" नशा ' कहानी की तात्विक समीक्षा/Premchand ' Nasha ' Kahani

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  • เผยแพร่เมื่อ 17 ก.ย. 2024
  • मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी नशा का प्रकाशन सन् 1934 में चांद मासिक पत्रिका में हुआ। यह कहानी मनोरंजक तो है ही, इसमें समाज एवं मानव व्यवहार की वास्तविकताओं का भी भरपूर चित्रण है। जिसके पास धन, सत्ता, संसाधन, सुविधा है, वह उनका उपभोग अवश्य करता है। जिसके पास यह नही है, वह इस उपभोग की निन्दा करता है, उसको अनैतिक बताता है। और अधिकतर वह निन्दा इसीलिए करता है क्योंकि उसको वह सुविधा उपलब्ध नहीं है, यदि किसी कारण वह सुविधा उपलब्ध हो जाती है, तो बीर की तरह निन्दक भी उसके उपभोग में पीछे नहीं रहता।
    #hindi#sahitya

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