ईश्वर क्या है ईश्वर को कैसे जाने || By आचार्य योगेश भारद्वाज जी ||
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- เผยแพร่เมื่อ 11 ก.ย. 2024
- आचार्य योगेश भारद्वाज जी
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Koti koti naman
महर्षि देव दयानन्द सरस्वती जी, निसंदेह बुद्धिमान थे एक महर्षि थे वेद मंत्रों के दृष्टा थे और सत्य सत्य वेद भाष्य किया है योगेश जी ने आत्म तत्व का सत्य सत्य विवरण दिया है आत्म तत्व एक operating system जैसा है परन्तु केवल वही नहीं है उसका कार्य उससे भी अधिक है जैसे एक कीट एक पत्ते से दुसरे पत्ते पर उछाल कर जाता है आत्म तत्व को एक शरीर से दुसरे शरीर में प्रवेश करने में उतना ही समय लगता है
केवल एक मोक्ष का ही निर्धारित समय अवधी (33,20,000 x 2 x 30 x 12 x 100 बर्षो = एक परान्तकाल) है जिसमें वह आत्म तत्व शरीर रहित रहकर भी कार्य कर सकता है परन्तु मोक्ष काल अवधी समाप्त होने के पश्चात फिर से आत्म तत्व शरीर धारण कर लेता है यह ईश्वरीय व्यवस्था है नियम है उत्तम ओ३म् 🙏
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय सनातन
ईश्वर जीव प्रकृति। यह सृष्टि की सामग्री है। यहां निराकार को ईश्वर कहा है। लेकिन पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद निराकार साकार नहीं है। यजुर्वेद कामंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
Jai shree Ram Jashipur Mayurbhanja Odisha Acharya Ji
ओउम नाम परमात्मा का नहीं है ओउम तीन गुणों से बना है अकार उकार मकार सतोगुण रजोगुण तमोगुण ब्रह्मा विष्णु महेश।
लेकिन पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड तिरगुणा तीत है वेद कहते हैं उसे ही जानो।❤❤
🕉️🙏🇮🇳🇮🇳🙏🕉️
Jaigurudev
नमस्ते आचार्य जी
🙏🙏🙏🕉️🚩
those know guna chikitsa they can understand what is going on Hindus mind
❤❤
🙏 नमस्ते जी। आपको कोटी कोटी प्रणाम आचार्य जी।
🙏आचार्य जी जीवात्मा मृत्यु के पश्चात शरीर से निकल कर कहां जाती है?दोबारा किसी शरीर में आती है या नहीं?आती है तो कब आती है? नहीं आती तो कहां रहती है?जीवित शरीर में तो इसके होने का एहसास होता है।लेकिन मृत्यु के पश्चात उसके होने का एहसास किस को होता है?क्या कोई प्रमाण है?और आत्मा को शरीर में भेजना निकालना ये कोन करता है है?और बहुत से सवाल है।
जय आर्यावर्त
जय जय सियाराम
Bhaut ache se betate ho
those who can't understand guna
chikitsa skill they cant understand ved and the science of it
What is guna chikitsa ?
@@gaurav8267 there IS a reference in easy ayurveda in search guna chikita in easy ayurveda
केवल अक्षरों से की गई पढ़ाई की बातें कर रहे ही। अभी बहुत समय लगेगा। प्रयत्न करते रहो।
तो आप बता दीजिए अगर आप सही बताओगे तो आपकी मान लेंगे
तो विद्वान महोदय आप ही बताइए आपका सत्संग क्या है