पितामह भीष्म और कर्ण का अंतिम संवाद | Rashmirathi | षष्ठ सर्ग | रामधारी सिंह दिनकर | महिम तिवारी |

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  • เผยแพร่เมื่อ 2 มี.ค. 2021
  • रश्मिरथी के सर्ग में शरशय्या पर पड़े हुए पितामह भीष्म और कर्ण के बीच का अंतिम संवाद है। इस सर्ग में भीष्म पितामह कर्ण को उसके जन्म का सत्य बताते हैं और कहते हैं कि तुम चाहो तो अभी भी यह युद्ध रुक सकता है। इस घटना को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर बहुत ही मार्मिक ढंग से शब्दों में व्यक्त करते हैं।
    राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित यह खंडकाव्य कर्ण के जीवन पर आधारित है। इसके समस्त सर्गों में राष्ट्रकवि, कर्ण की जीवन की विभिन्न घटनाओं को सम्मिलित करते हैं। राष्ट्रकवि ने बहुत ही मार्मिक ढंग से सभी दृश्यों को शब्दों के माध्यम से हमारे समक्ष उकेर दिया है।
    रश्मिरथी - राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर
    स्वर - महिम तिवारी
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