INDIA-AAJKAL | इंडिया-आजकल
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सबसे बेबस लोगों की ऐसी थोक-मौत देश की राजधानी में!
दिल्ली में मानसिक विक्षिप्त लोगों के लिए राज्य सरकार के शेल्टर होम में पिछले महीने 14 लोग मर गए। इस विभाग की मंत्री ने मजिस्ट्रेट की जांच शुरू करवाई है, और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी नोटिस दिया है। लेकिन देश भर में हर जगह बेघर मानसिक रोगियों की हालत बहुत खराब है, और सरकारें संवेदनाशून्य हैं। कई जगहों पर मानसिक रोगियों को जंजीरों से जकडक़र रखा जाता है, और ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ में आया जिसमें पांवों में जंजीर बंधी हुई थी, और विक्षिप्त युवती नदी की बाढ़ में बहते हुए 20 किलोमीटर दूर ओडिशा में मिली। सरकारों को आखिर इन सबसे कमजोर लोगों के लिए करना क्या चाहिए?
‘छत्तीसगढ़’ अखबार के संपादक सुनील कुमार का यह वीडिटोरियल देखें।
มุมมอง: 171

วีดีโอ

बातचीत : एसटी-एससी कोटे में कोटे के साथ हर जुड़े हुए पहलू पर
มุมมอง 1.6K2 ชั่วโมงที่ผ่านมา
एसटी-एससी आरक्षित समुदायों के भीतर अधिक पिछड़ी जातियों के लिए कोटे में कोटा बनाने की छूट देने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। संविधान बनने के बाद से अब तक एसटी-एससी आरक्षण में इतनी बड़ी कोई बात नहीं हुई थी, और इस एक फैसले से देश के राज्यों में राजनीति में बहुत बड़ा उतार-चढ़ाव भी आ सकता है। इसके अलावा आरक्षित तबकों के भीतर जो बहुत अधिक कमजोर जातियां हैं, उनके प्रति इंसाफ भी राज्य सरकारे...
मोबाइल बना जी का जंजाल, सुख-चैन खत्म, साथ-साथ जिंदगी भी...
มุมมอง 7474 ชั่วโมงที่ผ่านมา
एक खदान अफसर मोबाइल में मगन होकर आई बाढ़ से अनजान रहा, और मौत हो गई। दूसरी तरफ एक बच्चे ने आधी रात फोन न मिलने पर खुदकुशी कर ली। मोबाइल की दीवानगी ऐसी है कि छोटा सा बच्चा पोर्नाे देख-देखकर अपनी छोटी बहन से बलात्कार करता है, और फिर उसका कत्ल भी कर देता है। मोबाइल की और हिंसक कहानियों का कोई अंत नहीं है। लोग अपनी जेब में एक फोन नहीं, अपनी अक्ल के लिए एक जेल लेकर चलते हैं। ऐसे में क्या सरकार की भी...
देश की राजधानी में सोते हुए नौजवानों की डूबकर मौत!
มุมมอง 2807 ชั่วโมงที่ผ่านมา
देश की राजधानी की सत्ता बड़ी विचित्र है, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, एलजी, और म्युनिसिपल, इन सबके बीच सत्ता का बंटवारा बड़ा जटिल है, लेकिन जब किसी इमारत के बेसमेंट में गैरकानूनी तरीके से छात्र-छात्राओं को बसा दिया गया, और पानी भरने से उनकी मौतें हो गईं, तो हाईकोर्ट ने अपने तेवर दिखाए, और पूछा कि जब सडक़ से गुजरते कार-ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है, तो म्युनिसिपल-अफसरों को क्यों गिरफ्तार नहीं किय...
जितना झूठा दावा, उतनी बड़ी भीड़, हे राम...
มุมมอง 1.3K12 ชั่วโมงที่ผ่านมา
लोगों का भरोसा विज्ञान पर से इतना उठ जा रहा है कि ताजा-ताजा पैदा हुआ एक बाबा नींबू खिलाकर औरतों को गर्भवती बनाने का दावा कर रहा है, और उसके सामने कतारें लगी हुई हैं। देश में अलग-अलग कई किस्म की धोखाधडिय़ां चल रही हैं, लेकिन धर्म और अंधविश्वास के नाम पर, आध्यात्म के नाम पर धोखाधड़ी सबसे अधिक कामयाब है। 21वीं सदी में भी लोग इस पर भरोसा कर रहे हैं कि यह बाबा तीन-चार महीने में तीन-चार किलो का स्वस्थ...
बच्ची के हक बराबर होने चाहिए, हिन्दू हो, या फिर मुस्लिम...
มุมมอง 29512 ชั่วโมงที่ผ่านมา
केरल हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है कि किसी भी धर्म की नाबालिग लडक़ी की शादी नहीं की जा सकती, और देश का 2006 का बाल विवाह कानून हर धर्म पर बराबरी से लागू होता है। अभी तक मुस्लिम समाज अपने अलग विवाह कानून की वजह से 12-13 बरस की लड़कियों की भी शादी कर देता है, और हैदराबाद जैसी जगह पर मरणासन्न बूढ़े दूल्हे भी मोटी रकम लेकर पहुंच जाते हैं। केरल से बहुत दूर असम में भाजपा के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सर...
मोदी पर भागवत के इतने तीरों का नतीजा, संघ जाने पर प्रतिबंध खत्म!
มุมมอง 52114 ชั่วโมงที่ผ่านมา
पिछले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव के चलते हुए भी भाजपा और आरएसएस के रिश्ते कुछ रहस्यमय से चल रहे थे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने एक इंटरव्यू में भाजपा के लिए आरएसएस को गैरजरूरी बता दिया था। इसके बाद जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो भागवत ने इस हार के लिए अहंकार को जिम्मेदार ठहराया। किसका अहंकार, यह भागवत ने लोगों की कल्पना पर छोड़ दिया। इसके अलावा भी कुछ और मौकों पर भागवत ने नुकीले ...
2011 की जनगणना पर यह तीसरी बार वार्ड-परिसीमन?
มุมมอง 64816 ชั่วโมงที่ผ่านมา
छत्तीसगढ़ में म्युनिसिपल चुनाव की तैयारी चल रही है और सरकार वार्डों का परिसीमन कर रही है, कांग्र्रेस इसके खिलाफ हाईकोर्ट गई हुई है, और कई शहर-कस्बों में अदालती स्टे आ चुका है। क्या हैं परिसीमन के नियम, और उन पर आज का यह अमल कितना जायज है? ऐसे बहुत से जटिल सवालों के जवाब देने के लिए इस राज्य में चुनाव कानूनों के एक सबसे बड़े जानकार, राज्य के पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे डॉ. सुशील त्रिवेदी से ‘...
ऋषि-मुनियों का देश, भारत किस तरह इस हद तक हिंसक?
มุมมอง 46819 ชั่วโมงที่ผ่านมา
देश भर में जगह-जगह कहीं पुलिस हिंसा कर रही है, तो कहीं पुलिस पर हिंसा हो रही है, तो कहीं पुलिस की मौजूदगी में हिंसा हो रही है! कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि पुलिस को हिंसा करने से तो परहेज नहीं है, लेकिन हिंसा को रोकने में बहुत सी जगहों पर उसकी दिलचस्पी नहीं रहती, और वह आम भीड़ की तरह देखती रह जाती है। भारतीय समाज में सार्वजनिक जगहों पर यह कैसा हिंसक माहौल हो गया है जिसमें कोई भी सुरक्षित नहीं हैं।...
बातचीत : राजीव गुप्ता के आंकड़े, छत्तीसगढ़ दक्षिणी राज्यों से कुल एक तिहाई पर!
มุมมอง 1.2K21 ชั่วโมงที่ผ่านมา
कॉलेजों में दाखिला घटते चल रहा है, देश भर में पहले इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हुए, अब और भी कई तरह के कोर्स खाली पड़े हैं। छात्र-छात्राएं अधिकतर उन्हीं कोर्स के लिए जा रहे हैं जिनसे आगे किसी रोजगार की गुंजाइश हो। ऐसे में क्या किया जाना चाहिए? एक नई राष्ट्रीय नीति को लागू करने में सरकारें ओवरटाइम कर रही हैं, लेकिन क्या यह नीति काफी होगी? ऐसे बहुत से सवालों और उनके बड़े दिलचस्प जवाबों वाली यह बातचीत। ...
एक-एक गांव में सौ-सौ के कान खराब!
มุมมอง 5K21 ชั่วโมงที่ผ่านมา
छत्तीसगढ़ सरकार ने दिव्यांग कोटे से जिन्हें नौकरी मिली है, उनके बारे में पिछली भूपेश सरकार के समय से यह आदेश निकला हुआ है कि एक जनवरी 2019 के बाद नौकरी में आए हर दिव्यांग की जांच एक मेडिकल बोर्ड करेगा, क्योंकि दिव्यांगता के सर्टिफिकेट में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप हैं। लेकिन सरकार अपने खुद के आदेश पर आज तक अमल नहीं कर पाई है। प्रदेश में दिव्यांगों के एक बेरोजगार-संगठन का कहना है कि बड़े पैम...
50 हजार लोगों को उजाडऩे की इजाजत नहीं दी अदालत ने!
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सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर एक जनकल्याणकारी सोच के साथ सामने आया है, उसने उत्तराखंड सरकार और केन्द्र के रेल मंत्रालय से कहा है कि जब तक रेलवे जमीन पर काबिज करीब 50 हजार आबादी के पुनर्वास की योजना नहीं बनती, तब तक उन्हें हटाया नहीं जा सकता। कायदे से तो चुनाव लडऩे वाली सरकारों को यह फिक्र करनी थी, लेकिन वे लोगों को उजाडऩे पर आमादा हैं, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि पुनर्वास के बिना किसी को हटाया नह...
हिन्दुस्तान के असल दफ्तर याद दिलाते हैं ऑफिस-ऑफिस सीरियल की...
มุมมอง 377วันที่ผ่านมา
उत्तर भारत से तो ऐसे दर्जनों मामले सुनाई देते थे कि अपने को जिंदा साबित करने के लिए लोग गले में तख्तियां डालकर घूमते थे, क्योंकि किसी ने उन्हें मरा बताकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया था। अब राजस्थान में खुदकुशी की दिमागी हालत में पहुंचे एक व्यक्ति ने अपने को जिंदा साबित करने एक स्कूल में घुसकर प्रिंसिपल को चाकू से जख्मी कर दिया, और बच्चों को बंधक बना लिया कि इसके बाद तो पुलिस उसे जिंदा मानकर गि...
महिला से हिकारत वाले घटिया ट्रंप को चुनेंगे अमरीकी, या...
มุมมอง 350วันที่ผ่านมา
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस के उम्मीदवार बनने के आसार पर हिन्दुस्तानी बड़े खुश हैं, हालांकि हमला हैरिस में हिन्दुस्तान का कोई योगदान नहीं है, और राष्ट्रपति बन जाने पर भी कमला भारत के साथ कोई रियायत नहीं कर सकतीं, क्योंकि वे रग-रग से अमरीकी हैं। लेकिन हिन्दुस्तान की खुशी से परे अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव इस बार दो लोगों पर केन्द्रित होते दि रहा है, राज्य की अटार्नी जनरल रहते हुए मुजरिमों...
हिटलर ने भी यहूदियों की दुकानों की शिनाख्त के लिए लगवाए थे निशान...
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ความคิดเห็น

  • @ravigilhare7109
    @ravigilhare7109 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    आम जनता भी ऐसे बाबा का भांडाफोड़ करने के बजाय अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं

  • @madhukher8526
    @madhukher8526 5 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    You continually, and sensitively raise issues and concerns that invoke human conscience and compassion 👍

  • @satyendrakumarsingh5056
    @satyendrakumarsingh5056 6 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Another very urgent and sensitive topic is covered by you in a great sharp style. You have rightly joined the human tragedy to animal suffering. Cattles are suffering in the hands of men. We must be more sensitive and proactive in alleviating this problem.

  • @chandrikasahu5550
    @chandrikasahu5550 7 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Taklif ki khabr He Ram ji

  • @madhukher8526
    @madhukher8526 13 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    It is praiseworthy that you have brought this very important issue to the forefront

  • @bhagirathisahu4807
    @bhagirathisahu4807 14 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    बाबा भी लूटते हैं और डॉक्टर भी लूटते हैं

  • @yamdewsahu2668
    @yamdewsahu2668 16 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Haluluhiya wale aur majar wale ke liye ye andh sradha unmulan Samiti wale kibhi nahi virodh karte

  • @Globaltimes123
    @Globaltimes123 16 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    बहुत सुंदर और सार्थक चर्चा। आज सुनील जी का एंग्री यंग मन रूप देख कर मज़ा आ गया। ऐसा ही विचारोत्तेजक चर्चा करा करिए। आवाज़ का ऊपर नीचे होना विचारों के वजन के हिसाब से बिलकुल होना चाहिए क्यूकी उसी से भाव भँगिमाएँ खुलती है वि चर्चा में सुनने वालों को जुड़ाव महसूस होता है। साहू जी अपने भाई को तीसरे बार चुनाव लड़ने का मध्य रास्ता अपना रहे थे।

  • @rajeshshukla1851
    @rajeshshukla1851 16 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    सुनील कुमार जी आपकी निर्भीक पत्रकारिता को सलाम

  • @gajendranishad8726
    @gajendranishad8726 17 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Bilakul दोबारा चाँस नहीं मिलना चाहिए सही बोले सुनील जी😂😂😢

  • @lalitbaghel8827
    @lalitbaghel8827 17 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    मौलिक संरक्षण और सुविधाओं के साथ कमजोर वर्गों और जातियों को पहले आधारतल पर लाने की पहल हो। आरक्षण पर और आरक्षण से ये समस्या हल नहीं हो सकता। हमें मुफ्तखोर पद्धतियों से मुक्त होकर स्वावलंबी और सक्षम, स्वस्थ सामाजिक पोषण और संरक्षण को साकार करने वाले समाज और राष्ट्र को बनाना है।

  • @lalitbaghel8827
    @lalitbaghel8827 17 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    सामाजिक लोकतंत्र और आर्थिक साम्राज्य दो अलग-अलग मुद्दे हैं।

  • @drvijaykapse1202
    @drvijaykapse1202 18 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में बहुत ही सार्थक चर्चा हुई। आरक्षण का लाभ प्राप्त कर लेने वाली जनरेशन के बाद की जनरेशन को आरक्षण का लाभ समाप्त कर देने के आपके उपयुक्त सुझाव पर प्रोफेसर घनाराम साहू जी का अप्रोच मुद्दे को बाईपास कर देने जैसा लगा। इसीप्रकार चुनाव में दो बार पद धारण कर लेने के बाद आरक्षित वर्ग के प्रत्याशी को पुनः अवसर नहीं देने का आपका सुझाव भी उपयुक्त था। जिसे प्रोफेसर साहब फिर से बाईपास करते हुए दिखाई दिए।

  • @hlnarang2240
    @hlnarang2240 19 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    सुनील कुमार जी, चर्चा में OBC, के प्रतिनिधि से चर्चा की, जबकि SC/ST के प्रतिनिधि से चर्चा करना चाहिए, obc के लिए आर्थिक आधार है, SC/ST के लिए सामजिक आधार है,, आज भी SC को नाई- धोबी की सुविधा नहीं है, मूचारखाने पर, घोड़ी चढ़ने पर, मटके से पानी पीने पर दलितो को मारा जाता है, किसी OBC को नहीं मारा जाता, इस लिये परिचर्चा अधू रा, है,

  • @ahmedcommerceclasses
    @ahmedcommerceclasses 20 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Sunil ji your logic is better than professor Dhanaram sahu

  • @sudhirsinha9263
    @sudhirsinha9263 22 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    साहू जी न्यायसम्मत विकल्प से परहेज करते हुए हास्यास्पद तर्क भी दे रहे हैं🫢 रूस की क्रांति को भी नजरंदाज कर रहे हैं🫢 सुनील जी के सुझाव न्यायोचित एवं तर्कसंगत है🫠🫠 साहू जी को जातीय आंकड़ों की जानकारी हो सकती है. मगर समाजवाद की जानकारी नहीं होने पर भी खुद को समाजवादी घोषित करते हुए.. हास्यास्पद नज़र आ रहे हैं😅😅😅 ऐसे स स्वयंभू ज्ञानियों से चर्चा का हासिल शून्य ही होगा😮😮😮 ➡❓

  • @simantdhruw9900
    @simantdhruw9900 23 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    ये दोनों मानुवादी गुंडे छपरी हैं

  • @Sanjay.Uikey.750
    @Sanjay.Uikey.750 วันที่ผ่านมา

    पूरे भारत अंधविश्वास इतना बढ़ चुका है की पूछो ही मत कोई ब्रम्हा के सिर से पैदा होता है तो कोई नाक से कोई हाथ से कोई माथे से कोई पैर से कोई निम्बू चाटने से पता नही कहा कहा से 😂😂😂😂😂

  • @user-rp6qv7eq9l
    @user-rp6qv7eq9l วันที่ผ่านมา

    आदरणीय सुनील भैया प्रोफेसर घणाराम साहू एवं आपके मध्य आरक्षण को लेकर के जबरदस्त बहस समाज को उचित मार्गदर्शन देगा घनश्याम शर्मा रायपुर

  • @pankajgupta-qk6go
    @pankajgupta-qk6go วันที่ผ่านมา

    इस सार्थक चर्चा ने अनेक छिपे और हाशिए पर रहे बिंदुओं को छुआ है। श्री घनाराम साहू और सुनील कुमार का आभार।

  • @kuleshwarbharti3067
    @kuleshwarbharti3067 วันที่ผ่านมา

    साहू साब बोले कि मै obc नहीं हु समझ नहीं आया

    • @bhanupratappatel6377
      @bhanupratappatel6377 20 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      साहू जी प्रथम श्रेणी अधिकारी हैं इसलिए उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिलता, उनके बच्चों को भी ओबीसी आरक्षण नहीं मिला है। इस हिसाब से वे सही बोल रहे हैं।

  • @gaureegauree4293
    @gaureegauree4293 วันที่ผ่านมา

    सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति,राज्यपाल,प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री,सांसद,विधायक पर भी एक बार लाभ ले लेने के बाद अगली पीढ़ी/दूसरे कार्यकाल नही होना चाहिए।

  • @ajaykumarrai3375
    @ajaykumarrai3375 วันที่ผ่านมา

    अर्जुन सिंह के कार्यकाल में OBC को आर्थिक आधार पर शासकीय आरक्षण लागू नहीं हुआ था । कृपया साहू जी को दुरुस्त करें ।

    • @sahughanaram2172
      @sahughanaram2172 8 ชั่วโมงที่ผ่านมา

      10 जनवरी 1985 को क्रीमी लेयर के साथ ओबीसी को आरक्षण दिया गया था जिसे हाई कोर्ट ने स्थगित कर दिया था । हाई कोर्ट में 1992 में निराकृत हुआ था तब क्रीमी लेयर की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख किया गया था । 1985 के आदेश के अनुसार छात्रवृति की पात्रता के लिए 25000 की वार्षिक आय सीमा निर्धारित था ।

  • @manojbandle7617
    @manojbandle7617 วันที่ผ่านมา

    प्रो. साहब इतना क्यो हिचकिचा रहे है😂😂

  • @rahulkoshle7396
    @rahulkoshle7396 วันที่ผ่านมา

    Sc st की जगह आप एक बार हरिजन आदिवासी कह रहे है ये गलत है सुनील जी..

  • @sureshmishra1883
    @sureshmishra1883 วันที่ผ่านมา

    ज्ञानवर्धक चर्चा 👏

  • @user-hx2ly8yi7r
    @user-hx2ly8yi7r วันที่ผ่านมา

    आदरणीय सुनील कुमार जी आपकी बेबाक राय का मैं कायल हो गया, 1:19:03

  • @user-hx2ly8yi7r
    @user-hx2ly8yi7r วันที่ผ่านมา

    आदरणीय सुनील कुमार जी आपकी बेबाक राय का मैं कायल हो गया,

  • @Gaganmahipalpromax
    @Gaganmahipalpromax วันที่ผ่านมา

    Is debate me sc st ke jankar logo ko bulate to jyada sarthak hoti

  • @ahmedcommerceclasses
    @ahmedcommerceclasses วันที่ผ่านมา

    Aapki charcha gyanvardhak rahti hai

  • @yugalsingh6358
    @yugalsingh6358 วันที่ผ่านมา

    प्रोफेसर घणाराम जी के सोच को सादर प्रणाम

  • @sureshmishra1883
    @sureshmishra1883 วันที่ผ่านมา

    कुछ परिवार आरक्षण क़े दम पर IAS,IPS,IRS पाँच,सात बन गये आज भी छत्तीसगढ़ क़े हजारों ST /SC परिवार आरक्षण से वंचित है,अपने गरीब,दलित भाई बहनों का ध्यान रखना चाहिये नईदिल्ली महानगर क़े लोग दूरस्थ ग्रामीण जन तक आरक्षण पंहुचने नही देते इसलिए कृमिलेयर महत्वपूर्ण है। संविधान अनुसार आरक्षण मात्र 10 वर्षों क़े लिए था आज 77 वर्ष बाद भी आप जैसे धनाढ्य लाभ चाहते है।

  • @nileshtiwari5132
    @nileshtiwari5132 วันที่ผ่านมา

    अच्छी चर्चा हुई है ... किन्तु प्रो. साहू जी ने कुछ तथ्य प्रस्तुत किये हैं ... उनसे मै असहमत हूँ .

  • @jitendrakumarsahu53
    @jitendrakumarsahu53 วันที่ผ่านมา

    ये वही घनाराम जी हैं जिनको छत्तीसगढ़ी, लरिया बोलने में शर्म आती है l

  • @lalitshiwaremehar5460
    @lalitshiwaremehar5460 วันที่ผ่านมา

    आपको ज्ञात ही होंगे छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसुचित जाति मेहर जो छत्तीसगढ़ के पौनी पसारी व्यवस्था की पांच जाति मे से एक है जो संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी के अनुयायी है और हमारे जाति का पैतृक कार्य मरे जानवरों के चमड़े निकाले व जुता चप्पल आदि बनाने का कार्य करते हैं जिसे काश्तकारी में मोची कार्य कहते हैं इसी प्रकार मेहर जाति के महिलाए के जचकी के काश्तकारी कार्य को,पइकहा, पैकहा, कहाँ जाता रहा है इसी प्रकार मेहर जाति के लोगों को गालियाँ देने/अपमानित,अस्पृश्यता के चलते -चमार , चमारी कनोजिया और इन जाति सुचक शब्दों के साथ में चमार मेहर, कनोजिया मेहर, मेहर कनोजिया,पइकहा, पैकहा मेहर, मोची मेहर, चमार कनोजिया, कनोजिया चमार का उपयोग किया जाता रहा है इसके अलावा मेहर जाति को रायपुर बिलासपुर दुर्ग संभाग संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी के अनुयायी होने के कारण मेहर जाति के लोगों के दाखिला खारिज पंजी मे रोहिदास ,रैदास, रविदास लिख गया है

  • @lalitshiwaremehar5460
    @lalitshiwaremehar5460 วันที่ผ่านมา

    छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति कि संख्या 108 है जिसमें 44 क्र. में रखा गया है, जिसमें क्र.14 में चमार वर्ग में सबसे अधिक है जिसमें पैतृक काम चर्मकार का , इसमें मोची अहिरवार बैरवा रामनामी नैना मागन सतनामी सुर्यवंशी रोहिदास रैदास आदि है इसके अलावा छत्तीसगढ़ सतनामी अधिक जनसंख्या जाति है उसके बाद मेहर( रविदासिया) दुसरा, फिर गाढ़ा,महार,मेहरा , मेहतर, देवर तुरी,नट, बाल्मीकि, डोम,डोरसा, जाटव आदि है लेकिन राजनीतिक रूप से अन्य जाति को कोई पुछता नहीं है, करिबन 30+ और जाति है जो अनुसूचित जाति है लेकिन सुची में शामिल नहीं है तथा मात्रात्मक, उच्चारण विभेदन के कारण जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है

    • @vishnushriwas-hy2qe
      @vishnushriwas-hy2qe วันที่ผ่านมา

      ओ बी सी के अनया है

  • @kaluramahirwar8860
    @kaluramahirwar8860 วันที่ผ่านมา

    सभी श्रेणी या क्लास हैं

  • @kshitijkumarsingh5628
    @kshitijkumarsingh5628 วันที่ผ่านมา

    C.G. me nivas pramad patra banane me govt. sakhti nhi barart rhi . Sabhi bahri logo ka nivas pramad patra bana deti hai. Jo 5 - 6 saal se akhar cg me rh rhe hain.

  • @maheshchandravanshi9462
    @maheshchandravanshi9462 วันที่ผ่านมา

    सुनील जी आपने अच्छा मुददा उठाया है ये आज का ज्वलंत मुददा है बच्चे माँ बाप सब परेशान है

  • @gyanlakra4066
    @gyanlakra4066 วันที่ผ่านมา

    बड़े वही करें जो बच्चों को करते देखना चाहते हैं बच्चे बड़ो से ही सब कुछ सीखता है l

  • @sudhirsinha9263
    @sudhirsinha9263 2 วันที่ผ่านมา

    आपकी चिंता जायज़ है.. इस का समाधान किसी दूसरे द्वारा नहीं किया जा सकता.. अपने परिवारजनों की जिम्मेदारी खुद लेनी पडेगी.. बशर्ते खुद इसके लायक हों.. जनप्रतिनिधियों से किसी ऐसे नैतिक आचरण की अपेक्षा करना.. मूर्खतापूर्ण हो या न हो.. युक्तिसंगत कतई नही है😊😊😊

  • @binaymisra1736
    @binaymisra1736 2 วันที่ผ่านมา

    bekabu internet, digital sarkar ki marzi, 😇😇😇😇😇

  • @sanjaykoya2277
    @sanjaykoya2277 2 วันที่ผ่านมา

    🎉

  • @maharbaikathle4234
    @maharbaikathle4234 2 วันที่ผ่านมา

    Satnami samaj teli se 2 Guna hai samjha be teli

  • @taneshwardewangan3860
    @taneshwardewangan3860 2 วันที่ผ่านมา

    Garibo ka koi nahi sunte hai sir😮😮😮😮

  • @kamalmukherjee567
    @kamalmukherjee567 2 วันที่ผ่านมา

    सुनील कुमार जी आप अतिथि को बोलने नही दे रहे हैं उन्हें बोलने दिजिए

  • @yogeshkumarmahant4927
    @yogeshkumarmahant4927 2 วันที่ผ่านมา

    Namaskar Sir! I watch almost all of your videotorials, they are very informative and knowledgeable. Analysis of issues are also very deep.

  • @tarunnayak4978
    @tarunnayak4978 2 วันที่ผ่านมา

    माहरा लोग अपने आप को महफिल क्षत्री बताने और लिखने लगे ,इस लिए इन्हे पिछड़ा वर्ग में रखा गया ।

  • @sandhyasahu3148
    @sandhyasahu3148 2 วันที่ผ่านมา

    मुंगेली जिला में पथरिया ब्लॉक के आसपास के 8,10 गांव कान का फर्जी सर्टिफिकेट se teacher bharti me लगे हैं कई वर्षो से

  • @sudhirsinha9263
    @sudhirsinha9263 3 วันที่ผ่านมา

    छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना भी मुफ्त की रेवड़ी ही है.. अपनी फोटो छपवाने की मंशा से, राशनकार्ड नवीनीकरण की प्रक्रिया...अनावश्यक है.. और... Public money का खुलेआम दुरूपयोग भी.. 😮😮