जय हो नरसिंह देवता उत्तराखंड में पूजे जाने वाले नरसिंह देवता 9 भाई वह एक सिद्ध पुरुष जोगी थे गुरु गोरखनाथ के चेले थे और भगवान विष्णु का जो नरसिंह अवतार हुआ था वह सतयुग में हुआ था जय हो नरसिंह बाबा की जय हो जय हो नरसिंह देवता की जय
😂are par bhai humare gao me dudhadhari narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise yahi aate hai aur nachte hai ab avahan to Shree Hari ke Narsingh avtar ka Hua to joshimath ka jogi narsingh kyu aaye?
@@thumbguru12एक ही है एक प्रकार से प्रह्लाद वाले नरसिंह तो परमात्मा है और उन्हीं के ही अंश है जोगी नरसिंह, नाथ संप्रदाय में भी विष्णु जी की पूजा गुरु संतोषनाथ और दत्तात्रेय के रूप में होती है। सिर्फ इतना ही नहीं यह तो है कि लोग मरने के बाद उनकी आत्मा अपने इष्टों के पास चला जाता है जिससे मुक्ति कहते है मुक्ति और जैसा मेने कहा कि नाथ पंथ के शिवजी के साथ साथ विष्णु जी की भी होती है हैना। तो वही संत नरसिंह भी विष्णु और शिव दोनो के भक्त थे इसीलिए मृत्यु के बाद अपने इष्ट महादेव और नारायण यानी परमात्मा के साथ मिल गए। इसलिए हमारे यहां नरसिंह दोनो रूपों में है कही शिवजी के अवतार के रूप में तो कही जागरो के अनुसार कृष्ण अवतारी के रूप में। इसका उदाहरण भी यही है कि गुरु गोरखनाथ जो प्रचंड शिव भक्त थे वह महादेव की भक्ति करते करते उन्ही के रूप बन गए और बंगाल के चैतन्य महाप्रभु जो श्री राधारानी और कृष्ण भगवान के भक्त थे उन्ही की भक्ति करते करते उन्ही के रूप बन गए। बस यही है। इसीलिए संत नरसिंह जागरो में सुनाए जाने वाली भक्त प्रह्लाद की कथा में भी आते है।
भाई साहब आपने जो भी जानकारी दी है बहुत अच्छी जानकारी दी है और यह बात भी सही है कि यह क्षेत्रवाद मैं अलग कहानी है जो की कुमाऊं और गढ़वाल मैं अलग अलग तरीके से पूजे जाते हैं और जागरण में भी यह चीज दिखाई देती है अब बात रही आस्था की तो यह परम सत्य है कि वह हमारे जीवन में है और हमेशा ही उनकी छत्रछाया हम पर रहेगी फिर चाहे वह किसी भी रूप में क्यों ना हो हमारा विश्वास उन पर अडीग है और रहेगा बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
"घुघुती" ने हमारे जैसे अनेक सदस्यों को उत्तराखंड के देवी देवताओं, रीति रिवाजों, महानायकों-नायिकाओं,गायक-गायिकाओं, समाज सेवको, विद्वानों और विशिष्ट स्थानों -क्षेत्रों आदि के बारे में बहुत ही विस्तृत, गंभीर एवं रोचक जानकारियां प्रस्तुत की हैं।आपके इन शोधपरक जानकारियों और विश्षलेषण के लिए आपका हार्दिक आभार एवं बधाई कि आप हमारे उत्तराखंड के समाज में जागरूकता एवं संस्कृति का पुनर्बीजारोपण कर रहे हैं। साथ ही आपसे विनम्र निवेदन है कि स्क्रिप्ट पढ़ते वक्त हल्के शब्दों जैसे"चेले" का प्रयोग न कर "शिष्यों"का प्रयोग करें तो अच्छा लगेगा।......उत्तराखंड माँगे मूलनि्वास १९५०।....मूलनि्वास म्यार अधिकार।.... जय भारत....जय उत्तराखंड।।
बेहतरीन प्रस्तुति भुला। देवी भगवती की जय🌸 🙏🏽 भगवान शंकर की जय🌸🙏🏽 भगवान बद्रीनाथ की जय 🌸🙏🏽 शिव-अवतारी महायोगी नृसिंह भगवान की जय🌸🙏🏽 राजा धामदेव की जय 🌸🙏🏽 महाप्रतापी ग्वेल ज्यु की जय🌸🙏🏽 सभी देवों की जय🌸🙏🏽 ईष्ट पित्रों की जय 🌸🙏🏽
Daju narsingh shiv avtari k sath sath Krishn avtari bhi hai kyuki humare yha inka avahan prahlad katha se lagti hai jise ye aate hai aur inke jagar me ye pankti hai ओ दुधाधारी नारसिंहा फटिनगु कु खंभा से त जाग रे बाबा isi katha se narsingh adesh ki vani se nachte hai ab nam avahan to Vishnu ka laga to jogi kyo Aya? Iska mtlb yhi hai ki narsingh devta dono k rupi hai aur wese bhi shivji vishnu ji dono ek hai shivji ki atma narayan hai aur narayan ki atma mahadev bs
सहमत हूं क्यूंकि कुमाऊँ मैं किसके भी घर मे नरसिंह रहते है इष्ट देवता के रूप मे वो झोली चिमटा किसी गिरी गोस्वामी या नाथ को ही देता है ।।।।। मतलब इसके पुजारी भी कोई नाथपंती ही होता है और भैरव और सिदुवा बिदुवा साथ मैं हरजयू का भी पुजारी कोई गोस्वामी ही होता है ।।। धन्यवाद
Aise me kai jagah me dudhadhari narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise ye dudhya narsingh hi chimta aur timru ki lathi lekar aadesh aadesh karte huye nachte hai ab avahan to Shree Hari ke narsingh avtar ka Hua to ye joshimath ka jogi dudhya narsingh kyu aaye?
हिरण्यकश्यप के अंत के बाद विष्णु अंश नरसिंह जब उग्र रूप में धरती में विचरण करने लगते हैं तब देवता , गुरू निरंजन अर्थात भगवान शिव जी से निवेदन करते हैं कि नरसिंह देवता की क्रोध को शांत करें। जहां तक नाथ पंथ है ये कुछ और नहीं भगवान शिव से चली आ रही गुरू शिष्य परंपरा है । नाथने का अर्थ है कि वश में करना या काबू करना। आदि अनादि जोगी गुरू निरंजन द्वारा उग्र नरसिंह को नाथ कर अपना चेला (शिष्य) बनाना ही नाथ पंथ है। उग्र रूप से लेकर गुरू के आशन तक पहुंचने के समय अवधि में नरसिंह के आठ स्वभाव को ही आठ रुप या गुण बोला जाता है । आशा है भ्रम दूर हुआ होगा ।
Haan ye sahi jankari Tamil Nadu main bhee 9 narsingh bhagwan ke roop haan. TH-cam pe aap dekh sakte ho Ahobhilam ke naam se Narsingh Dham haan Tamil Nadu main. Uttrakhand ke 9 Narsingh Joshimath ke Narsingh ke 9 roop haan Jo Nath Sadhu ke roop main Shiv avatari Shri Guru Gorakhnath Ji se Dikshit hue. Jis tarah 9 Narayan Navnath ke roop main aaye. 9 Naag Nag haan 9 Durga haan. Waise 9 Narsingh haan. Kyoki agar wo Joshimath ke Narsingh na hote to Narsingh bhagwan ki murti ke hath pe dikkat kyo aati. Isse baat se shamjh jao ki 9 Narsingh kaun haan.
सबसे पहले नृसिंह और नारसिंह शब्द में भेद देख लीजिए और फिर मैं आपको बता दूं इनके क्षेत्रीय गुरु भागनाथ भजन नाथ और कृष्णनाथ थे जो की नाथ पंथ से संबंध रखते थे
Bhai sahab ye busy hain paisa kmane mein views bdhane mein. Ye jawab nhi deinge Orr deinge bhi tph kisi kitab ka hawala deinge inn logo ne khud koi exercise ni ki hai.. dhongi Orr laalchi hain ye sabhi team wale
@@omkali.-7711नरसिंह देवता के जागर मे ये पंक्ति है दुधाधारी जटाधारी कृष्ण अवतारी नेत्रधारी छत्रधारी कोला ब्रह्मचारी बीर नरसिंह जाग रे बाबा ओ बीर नरसिंहा फटिनगु कु खम्ब से परगट ह्वेन्गे ना बाबा तेरु भगत परलदा
Good and factual presentation. Siddhas exist before naths and when siddhas deviated from their path..nath panth got separated from them and came into existence. Bhairavnath and Narsingh devta were both naths and please dont say that were into any black magic practices. Read the meaning of tantra from ShriTantraloka🙏
लोगों की मान्यता के हिसाब से उत्तराखंड में नरसिंह, भैरो, अघोरनाथ कहीं कहीं जगह ईष्ट देव व कुल देव हैं ये अपने अनुसरण कर्ताओं को जोगी( साधु) और बाघ के रूप में स्वपन (सपना) में संकेत देते हैं और जब कभी ये संकेत देते हैं कुछ दिनों बाद उसकी संबंद्धता का अहसास हो जाता है ।
Bhai mere naarsingh or narsingh me antr h,,,,, naarsingh himachal me bhi h upper shimla me,,,, jo inka gur hota h usme aate h wo,,,,, पद्मपुराण, शिवपुराण, नारदपुराण आदि में विष्णु अवतार नरसिंह का उल्लेख मिलता है। दोनो में अंतर है,,,,, विष्णु अवतार नरसिंह की सत्ता बहुत ऊपर है उन से
@@omkali.-7711bilkul ho sakta hai bheji humare yaha dudhya narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise dudhya narsingh nachte hai hath me timru ki lathi aur chimta lekar aadesh aadesh karte huye ab avahan to Shree Hari ke narsingh avtar ka Hua to joshimath ka dudhya narsingh jogi kyu aaye?
Ji nahi bilkul galat dudhadhari narsingh ko khud vishnu avtari ya fir krishn avtari bola gaya we bhale unhe nathpanthi jogi hai parantu humare yaha inke jagar me bhakt prahlad ki katha sunai jati hai jisse dudhadhari narsingh ate hai
Bhai mujhpe narsing devta ki .00000000000000001% avtar ata h pr bhai kya hi bolun main vishwas bhi nhi krta pr kai longon ka bhala h mere dwara log kahte h😊 pr hamare yahan 2 kahani parchalit h ek ashanti wali doosri vishunu awatari narsing ❤❤ kisi ka bhala ho rha to sabki asta ka samaan krte h baaki mujhe to samjh nhi aata kese hota jai ho naring devta ashirwaad bana rhe ❤❤❤😊😊😊
Mera par bhi🚩🙏 dhodha dhari narsing devta or🚩🙏 Nagraja bhi or 🚩🙏Ghandiyal devta bhi ।🚩🙏 Jai uttrakhand jai ho narsing devta jai ho Nagraja devta jai ho Ghandiyal devta।।।
Mujhe pe khairanaye narsingh aur nagaraja aata hai hamare ghar ke kuldevta khuch month se sab achanak hua mere sath ye sab jab ghar me meri ladki ki tabiyat kharab hui tab uske baad
Jab Narsingh Aate hai Toh Unke Muh Se Adesh ki Vani Nikalti Hai .. Or Wo Bolte hai Mere Guru Ko Adesh .. Ise Sabit hota hai Wo Ek Nath panti Jogi hai ..
@@rahulkumar-ow1tv Narisngh Bhagwan Or Narsingh Verr Dono Alg Alg Hai Ek Vishnu Avtari Hai Toh Dusre 9 Narsingh jo Ki Jogi Hai Or Guru Goraknath k chele hai
@@ritiksharma5379bhaiji konsi duniya me ji rahe ho narsingh vir Jo hai wo 52 viro me se ek hai narsingh vir ki utpatti bhagwan Vishnu ke narsingh avtar ke krodh se huye thei anginat vir Narsingh Shree Hari Narsingh avtar ke krodh se aaye aur aage jake mahakali aur bhairav ke sevak ban gaye
,नौ नाथ नृसिंह उत्तराखंड के लोक देवता है। जबकि भगवान विष्णु के अवतार पौराणिक देवता है । दोनो मे अन्तर है। लेकिन जानकारी के अभाव और नाम एकसमान होने के कारण लोग इन्हे एक ही समझते है।
Bhaiji dono ek hi hai koi antar vantar nahi hai jagar ke start me khud dudhi narsingh ko krishn avtari bola gaya aur dudhi narsingh ko humare yaha ke jagaro me bulane ke liye bhakt prahlad ki kahani sunai jati hai
देवता कभी बलि नहीं मांगते लोगो ने अपने स्वाद के लिए देवताओं को ये आहार देना शुरू किया और जब ये ऐसी ही चलता रहा तो परंपरा बन गई ।देवता को जिस भोग में चलाओगे उसी भोग में चलेगा ।इसलिए सोच समझ कर शुरुआत करनी चाहिए दूसरा बलि मेनली इन देवताओं के साथ के चेले चांठे जो होते हैं वो मांगते हैं और खाते हैं।
Bhai Bhairav nath narsing ke sishya nhi the, bhairav nath guru gorakhnath ke sabse pehle chele the or narsing devta ka janam toh bhot baad mein hua tha
सर... इसका निष्कर्ष कैसे निकल सकता है क्योंकि ये मान्यताएँ हैं। और इस रिपोर्ट से ये साफ़ हो जाता है कि नाथपंथी वाले नरसिंह को भी लोग मानते हैं और विष्णु भगवान वाले नरसिंह को भी। बस क्षेत्रवार इनके नाम और इनकी मान्यताएँ बदलती जाती हैं।
apne kul devta ki story jane ko mil re . hum bacche ye sab jane interest nahi lete aaj kal but mujhe kuch pata hai i can related this dudha narshingh haamre kul devta hai . jin ko dham dev ka mama bhi mana jataa hai . peoud to be phadi ❤❤❤
achchi bat batai hai bhai.par har jagah thora alag hai. jo hamne suna hai ki 9 narsimah hai.unmein se jo sabse shanat hain unhen hamare kumaun mein mana jata hai.par suna hai ki narhimah devta kabhi khud prakat nahin hua .unki jagah ratua ber parkat hua,esiliye inko 52 beeron mein jagah mili.agar narsimah khud prakat ho gaye to wo jispe prakat honge wah jal kar rakh ho jayega kyonki we agni se paida huwe the, par jo bhi hai theek hee hai hamen to unka aashirbad chahiye we kisi roop mein dein.
😂 aise me humare yaha ke narsingh dev ke jagar me bhagwan Vishnu ke narsingh avtar ki katha lagayi jati hai jise yahi dudhi narsingh hath me chimta lekar aadesh aadesh karke nachte hai ab avahan to Shree Hari ke narsingh avtar ka Hua to ye kyu aaye? Iske alawa narsingh devta ke jagar me ye pankti hai ओ दुधाधारी जटाधारी कृष्ण अवतारी नेत्रधारी छत्रधारी कोला ब्रह्मचारी बीर नरसिंह जाग रे बाबा
Puranic avtar Sanskrit samjhate hn aur higher energy hn jinko bulane k leye tapsya karnee padtee hn na ke thali peeto Ye sab Gorkha bath kae chele hn Sasta wala tantra jismei Marne kae baad in ke spirit form ko bulaya jata h Jispe bhe ye aayega usne apne soul surrender kar de hogee ...Marne k baad wo bhe isi trap m fansa rahega
@@makku1956 pr ha ye nath jogi to thei pr ha aise me sadhuo ya fir jogiyo ka ek hi aim hota hai wo hai moksh aur moksh ka arth hi hai Bhagwan ke sath reh jana vaikunth Dham pe to isi prakar se dekhe to Narsingh jogi bhi jb inki mrityu Hui tb inhe moksh mila fir bad me ye vishnu avtari ban gye isiliye to ye jagaro me prahlad ki katha se aate hai nhi to joshimath ka jogi Kyo ayega vishnu ji ki pukar sunke? Haina to bs
@@Ankitrawat-q6t nop sanatan demi god only respond to Sanskrit hymns these r advance ai wt u see. Them as devta modified form of spirits for specific purpose
डॅॉ. शिवानन्द नौटियाल के "गढवाल के लोकनृत्य गीत" में बहुत पहले पढा था आज आपके इस वीडियो को देखकर स्मृति ताजा हो गई धन्यवाद।
धन्यवाद सर...
जय हो नरसिंह देवता उत्तराखंड में पूजे जाने वाले नरसिंह देवता 9 भाई वह एक सिद्ध पुरुष जोगी थे गुरु गोरखनाथ के चेले थे और भगवान विष्णु का जो नरसिंह अवतार हुआ था वह सतयुग में हुआ था जय हो नरसिंह बाबा की जय हो जय हो नरसिंह देवता की जय
Right
😂are par bhai humare gao me dudhadhari narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise yahi aate hai aur nachte hai ab avahan to Shree Hari ke Narsingh avtar ka Hua to joshimath ka jogi narsingh kyu aaye?
Gorakhnath k chelA bataya gaya hai. Pita bhasmasur aur maata mahakali bhi bataya gaya hai.
Satyug wale narshing jinka sher wala muh hai wo alag hai aur jo uttrakahnd ke devta narshing hai wo alag hai
@@thumbguru12एक ही है एक प्रकार से प्रह्लाद वाले नरसिंह तो परमात्मा है और उन्हीं के ही अंश है जोगी नरसिंह, नाथ संप्रदाय में भी विष्णु जी की पूजा गुरु संतोषनाथ और दत्तात्रेय के रूप में होती है। सिर्फ इतना ही नहीं यह तो है कि लोग मरने के बाद उनकी आत्मा अपने इष्टों के पास चला जाता है जिससे मुक्ति कहते है मुक्ति और जैसा मेने कहा कि नाथ पंथ के शिवजी के साथ साथ विष्णु जी की भी होती है हैना। तो वही संत नरसिंह भी विष्णु और शिव दोनो के भक्त थे इसीलिए मृत्यु के बाद अपने इष्ट महादेव और नारायण यानी परमात्मा के साथ मिल गए। इसलिए हमारे यहां नरसिंह दोनो रूपों में है कही शिवजी के अवतार के रूप में तो कही जागरो के अनुसार कृष्ण अवतारी के रूप में। इसका उदाहरण भी यही है कि गुरु गोरखनाथ जो प्रचंड शिव भक्त थे वह महादेव की भक्ति करते करते उन्ही के रूप बन गए और बंगाल के चैतन्य महाप्रभु जो श्री राधारानी और कृष्ण भगवान के भक्त थे उन्ही की भक्ति करते करते उन्ही के रूप बन गए। बस यही है।
इसीलिए संत नरसिंह जागरो में सुनाए जाने वाली भक्त प्रह्लाद की कथा में भी आते है।
भाई साहब आपने जो भी जानकारी दी है बहुत अच्छी जानकारी दी है और यह बात भी सही है कि यह क्षेत्रवाद मैं अलग कहानी है जो की कुमाऊं और गढ़वाल मैं अलग अलग तरीके से पूजे जाते हैं और जागरण में भी यह चीज दिखाई देती है अब बात रही आस्था की तो यह परम सत्य है कि वह हमारे जीवन में है और हमेशा ही उनकी छत्रछाया हम पर रहेगी फिर चाहे वह किसी भी रूप में क्यों ना हो हमारा विश्वास उन पर अडीग है और रहेगा बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
"घुघुती" ने हमारे जैसे अनेक सदस्यों को उत्तराखंड के देवी देवताओं, रीति रिवाजों, महानायकों-नायिकाओं,गायक-गायिकाओं, समाज सेवको, विद्वानों और विशिष्ट स्थानों -क्षेत्रों आदि के बारे में बहुत ही विस्तृत, गंभीर एवं रोचक जानकारियां प्रस्तुत की हैं।आपके इन शोधपरक जानकारियों और विश्षलेषण के लिए आपका हार्दिक आभार एवं बधाई कि आप हमारे उत्तराखंड के समाज में जागरूकता एवं संस्कृति का पुनर्बीजारोपण कर रहे हैं।
साथ ही आपसे विनम्र निवेदन है कि स्क्रिप्ट पढ़ते वक्त हल्के शब्दों जैसे"चेले" का प्रयोग न कर "शिष्यों"का प्रयोग करें तो अच्छा लगेगा।......उत्तराखंड माँगे मूलनि्वास १९५०।....मूलनि्वास म्यार अधिकार।.... जय भारत....जय उत्तराखंड।।
बेहतरीन प्रस्तुति भुला।
देवी भगवती की जय🌸 🙏🏽
भगवान शंकर की जय🌸🙏🏽
भगवान बद्रीनाथ की जय 🌸🙏🏽
शिव-अवतारी महायोगी नृसिंह भगवान की जय🌸🙏🏽
राजा धामदेव की जय 🌸🙏🏽
महाप्रतापी ग्वेल ज्यु की जय🌸🙏🏽
सभी देवों की जय🌸🙏🏽
ईष्ट पित्रों की जय 🌸🙏🏽
Daju narsingh shiv avtari k sath sath Krishn avtari bhi hai kyuki humare yha inka avahan prahlad katha se lagti hai jise ye aate hai aur inke jagar me ye pankti hai
ओ दुधाधारी नारसिंहा फटिनगु कु खंभा से त जाग रे बाबा isi katha se narsingh adesh ki vani se nachte hai ab nam avahan to Vishnu ka laga to jogi kyo Aya? Iska mtlb yhi hai ki narsingh devta dono k rupi hai aur wese bhi shivji vishnu ji dono ek hai shivji ki atma narayan hai aur narayan ki atma mahadev bs
बहुत ही सुन्दर जय नर सिंह देवता की जय हो।
Mere papa pe aate hain dudhdhar Narsingh devta
Jai guru
जय नरसिंह देवता
Jai Ho mere bhi kul devta hai
merey cousin brother mai aatey hai.narsingh devta
जय नरसिंह देवता
बहुत सुंदर जानकारी दी है आपने सर जी आपकी सारी बातें यथार्थ में सही है धन्यवाद
Jai isht dev 💐 Thankyou for covering lord Narsimha story ❤
जय डौंडया नरसिंह देव जय दूधिया नरसिंह देव❤
सहमत हूं क्यूंकि कुमाऊँ मैं किसके भी घर मे नरसिंह रहते है इष्ट देवता के रूप मे वो झोली चिमटा किसी गिरी गोस्वामी या नाथ को ही देता है ।।।।।
मतलब इसके पुजारी भी कोई नाथपंती ही होता है और भैरव और सिदुवा बिदुवा साथ मैं हरजयू का भी पुजारी कोई गोस्वामी ही होता है ।।। धन्यवाद
बहुत अच्छा एड ऑन आपने किया है। धन्यवाद
Aise me kai jagah me dudhadhari narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise ye dudhya narsingh hi chimta aur timru ki lathi lekar aadesh aadesh karte huye nachte hai ab avahan to Shree Hari ke narsingh avtar ka Hua to ye joshimath ka jogi dudhya narsingh kyu aaye?
आपका बहुत बहुत धन्यवाद हमे इस जानकारी को साझा करने के लिए।
मैं हिमाचल से हूं और हमारे ग्राम देवता भी नहारसिंह हैं।
Kya gazab level ki research hai aapki. Bahut bahut shandar aur zabardast
Thank you @RealJPK... आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
@@ghughuti_official🙏
हिरण्यकश्यप के अंत के बाद विष्णु अंश नरसिंह जब उग्र रूप में धरती में विचरण करने लगते हैं
तब देवता , गुरू निरंजन अर्थात भगवान शिव जी से निवेदन करते हैं कि नरसिंह देवता की क्रोध को शांत करें।
जहां तक नाथ पंथ है ये कुछ और नहीं भगवान शिव से चली आ रही गुरू शिष्य परंपरा है ।
नाथने का अर्थ है कि वश में करना या काबू करना।
आदि अनादि जोगी गुरू निरंजन द्वारा उग्र नरसिंह को नाथ कर अपना
चेला (शिष्य) बनाना ही नाथ पंथ है।
उग्र रूप से लेकर गुरू के आशन तक पहुंचने के समय अवधि में
नरसिंह के आठ स्वभाव को ही
आठ रुप या गुण बोला जाता है ।
आशा है भ्रम दूर हुआ होगा ।
Haa ab bram door hua thanks 🙏👍
Haan ye sahi jankari Tamil Nadu main bhee 9 narsingh bhagwan ke roop haan. TH-cam pe aap dekh sakte ho Ahobhilam ke naam se Narsingh Dham haan Tamil Nadu main. Uttrakhand ke 9 Narsingh Joshimath ke Narsingh ke 9 roop haan Jo Nath Sadhu ke roop main Shiv avatari Shri Guru Gorakhnath Ji se Dikshit hue. Jis tarah 9 Narayan Navnath ke roop main aaye. 9 Naag Nag haan 9 Durga haan. Waise 9 Narsingh haan. Kyoki agar wo Joshimath ke Narsingh na hote to Narsingh bhagwan ki murti ke hath pe dikkat kyo aati. Isse baat se shamjh jao ki 9 Narsingh kaun haan.
@@manishsinghrawat8077sahi kha bheji
❤❤❤❤🎉🎉🎉 आपकी कहानी बिल्कुल सही है जय हो नरसिंह देवता जय हो बाबा नरसिंह जय हो योगी नरसिंह
बेहतरीन प्रस्तुति सराहनीय °®
आपका बहुत बहुत आभार। उत्तम जानकारी हेतु जिस आधार पर यह कथा कही गयी है वह पुस्तक कहा से मिलेगी
Jai Ho Narsingh Dev ta, Jai ho Golu Ji Jai Uutrakhand Dev Bhumi,
डोंडिया नर्सिंग देवता जी हमारे कुल देवता है और मेरे छोटे भाई पर आते है 🙏🏻🙏🏻
बहुत ही सुंदर बात
'Ghughuti' doing an amazing work great ❤.
Thank you very much Karan Ji
Atteev sunder jankari ke liye jaihonarsingh bhagwan
सबसे पहले नृसिंह और नारसिंह शब्द में भेद देख लीजिए और फिर मैं आपको बता दूं इनके क्षेत्रीय गुरु भागनाथ भजन नाथ और कृष्णनाथ थे जो की नाथ पंथ से संबंध रखते थे
Arre uttarakhand ke narsingh devta vishnu bhagwan ke ans hai
Jai ho sri est kul dev Nagrsingh baba ji ki apki chatrachaya bni rhe 🙏🙏🙏
बहुत अच्छी जानकारी दी है धन्यवाद आपको ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई।
Very informative vlog.
Jai narsingh devta 🙏🙏🙏🙏🙏
Dudee narsingh ki pooja archna kase ki jatee h
Hum devprayag se h dudhya narsingh devta humare isht h jai ho bhgwan ki🙏❤️
Bahut achi pahle hai apki
I am from uttrakhand,,, but unable to find any solid information about the local deities of our dev bhoomi
Apka bahat dhnyavad hame hamare itihas ke bare me jankari dene ke lie aise hi videos bnaya kro aap
धन्यवाद जी।
Jai ho...
Dudhadaari Narsing Dev ki
Buhut sundar
Ek video bholanath ji pe b bnaye isi trh pls.. dhanywaad
देवभूमि उत्तराखंड में बिनसर देवता को भी पूजा जाता है । कृपा करके बिनसर देवता पर भी इसी तरह का एक तथ्यपरक वीडियो बनाएं ।
नरसिंह देव यदि विष्णु अवतार नही हैं तो जागरी मे उन्हे प्रहलाद चरित सुनाकर कैसे प्रकट करते हैं ?
प्रहलाद चरित की पंक्तियां सुनाना जो जागर में बोली जाती हैं
Bhai sahab ye busy hain paisa kmane mein views bdhane mein. Ye jawab nhi deinge Orr deinge bhi tph kisi kitab ka hawala deinge inn logo ne khud koi exercise ni ki hai.. dhongi Orr laalchi hain ye sabhi team wale
@@omkali.-7711 me sunau kya
@@Himalayasanskriti सुनाओ
@@omkali.-7711नरसिंह देवता के जागर मे ये पंक्ति है
दुधाधारी जटाधारी कृष्ण अवतारी नेत्रधारी छत्रधारी कोला ब्रह्मचारी बीर नरसिंह जाग रे बाबा
ओ बीर नरसिंहा फटिनगु कु खम्ब से परगट ह्वेन्गे ना बाबा
तेरु भगत परलदा
Good and factual presentation. Siddhas exist before naths and when siddhas deviated from their path..nath panth got separated from them and came into existence. Bhairavnath and Narsingh devta were both naths and please dont say that were into any black magic practices. Read the meaning of tantra from ShriTantraloka🙏
बहुत सुंदर जानकारी 🙏
ऊं ईष्ट देवाय नमः।
❤नार सिंग ❤।
लोगों की मान्यता के हिसाब से उत्तराखंड में नरसिंह, भैरो, अघोरनाथ कहीं कहीं जगह ईष्ट देव व कुल देव हैं
ये अपने अनुसरण कर्ताओं को जोगी( साधु) और बाघ के रूप में स्वपन (सपना) में संकेत देते हैं
और जब कभी ये संकेत देते हैं कुछ दिनों बाद उसकी संबंद्धता का अहसास हो जाता है ।
Sir Kalawa veer ke baare me b janakari share kare plz.
ज़रूर
जय देव भूमि उत्तराखंड
Bahut achhi jankari di bhaiya ji aapne❤❤
Boht badiya explain Kiya sir
Please mujhe uttrakhand ke aghornath devta ki Jankari de
Bhai mere naarsingh or narsingh me antr h,,,,, naarsingh himachal me bhi h upper shimla me,,,, jo inka gur hota h usme aate h wo,,,,, पद्मपुराण, शिवपुराण, नारदपुराण आदि में विष्णु अवतार नरसिंह का उल्लेख मिलता है। दोनो में अंतर है,,,,, विष्णु अवतार नरसिंह की सत्ता बहुत ऊपर है उन से
Hum v uttrakhand se h ..lekin hum prabhu Narayan k swaroop ko mante or pujte hai ❤❤
सब जगह अलग अलग मान्यताएं हैं
Narsingh bgwan. Uttrkhnd mein guru gorakhnath ke chele h. Kyunki gorakhnath hi Uttrakhand k ishat hai.
हो ही नही सकता
@@yoursuccess7608bhaiji😂narsingh devta ke jagaro me unhe bohot bar krishn avtari bola gaya
@@omkali.-7711bilkul ho sakta hai bheji humare yaha dudhya narsingh ke jagar me bhakt prahlad ki katha lagti hai jise dudhya narsingh nachte hai hath me timru ki lathi aur chimta lekar aadesh aadesh karte huye ab avahan to Shree Hari ke narsingh avtar ka Hua to joshimath ka dudhya narsingh jogi kyu aaye?
Eagerly waiting for this.....🙏🏻🕉️🚩
Thank you🙏
बहुत अच्छी जानकारी जी। धन्यवाद
Aap sahi bol rahe hain , aaj bhi jab NARSINGH DEVTA pashwa main avtarit hote hain toh vo khud ko FAKIR bolte hain
जय हो जय बद्री केदार नाथ जी जय नरसिंह अवतार भगवान विष्णु महेश जी ❤
Bahut sundar
Humare isht dev bhi nursing devta hai 🙏🏼🙏🏼
बहुत बाडिया जानकारी🎉🎉🎉🎉🎉
उत्तराखंड में जो नरसिंग देवता है वो नाथ परंपरा के है न की विष्णु अवतार उत्तराखंड में लोक जागर इसका जीवन्त उदाहरण है ये गुरु गोरखनाथ के शिष्य थे
Ji nahi bilkul galat dudhadhari narsingh ko khud vishnu avtari ya fir krishn avtari bola gaya we bhale unhe nathpanthi jogi hai parantu humare yaha inke jagar me bhakt prahlad ki katha sunai jati hai jisse dudhadhari narsingh ate hai
Sir gardwali jagar book ha ky apka ps
Ye Himachal me bhi he
Bhai mujhpe narsing devta ki .00000000000000001% avtar ata h pr bhai kya hi bolun main vishwas bhi nhi krta pr kai longon ka bhala h mere dwara log kahte h😊 pr hamare yahan 2 kahani parchalit h ek ashanti wali doosri vishunu awatari narsing ❤❤ kisi ka bhala ho rha to sabki asta ka samaan krte h baaki mujhe to samjh nhi aata kese hota jai ho naring devta ashirwaad bana rhe ❤❤❤😊😊😊
Humare udhar bhi aasanti baasanti aur vishnu avtaari wali jagar lagate hai...!
Dhaula udhari sidh baba ki katha bataiyega
Zarur sir... Jald hi
Thanks a lot
JAI ho narsingh devta ji ki
narsing nath ji ke charo shishyo ke vishya mein bhi btaiye next video mein
नाम है उनके
मेहमंदा पीर
अजय पाल
भैरवनाथ
हनुमंतनाथ
Meri maa pe bhi ate hai narsingh devta ji wo hamaesha hamari raksha krte jai narsing bhagwan
उत्तम जानकारी
पूरी नौं की उत्पति बतायें सर।
Jai Dondiya narsingh devta 🙏🏻🚩🌎
Jai ho narsingh devta 🙏🌹🌷🙏❤️
भैरव बाबा के बारे में भी बताएं
Mera par bhi🚩🙏 dhodha dhari narsing devta or🚩🙏 Nagraja bhi or 🚩🙏Ghandiyal devta bhi ।🚩🙏 Jai uttrakhand jai ho narsing devta jai ho Nagraja devta jai ho Ghandiyal devta।।।
जय देवभूमि
Jai Shri Narsingh Devta Ki🙏
❤❤❤
Pahaadiyo ki haal itne bhure hain ki . Ghar me timuro ka sota rakhte honge but they dont why it is for ? So sad but reality .
जय श्री नरसिंह देव❤
Same even in Himachal especially in Bilaspur and Mandi regions.
हिमाचल में एक बाबा बालक नाथ भी हैं
अति उत्तम
Jay ho narsing dewta ki ❤😊
Mujhe pe khairanaye narsingh aur nagaraja aata hai hamare ghar ke kuldevta khuch month se sab achanak hua mere sath ye sab jab ghar me meri ladki ki tabiyat kharab hui tab uske baad
Hello aapke upar kabse ate hain ?
बढिया बताया।पर पत्रों की उत्पति नहीं बतायी।
Sir please tell about sidh narsingh baba of Champawat
Jab Narsingh Aate hai Toh Unke Muh Se Adesh ki Vani Nikalti Hai .. Or Wo Bolte hai Mere Guru Ko Adesh .. Ise Sabit hota hai Wo Ek Nath panti Jogi hai ..
Nathpanthi jogi ke saath saath narsingh devta krishn avtari bhi hai
Adesh bhai baba bolte hai n ki narsigh bhagwan
@@rahulkumar-ow1tv Bhai Jo Uttrakhand ka Narisngh Verr hai wo Jogi roop m hai Baba wo adhesh he bolte hai
@@rahulkumar-ow1tv Narisngh Bhagwan Or Narsingh Verr Dono Alg Alg Hai Ek Vishnu Avtari Hai Toh Dusre 9 Narsingh jo Ki Jogi Hai Or Guru Goraknath k chele hai
@@ritiksharma5379bhaiji konsi duniya me ji rahe ho narsingh vir Jo hai wo 52 viro me se ek hai narsingh vir ki utpatti bhagwan Vishnu ke narsingh avtar ke krodh se huye thei anginat vir Narsingh Shree Hari Narsingh avtar ke krodh se aaye aur aage jake mahakali aur bhairav ke sevak ban gaye
खरण्या नरसिंह के बारे में बतायें कृपया।
,नौ नाथ नृसिंह उत्तराखंड के लोक देवता है। जबकि भगवान विष्णु के अवतार पौराणिक देवता है । दोनो मे अन्तर है। लेकिन जानकारी के अभाव और नाम एकसमान होने के कारण लोग इन्हे एक ही समझते है।
Bhaiji dono ek hi hai koi antar vantar nahi hai jagar ke start me khud dudhi narsingh ko krishn avtari bola gaya aur dudhi narsingh ko humare yaha ke jagaro me bulane ke liye bhakt prahlad ki kahani sunai jati hai
Mere smjh me nhi ata devta bali kyu maangte hai .jbki bali kahi b nhi likha hai .
devta nhi mangte ye hum choti buddhi k logo ki smjh h bs maine bhi bali prtha bnd krdi apne yha
देवता कभी बलि नहीं मांगते लोगो ने अपने स्वाद के लिए देवताओं को ये आहार देना शुरू किया और जब ये ऐसी ही चलता रहा तो परंपरा बन गई ।देवता को जिस भोग में चलाओगे उसी भोग में चलेगा ।इसलिए सोच समझ कर शुरुआत करनी चाहिए दूसरा बलि मेनली इन देवताओं के साथ के चेले चांठे जो होते हैं वो मांगते हैं और खाते हैं।
Bhai Bhairav nath narsing ke sishya nhi the, bhairav nath guru gorakhnath ke sabse pehle chele the or narsing devta ka janam toh bhot baad mein hua tha
Narsingh dev mere papa par awtarit the unke bad mere bhai par awtarit hen jai shree narsingh dev
Mujei aaj pta chal aap ke through ..
उम्मीद है कि आपको हमारी ये प्रस्तुति पसंद आई हो और आगे भी यूँ ही प्रस्तुतियाँ पसंद आती रहेंगी
Ek video nagraja पर भी plz
Bhut bdiya bhai ji
धन्यवाद पाठक जी
Nice 👍 well done
Jai narsing dev hamare uper swayam kherani narsing ate h unki kripa hum pr bni h
कृपया मुझे खेरानी नृसिंह के बारे में और बताइए।
Jay RUDRAJ brhamin❤❤❤
Mera pita ji pr bhi aate hai narsing aur chamankhan golu aate h
Narsingh Vishnu avtari jogi hai
बहुत सुन्दर
Beautifully explained!!👍
coclusion bata do bhai
Thank you Sangeeta Ji.
सर... इसका निष्कर्ष कैसे निकल सकता है क्योंकि ये मान्यताएँ हैं। और इस रिपोर्ट से ये साफ़ हो जाता है कि नाथपंथी वाले नरसिंह को भी लोग मानते हैं और विष्णु भगवान वाले नरसिंह को भी। बस क्षेत्रवार इनके नाम और इनकी मान्यताएँ बदलती जाती हैं।
dakshin kali, bhagwati, rajRajeshwari pe bhi banana kabhi to bhrata ji 🖤🙏🤙
जरूर sir
apne kul devta ki story jane ko mil re . hum bacche ye sab jane interest nahi lete aaj kal but mujhe kuch pata hai i can related this dudha narshingh haamre kul devta hai . jin ko dham dev ka mama bhi mana jataa hai . peoud to be phadi ❤❤❤
तो खरण्या नृसिंह के बारे में जानकारी हो तो बतायें।
hamare ghar me vishnu ke avtar dudhadhri narsingh puje jate hai
achchi bat batai hai bhai.par har jagah thora alag hai. jo hamne suna hai ki 9 narsimah hai.unmein se jo sabse shanat hain unhen hamare kumaun mein mana jata hai.par suna hai ki narhimah devta kabhi khud prakat nahin hua .unki jagah ratua ber parkat hua,esiliye inko 52 beeron mein jagah mili.agar narsimah khud prakat ho gaye to wo jispe prakat honge wah jal kar rakh ho jayega kyonki we agni se paida huwe the, par jo bhi hai theek hee hai hamen to unka aashirbad chahiye we kisi roop mein dein.
Gorakhnath ka chelaa
Naath panthi
Not puranic god Vishnu
This type of devta are just modified tantric spirits
😂 aise me humare yaha ke narsingh dev ke jagar me bhagwan Vishnu ke narsingh avtar ki katha lagayi jati hai jise yahi dudhi narsingh hath me chimta lekar aadesh aadesh karke nachte hai ab avahan to Shree Hari ke narsingh avtar ka Hua to ye kyu aaye?
Iske alawa narsingh devta ke jagar me ye pankti hai
ओ दुधाधारी जटाधारी कृष्ण अवतारी नेत्रधारी छत्रधारी कोला ब्रह्मचारी बीर नरसिंह जाग रे बाबा
Puranic avtar Sanskrit samjhate hn aur higher energy hn jinko bulane k leye tapsya karnee padtee hn na ke thali peeto
Ye sab Gorkha bath kae chele hn
Sasta wala tantra jismei Marne kae baad in ke spirit form ko bulaya jata h
Jispe bhe ye aayega usne apne soul surrender kar de hogee ...Marne k baad wo bhe isi trap m fansa rahega
@@Ankitrawat-q6t just to link it with Vishnu g ....these all dancing jagriyas are gorakh chela ....
@@makku1956 pr ha ye nath jogi to thei pr ha aise me sadhuo ya fir jogiyo ka ek hi aim hota hai wo hai moksh aur moksh ka arth hi hai Bhagwan ke sath reh jana vaikunth Dham pe to isi prakar se dekhe to Narsingh jogi bhi jb inki mrityu Hui tb inhe moksh mila fir bad me ye vishnu avtari ban gye isiliye to ye jagaro me prahlad ki katha se aate hai nhi to joshimath ka jogi Kyo ayega vishnu ji ki pukar sunke? Haina to bs
@@Ankitrawat-q6t nop sanatan demi god only respond to Sanskrit hymns these r advance ai wt u see. Them as devta modified form of spirits for specific purpose
जय नरसिंह देवता