Bilkul sahi kaha aapne sir me khati samaj se aata hu but rajput logo ki bahut hi respect karta hu logo ko aaja kal kshtriya banane ka josha chada h lekin kshtriya keval rajput hote h
5:13 राजपूत ( राजपुत्र )शब्द के प्राचीन उल्लेख एते रुक्सरथानाम राजपुत्रा महारथाः ( महाभारत 7 . 112 . 2 ) राजपूत शब्द नवीन नही है, यह संस्कृत के राजपुत्र शब्द का अपभ्रंस है । महाभारत के बाद भी, कौटिल्य के अर्थशास्त्र में , हर्षचरित्र ओर कादम्बरी ( बाण ) में भी राजपूत उर्फ राजपुत्र शब्द का उल्लेख हुआ है । यहां तक कि अभिलेखों में भी राजपूत शब्द का प्रयोग हुआ है -- विक्रम संवत 1287 के तेजपाल अभिलेख में भी राजपूत उर्फ राजपुत्र शब्द का उल्लेख हुआ है , ओर इस अभिलेख में राजपूत शब्द का प्रयोग " प्रतिहारो " के लिए ही हुआ है । (" भालिभाडा प्रभति ग्रामेसी संतिष्ठमान श्रीप्रतिहारवंशीय सर्वराजपुत्रेश्च ।। ") इस तेजपाल मंदिर के अभिलेख में भी राजपुत्र / राजपूत शब्द का प्रयोग हुआ है । राजपूत हिन्दी का शब्द है। यह संस्कृत शब्द राजपुत्र शब्द का अपभ्रंश है। यह भाषाविज्ञान से प्रमाणित होता है की पुत्र शब्द का अपभ्रंश 'पूत' है। प्राचीन ग्रन्थों मे राजपूतों के लिय राजपुत्र, रजन्य, बाहुज आदि शब्द भी मिलते हैं। यजुर्वेद जो सायं ईश्वरकृत रचना है मे भी राजपूतों की खूब चर्चा हुई है। 📖 ब्रध्यतां राजपुत्राश्च बाहू राजन्य कृतः बध्यतां राजपुत्राणाम क्रंदता मिततेरम .... यजुर्वेद अध्याय 3 📖 महाराज विक्रमादित्य के कवि अमरसिंघ अपनी रचना अमरकोश मे राजपूत या रजन्य के निम्नलिखित पर्यायवाची शब्द बताते हैं। भूधारमिषिक्त राजन्यों बाहुज क्षत्रियो विरोट राजा राट पार्थिव क्षमाभृनृय भूप महिक्षितः अर्थात मूर्धाभिषिक्त, रजन्य, बहुज, क्षत्रिय, विरोट, राजा, पार्थिव, क्षमाभृनृय भूप और महीक्षित यह सभी क्षत्रियों के ही पर्यायवाची शब्द हैं। इसके बाद पुराणों मे सूर्य और चन्द्र वंश के राजपूतों के वंश हैं, की उत्पत्ति भी क्षत्रियों से मानी गयी हैं 📖 चंद्रादित्य मनुनांच प्रवाराः क्षत्रियाः स्मृतः ..... ब्रह्मावैवर्त पुराण, 10-15 📖 इसके अतिरिक्त कालीदास के माल्विकाग्निमित्रम कौटिल्य के अर्थशास्त्र अश्वघोष कृत सौंदरानंद तथा बाण के हर्ष चरित मे भी राजपुत्र शब्द का उल्लेख किया गया है। कवि बाण लिखते हैं - अभिजात राजपुत्र प्रेष्यमाण कुप्यमुक्ता कुल कुलीन कुल पुत्र वाहने ... सप्तम उच्छ्वास पृष्ठ 364 अर्थात सेना के साथ आभिजात्य राजपूतों द्वारा भेजे गए पीतल पत्रों से मढ़े वाहनों मे कुलीन राजपुत्रों की स्त्रियाँ जा रही हैं । 📖 ॠगवेद में ‘कस्य धतधवस्ता भवथ: कस्य बानरा,। राजपुत्रेव सवनाय गच्छद’॥ 📖 यजुर्वेद में ‘पश्वी राजपुत्रो गोपायति राजन्यों वै प्रजानामधिपति रायुध्रुंव आयुरेव गोपात्यथो क्षेत्रमेव गोवायते’॥ 📖 📖 तथा ॠगवेद में ही ''ब्राह्मणोस्य मुखमासीद्वाहू राजन्य कृत्य:'', के गहरे काले शब्द यह प्रकट करते हैं कि 'राजपुत्र' तथा 'राजन्य' समानार्थक रुप में प्रयुक्त हुवे हैं || *) = कल्हड़ की राज तरंगिनी, ज्योतिरिश्वर ठाकुर के वर्ण रत्नाकर और जेन आचार्य हेम चंद्र सूरी के कुमार पाल चरित ग्रन्थ में 36 राजपुत्र / क्षत्रिय कुलों का वर्णन है, *) = नयन चंद सूरी का हम्मीर महाकाव्य, पद्म गुप्त के नवसहृसांक चरित और पृथ्वीराज रासो ग्रन्थ के अनुसार राजपूतों की उत्पति अग्नि कूल से हुई है |
@@shamsharsingh9304जिन चांडालों को अपनी पहचान के लिए कभी कुत्ते साथ रखने जरूरी होते थे ताकि बाकी समाज उन चांडालों को पहचान कर उन से दूर रहें।वो ही चांडाल आज अपने आप को क्षत्रिय बताने लगे हैं 😂😂😂😂😂
Accepted but also true Rajput rulers fought for Mughals expanded rule over India.and never thought of Independence. Sacrificed lives for Mughals, Why religion no issue ?
@@dr.rajendersinghchaudhri7616 man singh who made sandhi with akhbar had built almost all major temples you see in north india … from east to west .. even deogarh mahakal was built by his soldier … his descendants bought land in ayodhya temple and called it jaisinghpura and no muslim was even allowed to touch that area … their contribution to hindu causes was immense …
जब जसवंत सिंह राठौड़ मुगलों के मनसबदार बने घूम रहे थे,उस परिस्थिति में राठौड़ तो मरने ही थे। चाहे शादी अभी हुई हो या 10 साल पहले। कोई माने या ना माने। परंतु एक बात सत्य है कि राजपूत एक होकर कभी नहीं लड़े। अकेले अकेले ही मरते रहें। युद्ध एक सामूहिक कर्म है।जो जाति या समाज एक साथ नही खडा हो सकता वह लडाई लड तो सकता है परन्तु जीत नही सकता।
भारत में १०० से भी जायदा जातीय है भारत में अरबों का आक्रमण हुआ उसके बाद गोरी के आक्रमण हुआ उसके बाद ग़ुलाम वंश सैयद वंश तुग़लकवंश खिलजी वंश। लोधी वंश फिर बाबर आया फिर हुमाऊ उसके बाद सारे मुग़ल और उनसे लढ़े कौन राजपुतों के छोड़ कर सारी जातीय एक साथ हो कर बहुत युध हराये । बस राजपुत अकेले अकेले लड़ाई कर कर अपना योगदान देने में पीछे रह गये
Mansabdar bne ghum the the?? Fir tumhe itihas nai pta Jaswant singh g ka inhone shiva g maharaj tk ki madad kiti unka kila wapas dilwane me aur nirantar Aurangzeb k virodh karye krte rhe uske baki k bhaiao k stah milke aur jab ye Afghanistan me the toh Aurangzeb ne marwar k sare mandiro ko todne ka farman dedia tha tb Jaswant singh ne bhi afgan me sare masjido aur hazo ko todne ka aadesh dedia tha ishliye Aurangzeb mandiro ko nai tod paya pr inki mrityu k baad hi usne ye kaam dobara suru kia aur usne ye bhi kha ki "aab kufra ka darwaja tut gya h" Jaswant singh g jbtk jinda the Aurangzeb ki aukat nai hui mandiro ko haat tk lagane ki. Ishliye ek hi rajput राजा ne bhi lika ki Jaswant k chle jane se mandiro ki ghantia bajni band hogyi, mandiro se jaikaro ki awaz aab sunai nai deti kyoki mandir hi nai bache.. Me koti koti naman krta hu Jaswant singh g ko aab humesha amar rahenge.
@@harpalsinh8414 पहले मुगलों से रिश्तेदारी कर जान बचाई, फिर अंग्रेजों के साथ लगे रहें।ये किसी काम के नही थे।बडी मुश्किल से सन् 1947 में पीछा छुटा, भारत की जनता का।सही को सही कहना चाहिए।
@@pratapveer4668 AGAR MuGLO SE RISTEDARI KR K JAAN BACHA RKI THI TOH mewar ki maharans,marwar k raja,sirohi ,boundi k chuhan,tomar,jhala,sekhawat,chundavat,chtrasal bundelo kisse lad rhe the teri muumy k khasam se?? aur angrezo k waqt bhi kota me kranti hui thi aur general ki gardan bhale k nook pr ltka di thi pr tum madarjhato ko smj nai ayega insabko khoon se mila hue h tum logo me💀💀
1500 years tk Rajputo ke mhan yogdan v Balidan ke karn hi snatan Dharam ki rakhsa ho pai h , Snatan jeevit reh ska , Rajputo ne 712 se 18th centuary tk muslmano ko west se Sindh ke Raste se Bharat me enter nhi kerne diya uske bad muslim attackers ne pressan hoker north se pehli bar Afganistan ke Raste se 1192 me Delhi tk Bharat me enter hue. Jat , mratha , Sikh keval 400 years pehle existence me aae perntu Rajputs 1500 year se Snatan ki rakhsa me lge hue h
Jai jatputana, sab rajputs jatput hi hain❤ Jat bahut pehle se & dusre desho tak faile hain ,arab ke prachin itihas me bhi jikra hain , mohmad ki bhi jAto ne mari thi ek video hain mohmad ki raat jato ke saath ,dekh lena . Jatput hi samaya ke saath badal kar rajputs ho gaya.❤ Hamara ateet channel desh Bhai ❤
Sahab pura knowledge do ajmer ke RAWAT MEEEN OR MER MEENA NE HAMESA RAJPUTO KE SATH YUDH LADA H AAP UNKE BARE ME BHI BATADIY KARO KABHI PURA SHREY RAJPUTO KO KYO DE RAHE HO SHARM HO TO THODI BAHUT YAHA RAWAT MEENA JYADA RAHTE THE SENA ME JAI MATASY PRADESH 👑👑👑
@@kunwargopalsinghkatyasani793 हां, आसपास के सभी भाईपे के योद्दा थे, 700 के लगभग योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए, कुंवर राज सिंह जी मेड़तिया रियां ने मेड़तियो का नेतृत्व किया, ठाकुर राज सिंह जी उदावत, रायपुर (संयोग से उनका नाम भी राज सिंह जी ही था) ने उदावतो का, रियां और आलनियास, भाईपा से एक ही थे, रियां पाटवी था।
Bilkul sahi kaha aapne sir me khati samaj se aata hu but rajput logo ki bahut hi respect karta hu logo ko aaja kal kshtriya banane ka josha chada h lekin kshtriya keval rajput hote h
Abe chal
@@shamsharsingh9304जलन बरकरार है 😂😂😂
@@PuranSingh-x5d Teri 🤣🤣🤣
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राजपूत ( राजपुत्र )शब्द के प्राचीन उल्लेख
एते रुक्सरथानाम राजपुत्रा महारथाः ( महाभारत 7 . 112 . 2 )
राजपूत शब्द नवीन नही है, यह संस्कृत के राजपुत्र शब्द का अपभ्रंस है ।
महाभारत के बाद भी, कौटिल्य के अर्थशास्त्र में , हर्षचरित्र ओर कादम्बरी ( बाण ) में भी राजपूत उर्फ राजपुत्र शब्द का उल्लेख हुआ है । यहां तक कि अभिलेखों में भी राजपूत शब्द का प्रयोग हुआ है -- विक्रम संवत 1287 के तेजपाल अभिलेख में भी राजपूत उर्फ राजपुत्र शब्द का उल्लेख हुआ है , ओर इस अभिलेख में राजपूत शब्द का प्रयोग " प्रतिहारो " के लिए ही हुआ है ।
(" भालिभाडा प्रभति ग्रामेसी संतिष्ठमान श्रीप्रतिहारवंशीय सर्वराजपुत्रेश्च ।। ")
इस तेजपाल मंदिर के अभिलेख में भी राजपुत्र / राजपूत शब्द का प्रयोग हुआ है ।
राजपूत हिन्दी का शब्द है। यह संस्कृत शब्द राजपुत्र शब्द का अपभ्रंश है। यह भाषाविज्ञान से प्रमाणित होता है की पुत्र शब्द का अपभ्रंश 'पूत' है। प्राचीन ग्रन्थों मे राजपूतों के लिय राजपुत्र, रजन्य, बाहुज आदि शब्द भी मिलते हैं। यजुर्वेद जो सायं ईश्वरकृत रचना है मे भी राजपूतों की खूब चर्चा हुई है।
📖
ब्रध्यतां राजपुत्राश्च बाहू राजन्य कृतः
बध्यतां राजपुत्राणाम क्रंदता मिततेरम .... यजुर्वेद अध्याय 3
📖
महाराज विक्रमादित्य के कवि अमरसिंघ अपनी रचना अमरकोश मे राजपूत या रजन्य के निम्नलिखित पर्यायवाची शब्द बताते हैं।
भूधारमिषिक्त राजन्यों बाहुज क्षत्रियो विरोट
राजा राट पार्थिव क्षमाभृनृय भूप महिक्षितः
अर्थात मूर्धाभिषिक्त, रजन्य, बहुज, क्षत्रिय, विरोट, राजा, पार्थिव, क्षमाभृनृय भूप और महीक्षित यह सभी क्षत्रियों के ही पर्यायवाची शब्द हैं। इसके बाद पुराणों मे सूर्य और चन्द्र वंश के राजपूतों के वंश हैं, की उत्पत्ति भी क्षत्रियों से मानी गयी हैं
📖
चंद्रादित्य मनुनांच प्रवाराः क्षत्रियाः स्मृतः
..... ब्रह्मावैवर्त पुराण, 10-15
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इसके अतिरिक्त कालीदास के माल्विकाग्निमित्रम कौटिल्य के अर्थशास्त्र अश्वघोष कृत सौंदरानंद तथा बाण के हर्ष चरित मे भी राजपुत्र शब्द का उल्लेख किया गया है। कवि बाण लिखते हैं -
अभिजात राजपुत्र प्रेष्यमाण कुप्यमुक्ता कुल कुलीन कुल पुत्र वाहने
... सप्तम उच्छ्वास पृष्ठ 364
अर्थात सेना के साथ आभिजात्य राजपूतों द्वारा भेजे गए पीतल पत्रों से मढ़े वाहनों मे कुलीन राजपुत्रों की स्त्रियाँ जा रही हैं ।
📖
ॠगवेद में
‘कस्य धतधवस्ता भवथ: कस्य बानरा,।
राजपुत्रेव सवनाय गच्छद’॥
📖
यजुर्वेद में
‘पश्वी राजपुत्रो गोपायति राजन्यों वै प्रजानामधिपति रायुध्रुंव आयुरेव
गोपात्यथो क्षेत्रमेव गोवायते’॥
📖
📖
तथा ॠगवेद में ही ''ब्राह्मणोस्य मुखमासीद्वाहू राजन्य कृत्य:'', के गहरे काले शब्द यह प्रकट करते हैं कि 'राजपुत्र' तथा 'राजन्य' समानार्थक रुप में प्रयुक्त हुवे हैं ||
*) = कल्हड़ की राज तरंगिनी, ज्योतिरिश्वर ठाकुर के वर्ण रत्नाकर और जेन आचार्य हेम चंद्र सूरी के कुमार पाल चरित ग्रन्थ में 36 राजपुत्र / क्षत्रिय कुलों का वर्णन है,
*) = नयन चंद सूरी का हम्मीर महाकाव्य, पद्म गुप्त के नवसहृसांक चरित और पृथ्वीराज रासो ग्रन्थ के अनुसार राजपूतों की उत्पति अग्नि कूल से हुई है |
Kaya hi bole, hazaro kate rad me tab Kshatriya kehlaye!! Jai Kshtra Dharam!!
Kese tujhe pata ki striya
Hukum
Dhanyawad...laaj bacha lijiye paghi je
Rajput to scchi me brand h lekin kuch logo ko ye baat hjm nhi hogi
Title bhi brand hota hai kya😂
@@shamsharsingh9304तुम उन्हीं तितलो की हाइब्रिड नस्ल हो😂😂😂😂😂
Jai Rajputana
Iska matlab sabse bade gaumata ke rakshak to rajpoot hain kyunki gaumata ke liye itna bada yuddh aur balidan aur kissi ne kabhi nahin diya❤
JAI HINDU RASHTRA, JAI CHHATRA DHARM 🚩🚩🚩🚩🚩💪💪💪💪💪🙏🙏🙏🙏
Right 👍👍
Bahut badhiya Hukum. Jinka apna kuch nahi wo hi Rajputo se question karte hain
Title se kya qution karega koi koi kul Ho toh😂
@@shamsharsingh9304जिन चांडालों को अपनी पहचान के लिए कभी कुत्ते साथ रखने जरूरी होते थे ताकि बाकी समाज उन चांडालों को पहचान कर उन से दूर रहें।वो ही चांडाल आज अपने आप को क्षत्रिय बताने लगे हैं 😂😂😂😂😂
Helo bhai aap kaha se kis biradari se Ho@@shamsharsingh9304
Accepted but also true Rajput rulers fought for Mughals expanded rule over India.and never thought of Independence. Sacrificed lives for Mughals, Why religion no issue ?
@@dr.rajendersinghchaudhri7616 man singh who made sandhi with akhbar had built almost all major temples you see in north india … from east to west .. even deogarh mahakal was built by his soldier … his descendants bought land in ayodhya temple and called it jaisinghpura and no muslim was even allowed to touch that area … their contribution to hindu causes was immense …
जब जसवंत सिंह राठौड़ मुगलों के मनसबदार बने घूम रहे थे,उस परिस्थिति में राठौड़ तो मरने ही थे। चाहे शादी अभी हुई हो या 10 साल पहले। कोई माने या ना माने। परंतु एक बात सत्य है कि राजपूत एक होकर कभी नहीं लड़े। अकेले अकेले ही मरते रहें। युद्ध एक सामूहिक कर्म है।जो जाति या समाज एक साथ नही खडा हो सकता वह लडाई लड तो सकता है परन्तु जीत नही सकता।
भारत में १०० से भी जायदा जातीय है भारत में अरबों का आक्रमण हुआ उसके बाद गोरी के आक्रमण हुआ उसके बाद ग़ुलाम वंश सैयद वंश तुग़लकवंश खिलजी वंश। लोधी वंश फिर बाबर आया फिर हुमाऊ उसके बाद सारे मुग़ल और उनसे लढ़े कौन राजपुतों के छोड़ कर सारी जातीय एक साथ हो कर बहुत युध हराये । बस राजपुत अकेले अकेले लड़ाई कर कर अपना योगदान देने में पीछे रह गये
Mansabdar bne ghum the the?? Fir tumhe itihas nai pta Jaswant singh g ka inhone shiva g maharaj tk ki madad kiti unka kila wapas dilwane me aur nirantar Aurangzeb k virodh karye krte rhe uske baki k bhaiao k stah milke aur jab ye Afghanistan me the toh Aurangzeb ne marwar k sare mandiro ko todne ka farman dedia tha tb Jaswant singh ne bhi afgan me sare masjido aur hazo ko todne ka aadesh dedia tha ishliye Aurangzeb mandiro ko nai tod paya pr inki mrityu k baad hi usne ye kaam dobara suru kia aur usne ye bhi kha ki "aab kufra ka darwaja tut gya h" Jaswant singh g jbtk jinda the Aurangzeb ki aukat nai hui mandiro ko haat tk lagane ki. Ishliye ek hi rajput राजा ne bhi lika ki Jaswant k chle jane se mandiro ki ghantia bajni band hogyi, mandiro se jaikaro ki awaz aab sunai nai deti kyoki mandir hi nai bache.. Me koti koti naman krta hu Jaswant singh g ko aab humesha amar rahenge.
नमस्कार नाम तो बडा अच्छा हे आप का पर बात आप उल्टी नीरासा कायरता फैलाने वाली कररहे हे
@@harpalsinh8414 पहले मुगलों से रिश्तेदारी कर जान बचाई, फिर अंग्रेजों के साथ लगे रहें।ये किसी काम के नही थे।बडी मुश्किल से सन् 1947 में पीछा छुटा, भारत की जनता का।सही को सही कहना चाहिए।
@@pratapveer4668 AGAR MuGLO SE RISTEDARI KR K JAAN BACHA RKI THI TOH mewar ki maharans,marwar k raja,sirohi ,boundi k chuhan,tomar,jhala,sekhawat,chundavat,chtrasal bundelo kisse lad rhe the teri muumy k khasam se?? aur angrezo k waqt bhi kota me kranti hui thi aur general ki gardan bhale k nook pr ltka di thi pr tum madarjhato ko smj nai ayega insabko khoon se mila hue h tum logo me💀💀
Jo log pannadhay ko gujari kahte hain wo bhi khinchi jaati ki rajput thi na ki gujjari😢
1500 years tk Rajputo ke mhan yogdan v Balidan ke karn hi snatan Dharam ki rakhsa ho pai h , Snatan jeevit reh ska , Rajputo ne 712 se 18th centuary tk muslmano ko west se Sindh ke Raste se Bharat me enter nhi kerne diya uske bad muslim attackers ne pressan hoker north se pehli bar Afganistan ke Raste se 1192 me Delhi tk Bharat me enter hue.
Jat , mratha , Sikh keval 400 years pehle existence me aae perntu Rajputs 1500 year se Snatan ki rakhsa me lge hue h
Jo mughlas se lade he nhin...unko kya pta...Jo khud Mughal khatam hone ke baad paida hue he...
Larr Ho shadi kar ke😂
Vo dhai Hazhari mansabdar kaun tha please nam bate
तहव्वुर ख़ां।
Hindu Ekata Rajputi se ji Sambhav hai
Jai jatputana, sab rajputs jatput hi hain❤
Jat bahut pehle se & dusre desho tak faile hain ,arab ke prachin itihas me bhi jikra hain , mohmad ki bhi jAto ne mari thi ek video hain mohmad ki raat jato ke saath ,dekh lena .
Jatput hi samaya ke saath badal kar rajputs ho gaya.❤
Hamara ateet channel desh Bhai ❤
Jija sale ka bhayankar yudh ❤
Sahab pura knowledge do ajmer ke RAWAT MEEEN OR MER MEENA NE HAMESA RAJPUTO KE SATH YUDH LADA H AAP UNKE BARE ME BHI BATADIY KARO KABHI PURA SHREY RAJPUTO KO KYO DE RAHE HO SHARM HO TO THODI BAHUT YAHA RAWAT MEENA JYADA RAHTE THE SENA ME JAI MATASY PRADESH 👑👑👑
Rajputo ne muglon ke liye yudda kiya ye bhi batao
Hukum
Riyan ya aalniyavas
कुंवर राज सिंह जी मेड़तिया, रीयाँ के थे, रीयाँ से चलकर आलनियावास पहुंचे, आलनियावास में उदावत राठौड़ भी आ गए, फिर सभी साथ होकर , पुष्कर पहुंचे🙏
@@PaagiTheGuide आसपास के लगभग 800 राठौड़ योद्धा गए थे pushkar में झगड़ा करने
लेकिन मैंने सुना नेतृत्व aalniyavas के kunwar राज सिंह mertiya ने किया
@@kunwargopalsinghkatyasani793 हां, आसपास के सभी भाईपे के योद्दा थे, 700 के लगभग योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए, कुंवर राज सिंह जी मेड़तिया रियां ने मेड़तियो का नेतृत्व किया, ठाकुर राज सिंह जी उदावत, रायपुर (संयोग से उनका नाम भी राज सिंह जी ही था) ने उदावतो का,
रियां और आलनियास, भाईपा से एक ही थे, रियां पाटवी था।
@@PaagiTheGuide मेरा गाँव भी पास है
Maharaj Ajeet singh ji k समय ajmer ke पास युद्धों में dadosa महाराज kam aaye थे
Akbar se lekar akhilesh yadav tak home ministry rajpooto ki rahi ❤❤❤
ary.o.histrykar.mughalput.kayo.gapod.histry.banata.he.saly.mughalo.turko.k.time.ki.lalchi.casto.ka.ghund.hee.13.:14.ad.k.kar.ikhtha.karny.waly.samnt.bngay.jo.casty.randput.banygay.wo.casty.ki sbsy.badi.sankha.jatt.gujjar.ahir.or.bhil.mina.he.or.kuch.dalit.casty.bi.he.jasy.gadriya.gop.banjara..aadiwashi.lgbg.157casto.ka.mixbrid.coim.hee.rajput.kahlay.mughalo.or.turko.k.samnt.