श्रीमान मैं सनाढ्य ब्राह्मण हूं (उपाध्याय)। मेरे आसपास के अन्य ब्राह्मण कान्यकुब्ज सर्युपारी ब्राह्मण आदि.... सनाढ्य ब्राह्मण को निचला, तुछ कहते है। एक ब्राह्मण होने के पश्चात भी जातिगत अपमान महसूस होता है।
सनाढ्य का अर्थ प्रधान या मुख्य होता है और गोड का अर्थ गोंड होता है अतः सनाढ्य सबमें श्रेष्ठ होता है। अच्छी तरह से जानकारी दें या करें आपके पास गलत जानकारी है।
ब्राह्मण कोइव जाती नहि है। सनातन धर्म ितना महान है कि इसका ज्ञान अभीतक योरोप , अमरिका , आफ्रिका, विश्वमे फैलना चाहिैए था। यह भारतमेहि सिमित रहा । क्यो? शुक्लाजी सनातन धर्ममे ब्रह्मण कि परिभाषा एसि है। ब्रह्म याने परमात्मा याने इश्वर । ब्रह्म का छोटा हिस्सा याने ब्राह्मण जिसको आत्मा कहते है हर जीव मे होता है। ब्राह्मण हर जिव मे होता है।ब्राह्मण के कारण जिवन होता है। अहं ब्रह्मास्मि महावाक्य का शाब्दिक अर्थ है मैं ब्रह्म हूँ, यहाँ 'अस्मि' शब्द से ब्रह्म और जीव की एकता का बोध होता है। जब ब्राह्मण याने आत्मा शरिरको छोडता है म्रुत्यु हो जाती है। ब्राह्मण एक जिवको छोडने के बाद या तो ब्रह्मामे विलिनहो जाता है जिस अवस्थाको मोक्ष केहते है। कुछ ब्राह्मणोको मोक्ष नहि मिलता वो दुसरे जिवनमे जाते है , जिसको पुनःह जन्म केहते है। कोइ क्षुद्र नहि होता । सबमे ब्राह्मण होता है। हर हिंदु ब्रह्मामे विलिन मतलब मोक्ष पाना चाहता है। ब्राह्मण जाति का नाम नहि है। आज जाति व्यवस्था प्रासंगिक नहीं है और गलत हिंदू पौराणिक कथाएं भी पुरानी और अप्रासंगिक हैं। कटु अतीत को भुलाकर हिन्दू समाज में सुधार लाना अच्छा है। ब्राह्मण और क्षुद्र की जाति आवश्यक नहीं है। सनातन धर्मको पेहचानो। रामायणकार वाल्मिकि उतनेहि श्रेष्ठ थे वह ज्ञानि हिंदु थे। आज जाति व्यवस्था प्रासंगिक नहीं है और गलत हिंदू पौराणिक कथाएं भी पुरानी और अप्रासंगिक हैं। कटु अतीत को भुलाकर हिन्दू समाज में सुधार लाना अच्छा है। ब्राह्मण और क्षुद्र की जाति आवश्यक नहीं है। हम सब हि्दु है इतनाहि काफ़ि है। सनातन को फ़ैलाओ। ब्रह्मामे विलिन होनाहि हिंदु ओका उद्देश्य है। बाकि सब कुछ अर्थहिन है।
सन् का अर्थ होता है जो हमेशा से है। या आदि से तप करते हैं । सबसे श्रेष्ठ होता है। सही ज्ञान करो। डा रामनिवास शर्मा महासचिव अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा राजस्थान
जिस समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम को ब्रह्म हत्या लग जाती है मिथिला से कौन से ब्राह्मण बुलाए थे और क्यों इंकार कर दिया उन मिथिला के ब्राह्मणों ने छुपाते क्यों हो वीडियो में साफ साफ बताओ यह मैंने कह रहा हूं यह हमारी रामायण रामचरित करी है सुखसागर और भागवत बोल रही है सच बोलना सीख लो बड़े भैया
Main Dubauliya hoon
Jai Ho Sanadya Brahman Samaj Ki
सनाढ्य ब्राह्मण के नौपुत्रा गोत्र के ऋषि गौत्र की जानकारी साझा करने की कृपा करें.
शानदार
धन्यवाद
Right 👍
Bhargav bramin ki jankari bhi de.
श्रीमान मैं सनाढ्य ब्राह्मण हूं (उपाध्याय)। मेरे आसपास के अन्य ब्राह्मण कान्यकुब्ज सर्युपारी ब्राह्मण आदि.... सनाढ्य ब्राह्मण को निचला, तुछ कहते है। एक ब्राह्मण होने के पश्चात भी जातिगत अपमान महसूस होता है।
!😮
aap log puja krwate ho ya shradh
Garg koun se brahman hote h
इन मूर्खों से पूछना की कौन से शास्त्र ,ग्रथ , संहिता में लिखा है कि कौन से ब्राह्मण बड़ें या छोटे होते हैं ?
Sanadya Brahmin samaj jindabad jindabad jindabad
Metal birahambad ke bare me kuch batao kucha log enhe badhaee kahte h
जो लोग मैथिलों को बढ़ई कहते हैं उनको भी कई ब्राह्मण जातियां ही ब्राह्मण नहीं मानतीं।
Badai Sharma aur Brahman Sharma mai kya antar hai
👍👌
बैक राऊंड साउंड की जरूरत नहीं, डिस्टर्ब होता हैं
Kya shanadhya brhamin ladke ki shadi kanyakubj ladki se ho skti haai??
Nahi😊
@@shashankupadhayay4526 kyu ?
Katya Brahmando ke gotra बताये
Mai bhi ek sanadhya brahmin hun mera gotra chaman or 3½ ghar se belong karta hun ,sharma ji ka beta hun 😌
श्रीमान जी सनाढ्य और सारस्वत ब्राह्मण में शादी संबंध होते हैं क्या
Ji ho jate hain.
@@ReetKnowledgeTV sir dakshir mein upadhyay ko brhaman nahi jogi kaha jaata hai aisa kyon
Kya sanadaya aur shandilya same hota hai
Aur Goswami kaunse brahmin hote hai
@@lavleshvashishtha1488 बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
लवानिया उपनाम राजस्थान के लवान गांव पर आधारित है।
Aur bi btaye eske baare me
Lavania village
Jhunjhunu Rajasthan ke bharhaman
Basista rusi ka bibi ka naam arundati , arundati ek chandal Kanya thaee ,
Sandhya chaurasiya brahmin
Shandilya gotra
सनाढ्य का अर्थ प्रधान या मुख्य होता है
और गोड का अर्थ गोंड होता है
अतः सनाढ्य सबमें श्रेष्ठ होता है।
अच्छी तरह से जानकारी दें या करें
आपके पास गलत जानकारी है।
मुझे एक सनाढ्य ब्राह्मण मिला , उसने मुझसे कहा की वो लोग मैथिल ब्राह्मण से उच्च जाति के होते है,
क्या ऐसा है? कृपया बताये।
Knowledge ki Kami ke Karan hota bhai ye sabhi . In logo Brahmin mai bhi uch nich baana diya
ब्रिटिश हमे बट दिया है हम गोत्र से ही पहचाने जाते थे
जी सही कहा राणा जी
Savaalakhi
ब्राह्मण कोइव जाती नहि है। सनातन धर्म ितना महान है कि इसका ज्ञान अभीतक योरोप , अमरिका , आफ्रिका, विश्वमे फैलना चाहिैए था।
यह भारतमेहि सिमित रहा । क्यो?
शुक्लाजी सनातन धर्ममे ब्रह्मण कि परिभाषा एसि है। ब्रह्म याने परमात्मा याने इश्वर । ब्रह्म का छोटा हिस्सा याने
ब्राह्मण जिसको आत्मा कहते है हर जीव मे होता है। ब्राह्मण हर जिव मे होता है।ब्राह्मण के कारण जिवन होता है।
अहं ब्रह्मास्मि महावाक्य
का शाब्दिक अर्थ है मैं ब्रह्म हूँ, यहाँ 'अस्मि' शब्द से ब्रह्म और जीव की एकता का बोध होता है।
जब ब्राह्मण याने आत्मा शरिरको छोडता है म्रुत्यु हो
जाती है। ब्राह्मण एक जिवको
छोडने के बाद या तो ब्रह्मामे विलिनहो जाता है जिस अवस्थाको मोक्ष केहते है। कुछ ब्राह्मणोको मोक्ष नहि मिलता वो दुसरे जिवनमे
जाते है , जिसको पुनःह जन्म केहते है।
कोइ क्षुद्र नहि होता । सबमे ब्राह्मण होता है। हर हिंदु ब्रह्मामे विलिन मतलब मोक्ष पाना
चाहता है।
ब्राह्मण जाति का नाम नहि है।
आज जाति व्यवस्था प्रासंगिक नहीं है और गलत हिंदू पौराणिक कथाएं भी पुरानी और अप्रासंगिक हैं। कटु अतीत को भुलाकर हिन्दू समाज में सुधार लाना अच्छा है। ब्राह्मण और क्षुद्र की जाति आवश्यक नहीं है।
सनातन धर्मको पेहचानो।
रामायणकार वाल्मिकि उतनेहि श्रेष्ठ थे वह
ज्ञानि हिंदु थे।
आज जाति व्यवस्था प्रासंगिक नहीं है और गलत हिंदू पौराणिक कथाएं भी पुरानी और अप्रासंगिक हैं। कटु अतीत को भुलाकर हिन्दू समाज में सुधार लाना अच्छा है। ब्राह्मण और क्षुद्र की जाति आवश्यक नहीं है।
हम सब हि्दु है इतनाहि काफ़ि है। सनातन को फ़ैलाओ।
ब्रह्मामे विलिन होनाहि हिंदु ओका उद्देश्य
है। बाकि सब कुछ अर्थहिन है।
Mera Sanadhya me Lawaniya Gotra hai
सन् का अर्थ होता है जो हमेशा से है। या आदि से तप करते हैं ।
सबसे श्रेष्ठ होता है।
सही ज्ञान करो।
डा रामनिवास शर्मा
महासचिव
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा राजस्थान
जी श्री मान जी, आपके आदेश का अवश्य पालन किया जाएगा।
शर्मा तो बढ़ई भी लिखने लगे है
जो आपने लिखा है इसकी उत्पत्ति कहां से है अब वक्त बदलचुका है
जिस समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम को ब्रह्म हत्या लग जाती है मिथिला से कौन से ब्राह्मण बुलाए थे और क्यों इंकार कर दिया उन मिथिला के ब्राह्मणों ने छुपाते क्यों हो वीडियो में साफ साफ बताओ यह मैंने कह रहा हूं यह हमारी रामायण रामचरित करी है सुखसागर और भागवत बोल रही है सच बोलना सीख लो बड़े भैया
Saryupari me shadi nhi kar sakte sanadhya
Reply kariye please bataiye
Bahut to badhee apne ko Mathul Brahmin batate hain
यह बात तो लाखों हजारों वर्ष पुरानी है अभी रामलीला की स्थापना हुई थी तो मिथिला से कौन से ब्राह्मण आए थे नामखोलो
सुधार करें, चौरसिया नही चंसौरिया है
Sandilya or bats methil hote he krpya glt jankari na de
Yah Galt bol Raha ho trivedi brraman kanyakubj hai
Budholiya
Bhai ne pura google se chap diya😜😜😜
गूगल पर भी किसी ज्ञानी ने ही छापा होगा गौरव भाई