साहू सर, ने बहुत ही अच्छी सटीक जानकारी दी। इन्होंने बिना किसी लाग लपेट के वास्तविक जानकारी दी। अन्यथा बाकी लोग तो बिना तर्क एवम् साक्ष्य के अपनी जाति को श्रेष्ठ मानने में लगे रहते हैं। यह जरूरी नहीं कि इस प्रकार की जानकारी होने के लिए मानवशास्त्री का प्रोफेसर ही हों। मै उनकी ज्ञान और संतुलित जानकारी देने के लिए धन्यवाद देता हूं।
मेरे विचार में यह चर्चा जातिगत जनगणना के विषय पर ना होकर संविधान में ओबीसी के अस्तित्व और राजनीति में ओबीसी आरक्षण के अनुपात पर हुआ है । वर्तमान राजनीतिक मुद्दा जातिगत जनगणना से ना सिर्फ obc अपितु सभी वर्ग में विभिन्न जातियों के शिक्षा नौकरी राजनीति में प्रतिनिधत्व का पता चलेगा । इस आधार पर ही सभी आरक्षित जातियों की वर्ग में फेरबदल या डिलिस्टिंग किया जा सकता है साथ ही सभी वर्ग में जो जातियां आरक्षित होते हुए भी आज तक सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े है उन्हें उस वर्ग में ही उपवर्ग बनाकर पृथक रूप से आरक्षण दिया जाए और सभी आरक्षित वर्ग में आर्थिक सीमा लागू किया जाए जैसे - ओबीसी को ebc या mbc में बांटा गया है । जो राजनीतिक दल ओबीसी के नाम पर राजनीति कर रहे है वे पहले संविधान संसोधन कर ओबीसी को संवैधानिक दर्जा प्रदान करें तभी ओबीसी को आबादी अनुपात में शिक्षा ,नौकरी और राजनीति में आरक्षण मिल सकता है और राजनीति में ओबीसी आरक्षण NCL वर्ग को ही मिलना चाहिए
OBC आरक्षण ,राजनैतिक,सामाजिक , आर्थिक, तथा संवैधानिक, तौर पर दिया जाए तो IAS,IPS,IFS, एवम सुप्रीम कोर्ट ,हाईकोर्ट,के जज, लोकसभा, राज्यसभा के सदस्यों को अनुपातिक भागीदारी मिलनी ही चाहिए।,,जितनी जिनकी संख्या भारी। उतनी उनकी हिस्सेदारी,,।। ओबीसी जागो, जागो
श्री साहू जी Census तो संविधान में है सरकारें अब तक क्यूं टालते रहे इसका जवाब दीजिए महोदय। आप संविधान विद नहीं हैं पर उलझा जरूर दे रहे हैं। सत्ता के सामने संविधान और कोर्ट का वर्तमान स्थिति तो समझ ही रहे हैं। श्री घनाराम साहू जी को यह भी नहीं मालूम कि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है यह जन प्रतिनिधित्व का मामला है।
OBC में कुछ जाति ऐसी हे जिनकी सामाजिक शैक्षणिक आर्थिक स्थिती बहुत ही कमजोर है लेकिन उन्हें obc me रखने से उन्हें नौकरी वगैरह में कोई लाभ नहीं मिलता और नौकरी राजनीतिक वगैरह इस जाति का बहुत कम ही लोग देखने को मिलता हे इस जाति को st sc या विशेष पिछड़ा वर्ग में रखना चाहिए जैसे. लोहार केवंट ढीमर
OBC पुरुषों का राजनीति में representation ठीक-ठाक है जबकि OBC महिलाओं का representation बहुत ही कम है। इसिलिए केवल OBC महिलाओं का राजनीतिक आरक्षण की मांग की जा रही है।
जब देश में महिलाओ की आबादी आधी है तो sc st के वर्गो को पहले से मिले आरक्षण से ही आरक्षण देने का क्या मतलब है इन वर्गो के महिलाओ को अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए अगर सच में महिलाओ का विकाश करना चाहते है तो वरना दिखावा को तो सभी लोग समझ रहे है,
महोदय जी आरक्षण इस तरह लागू किया जा सकता है 100℅ आरक्षण कर दिया जाना चाहिए जिस वर्ग जितना आबादी उतना ℅ आरक्षण दे दिया जाना चाहिए अपके ही आंकड़े के अनुसार उदाहरण पेश करता हूँ Sc__16℅ ST__33℅ Obc __ 40℅ सवर्ण__11℅ इस प्रकार सभी को आरक्षण दे दिया जाना चाहिए
Sir, pranam Sir mera Niwedan hai ki , District Jashpur / Sarguja & Rajgarh me ek jati hai jinka jati ka nam mahakul / mahkul record me indraj hai ( jo ki O B C) se belong karte hai . Mandal committee report ke bad. Ishsey pahle samany me aate they. Inkey jaati ke bare me batayen. Regards🙏
आरक्षण आर्थिक स्थिति के आधार पर होना चाहिए । ना की जाती के आधार पर जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं उन्हे आरक्षण देने का क्या मतलब । जो लोग सरकारी नौकरी में है उसके आने वाली पीढ़ी का आरक्षण खत्म कर देना चाहिए ।
आरक्षण या प्रतिनिधित्व सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ने के कारण दिया गया है दुनिया भर के देशों में आरक्षण है I आर्थिक असमानता को मिटाने गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के अनेक योजनाएं तमाम सरकारों ने चला रखी है I जो लोग सरकारी नौकरी में रहते हैं क्या समाज़ में उन्हें समानता समता का व्यवहार किया जाता है I
Sahu ji aadhi obc population reservation category me nhi aati,unko creamy layer bol kr bahar kr diya gya hai,isliye plz sabhi obc ko aarakshit na kahe,wo sabhi obc general me count hote aae hai,
ले देकर एससी में स्थान मिला है। ये मानती हू की हमारे पूर्वज बरसो से यही रहते है। किंतु छुआछूत के चलते,स्थान परिवर्तन करने के कारण जाति बिखर गया है। अभी एससी में ही रहने दो।
भारत के प्रत्येक राज्य में जातियों के जनसंख्या के हिसाब से जातियों st sc obc general पर आरक्षण लागू होना चाहिए जिससे पत्येक लोगो को इसका लाभ मिल सके 🙏🙏
जोरदार विश्लेषण सर जी
यह चर्चा लगातार जारी रखनी चाहिए! बहुत महत्त्वपूर्ण बातें हैं।
साहू सर, ने बहुत ही अच्छी सटीक जानकारी दी। इन्होंने बिना किसी लाग लपेट के वास्तविक जानकारी दी। अन्यथा बाकी लोग तो बिना तर्क एवम् साक्ष्य के अपनी जाति को श्रेष्ठ मानने में लगे रहते हैं। यह जरूरी नहीं कि इस प्रकार की जानकारी होने के लिए मानवशास्त्री का प्रोफेसर ही हों। मै उनकी ज्ञान और संतुलित जानकारी देने के लिए धन्यवाद देता हूं।
मेरे विचार में यह चर्चा जातिगत जनगणना के विषय पर ना होकर संविधान में ओबीसी के अस्तित्व और राजनीति में ओबीसी आरक्षण के अनुपात पर हुआ है । वर्तमान राजनीतिक मुद्दा जातिगत जनगणना से ना सिर्फ obc अपितु सभी वर्ग में विभिन्न जातियों के शिक्षा नौकरी राजनीति में प्रतिनिधत्व का पता चलेगा । इस आधार पर ही सभी आरक्षित जातियों की वर्ग में फेरबदल या डिलिस्टिंग किया जा सकता है साथ ही सभी वर्ग में जो जातियां आरक्षित होते हुए भी आज तक सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े है उन्हें उस वर्ग में ही उपवर्ग बनाकर पृथक रूप से आरक्षण दिया जाए और सभी आरक्षित वर्ग में आर्थिक सीमा लागू किया जाए जैसे - ओबीसी को ebc या mbc में बांटा गया है । जो राजनीतिक दल ओबीसी के नाम पर राजनीति कर रहे है वे पहले संविधान संसोधन कर ओबीसी को संवैधानिक दर्जा प्रदान करें तभी ओबीसी को आबादी अनुपात में शिक्षा ,नौकरी और राजनीति में आरक्षण मिल सकता है और राजनीति में ओबीसी आरक्षण NCL वर्ग को ही मिलना चाहिए
OBC आरक्षण ,राजनैतिक,सामाजिक , आर्थिक, तथा संवैधानिक, तौर पर दिया जाए तो IAS,IPS,IFS, एवम सुप्रीम कोर्ट ,हाईकोर्ट,के जज, लोकसभा, राज्यसभा के सदस्यों को अनुपातिक भागीदारी मिलनी ही चाहिए।,,जितनी जिनकी संख्या भारी। उतनी उनकी हिस्सेदारी,,।। ओबीसी जागो, जागो
Chahe quality ho na ho. Tabhi to China humse aage nikal gaya. Hum reservation me fase rahe angrezon k diya hua...
Olympics me to res. Ni h vha kya ukhad liye. Vha bhi OBC Niraj aur manu ne medal jeeta
8 लाख में वेतन और कृषि का गिनती नहीं होता
श्री साहू जी Census तो संविधान में है सरकारें अब तक क्यूं टालते रहे इसका जवाब दीजिए महोदय। आप संविधान विद नहीं हैं पर उलझा जरूर दे रहे हैं।
सत्ता के सामने संविधान और कोर्ट का वर्तमान स्थिति तो समझ ही रहे हैं।
श्री घनाराम साहू जी को यह भी नहीं मालूम कि
आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है यह जन प्रतिनिधित्व का मामला है।
Sahu ji jaati ghat araksion thik bol rahe hai anay jaati ko milana chaiye
आर्टिकल 340 पढ़िए आदरणीय साहू जी जिसका हेडिंग है "पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति"
Nice discussion on OBC reservation I have seen
Welcome sir🎉
SAHU BHAU ka baat ekdum sahi
bhupesh patel gi jatigat jangadna karaiye❤❤❤❤❤
Usse kya benifit hoga?
घनाराम साहू जी मुद्दे से भटक गए जब st sc को आनुपातिक आरक्षण है तो ओबीसी को क्यों नहो।
क्योंकि वे आर्थिक रूप से कमजोर है । पुरी तरह से मजदूरी पे निर्भर रहते हैं ।
@@hamarcgrangसब नही है😂
ठिक से देखो ओ बी सी को आरक्षण दे रखा है
Sc st OBC daru mat pado sahu jiji aapka prayas sarahniy....
सिर्फ ये सामान्य वर्ग के महिलाओं को फायदा है बाकी के लिए लाली पाप
OBC में कुछ जाति ऐसी हे जिनकी सामाजिक शैक्षणिक आर्थिक स्थिती बहुत ही कमजोर है लेकिन उन्हें obc me रखने से उन्हें नौकरी वगैरह में कोई लाभ नहीं मिलता और नौकरी राजनीतिक वगैरह इस जाति का बहुत कम ही लोग देखने को मिलता हे इस जाति को st sc या विशेष पिछड़ा वर्ग में रखना चाहिए जैसे. लोहार केवंट ढीमर
छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के दृष्टि से देखे तो obc कि सबसे ज्यादा जनसंख्या है लेकिन obc के आरक्षण obc ke जनसंख्या के आधा से भी आधा हैं 🙏🙏
40% st + 16% sc = 56%.
43% obc.
99 % reservation.
OBC पुरुषों का राजनीति में representation ठीक-ठाक है जबकि OBC महिलाओं का representation बहुत ही कम है। इसिलिए केवल OBC महिलाओं का राजनीतिक आरक्षण की मांग की जा रही है।
सभी जाति को एसटी ओबीसी एसटी सामान्य के अनुपात आरक्षण देना न्यायसंगत होगा।
Gupta samaj ko obc me samil kar liya gaya hai
एक तेली दूसरे तेली (मोदी) को support करते हुए
जब देश में महिलाओ की आबादी आधी है तो sc st के वर्गो को पहले से मिले आरक्षण से ही आरक्षण देने का क्या मतलब है इन वर्गो के महिलाओ को अलग से आरक्षण दिया जाना चाहिए अगर सच में महिलाओ का विकाश करना चाहते है तो वरना दिखावा को तो सभी लोग समझ रहे है,
मुझे समझ नही आ रहा आप इतनी छोटी सी बात क्यों नहीं समझ रहे की महिला आरक्षण में सामान्य वर्ग ही महिलाएं फायदा उठा लेंगे
Satnami.samaj.ki.aabadi.bata
समानुपातिक आरक्षण ही होना चाहिए सभी वर्गों में।
साहूजी से पूछिए कि -
अनुच्छेद 340 मे क्या लिखा है ?
OBC मेहनत करे तो तो आपने माथे से पिछड़े का तबका हटा लेगा , मैं psc students हु
पहली किश्त अत्यंत अनुसंधान पूर्ण थी। इसे भी देखता हूं।
महोदय जी
आरक्षण इस तरह लागू किया जा सकता है
100℅ आरक्षण कर दिया जाना चाहिए
जिस वर्ग जितना आबादी उतना ℅ आरक्षण दे दिया जाना चाहिए
अपके ही आंकड़े के अनुसार उदाहरण पेश करता हूँ
Sc__16℅
ST__33℅
Obc __ 40℅
सवर्ण__11℅
इस प्रकार सभी को आरक्षण दे दिया जाना चाहिए
Very nice❤
I love politics
जब जाति जनगणना हुई हि नही है तो ये कैसे जान गये कि sc 16 से 12 % रह गये।
OBC कौन इसके लिए अनुच्छेद 400 का प्रावधान डॉ अम्बेडकर ने प्रथम बार प्रयास किया
बहुत ही अच्छा वार्ता और विश्लेषण करते हो Sir आप दोनों... प्रणाम । 🙏🙏🙏
🙏🏿🙏🏿🙏🏿
Sir, pranam
Sir mera Niwedan hai ki , District Jashpur / Sarguja & Rajgarh me ek jati hai jinka jati ka nam mahakul / mahkul record me indraj hai ( jo ki O B C) se belong karte hai . Mandal committee report ke bad. Ishsey pahle samany me aate they. Inkey jaati ke bare me batayen. Regards🙏
Crimilear obc ko roknea kea liyea layagaya hai ishea hataya jana chahiea om budhay namaha
Phir aartical 340 kaya hai om budhay namaha
पूरा debit और तर्क bakwas जिसमे महिला आरक्षण मे ओबीसी महिलाओं का प्रतिनिधित्व की आवश्यक नहीं हैं
घनाराम साहु जी ,
अनुच्छेद 340 मे क्या लिखा है ?
आरक्षण आर्थिक स्थिति के आधार पर होना चाहिए । ना की जाती के आधार पर जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं उन्हे आरक्षण देने का क्या मतलब । जो लोग सरकारी नौकरी में है उसके आने वाली पीढ़ी का आरक्षण खत्म कर देना चाहिए ।
आरक्षण या प्रतिनिधित्व सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ने के कारण दिया गया है दुनिया भर के देशों में आरक्षण है I आर्थिक असमानता को मिटाने गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के अनेक योजनाएं तमाम सरकारों ने चला रखी है I जो लोग सरकारी नौकरी में रहते हैं क्या समाज़ में उन्हें समानता समता का व्यवहार किया जाता है I
🙏🙏🙏
S.t ma aan a vali cast ko bhe obc ma dal fata haya.
Mazi mahala khar dhmar kis class ma aan chiay m p ma
प्रोफेसर का अजीब तर्क
साहू जी को अनुसूचित जाति जनजाति के लिए संविधान कंडिका 241 एवम 242 को देखना होगा।
जात पात मे मत फसो. सब बेकार hai
Cg me 32% st me 56% ek tribe ka 80% job me hissa h. Baki tribe ko fayda nahi mil raha h
Aj kal adhikatar mla mp party ke naukar hote hai aam janta ke samajik shaikshik arthik muddo se koi lena dena nahi hota hai
Sahu ji aadhi obc population reservation category me nhi aati,unko creamy layer bol kr bahar kr diya gya hai,isliye plz sabhi obc ko aarakshit na kahe,wo sabhi obc general me count hote aae hai,
कुल ओबीसी में लगभग 2-5 % ही क्रीमीलेयर में आते है ।
@@sanjeevsahu7910 fir apke hisab se 5% OBC hi govt officer hai,bhaiya jinke ma baap master bhi hai na wo OBC bhi creamy layer me hai,
Sc me total satnami vidhayak baki jatiyon ko thenga
Mahra/Maharaa Jati Bastar ka mulnivasi ,St hai , Kintu Rajnetao k chalte ise abhi sc me Diya Gaya hai . Kya ise St me Diya ja sakta hai .
ले देकर एससी में स्थान मिला है। ये मानती हू की हमारे पूर्वज बरसो से यही रहते है। किंतु छुआछूत के चलते,स्थान परिवर्तन करने के कारण जाति बिखर गया है। अभी एससी में ही रहने दो।
साहू जी का तर्क बिलकुल सही हैं . पत्रकार महोदय को आज समझ आया की. Sc का फायदा केवल सतनामी उठा रहे हैं..
Banki sc hai kitne
OBC ka Sahu kurmi bhi utha rahe , dhobi yavad kkahra dhimra mere ke gav kisi ko nokari nhi Mila hai
एस सी का सबसे ज्यादा फायदा महार या नव बौद्ध लेते हैं
ओ बी सी महीला आरक्षित में s c एवम् st समाहित है
भारत के प्रत्येक राज्य में जातियों के जनसंख्या के हिसाब से जातियों st sc obc general पर आरक्षण लागू होना चाहिए जिससे पत्येक लोगो को इसका लाभ मिल सके 🙏🙏