🙏 प्रणाम, धन्यावाद, आप अच्छे जानकार एवं जिज्ञासु हैं , अपनी इसी जिज्ञासा के साथ विषय ज्ञान में आगे बढ़ते रहें, आपकी किसी भी शंका के समाधान हेतु मैं सदैव तत्पर रहूँगा । 🙏 बहुत - बहुत धन्यावाद 🙏
Mahoday , Mujhe Anusvaar me kuch sawal puchne hai jaise ki anusvar य र ल व श ष स ह ke liye kaunsi dhvani ya varn istemaal ki jaaegi ye varn kisi bhi varg ke nahi hai aur sam upsarg evam anusvaar ka pata kaisa lagaye kaise pehchane .
महोदय/महोदया🙏 आपका प्रश्न तो उच्च स्तरीय है किंतु यह चर्चा का विषय है msg का नहीं और प्रश्न स्पष्ट नहीं है, जहाँ तक हम समझ पा रहे हैं आपका प्रश्न है कि यदि वर्गीय वर्ण के पूर्व अनुस्वार हो तो अनुस्वार के लिए उसी वर्ग के पंचम वर्ण की ध्वनि उच्चरित होती है तो य, र, ल, व, श, ष, स, ह वर्ण तो किसी के नहीं हैं, इनसे पूर्व यदि अनुस्वार हो तो उसके लिए किस ध्वनि का प्रयोग होगा ? (यदि आपका प्रश्न यही है तो हम इसका उत्तर दें अन्यथा आप कृपया अपना प्रश्न स्पष्ट रूप में भेजें )
श्, ष्, स् ह्, य् आदि वर्णो में किसी वर्ण से पहले यदि अनुस्वार होता है तो उसी वर्ण के उच्चारण स्थान से उच्चरित पञ्चम वर्ण की ध्वनि स्वतः ही निकलती है जैसे - 'संसद' शब्द में 'स' वर्ण से पहले अनुस्वार है तो इस अनुस्वार का उच्चारण 'स' के उच्चारण स्थान से उच्चरित पञ्चम वर्ण अर्थात् 'न्' की ध्वनि स्वतः ही निकलती है, इसके स्थान पर आप चाहकर भी किसी अन्य पञ्चम वर्ण की ध्वनि उच्चारित नहीं कर सकते। दूसरा उदाहरण - 'संशय' शब्द के उच्चारण में 'श' वर्ण से पहले होने के कारण अनुस्वार 'ञ्' वर्ण की ध्वनि स्वतः ही देता है क्योंकि 'श' के उच्चारण स्थान तालु से उच्चरित पञ्चम वर्ण 'ञ्' ही है। इसी प्रकार अन्य वर्णों के विषय में समझें।
@@HINDIGYANPATH Dhanywaad mahoday magar mera ek prashn air hai ek shabd hai संन्यासी jisme सम upsarg hai isme to panchma akshar ke niyam ka ullanghan hua hai panchmaakshar ka niyam jab pancham varn dvitv rup me aye to anusvar nahi lagega aur agar kisi anya varg ka pancham varn hai ek pancham varn ke bad to anusvar nahi lagega magar संन्यासी me म , न hai jo panchmaakshar hai
Mahoday, Kya aap mere ek prash ka jawab denge yeh bahut mahatvpurn hai ) AGAR AAPKO MERE SAWAL SE PARESHANI HO TO MAI MAAFI MAANGTA HU ) mai jab newspaper padhta hu to ek desh ka nam hai myanmar jisko news me hindi me ( म्यांमार ) likha hota hai yani ki म् se phele anusvar magar maine vyakaran ki pustaji ne padha hai ki ( yadi kisii varg ke panchma akshar ( ङ ,ञ , ण, न, म ) se pehele anusvar ka prayog nahi kr skte ) jaise तन्मय , अन्न etc. Magar म्यांमार shabd me to is niyam ka prayog nahi hua 🙏🙏🙏
🙏 आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, वस्तुतः यह शब्द म्याँमार है किंतु लेखन सरलता के कारण इसमें अनुस्वार का प्रचलन हो गया है। जैसे - गेँद के स्थान पर गेंद शब्द प्रचलन में आ गया है।
Sir was my teacher from class 8-10 in Hindi ,now in class 12 that too in another city...good to listen sir's voice again hope so i will be able to meet my teachers there. With regards Nikita
नमस्कार सर बड़ी सुंदर जानकारी दी गयी आपके द्वारा बहुत धन्यवाद आपका! ऐसे ही ज्ञानवर्धक विडिओ बनाते रहिये। (हिंदी व्याकरण की सटीक जानकारी हेतु कोई उत्तम पुस्तक सुझायें महान कृपा होगी)
🙏 जब श्+र=श्र में श् और र का उच्चारण होता है, त्+र=त्र में त् र का उच्चारण होता है, प्+य=प्य (प्यार) में प् और य का उच्चारण होता है, तो ज्+ञ=ज्ञ में ज् और ञ का उच्चारण क्यों नहीं होना चाहिए ? ( कृपया मुझे भी अवगत कराएँ, यदि आपका तर्क सटीक हुआ तो मैं स्वयं में करूँगा ) साभार
मेरा आपसे निवेदन है कि कृपया सबसे पहले आप दोनों वर्णों (ज और ञ) का अलग-अलग उच्चारण करें। ञ के उच्चारण को ध्यानपूर्वक तार्किकता के साथ समझें। आप हमपर या किसी अन्य पर विश्वास न करें , जिन शब्दों में 'ञ्' का प्रयोग हो उनका स्वयं उच्चारण करके समझें कि क्या ध्वनि निकल रही है। हमारा उद्देश्य तर्क के साथ तथ्यों को सिद्ध करना और शुद्ध उच्चारण सिखाना है।
पाणिनि व्याकरण पढ़लें तो आपका ज्यान सही हो जाएगा । भ्रांति अपनी सही करलें । क्+ष= क्ष होता है तो कक्षा को क क् षा क्यों नहीं बोलते । पक्ष को प क् ष क्यों नहीं बोलते । अपनी ज्ञ वाली दलील यहां क्यों नहीं लगाते ?
महोदय ! आपके द्वारा प्रयोग किए गए 'बकवास' शब्द का जवाब - आप अपने एक ही वाक्य में की गई इन त्रुटियों को सुधार लें - 1. 'पाणिनि व्याकरण' के स्थान पर 'पाणिनि - व्याकरण' अथवा 'पाणिनीय व्याकरण' लिखें। 2. 'ज्यान' के स्थान पर ज्ञान (ज्+ञ) लिखें। 3. 'यहां' के स्थान पर 'यहाँ' का प्रयोग करें। आप हमें पाणिनीय व्याकरण सिखा रहे हैं और स्वयं एक वाक्य🖕 में इतनी त्रुटियाँ कर रहे हैं। * आपने ऐसा कैसे समझ लिया कि पाणिनीय व्याकरण केवल आपने ही पढ़ा है और हम बिना अध्ययन के बोल रहे हैं ? * आप बताएँ कि पाणिनीय अष्टाध्यायी के किस अध्याय के, किस पाद के, किस सूत्र में कहा गया है कि किसी वर्ण के स्थान पर किसी अन्य ध्वनि का ( ' ज्+ ञ ' के स्थान पर ' ग्+य ' का ) उच्चारण करना चाहिए ? * ' क्ष ' में ' क्+ष ' होता है इसीलिए हमें वही उच्चारण करना चाहिए। * जिस संयुक्त वर्ण में जिन- जिन ध्वनियों का संयोजन है हमें वे ही उच्चारित करनी चाहिए, यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो यह हमारी गलती है व्याकरण की नहीं। * हर एक वर्ण के लिए एक निश्चित ध्वनि है , जो लिखा हो वह ध्वनि उच्चरित करनी चाहिए, 'ज्+ञ' को 'ग्+य' उच्चरित नहीं करना चाहिए।
🙏 Pranam Sir Aapka Shoshana Yuvraj Sharma . Aap ka bahut-bahut dhanyvad.😍😍
स्वागतम् बेटा🙏
Thank You sir !
🙏🏼🙏🏼
Bahut sundar sir.....
Thanks beta🙏
Sir apke samjahane ka tarika bahut hi aacha hai
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
गुरुजी, आप कितना अच्छा समझाते हैं। मैं निःशब्द हूं। आपको कोटि-कोटि प्रणाम।
🙏 प्रणाम, धन्यावाद,
आप अच्छे जानकार एवं जिज्ञासु हैं , अपनी इसी जिज्ञासा के साथ विषय ज्ञान में आगे बढ़ते रहें, आपकी किसी भी शंका के समाधान हेतु मैं सदैव तत्पर रहूँगा ।
🙏 बहुत - बहुत धन्यावाद 🙏
Nice Sir..
जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
Mahoday , Mujhe Anusvaar me kuch sawal puchne hai jaise ki anusvar य र ल व श ष स ह ke liye kaunsi dhvani ya varn istemaal ki jaaegi ye varn kisi bhi varg ke nahi hai aur sam upsarg evam anusvaar ka pata kaisa lagaye kaise pehchane .
महोदय/महोदया🙏
आपका प्रश्न तो उच्च स्तरीय है किंतु यह चर्चा का विषय है msg का नहीं और प्रश्न स्पष्ट नहीं है, जहाँ तक हम समझ पा रहे हैं आपका प्रश्न है कि यदि वर्गीय वर्ण के पूर्व अनुस्वार हो तो अनुस्वार के लिए उसी वर्ग के पंचम वर्ण की ध्वनि उच्चरित होती है तो य, र, ल, व, श, ष, स, ह वर्ण तो किसी के नहीं हैं, इनसे पूर्व यदि अनुस्वार हो तो उसके लिए किस ध्वनि का प्रयोग होगा ?
(यदि आपका प्रश्न यही है तो हम इसका उत्तर दें अन्यथा आप कृपया अपना प्रश्न स्पष्ट रूप में भेजें )
@@HINDIGYANPATH Ha mahoday yehi mera prashn hai ap iske upar jald se jald banaiyega Dhanyawad🙂
Aur mai yeh bhi janna chahta hun ki सम upsarg aur anusvaar ka pata kaise kare
श्, ष्, स् ह्, य् आदि वर्णो में किसी वर्ण से पहले यदि अनुस्वार होता है तो उसी वर्ण के उच्चारण स्थान से उच्चरित पञ्चम वर्ण की ध्वनि स्वतः ही निकलती है जैसे - 'संसद' शब्द में 'स' वर्ण से पहले अनुस्वार है तो इस अनुस्वार का उच्चारण 'स' के उच्चारण स्थान से उच्चरित पञ्चम वर्ण अर्थात् 'न्' की ध्वनि स्वतः ही निकलती है, इसके स्थान पर आप चाहकर भी किसी अन्य पञ्चम वर्ण की ध्वनि उच्चारित नहीं कर सकते। दूसरा उदाहरण - 'संशय' शब्द के उच्चारण में 'श' वर्ण से पहले होने के कारण अनुस्वार 'ञ्' वर्ण की ध्वनि स्वतः ही देता है क्योंकि 'श' के उच्चारण स्थान तालु से उच्चरित पञ्चम वर्ण 'ञ्' ही है। इसी प्रकार अन्य वर्णों के विषय में समझें।
@@HINDIGYANPATH Dhanywaad mahoday magar mera ek prashn air hai ek shabd hai संन्यासी jisme सम upsarg hai isme to panchma akshar ke niyam ka ullanghan hua hai panchmaakshar ka niyam jab pancham varn dvitv rup me aye to anusvar nahi lagega aur agar kisi anya varg ka pancham varn hai ek pancham varn ke bad to anusvar nahi lagega magar संन्यासी me म , न hai jo panchmaakshar hai
👌👌👌👌👏👏👏
बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
Thank you guru ji
🙏🏼🙏🏼
Mahoday,
Kya aap mere ek prash ka jawab denge yeh bahut mahatvpurn hai ) AGAR AAPKO MERE SAWAL SE PARESHANI HO TO MAI MAAFI MAANGTA HU )
mai jab newspaper padhta hu to ek desh ka nam hai myanmar jisko news me hindi me ( म्यांमार ) likha hota hai yani ki म् se phele anusvar magar maine vyakaran ki pustaji ne padha hai ki
( yadi kisii varg ke panchma akshar ( ङ ,ञ , ण, न, म ) se pehele anusvar ka prayog nahi kr skte ) jaise तन्मय , अन्न etc.
Magar म्यांमार shabd me to is niyam ka prayog nahi hua
🙏🙏🙏
🙏
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, वस्तुतः यह शब्द म्याँमार है किंतु लेखन सरलता के कारण इसमें अनुस्वार का प्रचलन हो गया है। जैसे - गेँद के स्थान पर गेंद शब्द प्रचलन में आ गया है।
@@HINDIGYANPATH Dhanyawad 🙏
Amazing sir
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Sir was my teacher from class 8-10 in Hindi ,now in class 12 that too in another city...good to listen sir's voice again hope so i will be able to meet my teachers there.
With regards
Nikita
God bless you Beta
सादर प्रणाम गुरूजी
और धन्यवाद सही वर्ण उच्चारण करवाने के लिए।🙏🙏
सादर प्रणाम 🙏
स्वागत,
साभार 🙏
समीचीनम् 👌
🙏
नमस्कार सर
बड़ी सुंदर जानकारी दी गयी आपके द्वारा बहुत धन्यवाद आपका!
ऐसे ही ज्ञानवर्धक विडिओ बनाते रहिये।
(हिंदी व्याकरण की सटीक जानकारी हेतु कोई उत्तम पुस्तक सुझायें महान कृपा होगी)
जी बिलकुल
Sir thank you
🙏
Sir aap online class abhi kar rahen kya.
अभी नहीं कर रहे हैं
ज्ञ 1:10
Very nice
Thanks a lot
जब आप ञ को न बोलते हैं तो फिर न को क्या बोलेंगे?
कृपया वीडियो में किए गए उच्चारण को ध्यानपूर्वक सुनें, सभी शंकाओं का समाधान हो जाएगा।
o k
Thankyou very much
Sir, ज्ञ = gya kyo hota h jab ki ज्ञ ka jna hona chahiye
जी, आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं,यह अशुद्ध प्रचलन में है, यही बताने के लिए तो यह वीडियो बनाया गया है
नहीं ऐसा नहीं है 🙏
🙏
जब
श्+र=श्र में श् और र का उच्चारण होता है,
त्+र=त्र में त् र का उच्चारण होता है,
प्+य=प्य (प्यार) में प् और य का उच्चारण होता है,
तो
ज्+ञ=ज्ञ में ज् और ञ का उच्चारण क्यों नहीं होना चाहिए ?
( कृपया मुझे भी अवगत कराएँ, यदि आपका तर्क सटीक हुआ तो मैं स्वयं में करूँगा )
साभार
@@HINDIGYANPATH
th-cam.com/video/K7j_QWIzBb8/w-d-xo.html
सुन लेना आप एक बार 😊🙏
Sara pashcim bharat , dakshin bharat bhi sir ji jaise bole waise bolthe hein, sirf hindi waley urdu ki wajeh se alag brasht uccharan bolte hein
Sorry sir but aap fir se isper vichar kijiye
Aap bhi isko gLt bol rahe h
Sara pashcim bharat , dakshin bharat bhi sir ji jaise bole waise bolthe hein, sirf hindi waley urdu ki wajeh se alag brasht uccharan bolte hein
aapse thodi bhool hui hai. Kripaya ise dekhein
th-cam.com/video/s2hReqbgsL0/w-d-xo.html
मेरा आपसे निवेदन है कि कृपया सबसे पहले आप दोनों वर्णों (ज और ञ) का अलग-अलग उच्चारण करें। ञ के उच्चारण को ध्यानपूर्वक तार्किकता के साथ समझें। आप हमपर या किसी अन्य पर विश्वास न करें , जिन शब्दों में 'ञ्' का प्रयोग हो उनका स्वयं उच्चारण करके समझें कि क्या ध्वनि निकल रही है। हमारा उद्देश्य तर्क के साथ तथ्यों को सिद्ध करना और शुद्ध उच्चारण सिखाना है।
Sara pashcim bharat , dakshin bharat bhi sir ji jaise bole waise bolthe hein, sirf hindi waley urdu ki wajeh se alag brasht uccharan bolte hein
पाणिनि व्याकरण पढ़लें तो आपका ज्यान सही हो जाएगा । भ्रांति अपनी सही करलें । क्+ष= क्ष होता है तो कक्षा को क क् षा क्यों नहीं बोलते । पक्ष को प क् ष क्यों नहीं बोलते । अपनी ज्ञ वाली दलील यहां क्यों नहीं लगाते ?
महोदय !
आपके द्वारा प्रयोग किए गए 'बकवास' शब्द का जवाब - आप अपने एक ही वाक्य में की गई इन त्रुटियों को सुधार लें -
1. 'पाणिनि व्याकरण' के स्थान पर 'पाणिनि - व्याकरण' अथवा 'पाणिनीय व्याकरण' लिखें।
2. 'ज्यान' के स्थान पर ज्ञान (ज्+ञ) लिखें।
3. 'यहां' के स्थान पर 'यहाँ' का प्रयोग करें।
आप हमें पाणिनीय व्याकरण सिखा रहे हैं और स्वयं एक वाक्य🖕 में इतनी त्रुटियाँ कर रहे हैं।
* आपने ऐसा कैसे समझ लिया कि पाणिनीय व्याकरण केवल आपने ही पढ़ा है और हम बिना अध्ययन के बोल रहे हैं ?
* आप बताएँ कि पाणिनीय अष्टाध्यायी के किस अध्याय के, किस पाद के, किस सूत्र में कहा गया है कि किसी वर्ण के स्थान पर किसी अन्य ध्वनि का ( ' ज्+ ञ ' के स्थान पर ' ग्+य ' का ) उच्चारण करना चाहिए ?
* ' क्ष ' में ' क्+ष ' होता है इसीलिए हमें वही उच्चारण करना चाहिए।
* जिस संयुक्त वर्ण में जिन- जिन ध्वनियों का संयोजन है हमें वे ही उच्चारित करनी चाहिए, यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो यह हमारी गलती है व्याकरण की नहीं।
* हर एक वर्ण के लिए एक निश्चित ध्वनि है , जो लिखा हो वह ध्वनि उच्चरित करनी चाहिए, 'ज्+ञ' को 'ग्+य' उच्चरित नहीं करना चाहिए।
बकवास !