@@HINDIGYANPATH क्या आप एक ल और क के जैसे दिखने वाला वर्ण जिसका उच्चारण सम्भवतः ड़ की भान्ति किया जाता है, के विषय में एक विडिओ बना सकते हैं? यह वर्ण लेटे हुए 8 की तरह भी दिखता है। साथ ही क्या आप "घुँ" जो की स्वस्ति मन्त्र मे भी उच्चरित होता है, के विषय में भी विडिओ बना सकते हैं?
आपका विडिओ सबसे सटीक लगा। दो प्रश्न हैं : 1. अगर 'ऋ' स्वर है क्योंकि इसे लंबा बोल जा सकता है - निर्विरोध - तो ऐसे तर्क से 'ह' भी स्वर होना चाहिए? 2. ऋ को अगर English में transliterate करना हो तो ri लिखेंगे या ru या r ?
बहुत बहुत स्वागत 🙏 आपसे अनुरोध है कि अपनी सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक भाषा हिंदी के वर्णों की उच्चारण संबंधी भ्रांतियों को दूर करने में 'हिंदी ज्ञान पथ' के उच्चारण संबंधी सभी links को अधिक से अधिक share करके अपनी मातृभाषा की सेवा में मेरा सहयोग करें। 🙏 आपका आभारी हिंदी ज्ञान पथ
🙏 श्रीमानजी आपका बहुत- बहुत धन्यावाद , आपने मुझे कुछ ज़्यादा ही बड़ी उपाधि दे दी, मैं इस काबिल नहीं, यह तो अपनी भाषा के लिए किया जाने वाला मेरे हिस्से का कार्य एवं दायित्व है कि तथ्यों (वास्तविकताओं ) से अधिक से अधिक लोगों को परिचित कराऊँ। आपका पुनः हृदय से आभार 🙏
@@HINDIGYANPATH 🙏🙏🙏 आप के जैसे जिज्ञासु ज्ञानी दुर्लभ हैं । आप का विचार सही है - वर्ण माला का हर एक अक्षर मंत्र से कम नहीं है । और गलत उच्चारण से मंत्र की सफलता नही हो सकती - ऐसे में आप ऋषि ही हो जो वाक शुद्धि करवा रहे हैं । वरना "ऋषि कपूर" के ऋ को अंग्रेजी दुनिया RI-shi Kapoor ही बुलाती है😀 चरण स्पर्श 🙏
आदरणीय गुरुजी,,,,संयुक्त व्यंजन में भी एक ही ध्वनि कैसे होगी ,,,,,जैसे क्ष,,, त्र ,,, ज्ञ,,,,, मार्गदर्शन करें,,,🙏,,, हमारी इस भ्रांति को भी दूर करे,,,🙏
Thanks for comment, इसके उच्चारण का सरलतम और एकमात्र तरीका यही है कि पहले इन दोनों वर्णों को अलग - अलग शुद्ध बोलने का अभ्यास करें जब अलग-अलग उच्चारण शुद्ध हो जाए तब दोनों को मिलाकर बोलने का अभ्यास करें ,निरंतर अभ्यास के द्वारा उच्चारण शुद्ध हो जाएगा।
वंदेमातरम् 🙏🙏🙏🙏🙏 कोई भी स्वर, दीर्घ उच्चारित करने के लिए उसका उच्चारण - काल ह्रस्व से दोगुना हो जाता है, क्योंकि ह्रस्व एकमात्रिक और दीर्घ स्वर द्विमात्रिक होते हैं, परंतु ध्यान रहे कि दीर्घ उच्चारित करते समय ऋ की ध्वनि परिवर्तित न हो जाए।
आपके प्रश्न का स्वागत है,🙏 देखिए, उच्चारण निरंतर अभ्यास का तत्व है, बचपन में जब हमने और आपने बोलना सीखा था तब हमें ध्वनियों का शुद्ध उच्चारण सीखने में कई वर्ष लग गए थे, अब हमलोग बड़े है तो उतना नहीं किन्तु समय तो लगेगा। कृपया वीडियो में बताए गए उच्चारण को ध्यानपूर्वक और धैर्यपूर्वक सुनें और उच्चारण का अभ्यास करें, निश्चित ही स्पष्ट हो जाएगा। 🙏
नमस्ते आचार्य जी, एक जिज्ञासा यह भी है की सौः का उच्चार कैसे होगा। Sauh अथवा सौहु। आपका संपर्क किस प्रकार हो सकता है यह भी बताने की कृपा करे। पुनः प्रणाम।
अन्य स्वरों की भाँति 'लृ' भी स्वयं में एक स्वतंत्र स्वर है और 'ल' एक व्यंजन है। इसकी बनावट 'ल' की तरह अवश्य है किंतु 'लृ' से इसका कोई संबंध नहीं है। 'लृ' का उच्चारण ल्+ऋ करना बिलकुल सही तो नहीं, किंतु कुछ हद तक सही है ऐसा कहा जा सकता है। ( उच्चारण ध्वनि का विषय है इसे लिखकर सटीक नहीं बताया जा सकता )
🙏 आपके प्रश्न का स्वागत है, आपका प्रश्न उच्चकोटि का और तर्कसंगत है। 👌 यद्यपि हिंदी भाषा की निष्पत्ति संस्कृत से हुई है तथापि हिंदी एक पृथक भाषा है। इन दोनों भाषाओं में कुछ समानताएँ और कुछ असमानताएँ है। अतः अध्ययन के समय समानताओं के साथ-साथ असमानताओं को भी ध्यान में रखना चाहिए । यह वर्ण हिंदी वर्णमाला में स्वरों के अंतर्गत नहीं है, यदि हिंदी के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो यह 'ल्+ऋ' ही है किंतु स्वर नहीं है। संस्कृत में स्वर है तो 'ल' (व्यंजन) से इसका कोई संबंध नहीं है। ( संस्कृत में स्वर है किंतु दुर्लभ ही है इसीलिए इसका लेखन में भी सही/एक रूप देखने को नहीं मिलता है )
@@HINDIGYANPATH धन्यवाद 🙏 हालांकि लृ पर आवश्यक प्रश्न तो नहीं, लेकीन मै चाहता हु कि सन्देह ना रहें मन में, मुझे अभी भी ये समझ में नहीं आया की लृ क्या संस्कृत वर्णमाला के ककहरा मे दोबारा नहीं आता??
यही बात मैं कितने दिनों से कह रहा हूँ ! आप बिलकुल अल्पसंख्या में हैं जिनको यह बात पता है और समझ आती है । मैं अपेक्षा कर्ता हूँ कि यह बात फैले और लोग उनके अज्ञात से बाहर आएँ । इसी तरह 'ज्ञ' भी एक ध्वनि है जिसका बहुत ही कम लोगों को सही उच्चारण पता है । बहुत सारे लोग इसे 'ग्या' बोलते हैं, जिससे पता चलता है कि उन्हें पता नहीं हैं कि 'ज्ञ' बनता है 'ज्' + 'ञ' को मिला कर । आपकी प्रणाली का नाम भी इसी त्रुटि का शिकार वन गया लगता है, क्यों कि उस का लिप्यंतरण 'Hindi Gyan Path' लिखा है जब वह 'Hindi Jnan Path' होना चाहिए । आशा कर्ता हूँ कि आप इसे बदलेंगे ।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏 1. कृपया 'ज्ञ' वर्ण के उच्चारण से संबंधित हमारी वीडियो को अवश्य देखें। 2. 'GYAN' शब्द का प्रयोग हमने अंतर्राष्ट्रीय लिप्यंतरण मानकीकरण के कारण किया है।
@@HINDIGYANPATH अवश्य देखूँगा । जहाँ तक लिप्यंतरण मानकीकरण का प्रश्न हैं, दरअसल दो मानक हैं - Hunterian transliteration जो भारत का आधिकारिक राष्ट्रीय मानक है और ISO 15919 जो अंतर्राष्ट्रीय मानक है । पहले में उच्चारण-चिह्न के उपयोग नहीं होता है (यानी कि वह केवल अंग्रेज़ी लिपि का प्रयोग करता है) और दूसरा वाला थोड़ा व्यापक दृष्टि से पूरा लॅटिन लिपि का प्रयोग करता है, तो उसमें उच्चारण-चिह्न हैं ताकि कोई अनिश्चितता नहीं रहे । ISO 15919 में 'ज्ञान' को _jñān_ लिखते हैं और Hunterian में _jnan_ । लेकिन दुर्भाग्यवश हिन्दी का लिप्यंतरण करते समय Hunterian में 'ज्ञ' को "gya" लिखने कि प्रावधान भी दिया गया है जो अनुचित है । क्यों कि दुर्भाग्य से आजकल देवनागरी लिपि का बहुत ही कम लोग उपयोग करते हैं, लोगों पर अंग्रेज़ी या लॅटिन लिपि में लिखी हुई शब्द ज़्यादा असर पड़ते हैं । इसलिए सही लिप्यंतरण होना बहुत महत्वपूर्ण है क्यों कि उसमें एक त्रुटि भी ग़लत उच्चारण को प्रबल करता है । वस्तुतः ये सारे भ्रान्तियाँ इस लिए ही हैं - 'ऋ' को 'ri' लिखना और 'ज्ञ' को 'gya' लिखने से ये ग़लतफ़हमी प्रबल होते हैं । जब लिप्यंतरण ठीक करेंगे, तब उच्चारण भी अपने आप ठीक हो जाएगा ।
@@tstcikhthys सादर नमस्कार 🙏 विलंब के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ, आपके साथ विषय पर चर्चा करके मुझे प्रसन्नता होती है, आप जानकार भी हैं और जिज्ञासु भी हैं। जहाँ तक मानकीकरण की बात है - 1. मैं एक शिक्षकमात्र हूँ और मानकीकरण में परिवर्तन मेरे अधिकार में नहीं है। 2. मेरा अपना मत - 'ज्ञ' वर्ण की ध्वनि jnan की अपेक्षा ' jyan' अधिक निकट है उच्चारण में हमारे मुखावयवों से जो ध्वनि निकलती है उसके अनुसार। 3.अंग्रेजी में 'ङ','ञ',और 'ण' वर्णों के लिए कोई भी विशिष्ट वर्ण नहीं है इन सबका n(न) से ही काम चलाते हैं । 4. वास्तविकता तो यह है कि किसी भाषा की ध्वनि का रूपांतरण किसी अन्य भाषा में नहीं हो सकता क्योंकि प्रत्येक भाषा अलग भौगोलिक परिस्थिति में, अलग परिवेश में और स्वतंत्र रूप से विकसित व परिवर्धित हुई है। ध्वन्यंतरण में तो मात्र सन्निकटता निर्धारित की जा सकती है,समानता तो हो ही नहीं सकती, यदि किसी ध्वनि में मिल जाए तो यह संयोग मात्र होगा। धन्यवाद
@@HINDIGYANPATH मुझे भी आपसे वात करके प्रसन्नता होती है क्यों कि आप किसी भी विषय को जड़ से समझना चाहते है और कोशिश भी करते हैं । मुद्दा १ और २ से मैं सहमत हूँ, लेकिन इस लिए मैंने सलाह दी कि आप अपनी प्रणाली का नाम 'Jnan' में बदल दीजिए क्यों कि Hunterian मानक में 'ज्ञ' का लिप्यंतरण 'jna' लिखने का भी प्रावधान है । मुद्दा ३ - बिलकुल । इस लिए ISO 15919 मानक का उपयोग करना चाहिए क्यों कि उस में उन सब को अलग रूप में लिखते हैं - 'ङ' - _ṅ_ 'ञ' - _ñ_ 'ण' - _ṇ_ जहाँ तक मुद्दा ४ कि बात है, मैं उससे पूरी तरह सहमत नहीं हूँ । हाँ यह सच है कि हर भाषा अलग परिवेश और परिस्थिति में परिवर्धित हुई है, पर ऐतिहासिक और वैश्विक कारणों से एक भाषा दूसरी भाषा पर प्रभावित होना वास्तव है । और इन भ्रान्ति प्रचलन में औसे ही आये हैं । उदाहरण के लिए आप 'संस्कृत' शब्द को ले लीजिए (जिस में 'ऋ' अक्षर है जो इस दृश्य का विषय है) । इसका सही उच्चारण बहुत कम लोगों को पता है क्यों कि अंग्रेज़ी में इसका लिप्यंतरण 'Sanskrit' लिखते है जबकि वह 'Samskrt' होना चाहिए । तो एक पहलू से अंग्रेज़ी (और उसकी लिपि) हिन्दी पर प्रभावित हो रहा है ।
अति उत्तम उदाहरण दिये हैं महोदय आपने।
महोदय, आपका बहुत- बहुत धन्यावाद 🙏
@@HINDIGYANPATH क्या आप एक ल और क के जैसे दिखने वाला वर्ण जिसका उच्चारण सम्भवतः ड़ की भान्ति किया जाता है, के विषय में एक विडिओ बना सकते हैं? यह वर्ण लेटे हुए 8 की तरह भी दिखता है। साथ ही क्या आप "घुँ" जो की स्वस्ति मन्त्र मे भी उच्चरित होता है, के विषय में भी विडिओ बना सकते हैं?
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Yo sir
सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻
Great explanation sir🙏
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एकदम सटीक जानकरी.
🙏आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
भाई 🙏,
आपने ऋ अक्षर का सही उच्चारण करना बताया है, वह बहुत ही सही है।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏
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Nice video sir
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आपका विडिओ सबसे सटीक लगा। दो प्रश्न हैं :
1. अगर 'ऋ' स्वर है क्योंकि इसे लंबा बोल जा सकता है - निर्विरोध - तो ऐसे तर्क से 'ह' भी स्वर होना चाहिए?
2. ऋ को अगर English में transliterate करना हो तो ri लिखेंगे या ru या r ?
Very inspirational video to the view of pronunciation !
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धन्यवाद सर इस जानकारी के लिए। आजतक मैं भ्रम में था।
बहुत बहुत स्वागत 🙏
आपसे अनुरोध है कि अपनी सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक भाषा हिंदी के वर्णों की उच्चारण संबंधी भ्रांतियों को दूर करने में 'हिंदी ज्ञान पथ' के उच्चारण संबंधी सभी links को अधिक से अधिक share करके अपनी मातृभाषा की सेवा में मेरा सहयोग करें। 🙏
आपका आभारी
हिंदी ज्ञान पथ
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Please make a video with varnamala pronunciation which will be very helpful to teach kids and their teachers. 😊
जी बिलकुल ,
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
बहुत सुंदर स्पष्टीकरण आचार्य जी। ❤
🙏🙏
कृपया अधिक से अधिक शेयर करें
Thank you for clarifying in detail with logic and examples.
Hay
अध्यापक जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
स्वागतम्🙏
best vyakhyan Sir
lots of love
Thanks a lot 🙏🏼🙏🏼
उचित मार्गदर्शन हेतु
कोटि कोटि धन्यवाद .....
💐 प्रणाम आचार्य जी 🙏
सादर नमन🙏🙏
बनाते रहिए ऐसे ही वीडियो। अत्यन्त आवश्यक हैं, हिंदी के लिए
जी बिलकुल 🙏
Love you sir . . . Aapka research, kisi ऋषि se kam nahi. Bilkul achuk jnaan.
🙏 श्रीमानजी आपका बहुत- बहुत धन्यावाद , आपने मुझे कुछ ज़्यादा ही बड़ी उपाधि दे दी, मैं इस काबिल नहीं, यह तो अपनी भाषा के लिए किया जाने वाला मेरे हिस्से का कार्य एवं दायित्व है कि तथ्यों (वास्तविकताओं ) से अधिक से अधिक लोगों को परिचित कराऊँ।
आपका पुनः हृदय से आभार 🙏
@@HINDIGYANPATH 🙏🙏🙏 आप के जैसे जिज्ञासु ज्ञानी दुर्लभ हैं । आप का विचार सही है - वर्ण माला का हर एक अक्षर मंत्र से कम नहीं है । और गलत उच्चारण से मंत्र की सफलता नही हो सकती - ऐसे में आप ऋषि ही हो जो वाक शुद्धि करवा रहे हैं ।
वरना "ऋषि कपूर" के ऋ को अंग्रेजी दुनिया RI-shi Kapoor ही बुलाती है😀
चरण स्पर्श 🙏
9:42
Very nice sir
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
अति सुंदर ।बहुत ही बढ़िया जानकारी ।
अति उत्तम प्रभु जी.
धन्यवाद जी🙏
Thank you so much for clarifying the sound. Awesome video
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
You are teaching good and right thank sir for is video
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
Thankyou sir bahut lamba confusion clear ho gaya aaj 🙌
🙏🙏
बहुत जरूरी और अतिसुंदर।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
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Thanku Sir गलतियों को सुधारने के लिए 🙏
🙏🏼🙏🏼
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बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
स्वागत है !
🙏
❤❤❤ बहुत अच्छी जानकारी सर
धन्यवाद सर 🙏🏼
कृपया अधिक से अधिक शेयर करें
महोदय आपका विश्लेषण बहुत अच्छा लगा। धन्यवाद 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏
Vaah bahut sundar vyakhya
बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
Superb ji
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
तालू के मध्य भाग अर्थात कोमल तालू एवं कठोर तालू
के बीच के स्थान को मूर्धा अथवा मूर्द्धा (cerebrum)कहते है।
आदरणीय गुरुजी,,,,संयुक्त व्यंजन में भी एक ही ध्वनि कैसे होगी ,,,,,जैसे क्ष,,, त्र ,,, ज्ञ,,,,,
मार्गदर्शन करें,,,🙏,,, हमारी इस भ्रांति को भी दूर करे,,,🙏
जी बिलकुल 🙏
इंतजार रहेगा आपकी इस प्रकरण पर वीडियो का,,,🙏🙏🙏
Sir I already pronounced ऋ right,
But what about ऋषि
Isko kese bole
Thanks for comment,
इसके उच्चारण का सरलतम और एकमात्र तरीका यही है कि पहले इन दोनों वर्णों को अलग - अलग शुद्ध बोलने का अभ्यास करें जब अलग-अलग उच्चारण शुद्ध हो जाए तब दोनों को मिलाकर बोलने का अभ्यास करें ,निरंतर अभ्यास के द्वारा उच्चारण शुद्ध हो जाएगा।
Nice sir
🙏 बहुत- बहुत धन्यावाद 🙏
Sir kahan se aap ko ye grantho mein mila... Agar mujhe apne teachers ko ye batana hoga to source aavashyak hai
ज्ञान वर्धक
🙏
अत्युत्तम
🙏
Great 👍
🙏🙏
Thanks Sir
I can't thank you in words
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
अति उत्तम
बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
Please subscribe, like and share the video.
🙏🙏नमस्कार गुरु जी,
आंचल - आँचल , अँग - अंग जैसे अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों का भिन्न भिन्न उच्चारण कैसे करें।कृपया मार्गदर्शन करें।
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
What is the correct transliteration for कृष्ण? Krushna or Krishna?
None of these. Watch the video carefully.
🌹
🌺
बहुत खूब!
बहुत बहुत धन्यावाद जी
धन्यवाद
🙏
वंदेमातरम्
महाशय जी
दीर्घ ऋ का उच्चारण बताकर कृतार्थ करें।
🙏🙏🙏🙏🙏
वंदेमातरम् 🙏🙏🙏🙏🙏
कोई भी स्वर, दीर्घ उच्चारित करने के लिए उसका उच्चारण - काल ह्रस्व से दोगुना हो जाता है, क्योंकि ह्रस्व एकमात्रिक और दीर्घ स्वर द्विमात्रिक होते हैं, परंतु ध्यान रहे कि दीर्घ उच्चारित करते समय ऋ की ध्वनि परिवर्तित न हो जाए।
@@HINDIGYANPATH साधुवाद जी
🙏🙏🙏🙏🙏
लृ का उच्चारण बताकर कृतार्थ करें।
ऌ का उच्चारण कृपया!?
Could you please add some literature for the proof that what are you saying is right.
ऋटुरषाणां मूर्धा - महर्षि पाणिनी
🙏, please make a vedio for all the cluster words of hindi and its sound.🙏🙏🙏
जी बिलकुल 🙏🙏🙏🙏🙏
Thank you 🙏
फ और फ़ par bhi ek video banaein kyonki bahut se log inme bhed naheen kar paate
फ= ph
फ़= f
Sir chhoti ee ki matra or badi ee ki matra kahan pe lagega kaise jane.
Sir aap online class karenge kya mujhe ek acchi hindi teacher chahiye agar app online class kenge to main karungi.
मेरी पुत्री का नाम ऋषिका है। कृपया मुझे इसका सही उच्चारण बता दीजिये। ऑडियो या वीडियो होगा तो मेरे लिए बहुत ही सरल हो जाएगा। धन्यवाद सर🙏🙏
आपके प्रश्न का स्वागत है,🙏
देखिए, उच्चारण निरंतर अभ्यास का तत्व है, बचपन में जब हमने और आपने बोलना सीखा था तब हमें ध्वनियों का शुद्ध उच्चारण सीखने में कई वर्ष लग गए थे, अब हमलोग बड़े है तो उतना नहीं किन्तु समय तो लगेगा। कृपया वीडियो में बताए गए उच्चारण को ध्यानपूर्वक और धैर्यपूर्वक सुनें और उच्चारण का अभ्यास करें, निश्चित ही स्पष्ट हो जाएगा। 🙏
नमस्ते आचार्य जी, एक जिज्ञासा यह भी है की सौः का उच्चार कैसे होगा। Sauh अथवा सौहु। आपका संपर्क किस प्रकार हो सकता है यह भी बताने की कृपा करे। पुनः प्रणाम।
विसर्ग के उच्चारण के लिए कृपया हमारी वीडियो देखें👇
th-cam.com/video/EM6c-wdSpac/w-d-xo.html
संपर्क करने हेतु, हमारे Instagram account पर DM करें।
👇
@hindigyanpath_yt
ऋ 0:23 9:43 11:47 12:45
वृक्ष 14:00
कृष्ण 14:24
चंद्र, चंद्र-बिंदु और बिंदु का उच्चारण भी बताये।
बिंदु कब न बनता है और कब म बनता है, यह भी बताने का कष्ट करे।
जी बिलकुल 🙏
Nice
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
Namaskar sr 👨🏫
🙏🙏
Sir please ye bataiye ki ह्रदय में कौन-सा 'र' आता है?
ह्रदय सही है या हृदय?
हृदय ( ह् + ऋ =हृ ) ह पर ऋ की मात्रा
@@HINDIGYANPATH thanks
कृपया करके ऺश्रऺ का उच्चारण स्थान बताइए।
श्र = श् + र :: तालु (श्) + मूर्धा (र)
Sir ...eske uchran ko लिखे
महोदय
कृपया ऋ ओर ॠ मे अंतर स्पष्ट करे।
' ऋ ' ह्रस्व है और ' ॠ ' दीर्घ है।
ऋतु का उच्चारण कैसे करेगे
महोदय निम्न अक्षरों का भी सही उच्चारण बताने की कृपा करे
ङ
ञ
श और ष
जी बिलकुल
Great explanation sir, thank you.
🙏🙏
लृ स्वर का भी बताए
जी बिलकुल 🙏
दरअसल ऌ हिंदी का वर्ण नहीं है
मिलजाय तो अच्छा रहेगा सर,, संस्कृत का है तो आप बताए
Sir रितेश लिखे की ऋतेश कृपया बताए बहुत परेशान हु
ऋतेश शब्द का अर्थ - भगवान शिव
@@HINDIGYANPATH sar hindi me ऋतेश लिखा जाता है कि रितेश कृप्या बताये
लृ स्वर मे क्यु आता है,
इसका उच्चारण क्या ल ऋ lagake करना hoga?
अन्य स्वरों की भाँति 'लृ' भी स्वयं में एक स्वतंत्र स्वर है और 'ल' एक व्यंजन है। इसकी बनावट 'ल' की तरह अवश्य है किंतु 'लृ' से इसका कोई संबंध नहीं है।
'लृ' का उच्चारण ल्+ऋ करना बिलकुल सही तो नहीं, किंतु कुछ हद तक सही है ऐसा कहा जा सकता है। ( उच्चारण ध्वनि का विषय है इसे लिखकर सटीक नहीं बताया जा सकता )
@@HINDIGYANPATH धन्यवाद 🙏
@@HINDIGYANPATH ल, ला ली... लृ ककहरा मे भी आता है , तो क्या इसका उच्चारण स्वर के लृ की तरह ही होता है,
अगर ये ककहरा मे है, तो स्वर मे कैसे आ सकता है?
🙏 आपके प्रश्न का स्वागत है, आपका प्रश्न उच्चकोटि का और तर्कसंगत है। 👌
यद्यपि हिंदी भाषा की निष्पत्ति संस्कृत से हुई है तथापि हिंदी एक पृथक भाषा है। इन दोनों भाषाओं में कुछ समानताएँ और कुछ असमानताएँ है। अतः अध्ययन के समय समानताओं के साथ-साथ असमानताओं को भी ध्यान में रखना चाहिए ।
यह वर्ण हिंदी वर्णमाला में स्वरों के अंतर्गत नहीं है, यदि हिंदी के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो यह 'ल्+ऋ' ही है किंतु स्वर नहीं है। संस्कृत में स्वर है तो 'ल' (व्यंजन) से इसका कोई संबंध नहीं है।
( संस्कृत में स्वर है किंतु दुर्लभ ही है इसीलिए इसका लेखन में भी सही/एक रूप देखने को नहीं मिलता है )
@@HINDIGYANPATH धन्यवाद 🙏
हालांकि लृ पर आवश्यक प्रश्न तो नहीं, लेकीन मै चाहता हु कि सन्देह ना रहें मन में,
मुझे अभी भी ये समझ में नहीं आया की लृ क्या संस्कृत वर्णमाला के ककहरा मे दोबारा नहीं आता??
यही बात मैं कितने दिनों से कह रहा हूँ ! आप बिलकुल अल्पसंख्या में हैं जिनको यह बात पता है और समझ आती है । मैं अपेक्षा कर्ता हूँ कि यह बात फैले और लोग उनके अज्ञात से बाहर आएँ ।
इसी तरह 'ज्ञ' भी एक ध्वनि है जिसका बहुत ही कम लोगों को सही उच्चारण पता है । बहुत सारे लोग इसे 'ग्या' बोलते हैं, जिससे पता चलता है कि उन्हें पता नहीं हैं कि 'ज्ञ' बनता है 'ज्' + 'ञ' को मिला कर । आपकी प्रणाली का नाम भी इसी त्रुटि का शिकार वन गया लगता है, क्यों कि उस का लिप्यंतरण 'Hindi Gyan Path' लिखा है जब वह 'Hindi Jnan Path' होना चाहिए । आशा कर्ता हूँ कि आप इसे बदलेंगे ।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
1. कृपया 'ज्ञ' वर्ण के उच्चारण से संबंधित हमारी वीडियो को अवश्य देखें।
2. 'GYAN' शब्द का प्रयोग हमने अंतर्राष्ट्रीय लिप्यंतरण मानकीकरण के कारण किया है।
@@HINDIGYANPATH अवश्य देखूँगा ।
जहाँ तक लिप्यंतरण मानकीकरण का प्रश्न हैं, दरअसल दो मानक हैं - Hunterian transliteration जो भारत का आधिकारिक राष्ट्रीय मानक है और ISO 15919 जो अंतर्राष्ट्रीय मानक है । पहले में उच्चारण-चिह्न के उपयोग नहीं होता है (यानी कि वह केवल अंग्रेज़ी लिपि का प्रयोग करता है) और दूसरा वाला थोड़ा व्यापक दृष्टि से पूरा लॅटिन लिपि का प्रयोग करता है, तो उसमें उच्चारण-चिह्न हैं ताकि कोई अनिश्चितता नहीं रहे । ISO 15919 में 'ज्ञान' को _jñān_ लिखते हैं और Hunterian में _jnan_ । लेकिन दुर्भाग्यवश हिन्दी का लिप्यंतरण करते समय Hunterian में 'ज्ञ' को "gya" लिखने कि प्रावधान भी दिया गया है जो अनुचित है ।
क्यों कि दुर्भाग्य से आजकल देवनागरी लिपि का बहुत ही कम लोग उपयोग करते हैं, लोगों पर अंग्रेज़ी या लॅटिन लिपि में लिखी हुई शब्द ज़्यादा असर पड़ते हैं । इसलिए सही लिप्यंतरण होना बहुत महत्वपूर्ण है क्यों कि उसमें एक त्रुटि भी ग़लत उच्चारण को प्रबल करता है । वस्तुतः ये सारे भ्रान्तियाँ इस लिए ही हैं - 'ऋ' को 'ri' लिखना और 'ज्ञ' को 'gya' लिखने से ये ग़लतफ़हमी प्रबल होते हैं । जब लिप्यंतरण ठीक करेंगे, तब उच्चारण भी अपने आप ठीक हो जाएगा ।
@@tstcikhthys सादर नमस्कार 🙏
विलंब के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ,
आपके साथ विषय पर चर्चा करके मुझे प्रसन्नता होती है, आप जानकार भी हैं और जिज्ञासु भी हैं।
जहाँ तक मानकीकरण की बात है -
1. मैं एक शिक्षकमात्र हूँ और मानकीकरण में परिवर्तन मेरे अधिकार में नहीं है।
2. मेरा अपना मत - 'ज्ञ' वर्ण की ध्वनि jnan की अपेक्षा ' jyan' अधिक निकट है उच्चारण में हमारे मुखावयवों से जो ध्वनि निकलती है उसके अनुसार।
3.अंग्रेजी में 'ङ','ञ',और 'ण' वर्णों के लिए कोई भी विशिष्ट वर्ण नहीं है इन सबका n(न) से ही काम चलाते हैं ।
4. वास्तविकता तो यह है कि किसी भाषा की ध्वनि का रूपांतरण किसी अन्य भाषा में नहीं हो सकता क्योंकि प्रत्येक भाषा अलग भौगोलिक परिस्थिति में, अलग परिवेश में और स्वतंत्र रूप से विकसित व परिवर्धित हुई है। ध्वन्यंतरण में तो मात्र सन्निकटता निर्धारित की जा सकती है,समानता तो हो ही नहीं सकती, यदि किसी ध्वनि में मिल जाए तो यह संयोग मात्र होगा।
धन्यवाद
@@HINDIGYANPATH मुझे भी आपसे वात करके प्रसन्नता होती है क्यों कि आप किसी भी विषय को जड़ से समझना चाहते है और कोशिश भी करते हैं ।
मुद्दा १ और २ से मैं सहमत हूँ, लेकिन इस लिए मैंने सलाह दी कि आप अपनी प्रणाली का नाम 'Jnan' में बदल दीजिए क्यों कि Hunterian मानक में 'ज्ञ' का लिप्यंतरण 'jna' लिखने का भी प्रावधान है ।
मुद्दा ३ - बिलकुल । इस लिए ISO 15919 मानक का उपयोग करना चाहिए क्यों कि उस में उन सब को अलग रूप में लिखते हैं -
'ङ' - _ṅ_
'ञ' - _ñ_
'ण' - _ṇ_
जहाँ तक मुद्दा ४ कि बात है, मैं उससे पूरी तरह सहमत नहीं हूँ । हाँ यह सच है कि हर भाषा अलग परिवेश और परिस्थिति में परिवर्धित हुई है, पर ऐतिहासिक और वैश्विक कारणों से एक भाषा दूसरी भाषा पर प्रभावित होना वास्तव है । और इन भ्रान्ति प्रचलन में औसे ही आये हैं । उदाहरण के लिए आप 'संस्कृत' शब्द को ले लीजिए (जिस में 'ऋ' अक्षर है जो इस दृश्य का विषय है) । इसका सही उच्चारण बहुत कम लोगों को पता है क्यों कि अंग्रेज़ी में इसका लिप्यंतरण 'Sanskrit' लिखते है जबकि वह 'Samskrt' होना चाहिए । तो एक पहलू से अंग्रेज़ी (और उसकी लिपि) हिन्दी पर प्रभावित हो रहा है ।
Hai kya ree k ru
न री है न रू है , ऋ स्वर है, अतैव इसका उच्चारण भिन्न है, जोकि वीडियो में बताया गया है