काश हमें हमारे महान गुरुजनों के जीवन दर्शन विद्यार्थी जीवन में पढ़ाया गया होता तो हमारा जीवन बहुत बेहतर होता जिसका लाभ सामाजिक बौद्धिक विकास को मिलता। आज की नयी पीढ़ी भ्रमित न होती। इंसान और राक्षसी प्रवृत्ति में भेद करने में सक्षम होते।
गुरुजी की पर्सनालिटी का इतनी सूक्ष्मता से विश्लेषण, व्यक्तित्व के अदृष्टिगत पहलुओ से सजीव साक्षात्कार करवाना, अजातशत्रु वास्तव में कैसे लोग होते है कि जिनकी महानता उनके धुरविरोधी भी कहे बिना नही रह पाते थे। इस बौद्धिक को सुनने के पश्चात वास्तव में महान लोगो का व्यक्तित्व क्या होता है और कैसे बनता है यह समझ मे आता है।
One story told by my father about THEGDIJI .In early days when Thengdiji Was asked by Guruji to live in tough with Communist parties. He was living in Mahal office. And always went for taking experience of TRADE UNIONS. But when he was comming back to Karyaly people oppose him. A time came he was asked to leave. Then he went to GURUji & said RAHNE NA HI DE RAHE HE. GURUJI reapplied Go & live in my house. At time all keep quiet. Actually nobody expect GURUJI news about the mission. DWARKAPRASAD JOSHI NAGPUR
THIS TEMPLE matter was rised by GURUJI when at first BAN 48 from jail GURUJI were taken to talk with HOME MINISTER VALLABH BHAI PATE. Their PATEL asked GURUJI EAK EAK KAR LELO . That 4 temple project is yet to complete KASHI & MATHURA is Still unbuilt. DWARKAPRASAD JOSHI Nagpur
P.P. GURUJI'S main work was of political change in India. Which never came in light. First political move was at Jabalpur It was VICTORY of SUBHASH BOSE in 1939.TRIPURI CONGRESS. Which changed the histery of India. Although the party FORWARD BLOCK was flap. DWARKAPRASAD JOSHI NAGPUR
we have 17 vastis and 10 karyakarta WE ARE YET TO REACH IN 2 YEARS...but guruji travelled 2 times each year all over the country ..For 33 years.ie. 66 times all over the country. SHANKER PAI MAKE A WILL FOUNDATION
परम पूजनीय श्री गुरुजी ने समय-समय पर जो विचार व्यक्त किए हैं वह दोनों प्रकार के हैं उनमें सनातन धर्म के अधिष्ठान पर प्रतिपादित शाश्वत विचार भी है और समय काल परिस्थिति के अनुरूप सामयिक विचार भी है परम पूजनीय श्री गुरुजी के शाश्वत विचार हिंदू समाज की दीर्घकालिक संपत्ति है सभी देशभक्तों के लिए यह विचार हजारों वर्षों के लिए मार्गदर्शक है
@@hinduway गुरु गोलवलकर एक ऐसे संगठन का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जो अपने आप को सनातन हिंदू धर्म रक्षक और राष्ट्रभक्त होने का दावा करता है. १. अगर आप के पास उनके स्वत्रंता आदोलन में भाग लेने या मातृभूमि के लिए ब्रिटिश सरकार से सघर्ष की,, २. या. 1925 से 1947 तक ब्रिटिश सरकार से गोहत्या पर विरोध की.. और ३. या जम्मू कश्मीर में हिन्दूओ पर हो रहे अत्याचार का कोई भी action plan की जानकारी हो तो साझा करने का कष्ट करे.. अभी तो संघ के साथ / पास एक करोड़ वीर सवसेवक है.. शस्त्रों की पुजा करते ९६ वर्ष हो गये... अब तो हम इफ्तार की ओर चल पडे हैं.. कही थोथा चना बाजै घना तो नहीं ?
@@hinduway सर..शायद आपके पास मेरे एक भी प्रश्न के उत्तर नहीं है..2. जो खेदजनक है. 3. मैं स्वयं संघ से १९५९ से १९७३ तक संघ से जुड़ा हुआ था..4. यह हिन्दू धर्म का दुर्भाग्य है, कि हमारे पास एक ईमानदार संगठन नहीं है.. 5. फिर भी मै आपसे अनुरोध करूँगा जब भी समय हो शाखा में विचार विमर्श कर राष्ट्रभक्त संघ के स्वत्रंता संगाम में भूमिका की कोई भी जानकारी हो, तो कृपया उत्तर देने का प्रयास करें.. एक व्यक्तिगत अनुरोध - संघ समथिंत सरकार में भारत गोमांस उतपादन और निर्यात में किस स्थिति में है कृपया सरकारी वेवसाईट पर देखे... शुभ कामनाएं..
ओउम् 🎉🎉🎉🎉🎉 श्री गुरुजी कोटि कोटि प्रणाम्🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
काश हमें हमारे महान गुरुजनों के जीवन दर्शन विद्यार्थी जीवन में पढ़ाया गया होता तो हमारा जीवन बहुत बेहतर होता जिसका लाभ सामाजिक बौद्धिक विकास को मिलता। आज की नयी पीढ़ी भ्रमित न होती। इंसान और राक्षसी प्रवृत्ति में भेद करने में सक्षम होते।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
गुरुजी की पर्सनालिटी का इतनी सूक्ष्मता से विश्लेषण, व्यक्तित्व के अदृष्टिगत पहलुओ से सजीव साक्षात्कार करवाना, अजातशत्रु वास्तव में कैसे लोग होते है कि जिनकी महानता उनके धुरविरोधी भी कहे बिना नही रह पाते थे। इस बौद्धिक को सुनने के पश्चात वास्तव में महान लोगो का व्यक्तित्व क्या होता है और कैसे बनता है यह समझ मे आता है।
सुभमस्तु
પ.પૂ.ગુરુજીને સાષ્ટાંગ પ્રણામ
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Sat sat Naman kamalesh Kumar Dave jodhpur
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
invaluable speech
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
अजातशत्रु प.पू.श्री गुरु जी के मार्गदर्शन-बिंदुओं को श्रद्धेय ठेंगड़ी जी की मनभावन शैली में सुन कर, बहुत ही अच्छा लगा।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
आप योगेश्वर नये थे , छल भरे कुरुक्षेत्र रण मे,
शत नमन श्रीमाधव चरण मे 🌹🙏
🙏🙏🌹🌺😌😌🏵️🌼🙏🙏
श्री-गुरु जी विलक्षण योग्यता के धनी व्यक्ति थे। आप हर स्वयं सेवक के मार्गदर्शन हो श्री.दत्तोपंथ ठेगणी जी।
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
राष्ट्र ऋषि जी को सादर नमन
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
डाॕ स्मार्ता पवार
हमारे परम भाग्य जो ऐसे ऋषीतुल्य गुरुजनोंसे समृद्ध मातृभूमीका हम अंग बने.
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
राष्ट्र ऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को सादर नमन
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
ಭಾರತ್ ಮಾತ. ಕೀ ಜೈ
ऐसे महान ऋषियों के चरण कमलों में अपना वंदन करता हूं।
आदणीय श्री रतिराम शमा जी,, कृपया श्री मोहन भागवत जी को सुनीए. गुरु गोलवलकर आउट हो रहें हैं..
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
श्री गुरुजी को शत् शत् नमन 🙏💐
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
One story told by my father about
THEGDIJI .In early days when Thengdiji
Was asked by Guruji to live in tough with
Communist parties. He was living in
Mahal office. And always went for taking experience of TRADE UNIONS.
But when he was comming back to
Karyaly people oppose him. A time came
he was asked to leave.
Then he went to GURUji & said
RAHNE NA HI DE RAHE HE. GURUJI reapplied Go & live in my house. At time all keep quiet. Actually nobody expect
GURUJI news about the mission.
DWARKAPRASAD JOSHI NAGPUR
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
Bharat Mata ki Jai
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
उत्तम बौद्धिक
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
THIS TEMPLE matter was rised by GURUJI when at first BAN 48 from jail
GURUJI were taken to talk with HOME MINISTER VALLABH BHAI PATE. Their PATEL asked GURUJI
EAK EAK KAR LELO .
That 4 temple project is yet to complete KASHI & MATHURA is
Still unbuilt.
DWARKAPRASAD JOSHI Nagpur
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
# Tremendous #
दत्तोपंत जी ने संकेत किया है कि प्रतिमा निर्माण वाले लोग नकली हैं सच्चे चरित्र के लोगों की तलाश की जानी चाहिए
th-cam.com/video/lR_JklZhZ3s/w-d-xo.html
इस बौद्धिक को अवश्य सुने एवम आपकी राय अभिव्यक्त करें।
बहुत सुंदर संगठन के लिए आवश्यक सामूहिक नेतृत्व ही अपनी ताकत है
P.P. GURUJI'S main work was of political
change in India. Which never came in light. First political move was at Jabalpur
It was VICTORY of SUBHASH BOSE in
1939.TRIPURI CONGRESS. Which changed the histery of India.
Although the party FORWARD BLOCK was flap.
DWARKAPRASAD JOSHI NAGPUR
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
we have 17 vastis and 10 karyakarta WE ARE YET TO REACH IN 2 YEARS...but guruji travelled 2 times each year all over the country ..For 33 years.ie. 66 times all over the country. SHANKER PAI
MAKE A WILL FOUNDATION
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
Maafi chahata hu itana samay hi nahi hai sunane ke liye. Dhanyavad
जी भाई साहब
समय किसी के पास नही है क्यों की वह कहीं ठहरता ही नही है।
@@singh2dhananjay बहुत-बहुत धन्यवाद आभार !
श्री मोहन भागवत के नये संघ के लिए विचार : गुरु जी के विचार शाश्वत नहीं है.. संघ में बदलाव ?..
परम पूजनीय श्री गुरुजी ने समय-समय पर जो विचार व्यक्त किए हैं वह दोनों प्रकार के हैं उनमें सनातन धर्म के अधिष्ठान पर प्रतिपादित शाश्वत विचार भी है और समय काल परिस्थिति के अनुरूप सामयिक विचार भी है परम पूजनीय श्री गुरुजी के शाश्वत विचार हिंदू समाज की दीर्घकालिक संपत्ति है सभी देशभक्तों के लिए यह विचार हजारों वर्षों के लिए मार्गदर्शक है
@@hinduway गुरु गोलवलकर एक ऐसे संगठन का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जो अपने आप को सनातन हिंदू धर्म रक्षक और राष्ट्रभक्त होने का दावा करता है. १. अगर आप के पास उनके स्वत्रंता आदोलन में भाग लेने या मातृभूमि के लिए ब्रिटिश सरकार से सघर्ष की,, २. या. 1925 से 1947 तक ब्रिटिश सरकार से गोहत्या पर विरोध की.. और ३. या जम्मू कश्मीर में हिन्दूओ पर हो रहे अत्याचार का कोई भी action plan की जानकारी हो तो साझा करने का कष्ट करे.. अभी तो संघ के साथ / पास एक करोड़ वीर सवसेवक है.. शस्त्रों की पुजा करते ९६ वर्ष हो गये... अब तो हम इफ्तार की ओर चल पडे हैं.. कही थोथा चना बाजै घना तो नहीं ?
@@sureshshinde2013 आप निश्चित रहें संघ अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है और वह लक्ष्य है भारत का परम वैभव इसलिए आप अधिक चिंता नहीं करें
@@sureshshinde2013 परम पूजनीय श्री गुरुजी को समझने के लिए बौद्धिक क्षमता चाहिए मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह आपको उपलब्ध हो
@@hinduway सर..शायद आपके पास मेरे एक भी प्रश्न के उत्तर नहीं है..2. जो खेदजनक है. 3. मैं स्वयं संघ से १९५९ से १९७३ तक संघ से जुड़ा हुआ था..4. यह हिन्दू धर्म का दुर्भाग्य है, कि हमारे पास एक ईमानदार संगठन नहीं है.. 5. फिर भी मै आपसे अनुरोध करूँगा जब भी समय हो शाखा में विचार विमर्श कर राष्ट्रभक्त संघ के स्वत्रंता संगाम में भूमिका की कोई भी जानकारी हो, तो कृपया उत्तर देने का प्रयास करें.. एक व्यक्तिगत अनुरोध - संघ समथिंत सरकार में भारत गोमांस उतपादन और निर्यात में किस स्थिति में है कृपया सरकारी वेवसाईट पर देखे... शुभ कामनाएं..
ಭಾರತ್ ಮಾತ. ಕೀ ಜೈ
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।