बुद्धाय 🌹🌹🌹
नमो बुद्धाय जय भीम सर
Jai bhim Namo Buddhay Jai savdhan Jai mulnivasi
नमो बुद्धाय जय भीम जय मूलनिवासी
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નમો બુદ્ધાય
बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ बी आर अम्बेडकर जी को कोटि कोटि नमन ❤❤❤
जय भीम नमो बुद्धाय
Baba saheb pujaniye he khyo ki antryami the baba saheb sab kuch pata tha baba saheb satysodhk the bhgvan budha ka avtar hi tha tbhi to baba saheb ji jante theyese mahapurus janam lete jab. Jab pap badta he to yese mha paurus janam lete he namo budhay jai bhim
Thanks Maha Gurudevji Dr Bhimrao Ramji Ambedkar, Kabir, Buddha.
Born 7th, ,,,,, 1957 ,personal study 📖 brought me to Zoroastrianism which revealed that nearly all the Religions are Mythological, adopted Buddhism ☸️ 2021, die in Buddhism ☸️ let's see 👀 when, want to visit Lothal, Rakhighari Mohenjo Daro,,,,, let's see if I can,,,,,,,
We all need to stop sleeping 😴 💤 for 432,000 years miscalculated mahayuga (Kalpanic Kaliyuga by Tulsi Krit Ramayan 1631AD) wake ⏰️ up and protect our Future Generations Welfare from Mitanni, Medes, Hittitie, Hurrian, Assyrian, Yanmya Marauding Atrocious Mukh-Putra Brahminvad propaganda 5,000 years ago Invasion, Deva-Asur Sangram is the proof of Aryan Invasion. Devi Bhagvad Puran Katha (story)
Jay Bheem Namo Buddhaye, Jay SAMVIDHAN, Bandagi Saheb. Regards.
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बहुत सुन्दर
जय भीम नमो बुद्धय
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जय भीम
जय भीम सर
Jai bhim
जय भीम महान जय संविधान ❤❤❤
जय भीम जय संविधान
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Aaj kaun unka kaam aage badha raha hai?
babasahabne to sab dalit jatiyoko budhizam me laya tha aishi ghosh ana ki magar shift yek mahar jati ne hi baudh dhamma apana ya baki jatiya atyachar apa man zel rahe magar baudh banana sikar nahi kar rahe krishan dharam me ja rahe sab jatiya baudh ban jati to aj na apa man hota na atyachar sarkar bhi hamari hoti chahe itana arakshan badha yenge desh ke malik mulanivashi hai