ब्रह्मकपाल में पिंडदान के बाद और कहीं पिंडदान होता है क्या??
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- เผยแพร่เมื่อ 9 ก.พ. 2025
- ब्रह्मकपाल में पिंडदान के बाद और कहीं पिंडदान होता है क्या??
Pind Daan in Gaya during Pitra Paksha is one of the sacred rituals followed by people. On Pitra Paksha, Gaya is an important place to visit to offer prayers for your ancestors as they receive Moksha. Gaya is popularly known as Pitri Tirtha. As per Hindu Mythology, Lord Ram did Raja Dashrath's Shradha Karma in Gaya.
पितृपक्ष में हमारे घर के दिवगंत सदस्यों की आत्मा धरती पर आती है और पूरे सोलह दिनों तक यह आत्माएं धरती पर ही रहती हैं । मान्यतानुसार गया में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और गया को पितृ तीर्थ भी कहते हैं । पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान करने का हिंदू धर्म में विधान है । भगवान राम ने भी राजा दशरथ का पिंडदान इसी स्थान पर किया था साथ ही इस स्थान को श्राद्ध कर्म के लिए उत्तम मानने के पीछे ये है रहस्य ।
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भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष (श्राद्ध) आरंभ होंगे और कुल 16 दिनों तक मनाए जाते हैं! इस साल पितृ पक्ष 20 सितंबर 2021 से शुरू होकर 6 अक्टूबर 2021 तक रहेंगे!
मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध-Shradh according to the date of death:
किसी व्यक्ति की मृत्यु तिथि के अनुसार ही पितृ पक्ष में श्राद्ध किया जाता है! यदि किसी मृत व्यक्ति की तिथि ज्ञात न हो तो ऐसी स्थिति में अमावस्या तिथि पर उस मृत व्यक्ति का श्राद्ध किया जाता है, क्योंकि अमावस्या तिथि पर सर्वपितृ श्राद्ध योग माना जाता है!
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कृपया ध्यान दें: वर्ष 2021 में आने वाले 26 सितंबर को श्राद्ध की तिथि नहीं है!
पितृ पक्ष (श्राद्ध) का महत्व- Significance of Pitru Paksha (Shraadh):
मान्यता है कि पितृपक्ष (श्राद्ध) के दिन हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और श्राद्ध से खुश होकर अपना आशीर्वाद देते हैं! हिंदू धर्म के अनुसार पितृपक्ष (श्राद्ध) करने से हमारे पितर खुश रहते हैं! आइए जानते हैं पितृपक्ष (श्राद्ध) का क्या महत्व है:
•पितृपक्ष (श्राद्ध) में विधि विधान से पितर संबंधित कार्य करने और पितरों को खुश करने वाले व्यक्ति का जीवन खुशियों से भर जाता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं!
•पितृपक्ष (श्राद्ध) में श्राद्ध तर्पण करने से पितर (हमारे पूर्वज) प्रसन्न होते हैं और अपना आर्शीवाद देते हैं!
•पितर दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण करना शुभ माना जाता है!
पितृ दोष के कारण- Paternal defect:
पितृ दोष लगने के अनेक कारण होते हैं! विद्वान पंडितों के अनुसार निम्नलिखित कारणों से पितृ दोष लगता है:
•परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने पर
•अपने माता-पिता के अपमान करने पर.
•मरने के बाद माता-पिता का उचित ढंग से क्रियाकर्म न करने पर.
•किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात, श्राद्ध और उनके निमित्त वार्षिक श्राद्ध आदि न करने पर.
श्राद्ध पूजा की सामग्री- Shradh Puja material:
श्राद्ध की पूजा विधि के लिए निम्नलिखित सामग्री की जरूरत पड़ती है:
•रोली
•सिंदूर
•छोटी सुपारी
•रक्षा सूत्र
•चावल
•जनेऊ
•कपूर
•हल्दी
•देसी घी
•जौ
•हवन सामग्री
•गुड़
•दियासलाई
•शहद
•काला तिल
•तुलसी पत्ता
•पान का पत्ता
•मिट्टी का दीया
•रुई बत्ती
•अगरबत्ती
•दही
•जौ का आटा
•गंगाजल
•खजूर
•केला
•सफेद फूल
•उड़द
•गाय का दूध
•खीर
•स्वांक के चावल
•मूंग
•गन्ना
श्राद्ध पूर्ण करने की विधि-Method of performing Shradh:
पितृपक्ष (श्राद्ध) कर्म को किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण से करवाना चाहिए!
पितृपक्ष (श्राद्ध) कर्म में पूरी श्रद्धा से पिंड दान, तर्पण कर ब्राह्मणों को दान दिया जाता है इसके अलावा आप किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है!
हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि गंगा नदी के किनारे पर पितृपक्ष (श्राद्ध) कर्म करवाना चाहिए, यदि यह संभव न हो तो आप घर पर भी पितृपक्ष (श्राद्ध) कर्म कर सकते है!
पितृपक्ष (श्राद्ध) वाले दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए और साथ ही भोजन उपरांत उन्हे दान-दक्षिणा देकर भी संतुष्ट करें!
पितृपक्ष (श्राद्ध) पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए और पितृपक्ष (श्राद्ध) पूजा को अच्छी तरह से करवाने के लिए सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करवाना चाहिए और पितृपक्ष (श्राद्ध) पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें!
इसके बाद श्राद्ध के लिए तैयार जिस भी भोजन से भोग लगाया जा रहा हो तो उसमें से गाय, कुत्ते और कौवे का हिस्सा अलग कर देना चाहिए! जब आप गाय, कुत्ते, कौवे आदि को भोजन करवाएं तो उस समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए और मन में पितरों को श्राद्ध ग्रहण करने का हाथ जोड़कर निवेदन करना चाहिए!
Ati uttam, aapke jaise logo brahman kehtey hai ,aur daan punya aapke nimith kia hua hi safal hota hai ,,dhanyawad brahman dev
पूज्य श्री आप लोग जो विधान है, वह स्पष्ट बताना चाहिए. यह भी सही, वह भी नहीं करना चाहिए. इससे आम जन में भ्रम पैदा होता है. आपलोगों को स्पष्ट भाषा में लोगों को बताना चाहिए.
Jai Shri Ram Jai Shri Balaji Jai Shri Ram Jai Shri Hanuman
Shri sant bhagwan ke charno me koti koti pranam 🙏🕉️ Jay Shri Gobind Jay Gopal 🕉️🙏
पूज्यपाद गुरुजी , कितने वर्षों बाद पितरों का ब्रह्म कपाल और गया में पिंडदान करनाचाहिए l यदि ब्रह्म कपाल बद्रीनाथ की में पिंडदान कर दिया हो तो,फिर गया में भी पिंडदान किया जा सकता है ?
जी करना चाहिए
Guru ji sadar Naman Navratri ke khashthi tithi mere pitaji ka tithi sharad parta hai, kya mai Navratri puja me baitha sakata hun?margdarshan Karen.
Pujya Shri se nivedan hai ki ham pati patni do hi prani hai kya ham jite ji apna pinddan kar sakte hain kripya margdarshan karne ki kripa Karen
गया श्राद्ध करने के बाद क्या हर साल घर पर पितृपक्ष में श्राद्ध करना चाहिए यह कोई स्पष्ट नहीं बता रहा है।
गया श्राद्ध करने के बाद पूर्ण रूप से श्राद्ध करने की आवश्यकता नहीं रहती, परन्तु ब्राम्हण भोजन, कच्चा राशन दान, गाय को भोजन, बच्चो को पाठ्य सामग्री आदि दान पुण्य इस दिन पितरो की निमित्त अवश्य ही करना चाहिए, जो बने वह कर सकते है फिर भी बाध्यता नहीं है, गया श्राद्ध करने के बाद श्राद्ध की अनिवर्यता समाप्त हो जाती है! फिर भी करे तो उत्तम कहा जाता है!
@@jaysanatandharm मार्गदर्शन करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। सादर प्रणाम।
Guruji Middle East mai rehne wale shard Kesse ker🙏
Hamne bhi 23 sal pahle Kiya the may ke mnhinemne brhmkpal me uske phle gya me bhi kya
Par brhmkapa l me krne par khin nhi karte hye brhmsthan me kar diya hye vidhivt
Sal me unki thi me jo sradh krte the abhi nhi krte hye sirf us tithi ko tiltarpn vhdh se krte hye apne se mntrarupinim dvara our mndir me pujari ki dan dakhsna Dene se hojata jhye
Mahalya ke pitrupkhs me utne din niyam rkhte hye our unki jo tithi hye jab gjre the
Usme bhi tilodakm dete hye our brhamnko ghar bulakr svympakm yani sag dal chavl
Ghee sabji keliye 6 kele kache our our yek sabji layak samgri yek pac doodh
Dekar Vida krte hye Jo khudapne gher me bhojan banake khyenge sath me
Alg se pan patta supari kela dete hye dakhshina me dosou🙏🙏
AAP log Aam Aadmi ko bahut sanka me dal dete hai
आम आदमी को सरल भाषा मै समझ नही आता की आचार्य की कहना चाह रहे हैं।कृपया सरल भाषा। मै कहे
जो अपना पि है का जन्मा होगा वो कहीं पर भी श्राद्ध करने के वाद भी वार्षिक श्राद्ध को निश्चित रूप से करेगा।
Ye mere pati karte hye jinki ayu bhi 82 hogyi hye 🙏🙏
We are andhra brhamnis
SANSKARAT ME BOL KAR SAMY BARBAD KARNA
Jai Shri Ram Jai Shri Balaji Jai Shri Hanuman